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सोमवार, 4 मार्च 2024

42,000 से अधिक लोगों को राहत जारी रखेंगे

42,000 से अधिक लोगों को राहत जारी रखेंगे 

इकबाल अंसारी 
आइजोल। मिजोरम के गृहमंत्री के सपडांगा ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार यहां शरण लेने वाले म्यांमा, बांग्लादेश और मणिपुर के 42,000 से अधिक लोगों को राहत जारी रखेगी। एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि म्यांमा और बांग्लादेश से शरण चाहने वालों और मणिपुर से यहां आए लोगों की संख्या बदलती रहती है और दैनिक आधार पर इसकी गणना मुश्किल है। सपडांगा ने कहा कि गृह विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, मणिपुर के 9,248, म्यांमा के 32,161 और बांग्लादेश के 1,167 लोग राज्य में हैं। सपडांगा ने मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) विधायक के लालदावंगलियाना द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा "हम म्यांमा और बांग्लादेश के शरण चाहने वालों और मणिपुर के आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों को मानवीय आधार पर यथासंभव राहत जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र ने म्यांमा, बांग्लादेश और मणिपुर के लोगों की सहायता के लिए पिछली मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) सरकार को तीन करोड़ रुपये प्रदान किए थे। पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने कहा था कि राज्य सरकार अपने उपलब्ध संसाधनों से लोगों को राहत मुहैया करा रही है। बता दें कि के सपडांगा ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के कार्यकारी अध्यक्ष आइजोल उत्तर-III निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं।

सोमवार, 4 दिसंबर 2023

एजल पूर्व-1 की अपनी सीट से चुनाव हारे 'सीएम'

एजल पूर्व-1 की अपनी सीट से चुनाव हारे 'सीएम'

इकबाल अंसारी 
आइजोल। मिजोरम विधान सभा चुनाव में सत्ता विरोधी तेज लहर के बीच प्रदेश के सबसे नए राजनीतिक दल जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) ने शानदार जीत दर्ज करते हुए 40 में से 27 सीटें जीत कर मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया। मुख्यमंत्री जोरमथांगा एजल पूर्व-1 की अपनी सीट से चुनाव हार गए हैं। इस चुनाव ने मिजोरम के राजनीतिक इतिहास को एक नया मोड़ दिया है।
मिजोरम को राज्य का दर्जा मिलने के बाद से यहां की सत्ता कांग्रेस और एमएनएफ के बीच घुमती चली आ रही थी । सत्ता की इस द्विध्रुवीय राजनीति को जेडपीएम ने भंग किया है। एमएनएफ लगातार तीन बार से राज्य में सत्ता में थी और पिछले विधानसभा चुनावों में इसे 26 सीटें हासिल हुई थीं, इस पार्टी ने उसके बाद हुए उपचुनावों में दो और सीटें हासिल की थीं। इस बार चार अन्य राज्यों के साथ नवंबर में कराए गए मिजोरम के चुनाव की सोमवार को हुई मत गणना के बाद एमएनएफ केवल 10 सीटों पर सिमट कर रह गई है।
भाजपा ने भी पिछले चुनाव में एक विधायक की तुलना में दो सीटें जीतकर कुछ बेहतर प्रदर्शन किया है। ईसाई-बहुल इस राज्य में कांग्रेस केवल एक सीट पर जीत हासिल कर पाई। वयोवृद्ध कांग्रेसी नेता सी न्गुनलियानचुंगा लॉन्ग्टलाई पश्चिम सीट पर लगातार तीसरी बार विजय दर्ज करने में सफल रहीं। वहीं केन्द्र की सत्ता में आसीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को दो सीटों पर ही जीत हासिल हुई है।
वर्ष 2017 में स्थापित जेडपीएम ने अपने गठन के बाद मिजोरम विधानसभा के दूसरे चुनाव में अपनी धाक जमायी है। इस पार्टी के उत्थान के साथ एमएनएफ और कांग्रेस जैसी राज्य की पुरानी पार्टियां इस बार हासिए पर चली गयीं। तीन बार के मुख्यमंत्री जोरमथांगा और उप-मुख्यमंत्री तावंलुइया सहित कई दिग्गज समझे जाने वाले उम्मीदवारों को इस चुनाव में मुंह की खानी पड़ी है।
 जोरमथांगा (79) एजल पूर्व-1 विधान सभा सीट पर जेडपीएम उम्मीदवार और पूर्व विधायक लालथनसांगा से 2101 वोटों से हारे। उप मुख्यमंत्री और जेडपीएम के अस्सी वर्षीय उम्मीदवार तावंलुइया को तुइचांग निर्वाचन क्षेत्र में जेडपीएम उम्मीदवार डब्ल्यू छुआनावमा पराजित किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जोडिंटलुआंगा और निहार कांति चकमा, ( दोनों पूर्व मंत्री) को क्रमशः थोरांग और पश्चिम तुईपुई के अपने गृह क्षेत्रों में हार का सामना करना पड़ा।
ये दोनों क्रमश: लगातार चार और पांच बार से जीतते आ रहे थे। मिजोरम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष लालसावता को आइजोल पश्चिम-3 निर्वाचन क्षेत्र में जेडपीएम उम्मीदवार और मौजूदा विधायक वीएल जैथनजामा के सामने हार का सामना करना पड़ा। भारी चुनौतियों के बावजूद निवर्तमान सरकार में मंत्री रॉबर्ट रोमाविया रॉयटे ने एजल-पूर्व-द्वितीय से ग्रामीण सीट छोड़ने के बाद हचेक निर्वाचन क्षेत्र में जीत हासिल की।
मंत्री लालचंदमा राल्ते ने अपनी तुइवावल सीट बरकरार रखी। एमएनएफ के प्रमुख विजेताओं में थोरांग से आर रोहमिंगलियाना, पश्चिमी तुइपुई से प्रावो चकमा और तुइचावंग से शांति जीबन चकमा शामिल हैं। जेडपीएम के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार लालदुहोमा ने सेरछिप सीट बरकरार रखी है। इसी पार्टी के चर्चित प्रत्याशी और फुटबॉल को बढ़ावादेने वाले लालनघिंगलोवा हमार आइजोल पश्चिम-द्वितीय सीट पर जीत हासिल की।
उन्होंने एमएनएफ के लालरुआत्किमा को हराया। जेडपीएम के उम्मीदवार भारतीय पूर्व फुटबॉलर जेजे लालपेख्लुआ ने दक्षिण तुईपुई में एमएनएफ के दिग्गज डॉ. आर लालथंगलियाना शिकस्त दी। आइजोल उत्तर-तृतीय में इसी पार्टी के पूर्व पत्रकार से राजनेता बने के सपडांगा ने सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक लालमुआनपुइया को हराया। वर्ष 2023 के मिजोरम चुनावों ने एक नया इतिहास रचा है।
राज्य में पहली बार तीन महिला विधायक चुनी गईं और तीनों अनारक्षित सीटों से जीतीं। आइजोल दक्षिण-तृतीय से जेडपीएम की उम्मीदवार बेरिल वन्नेइहसांगी तलाऊ, लुंगलेई पूर्व से लालरिनपुई और पश्चिम तुईपुई से एमएनएफ उम्मीदवार प्रवो चकमा ने जीत हासिल की।

मंगलवार, 20 दिसंबर 2022

2,000 से अधिक ब्रू मतदाताओं के नाम सूची से हटाएं

2,000 से अधिक ब्रू मतदाताओं के नाम सूची से हटाएं

इकबाल अंसारी 

आइजोल। मिजोरम ने 2,000 से अधिक ब्रू मतदाताओं के नाम पड़ोसी राज्य त्रिपुरा की मतदाता सूची में नामांकन के बाद अपनी मतदाता सूची से हटा दिए। यह जानकारी एक निर्वाचन अधिकारी ने दी। मिजोरम के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डेविड लियानसांग्लुरा पचुआउ ने कहा कि राज्य निर्वाचन विभाग को अब तक त्रिपुरा समकक्ष से 3,000 से अधिक नामों को हटाने का अनुरोध प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि इसमें से 2,091 ब्रू मतदाताओं के नाम अब तक मिजोरम की मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं और शेष मतदाताओं के नामों को हटाने का काम चल रहा है।

अधिकारी ने कहा कि ब्रू मतदाता, जो प्रत्यावर्तन के दौरान मिजोरम नहीं लौटने के बाद त्रिपुरा में बस गए थे, मिजोरम के तीन जिलों में नौ विधानसभा क्षेत्रों के मतदाता थे। उन्होंने कहा कि मताधिकार से वंचित ब्रू मतदाताओं में मामित से 1,643, कोलासिब से 187 और लुंगलेई जिले से 262 हैं। उन्होंने कहा कि इलेक्टोरल रोल आफिसर नेट (ईरोनेट) के माध्यम से त्रिपुरा चुनाव विभाग द्वारा भेजे गए अनुरोध के अनुसार नाम हटाए गए।

पचुआउ ने कहा कि उन्होंने त्रिपुरा में अपने समकक्षों से राज्य की मतदाता सूची में ब्रू मतदाताओं के नामांकन में तेजी लाने का अनुरोध किया है क्योंकि मिजोरम में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ब्रू उग्रवादियों द्वारा 1997 में एक मिजो वन अधिकारी की हत्या के बाद शुरू हुए जातीय तनाव के बाद हजारों ब्रू मतदाता त्रिपुरा भाग गए थे। तब से, वे दो दशकों से अधिक समय से अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं। नवंबर 2009 में पहला प्रत्यावर्तन प्रयास न केवल ब्रू उग्रवादियों द्वारा एक मिजो ग्रामीण की हत्या से विफल हो गया था, बल्कि इसने पलायन का एक और दौर भी शुरू कर दिया था।

केंद्र, मिजोरम और त्रिपुरा की सरकारों ने 2009 और 2019 के बीच त्रिपुरा से ब्रू आदिवासियों की वापसी के लिए कम से कम नौ प्रयास किए थे। केंद्र, मिजोरम और त्रिपुरा की सरकारों और कई ब्रू संगठनों के प्रतिनिधियों ने 16 जनवरी, 2020 को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके अनुसार 35,000 से अधिक विस्थापित ब्रू आदिवासी, जो प्रत्यावर्तन के दौरान मिजोरम लौटने के अनिच्छुक थे, उन्हें त्रिपुरा में स्थायी रूप से बसने की अनुमति दी गई थी।

मंगलवार, 22 जून 2021

मिजोरम के मंत्री ने सरकारों को करारा झटका दिया

अकांशु उपाध्याय                          
आइजोल। जनसंख्या नियंत्रण के प्रयासों में लगी केंद्र और कई राज्य सरकारों को मिजोरम के एक मंत्री ने अनोखा ऐलान करते हुए करारा झटका दिया है। खेलमंत्री ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में सबसे अधिक बच्चों वाले माता-पिता को 100000 रूपये की नकद प्रोत्साहन राशि देने के साथ एक प्रमाण-पत्र और एक ट्राफी दिए जाने की भी घोषणा की है। बढ़ती जनसंख्या के कारण पैदा हो रही अव्यवस्थाओं को थामने के लिए देश के कई राज्य जनसंख्या नियंत्रण नीति का समर्थन कर रहे हैं। 
उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर एक मसौदा भी तैयार किया जा रहा है। ऐसे हालातों के बीच मिजोरम के खेल मंत्री राबर्ट रोमाविया रोयते ने एक अटपटी घोषणा करते हुए कहा है कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र आइजोल पूर्वी-2 में सर्वाधिक संतान वाले पुरुष या महिला को 100000 रूपये की नगद प्रोत्साहन राशि देने के साथ उसे एक प्रमाण पत्र और एक ट्राफी भी देंगे। दरअसल खेलमंत्री रोमाविया रोयते के इस कदम का उद्देश्य कम जनसंख्या वाले मिजो समुदायों को जनसंख्या वृद्धि के लिए प्रोत्साहित करना है। खेलमंत्री ने कहा है कि मिजो समुदाय में जनसंख्या वृद्धि की दर का कम होना अत्यंत गंभीर चिंता का विषय है। मिजोरम में कई मिजो जनजातियां निवास करती हैं। अरुणाचल प्रदेश के बाद मिजोरम का जनसंख्या घनत्व देश में सबसे कम है। 
उधर बढती जनसंख्या को जूझ रहे मिजोरम के पड़ोसी राज्य असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिसवा सरमा ने हाल ही के दिनों में घोषणा की थी कि उनकी सरकार क्रमिक रूप से 2 बच्चों की नीति राज्य में लागू करेगी। इस बीच उत्तर प्रदेश के विधि आयोग के अध्यक्ष आदित्यनाथ मित्तल ने भी कहा है कि बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगनी चाहिए। क्योंकि यह राज्य में तरह-तरह की समस्याएं पैदा कर रही है। इसके लिए उन्होंने एक मसौदा भी तैयार करना शुरू कर दिया है। जिसे जल्दी राज्य सरकार को लागू करने के लिए सौंप दिया जाएगा।

एससी ने एसबीआई को कड़ी फटकार लगाई

एससी ने एसबीआई को कड़ी फटकार लगाई  इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को कड़ी फटकार लग...