बुधवार, 18 मई 2022
6 वर्षीय बच्चे के साथ कुकर्म करने का मामला
अनावश्यक मुनाफाखोरी पर तत्काल रोक, मांग
समस्त सुविधाएं सुनिश्चित कराने के निर्देश: डीएम
समस्त सुविधाएं सुनिश्चित कराने के निर्देश: डीएम
भानु प्रताप उपाध्याय
मुजफ्फरनगर। डीएम चंद्र भूषण सिंह ने 37 बिंदु पर समीक्षा करते हुए स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी आयुष्मान भारत, परिवार नियोजन, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। उन्होंने समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की साफ-सफाई सहित समस्त सुविधाएं सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। कलक्ट्रेट सभाकक्ष में हुई बैठक में डीएम ने जिला कृषि अधिकारी से किसान सम्मान निधि, फसल बीमा, खाद-बीज की उपलब्धता के बारे में पूछता। संतोषजनक जवाब न देने पर नाराजगी जताई। मुख्य पशुचिकित्साधिकारी को निर्देश दिये कि जितने भी गौआश्रय स्थल हैं, उनमें सभी जानवरों की इयर टैगिंग कराई जाए। गोशालाओं में भूसा, चारा, पानी की समस्या नहीं होनी चाहिए। एक भी पशु बेसहारा नहीं घूमना चाहिए।
अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़
अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़
भानु प्रताप उपाध्याय
मुजफ्फरनगर। जनपद की पुलिस ने सूचना मिलने पर एक अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए अवैध हथियारों का जख़ीरा बरामद किया है। जहां मौके से पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ़्तार किया है तो वही इस फैक्ट्री से पुलिस ने 5 पिस्टल 2 तमंचे कारतूस और भारी मात्रा में अधबने हथियार और हथियार बनाने के उपकरण भी बरामद किये है। शाहपुर थाना पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर बसी नहर किनारे स्थित एक खंडहर पर छापेमारी करते हुए एक अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है।
मिशन इंफॉर्मेशन द्वारा 16 जोड़े की शादी संपन्न
प्रयागराज: खंभे से बांधकर, युवक की पिटाई
पूछताछ के दौरान वह अपना नाम तौकीर बता रहा है। बताया जा रहा है कि रानीमंडी के बंद घर से तौकीर सरिया चोरी कर रहा था, तभी स्थानीय लोगों ने उसे पकड़ लिया। गौरतलब है कि अतरसुईया, खुल्दाबाद, मीरापुर आदि एरिया में नशे की लत में पड़कर युवा छोटी-मोटी चोरी कर रहे हैं। कभी-कभी युवक को लोगों के द्वारा पकड़ा भी गया, पर परिवार वालों की गुजारिश पर लोगों ने ऐसे युवकों को पुलिस के हवाले नहीं किया है।
अमृत महोत्सव 'संपादकीय'
हत्या की आरोपी मुखर्जी की जमानत याचिका मंजूर
मेहनत की कमाई पर महंगाई की मार, तीखा हमला
मेहनत की कमाई पर महंगाई की मार, तीखा हमला
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने महंगाई को लेकर सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि उसकी कोई आर्थिक नीति नहीं है। जिसके कारण आम जनता की मेहनत की कमाई पर महंगाई की मार पड़ रही है। वाड्रा ने ट्वीट कर कहा “आपकी पाई-पाई जोड़कर बनाई गई मेहनत की कमाई पर महंगाई की मार है।
भाजपा सरकार की एक भी आर्थिक नीति ऐसी नहीं है। जिससे मिडिल क्लास, गरीब तबके की आमदनी ज्यादा हो सके और खर्च कम। मिडिल क्लास तथा गरीब तबके के लोगों को यह डर सता रहा है कि कहीं उनको दैनिक खर्च चलाने के लिए कर्ज न लेना पड़े।” बाद में कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं के दाम बहुत बढ़ गये हैं।
बैजल ने उप-राज्यपाल के पद से इस्तीफा दिया
ऐसी ही परिस्थिति में तत्कालीन उप-राज्यपाल नजीब जंग ने इस्तीफा दे दिया था। तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 28 दिसंबर 2016 को नजीब जंग का इस्तीफा स्वीकार किया था और तीसरे दिन 31 दिसंबर को अनिल बैजल दिल्ली के 20वें उप-राज्यपाल बनाए गए थे। वो 1969 बैच के आईएएस ऑफिसर हैं, जो दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्होंने प्रसार भारती और इंडियन एयरलाइंस जैसी सरकारी कंपनियों के शीर्ष पदों पर भी रहे थे। वर्ष 2004 में जब कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की सरकार केंद्र में बनी तब बैजल केंद्रीय गृह मंत्रालय के सचिव थे। हालांकि, नई सरकार ने उन्हें इस पद से मुक्त कर दिया था।
सरकार में चल रहें भ्रष्टाचार व महंगाई की बात करें
सरकार में चल रहें भ्रष्टाचार व महंगाई की बात करें
कविता गर्ग
पुणे। इंडिया अगेंस्ट करप्शन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हेमंत पाटिल ने बुधवार को कहा कि अन्ना हजारे स्वयं को समाज सुधारक कहते हैं तो वह उन्हें चुनौती देते हैं कि अन्ना केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार में चल रहे भ्रष्टाचार और देश में महंगाई की बात करें। भ्रष्टाचार विरोधी योद्धा ‘अन्ना’ पर तीखे हमले करते हुए श्री पाटिल ने कहा कि अन्ना हजारे केवल भाजपा की कठपुतली बन गए हैं और लोग अब उन्हें धमकाने के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, अन्ना ने गलत समझा है कि वह देश के दूसरे गांधी हैं। वह महाराष्ट्र में लोकपाल की नियुक्ति के लिए राजनीतिक उद्देश्यों की खातिर आंदोलन करने की धमकी दे रहे हैं।
उन्होंने प्रश्न करते हुए कहा कि जब दिल्ली में पूरे देश के किसान न्याय के लिए अपने जीवन का बलिदान दे रहे थे, तब 'स्वघोषित गांधी' चुप क्यों थे ? उन्होंने कहा कि अन्ना ने किसान आंदोलन के समर्थन में अपनी उपस्थिति की घोषणा की थी। हालांकि, जब मोदी सरकार ने अन्ना के सामने झुकने के लिए फडनवीस की एक टीम भेजी, तो अन्ना ने अपना मन बदल लिया। भाजपा के विपक्ष में होने पर ही अन्ना को आंदोलन करने की ताकत मिलती है। इस बल के पीछे के राजनीतिक उद्देश्यों से हर कोई वाकिफ है।उन्होंने कहा कि अन्ना हजारे के शांतिपूर्ण और बिना पक्षपात के आंदोलन से उन्हें कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने कहा कि हिंद स्वराज्य ट्रस्ट के ट्रस्टी रहते हुए अन्ना ने अपने जन्मदिन पर ट्रस्ट फंड से एक लाख रुपये से अधिक खर्च किए थे।
कर्मचारियों के राशन कार्ड को रद्द करने का निर्णय
कर्मचारियों के राशन कार्ड को रद्द करने का निर्णय
अविनाश श्रीवास्तव
पटना। बिहार सरकार ने सरकारी कार्यालयों में कार्यरत 10 हजार रुपये और उससे अधिक आय वर्ग वाले कर्मचारियों के राशन कार्ड को रद्द करने का निर्णय लिया है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यहां बताया कि सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों के तहत योग्य नहीं पाए जाने वालों के राशन कार्ड रद्द करने का निर्देश दिया है। साथ ही विभिन्न सरकारी कार्यालयों में अनुबंध के आधार पर काम करने वाले और मानदंड को पूरा नहीं करने वाले कर्मचारियों के राशन कार्ड भी रद्द कर दिए जाएंगे।
इस निर्णय को 31 मई 2022 तक क्रियान्वित किया जाना है, जिसके लिए राज्य भर में विशेष अभियान चलाने का निर्देश जारी किया गया है। खाद्य विभाग के सचिव विनय कुमार ने कहा कि इस संबंध में जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मानदंड के दायरे में नहीं आने वालों को राशन कार्ड वापस करने को कहा गया है। जिलाधिकारियों को भी इस्तेमाल नहीं किये जा रहे राशन कार्डों को तत्काल निरस्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
राजनीति: भाजपा पर मायावती का करारा हमला
मायावती ने कहा, “देश में बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी और आसमान छूती महंगाई जैसे मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए बीजेपी और उसके सहयोगी संगठन खासतौर पर धार्मिक स्थलों को निशाना बना रहे हैं और यह बात किसी से छिपी नहीं है।
“यह स्थिति कभी भी खराब कर सकती है। स्वतंत्रता के वर्षों बाद जिस तरह से लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काया जा रहा है, ज्ञानवापी, मथुरा, ताजमहल और अन्य स्थानों की आड़ में एक साजिश के तहत, देश को मजबूत नहीं करेगा बल्कि मजबूत करेगा। केवल इसे कमजोर करें। भाजपा को इस पर ध्यान देने की जरूरत है।”
मायावती ने यह भी आरोप लगाया कि एक के बाद एक धर्म विशेष से जुड़े स्थानों के नाम बदले जा रहे हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट के 9 न्यायाधीशों ने शपथ ग्रहण की
दिल्ली हाईकोर्ट के 9 न्यायाधीशों ने शपथ ग्रहण की
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय के 9 न्यायाधीशों ने बुधवार को पद की शपथ लीं। इसके साथ ही उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की कुल संख्या-44 हो गई। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी ने न्यायमूर्ति तारा वितास्ता गंजू, न्यायमूर्ति मिनी पुष्करण, न्यायमूर्ति विकास महाजन, न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला, न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा, न्यायमूर्ति सचिन दत्ता, न्यायमूर्ति अमित महाजन, न्यायमूर्ति गौरांग कंठ और न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी को शपथ दिलाई। केंद्र सरकार ने इन नए न्यायाधीशों की नियुक्ति की अधिसूचना 13 मई को जारी की थी।
मुख्य न्यायाधीश की अदालत में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया तथा इस मौके पर उच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीश, वकील और नवनियुक्त न्यायाधीशों के परिजन उपस्थित थे। उच्चतम न्यायालय के कोलेजियम ने न्यायमूर्ति गंजू और न्यायमूर्ति पुष्करण को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त करने को अगस्त 2020 में मंजूरी दी थी। दिल्ली उच्च न्यायालय में अब न्यायाधीशों की कुल संख्या 44 हो गई है, जिसमें 12 महिला न्यायाधीश हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 60 है।
सीएम को किसानों से पंगा नहीं लेना चाहिए: सिद्धू
सीएम को किसानों से पंगा नहीं लेना चाहिए: सिद्धू
अमित शर्मा
चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को कहा, कि मुख्यमंत्री भगवंत मान काे किसानों से पंगा नहीं लेना चाहिए और जहां तक ‘मुर्दाबाद‘ के नारों की बात है, सुनने की आदत डाल लें क्योंकि विपक्ष में वह खुद हमेशा ‘मुर्दाबाद’ के नारे लगाते रहे हैं। मुख्यमंत्री ने किसानों के आंदोलन को ‘अनुचित’ और ‘अवांछनीय’ करार देते हुए पंजाब में पानी के गिरते स्तर एवं पर्यावरण को बचाने में प्रदेश की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार से सहयोग की अपील वाला बयान जारी किया था।
इसी बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सिद्धू ने ट्वीट की एक श्रृंखला में कहा कि वह बासमती और मूंग पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा का स्वागत करते हैं और मंत्रिमंडल की बैठक बुलाने और इसे अधिसूचित करने की मांग करते हैं, ताकि किसानों को विश्वास हो। उन्होंने कहा कि जहां तक ‘मुर्दाबाद’ की बात है तो मान खुद विपक्ष में जिंदगी भर ‘मुर्दाबाद’ के नारे लगाते रहे हैं, अत: उन्हें ‘अन्नदाता’ को सुनने की आदत डालनी चाहिए।
500 मिलियन डॉलर की सैन्य सहायता देने पर विचार
500 मिलियन डॉलर की सैन्य सहायता देने पर विचार
अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। भारत की रूस पर हथियारों के लिए निर्भरता कम करने की दिशा में अमेरिका एक बड़ा कदम उठा सकता है। वह भारत को 500 मिलियन डॉलर, यानी लगभग 3800 करोड़ रुपये की सैन्य सहायता देने पर विचार कर रहा है। घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से ब्लूमबर्ग ने बताया कि इतनी मोटी रकम देने के पीछे अमेरिकी की मंशा भारत के साथ अपने रक्षा संबंधों को मजबूत बनाना भी है। अगर भारत को ये रकम मिलती है, तो वह इजरायल और इजिप्ट के बाद अमेरिका से सबसे बड़ी सैन्य सहायता पाने वाला देश बन जाएगा। ये घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है, जब भारत अमेरिका की कथित नाराजगी को नजरअंदाज रूसी मिसाइल डिफेंस सिस्टम एस-400 को तैनात करने जा रहा है।
ब्लूमबर्ग ने अमेरिका के एक सीनियर अधिकारी के हवाले से बताया कि इस कवायद के पीछे अमेरिका का मकसद भारत की हथियारों के लिए रूस पर निर्भरता कम करना चाहता है। भारत दुनिया में रूसी हथियारों का सबसे बड़ा खरीदार है। दुनिया में हथियारों की खरीद-फरोख्त पर नजर रखने वाली संस्था स्टॉकहोम इंटरनैशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक दशक में उसने रूस से 25 अरब डॉलर के सैन्य साजोसामान खरीदे हैं। जबकि अमेरिका से 4 अरब डॉलर के हथियार ही भारत ने खरीदे। पड़ोसी चीन और पाकिस्तान से खतरे को देखते हुए हथियार खरीदना भारत की मजबूरी है। भारत ने रूस से हथियार खरीदने कम किए हैं। लेकिन अब भी उसके सैन्य आयात का बड़ा हिस्सा रूस से आता है।
यूक्रेन पर हमला करने को लेकर रूस इन दिनों अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के निशाने पर है। तमाम देशों ने उस पर पाबंदी लगा दी है। लेकिन भारत ने अब तक तटस्थ रुख अपनाया हुआ है। अमेरिका की तमाम कोशिशों के बावजूद भारत ने यूक्रेन हमले के लिए रूस की सीधी आलोचना नहीं की है। रूस से संबंध तोड़ने की तमाम अपीलों के बावजूद भारत उससे सस्ते दामों पर तेल खरीद रहा है। इसे लेकर शुरू में अमेरिका में काफी नाखुशी भी देखी गई। लेकिन अब वो उसे बड़े सुरक्षा सहयोगी के रूप में लुभाने में जुट गया है।
346 एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के पदों पर नोटिफिकेशन
346 एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के पदों पर नोटिफिकेशन
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। पीडब्ल्यूडी विभाग ने 346 एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के पदों पर नोटिफिकेशन जारी किया है। इन पदों के लिए 8वीं पास कैंडिडेट भी योग्य होंगे। इसके अलावा 18 से 45 साल तक के युवा आवेदन कर सकेंगे। आवेदन का माध्यम ऑनलाइन रहेगा।आवेदन करने की आखिरी तारीख 9 जून है। योग्य कैंडिडेट इन पदों के बारे में ऑफिशियल वेबसाइट पर http://hppwd.hp.gov.in/ पर और अधिक जानकारी हासिल कर सकते हैं।
जरूरी योग्यता एवं आयु सीमा...
इन पदों पर आवेदन करने के लिए युवाओं के पास कम से कम 8वीं पास योग्यता होनी चाहिए। जहां तक आयु सीमा की बात है तो कैंडिडेट की आयु कम से कम 18 साल और अधिक से अधिक 45 साल होनी चाहिए।
मेरिट के जरिए होगा सिलेक्शन...
योग्य उम्मीदवारों का सिलेक्शन मेरिट के जरिए किया जाएगा। इसके लिए तीन सदस्यों की चयन समिति को सिलेक्शन का अधिकार दिया गया है।
पीडब्ल्यूडी में मिलेगा काम...
युवाओं का सिलेक्शन हिमाचल प्रदेश के पीडब्ल्यूडी विभाग में किया जाएगा। जॉब की लोकेशन हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में रहेगी।
नमक फैक्ट्री में दीवार गिरने से 12 लोगों की मौंत
नमक फैक्ट्री में दीवार गिरने से 12 लोगों की मौंत
इकबाल अंसारी
अहमदाबाद। गुजरात के मोरबी के हलवाड़ जीआईडीसी में एक नमक फैक्ट्री में दीवार गिरने से 12 लोगों की मौत हो गई है। जबकि अभी भी तीन और लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है।मिली जानकारी के अनुसार आज गुजरात के मोरबी में स्थित नमक फैक्ट्री की दीवार ढह गई। दीवार गिरने से फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारी इसकी चपेट में आ गए। बताया जा रहा है कि इस हादसे में कम से कम 12 लोगों की मौत की सूचना है। जबकि कईयों के अभी दबे होने की आशंका है। रेस्क्यू दल मौके पर है और दीवार के नीचे दबे लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है।
मोरबी में हुए दर्दनाक हादसे पर पीएम नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। पीएमओ की ओर से किए गए ट्वीट में पीएम मोदी ने हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को पीएमएनआरएफ की ओर से दो-दो लाख रुपये देने की घोषणा की है। जबकि, घायलों को 50-50 हजार रुपए दिए जाएंगे।
देश में भाई को भाई से लड़वा रहीं हैं 'भाजपा'
पूर्व पीएम गांधी की हत्या, रिहाई का आदेश दिया
पूर्व पीएम गांधी की हत्या, रिहाई का आदेश दिया
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषी ए. जी. पेरारिवलन की रिहाई का बुधवार को आदेश दिया। न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति बीआर गवयी और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने रिहाई संबंधी आदेश पारित किया। शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत प्राप्त अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पेरीरिवलन के रिहाई का आदेश दिया। पूर्व प्रधानमंत्री की तमिलनाडु के श्रीपेराम्बदूर में 1991 में हत्या कर दी गयी थी।
न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत प्राप्त विशेष अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पेरीरिवलन के रिहाई का आदेश दिया।
पीठ ने सभी दोषियों की सजा माफ करने की तमिलनाडु मंत्रिमंडल की सिफारिश पर राज्यपाल द्वारा फैसला लेने में देरी और दोषी व्यक्ति के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से संबंधित तथ्यों पर गौर करते हुए रिहाई करने का फैसला लिया।
पेरारिवलन फिलहाल में जमानत पर है। शीर्ष अदालत ने तीन सदस्यीय पीठ ने उसकी एक रिट याचिका पर अपना आदेश पारित किया।
वर्ष 1991 में तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी सभा के दौरान एक आत्मघाती विस्फोट में श्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अन्य आरोपियों के साथ पेरारिवलन को भी गिरफ्तार किया गया था। तब वह 19 वर्ष का था। अदालती सुनवाई के बाद में उसे मृत्युदंड का आदेश दिया था।
शीर्ष अदालत ने दोषी व्यक्ति की दया याचिका पर फैसला लेने में देरी के आधार पर सजा आजीवन कारावास में बदल दी थी। सितंबर 2018 में तमिलनाडु मंत्रिमंडल ने सातों दोषियों की रिहाई की सिफारिश की थी, जिसे राज्यपाल ने 27 जनवरी 2021 को राष्ट्रपति के पास विचार के लिए भेज दिया था।
शीर्ष अदालत ने इस मामले में अपने फैसले में कहा कि राज्यपाल द्वारा मंत्रिमंडल की सिफारिश राष्ट्रपति को भेजने का कोई संवैधानिक आधार नहीं है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्य सरकार की सिफारिश पर राज्यपाल को संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत फैसला लेने का अधिकार है, लेकिन इस मामले में काफी देर की गई और राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया।
कैलाश मानसरोवर को मुक्त कराने के लिए दबाव बनाएं
कैलाश मानसरोवर को मुक्त कराने के लिए दबाव बनाएं
संदीप मिश्र
आगरा। ज्ञानवापी मस्जिद में लगे फव्वारे के पत्थर को शिवलिंग बताकर माहौल खराब करने से अच्छा है कि मोदी सरकार कैलाश मानसरोवर को मुक्त कराने के लिए चीन पर दबाव बनाए। इसमें मुस्लिम समाज भी सरकार की मदद करेगा। ये बातें आज आगरा के एक होटल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहीं। शाहनवाज़ आलम ने बनारस की निचली अदालत द्वारा ज्ञानवापी मामले की सुनवाई को ही गैर विधिक और पूजा स्थल अधिनियम 1991 का उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि यह कानून स्पष्ट करता है कि 15 अगस्त 1947 के दिन तक पूजा स्थलों की जो भी स्थिति है वो यथावत बनी रहेगी।
उसके खिलाफ़ किसी भी अदालत, ट्रिब्युनल या प्राधिकार में कोई याचिका स्वीकार ही नहीं की जा सकती। लेकिन बनारस की निचली अदालत ने इस क़ानून का उल्लंघन करते हुए फैसला दिया। ऐसा फैसला देने वाले जज के खिलाफ़ सुप्रीम कोर्ट को अनुशासनात्मक कार्यवाई करनी चाहिए। उन्होंने 1937 और 1942 के दीन मोहम्मद बनाम सेक्रेटरी ऑफ स्टेट मुकदमे का हवाला देते हुए कहा कि जज को वह फैसला भी देख लेना चाहिए था जिसमें विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद की ज़मीन को अलग-अलग करके बैरिकेडिंग की गयी थी। जिसमें वजुखाना मस्जिद के हिस्से में था। जज साहब को बताना चाहिए कि जब 1937 और 1942 में अदालत को वजुखाने में कोई शिवलिंग नहीं दिखा तो इतने साल बाद उनको कहाँ से दिख गया।
'छत्रपति' के हिंदी रीमेक में काम करेंगी, भरूचा
सस्ता व मुफ्त राशन लेने वालों के नाम सार्वजनिक
सस्ता व मुफ्त राशन लेने वालों के नाम सार्वजनिक
पंकज कपूर
देहरादून। उत्तराखंड सरकार से सस्ता और मुफ्त राशन लेने वाले लाभार्थियों के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे। प्रदेश की हर राशन की दुकान के बाहर, उस दुकान से जुड़े अंत्योदय व राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशन लेने वाले कार्ड धारकों के नाम की लिस्ट लगाई जाएगी। इस लिस्ट में व्यक्ति का नाम, पता व उसका मोबाइल नंबर दर्ज होगा। खाद्य मंत्री रेखा आर्य ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं। साथ ही, एक जून से अपात्रों पर एफआईआर और रिकवरी की कार्रवाई भी शुरू होगी।
खाद्य मंत्री ने बताया कि राशन की दुकानों के बाहर नाम लिखे होने से राशन वितरण में पारदर्शिता आएगी। साथ ही स्थानीय लोग खुद भी जांच सकेंगे कि उनके बीच का कोई सक्षम व्यक्ति तो गरीबों के हक पर डाका नहीं डाल रहा है। मालूम हो कि उत्तराखंड में अंत्योदय राशन कार्ड पर हर महीने 35 किलो राशन रियायती मूल्य पर दिया जाता है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के राशन कार्ड पर प्रति यूनिट पांच किलो अनाज दिया जाता है। कोरोनाकाल से इन दोनों श्रेणी के 15 लाख से ज्यादा राशनकार्डों पर पांच-पांच किलो अनाज मुफ्त मिल रहा है। मानक के अनुसार, 15 हजार रुपये से ज्यादा मासिक आय वाला व्यक्ति इन योजना का लाभ नहीं ले सकता है।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
सेना से आने वाले हर अग्निवीर को नौकरी मिलेंगी
सेना से आने वाले हर अग्निवीर को नौकरी मिलेंगी राणा ओबरॉय फरीदाबाद। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हरियाणा की चुनावी रैली में कहा कि सेना ...
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महर्षि कश्यप के पुत्र पक्षीराज गरुड़ को भगवान विष्णु का वाहन कहा गया है। एक बार गरुड़ ने भगवान विष्णु से मृत्यु के बाद प्राणियों की स्थिति, ...
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चौकी में रिश्वतखोरी का नंगा नाच, अदम्य साहस धर्मवीर उपाध्याय गाजियाबाद। गाजियाबाद की तहसील लोनी का एक अद्भुत प्रकरण संज्ञान में आया है। हो ...
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55 साल की उम्र में भी बरकरार है खूबसूरती कविता गर्ग मुंबई। 55 की उम्र में भी यह हसीना बेहद खूबसूरत दिखती है, और मलाइका की हॉटनेस उसकी ...