मंगलवार, 18 अक्तूबर 2022

संस्था अध्यक्ष साहू को टोपी पहनाकर सम्मानित किया 

संस्था अध्यक्ष साहू को टोपी पहनाकर सम्मानित किया 

पंकज कपूर 

देहरादून/हल्द्वानी। एक समाज श्रेष्ठ समाज संस्था अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार साहू के नेतृत्व में संस्था के माध्यम से किए जा रहे समाजहित एवं भारतहित में कार्यों के लिए संस्था अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार साहू को हल्द्वानी में पुनर्नवा महिला समिति के द्वारा पद्मश्री यशोधर मठपाल ने पहाड़ी टोपी पहनाकर सम्मान-पत्र देकर समर्पण सम्मान से सम्मानित किया। इस दौरान एक समाज श्रेष्ठ समाज संस्था अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार साहू ने इस सम्मान स्नेह आशीर्वाद के लिए पुनर्नवा महिला समिति की अध्यक्ष लता बोरा सचिव शांति जीना का हृदय से आभार प्रकट करते हुए कहा कि संस्था की जिस दिन से स्थापना हुई है, उसी दिन से संस्था लगातार समाजहित एवं भारतहित में कार्य कर रही है। क्योंकि सुख समृद्धि एवं शांति से परिपूर्ण जीवन के लिए सच्चरित्र तथा सदाचारी होना ही पहली शर्त है, जो उत्कृष्ट विचारों के बिना संभव नहीं है और हमें यह दुर्लभ मानव जीवन किसी भी कीमत पर निरर्थक और उद्देश्यहीन नहीं जाने देना चाहिए। इसलिए लोकमंगल की कामना ही हमारे जीवन का उद्देश्य होना चाहिए। क्योंकि केवल अपने सुख की चाह हमें मानव होने के अर्थ से पृथक करती है।

इसलिए मानव होने के नाते जब तक हम दूसरे के दु:ख दर्द में साथ नहीं निभाएंगे, तब तक इस जीवन की सार्थकता सिद्ध नहीं होगी, वैसे तो हमारा परिवार भी समाज की ही एक इकाई है, परन्तु इतने तक ही सीमित रहने से सामाजिकता का उद्देश्य कभी पूरा नहीं हो सकता। हमारे जीवन का अर्थ तभी पूरा हो सकेगा जब हम समाज को ही अपना परिवार माने तभी मानवता में सज्जानता निहित है, जो सदाचार का पहला लक्षण है और मनुष्य की यही एक शाश्वत पूंजी है। जिससे हमारे भारत देश की अटूट स्वतंत्रता को बनाऐं रखने में हम सभी भारतवासियों के साथ भारत देश को भी और मजबूती मिलेगी। इसलिए एक समाज श्रेष्ठ समाज संस्था हमेशा समाजहित एवं भारतहित में कार्य करती है और आगे कई हजार गुना तेजी से कार्य करेगी, जिससे हमारा भारत देश जल्द से जल्द विश्व गुरु बन सके।

इस दौरान संरक्षक हरीश चन्द्र पाण्डेय, कोषाध्यक्ष बलराम हालदार, पूजा लटवाल, मार्गदर्शक आशा शुक्ला, पूर्व चेयरमैन रेनू, अधिकारी पूर्व ब्लाक प्रमुख सुमित्रा प्रसाद, वरिष्ठ कांग्रेस नेता ललित जोशी पुनर्नवा, महिला समिति अध्यक्ष लता बोरा, उपाध्यक्ष यशोदा रावत, सचिव शांति जीना, कोषाध्यक्ष सुरभि कालाकोटी, प्रचार सचिव कल्पना रावत, अंजना बोरा, मंजू बनकोटी, किरन बिष्ट, कुसुम बोरा, जानकी पोखरिया, उषा नयाल, प्रेमा बृजवासी, तुलसी रावत, जया बिष्ट, रितिक साहू, सुशील राय, दीपक कुमार आदि सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

मुतवल्ली का चुनाव, 986 वोट से जीत हासिल की

मुतवल्ली का चुनाव, 986 वोट से जीत हासिल की


जामा मस्जिद में मुतवल्ली का चुनाव हाजी अब्दुल फहीम 986 से जीते 

दुष्यंत टीकम 

रायपुर। हलवाई लाइन स्थित ऐतिहासिक जामा मस्जिद में 24 साल के लंबे अंतराल के बाद छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के आदेशानुसार, मुतवल्ली का चुनाव के लिए मतदान किया गया है। इस चुनाव में कुल 5 उम्मीदवार थे, जिसमें से एक प्रत्याशी ने नाम वापस ले लिया। अब 4 उम्मीदवार मैदान मे थे, जिसमे से हाजी अब्दुल फहीम ने बाजी मारी लगभग 986 वोट से जीत हासिल की।

एक महीने के लंबे समय तक मतदाता पंजीयन का कार्य समेत तमाम औपचारिकता करीब ढाई महीने में पूरी करने के बाद एडहॉक कमेटी जामा मस्जिद के द्वारा मुतवल्ली चुनाव के लिए रविवार को मतदान कराया गया। मतदान स्थल सालेम स्कूल रायपुर में मतदान शाम तक होगी। मतदान के बाद ही 9 बुथ में एक साथ मतगणना की गई। मतदान के लिए पंजीकृत मतदाताओं को मताधिकार के लिये अपने साथ मूल आधार और रजिस्ट्रशन पर्ची लाना अनिवार्य किया गया था।

त्रि-दिवसीय किसान मेला एवं प्रदर्शनी का उद्घाटन

त्रि-दिवसीय किसान मेला एवं प्रदर्शनी का उद्घाटन

संदीप मिश्र/हरिशंकर त्रिपाठी 

लखनऊ/देवरिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को आचार्य नरेन्द्र देव इंटर कालेज पथरदेवा में त्रि-दिवसीय एग्रो क्लाइमेटिक किसान मेला एवं प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होने 477.46 करोड़ रुपये की 233 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया, जिसमें 90 परियोजनाये लोकार्पित एवं 143 का शिलान्यास किया जाना सम्मिलित है। उन्होने इस दौरान किसानो कोे स्वीकृति प्रमाण पत्र, टूलकिट, प्रधानमंत्री आवास योजना(ग्रामीण) के लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र, मुख्यमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को चाबी प्रदान किए। प्रगतिशील किसानों, आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों एवं उत्कृष्ट कार्य करने वाले सफाईकर्मियों का सम्मान, राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय खिलाड़ियों तथा चित्रकला प्रतियोगिता के विजेता छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया तथा 02 बच्चों का अन्नप्राशन एवं विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये स्टालो का अवलोकन भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राष्ट्रवाद की अलख जगाने के लिये स्व0 रविन्द्र किशोर शाही की 40 वी पुण्य तिथि पर उन्हे स्मरण करने के लिए यहां हम सभी उपस्थिति हुए है। उन्होने स्व0 श्री रविन्द्र किशोर शाही को याद करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि ऐये महापुरुषो के जीवन आदर्शो व सपने को साकार करने का कार्य किया जा रहा है। देश व प्रदेश के अन्दर बिना भेदभाव के शासन की योजनाओं का लाभ देने का कार्य किया जा रहा है। जब राष्ट्र की भावना को छूने से लोग परहेज करते थे, उस समय स्व0 रविन्द्र ने घर- घर राष्ट्रवाद को पहुॅचाने का कार्य किया। आज उनके सपने को साकार किया जा रहा है। उन्होने कहा कि आज की गयी परियोजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास से यहां समग्र विकास होगा। यह जनपद देवरहा बाबा के तपोभूमि की पहचान रखती है ऐसे तपस्वी के नाम से देवरिया के मेडिकल कालेज का नाम महर्षि देवरहा बाबा के नाम पर रखा गया। कुशीनगर, महाराजगंज में मेडिकल कालेज का निर्माण चल रहा है। सिद्धार्थनगर व बस्ती में भी मेडिकल कालेज स्थापित हो चुका है। 

सरकार का प्रयास है सभी जनपदों में एक-एक मेडिकल कालेज स्थापित हो। किसानो की आशाओं पर सरकार खरा उतरने का कार्य कर रही है और सरकार उनके साथ खडी है। बाढ आपदाओं से हर पीड़ितत तक राशन किट आदि पहुंचना चाहिये। किसानो के फसल क्षति का आकलन कर उसका मुआवजा देने का निर्देश दिया गया है। उप्र मे अच्छी भूमि और पर्याप्त जल संसाधन है। नवीन तकनीकी व अच्छे बीज को अपनाकर किसान अपनी आमदनी का उत्पादकता को बढा सकते है। हमारी धरती सोना उगलने का कार्य करेगी। हमे तकनीकी पर कार्य करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून व्यवस्था भी बेहतर है। सरकार आपराध और आपराधियों पर जीरो टोलरेन्स पर कार्य कर रही है। प्रदेश में आपराध और आपराधियों का कोई स्थान नही है। केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा अनेक कल्याकारी योजनाये संचालित हुई है। गरीबो, पीडितो, वंचितो सहित सभी वर्गो तक योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव पहुॅच रहा है। महापुरुषों के आज एक-एक सपने पूरे हो रहे है। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत शहीदों को श्रद्धन्जलि दी जा रहा है। इसके पहले पथरदेवा में डिग्री कालेज की मांग की गयी थी, जिसे पूरा किया जा चुका है। साइन्स कालेज की मांग को भी पूरा किया जायेगा। हमारे किसानो को प्राकृतिक खेती व आधुनिक खेती करनी चाहिये, प्रदर्शनी में तकनीक व उन्नतशील बीजो के प्रदर्शनी लगायी गयी है, इसका कृषक जानकारी रखे और वे अपने खेती में अमल भी करें। गुणवत्तायुक्त उत्पादन से मारकेट में भाव अच्छा मिलेगा। दुनिया में यहां की सब्जी व फल जाता है तो आमदनी बढेगी। एफपीओ पर और सक्रियता से कार्य करना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सभी विद्यालयों में पाठ्यक्रम को संचालित करना होगा। इस नीति से अनेक अवसर प्रदान किया जा सकता है। पशुपालन एवं अन्य कृषि विविध आयामो को अपनाकर कृषक अपनी आमदनी बढा सकते है।

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही एवं सदर सांसद डा रमापति राम त्रिपाठी ने साल ओढाकर एवं अंगवस्त्र प्रदान कर मा0 मुख्यमंत्री जी का स्वागत किया।
इस अवसर पर ग्राम्य विकास राज्य मंत्री विजय लक्ष्मी गौतम, सदर सांसद डा रमापति राम त्रिपाठी, सलेमपुर सांसद रविन्द्र कुशवाहा, सांसद विजय कुमार दूबे, क्षेत्रीय अध्यक्ष और विधान परिषद सदस्य डा धमेन्द्र सिंह, विधान परिषद सदस्य रतन पाल सिंह, सदर विधायक शलभ मणि त्रिपाठी, बरहज विधायक दीपक मिश्रा शाका, रुद्रपुर विधायक जयप्रकाश निषाद, मोहन वर्मा, विवेवकानंद पाण्डेय, सुरेन्द्र कुशवाहा, डा असीम कुमार, मनीष जायसवाल, विनय कुमार गौड, पूर्व विधायक गंगा सिंह कुशवाहा आदि मौजूद रहे।

आस्तीन का सांप  'संपादकीय' 

आस्तीन का सांप 

'संपादकीय' 

कुछ तो जुल्म बाकी है जालिम, 

हाजिर है कतरा-कतरा लहू। 


आधुनिक विकासशील भारत गणराज्य महंगाई, मंदी और बेरोजगारी के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। यह सरकार की अभावग्रस्त नीति का परिणाम है। प्रौद्योगिक विकास की प्रतिस्पर्धा में कम शिक्षित मध्यवर्गीय व्यापारियों का दमन अंतिम छोर तक पहुंच चुका है। आधुनिक परिवर्तनों की सुनामी में मध्यवर्ग का व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस बात से गुरेज नहीं किया जा सकता है कि भारत विश्व की 5 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सम्मिलित हो गया है। लेकिन इस बात की आड़ लेकर हम सच्चाई को ना छुपा सकते हैं और ना दबा सकते हैं। 

संयुक्त राष्ट्र के सर्वेक्षण के द्वारा बहुआयामी दरिद्रता सूचांक (एमपीआई) 2022 के अनुसार देश की कुल 138 करोड़ की आबादी में लगभग 9.70 करोड (गरीब बालक) नागरिक गरीबी, भुखमरी और कुपोषण से प्रभावित है। ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 21.2% वहीं नगरीय क्षेत्र में 5.5% नागरिक दरिद्रता पूर्ण जीवन जी रहे हैं। देश विश्व पटल पर उन्नति कर रहा है, प्रगति की गाथा गाने वाले तांता लगाकर, ढोल पीटकर इस बात का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। क्या किसी के द्रवित हृदय में यह टीस शेष से नहीं रह गई है कि बनावटी मुस्कुराहट वास्तविक पीड़ा के आवरण में भाव-भंगिमा को स्वरूपित करती है। कुल 138 करोड़ की आबादी में भारत के 9.70 करोड़ दरिद्र बच्चे दुर्भाग्यवश भारत में निवास करते हैं। यह जीवन मार्मिक अवस्था  की पराकाष्ठा का अंत है। इतने लोगों का जीवन कष्टदायक होने के बाद हमें कैसा जश्न मनाना चाहिए? किस आधार पर हम सुखी होने का आभाष व्यक्त कर सकते हैं? देश के नागरिकों की इस दुर्दशा का दायित्व किसी को तो स्वीकार करना ही होगा। सरकार गरीबी और भुखमरी उन्मूलन और उध्दार के लिए जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन कर रही है। सरकार का बोझ उठा कर चलने वाले आए दिन कहीं ना कहीं जनकल्याणकारी योजनाओं का उद्घाटन कर, उन्मुक्त योजनाओं को जनता को समर्पित कर रहे हैं। मंच पर गाल बजाना, जनता को जुमले सुनाना आसान काम हो सकता है। 

परंतु जनता की सहृदयता से सेवा करना कल भी दुर्गम कार्य था और आज भी दुर्गम ही बना हुआ है। भारत की जनता की पीड़ा का बखान करना देश के सभी विदूषियों का दायित्व बनता है। सच कड़वा होता है। लेकिन सच से भाग पाना संभव नहीं है। विश्व में भारत के नाम इस प्रकार की विशेष उपाधि प्रभावित नागरिकों की सत्यता स्पष्ट करतीं हैं। किसी राष्ट्र चिंतक ने इस विषय पर आत्मग्लानि प्रतीत नहीं की। 9.70 करोड़ गरीब, कुपोषित वर्ग के लिए कोई सांत्वना, संवेदना शेष नहीं रह गई है। राष्ट्र के नेता तो कर्तव्यनिष्ठा से इस समस्या के समाधान पर दिन-रात बिना रुके, बिना थके कार्य कर रहे हैं। परंतु देश के ठेकेदारों में कोई तो 'आस्तीन का सांप' है जो इस देश को ड़सने का कार्य कर रहा है।

राधेश्याम   'निर्भयपुत्र'


महानायक बच्चन की फिल्म 'उंचाई' का ट्रेलर रिलीज 

महानायक बच्चन की फिल्म 'उंचाई' का ट्रेलर रिलीज 

कविता गर्ग 

मुंबई। बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन की आने वाली फिल्म 'उंचाई' का ट्रेलर रिलीज हो गया है। सूरज बड़जात्या के निर्देशन में बन रही फिल्म उंचाई में अमिताभ बच्चन ने मुख्य भूमिका निभाई है। उंचाई का ट्रेलर रिलीज हो गया है। दो मिनट 57 सेकंड के इस ट्रेलर में चार दोस्तों की कहानी दिखाई गई है, जो कि सीनीयर सिटीजन्स होते हैं। उनमें से एक दोस्त की मौत हो जाती है, जिसके बाद तीन दोस्त अपने दोस्त का सपना पूरा करने के माउंट एवरेस्ट के ट्रेक पर निकल जाते हैं।

गौरतलब है कि ऊंचाई में अमिताभ बच्चन के साथ अनुपम खेर बमन ईरानी, डैनी डेंग्जोंग्पा, नफीसा अली, सारिका, नीना गुप्ता और परिणीति चोपड़ा की भी अहम भूमिका है। यह फिल्म 11 नवम्बर को रिलीज हो रही है।

केदारनाथ से 2 किलोमीटर दूर हादसा, हैलीकॉप्टर क्रैश 

केदारनाथ से 2 किलोमीटर दूर हादसा, हैलीकॉप्टर क्रैश 

पंकज कपूर 

देहरादून। बाबा केदार की नगरी से तकरीबन दूर 2 किलोमीटर दूर हुए हादसे में एक निजी कंपनी का हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया है। इस हादसे में पायलट समेत छह लोगों की मौत होना बताई जा रही है। हेलीकॉप्टर में केदारनाथ जा रहे श्रद्धालु सवार थे। मंगलवार को केदारनाथ से 2 किलोमीटर दूर हुए हादसे में श्रद्धालुओं को लेकर जा रहा हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है।

आर्यन हेली कंपनी उत्तरकाशी का यह हेलीकॉप्टर उस समय हादसे का शिकार हुआ, जब खराब मौसम के बावजूद हेलीकॉप्टर ने श्रद्धालुओं को लेकर उड़ान भर ली। पैकेज टूर देने वाली कंपनी के हेलीकॉप्टर में श्रद्धालु सवार होकर बाबा केदार के मंदिर में दर्शन के लिए जा रहे थे। हेलीकॉप्टर क्रैश होने की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी राहत टीमों को साथ लेकर मौके पर पहुंच गए हैं। इस हादसे का एक वीडियो भी सामने आया है।

सीएनजी के साथ-साथ पीएनजी के दामों में बढ़ोतरी 

सीएनजी के साथ-साथ पीएनजी के दामों में बढ़ोतरी 

संदीप मिश्र 

लखनऊ। सीएनजी गैस की आपूर्ति करने वाली इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड ने वाहन चालको को दीपावली से पहले महंगाई का तोहफा दिया है। सीएनजी के साथ-साथ पीएनजी के दामों में भी बढ़ोतरी कर दी गई है। सीएनजी के दामों में की गई बढ़ोतरी के बाद अब पर्यावरण के अनुकूल इंधन बताए जा रहे सीएनजी के दाम पेट्रोल से भी ऊपर चले गए हैं।

राजधानी लखनऊ में सीएनजी अब पेट्रोल से महंगी हो गई है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब सीएनजी के दामों ने पेट्रोल के रेट को पछाड़ा है। मौजूदा समय में पेट्रोल की कीमत 96 रुपए 57 पैसे है तो वही सीएनजी के दाम अब 97 रुपए प्रति किलो की दर पर पहुंच गए हैं। सीएनजी के दामों में कंपनी द्वारा 2 रूपये प्रति किलो तथा पीएनजी की कीमत में 3 रुपए 30 पैसे प्रति एससीएम की दर से बढ़ोतरी की गई है।

सार्स-सीओवी-2 वायरस जैसे 'कण' विकसित किए 

सार्स-सीओवी-2 वायरस जैसे 'कण' विकसित किए 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली के शोधकर्ताओं ने सार्स-सीओवी-2 वायरस जैसे कण (वीएलपी) विकसित किए हैं, जो कोविड-19 के खिलाफ एक संभावित टीके के दावेदार हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वीएलपी ने चूहों में जवाबी प्रतिक्रिया शुरू करने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को धोखा दिया, जैसा कि यह सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ करता है।

आईआईटी दिल्ली के कुसुमा स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज की मुख्य शोधकर्ता और प्रोफेसर मणिदीपा बनर्जी ने कहा,“दुनिया भर में विकसित अधिकांश वीएलपी ने प्राथमिक प्रतिजन के रूप में केवल सार्स-सीओवी-2 के स्पाइक प्रोटीन का उपयोग किया है। हालांकि, हमारे वीएलपी यथासंभव देशी वायरस की तरह हैं, जिसका अर्थ है कि उनमें सार्स-सीओवी-2 (एस-स्पाइक, एन-न्यूक्लियोकैप्सिड, एम-मेम्ब्रेन, ई-एनवेलप) के सभी चार संरचनात्मक प्रोटीन होते हैं।”

उन्होंने कहा, “निष्क्रिय वायरस पर आधारित टीकों का स्वाभाविक रूप से यह लाभ होता है। हालांकि, वीएलपी सुरक्षित हैं क्योंकि वे जीनोम के अभाव के कारण गैर-संक्रामक हैं। टीएचएसटीआई में किए गए पशु प्रयोगों से संकेत मिलता है कि हमारे वीएलपी कई एंटीजन (प्रतिजन) के खिलाफ एक मजबूत अनुकूली प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को शुरू करते हैं।”

हरियाणा के फरीदाबाद स्थित ट्रांसलेशनल स्वास्थ्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (टीएचएसटीआई) के एक दल के साथ मिलकर शोधकर्ताओं ने इस पर काम किया। “वायरस-लाइक पार्टिकल्स ऑफ सार्स-सीओवी-2 एज वायरस सरोगेट्स: मॉर्फोलॉजी, इम्यूनोजेनेसिटी एंड इंटर्नलाइजेशन इन न्यूरोनल सेल्स” शीर्षक वाला अध्ययन हाल ही में “एसीएस इंफेक्शस डिजीजेज” पत्रिका में प्रकाशित हुआ था।

अधिकारियों के अनुसार, कोविड महामारी फैलने के बाद से शोधकर्ता सार्स-सीओवी-2 वायरस की बेहतर समझ हासिल करने और इसके खिलाफ टीके विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं। बनर्जी ने कहा, “टीके वायरस से काफी हद तक सुरक्षा प्रदान करते हैं, लेकिन कुछ लोग जिन्हें टीके लग चुके हैं, वे अब भी कोविड-19 की चपेट में आ जाते हैं।

ऐसे में और बेहतर टीके तथा उपचार विकसित करने के लिए, आदर्श रूप से असल वायरस के साथ प्रयोग किए जाने की आवश्यकता है, जिसे केवल बहुत विशिष्ट प्रयोगशालाओं में ही नियंत्रित तरीके से किया जा सकता है।” उन्होंने कहा कि ऐसे में सुरक्षित और आसान रणनीति वीएलपी का उपयोग करना है जो आणविक नकल हैं जो संक्रामक न होने के साथ ही एक निश्चित वायरस की तरह दिखते और कार्य करते हैं।

दवा कंपनी की 185 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त 

दवा कंपनी की 185 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त 

अकांशु उपाध्याय/अमित शर्मा 

नई दिल्ली/चंडीगढ़। प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को कहा कि कथित बैंक धोखाधड़ी मामले में उसने धन शोधन निवारण कानून के तहत चंडीगढ़ स्थित एक दवा कंपनी की 185 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त किया है। धन शोधन निवारण कानून (पीएमएलए) के तहत जारी आदेश के बाद दवा कंपनी सूर्या फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड और कुछ संबद्ध संस्थाओं की इमारतों, संयंत्र और मशीनरी को जब्त किया गया है।

जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि सीबीआई की दो प्राथमिकी के बाद धन शोधन का मामला दर्ज किया गया। इस संबंध में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), चंडीगढ़ और पंजाब एंड सिंध बैंक, करनाल ने शिकायत की थी। कंपनी पर 828 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है।

ईडी ने कहा कि ‘फर्जी चालान’ के बदले कंपनी के नाम पर साख पत्र (एलओसी) का लाभ उठाया गया था। बैंक से मिली राशि का इस्तेमाल गलत तरीके से कंपनी, व्यक्तियों और संबद्ध संस्थाओं के नाम से संपत्ति खरीदने के लिए किया गया।

ग्रेनेड हमले में 2 गैर स्थानीय प्रवासी मजदूरों की मौंत 

ग्रेनेड हमले में 2 गैर स्थानीय प्रवासी मजदूरों की मौंत 

इकबाल अंसारी 

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में मंगलवार तड़के हुए ग्रेनेड हमले में दो गैर स्थानीय प्रवासी मजदूरों की मौंत हो गई। पुलिस ने बताया कि ग्रेनेड फेंकने वाले लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक स्थानीय 'हाइब्रिड आतंकवादी' को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने कहा कि हरमन शोपियां में उत्तर प्रदेश के मजदूरों पर उस समय ग्रेनेड फेंका गया था, जब वे अपने आवास पर सो रहे थे। पुलिस ने एक ट्वीट ने कहा,"आतंकवादियों ने हरमन शोपियां में हथगोला फेंका, जिसमें उप्र के दो मजदूर मनीष कुमार और राम सागर, दोनों कन्नौज, के निवासी घायल हो गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। घटना के बाद में सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी। कश्मीर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजय कुमार ने कहा कि ग्रेनेड फेंकने वाले लश्कर के एक 'हाइब्रिड आतंकवादी' को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने कहा, "आगे की जांच और छापेमारी जारी है।" शोपियां जिले में गैर स्थानीय लोगों पर हमला आतंकवादियों द्वारा एक कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण भट की गोली मारकर हत्या करने के तीन दिन बाद हुआ है।

उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षों में गैर स्थानीय लोगों और अल्पसंख्यकों की लक्षित हत्याओं में तेजी आई है। खासकर नई दिल्ली द्वारा अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद। इस साल, जम्मू-कश्मीर के छह गैर स्थानीय, तीन कश्मीरी पंडित और तीन गैर मुस्लिमों सहित 17 नागरिक मारे गए हैं।

मनोरंजन: फिल्म 'तेरे संग' का फर्स्ट लुक रिलीज 

मनोरंजन: फिल्म 'तेरे संग' का फर्स्ट लुक रिलीज 

कविता गर्ग 

मुंबई‌। भोजपुरी अभिनेत्री संजना पांडेय और गौरव झा की आने वाली फिल्म 'तेरे संग' का फर्स्ट लुक रिलीज हो गया है। 'तेरे संग' के निर्माता बी एन तिवारी - संजीव कुमार सिंह और निर्देशक अरविंद कुमार हैं। इस फिल्म को लेकर संजना पांडेय बेहद रोमांचित हैं। संजना पांडेय ने कहा कि 'तेरे संग' एक सम्पूर्ण रोमांटिक फिल्म है, जिसे आज की युवा पीढ़ी को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इस फिल्म में मेरा किरदार एक गरीब लड़की का है, जो गांव में रहती है। उसके उपर घर की पूरी जिम्मेदारी होती है। लेकिन उसकी शादी शहर के लड़के से हो जाती है। लड़का शहर में पला- बढ़ा है और शहर में ही रहता है। लेकिन उसके पिता उसकी शादी गांव की लड़की से करवा देता है। शहर के लड़के का किरदार गौरव झा निभा रहे हैं, जो एक बेहतरीन कलाकार हैं। इस फिल्म में परिवार की अहम भूमिका को भी दिखाया गया है। फिल्म शानदार बनी है, इसलिए मैं सबों से आग्रह करूंगी कि फिल्म जब भी रिलीज हो। सभी लोग समस्त परिवार के साथ फिल्म देखें। 

गौरतलब है कि 'तेरे संग' का निर्माण ब्रदर मीडिया एंटरटेनमेंट से हुआ है। इस फिल्म के सह निर्माता यश राज शर्मा और शशि शर्मा हैं। फिल्म में गौरव झा और संजना पांडेय के साथ जे पी सिंह, विद्या सिंह, नीतू चौहान, रानी सिंह, अतुल सिंह, शिवा सिंह राजपूत, विभा सिंह और अमित शर्मा मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म में गीत - संगीत विनय बिहारी का है। कहानी साजिद मालिक, डीओपी बिपिन प्रसाद हैं। संकलन कृष्ण मुरारी यादव, कोरियोग्राफी संजय सुमन एवं अशोक मैटी और आर्ट रणधीर एस दास का है।

23 अक्टूबर को 'रामलला' के दर्शन करेंगे पीएम 

23 अक्टूबर को 'रामलला' के दर्शन करेंगे पीएम 

उमर सिंह 

अयोध्या। पीएम मोदी दिवाली के मौके पर अयोध्या का दौरा करेंगे। वह 23 अक्टूबर को अयोध्या जाएंगे और शाम 5 बजे श्रीराम जन्मभूमि पर रामलला के दर्शन करेंगे। इसके बाद वह श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र साइट का अवलोकन करेंगे। इस दौरान शाम 5 बजकर 40 मिनट पर वह श्रीराम कथा पार्क में भगवान श्रीराम के राज्य अभिषेक के साक्षी बनेंगे। पीएम मोदी शाम साढ़े 6 बजे सरयूजी के नए घाट पर आरती कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे और 6.40 बजे रामजी की पैड़ी पर दीपोत्सव में हिस्सा लेंगे। वह साढ़े 7 बजे ग्रीन और डिजिटल आतिशबाजी देखेंगे।

इस साल दिवाली पर अयोध्या में 17 लाख मिट्टी के दीपक जलेंगे। बीते साल यहां 9 लाख मिट्टी के दीपक जलाए गए थे। वहीं साल 2020 में यहां 5.84 लाख दीपक जलाए गए थे। अवध विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, दीपक बिछाने का काम 21 अक्टूबर से शुरू हो जाएगा और इसमें तेल डालने का काम 22 तारीख से शुरू होगा। 23 तारीख की शाम को केवल दीपकों को जलाने का काम बचेगा। सुरक्षा संबंधी भी सारी तैयारियां कर ली गई हैं और इसके लिए जो वालंटियर्स हैं, उनके लिए ब्रीफिंग रखी गई है।

दिवाली वाले दिन यानी 24 अक्टूबर को हर साल की तरह पीएम मोदी जम्मू-कश्मीर में भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों के साथ दिवाली मनाएंगे। गौरतलब है कि पीएम मोदी पिछले 8 साल से जवानों के साथ दिवाली मना रहे हैं।

देश के लोग कॉलेजियम प्रणाली से खुश नहीं: रिजिजू 

देश के लोग कॉलेजियम प्रणाली से खुश नहीं: रिजिजू 

इकबाल अंसारी 

अहमदाबाद। केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि देश के लोग कॉलेजियम प्रणाली से खुश नहीं हैं और संविधान की भावना के मुताबिक न्यायाधीशों की नियुक्ति करना सरकार का काम है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का मुखपत्र माने जाने वाले पांचजन्य की ओर से यहां आयोजित साबरमती संवाद में रिजिजू ने कहा कि उन्होंने देखा है कि आधे समय न्यायाधीश नियुक्तियों को तय करने में व्यस्त होते हैं, जिसके कारण न्याय देने का उनका प्राथमिक काम प्रभावित होता है। मंत्री की यह टिप्पणी पिछले महीने उदयपुर में एक सम्मेलन में उनके बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।

न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया पर एक सवाल के जवाब में रिजिजू ने कहा, 1993 तक भारत में प्रत्येक न्यायाधीश को भारत के प्रधान न्यायाधीश के परामर्श से कानून मंत्रालय द्वारा नियुक्त किया जाता था। उस समय हमारे पास बहुत प्रख्यात न्यायाधीश थे। उन्होंने कहा, संविधान इसके बारे में स्पष्ट है। संविधान कहता है कि भारत के राष्ट्रपति न्यायाधीशों की नियुक्ति करेंगे, इसका मतलब है कि कानून मंत्रालय भारत के प्रधान न्यायाधीश के परामर्श से न्यायाधीशों की नियुक्ति करेगा।

कॉलेजियम प्रणाली से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि 1993 तक सारे न्यायाधीशों की नियुक्ति मुख्य न्यायाधीश के साथ विमर्श कर सरकार ही करती थी। उच्चतम न्यायाल कॉलेजियम की अध्यक्षता प्रधान न्यायाधीश करते हैं और इसमें अदालत के चार वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं। हालांकि, सरकार कॉलेजियम की सिफारिशों के संबंध में आपत्तियां उठा सकती है या स्पष्टीकरण मांग सकती है, लेकिन अगर पांच सदस्यीय निकाय उन्हें दोहराता है तो नामों को मंजूरी देना प्रक्रिया के तहत बाध्यकारी होता है।

उन्होंने कहा, मैं जानता हूं कि देश के लोग न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली से खुश नहीं हैं। अगर हम संविधान की भावना से चलते हैं तो न्यायाधीशों की नियुक्ति सरकार का काम है। उन्होंने कहा, संविधान की भावना को देखा जाए तो न्यायाधीशों की नियुक्ति सरकार का ही काम है। दुनिया में कहीं भी न्यायाधीशों की नियुक्ति न्यायाधीश बिरादरी नहीं करती हैं। उन्होंने कहा, देश का कानून मंत्री होने के नाते मैंने देखा है कि न्यायाधीशों का आधा समय और दिमाग यह तय करने में लगा रहता है कि अगला न्यायाधीश कौन होगा। मूल रूप से न्यायाधीशों का काम लोगों को न्याय देना है, जो इस व्यवस्था की वजह से बाधित होता है।

रिजिजू ने कहा कि जिस प्रकार मीडिया पर निगरानी के लिए भारतीय प्रेस परिषद है, ठीक उसी प्रकार न्यायपालिका पर निगरानी की एक व्यवस्था होनी चाहिए और इसकी पहल खुद न्यायपालिका ही करे तो देश के लिए अच्छा होगा। उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र में कार्यपालिका और विधायिका पर निगरानी की व्यवस्था मौजूद है, लेकिन न्यायपालिका के भीतर ऐसा कोई तंत्र नहीं है। उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों की चयन प्रक्रिया में कई बार गुटबाजी तक हो जाती है और यह बहुत ही जटिल है, पारदर्शी नहीं है। न्यायिक सक्रियता (ज्यूडिशियल एक्टिविज्म) से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका अगर अपने-अपने दायरे में रहें और अपने काम में ही ध्यान लगाए तो फिर यह समस्या नहीं आएगी।

उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि हमारी कार्यपालिका और विधायिका अपने दायरे में बिल्कुल बंधे हुए हैं। अगर वे इधर-उधर भटकते हैं तो न्यायपालिका उन्हें सुधारती है। समस्या यह है कि जब न्यायपालिका भटकती है, उसको सुधारने का व्यवस्था नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह न्यायपालिका को कोई आदेश नहीं दे सकते हैं, लेकिन उसे सतर्क जरूर कर सकते हैं क्योंकि वह भी लोकतंत्र का हिस्सा है और लाइव स्ट्रीमिंग (इंटरनेट के माध्यम से कार्यवाही के सीधे प्रसारण) व सोशल मीडिया के जमाने में वह भी जनता की नजर में है। उन्होंने कहा, ‘इसलिए आपका भी व्यवहार अनुकूल हो… जैसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में बाकियों का होता है। लोग आपको भी देख रहे हैं… आप अपने लिए सेल्फ रेगुलेटिंग मेकैनिज्म (स्व-विनियमन तंत्र) बनाएं तो यह देश के लिए अच्छा होगा।

उन्होंने उदाहरण दिया कि संसद का कोई सदस्य अगर आपत्तिजनक शब्दों या भाषा का इस्तेमाल करता है तो उस पर लगाम लगाने के प्रावधान हैं। इसी प्रकार प्रधानमंत्री से लेकर नीचे तक के लोग नियमों से बंधे होते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन लोकतंत्र में यह नियम हमारे न्यायपालिका में भी होना चाहिए…कोई इन हाउस मैकेनिज्म बनाया जाए न्यायपालिका के अंदर ही हो और इसे वे ही इसको विनियमित करे तो यह सबसे अच्छा और उपयोगी होगा। ना कि हम कोई कानून बनाएं।

रिजिजू ने कहा कि अदालती कार्रवाई के दौरान न्यायाधीश टिप्पणियां करते हैं, लेकिन उनके फैसलों में इसका जिक्र नहीं होता है। उन्होंने कहा, टिप्पणी करके न्यायाधीश अपनी सोच उजागर करते हैं और समाज में इसका विरोध भी होता है। न्यायपालिका के साथ फिर न्यायाधीशों के साथ जब भी मेरी वार्ता होती है तो मैं साफ तौर पर उनको कहता हूं कि वह अगर आदेश में टिप्पणी करें तो ज्यादा अच्छा रहेगा।

भारत: वर्ष-2023 में न्यू स्विफ्ट को पेश किया जाएगा

भारत: वर्ष-2023 में न्यू स्विफ्ट को पेश किया जाएगा 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। मारुति की स्विफ्ट देश के अंदर सबसे ज्यादा बिकने वाली कारों में से एक है। हर महीने ये हैचबैक टॉप-3 या टॉप-5 कारों की लिस्ट में शामिल रहती है। ऐसे में अब इस लग्जरी बजट हैचबैक का नया मॉडल एंट्री करने के लिए तैयार है। स्विफ्ट की इन दिनों दुनियाभर के अलग-अलग बाजारों में टेस्टिंग की जा रही है। इस वजह से उम्मीद है कि इसका 2023 मॉडल जल्द बाजार में दस्तक देगा। भारतीय बाजार में इसे अगले साल लॉन्च किया जा सकता है। माना जा रहा है कि ऑटो एक्सपो 2023 के दौरान न्यू स्विफ्ट को पेश किया जा सकता है।

अब 2023 स्विफ्ट के रेंडर और डिटेल को Motor1 वेबसाइट ने लीक कर दिया है। इस वेबसाइट पर कार के स्पाई फोटो को दिखाया गया है। बता दें कि स्विफ्ट को दुनियाभर के कई देशों में बेचा जाता है। इस हैचबैक के लिए भारत बड़ा बाजार है। ग्लोबल सेल्स की 50% डिमांड भारतीय बाजार में होती है। यही वजह है कि कंपनी स्विफ्ट को नई जनरेशन के हिसाब से और भी ज्यादा पावरपैक बनाने पर ध्यान दे रही है।

2023 स्विफ्ट के डिजाइन की बात करें तो इसके रेंडर को देखकर ये पता चलता है कि नए मॉडल के डिजाइन में ज्यादा चेंजेस नहीं किए जाएंगे। यानी ये 3rd जनरेशन स्विफ्ट के जैसी ही होगी। हालांकि, इसके रेशियो में कुछ चेंजेस जरूर दिख रहे हैं। रेंडर के साइड प्रोफाइल की बात करें तो ये कार मौजूदा मॉडल से अलग दिख रही है।

4th जनरेशन स्विफ्ट के डायमेंशन में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। माना जा रहा है कि इसके अंदर मौजूदा मॉडल की तुलना में ज्यादा स्पेस मिलेगा। कार की ग्रिल में ज्यादा बड़ी नजर आ रही है। वैसे भी नेक्स्ट जनरेशन स्विफ्ट में कंपनी ग्रिल का साइज बढ़ाती जा रही है। इसमें राउंड शेप की ग्रिल देखने को मिल सकती है।

कार में हेडलाइड भी एकदम नई दिख रही हैं। हालांकि, इसके अलॉय में चेंजेस नहीं दिख रहा है। हां, इसे बेहतर दिखाने के लिए डुअल-टोन ट्रीटमेंट दिया जा सकता है। ये रेंडर 4th जनरेशन स्विफ्ट के स्पाई शॉट्स के अनुसार तैयार किया गया है। रेंडर में कार डुअल-टोन कलर में दिख रही है। इसकी बॉडी ऑरेंज और रूफ ब्लैक कलर में दिखाई है।

रिपोर्ट्स का मानें तो नई स्विफ्ट HEARTECT प्लेटफॉर्म के मॉडीफाइज वर्जन पर बेस्ड होगी। ग्लोबल मार्केट में सुजुकी ने इसमें 1.4L टर्बो पेट्रोल ऑप्शन या एक हाइब्रिड पावरट्रेन से लैस करने की संभावना है। अब सुजुकी ने टेक्नोलॉजी शेयर के लिए टोयोटा के साथ पार्टनरशिप की है। हालांकि, भारत में लॉन्च होने वाली न्यू स्विफ्ट में 3rd जनेर्शन का 1.2L K12 4-सिलेंडर इंजन मिलने की उम्मीद है। जिसमें डुअल जेट और डुअल VVT टेक्नोलॉजी दी है। यह इंजन 89 bhp का पावर और 113 Nm का टार्क बनाता है।

न्यू स्विफ्ट में 360 डिग्री कैमरा के साथ 9-इंच का स्मार्टप्ले प्रो प्लस टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम मिल सकता है। बेहतरीन म्यूजिक के लिए ARKAMYS के सराउंड सिस्टम मिलने की उम्मीद है। इसमें AC वेंट्स को फिर से डिजाइन किया जा सकता है। इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर भी नए डिजाइन का मिलने की उम्मीदै है। सेफ्टी के लिए इसमें 6 एयरबैग्स मिल सकते हैं। इसके अलावा, इसमें क्रूज कंट्रोल, सेफ्टी बेल्ट रिमायंडर, स्पीड अलर्ट, बैक कैमरा, रिवर्स पार्किंग सेंसर जैसे सेफ्टी फीचर्स भी दिए जाएंगे।

पीएम ने 90वीं इंटरपोल महासभा का शुभारंभ किया

पीएम ने 90वीं इंटरपोल महासभा का शुभारंभ किया

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के प्रगति मैदान में मंगलवार को आयोजित 90वीं इंटरपोल महासभा का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत आजादी के 75 वर्ष मना रहा है और ये हमारे लोगों, संस्कृति और उपलब्धि का उत्सव है। ये समय हमें पीछे देखने का है कि हम कहां से आए और आगे देखने का है कि हम कहां तक जाएंगे। पीएम ने कहा कि विविधता और लोकतंत्र को कायम रखने में भारत दुनिया के लिए एक केस स्टडी है। उन्होंने कहा कि पिछले 99 वर्षों में इंटरपोल ने 195 देशों में विश्व स्तर पर पुलिस संगठनों को जोड़ा है। यह कानूनी ढांचे में अंतर के बावजूद है।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि इंटरपोल एक ऐतिहासिक मील के पत्थर के करीब पहुंच रहा है। 2023 में, यह अपने 100 साल पूरे करेगा। यह दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए सार्वभौमिक सहयोग का आह्वान है। भारत संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान में शीर्ष योगदानकर्ताओं में से एक है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान में बहादुर लोगों को भेजने में शीर्ष योगदानकर्ताओं में से एक है। अपनी आजादी से पहले भी, हमने दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए बलिदान दिया है। भारतीय पुलिस बल 900 से अधिक राष्ट्रीय और 10,000 राज्य कानूनों को लागू करता है।

उन्होंने कहा कि विविधता और लोकतंत्र को कायम रखने में भारत दुनिया के लिए एक केस स्टडी है… पिछले 99 वर्षों में इंटरपोल ने 195 देशों में विश्व स्तर पर पुलिस संगठनों को जोड़ा है। यह कानूनी ढांचे में अंतर के बावजूद है।

एमएसपी को 2,125 रुपये प्रति क्विंटल करें, फैसला 

एमएसपी को 2,125 रुपये प्रति क्विंटल करें, फैसला 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को मौजूदा फसल विपणन वर्ष के लिए गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को 110 रुपये बढ़ाकर 2,125 रुपये प्रति क्विंटल करने का फैसला किया। इसके साथ ही सरसों का एमएसपी 400 रुपये बढ़ाकर 5,450 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। एक बयान में कहा गया कि किसानों के उत्पादन और आय को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल की समिति (सीसीईए) की बैठक में एमएसपी बढ़ाने का फैसला किया गया।

एमएसपी वह दर है, जिस पर सरकार किसानों से कृषि उपज खरीदती है। इस समय सरकार खरीफ और रबी, दोनों सत्रों में उगाई जाने वाली 23 फसलों के लिए एमएसपी तय करती है। रबी (सर्दियों) फसलों की बुवाई, खरीफ (गर्मी) फसलों की कटाई के बाद अक्टूबर में शुरू होती है। गेहूं और सरसों रबी की प्रमुख फसलें हैं।

सीसीईए ने फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) और विपणन सत्र 2023-24 में छह रबी फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दी है। फसल वर्ष 2022-23 के लिए गेहूं का एमएसपी 110 रुपये बढ़ाकर 2,125 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो फसल वर्ष 2021-22 में 2,015 रुपये प्रति क्विंटल था। बयान में कहा गया है कि गेहूं की उत्पादन लागत 1,065 रुपये प्रति क्विंटल रहने का अनुमान है।

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार इस साल 2.3 लाख करोड़ रुपए की सब्सिडी सिर्फ यूरिया पर दे रही है। 2014 के मुकाबले भी खरीद दोगुनी की है। पहले 50% फसल नष्ट होने पर मुआवज़ा मिलता था जिसे 30% किया है। PM किसान सम्मान निधी में अब तक 2.16 हजार करोड़ रुपए किसानों के खातों में गए हैं। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि गेहूं के एमएसपी में 110 रुपये, जौ में 100 रुपये, चना को 105 रुपये, मसूर में 500 रुपये, रेपसीड और सरसों के 400 रुपये और कुसुम के एमएसपी में 209 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।

इनके बढ़े दाम 
केंद्र सरकार ने मार्केटिंग सीज़न 2023-24 के लिए रबी की छह फसलों का प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ा दिया है। बकौल सरकार, गेहूं का एमएसपी ₹110 बढ़ाकर ₹2,125, जौ का ₹100 बढ़ाकर ₹1,735, चना का ₹105 बढ़ाकर ₹5,335, मसूर का ₹500 बढ़ाकर ₹6,000, सरसों का ₹400 बढ़ाकर ₹5,450 जबकि कुसुम का एमएसपी ₹209 बढ़ाकर ₹5,650 किया गया है।

11 दोषियों की रिहाई के खिलाफ याचिका, सुनवाई

11 दोषियों की रिहाई के खिलाफ याचिका, सुनवाई 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। बिलकिस बानो गैंगरेप केस के 11 दोषियों की रिहाई के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में दाखिल की गई पीआईएल के जवाब में गुजरात ने सोमवार को अपना हलफनामा दायर किया था। इस सुनवाई में याचिकाकर्ता ने और समय की मांग की है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी।

याचिका में कहा गया है कि इस पूरे मामले की जांच CBI ने की थी इसलिए गुजरात सरकार दोषियों को सजा में छूट का एकतरफा फैसला नहीं कर सकती।

गुजरात सरकार का हलफनामा
दोषियों को रिहा करने पर गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। गुजरात सरकार ने कहा है कि गृह मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद ही दोषियों को रिहा किया गया है। रिमिशन पॉलिसी के तहत सभी दोषियों को जेल से छोड़ा गया है। इस मामले में PIL दाखिल होना कानून का दुरुपयोग है। किसी बाहरी व्यक्ति को आपराधिक मामले में दखल देने का अधिकार कानून नहीं देता है, इसलिए याचिका खारिज की जाए।

क्या है रिमिशन पॉलिसी?
गुजरात सरकार ने ये फैसला CrPC की धारा 433 और 433A के तहत लिया था। CrPC की इन दो धाराओं के तहत- संबंधित राज्य सरकार किसी भी दोषी के मृत्युदंड को किसी दूसरी सजा में बदल सकती है। इसी तरह उम्रकैद को भी 14 साल की सजा पूरी होने के बाद माफ कर सकती है। इसी तरह संबंधित सरकार कठोर सजा को साधारण जेल या जुर्माने में और साधारण कैद को सिर्फ जुर्माने में भी बदल सकती है। इस आधार पर राज्य नीति बनाते हैं। जिसे रिमिशन पॉलिसी कहते हैं।

गुजरात सरकार ने बनाई थी समिति
बिलकिस बानो वाले मामले में 11 दोषियों में से एक राधेश्याम भगवानदास शाह ने सीधे गुजरात हाईकोर्ट में अपील दायर की। अपील में कहा था कि रिमिशन पॉलिसी के तहत उसे रिहा किया जाए। जुलाई 2019 में गुजरात हाईकोर्ट ने ये कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि सजा महाराष्ट्र में सुनाई गई थी, इसलिए रिहाई की अपील भी वहीं की जानी चाहिए। दरअसल, बिलकिस बानो की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को महाराष्ट्र ट्रांसफर किया था। जहां मुंबई की स्पेशल CBI कोर्ट में इन सभी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

दोषी भगवानदास सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दोषी भगवानदास सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। मई 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में गुजरात सरकार फैसला करे, क्योंकि अपराध वहीं हुआ था। कोर्ट के निर्देश पर ही गुजरात सरकार ने रिहाई पर फैसला लेने के लिए पंचमहल के कलेक्टर सुजल मायत्रा की अध्यक्षता में एक समिति गठित की। समिति ने सर्वसम्मति से 11 दोषियों के समय से पहले रिहाई के पक्ष में फैसला दिया। इसके बाद गुजरात सरकार ने इन दोषियों की रिहाई पर मुहर लगा दी।

बिलकिस का परिवार खेत में छिपा था, तभी हमला हुआ
3 मार्च 2002 को दाहोद जिले के रणधीकपुर गांव में बिलकिस बानो के परिवार पर हमला हुआ था। दंगों की वजह से वे अपने परिवार के साथ एक खेत में छिपी थीं। तब बिलकिस की उम्र 21 साल थी और वे 5 महीने की गर्भवती थीं। दंगाइयों ने बिलकिस का गैंगरेप किया। उनकी मां और तीन और महिलाओं का भी रेप किया गया। परिवार के 7 लोगों की हत्या कर दी। इस हमले में 17 में से 14 लोग मारे गए। इनमें 6 का पता नहीं चला। हमले में सिर्फ बिलकिस, एक शख्स और तीन साल का बच्चा ही बचे थे।

दिवंगत नेता की करीबी शशिकला को दोषारोपित किया

दिवंगत नेता की करीबी शशिकला को दोषारोपित किया

विमलेश यादव 

चेन्नई। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की 2016 में हुई मौत के लिए जिम्मेदार परस्थितियों की जांच कर रहे एक आयोग ने दिवंगत नेता की करीबी विश्वस्त वी.के. शशिकला को दोषारोपित किया है। न्यायमूर्ति ए अरुमुगास्वामी आयोग की जांच रिपोर्ट मंगलवार को तमिलनाडु विधानसभा के पटल पर रखी गई, जिसमें कहा गया है कि कई पहलुओं पर विचार करते हुए शशिकला को ‘दोषारोपित’ किया गया है और जांच की सिफारिश की गई है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यदि जांच का आदेश दिया गया तो पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभास्कर, तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन और चिकित्सा के पेशे से जुड़े के.एस. शिवकुमार भी दोषी पाये जाएंगे। रिपोर्ट में तत्कालीन मुख्य सचिव राम मोहन राव और चिकित्सकों सहित अन्य के खिलाफ भी जांच की सिफारिश की गई है। विजयभास्कर अन्नाद्रमुक के नेता एवं विधायक हैं।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


1. अंक-374, (वर्ष-05)

2. बुधवार, अक्टूबर 19, 2022

3. शक-1944, कार्तिक, कृष्ण-पक्ष, तिथि-दसमीं, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:18, सूर्यास्त: 06:15। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 21 डी.सै., अधिकतम-33+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी। 

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

एससी ने एसबीआई को कड़ी फटकार लगाई

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