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मंगलवार, 20 दिसंबर 2022

2,000 से अधिक ब्रू मतदाताओं के नाम सूची से हटाएं

2,000 से अधिक ब्रू मतदाताओं के नाम सूची से हटाएं

इकबाल अंसारी 

आइजोल। मिजोरम ने 2,000 से अधिक ब्रू मतदाताओं के नाम पड़ोसी राज्य त्रिपुरा की मतदाता सूची में नामांकन के बाद अपनी मतदाता सूची से हटा दिए। यह जानकारी एक निर्वाचन अधिकारी ने दी। मिजोरम के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डेविड लियानसांग्लुरा पचुआउ ने कहा कि राज्य निर्वाचन विभाग को अब तक त्रिपुरा समकक्ष से 3,000 से अधिक नामों को हटाने का अनुरोध प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि इसमें से 2,091 ब्रू मतदाताओं के नाम अब तक मिजोरम की मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं और शेष मतदाताओं के नामों को हटाने का काम चल रहा है।

अधिकारी ने कहा कि ब्रू मतदाता, जो प्रत्यावर्तन के दौरान मिजोरम नहीं लौटने के बाद त्रिपुरा में बस गए थे, मिजोरम के तीन जिलों में नौ विधानसभा क्षेत्रों के मतदाता थे। उन्होंने कहा कि मताधिकार से वंचित ब्रू मतदाताओं में मामित से 1,643, कोलासिब से 187 और लुंगलेई जिले से 262 हैं। उन्होंने कहा कि इलेक्टोरल रोल आफिसर नेट (ईरोनेट) के माध्यम से त्रिपुरा चुनाव विभाग द्वारा भेजे गए अनुरोध के अनुसार नाम हटाए गए।

पचुआउ ने कहा कि उन्होंने त्रिपुरा में अपने समकक्षों से राज्य की मतदाता सूची में ब्रू मतदाताओं के नामांकन में तेजी लाने का अनुरोध किया है क्योंकि मिजोरम में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ब्रू उग्रवादियों द्वारा 1997 में एक मिजो वन अधिकारी की हत्या के बाद शुरू हुए जातीय तनाव के बाद हजारों ब्रू मतदाता त्रिपुरा भाग गए थे। तब से, वे दो दशकों से अधिक समय से अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं। नवंबर 2009 में पहला प्रत्यावर्तन प्रयास न केवल ब्रू उग्रवादियों द्वारा एक मिजो ग्रामीण की हत्या से विफल हो गया था, बल्कि इसने पलायन का एक और दौर भी शुरू कर दिया था।

केंद्र, मिजोरम और त्रिपुरा की सरकारों ने 2009 और 2019 के बीच त्रिपुरा से ब्रू आदिवासियों की वापसी के लिए कम से कम नौ प्रयास किए थे। केंद्र, मिजोरम और त्रिपुरा की सरकारों और कई ब्रू संगठनों के प्रतिनिधियों ने 16 जनवरी, 2020 को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके अनुसार 35,000 से अधिक विस्थापित ब्रू आदिवासी, जो प्रत्यावर्तन के दौरान मिजोरम लौटने के अनिच्छुक थे, उन्हें त्रिपुरा में स्थायी रूप से बसने की अनुमति दी गई थी।

मंगलवार, 22 जून 2021

मिजोरम के मंत्री ने सरकारों को करारा झटका दिया

अकांशु उपाध्याय                          
आइजोल। जनसंख्या नियंत्रण के प्रयासों में लगी केंद्र और कई राज्य सरकारों को मिजोरम के एक मंत्री ने अनोखा ऐलान करते हुए करारा झटका दिया है। खेलमंत्री ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में सबसे अधिक बच्चों वाले माता-पिता को 100000 रूपये की नकद प्रोत्साहन राशि देने के साथ एक प्रमाण-पत्र और एक ट्राफी दिए जाने की भी घोषणा की है। बढ़ती जनसंख्या के कारण पैदा हो रही अव्यवस्थाओं को थामने के लिए देश के कई राज्य जनसंख्या नियंत्रण नीति का समर्थन कर रहे हैं। 
उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर एक मसौदा भी तैयार किया जा रहा है। ऐसे हालातों के बीच मिजोरम के खेल मंत्री राबर्ट रोमाविया रोयते ने एक अटपटी घोषणा करते हुए कहा है कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र आइजोल पूर्वी-2 में सर्वाधिक संतान वाले पुरुष या महिला को 100000 रूपये की नगद प्रोत्साहन राशि देने के साथ उसे एक प्रमाण पत्र और एक ट्राफी भी देंगे। दरअसल खेलमंत्री रोमाविया रोयते के इस कदम का उद्देश्य कम जनसंख्या वाले मिजो समुदायों को जनसंख्या वृद्धि के लिए प्रोत्साहित करना है। खेलमंत्री ने कहा है कि मिजो समुदाय में जनसंख्या वृद्धि की दर का कम होना अत्यंत गंभीर चिंता का विषय है। मिजोरम में कई मिजो जनजातियां निवास करती हैं। अरुणाचल प्रदेश के बाद मिजोरम का जनसंख्या घनत्व देश में सबसे कम है। 
उधर बढती जनसंख्या को जूझ रहे मिजोरम के पड़ोसी राज्य असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिसवा सरमा ने हाल ही के दिनों में घोषणा की थी कि उनकी सरकार क्रमिक रूप से 2 बच्चों की नीति राज्य में लागू करेगी। इस बीच उत्तर प्रदेश के विधि आयोग के अध्यक्ष आदित्यनाथ मित्तल ने भी कहा है कि बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगनी चाहिए। क्योंकि यह राज्य में तरह-तरह की समस्याएं पैदा कर रही है। इसके लिए उन्होंने एक मसौदा भी तैयार करना शुरू कर दिया है। जिसे जल्दी राज्य सरकार को लागू करने के लिए सौंप दिया जाएगा।

जनसामान्य की समस्याओं को सुना, निर्देश दिए 

जनसामान्य की समस्याओं को सुना, निर्देश दिए  थाना स्तर पर ही समयबद्ध गुणवत्तापूर्ण प्राथमिकता पर निस्तारण कराना करें, सुनिश्चित ...