शनिवार, 3 दिसंबर 2022

भगवान श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह को एकाग्रता से सुना

भगवान श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह को एकाग्रता से सुना


कृष्ण-सुदामा मित्रता देती है संदेश, ऊॅच-नीच से दूर है मित्रों के परिवेश

भागवत कथा का प्रसंग सुन भाव-विभोर हुए श्रद्धालु

कौशाम्बी। मंझनपुर मुख्यालय में चौधरी बैजनाथ नगर में एक निजी गेस्ट हाउस में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन कथावाचक पं0 अखिलेश जी महाराज ने शनिवार को रूखमणि विवाह, कृष्णा रास, कसंवध, सुदामा चरित्र का प्रंसग सुनाया गया। श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह को एकाग्रता से सुना। 

शुक्रवार को श्रद्धालुओं ने विवाह के मंगल गीत गाए। ज्ञानचन्द्र गुप्ता भुर्जी ने लावा परछन करते हुए पत्नी व अन्य श्रदालुओं ने पैरपूजी किया। कथा के मुख्य यजमान विट्टन देवी एवं शारदा प्रसाद गुप्ता भुर्जी ने आरती पूजन किया। पं0 अखिलेश जी महाराज ने रास प्रसंग में कहा कि बांसुरी की सुरीली तान सुनकर गोपियां अपनी सुध खो बैठीं। कृष्ण ने उनके मन मोह लिए। उनके मन में काम का भाव जागा लेकिन यह काम कोई वासना नहीं थी। यह तो गोपियों के मन में भगवान को पाने की इच्छा थी। आमतौर पर काम, क्रोध, मद, मोह और भय अच्छे भाव नहीं माने जाते हैं लेकिन जिसका मन भगवान ने चुरा लिया हो तो ये भाव उसके लिए कल्याणकारी हो जाते हैं। महराज जी ने आगे बढते हुए कंस वध प्रंसग का वर्णन किए जाने पर पंडाल में उपस्थित श्रोता भाव-विभोर हो गए।

कथाव्यास ने सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि मित्रता करो, तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी करो। सच्चा मित्र वही है, जो अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताए ही मदद कर दे। परंतु आजकल स्वार्थ की मित्रता रह गई है। जब तक स्वार्थ सिद्ध नहीं होता है, तब तक मित्रता रहती है। जब स्वार्थ पूरा हो जाता है, मित्रता खत्म हो जाती है। उन्होंने कहा कि एक सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर मित्र कृष्ण से मिलने द्वारकापुरी जाते हैं। जब वह महल के गेट पर पहुंच जाते हैं, तब प्रहरियों से कृष्ण को अपना मित्र बताते है और अंदर जाने की बात कहते हैं। यह सुनकर भगवान श्रीकृष्ण का मित्र एक दरिद्र व्यक्ति कैसे हो सकता है। तभी एक प्रहरी महल के अंदर जाकर भगवान श्रीकृष्ण को बताता है कि महल के द्वार पर एक सुदामा नाम का दरिद्र व्यक्ति खड़ा है, जो आपका मित्र बता रहा है। द्वारपाल की बात सुनकर भगवान कृष्ण नंगे पांव ही दौड़े चले आते हैं और अपने मित्र को रोककर सुदामा को रोककर गले लगा लिया। उन्होने बताया कि श्री मद्भागवत कथा का आज से समापन हो गया है, रविवार को पूर्णाहुति होगा।

मौके पर ज्ञानचन्द्र गुप्ता भुर्जी, रोहित गुप्ता, मथुरा प्रसाद अग्रहरि, राजेन्द्र मुन्ना, शशिभान गुप्ता, नीरज शुक्ला, दुर्गा, सुनीता, पवन जायसवाल जितेन्द्र गुप्ता, अशोक गुप्ता, शिव रतन गुप्ता सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहें।

विजय कुमार

डीएम व अधीक्षक ने आमजन की समस्याओं को सुना

डीएम व अधीक्षक ने आमजन की समस्याओं को सुना


जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने तहसील मंझनपुर में सुनी जन-शिकायतें

शिकायतों के निस्तारण में गुणवत्ता अवश्य सुनिश्चित करने के निर्देश

कौशाम्बी। जिलाधिकारी सुजीत कुमार एवं पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने तहसील मंझनपुर में आमजन की समस्याओं को सुना एवं सम्बन्धित अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण व समयान्तर्गत निस्तारित करने के निर्देश दियें। जिलाधिकारी ने राजस्व से सम्बन्धित शिकायतों पर राजस्व एवं पुलिस की संयुक्त टीम को मौके पर जाकर समस्या को निस्तारित करने के निर्देश दियें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सम्पूर्ण समाधान दिवस एवं आई0जी0आर0एस0 के तहत प्राप्त शिकायतों को समयान्तर्गत निस्तारित किया जाय। इसके साथ ही उन्होंने शिकायतों के निस्तारण में गुणवत्ता अवश्य सुनिश्चित करने के निर्देश दियें। सम्पूर्ण समाधान दिवस में कुल 21 शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें से 04 शिकायतों का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया।  

समाधान दिवस में शिकायतकर्ता राजेश कुमार निवासी ग्राम-अड़हरा द्वारा प्रार्थना पत्र देकर अवगत कराया गया कि उनकी भूमिधरी पर गांव के ही दबंग व्यक्ति द्वारा जबरन कब्जा कर मकान का निर्माण कराया जा रहा है, जिस पर जिलाधिकारी ने तहसीलदार को जॉच कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दियें। इसी प्रकार शिकायतकर्ता मनोज कुमार, निवासी ग्राम-बसुहार द्वारा अवगत कराया गया कि उनका खतौनी में नाम गलत दर्ज है, जिस पर जिलाधिकारी ने तहसीलदार को जॉच कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दियें। 

सम्पूर्ण समाधान दिवस में तहसील सिराथू में कुल 50 शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें से 05 शिकायतों का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया तथा तसहील चायल में कुल 23 शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें से 04 शिकायतों का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी डॉ0 रवि किशोरा त्रिवेदी, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 सुष्पेन्द्र कुमार, उप जिलाधिकारी श्री प्रखर उत्तम एवं क्षेत्राधिकारी सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहें।

विजय कुमार 

छत्तीसगढ़: युवक-युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन 

छत्तीसगढ़: युवक-युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन 


साहू युवक युवती परिचय सम्मेलन एवम शपथ ग्रहण समारोह 4 दिसम्बर को

दुष्यंत टीकम 

रायपुर। शहर जिला साहू संघ रायपुर के द्वारा कर्माधाम कृष्ण नगर रायपुर में 4 दिसंबर को युवक-युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन किया गया है। इसी दिन युवक युवती परिचय के प्रत्रिका जीवन साथी का विमोचन किया जाएगा। शहर जिला साहू संघ रायपुर के नवनियुक्त पदाधिकारी एवम मनोनीत कार्यकारणी सदस्यों का शपथ समारोह भी होगा।

इस आयोजन के मुख्य अतिथि माननीय श्री ताम्रध्वज साहू कैबिनेट मंत्री गृहमंत्री छत्तीसगढ़ शासन लोकनिर्माण जेल पर्यटन विभाग होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय टहलसिंह साहू करेंगे। अतिविशिष्ट अतिथि माननीय सांसद अरुण साहू प्रदेश अध्यक्ष भाजपा चुन्नी लाल साहू सांसद महासमुंद रहेंगे। विशिष्ट अतिथि श्री मोतीलाल साहू कार्यकारणी अध्यक्ष अ. भा तैलिक महासभा श्री धनेंद्र साहू, पूर्वमंत्री श्री चंद्रशेखर साहू, पूर्व मंत्री श्री थानेश्वर साहू, अध्यक्ष पिछडा वर्ग सुश्री शकुंतला साहू, संसदीय सचिव  विधायक संदीप साहू अध्यक्ष, तेलीघानी बोर्ड श्रीमती  चित्ररेखा साहू, उपाध्यक्ष पर्यटन बोर्ड श्रीमती रंजन साहू, विधायक श्री दलेश्वर साहू, श्रीमती छन्नी साहू, विधायक श्रीमती रंजना डिपेंद्र साहू, विधायक श्री विपिन साहू, दुग्ध संघ श्रीमति विद्यादेवी साहू, वरिष्ठ समाजसेवीका श्री रोशनलाल साहू, उपमहानिदेशक श्री बी सी साहू अपर कलक्टर एवं छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू संघ के सभी जिला अध्यक्ष होंगे।

3 दिसम्बर को दो दिवसीय साहू ब्यपार एक्सपो का भी शुभारंभ मान श्री केशव साहू अध्यक्ष के द्वारा किया व्यापार एक्सपो में 45 स्वजातीय ब्यापारियों ने कर्मा मंदिर प्रांगण में अपने अपने अलग अलग स्टाल लगाये है‌। व्यापार एक्सपो का आयोजन युवा प्रकोष्ट के संयोजक के नेतृत्व में युवा ब्यपार प्रकोष्ट द्वारा आयोजित है। 4 दिसम्बर को नेत्र परीक्षण दांत परीक्षण बीपी परीक्षण निःशुल्क डॉक्टर एवंम विशेषयज्ञ का स्टाल भी लगाया गया है। जिसमे सभी जन का इलाज करवा सकते है।

व्यापार एक्सपो के शुभ अवसर पर केशव साहू, अध्यक्ष नारायण लाल साहू, कार्यवाहक अध्यक्ष यादराम साहू, कार्यकरी अध्यक्ष रघुनाथ साहू, सभापति योगिराज साहू, महासचिव रामबगस साहू, उपाध्यक्ष श्रीमती किरण साहू, उपाध्यक्ष भवरलाल साहू, कोषाध्यक्ष ऊधोप्रसाद साहू, महासचिव महावीर साहू, सोमनाथ साहू, देवकुमार साहू, राजकुमार साहू, दाऊलाल झुमुकलाल, तोरण लाल साहू के पी साहू जितेश्वरी एवं मेधराज साहू संरक्षक बी आर साहू सलाहकार बी आर सर्वा तथा अनेक पाधिकारी सदस्यगण मौजूद रहे।

थाईलैंड की छात्रा से दुष्कर्म करने का प्रयास, गिरफ्तार 

थाईलैंड की छात्रा से दुष्कर्म करने का प्रयास, गिरफ्तार 

इकबाल अंसारी 

हैदराबाद। हैदराबाद विश्वविद्यालय (यूओएच) के एक प्रोफेसर ने शनिवार को विश्वविद्यालय में पढ़ रही थाईलैंड की एक छात्रा से दुष्कर्म करने का कथित तौर पर प्रयास किया। पुलिस ने बताया कि छात्रा दुष्कर्म के प्रयास से बच निकली और गाचीबोवली थाना में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने भारतीय दंड संहित की धारा 354 के तहत मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। घटना की जानकारी होने पर विश्वविद्यालय के छात्रों ने प्रोफेसर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर धरना- प्रदर्शन किया। छात्रों के आंदोलन को देखते हुए विश्वविद्यालय में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

घटना उस समय हुई जब प्रोफेसर रवि रंजन छात्रा को किताब देने के बहाने अपने घर ले गए। कथित तौर पर प्रोफेसर ने थाईलैंड की रहने वाली छात्रा को कुछ घंटे बाद विश्वविद्यालय में छोड़ दिया। इसके बाद जब उसके दोस्तों ने उसे रोते हुए देखा तो वजह पूछी। इसपर उसने आपबीती सुनाई और मामले की सूचना पुलिस को दे दी। डीसीपी के अनुसारघटना शुक्रवार को हुई जब वह छात्रा को शाम करीब 4 बजे अपने घर ले गया और उसे रात करीब 9 बजे विश्वविद्यालय में वापस छोड़ा। लड़की ने दोस्तों को बताया कि प्रोफेसर ने उसके साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की। लड़की विदेशी है और केवल थाई भाषा जानती है।

उन्होंने कहा हमने मामला दर्ज कर लिया है और प्रोफेसर को गिरफ्तार कर लिया है। आगे की जांच चल रही है।” घटना के बादछात्र संघ ने प्रोफेसर को तत्काल निलंबित करने की मांग को लेकर हैदराबाद विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन किया जिसके बाद प्रोफेसर को विश्वविद्यालय से निलंबित कर दिया गया है।

गौरतलब है कि लड़कियों और बच्चियों के साथ छेड़छाड़ के मामले आए दिन बढ़ते जा रहे हैं। हाल में यूपी से हैरान करने वाले मामला सामने आया था। जहां एक शिक्षक को कक्षा छठी की छात्रा के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। परिजनों के मुताबिकशिक्षक की इस हरकत से बच्ची इतनी डर गई कि उसने स्कूल जाना बंद कर दिया। शिक्षक ने बच्ची को धमकाया भी था। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।

जी-20 ‘वार्ता समूहों’ की बैठकों के लिए तैयारी शुरू 

जी-20 ‘वार्ता समूहों’ की बैठकों के लिए तैयारी शुरू 

अविनाश श्रीवास्तव 

पटना। बिहार सरकार ने अगले साल मार्च में राज्य में होने वाली जी-20 ‘वार्ता समूहों’ की बैठकों के लिए तैयारी शुरू कर दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटकों के आकर्षण को दर्शाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

भारत ने बृहस्पतिवार को एक वर्ष के लिए जी-20 की अध्यक्षता संभाली है। भारत पहली बार अगले साल जी 20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा और पटना सहित विभिन्न स्थानों पर 200 विभिन्न बैठकें आयोजित करेगा। बिहार के कला एवं संस्कृति विभाग की सचिव बंदना प्रेयशी ने कहा, ‘‘गौरवशाली अतीत और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर वाले बिहार के लिए अपनी प्रस्तुति देने का यह एक बड़ा अवसर है।

राज्य ने अपने कला और शिल्प के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान हासिल की है।’’ उन्होंने कहा कि ये बैठकें अगले साल 6 और 7 मार्च को पटना और राज्य के कुछ अन्य स्थानों पर होंगी। प्रेयशी ने कहा, ‘‘बिहार में वार्ता समूहों की प्रत्येक बैठक के कार्यक्रम से संबद्ध विवरण को अंतिम रूप दिया जा रहा है और हम जल्द ही भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) को प्रस्तावित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक विस्तृत सूची भेजेंगे।’’

उन्होंने कहा कि बैठकों के बीच राज्य के लोकप्रिय लोक संगीत और नृत्य को प्रदर्शित करने वाली सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएंगी, जिसमें लुप्त हो रही कला भी शामिल है। इस बीच, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा बिहार में संरक्षित आठ स्मारकों को जी20 ‘लोगो’ के साथ प्रदर्शित करने के लिए पूरे भारत से चुने गये 100 स्मारकों में शमिल किया गया है।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, पटना क्षेत्र की अधीक्षण पुरातत्वविद गौतमी भट्टाचार्य ने कहा कि नालंदा महाविहार, सोन भंडार की गुफाएं,सुजाता स्तूप, विक्रमशिला महाविहार, शेरशाह सूरी का मकबरा, कोल्हुआ स्तूप और केसरिया स्तूप इनमें शामिल किये गये हैं। जी 20 अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए एक मंच है।

दिव्यांगों के समूह ने 'भारत जोड़ो यात्रा' में हिस्सा लिया 

दिव्यांगों के समूह ने 'भारत जोड़ो यात्रा' में हिस्सा लिया 

अकांशु उपाध्याय

नई दिल्ली/सुसनेर। अंतरराष्ट्रीय विकलांग दिवस के अवसर पर व्हीलचेयर से चलने वाले दिव्यांगों के एक समूह ने शनिवार को राहुल गांधी की अगुवाई वाली 'भारत जोड़ो यात्रा' में हिस्सा लिया। गांधी की पदयात्रा शनिवार को मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले से होकर गुजरी। यह यात्रा रविवार को राजस्थान में प्रवेश करेगी। प्रदेश कांग्रेस के दिव्यांग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष उज्जवल मोटवानी ने बताया कि रास्ते में वह विकलांगों के एक समूह के साथ 15-20 मिनट तक चले और उनसे बातचीत की। मोटवानी ने कहा, ‘‘हमने दिव्यांग लोगों की नौकरी का मामला उठाया ताकि हम अपने दम पर कमा सकें क्योंकि जीवन यापन की लागत दिन ब दिन बढ़ती जा रही है।’’

प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष बलराम गुर्जर ने कहा कि उन्होंने गांधी से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सांसद-विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि का पांच प्रतिशत विशेष रुप से विकलांग व्यक्तियों के कल्याण पर खर्च किया जाए, जैसा कि नियमों द्वारा प्रदान किया गया है। उन्होंने दिव्यांग व्यक्तियों के लिए नौकरियों में अधिक आरक्षण की भी मांग की।

गुर्जर ने कहा कि गांधी ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह इन मांगों पर विचार करेंगे। हालांकि, कुछ अन्य दिव्यांग भी थे जो कांग्रेस नेता के चारों ओर सुरक्षा घेरा होने के कारण उनसे नहीं मिल सके। कुछ साल पहले राजीव गांधी फाउंडेशन की ओर से राहुल गांधी के माध्यम से एक विशेष स्कूटर पाने वाले मुकेश चौहान ने कहा कि उन्होंने गांधी से मिलने के लिए नागदा-खाचरोद से उसी स्कूटर पर लगभग 125 किमी की यात्रा की।

उन्होंने कहा कि वह पिछले दो दिनों से गांधी से मिलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सफल नहीं हो सके हैं। इस बीच, मोटवानी ने यह भी कहा कि उन्होंने कांग्रेस नेता से कहा कि विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 के प्रावधानों, विशेष रूप से उनसे संबंधित मामलों से निपटने के लिए एक विशेष मजिस्ट्रेट के प्रावधान को लागू किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि दिव्यांग व्यक्तियों के खिलाफ अपराध से निपटने के लिए विशेष कानून हैं, लेकिन पुलिस को इसकी जानकारी नहीं है और न ही वे इसके प्रति संवेदनशील हैं। मध्यप्रदेश में यात्रा का यह 11वां दिन था। पैदल मार्च सुबह करीब छह बजे महुडिया गांव से शुरू हुआ। सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई यात्रा का यह 87वां दिन भी था।

2047 तक आत्मनिर्भर बनेंगी 'भारतीय नौसेना'

2047 तक आत्मनिर्भर बनेंगी 'भारतीय नौसेना'

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने शनिवार को कहा कि भारतीय नौसेना ने सरकार को बताया है कि वह 2047 तक आत्मनिर्भर बन जाएगी। नौसना हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के विभिन्न सैन्य एवं अन्वेषण जहाजों की आवाजाही पर कड़ी नजर रखती है। उन्होंने नौसेना दिवस पर संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि अग्निवीरों के पहले बैच की रिपोर्ट आ चुकी है, लगभग 3000 अग्निवीर शामिल हो चुके हैं जिनमें से लगभग 341 महिलाएं हैं। अगले साल हम महिला अधिकारियों को सभी शाखाओं में शामिल करने पर विचार कर रहे हैं, न कि केवल 7-8 शाखाओं में जो आज तक सीमित हैं।

आर हरि कुमार ने कहा कि हाल की वैश्विक घटनाएं यह रेखांकित करती हैं कि हम अपनी सुरक्षा आवश्यकताओं के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रह सकते,हमें सरकार ने आत्मनिर्भर भारत को लेकर स्पष्ट दिशा दिखाई है।शीर्ष नेतृत्व के साथ नौसेना की प्रतिबद्धता है कि हम 2047 तक आत्मनिर्भर नौसेना रूप में खड़े होंगे। आर हरि कुमार ने कहा कि भारतीय नौसेना ने पिछले एक साल में बहुत ऊंची अभियानगत क्षमता हासिल की है तथा समुद्री सुरक्षा की अहमियत पर अधिक बल दिया जा रहा है। नौसेना प्रमुख ने कहा, सरकार ने हमें आत्मनिर्भर भारत पर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं। हमने बताया है कि भारतीय नौसना 2047 तक आत्मनिर्भर बन जाएगी।

आर हरि कुमार ने कहा कि एडमिरल आर हरि कुमार ने यह भी कहा कि अभियानगत क्षमता की दृष्टि से देखा जाए तो पिछले एक साल में हमारा बहुत व्यस्त समय रहा। उन्होंने कहा कि विमानवाहक आईएनएस विक्रांत का नौसेना के बेड़े में शामिल होना भारत के लिए ऐतिहासिक घटना है। 

उन्होंने कहा कि नौसेना का लक्ष्य देश के लिए भारत में निर्मित सुरक्षा समाधान हासिल करना है। उन्होंने कहा कि नौसेना में करीब 3,000 अग्निवीर पहुंच गए हैं जिनमें से 341 महिलाएं हैं। नौसेना प्रमुख ने कहा कि पहली बार हम महिला नाविकों को नौसेना में शामिल कर रहे हैं।

दंगा संबधी मामलें में खालिद और सैफी को बरी किया 

दंगा संबधी मामलें में खालिद और सैफी को बरी किया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। 2020 में हुए दंगा संबधी मामलें में कड़कड़डुमा कोर्ट ने उमर खालिद और खालिद सैफी को बरी कर दिया है। बता दें दोनों को फरवरी 2020 में राजधानी दिल्ली के चांदबाग इलाके में हुए पत्थरबाजी के मामले में पहले जमानत मिल चुकी थी, लेकिन दूसरे मामले में ये जेल में बंद हैं।

दरअसल दिल्ली दंगों के सिलसिले में एक पुलिस कांस्टेबल के बयान के आधार पर इन दोनों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था, जिसमें कहा गया था कि 24 फरवरी 2020 में चांद बाग पुलिया के पास जमा एक बड़ी भीड़ ने पत्थरबाजी की थी। उस पत्थरबाजी के दौरान खालिद सैफी और उमर खालिद का नाम भी जोड़ा गया था। हालांकि कोर्ट ने पाया कि इन दोनों के खिलाफ कोई सीधा सबूत नहीं है, जिसके आधार पर कोर्ट ने उन्हें इस केस में आरोप मुक्त कर दिया। 

काले झंडे लेकर 40 किलोमीटर की वाहन रैली निकाली

काले झंडे लेकर 40 किलोमीटर की वाहन रैली निकाली

नरेश राघानी 

अलवर। राजस्थान में अलवर के चमेली बाग स्थित कब्रिस्तान का चल रहा विवाद के दौरान आज मेव समाज ने काले झंडे लेकर करीब 40 किलोमीटर की वाहन रैली निकाली। मेव पंचायत से जुड़े युवाओं ने कब्रिस्तान की बहाली को लेकर दशहरा मैदान के पास स्थित कर्बला मैदान से काले झंडे लगाकर वाहन रैली निकाली। यह वाहन रैली जेल चौराया अंबेडकर सर्किल नंगली सर्किल सहित शहर के मुख्य मार्गों से होती हुई मालाखेड़ा पहुंची। इस रैली का मुख्य मकसद कब्रिस्तान की बहाली है और कांग्रेसी नेताओं का विरोध करना है।

कांग्रेस के नेता गफूर खान ने बताया कि कब्रिस्तान के मामले में भले ही सरकार ने 2 अधिकारियों को निलंबित कर दिया हो लेकिन अभी तक वह कब्रिस्तान की जमीन कब्रिस्तान के नाम नहीं हुई है जिनके नाम डीक्री की गई थी उन्हीं के नाम वह जमीन है। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर आज काला झंडा लगाकर विरोध प्रदर्शन किया और वाहन रैली निकाली इस वाहन रैली का मुख्य उद्देश्य है कि उनकी मांगे मानना और मंत्री को हमारी भावनाओं से आभास कराना है।

इधर मैनेजर शफात खान ने बताया कि शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में भंवर जितेंद्र सिंह ने यह कहा था कि हमारे संज्ञान में नहीं है। उन्होंने कहा कि सरासर झूठ बोल रहे हैं। नवंबर माह में भी हमने इस संबंध में कलेक्टर को ज्ञापन दिया। कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली से कहा और मेवात विकास बोर्ड के अध्यक्ष जुबेर खान से भी दो दो-तीन घंटे बात हुई हैं तो ऐसे में उनका यह बयान ताजूब भरा है कि उनके संज्ञान में नहीं है और उन्होंने कहा है कि अब आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी और पूरी तरह विरोध किया जाएगा।

यहां उल्लेखनीय है कि कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली के खास उमरैण के पूर्व प्रधान शिव लाल गुर्जर के पुत्र राजेश के नाम कब्रिस्तान की करीब 8 बीघा जमीन को अपने नाम करा लिया गया था। यह मामला खुलते ही राज्य सरकार ने अलवर के एसडीएम और तहसीलदार को निलंबित कर दिया था।

'सर्वोत्तम मानव संसाधन' नीतियों का पालन: कुमार 

'सर्वोत्तम मानव संसाधन' नीतियों का पालन: कुमार 

इकबाल अंसारी 

हैदराबाद। तेलंगाना के मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार सर्वोत्तम मानव संसाधन (एचआर) नीतियों का पालन कर रही है और राज्य में कर्मचारियों की उत्पादकता सबसे अधिक है। यहां तेलंगाना वाणिज्य उद्योग महासंघ (एफटीसीसीआई) में आयोजित मानव संसाधन क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए स्थापित पुरस्कार के चौथे संस्करण-एचआर अचीवर्स अवार्ड्स-2022 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि नया राज्य तेलंगाना पिछले आठ वर्ष में सभी क्षेत्रों में तेजी से प्रगति कर रहा है।

इसमें राज्य की मानव संसाधन नीति का बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा, “ यह संभव हुआ है क्योंकि यह राज्य सबसे अच्छी एचआर नीतियों का पालन कर रहा है और हम देश में सबसे अच्छे भुगतान करने वालों में से एक हैं। कर्मचारियों को प्रेरित किया जाता है और हमारी उत्पादकता सबसे अच्छी है जो पिछले आठ वर्ष में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद और प्रति व्यक्ति आय में कई गुना वृद्धि में परिलक्षित हो रही है।”

फिक्की के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा, “ कार्यबल प्रबंधन आज व्यापार और सामाजिक पारिस्थितिकी तंत्र का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है और कहा कि मानव संसाधन के जुड़ाव पर उद्योग में जागरुकता बढ़ी है। ” कार्यक्रम में, नौ पुरस्कार प्रदान किए गए, जिनमें से सात विभिन्न संगठनों के एचआर विभागों और दो व्यक्तिगत उपलब्धियों के लिए हैं। 

विरासत के संवर्धन व संरक्षण के लिए कदम उठाया

विरासत के संवर्धन व संरक्षण के लिए कदम उठाया

इकबाल अंसारी 

गुवाहाटी। असम सरकार के एक आयोग ने राज्य में वैष्णव मठों की जमीन से अतिक्रमण हटाने और इन संस्थानों की सांस्कृतिक विरासत के संवर्धन तथा संरक्षण के लिए कदम उठाने पर जोर दिया है। वैष्णव मठों भूमि से संबंधित समस्याओं की समीक्षा और आकलन के लिए असम राज्य आयोग ने 11 जिलों में 303 मठों का दौरा करने और उनके द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों को संकलित करने के बाद अपना अंतरिम निष्कर्ष मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा को सौंपा। मुख्यमंत्री ने कहा, सरकार अतिक्रमण हटाने के लिए हरसंभव कदम उठाएगी। यह पहली बार है कि इस दिशा में ठोस प्रयास किया जा रहा है।

हालांकि, सरकार अपने प्रशासनिक तंत्र के माध्यम से निष्कर्ष का सत्यापन भी करेगी क्योंकि राजस्व विभाग के प्रावधानों और नए कानूनों में वर्षों से बदलाव के कारण मठ भूमि के स्वामित्व में कानूनी रूप से बदलाव हो सकता है। अंतरिम रिपोर्ट के अनुसार, 33,265.7 बीघा (8,413.89 हेक्टेयर) जमीन मठों के पास है और इसमें से 7,504.2 बीघा (1,898.04 हेक्टेयर) जमीन पर अतिक्रमण हो गया है। बारपेटा जिले (5,545 बीघे) में सबसे अधिक अतिक्रमण की सूचना मिली है, इसके बाद लखीमपुर, नागांव, बोंगाईगांव और धुबरी हैं।

पिछले साल कैबिनेट के एक फैसले के बाद असम गण परिषद के विधायक प्रदीप हजारिका के नेतृत्व में तीन सदस्यीय आयोग गठित किया गया था जिसमें भारतीय जनता पार्टी के विधायक मृणाल सैकिया तथा रूपक शर्मा को सदस्य बनाया गया था। आयोग का मुख्य उद्देश्य मठों की भूमि से संबंधित समस्याओं की बारीकी से जांच करना और अतिक्रमण की सीमा को सत्यापित करना तथा दीर्घकालिक समाधान के लिए विशिष्ट सिफारिशें करना है। मठ असम में वैष्णववाद की एक अनूठी विशेषता हैं, जिनकी स्थापना सामाजिक और धार्मिक सुधारक शंकरदेव ने की थी, जो असमिया संस्कृति के जनक भी हैं। ये मठ पारंपरिक प्रदर्शन कलाओं के केंद्र भी हैं।

पति की हत्या के आरोप में महिला-प्रेमी गिरफ्तार 

पति की हत्या के आरोप में महिला-प्रेमी गिरफ्तार 

कविता गर्ग 

मुंबई। मुंबई के सांताक्रुज इलाके से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। बता दें यहां कविता नाम की एक महिला और उसके प्रेमी हितेश जैन को अपने पति कमल कांत की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। बता दें कविता अपने पति के खाने में लगातार आर्सेनिक और थैलियम मिला रही थी। जिसके चलते कमलकांत को बीते 3 सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया और 17 दिन बाद उसकी मौत हो गई। 

बता दें शक के आधार पर डॉक्टर्स ने खुद पुलिस को इस मामले के बारे में बताया था। जिसके बाद मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट-9 ने एक महिला और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया। बता दें महिला पर आरोप है कि उसने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति कमल कांत शहा को मौत की नींद सुला दिया। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में दोनों आरोपियों को 8 दिसंबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। 

बता दें कमलकांत को 3 सितंबर को बॉम्बे हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती किया गया था और 19 सितम्बर तक कमलकांत यहां भर्ती रहे, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। लेकिन कमलकांत की जिस तरह से मौत हुई, उसे डॉक्टर नहीं पचा पा रहे थे। इलाज के दौरान ही डॉक्टर्स की टीम ने कमलकांत के खून का हेवी मेटल टेस्ट कराया और उस टेस्ट की रिपोर्ट ने डॉक्टर्स के शक को और ज्यादा गहरा कर दिया।  

क्योंकि रिपोर्ट में आर्सेनिक और थैलियम धातु का स्तर शरीर मे बढ़ा हुआ था। किसी भी इंसान के शरीर मे इस तरह से इन धातुओं का बढ़ना असामान्य बात होती है। इसलिए डॉक्टर्स ने आजाद मैदान पुलिस स्टेशन को इसकी जानकारी दी। आज़ाद मैदान पुलिस ने केस दर्ज कर सांताक्रुज पुलिस स्टेशन को आगे की जांच के लिए केस हैंड ओवर कर दिया। 

जिसके बाद जांच आखिरकार सांताक्रुज पुलिस स्टेशन के बजाय क्राइम ब्रांच यूनिट 9 को सौंपी गई। क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू की और तमाम मेडिकल रिपोर्ट, पत्नी सहित घरवालों को बयान लिए। साथ ही कमलकांत के डाइट से जुड़ी जानकारी भी जुटाई तो पता चला कि पत्नी कविता ने प्रेमी हितेश के साथ प्लानिंग करके पति को हटाने की साजिश की थी। जिसके लिए लंबे समय से कमलकांत के खाने और पीने के चीजों में बड़ी ही चालाकी से आर्सेनिक और थैलियम मिलाकर दिया जा रहा था। शरीर के अंदर ये धातु ब्लड में पहले  से ही मौजूद रहते हैं लेकिन सामान्य से ज्यादा हो जाए तो ये जहर का काम करता है और यही कमलकांत के साथ हुआ। लगातार खाने पीने में मिल रहे स्लो पॉइजन के चलते कमल की हालत खराब होते चली गई। 

देश की शांति भंग करने पर छोड़ता नहीं है 'भारत'

देश की शांति भंग करने पर छोड़ता नहीं है 'भारत'

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/बेंगलुरु। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि भारत किसी को छेड़ता नहीं है और यदि कोई देश की शांति भंग करता है तो उसे छोड़ता नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत ने कभी युद्ध तथा हिंसा की वकालत नहीं की, हालांकि, वह अन्याय और दमन पर तटस्थ नहीं रह सकता। वह इस्कॉन द्वारा बेंगलुरु के वसंतपुरा स्थित उसके भव्य राजाधिराज गोविंद मंदिर में आयोजित गीता दान योजना कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। 

राजनाथ सिंह ने महाभारत का उल्लेख करते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिये थे, उन्हें श्रीमद भगवद्गीता के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि गीता पढ़ने और उसे आत्मसात करने से व्यक्ति निर्भय होता है। इस्कॉन बेंगलुरु ने इस महीने सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों के अलावा एक लाख भगवद्गीता पुस्तक वितरित करने की योजना बनाई है। इस अवसर पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा तथा इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ आदि गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। 

राजनाथ सिंह ने कहा कि 30 दिनों तक चलने वाले इस यज्ञ के दौरान, 1 लाख भगवदगीता बांटने की योजना बनाई गई है। ज्ञान के दान से बड़ा क्या हो सकता हैं। ज्ञान ही तो ऐसा धन है जो बांटने से बढ़ता है। इस्कॉन बैंगलोर का यह प्रयास गीता के Immortal Wisdom को लोगों तक पहुंचाएगा, इसका मुझे पूरा विश्वास हैं।

राजनाथ सिंह ने कहा कि गीता दान यज्ञ महोत्सव के माध्यम से भगवान कृष्ण के शाश्वत संदेश को जन-जन तक पहुचाने और उसे लोगों को समझाने और अपने जीवन मे उतारने के लिए जो प्रयत्न इस्कॉन बैंगलोर निरंतर कर रहा हैं उसकी जितनी भी सराहना की जाए उतना कम हैं। मैं हमेशा कहता हूँ भारत कभी किसी को छेड़ता नहीं पर जब भारत को कोई छेड़ता है तो हम उसे छोड़ते भी नहीं हैं। यही श्रीमद्भगवद्गीता का भी संदेश है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनिया को यह भी समझना होगा कि अगर युद्ध और हिंसा हमारी प्रवृत्ति नहीं तो अन्याय सहना और अधर्म के प्रति तटस्थ रहना भी हमारे चरित्र का हिस्सा नहीं रहा हैं। गीता का ज्ञान भारत के समाज का आधार हैं। हम सब इस बात को मानते हैं कि भारत एक ऐसा देश हैं जो हमेशा से शान्तिप्रिय रहा हैं। हिंसा, युद्ध यह कभी भी हमारी प्रवृत्ति नहीं रही हैं। इसलिए भारत ने कभी किसी दूसरे देश पर न हमला किया ना कभी किसी की एक इंच ज़मीन पर कब्जा किया।

राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं मानता हूं  कि हमारी भौतिक आकांक्षाएं एक अटूट बंधन पैदा करती हैं और इन बंधनों को तोड़ना बहुत मुश्किल हो जाता है। हमें अपनी इच्छाओं, बुनियादी जरूरतों और Spiritual Calling के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है। आप सबके साथ गीता का वह सन्देश बांटना चाहता हूँ जो मैंने अपनी जीवन यात्रा में एक सीख की तरह हमेशा अपने पास रखा: जो ज्ञानी व्यक्ति ज्ञान और कर्म को एक रूप में देखता है, उसी का नजरिया सही होता है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि पश्चिमी देशों में Self-Help Books का काफी प्रचलन हैं। यह वह किताबे होती हैं जो पाठकों को उनकी व्यक्तिगत समस्याओं को हल खोजने में मदद करने की मंशा से लिखी जाती हैं। मैं मानता हूँ कि अगर हम गीता का अच्छी तरह से अध्ययन कर लें तो हमे किसी और Self-Help Book की आवश्यकता नहीं होगी।

राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं मानता हूं कि गीता को सिर्फ एक धार्मिक ग्रन्थ की दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। इसमें निहित ज्ञान हम सब के लिए, और खासकर युवा वर्ग के लिए एक Inspiration है। गीता के बहुमूल्य उपदेशों को अपनाकर हम जीवन में सही विकल्प चुनने में हमेशा सफल हो सकते हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत हमेशा से ज्ञान का केंद्र रहा हैं। और हमारे इस ज्ञान के अस्तित्व को न केवल दूसरे देशो ने स्वीकार किया हैं बल्कि अपनाया भी हैं। भगवदगीता ने दुनिया के कई महान और प्रसिद्ध लोगों को न केवल प्रभावित किया है बल्कि उनके जीवन को भी पूरी तरह से बदल दिया। सभी भौतिक सफलता के बावजूद लोग आध्यात्मिक कल्याण की तलाश में हैं और आधुनिकता के बावजूद हम अपने अस्तित्व के सवालों के जवाब खोजने के लिए आखिर में अपने धर्म का ही दरवाज़ा खटखटाते हैं। 

राजनाथ सिंह ने कहा कि धर्म और संस्कृति के प्रति हमारा लगाव कभी भी हमारे विकास मे अवरोध पैदा नहीं कर सकता हैं। मैं उस सोच को नकारता हूँ जो आधुनिकता और परंपरा के बीच एक अंतर्निहित संघर्ष देखता है। आपका कल था, इसी लिए आज हैं. अतीत था तभी वर्त्तमान हैं। अतीत को नकारना वर्त्तमान को नकारने जैसा हैं। जो मनुष्य जीवन-मृत्यु के भँवर से ऊपर उठ जाता है, वही अपने समाज, राष्ट्र के लिए निडर होकर कुछ कर सकता है। उसी के अंदर क्रांति जन्म ले सकती है और वही समाज को एक दिशा दे सकता है, समाज को बदलाव की ओर उन्मुख कर सकता है। 

राजनाथ सिंह ने कहा कि गीता हमें अंतर्मन की ओर देखने का ज्ञान देती है। आत्मा से जोड़ती है, जो परमात्मा का ही एक अंश है। जो शाश्वत है, और अनश्वर है। आत्मा को केंद्र में रखने वाला प्राणी सुख-दुख से ऊपर उठकर दुख से ऊपर उठकर आनंद की प्राप्ति करता है। 

राजनाथ सिंह ने कहा कि गीता हमें ऐसा सूत्र प्रदान करती है, जिसके सहारे हम अपनी आत्मा का दर्शन कर सकते हैं। आज इंसान को बाहरी दुनिया की बड़ी चिंता रहती है। दिल्ली में क्या हो रहा है, अमेरिका में क्या हो रहा है, लंदन में, फ्रांस में क्या घटित हो रहा है, उसे बड़ी चिंता रहती है: पर हमारे मन में क्या घटित हो रहा है, हम किस ओर जा रहे हैं, इसे देखने के लिए अपने अंतस में झाँकने की फुर्सत किसी को नहीं होती है। हम बाहरी दुनिया में इतने खोये होते हैं कि उसमें ही सुख ढूँढ़ते हैं। 

राजनाथ सिंह ने कहा कि हरि अनंत हरि कथा अनंता' की भांति गीता भी मैं समझता हूं अनंत है, और इसकी व्याख्या अनंत है। अब तक जिन ग्रंथों के सर्वाधिक भाष्य मिलते हैं, गीता उनमें से एक है। स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी से लेकर पंडित नेहरू, महर्षि अरविंदो, लोकमान्य तिलक ने गीता को अपने-अपने ढंग से देखा है। 

राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं समझता हूं, अनादिकाल से चले आ रहे मानवीय भावों को उदात्त करने का एक माध्यम है। गीता शाश्वत है, नित्य है, सत्य है। इसलिए गीता का कोई एक दिवस न होकर हरेक दिवस होना चाहिए।  आप Maths की history निकाल सकते हैं, और किसी को father of Mathematics घोषित कर सकते हैं। आप Physics, Chemistry, Biology की history निकाल सकते हैं। आप History की भी history निकाल सकते हैं, और किसी को father of History घोषित कर सकते हैं। पर आप मन की history नहीं निकाल सकते हैं। 

राजनाथ सिंह ने कहा कि हम सब तो आम इंसान हैं। अपनी बुद्धि के अनुसार गीता का एक दिवस मान लेते हैं, और प्रतिवर्ष उसकी जयंती मनाते हैं। पर वास्तव में तो गीता मनाने की नहीं, बल्कि मानने का आग्रह है। मानने की भी नहीं, बल्कि यह जीने का आग्रह है। 

राजनाथ सिंह ने कहा कि श्रीमदभगवतगीता की जयंती मनाना, इस बात का प्रतीक है, कि हम गीता को एक ग्रंथ भर नहीं मानते हैं। हम गीता को कुछ विचारों, और सूत्रों की अभिव्यक्ति भर नहीं मानते हैं। बल्कि गीता को हम, जीती-जागती ज्ञान गंगा मानते हैं, जो प्राचीन काल से मानव को अपने ज्ञानामृत से सींचती चली आई है। राजनाथ सिंह ने कहा कि संतों की क्षणभर की संगति को तो हमारे यहां बड़े पुण्यकर्म का प्रतिफल बताया गया है। आज मैं आप सभी संतों के बीच हूं, तो निश्चित ही यह मेरे पुण्यों का प्रभाव है, मेरे अच्छे कर्मों का प्रतिफल है, जिसके चलते मुझे आप लोगों का सत्संग प्राप्त हुआ है।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-53, (वर्ष-06)

2. रविवार, दिसंबर 04, 2022

3. शक-1944, मार्गशीर्ष, शुक्ल-पक्ष, तिथि-एकादशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:44, सूर्यास्त: 05:24। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 11 डी.सै., अधिकतम- 21+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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