रविवार, 19 जून 2022

आईसीटी का उपयोग, यूनेस्को की मान्यता प्राप्त की

आईसीटी का उपयोग, यूनेस्को की मान्यता प्राप्त की

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी/लंदन/पेरिस। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान पीएम ईविद्या नामक एक व्यापक पहल के अंतर्गत आईसीटी का उपयोग करने के लिए यूनेस्को की मान्यता प्राप्त की है। 17 मई, 2020 को शिक्षा मंत्रालय द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के हिस्से के रूप में पीएम ई-विद्या की शुरुआत की गई थी, जो डिजिटल/ऑनलाइन/ऑन-एयर शिक्षा से संबंधित सभी प्रयासों को एकीकृत करता है। ताकि बच्चों को प्रौद्योगिकी का उपयोग करके शिक्षा प्रदान करने और सीखने के नुकसान को कम करने के लिए मल्टी-मोड एक्सेस को सक्षम किया जा सके। केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी), स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (डीओएसईएल), शिक्षा मंत्रालय (एमओई), भारत सरकार के अंतर्गत राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की एक घटक इकाई को यूनेस्को के वर्ष 2021 के लिए शिक्षा में आईसीटी के उपयोग के लिए किंग हमद बिन ईसा अल-खलीफा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

यह पुरस्कार ष्सतत विकास के लिए वर्ष 2030 एजेंडा और शिक्षा पर इसके लक्ष्य 4 के अनुरूप, सभी के लिए शैक्षिक और आजीवन सीखने के अवसरों का विस्तार करने के लिए नई तकनीकों का लाभ उठाने में नवीन दृष्टिकोणों को मान्यता प्रदान करता है। बहरीन साम्राज्य के समर्थन से वर्ष 2005 में स्थापित यह पुरस्कार उन व्यक्तियों और संगठनों को पुरस्कृत करता है जो उत्कृष्ट परियोजनाओं को लागू कर रहे हैं और डिजिटल युग में सीखने, शिक्षण और समग्र शैक्षिक प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकियों के रचनात्मक उपयोग को बढ़ावा दे रहे हैं। एक अंतरराष्ट्रीय निर्णायक मण्डल प्रति वर्ष दो सर्वश्रेष्ठ परियोजनाओं का चयन करती है। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को पेरिस में यूनेस्को मुख्यालय में एक समारोह के दौरान 25,000 अमेरिकी डॉलर, एक पदक और एक डिप्लोमा प्रदान किया जाता है, जो इस वर्ष 24 जून, 2022 को आयोजित किया जाएगा।

सभी के लिए शैक्षिक अवसरों को बढ़ाने, शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और देश में शैक्षिक प्रणाली में समानता लाने के लिए सस्ती प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए और राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए, सीआईईटी, एनसीईआरटी के माध्यम से शिक्षा मंत्रालय बड़ी संख्या में ई-बुक्स, ई-कंटेंट – ऑडियो, वीडियो, इंटरेक्टिव, ऑगमेंटेड रियलिटी कंटेंट, इंडियन साइन लैंग्वेज (आईएसएल) वीडियो, ऑडियोबुक, टॉकिंग बुक्स आदि के डिजाइन, विकास और प्रसार में अथक और सावधानी से काम कर रहा है। स्कूल और शिक्षक शिक्षा के लिए विभिन्न प्रकार के ई-पाठ्यक्रम; ऑनलाइन/ऑफलाइन, ऑन-एयर टेक्नोलॉजी वन क्लास-वन चौनल, दीक्षा, ईपाठशाला, निष्ठा, स्वयं प्लेटफॉर्म पर स्कूल एमओओसी आदि का लाभ उठाकर मुख्य रूप से छात्रों और शिक्षकों के लिए ऑनलाइन क्विज़ जैसे डिजिटल कार्यक्रम आयोजित करना शामिल है।


अवैध खनन करने के आरोप में 4 गिरफ्तार किए

अवैध खनन करने के आरोप में 4 गिरफ्तार किए 

भानु प्रताप उपाध्याय
मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर पुलिस ने सरकारी जमीन से अवैध खनन करने के आरोप में 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को उनके कब्जे से 1.32 लाख कैश भी बरामद हुए। पुलिस ने अवैध खनन करने में प्रयोग किए जा रहे जेसीबी मशीन तथा ट्रैक्टर-ट्राली आदि सीज कर दी। शहर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक आनंद देव मिश्रा ने बताया कि एसएसपी ने क्षेत्र में अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया था। 
बताया कि एसएसपी के आदेश पर उन्होंने क्षेत्र में ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ अभियान चलाया। बताया कि मुखबिर से मिली जानकारी पर गांव बामनहेड़ी में छापेमारी की गई ताे वहां सरकारी भूमि पर अवैध खनन करते 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। जिनसे एक जेसीबी मशीन तथा ट्रैक्टर-ट्राली भी बरामद की गई।
आरोपियों के पास से 1.32 लाख कैश भी बरामद किया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अहसान पुत्र युनुस निवासी ग्राम शेरपुर, खालिद पुत्र रहीस निवासी सरवट तथा कल्लू पुत्र जमील निवासी मिमलाना और इनाम पुत्र युनुस निवासी शेरपुर जिला मुजफ्फरनगर के रूप में हुई है।

भूमिगत मार्गों के समन्वित नेटवर्क का उद्घाटन: पीएम

भूमिगत मार्गों के समन्वित नेटवर्क का उद्घाटन: पीएम

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राजधानी के प्रसिद्ध प्रदर्शनी स्थल प्रगति मैदान इलाके में भूमिगत मार्गों के एक समन्वित नेटवर्क का उद्घाटन किया। इससे पहले पीएम मोदी ने इस टनल का मुआयना भी किया। इस दौरान पीएम ने कहा कि, दशकों पहले भारत की प्रगति को, भारतीयों के सामर्थ्य, भारत के प्रॉडक्ट्स, हमारी संस्कृति को शोकेस करने के लिए प्रगति मैदान का निर्माण हुआ था, लेकिन मैदान की प्रगति काफी पहले से रुकी थी।
इसका प्लान कागज पर दिखाया गया था, लेकिन जमीन पर कुछ नहीं हुआ। अग्निपथ विवाद के बीच पीएम मोदी ने कहा कि, ये आज का नया भारत है। ये भारत समाधान करता है। उन्होंने कहा कि, नए काम करने पर मुसीबत झेलनी पड़ती है।
पीएम मोदी ने प्रगति मैदान से कहा कि, ये तस्वीर बदलने के लिए नहीं किया जा रहा है बल्कि इससे तकदीर भी बदली जा सकती है। दिल्ली में केंद्र सरकार का जोर आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर है. इसका सीधा परिणाम और इसके पीछे का उद्देश्य ईज ऑफ लिविंग पर है। पीएम ने कहा कि, दिल्ली-एनसीआर की समस्याओं के समाधान के लिए बीते 8 सालों में हमने अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। बीते 8 सालों में दिल्ली-एनसीआर में मेट्रो सेवा का दायरा 193 किलोमीटर से करीब 400 किलोमीटर तक पहुंच चुका है।

वरिष्ठ नेताओं ने गांधी को जन्मदिवस पर शुभकामनाएं दी

वरिष्ठ नेताओं ने गांधी को जन्मदिवस पर शुभकामनाएं दी 

अकांशु उपाध्याय/मनोज सिंह ठाकुर 

नई दिल्ली/भोपाल। मध्य-प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनके जन्मदिवस पर शुभकामनाएं दी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने ट्वीट में कहा, ‘सत्य उनकी शक्ति है, संघर्ष उनका बल है। सेवा उनका संकल्प है, निर्भयता उनका स्वभाव है, धैर्य उनका गुण है, नेतृत्व उन्हें सहज-सिद्ध है और भारत के जन-जन का कल्याण उनका सपना है।

देश के प्रति ऐसी महान सोच रखने वाले श्री राहुल गांधी को जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।’ वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा, राहुल गांधी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ। आपके संघर्ष में हम आपके साथ हैं। सत्य की विजय होगी। सत्य ही ईश्वर है।

आईएनसी: जूही ने 'फर्स्ट रनर अप' का खिताब जीता

आईएनसी: जूही ने 'फर्स्ट रनर अप' का खिताब जीता 

सुनील श्रीवास्तव/दुष्यंत टीकम/कविता गर्ग  

वाशिंगटन डीसी/रायपुर/मुंबई। छत्तीसगढ़ के दुर्ग निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर जूही व्यास (31) ने मुंबई में आयोजित एक समारोह में मिसेज इंडिया (आईएनसी) में फर्स्ट रनर अप का खिताब जीता है। यह खिताब उन्होंने मुंबई में हुई (आईएनसी) मिसेज इंडिया कॉम्पिटिशन में जीता। अब जल्द ही वह अमेरिका में होने वाले मिसेज ग्लोबल कांटेस्ट में भारत को रिप्रजेंट करेंगी। जूही कहती हैं कि जमाना बदल चुका है। महिलाओं के खून में दो तरह के डीएनए होते हैं। पहला केयर टेकर और दूसरा मैनेजरल।

हालांकि, जूही इस उपलब्धि से ज्यादा खुश नहीं हैं। वे कहती हैं मैं विनर बनना चाहती थी। जूही ने बताया कि मैंने दो साल पहले इसकी तैयारी की। जब मेरा छोटा बेबी डेढ़ साल का था। कड़ी मेहनत के चलते मैंने 15 से 17 किलो वजन कम किया। ये बहुत कठिन था।

बेरोजगारी के ‘अग्निपथ’ पर चलने के लिए मजबूर किया

बेरोजगारी के ‘अग्निपथ’ पर चलने के लिए मजबूर किया

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। सेना में भर्ती से संबंधित नयी योजना ‘अग्निपथ’ के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों की बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला और कहा कि बार-बार नौकरी की झूठी उम्मीद देकर उन्होंने युवाओं को बेरोजगारी के ‘अग्निपथ’ पर चलने के लिए मजबूर कर दिया है।
गांधी ने यह भी कहा कि आठ साल में 16 करोड़ नौकरियां दी जानी थीं, लेकिन युवाओं को केवल “पकौड़े तलने” का ज्ञान मिला। उन्होंने आज यह बात तब कही जब पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा सहित कांग्रेस के सांसद और शीर्ष नेता अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे युवाओं के प्रति एकजुटता प्रकट करने के लिए जंतर-मंतर पर “सत्याग्रह” पर बैठे हैं।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘बार-बार नौकरी की झूठी उम्मीद देकर प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं को बेरोजगारी के ‘अग्निपथ’ पर चलने के लिए मजबूर कर दिया है।’’ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ”आठ साल में 16 करोड़ नौकरियां दी जानी थीं, लेकिन युवाओं को पकौड़े तलने का ही ज्ञान मिला।” उन्होंने कहा कि देश की इस हालत के लिए केवल प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं।
गांधी ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से रविवार को उनका जन्मदिन नहीं मनाने की अपील की। शनिवार रात नेताओं और कार्यकर्ताओं को भेजे संदेश में गांधी ने कहा कि देश के युवा आक्रोशित हैं तथा सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उनके साथ खड़ा होना चाहिए।केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना के खिलाफ कई राज्यों हो रहे प्रदर्शनों के बीच इस योजना के तहत सेवानिवृत्त होने वाले जवानों के लिए रक्षा मंत्रालय और अर्धसैनिक बलों की नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण सहित कई प्रोत्साहनों की शनिवार को घोषणा की।

कई वर्षों के उच्चतम स्तर पर मुद्रास्फीति की दर

कई वर्षों के उच्चतम स्तर पर मुद्रास्फीति की दर 

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। सामान्य मानसून से बंपर कृषि उत्पादन और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी से महंगाई के मोर्चे पर राहत मिल सकती है, अर्थशास्त्रियों ने यह राय जताई है। खाद्य वस्तुओं और ईंधन के महंगा होने से मुद्रास्फीति की दर कई वर्षों के उच्चतम स्तर पर है। हालांकि, सरकार पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क को और कम करने जैसे राजकोषीय उपायों से भी मुद्रास्फीति को नियंत्रित कर सकती है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि कीमतों को नियंत्रित करने के लिए मौद्रिक नीति पर जोर दिया जाएगा। खुदरा मुद्रास्फीति मई में सालाना आधार पर 7.04 प्रतिशत बढ़ी, जबकि अप्रैल में यह आंकड़ा 7.79 प्रतिशत था। दूसरी ओर थोक मुद्रास्फीति मई में बढ़कर 15.88 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गई। मूल्यवृद्धि का तीन-चौथाई हिस्सा खाद्य पदार्थों से आ रहा है और सामान्य मानसून के चलते इसमें राहत मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक पहले ही प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 0.90 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है और आने वाले समय में इसमें 0.80 प्रतिशत की बढ़ोतरी और हो सकती है।

खाद्य तेल की कीमतों में प्रमुख कंपनियों ने पहले ही कमी की घोषणा की है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के अर्थशास्त्री विश्रुत राणा ने कहा कि वैश्विक स्तर पर जिंस कीमतें मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी के लिए एक प्रमुख प्रेरक कारक हैं और आगे खाद्य कीमतें मानसून पर निर्भर करेंगी। बेहतर मानसून से कृषि उत्पादन बढ़ेगा और कीमतों पर लगाम लगेगी। राणा ने ईमेल पर  बताया, ‘‘कम उत्पाद शुल्क, कम मूल्यवर्धित कर, या कृषि उपज पर प्रत्यक्ष सब्सिडी जैसे कुछ अतिरिक्त नीतिगत विकल्प हैं, लेकिन फिलहाल मौद्रिक नीति पर जोर दिए जाने की संभावना है।

हमें आगे नीतिगत दरों में 0.75 प्रतिशत की और वृद्धि की उम्मीद है।’’ इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के प्रमुख अर्थशास्त्री सुनील सिन्हा ने कहा कि वस्तुओं का शुद्ध आयातक होने के नाते भारत इस मोर्चे पर बहुत कुछ नहीं कर सकता है। हालांकि, प्रभाव को कम करने के लिए आयात शुल्क में कटौती की जा सकती है। हालांकि, इसकी अपनी सीमाएं हैं। डेलॉयट इंडिया के अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि मुद्रास्फीति वैश्विक और घरेलू स्तर पर आपूर्ति श्रृंखला के चलते है। ईवाई इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डी के श्रीवास्तव ने कहा कि आपूर्ति बाधाओं को कम करने के लिए राजकोषीय नीतियां प्रभावी हो सकती हैं।

सरकार को योजना वापस लेने के लिए मजबूर करेंगे

सरकार को योजना वापस लेने के लिए मजबूर करेंगे

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। अग्निपथ योजना को लेकर अब राजनीतिक संग्राम छिड़ा हुआ है। प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी के नेता बड़ी संख्या में दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि युवा देश की सेवा करने के लिए पूरे जीवन भर सेना में भर्ती होना चाहते हैं। लेकिन केंद्र सरकार के गलत फैसले के कारण इस योजना का विरोध हो रहा है। सरकार को इस योजना को वापस लेना चाहिए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से आज उनका जन्मदिन नहीं मनाने की अपील की है।
कांग्रेस के सत्याग्रह में प्रियंका गांधी, सचिन पायलट, दिग्विजय सिंह, केसी वेणुगोपाल, अधीर रंजन चौधरी सहित पार्टी के कई और दिग्गज नेता मौजूद है। इस दौरान पार्टी नेता सचिन पायलट ने कहा कि कोविड के बहाने से आपने 2 साल से भर्तियां रोक रखी थी। 1.25 लाख भर्तियां केवल फौज में खाली है। आप सिर्फ भ्रमित कर लोगों का भविष्य खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। हम सत्याग्रह कर सरकार को यह योजना वापस लेने के लिए मजबूर करेंगे।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि देश की सेवा करने के लिए पूरे जीवन भर सेना में भर्ती होना चाहते हैं। ये जो भी हो रहा है गलत हो रहा है। इस योजना को वापस लेना चाहिए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से रविवार को उनका जन्मदिन नहीं मनाने की अपील की है। राहुल ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से एक संदेश में कहा कि देश के युवा परेशान हैं और सड़कों पर विरोध कर रहे हैं, कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उनके साथ खड़ा होना चाहिए। एक ट्वीट में कांग्रेस नेता ने कहा कि बार-बार नौकरी की झूठी उम्मीद दे कर, प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं को बेरोज़गारी के ‘अग्निपथ’ पर चलने के लिए मजबूर किया है। 8 सालों में, 16 करोड़ नौकरियां देनी थीं मगर युवाओं को मिला सिर्फ़ पकोड़े तलने का ज्ञान। देश की इस हालत के ज़िम्मेदार केवल प्रधानमंत्री हैं।

असम: 3 हजार से अधिक प्रभावित लोगों को बचाया

असम: 3 हजार से अधिक प्रभावित लोगों को बचाया

इकबाल अंसारी  
गुवाहाटी। बाढ़ प्रभावित असम में सेना का बड़े पैमाने पर राहत अभियान जारी है और अब तक तीन हजार से अधिक प्रभावित लोगों को बचाया जा चुका है। एक बयान में कहा गया है कि सेना के जवान असम के होजई, बक्सा, नलबाड़ी, बारपेटा, दरांग, तामूलपुर और कामरूप में बाढ़ राहत अभियान चला रहे हैं। सेना ने बाढ़ राहत कार्यों के लिए असम के विभिन्न स्थानों पर 11 समग्र कॉलम तैनात किए हैं।
बयान में कहा गया,“असम के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश जारी है तथा खतरे के निशान से ऊपर बहने वाली नदियां ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बाढ़ एवं जलजमाव का कारण बन रही हैं। सेना बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद में जुटी हुई है।” असम में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है।
शनिवार को आठ नई मौतों के साथ मरने वालों की संख्या बढ़कर 62 हो गई है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की नवीनतम क्षति रिपोर्ट के अनुसार, कुल 118 राजस्व मंडलों सहित राज्य के 32 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। फसल प्रभावित क्षेत्र 66455.82 हेक्टेयर हैं।
एएसडीएमए ने कहा कि पिछले 24 घंटों में आठ और लोगों की जान चली गई और कुल 62 लोगों की जान चली गई (बाढ़ में 51 और भूस्खलन में 11 लोगों की मौत हुई है)। शनिवार तक सभी प्रभावित क्षेत्रों में 514 राहत शिविर और 302 राहत वितरण केंद्र खोले जा चुके हैं।

युवाओं से अपना प्रदर्शन वापस लेने का अनुरोध

युवाओं से अपना प्रदर्शन वापस लेने का अनुरोध

इकबाल अंसारी
तिरुवनंतपुरम। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने रविवार को कहा कि अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे युवा, उन्हें इससे (योजना से) होने वाले लाभों और सशस्त्र बलों से अनजान हैं। साथ ही, उन्होंने युवाओं से अपना प्रदर्शन वापस लेने का अनुरोध किया। मुरलीधरन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि थलसेना, नौसेना और वायुसेना में चार साल के अल्पकालिक अनुबंध के आधार पर साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं की भर्ती की योजना को लेकर उन्हें (युवाओं को) आशंकित होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि युवा इसके बारे में जाने बिना इसका विरोध कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जहां तक युवाओं के भविष्य, सशस्त्र बलों के कल्याण और राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल है, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इससे समझौता नहीं किया है। उन्होंने इस योजना का विरोध कर रहे युवाओं से प्रदर्शन वापस लेने का आग्रह किया। मुरलीधरन का यह बयान केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा मोदी से इस योजना को स्थगित करने का आग्रह करने के एक दिन बाद आया है। विजयन ने कहा था कि इस योजना का विरोध होना भारत के युवाओं की भावनाओं का स्पष्ट संकेत है।

सांप्रदायिक तनाव: फिक्स्ड-लाइन इंटरनेट सेवाएं बहाल

सांप्रदायिक तनाव: फिक्स्ड-लाइन इंटरनेट सेवाएं बहाल

इकबाल अंसारी
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के भद्रवाह शहर में सांप्रदायिक तनाव के बाद पिछले 10 दिनों से निलंबित फिक्स्ड-लाइन इंटरनेट सेवाएं रविवार को बहाल कर दी गईं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कस्बे में लगातार दूसरे दिन सुबह सात बजे से 12 घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई, क्योंकि पिछले 24 घंटों के दौरान कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है और कुल मिलाकर स्थिति सामान्य एवं काफी हद तक शांतिपूर्ण रही।
अधिकारियों ने बताया कि मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने के बाद, जिला प्रशासन ने सुबह 11 बजे से ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं बहाल करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को फिर से शुरू करने का निर्णय दिन में बाद में लिया जाएगा। हाल ही में हटाई गई भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई कथित विवादित टिप्पणी को लेकर हुए प्रदर्शन और स्थानीय दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं द्वारा शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट डालने से उत्पन्न सांप्रदायिक तनाव के बाद भद्रवाह शहर में नौ जून को कर्फ्यू लगा दिया गया था।
शहर में पहली बार 15 जून को दो घंटे, 16 जून को दो चरणों में पांच घंटे, 17 जून को चार घंटे और 18 जून को 12 घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई और यह अवधि शांतिपूर्वक बीत गई। अधिकारियों ने बताया कि शहर में शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों के साथ पुलिस बल को तैनात किया गया है। इस बीच, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (भद्रवाह) दिल मीर ने एक परामर्श जारी किया, जिसमें इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को सोशल मीडिया पर ‘आपत्तिजनक सामग्री’ साझा करने के लिए कानून की संबंधित धाराओं के अनुसार कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई।

गाड़ी की बेवजह चेकिंग नहीं कर सकेगी, ट्रैफिक पुलिस

गाड़ी की बेवजह चेकिंग नहीं कर सकेगी, ट्रैफिक पुलिस

कविता गर्ग 

मुंबई। मुंबईवासियों के लिए बड़ी खबर है। अब ट्रैफिक पुलिस उनकी गाड़ी की बेवजह चेकिंग नहीं कर सकेगी। दरअसल, बीते दिनों तत्कालीन कमिश्नर ऑफ पुलिस ने एक सर्कुलर ट्रैफिक डिपार्टमेंट को जारी किया। जिसके अनुसार अब आपके वाहन बिना वजह नहीं रोकी जाएगी। नए नियम के अनुसार ट्रैफिक पुलिस वाले गाड़ियों की जांच नहीं करेंगे। जहां चेक नाका है, वहां ट्रैफिक मॉनिटरिंग की जाएगी। किसी वाहन चालक को तभी रोका जाएगा, तब उससे ट्रैफिक की स्पीड पर असर पड़ रहा हो।

दरअसल ट्रैफिक पुलिस सिर्फ शक के आधार पर गाड़ियों को रोककर उनकी जांच करने लगते हैं। जिससे सड़क पर यातायात प्रभावित होता है। सभी ट्रैफिक पुलिस को वाहनों की जांच करने से रोकने के लिए कहा गया है। इसके रोड पर ट्रैफिक बढ़ जाता है। उन्हें आवाजाही पर निगरानी रखने को प्राथमिकता देने के लिए कहा गया है। सर्कुलर के अनुसार यदि मोटर चालक नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। तब उन्हें पुलिस मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्रवाई कर सकती है।ट्रेफिक और स्थानीय पुलिसकर्मी संयुक्त नाकाबंदी के दौरान यातायात पुलिस सिर्फ उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई करेगी। गाड़ियों की जांच नहीं करेगी। यदि निर्देशों का पालन नहीं किया जाता है, तो संबंधित यातायात चौकी के सीनियर निरीक्षक जिम्मेदार होगा। ट्रैफिक पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार यातायात पुलिस को संदेह के आधार पर वाहनों की जांच नहीं करनी चाहिए और न रोकना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमारे जवान पहले की तरह ट्रैफिक अपराधों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखेंगे। वह उल्लंघन करने वालों को रोका जाएगा।

100 से ज्यादा सिख-हिंदुओं को ई-वीजा जारी किया

100 से ज्यादा सिख-हिंदुओं को ई-वीजा जारी किया

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय
नई दिल्ली/काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुद्वारे पर हमले के बाद भारत सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए 100 से ज्यादा सिख-हिंदुओं को ई-वीजा जारी किया है। अफगान सिखों की शऱण की गुहार के बाद भारत ने यह कदम उठाया है। भारत सरकार की ओर से जारी किए गए ई-वीजा को ऑनलाइन आवेदन के जरिए भी हासिल किया जा सकता है। इससे पहले गृह मंत्रालय की तरफ से पिछले साल 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर तालिबानियों के कब्जे के वक्त भी ई-वीजा जारी किया गया था। बता दें कि शनिवार को हुए इस हमले में एक सिख सहित दो लोगों की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए। यह हमला तब हुआ, जब बंदूकधारियों ने एक हथगोला फेंका जिससे गुरुद्वारे के गेट के पास आग लग गई। 
हालांकि, अफगान सुरक्षाकर्मियों ने विस्फोटक लदे एक गाड़ी को गुरुद्वारे में एंट्री करने से रोककर एक अन्य बड़ी घटना को टाल दिया।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने हमले के बाद कहा कि काबुल में गुरुद्वारे पर हमले की खबरों से बहुत चिंतित हैं। विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर ने कहा है कि गुरुद्वारा कार्ते परवान पर हुए कायरतापूर्ण हमले की सभी को कड़े शब्दों में निंदा करनी चाहिए। हमले की खबर मिलने के बाद से हम घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहे हैं। हमारी पहली और सबसे महत्वपूर्ण चिंता समुदाय के कल्याण के लिए है। गौरतलब है कि काबुल के एक गुरुदारे में मार्च 2020 में हुए आत्मघाती हमले में कम से कम 25 सिख मारे गए थे और आठ अन्य लोग घायल हुए थे। यह हमला अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक सिख समुदाय पर हुए सबसे घातक हमलों में से एक था। शोर बाजार इलाके में हुए इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट ने ली थी।

गूगल ने 'फादर्स डे' के मौके पर खास डूडल बनाया

गूगल ने 'फादर्स डे' के मौके पर खास डूडल बनाया 

सुनील श्रीवास्तव/अकांशु उपाध्याय 
वाशिंगटन डीसी/नई दिल्ली। भारतीय घरों में पिता की छवि ऐसी मानी जाती है कि पापा हमेशा सख्त रहते हैं, डांटते हैं। यही वजह है कि लड़का हो या लड़की अधिकतर बच्चे अपनी मां से हर बात शेयर कर लेते हैं, लेकिन पिता से कहने में डरते हैं या हिम्मत नहीं कर पाते। हालांकि, ऐसा नहीं है कि पिता बच्चों को प्यार नहीं करते।
बच्चे जब धीरे-धीरे बड़े होते हैं और उन्हें जिम्मेदारियों की समझ होने लगती है, तो अहसास होता है कि पिता क्या होता है और पिता की क्या भूमिका होती है। पिता के प्रेम, त्याग को सम्मान देने के लिए दुनिया के तमाम देशों में फादर्स डे मनाया जाता है। पिता को स्पेशल फील कराने के लिए हर साल जून महीने के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाया जाता है। सर्च इंजन गूगल ने पिछले साल की तरह, इस साल भी फादर्स डे के मौके पर आज, 19 जून 2022 को एक खास डूडल बनाया है। फादर्स डे पर गूगल के डूडल में छोटे और बड़े हाथ दिखाई दे रहे हैं। पापा को समर्पित फादर्स डे के डूडल में साफ दिखाई दे रहा है कि बच्चा किस तरह से पिता की छवि बनता है।

आइए जानते हैं कि फादर्स डे मनाने की शुरुआत कब और कैसे हुई ?

फादर्स डे मनाने की शुरुआत 1910 से हुई थी। माना जाता है कि वॉशिंगटन के स्पोकन शहर में रहने वाली लड़की सोनोरा डॉड ने फादर्स डे की शुरुआत की थी। सोनोरा की मां के निधन के बाद पिता ने ही अकेले उनकी परवरिश की। पिता ने एक मां की तरह बेटी को प्यार दिया तो एक पिता की तरह सुरक्षा की। सोनोरा के पिता उन्हें कभी मां की कमी का अहसास नहीं होने देते थे। सोनोरा के मन में ख्याल आया कि जब मां के मातृत्व को समर्पित मदर्स डे मनाया जा सकता है तो फिर पिता के प्रेम और स्नेह के सम्मान में फादर्स डे भी मनाना चाहिए।
सोनोरा के पिता का जन्मदिन जून में होता था। इसलिए उन्होंने जून में फादर्स डे मनाने की मांग को लेकर याचिका दायर की। जिसे मान लिया गया और 19 जून 1910 को पहली बार फादर्स डे मनाया गया। इसके बाद साल 1916 में अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने फादर्स डे मनाने के प्रस्ताव को भी स्वीकार किया। साल 1924 में राष्ट्रपति कैल्विन कूलिज ने फादर्स डे को राष्ट्रीय आयोजन घोषित कर दिया। बाद में 1966 में राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने फादर्स डे को जून के तीसरे रविवार को मनाने का ऐलान किया।

प्लेन में आग लगने की वजह से इमरजेंसी लैंडिंग कराई

प्लेन में आग लगने की वजह से इमरजेंसी लैंडिंग कराई

अविनाश श्रीवास्तव  
पटना। बिहार के पटना में रविवार को एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। दरअसल, पटना में स्पाइसजेट के प्लेन की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई है। जानकारी के मुताबिक, प्लेन में आग लगने की वजह से इसकी इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई है। बता दें दिल्ली जा रहे इस विमान को पटना एयरपोर्ट पर लैंड कराया गया है। इस विमान में 185 लोग सवार थे। अबत क की रिपोर्ट के अनुसार विमान में सवार सभी यात्री सुरक्षित हैं। अधिकारियों के मुताबिक, सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
जानकारी के मुताबिक, विमान के उड़ान भरते समय इंजन में आग लग गई। मौके पर फायर ब्रिगेड और दमकल की गाड़ियों को बुला लिया गया है। जानकारी के मुताबिक ये विमान पटना के जयप्रकाश इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 12 बजतक 10 मिनट पर उड़ा था। टेक ऑफ के कुछ ही मिनट के बाद इस विमान के एक पंखे में आग  लग गई।
हैरानी की बात ये है कि इस विमान के पंखे में लगी आग को नीचे से लोगों ने देखा। लोगों ने देखा कि विमान के एक पंखे से आग का लपटें निकल रही थी। लोगों ने इस घटना की सूचना तत्काल पटना पुलिस को दी। इसके बाद इस घटना की सूचना एयरपोर्ट को दी गई। फिर इस विमान को वापस लाया गया।

8,000 प्राचीन टॉड और मेंढक की हड्डियां मिलीं

8,000 प्राचीन टॉड और मेंढक की हड्डियां मिलीं 

सुनील श्रीवास्तव  
लंदन। ब्रिटेन में कैम्ब्रिज के पास वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसा देखा, जिसे देखकर वे हैरान रह गए। बार हिल पर एक सड़क के किनारे खुदाई के दौरान, वैज्ञानिकों को 8,000 प्राचीन टॉड और मेंढक की हड्डियां मिलीं हैं। 2016-2018 के बीच, लौह युग  में बने एक घर के पास ये खुदाई हुई थी। इस दौरान 14-मीटर लंबी यानी कुछ 6 फुट गहरे गड्ढे में हड्डियां मिली थीं। वैज्ञानिकों को मेंढकों के इस कब्रगाह तक पहुंचने के लिए एक मीटर की टॉप सॉइल और सब सॉइल‌ खोदनी पड़ी थी। एक ही जगह पर इतने सारे अवशेषों का मिलना असामान्य और असाधारण खोज है। साथ ही वैज्ञानिक अब तक ये समझ नहीं पाए हैं कि ये सब गड्ढे में पहुंचे कैसे ?

लंदन पुरातत्व संग्रहालय का वरिष्ठ पुरातत्वविद् विकी इवेन्स का कहना है कि लंदन में इतनी साइटों पर काम करते हुए, हमें इतने मेंढक कहीं नहीं मिले। एक गड्ढे से इतनी सारी हड्डियों का मिलना हैरान करता है‌। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये हड्डियां ज्यादातर मेंढक और टोड की सामान्य प्रजाति से हैं, जो पूरे देश में पाई जाती हैं। इसमें पोखर में पाए जाने वाले मेंढक के अवशेष भी हैं, जो हौरान करने वाले हैं। बात करें तो ऐसे प्रमाण पाए गए हैं जो ये बताते हैं कि तब लोग मेंढक खाया करते थे। हालांकि, गड्ढे में मिली हड्डियों पर किसी तरह का न तो कोई कट है न ही जलने का निशान। इसलिए यह भी नहीं कहा जा सकता कि लोगों ने इन मेंढकों को खाया था। हालांकि, अगर मेंढकों को उबाला भी गया होता, तो भी इसके निशान मिलते। जहां से ये अवशेष मिले हैं, वहां से जले हुए अनाज के प्रमाण मिले थे, जिससे पता चलता है कि लोग फसल को प्रोसेस करते थे। फसलों की वजह से दूसरे कीट वहीं आते होंगे और उन्हें खाने के लिए मेंढक वहां आए होंगे। प्रागैतिहासिक काल में मेंढकों के साथ हुई इस त्रासदी के पीछे एक और थ्योरी दी जाती है।वह ये कि मेंढक प्रजनन क्षेत्रों की तलाश में वसंत में इस इलाके में आए होंगे और गड्ढे में गिरकर फंस गए होंगे। ये भी कहा जा रहा है कि हो सकता है कड़ाके की ठंड ने इन मेंढकों की जान ली होगी। एक थ्योरी यह भी है कि ऐसा मेंढकों में किसी बीमारी की वजह से हुआ होगा। ब्रिटेन में 1980 के दशक में रानावायरस ने मेंढकों की आबादी को खत्म कर दिया था। इस वायरस से मेंढक इतने प्रभावित हुए कि रोग की निगरानी और रिपोर्ट करने के लिए फ्रॉग मेर्टैलिटी प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। रानावायरस ऐसे वायरस हैं, जो कुछ मछलियों और सरीसृपों की बड़ी संख्या को प्रभावित करते हैं। 

विकी इवेन्स का कहना है कि यह एक हैरान करने वाली खोज है, जिसे हम अब भी समझने की कोशिश कर रहे हैं। मेंढक के अवशेषों के एक साथ होने के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं। आने वाले समय में हम यह भी जान जाएंगे। लेकिन अभी हमें नहीं पता कि ऐसा क्यों था। साइट पर केवल मेंढक की हड्डियां ही नहीं पाई गई थीं, बल्कि कलाकृतियों के साथ-साथ इंसानों और जानवरों के अवशेष भी मिले थे। नमूनों पर अब भी काम किया जा रहा है।उम्मीद है कि यह रहस्य जल्दी सुलझेगा।

3 दिवसीय जैविक विज्ञान में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन कराया

3 दिवसीय जैविक विज्ञान में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन कराया

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव/अमित शर्मा   

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी/गुरुग्राम। सोसाइटी ऑफ एकेडमिक रिसर्च फॉर रूरल डवेलपमेन्ट, एस.जी.टी. विश्वविद्यालय, गुरुग्राम एवं आ.सी.ए.आर. सेन्ट्रल सोईल सैलिनीटी रिसर्च इन्स्टीयूट द्वारा संयुक्त रूप से 3 दिवसीय जैविक विज्ञान में हालिया प्रगति पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन कराया गया। तीन दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन में देश एवं विदेशों से छात्रों, शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों एवं विभिन्न संस्थानों के प्रमुखों ने भाग लिया। 
उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आई.सी.ए.आर. के अतिरिक्त महानिदेशक (बीज) डॉ. डी. के. यादव एवं अन्तराष्ट्रीय अतिथि के रूप में अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय खरपतवार संस्था के अध्यक्ष डॉ. समुन्दर सिंह, डीन फैक्लटी आफ एग्रीकल्चर सांईसेस एस.जी.टी. विश्वविद्यालय, गुरूग्राम के डॉ. अशोक कुमार, तथा सोसाईटी के अध्यक्ष डॉ. नितिन तनवर एवं मुख्य कार्यकर्ता डॉ. हिना, डॉ. नितिन गोयल, डॉ. मनीष वर्मा, डॉ. वी. रवि, डॉ. कैलाश कुमार, डॉ. ललित कुमार, डॉ. प्रवीन, डॉ. दीपांकर, सहित भारत के विभिन्न शैक्षिणिक एवं शोध संस्थानों से आये प्रसिद्ध विद्वानों ने सिरकत की एवं अपने-अपने विचार रखें। सी.सी.एस.एच.ए.यू. विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त डा. बी. के. हूड्डा ने बायोलॉजिकल रिसर्च में सांख्यिकी के महत्व पर व्याख्यान दिया। सम्मेलन में कृषि विज्ञान में उत्कृष्ट कार्यों के लिए डॉ. सौरव शर्मा युवा वैज्ञानिक के रूप में एवं भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के शोध छात्र डॉ. नीरज को यंग रिर्सचर अवार्ड से सम्मानित किया गया। डॉ. नीरज ने नैनो सिल्वर के दुष्प्रभाव पर शोध किया है। कार्यक्रम समापन के दौरान मुख्य आयोजक डॉ. नितिन तनवर ने कार्यक्रम में आये सभी अतिथियों का आभार व्यक्त कर धन्यवाद दिया।

युवाओं के जीवन व महत्वाकांक्षाओं से खिलवाड़, गलत

युवाओं के जीवन व महत्वाकांक्षाओं से खिलवाड़, गलत

कविता गर्ग  

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना को लेकर केंद्र पर रविवार को प्रहार किया और कहा कि देश के युवाओं के जीवन और महत्वाकांक्षाओं से खिलवाड़ करना गलत है। शिवसेना के 56वें स्थापना दिवस पर पार्टी के विधायकों और वरिष्ठ नेताओं को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि यदि युवाओं के पास नौकरी नहीं होगी तो केवल भगवान राम के बारे में बात करने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र के कुछ कृषि कानूनों के खिलाफ पहले किसान सड़कों पर उतरे थे। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आपको सिर्फ वही आश्वासन देना चाहिए, जो आप पूरा कर सकते हैं।’ 

ठाकरे ने सवाल किया, ‘‘योजनाओं को अग्निपथ और अग्निवीर नाम क्यों दिया गया? 17 से 21 साल तक के युवा चार वर्षों बाद क्या करेंगे?’’ शिवसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘संविदा पर सैनिक रखना खतरनाक है और युवाओं के जीवन एवं महत्वाकांक्षाओं से खिलवाड़ करना गलत है। यदि युवाओं के पास नौकरी नहीं होगी तो केवल भगवान राम के बारे में बात करने का कोई मतलब नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के खिलाफ देश के कुछ हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन होने के बावजूद महाराष्ट्र शांत है। ठाकरे ने कहा, ‘‘आज मेरा दिन हो सकता है, कल कोई और बेहतर विकल्प के तौर पर उभरेगा।’’

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  

1. अंक-254, (वर्ष-05)
2. सोमवार, जून 20, 2022
3. शक-1944, आषाढ़, कृष्ण-पक्ष, तिथि-सप्तमी, विक्रमी सवंत-2079।
4. सूर्योदय प्रातः 05:22, सूर्यास्त: 07:15।
5. न्‍यूनतम तापमान- 26 डी.सै., अधिकतम-34+ डी.सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
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