नई दिल्ली/ बीजिंग। भारत और चीन के बीच 12 वें दौर की उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता शनिवार को होगी। जिसमें पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने पर कुछ प्रगति हासिल करने पर जोर रहेगा। सैन्य प्रतिष्ठान सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोर कमांडरों की वार्ता का यह दौर पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा से चीन की ओर मोल्डो सीमा बिंदु पर पूर्वाह्न साढ़े 10 बजे शुरू होने का कार्यक्रम है। सूत्रों ने बताया कि वार्ता में मुख्य जोर हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा में लंबित समस्याओं का समाधान करने पर होगा। साढ़े तीन महीने से अधिक समय के अंतराल के बाद 12 वें दौर की वार्ता होने वाली है। उल्लेखनीय है कि 11वें दौर की वार्ता नौ अप्रैल को एलएसी से भारतीय सीमा की ओर चुशुल सीमा बिंदु पर हुई थी। पिछले साल मई के बाद से पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कई स्थानों पर दोनों देशों के बीच सैन्य गतिरोध बना हुआ है।
दोनों पक्षों ने सिलसिलेवार सैन्य एवं कूटनीतिक वार्ता के बाद पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिणी किनारों से सैनिकों और हथियारों को हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। हालांकि, टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को हटाने की कोई गतिविधि होती नहीं दिखी है क्योंकि चीनी पक्ष ने 11 वें दौर की सैन्य वार्ता में इस पर अपनी नरमी प्रदर्शित नहीं की थी। दोनों देशों की सेनाओं के बीच जो डिसइंगेजमेंट करार हुआ। उसके तहत दोनों देशों की सेनाओं ने पैंगोंग त्सो लेक के उत्तर यानी फिंगर एरिया और दक्षिण में कैलाश हिल रेंज को पूरी तरह से खाली कर अपनी-अपनी सेनाओं को पीछे भेज दिया था। पहले चरण के डिसइंगेजमेंट के बाद भी पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर कई ऐसे विवादित इलाके थे, जहां दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव बना हुआ था। गोगरा और हॉट स्प्रिंग भी इन्हीं विवादित इलाकों का हिस्सा रहे हैं।