बुधवार, 11 सितंबर 2019

राम के नाम 141700 रूपयो का चालान

नई दिल्ली-बीकानेर। देश में 1 सितंबर से नए मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद ट्रैफिक नियमों  का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इस एक्ट के लागू होने के बाद से देश के अलग-अलग राज्यों से ट्रैफिक पुलिस द्वारा भारी-भरकम चालान वसूले जाने की खबरें लगातार सुर्खियां बटोर रही हैं। इसी कड़ी में राजस्थान के एक ट्रक पर इतना भारी-भरकम ट्रैफिक चालान काटा गया है, जिसकी रकम सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे। खबरों के अनुसार, राजस्थान के एक ट्रक मालिक के नाम दिल्ली में देश का अब तक का सबसे बड़ा चालान कटा है। ट्रक के मालिक का नाम भगवान राम है और ट्रैफिक नियम तोड़ने पर उनके ऊपर 1,41,700 रुपए का जुर्माना लगाया गया है।


दरअसल, ट्रक मालिक राजस्थान के बीकानेर का रहने वाला है। राजस्थान निवासी भगवान राम को ट्रक में ओवरलोडिंग के चलते पांच सितंबर को पकड़ा गया था, जिसके बाद ट्रक में ओवरलोडिंग के लिए दिल्ली में भगवान राम के नाम 1,41,700 रुपये का चालान काट दिया गया। बता दें, ट्रक के मालिक ने बीते 9 सितंबर को रोहिणी जिला अदालत में इस भारी-भरकम जुर्माने की राशि का भुगतान किया है।


कोई भी राज्य कानून से बाहर नहीं:नितिन

नई दिल्ली। देश में 1 सितंबर से नए मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इस एक्ट के लागू होने के बाद से देश के अलग-अलग राज्यों से ट्रैफिक पुलिस द्वारा भारी-भरकम चालान वसूले जाने की खबरें लगातार सुर्खियां बटोर रही हैं। वहीं इस कानून को लेकर मोदी सरकार और बीजेपी शासित राज्य आमने-सामने आए गए हैं।केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए यातायात कानून में गुजरात सरकार ने संशोधन कर जुर्माने की राशि घटा दी। उधर, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि कोई भी राज्य 'मोटर व्हीकल संशोधन एक्ट' में बदलाव नही कर सकता है। नितिन गडकरी ने कहा, मैंने राज्यों से जानकारी ली है। अभी तक कोई भी ऐसा राज्य नहीं है, जिसने कहा हो कि इस कानून को लागू नहीं करेंगे। कोई भी राज्य इस कानून से बाहर नहीं जा सकता।


गडकरी के इस बयान और गुजरात सरकार द्वारा यातायात नियमों में किए गए बदलाव से साफ जाहिर होता है कि मोदी सरकार के फैसले से खुद बीजेपी की सरकारें ही समत नहीं हैं। खबरों के मुताबिक, अब तक सिर्फ 9 राज्यों में ही इस नए यातायात नियम को लागू किया गया है।केंद्रीय परिवहन मंत्री गडकरी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब गुजरात की बीजेपी सरकार ने जुर्माने की राशि घटाने का ऐलान किया है। मंगलवार को रूपाणी सरकार ने खास तौर पर दोपहिया और कृषि के काम में लगे वाहनों को जुर्माने में खासी छूट देने का ऐलान किया। गुजरात के सीएम विजय रूपाणी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, हमारी सरकार ने नए यातायात नियमों की धारा 50 में बदलाव किया है और जुर्माने की राशि को कम कर दिया गया है।गुजरात में नए यातायात नियमों में किए गए बदलाव के अनुसार, अब हेलमेट नहीं पहनने पर जुर्माने की राशि को 1000 रुपये से घटाकर 500 रुपये कर दिया गया है। सीट बेल्ट नहीं लगाने पर जुर्माना 1000 रुपये से घटाकर 500 रुपये कर दिया गया है। वहीं बिना ड्राइविंग लाइसेंस गाड़ी चलाने पर नए नियम के तहत 5000 रुपये जुर्माना है। गुजरात में बिना ड्राइविंग लाइसेंस गाड़ी चलाने पर दो पहिया वाहन चालकों को 2 हजार रुपये और बाकी वाहन को 3 हजार रुपये अब जुर्माना देना होगा।


धोखेबाज मोदी परिवार को फांसी क्यों

सवाल आदर्श क्रेडिट सोसायटी के ग्राहकों के 14 हजार 800 करोड़ रुपए की वसूली का है। धोखेबाज मोदी परिवार को फांसी देने से कुछ नहीं होगा।
जांच एजेंसियों ने सहकारिता क्षेत्र के सबसे महाघोटाले में आदर्श क्रेडिट सोसायटी के खिलाफ 40 हजार पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी है। सोसायटी के कर्ताधर्ता मुकेश मोदी, भरत मोदी और वीरेन्द्र मोदी के साथ-साथ उनके पुत्र, पुत्रियों, दामाद आदि को भी पकड़ लिया है। सब जानते हैं कि मोदी परिवार ने राजस्थान सहित कई राज्यों में सोसायटी की 806 शाखाएं खोली और अधिक ब्याज का लालच देकर 14 हजार 800 करोड़ रुपए 20 लाख ग्राहकों से एकत्रित कर लिए। जमा राशि में 12 हजार करोड़ रुपए अपने रिश्तेदारों की फर्जी कंपनियों में इनवेस्ट कर दिए। अब अधिकांश राशि खुर्दबुर्द हो चुकी है। भले ही मोदी परिवार जेल में हो और कोर्ट से फांसी की सजा भी हो जाए, लेकिन ग्राहकों को जमा राशि का क्या होगा? गरीब लोगों ने बड़ी मात्रा में सोसायटी में पैसा जमा करवाया। अपनी जिंदगी भर की मेहनत की कमाई से अधिक ब्याज के लालाच में मोदी परिवार को दे दी। इसे सरकार के कानून का लचीलापन ही कहा जाएगा कि सहकारिता के नियमों को ताक में रख जमा राशि खुर्दबुर्द की गई। सरकार को अब ऐसा तारीका निकालना चाहिए कि ग्राहकों को जमा राशि का भुगतान हो सके। सरकार यह अच्छी तरह समझ लें कि यदि ग्राहकों को भुगतान नहीं हुआ तो अनेक ग्राहक आत्महत्या कर लेंगे। सरकार को आदर्श क्रेडिट सोसायटी के ग्राहकों के दर्द को समझना चाहिए। 14 हजार 800 करोड़ रुपए की राशि बहुत होती है। सरकार आरोपी मोदी परिवार की सभी सम्पत्तियों को जब्त कर और ग्राहकों को पैसा लौटाए। धोखेबाज मोदी परिवार के लोगों को गिरफ्तार कर लेने से ग्राहकों का भला नहीं होने वाला। मोदी परिवार की धोखेबाजी का सबसे ज्यादा शिकार राजस्थानी हुए हैं। पाली, सिरोली, जालौर, बाड़मेर, जोधपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, जयपुर, नागौर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई सोसायटी में जमा करवाई है। सजा तो उन अधिकारियों को भी मिलनी चाहिए, जिनकी मिलीभगत से सोसायटी की राशि फर्जी कंपनियों को दी गई। सोसायटी के ग्राहकों को राहत दिलवाने की जिम्मेदारी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी है। गहलोत को केन्द्र सरकार से संवाद कर ग्राहकों का पैसा वापस करवाना चाहिए। जांच में यह भी पता लगाया जाए कि मुकेश मोदी जैसे धोखेबाज को किन किन राजनेताओं का संरक्षण था। राजनेताओं के संरक्षण के बगैर मोदी परिवार इतना बड़ा घोटाला नहीं कर सकता है। 
एस.पी.मित्तल


ओला-उबर के कारण बिक्री घटी,बेतुक

ओला-उबर के कारण कारों की बिक्री घटी, यह बेतूका तर्क है।
मोदी सरकार के मंत्री जले पर नमक छिड़कने वाले बयान नहीं दें। 
बाजार में मंदी का दौर। 

नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार माने या नहीं, लेकिन बाजार में लगातार मंदी का दौर चल रहा है। छोटे दुकानदारों को अपने खर्चे निकालना भी मुश्किल हो रहा है। जिन लोगों ने किराए का परिसर लेकर कारोबार शुरू किया है ऐसे लोग किराया तक नहीं चुका पा रहे हैं। बैंकों की किश्त समय पर नहीं चुकाई जा रही है। यदि अक्टूबर में दीपावली पर बाजारों में अच्छी खरीददारी नहीं हुई तो हालात और बिगड़ेंगे। रियल स्टेट पहले ही मरा पड़ा है। यहां तक कि प्रधानमंत्री आवास योजना के सस्ते मकान और फ्लेट भी नहीं बिक रहे हैं। कर्मचारियों को तो प्रतिमाह मोटी तनख्वाह मिल जाती है। लेकिन व्यापारी वर्ग श्रमिक वर्ग आदि मंदी की वजह से परेशान है। इतनी परेशानी के बाद भी तीन माह पहले देश की जनता ने नरेन्द्र मोदी को ही दोबारा से प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट दिया। वोट देने के अन्य कारण भी हो सकते हैं, लेकिन अब मोदी सरकार के मंत्रियों को लोगों के जले पर नमक छिड़कने वाले बयान नहीं देने चाहिए। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन का कहना है कि ओला-उबर ऑन लाइन टैक्सी सेवा के कारण लोग अब कार नहीं खरीद रहे हैं। इसलिए ऑटो मोबाइल सेक्टर में मंदी का दौर चल रहा है। वित्त मंत्री का यह बेतूका तर्क है। जिस व्यक्ति को कार खरीदनी है वो खरीदेगा ही । ऐसे तो मकान किराए पर भी मिलते हैं तथा लोग अपना घर खरीदना बंद कर देंगे। घर खरीदना और कार खरीदना लोगों का सपना होता है। अपने सपने को ओला उबर के कारण कोई भी व्यक्ति अधूरा नहीं छोड़ेगा। जिन लोगों के पास कार है वो ही कई बार विशेष परिस्थितियों में ऑन लाइन टैक्सी सेवा का उपयोग करते हैं। यह हो सकता है कि धनाढ्य लोग पहले दो तीन साल में पुरानी कार बेच कर नई खरीदते थे, वो लोग अब ऐसा नहीं कर रहे। यानि पुरानी कार से काम चलाया जा रहा है। इसकी वजह से आर्थिक मंदी ही है। यदि कारोबार अच्छा होता तो दो तीन साल नई कार खरीद ली जाती। यह भी सही है कि बेईमानी करने वालों पर अंकुश लगा है, इसलिए बाजार में पैसा नहीं आ रहा। जमीनों की खरीद फरोख्त भी नहीं हो रही है। पहले एग्रीमेंट पर ही लाखों रुपया कमाया जा रहा था। अब ऐसे काम बंद हो गए हैं। मंदी के लिए सरकार के मंत्री ठोस तर्क भी दे सकते हैं। लेकिन यदि ऐसे ही बेतूके तर्क दिए जाएंगे तो फिर सरकार की छवि खराब होगी। एक ओर जब ईधन बचाने के लिए सरकार खुद पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर बल दे रही है तब मंदी के लिए ओला उबर को दोषी क्यों ठहराया जा रहा है। 
एस.पी.मित्तल


अवैध औद्योगिक इकाइयों के विरुद्ध अभियान

गाजियाबाद। लोनी क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित कारखानों की वजह से जल और वायु प्रदूषण बहुत तेजी से बढ़ रहा है। जिससे स्थानीय निवासी बहुत बड़ी तादाद में इसका दंश झेल रहे हैं। एनजीटी इसके प्रति बहुत सतर्क और सख्त है। इसके बावजूद भी लोनी क्षेत्र में हजारों की संख्या में डाई केमिकल्स और प्रदूषण फैलाने वाली हजारों औद्योगिक इकाइयां बेरोक टोक संचालित की जा रही है। हो सकता है इसमें किसी ना किसी प्रकार का राजनीतिक संरक्षण हो।  लेकिन प्रशासनिक स्तर पर इस प्रकार के संरक्षण को दरकिनार कर देना चाहिए। हालांकि उपजिला अधिकारी के द्वारा जनता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, निरंतर इसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा रही है। जिसके चलते लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र अंतर्गत अमित बिहार में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई कर,लगभग दो दर्जन प्रदूषण फैलाने वाली  इकाइयों को ध्वस्त किया गया। तहसीलदार प्रकाश सिंह ने बताया कि यह कार्यवाही प्रतिदिन जारी रहेगी। लोनी उपजिलाधिकारी के निर्देश पर कार्रवाई की गई है। मौके पर तहसीलदार, प्रदूषण विभाग, नगर पालिका, विद्युत विभाग की टीम मौजूद रही।


प्रमोद गर्ग


जेब में एटीएम, उड़ाए 10 हजार रूपये

गाजियाबाद। मुरादनगर के एक युवक के खाते से 10 हजार रुपए निकालने का मामला प्रकाश में आया हैl पीड़ित ने इसकी सूचना पुलिस को दी lथाना क्षेत्र के गांव सुठारी निवासी अनिल ने थाने में दी गई तहरीर में बताया कि उसका एटीएम उसकी जेब में रखा हुआ था lवह एटीएम बूथ पर पैसे निकालने गया थाl लेकिन रुपए नहीं निकले तो वह वापस घर आ गयाl थोड़ी देर बाद मैसेज आया कि उसके खाते से 10 हजार रुपए निकल गए हैं l पीड़ित ने इसकी सूचना पुलिस व बैंक अधिकारी को दी है lपुलिस मामले की जांच कर रही है।


आइसलैंड-भारत की कई विषयों पर चर्चा

आइसलैंड। भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद आइसलैंड, स्विट्जरलैंड और स्लोवेनिया की अपनी यात्रा के पहले चरण में 9 सितंबर को आइसलैंड के रेकजाविक पहुंचे। यह 2005 में डॉ. कलाम की यात्रा के बाद किसी भी भारतीय राष्ट्रपति की पहला आइसलैंड दौरा है। वही, मंगलवार यानी 10 सितम्बर को राष्ट्रपति ने बेस्सतादिर राष्ट्रपति निवास की यात्रा के साथ अपने दिन की शुरुआत की, जहां आइसलैंड के राष्ट्रपति श्री गुदनी जोहान्सन ने उनकी अगवानी और स्वागत किया।


राष्ट्रपति जोहान्सन के साथ मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति ने शानदार स्वागत और आतिथ्य सत्कार के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। राष्ट्रपति ने जलवायु परिवर्तन से निपटने और महासागरों को बचाने के प्रबंधन करने में आइसलैंड के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने इन दोनों क्षेत्रों में भारत द्वारा हमेशा समर्थन देने का आश्वासन दिया। राष्ट्रपति ने आईसलैंड के मई 2019 में आर्कटिक काउंसिल के अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करने के लिए उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि एक पर्यवेक्षक के रूप में भारत सक्रिय रूप से भाग लेगा और विचार-विमर्श में योगदान देगा। इसके बाद राष्ट्रपति ने दोनों पक्षों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता का नेतृत्व किया।


दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमत हुए कि आतंकवाद मानवता के लिए गंभीर खतरा है और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है। राष्ट्रपति कोविंद ने भारत की गंभीर चिंताओं को समझने के लिए राष्ट्रपति जोहानसन को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि भारत कई दशकों से सीमापार आतंकवाद का शिकार रहा है। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत थे कि आतंकवाद बुनियादी मानवाधिकारों के लिए सबसे बड़ा खतरा है और यह जिस भी रूप में हो, इससे दृढ़ता से निपटने की जरूरत है।


आर्थिक दृष्टिकोण में, आइसलैंड- भारत में साझेदारी को मजबूत करने की पूरी क्षमता है। दोनों पक्षों ने व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी और नवाचार सहयोगों के तरीकों और साधनों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि कैसे भारत के 2025 तक पाँच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखने के साथ, भारत की परिवर्तनकारी वृद्धि और आइसलैंड की तकनीक से एक-दूसरे के अपार मूल्यों को जोड़ा जा सकता है।


भारत ने जलवायु परिवर्तन, समुद्री कचरे और पर्यावरण संबंधी अन्य मुद्दों पर आइसलैंड के साथ पूर्ण रूप से सहयोग करने पर सहमत जताई। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत अपनी आर्थिक प्रगति को स्वच्छ तकनीक के साथ जोड़ना चाहता है। उन्होंने कहा कि भारत सतत मत्स्य, समुद्री अर्थव्यवस्था, जहाजरानी, ​​हरित विकास, ऊर्जा, निर्माण और कृषि क्षेत्रों में आइसलैंड की क्षमता का लाभ उठाने का इच्छुक है। वहीं भारतीय कंपनियां फार्मा, हाई-एंड आईटी सर्विसेज, बायोटेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल, इनोवेशन और स्टार्ट-अप के क्षेत्र में आइसलैंड को अवसर प्रदान कर सकती हैं।


भारत और आइसलैंड ने राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट धारकों के लिए मत्स्य पालन सहयोग, सांस्कृतिक सहयोग और वीजा माफी के क्षेत्र में तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए और आदान-प्रदान किया। राष्ट्रपति कोविंद ने घोषणा की कि जल्द ही आइसलैंड विश्वविद्यालय में हिंदी भाषा की पढ़ाई शुरू होगी और इसके लिए कि आइसलैंड विश्वविद्यालय में भारत समर्थित हिंदी चेयर की स्थापना की सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं।


बच्चों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराएं: डीएम

मुजफ्फरनगर। राष्ट्रीय पोषण मिशन के अंतर्गत बुधवार को स्कूली बच्चों को जिला अधिकारी कार्यालय पर बुलाकर उनके साथ एक बैठक की गई। बैठक में सभी छात्र-छात्राओं को जिला अधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने सुपोषण संबधी जानकारी दी और स्वच्छ एवं स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, बच्चे देश का भविष्य होते हैं, इसलिए सभी बच्चों को कुपोषण से बचने के लिए खान-पान पर ध्यान देना चाहिए। सभी के सहयोग से देश से कुपोषण संबंधी समस्या को जड़ से खत्म करना जरूरी है। इस दौरान स्कूली बच्चों ने कुपोषण संबंधी जागकरूता रैली निकाली और लोगों को कुपोषण से बचने के लिए शपथ दिलाई।


इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा, स्वस्थ शरीर के लिए पोषक तत्वों का होना बहुत जरूरी है। एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की कल्पना तभी साकार होगी, जब देश का हर व्यक्ति स्वस्थ होगा। यदि हमारे देश के बच्चे ही कुपोषित होंगे तो देश की नींव ही कमजोर हो जाएगी। शरीर में पोषक तत्व नहीं होंगे तो हम कुपोषण के शिकार ही होंगे। शरीर को स्वच्छ और स्वस्थ रखने के लिए पानी भी सबसे अच्छा पोषक तत्व है। इसलिए पौष्टिक आहार बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने देश में कुपोषित बच्चों, किशोरियों व गर्भवती माताओं को ध्यान में रखकर पोषण अभियान चलाया हैं। जो एक माह तक देश भर में चलेगा। उन्होंने कहा, इस अभियान के दौरान हर गांव में जाकर कुपोषण से संबंधित प्रभात फेरी, साईकिल रैली, जागरूकता कैंप के अलावा घर-घर जाकर लोगों को कुपोषण के प्रति जागरूक किया जा रहा। देश में बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए इस तरह के कार्यक्रम किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत 2022 तक कुपोषण को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। गर्भावस्था के समय से ही गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य एवं पोषण का ध्यान रखा जाना चाहिए। बच्चों में समय से कुपोषण की पहचान कर उसका प्रभावी ढंग से निराकरण किया जाए। उन्होंने कहा, अभियान में स्वास्थ्य, बाल विकास एवं पुष्टाहार, पंचायतीराज, ग्राम्य विकास,  खाद्य एवं रसद और शिक्षा विभाग के अधिकारी समन्वित रूप से बच्चों एवं महिलाओं को पोषण एवं स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का प्रयास करें।


रखें साफ-सफाई- बीमारियों को दूर भगाएं


गंदगी के कारण कई तरह की बीमारियां फैलती हैं। बच्चों में एनीमिया की बीमारी का बड़ा कारण भी गंदगी है। इसकी वजह से बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास प्रभावित होती है। डॉक्टरों का कहना है, यदि गंदगी पर काबू पा लिया जाए तो कई तरह की बीमारियों को दूर किया जा सकता है। मौजूदा समय में मच्छरों से होने वाली बीमारी डेंगू व मलेरिया ज्यादा घातक साबित हो रहे हैं। डेंगू से हर साल सैकड़ों लोग प्रभावित होते हैं। इसका कारण भी साफ-सफाई की कमी है। मलेरिया के मच्छर गंदगी के कारण पनपते हैं। इसके अलावा गंदगी से हैजा,  कालरा, निमोनिया, पीलिया, हेपेटाइटिस आदि बीमारियां होती हैं।


मेरठ में बनेगा लावारिस नवजात शिशु केंद्र

मेरठ। अब लावारिस नवजात शिशुओं के पालन-पोषण के लिए जिले के अस्पतालों व स्वास्थ्य केन्द्रों में नवजात शिशु केन्द्र बनाए जाएंगे। इललीगल चाइल्ड कार्यक्रम 'पालना' कार्यक्रम के तहत यहां पर तीन माह तक नवजात शिशुओं का लालन पालन किया जाएगा। इसके बाद उन्हें बालगृह भेज दिया जाएगा। इसके बाद बच्चों को गोद लेने को इच्छुक दंपति जरूरी कागजी कार्यवाही कर इन शिशुओं को अपना सकेंगे।


जिला अस्पताल की प्रमुख अधीक्षक डा. मनीषा वर्मा ने बताया, इसके लिए शासन की ओर से पत्र आ चुका है। योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया, इन केन्द्रों को ऐसे स्थानों पर बनाया जाएगा, जहां पर कोई भी पुरूष व महिला या दंपति जो अपनी पहचान सार्वजनिक नहीं करना चाहता है, वह नवजात को पालना में सुरक्षित रख कर लौट सके। इसके लिये जमीन की तलाश की जा रही है।


24 घंटे लगायी जाएगी ड्यूटी
नवजात शिशु केन्द्र पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की 8-8 घंटे की ड्यूटी लगायी जाएगी, जिससे नवजात के स्वास्थ्य पर नजर रखी जा सके। जिन कर्मचारियों की ड्यूटी होगी, उनके मोबाइल नम्बर व नाम डिस्प्ले बोर्ड पर लिखे जाएंगे।


अस्पताल महफूज जगह
महिला अस्पताल व जिला अस्पताल 24 घंटे खुले रहते हैं। यहां पर हर समय चहल पहल रहती है। यहां सुनसान सुरक्षित जगह पर पालना लगाया जाएगा, ताकि लावारिस नवजात को पालने में रखने में आसानी हो। पालने के अंदर एक घंटी लगायी जाएगी। नवजात बच्चे को रखने के बाद वह दो मिनट बाद अपने आप बजने लगेगी। घंटी की आवाज सुनकर कर्मचारी तुरंत बच्चे को वहां से उठा लेंगे। शहर में आये दिन नवजात बच्चों के मिलने की खबर आती रहती हैं। कोई लोक लाज के कारण तो कोई घरेलू विवाद के कारण नवजात को अज्ञात स्थान पर छोड़ जाता है। ऐसे में ये पालने बच्चों के लिए बहुत उपयोगी साबित होंगे।


'शासन की योजना के तहत पालना केन्द्र पर कार्य चल रहा है। इसके लिए स्थान का चुनाव किया जा रहा है। सरकार का यह अच्छा प्रयास है। इससे लावारिस नवजात को बचाया जा सकेगा।'


लश्कर-ए-तैयबा का टाॅप कमांडर किया ढेर

सोपोर। जम्मू कश्मीर में बुधवार को सुरक्षाबलों के हाथ बड़ी कामयाबी लगी। सोपोर में आज सुरक्षाबलों ने लश्कर ए तैयबा के टॉप कमांडर को ढेर कर दिया। जम्मू कश्मीर पुलिस सूत्रों के मुताबिक मारे गए आतंकी का नाम आसिफ है और वह जम्मू कश्मीर में कई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। मारे गए आतंकी पर सेब व्यापारी पर हमले का शक था।


पुलिस सूत्रों के मुताबिक दो दिन पहले सोपोर में एक सेब व्यापारी पर हमले में आसिफ शामिल था। इस हमले में एक परिवार को 3 लोग घायल हुए थे। घायलों में एक छोटी बच्ची आसमा जान भी शामिल थी। आतंकी आसिफ सोपोर में ही एक अन्य हमले में भी शामिल रहा है। वह यहां एक प्रवासी श्रमिक शफी आलम पर हमला के मामले में शामिल था।


जेल प्रहरी ने किया सहकर्मी से दुष्कर्म

जयपुर। राजस्थान के बांसवाड़ा में एक जेल प्रहरी ने अपनी सहकर्मी से दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। इस मामले में दो महिला कर्मचारियों के भी नाम सामने आए हैं।


महिला कर्मचारी की ओर से मंगलवार शाम जिला पुलिस अधीक्षक के समक्ष परिवाद पेश करने के बाद यह मामला सामने आया है। परिवाद के अनुसार, गत आठ सितंबर को जेल में अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद पीड़िता जेल परिसर में स्थित अपने क्वार्टर पर चली गई थी। क्वार्टर में उसके साथ रहने वाली दो अन्य सहयोगी उस समय वहां नहीं थी। रात करीब 11:00 बजे जेल प्रहरी पीछे के दरवाजे से उसके कमरे में पहुंच गया और चाकू की नोक पर उसके साथ दुष्कर्म किया। इस बीच, दोनों ही महिला कर्मचारी वहां पहुंची, लेकिन उन्होंने सहायता करने के बजाए उसके कमरे को बाहर से बंद कर दिया। अगले दिन ड्यूटी के बाद वह क्वार्टर पर पहुंची और वहां से पैदल ही रोडवेज बस स्टैंड निकल गई। तभी रास्ते में आरोपित बाइक लेकर पहुंच गया और रास्ता रोक कर उसने फिर धमकाया। वह अपने एक परिचित की मदद से प्रतापगढ़ स्थित अपने घर पहुंची और परिजनों को जानकारी दी। इसके बाद पुलिस अधीक्षक को परिवाद दिया। पुलिस अधीक्षक ने परिवाद को जांच के लिए भेजा है।


वृद्ध-विधवा की जमीन पर भूमाफिया की नजर

वृद्ध विधवा की जमीन पर लगी भूमाफियाओं की नजर 


जिलाधिकारी से लगायी न्याय की गुहार 



मीरजापुर। कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाते भूमाफियाओं की नजर करीब अस्सी वर्षीया विधवा  की जमीन पर लगीं हैं। देहात कोतवाली क्षेत्र के इटवां में स्थित जमीन बचाने की गुहार थाना से लेकर जिलाधिकारी तक से लगाने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई दबंगों के खिलाफ नहीं किए जाने से लोगों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। वृद्धा ने जिलाधिकारी को सौंपे गये पत्रक के माध्यम से न्याय की मांग की है। 


बथुआ मोहल्ला निवासिनी स्वर्गीय अमर सिंह की पत्नी कमला देवी ने गुहार लगाते हुए कहा है कि 15 वर्ष पूर्व इटवां में नगरपालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष दीपचंद जैन की जमीन क्रय किया गया था। उस जमीन पर तीन तरफ से बाउंड्री वॉल बनी है। उस जमीन पर जब निर्माण कार्य के लिए पत्थर का बोल्डर गिरवाया गया तो दबंग भू माफिया निर्माण कार्य में अवरोध पैदा करते हुए जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। वह निर्माण कार्य कराने से पहले दो लाख रुपए की मांग कर रहे हैं। जिनके खिलाफ बलात्कार, फिरौती समेत कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। दबंगों ने मेरी ज़मीन पर रखा बोल्डर भी ट्रैक्टर में भरकर गायब कर दिया।  विधवा महिला के वृद्ध होने का नाजायज फायदा उठाते हुए दबंग माफिया उसकी जमीन पर जबरन कब्जा करने की फिराक में हैं । अपनी जमीन पर ही निर्माण कार्य कराए जाने से रुक जाने पर वृद्धा ने जिलाधिकारी को पत्र सौंप कर भू माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई किए जाने की मांग की है। ताकि लोगों का कानून और न्याय पर विश्वास कायम रहे।


विक्रम से संपर्क टूटने को लेकर नया खुलासा

चंद्रयान-2: इसरो का लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने को लेकर नया खुलासा


नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का महत्वकांक्षी मून मिशन चंद्रयान-2 को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। लैंडर विक्रम से इसरो का संपर्क चंद्र सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर नहीं बल्कि 335 मीटर पर टूटा था। इसरो के मिशन ऑपरेशन कॉम्प्लेक्स से जारी तस्वीर से इस बात का खुलासा हुआ है।


चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम इसरो के एक ग्राफ में दिखाई दे रही तीन रेखाओं के बीच में स्थित लाल रेखा पर चल रहा था। लाल रेखा इसरो द्वारा निर्धारित विक्रम का पूर्व निर्धारिक पथ था। विक्रम लैंडर के आगे बढ़ने के साथ ही लाल रंग की रेखा के उपर हरे रंग की रेखा स्पष्ट दिखाई दे रही थी। चंद्रमा की सतह से 4.2 किलोमीटर की ऊंचाई पर भी विक्रम लैंडर अपने पूर्व निर्धारित पथ से थोड़ा भटका लेकिन जल्द ही उसे सही कर दिया गया। इसके बाद जब विक्रम चंद्र सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचा तो वह अपने पथ से भटक कर दूसरे रास्ते पर चलने लगा। जिस समय विक्रम ने अपना निर्धारित पथ छोड़ा उस समय उसकी गति 59 मीटर प्रति सेकंड थी। पथ भटकने के बावजूद सतह से 400 मीटर की ऊंचाई पर विक्रम लैंडर की गति लगभग उस स्तर पर पहुंच चुकी थी जिस पर उसे सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी। मिशन ऑपरेशन कॉम्प्लेक्स की स्क्रीन पर दिखाई दे रहे ग्राफ में लैंडिग के लिए पूर्व निर्धारित 15 मिनट के 13वें मिनट में स्क्रीन पर एक हरे धब्बे के साथ सब कुछ रुक गया। उस समय विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह से 335 मीटर की ऊंचाई पर था।


गोकशी के विरुद्ध असफल रही पुलिस

पुलिस की संरक्षण में पहले से होता चला आ रहा है गौकसी का गोरखधंधा


संजीव बाजपाई


गोला गोकरननाथ(खीरी)। थाना मैलानी की पुलिस चौकी व वृहद ग्राम कुकरा में सुबह गौकसी की हुई घटना के चलते ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश बना हुआ है खबर पाकर पुलिस क्षेत्राधिकारी गोला आर. के. वर्मा ने मौका मुआयना कर स्थानीय पुलिस को मुकदमा दर्ज कर गौ मांस के अवशेषों को चिकित्सा परीक्षण के लिए भेजने के निर्देश दिए है।


गौकसी का सिलसिला  वर्तमान थानाध्यक्ष मैलानी के कार्यभार संभालने के बाद से जोरशोर के साथ चालू हो गया था जिसमें पहले भी इसी जगह पर गाय का कत्ल कर उसके मांस को बेचने का मामला प्रकाश में आया था पर पुलिस चूंकि गाय के हत्यारों से मिली हुई है इस लिए गाय मालिक को जैसे तैसे मिलाकर उसकी तहरीर बदलवा कर चोरी का मुकदमा लिखकर मामला दबाने मे कामयाब रहा था।
इसके बाद गौहत्यारों ने पुलिस चौकी कुकरा में जीप चालक पर कातिलाना हमला किया वह भी पुलिस हजम कर गई। इससे पहले कुकरा का ही एक युवक ने गाय के हत्यारों व इस गोरखधंधा से जुडे कुरैशियों और काटने वाले स्थान तथा पुलिस का गौहत्यारों का मिला हुआ है संरक्षण उनकी सरपरस्ती में होता गाय, बैल बछडा का कत्ल का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब चला पर नौटों की थैली पर सब दब कर रह गया था। फिलहाल गौकशी का सिलसिला जारी है और ग्रामीणों में गुस्सा है जो किसी समय गुल खिला सकती है तब प्रशासन को भी लेने के देने पड सकते है।


राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री ने दी 'ओणम' की बधाई

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को केरल में फसल तैयार होने के अवसर पर मनाए जाने वाले त्योहार ओणम की बधाई दी। राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट कर कहा, “ओणम पर, भारत और विदेशों में रह रहे केरल के हमारे भाइयों और बहनों को शुभकामनाएं एवं बधाइयां। फसल तैयार होने के अवसर पर मनाया जाने वाला यह त्योहार हम सभी के लिए असीम खुशियां और समृद्धि लेकर आता है।” पीएम मोदी ने कहा, “ओणम के शुभ अवसर पर शुभकामनाएं। मैं कामना करता हूं कि यह त्योहार हमारे समाज में खुशी, कल्याण और समृद्धि की भावना को आगे बढ़ाये।” ओणम राजा महाबली के स्वागत में प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है जो दस दिन तक चलता है।


सरकार की चिंता की शिकन बड़ रही हैं

नई दिल्ली। पिछले महीना जिस तरह से आईएएस अफसरों ने इस्तीफे दिए हैं, उसे देखते हुए सरकार के भीतर चिंता की लकीरें बढ़ने लगी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नौकरशाहों के इस्तीफा को देखते हुए मोदी सरकार इस सम्बन्ध में कड़े कदम उठाने जा रही है। माना जा रहा है कि इस्तीफे को देखते हुए नियम अब और कड़े किये जा सकते हैं। डिपार्टमेंट ऑफ़ पर्सनल एंड ट्रेनिंग इस मामले को लेकर आगामी सप्ताह एक बड़ी बैठक करने जा रही है, जिसमे अफसरों की समस्या और इस्तीफे को लेकर विस्तार से चर्चा होगी।


वर्तमान नियम के मुताबिक, यदि कोई नौकरशाह इस्तीफा देता है तो सरकार द्वारा उसकी विदेशों में ट्रेनिंग पर किये गए खर्च को चुकता करना पड़ता है, प्रोबेशन पीरियड में भी सर्विस छोड़ता है तो खर्च का वहन उससे अपेक्षित होता है।वैसे देखा जाए तो भारत में आईएएस, आईपीएस और आईएफएस की संख्या काफी अधिक संख्या में रिक्त है। फिर भी सरकार नियम कायदों को अधिक मजबूत बनाने की सोच रही है। भारत सरकार नौकरशाहों की ट्रेनिंग में बहुत अधिक खर्च करती है, फिर ये नौकरी छोड़ देते हैं तो सरकार को काफी घाटा होता है।


बता दे कि पिछले 3 महीनों में 4 आईएएस अफसरों ने इस्तीफा दिया है। दक्षिण कन्नड़ के डिप्टी कमिश्नर शशिकांत सेंथिल ने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया, उन्होंने निजी वजहों से इस्तीफा देने का स्टेटमेंट जारी किया है। सेंथिल ने लिखा है कि मौजूदा दौर में जब हमारे विविधतापूर्ण लोकतंत्र के सभी संस्थान अभूतपूर्व तरीके से समझौता कर रहे हैं, ऐसे में उनका काम जारी रखना अनैतिक होगा। सेंथिल ने आगे लिखा है कि आने वाला वक्त हमारे देश के मूल स्वभाव के लिए और भी चुनौतीपूर्ण होने वाला है, इसलिए ये बेहतर होगा कि वो आईएएस सेवा से बाहर रखकर लोगों के जीवन में भलाई लाने वाला काम करें।


इसके पहले 2012 बैच के आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने भी अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था, कनन्न गोपीनाथ ने कश्मीर में जनता के मौलिक अधिकारों के हनन का सवाल उठाते हुए नौकरी छोड़ी थी। उनका मानना था कि सरकार ने अनुच्छेद 370 खत्म कर कश्मीर की जनता के साथ अन्याय किया है। गोपीनाथन और सेंथिल दोनों ही काबिल आईएएस अधिकारी थे, कन्नन गोपीनाथन 2018 में केरल में आई बाढ़ से लोगों को बचाने के लिए सामने आकर चर्चा में आए थे। वहीं 2009 बैच के आईएएस अधिकारी शशिकांत सेंथिल यूपीएससी एग्जाम में तमिलनाडु से टॉपर रहे थे। इन्हीं दोनों की तरह इस साल जनवरी में शाह फैसल ने कश्मीर में हो रही हिंसा के विरोध में सरकारी नौकरी छोड़ दी थी। शाह फैसल भी आईएएस टॉपर रहे हैं।


'द स्काई इज पिंक' का ट्रेलर हुआ रिलीज

नई दिल्ली। प्रियंका चोपड़ा, फरहान अख्तर और जायरा वसीम स्टारर फिल्म 'द स्काई इज पिंक' का ट्रेलर रिलीज हो गया है। सोनाली बोस के निर्देशन में बनी फिल्म से प्रियंका चोपड़ा करीब 3 साल बाद बॉलीवुड में कमबैक करने जा रही हैं. ट्रेलर में रोमांस, इमोशंस और फैमिली लव को दिखाया गया है। द स्काई इज पिंक मोटिवेशनल स्पीकर आयशा चौधरी की जिंदगी पर आधारित है, जो कि पल्मनरी फाइबरोसिस से ग्रसित थीं। प्रियंका फिल्म में अदिति चौधरी और फरहान अख्तर निरेन चौधरी के रोल में दिखेंगे। दोनों पति-पत्नी बने हैं, जायरा उनकी बेटी के रोल में नजर आएंगी।


ट्रेलर की शुरुआत जायरा वसीम की आवाज से होती है जो अपने माता-पिता (प्रियंका चोपड़ा-फरहान अख्तर) की ट्रैजिक लव स्टोरी के बारे में बताती है। दोनों की लव लाइफ में यूटर्न उनकी बेटी जायरा के जन्म के बाद आता है। जायरा को गंभीर बीमारी है। बेटी को बचाने की जद्दोजहद है, जिसकी वजह से प्रियंका-फरहान में खूब भी होती है। फिल्म एक रोलर कोस्टर राइड है जो कि फैमिली लव और इमोशन से भरपूर है। बता दें कि 'द स्काई इज पिंक' सिनेमाघरों में 11 अक्टूबर को रिलीज होगी।


गाय, गांधी और गरीबी (संपादकीय)

गाय, गांधी और गरीबी (संपादकीय)


देश की आर्थिक स्थिति ने देशवासियों को विषयवस्तु पर ध्यान आकृष्ट करने के लिए जरा विवश कर दिया है। देश के विकास की गति का पहिया कहीं अटक गया है। सरकार पर विपक्ष के द्वारा आरोप लगाए जा रहे हैं और छींटाकशी की जा रही है। सरकार भी इस संकट से उबरने का प्रयास कर रही है। देश की आर्थिक विकास दर घटने से देश का पिछड़ना लाजमी हो जाता है। रोजगार और मझले व्यापार को प्राथमिकता में न रखना सरकार को अब खल रहा होगा। मध्यवर्ग का व्यापार और उससे उत्पन्न होने वाले रोजगार के प्रभावित होने के कारण देश की आर्थिक विकास दर निरंतर घटती जा रही है। जिसको रोकने के लिए मोदी सरकार असफल सिद्ध हो रही है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। लेकिन देश की घटती विकास दर को यदि बढ़ाना संभव नहीं है तो स्थिरता इसका एक सामान्य समाधान हो सकता है। हो सकता है सरकार इस विषय पर विभिन्न आयामों और दृष्टिकोणो से कार्य भी कर रही हो। यह भी हो सकता है कि सरकार उपाय अनुरूप जल्द ही समस्या से उभर जाए। किंतु इस स्थिति से देश की जनता में जो संदेश गया है। मांग और निर्माण की असमानता से व्यापार वर्ग को काफी क्षति पहुंची है। सरकार विभिन्न प्रकार के उपयोग और उधम कर रही है। इसके पीछे एकमात्र राष्ट्र निर्माण ही उद्देश्य है। परंतु नेता और ज्यादातर अधिकारियों पर इसका विशेष प्रभाव नहीं पड़ रहा है। क्यों न मोदी-टू सरकार को आर्थिक वृद्धि अनुपात कानून बनाकर लागू कर देना चाहिए। देश की राजनीति लंबे समय से गाय, गरीबी और गांधी तक ही सीमित रह जाती है। इसका थोड़ा दायरा तो बढ़ना ही चाहिए। मोदी सरकार सच में भ्रष्टाचार विरोधी है या भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है? क्योंकि सरकार भ्रष्टाचार पर कुछ खास नहीं कर पा रही है। इसके विपरीत भ्रष्टाचार के कई मामले प्रकाश में आ रहे हैं जो मामले प्रकाश में आ रहे हैं। उनके विरुद्ध भी सरकार की मंशा अनुरूप कुछ विशेष नही हो पा रहा है।
 राधेश्याम 'निर्भय पुत्र'


चुनाव को लेकर अधिकारियों की मीटिंग

चंडीगढ। हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर आज चुनाव आयोग की एक हाईलेवल मीटिंग चंडीगढ़ के होटल ताज में जारी है। हरियाणा चुनाव आयोग के सीनियर डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर संदीप सक्सेना की मौजूदगी में हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर बैठक जारी है। बैठक में मुख्य निर्वाचन कार्यालय के अधिकारियों और हरियाणा के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ सभी जिलों के डीसी और एसपी भी मौजूद है।


बता दें बैठक तीन चरणों में होनी है। पहले चरण में हरियाणा निर्वाचन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक हो रही है वहीं दूसरे चरण में जिला उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक अपने-अपने जिलों की तैयारियों पर विस्तृत रिपोर्ट देंगे। तीसरे व अंतिम चरण की बैठक देर शाम को होगी। इसमे हरियाणा की मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, गृहसचिव समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चुनावों को लेकर मंथन होगा।


हरियाणा में बीछेगी दो नई रेलवे लाइन

चंडीगढ़। हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने करनाल-यमुनानगर (61 किलोमीटर) और जींद-हांसी (50 किलोमीटर) दो नई रेल लाइनों के निर्माण के लिए हरी झंडी दिखा दी है। केंद्रीय रेल मंत्रालय और हरियाणा सरकार ने इन दोनों रेल लाइन परियोजनाओं के विस्तृत सर्वेक्षण का कार्य और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) पूरी कर ली है। इन दो नई रेल लाइनों के निर्माण से लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी होगी।


हरियाणा राज्य सरकार की मंजूरी के बाद इन दोनों परियोजनाओं की फ़ाइल रेल मंत्रालय को सौंप दी गई है। इन परियोजनाओं की लागत राज्य सरकार और रेल मंत्रालय दोनों मिलकर उठायेंगे। इन दो रेल लाइन परियोजनाओं की अनुमानित लागत 2096 करोड़ रुपये है। योजना की जानकारी देते हुए रेलवे प्रवक्ता ने बताया कि प्रस्तावित करनाल-यमुनानगर लाइन, दिल्ली-अंबाला रेलवे लाइन पर स्थित भैणी-खुर्द स्टेशन और अंबाला-सहारनपुर रेलवे लाइन पर स्थित जगाधरी वर्कशॉप स्टेशन से जोड़ी जाएगी। इस लाइन पर कुल पांच नए रेलवे स्टेशन रंभा, इंद्री, लाडवा, रादौर और दामला प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि इस लाइन के निर्माण से करनाल और यमुनानगर के बीच सीधी और तेज कनेक्टिविटी शुरू हो जाएंगी, वही इससे यात्रा की दूरी भी 50 किलोमीटर तक कम हो जाएगी।


जलती चिता पर पुलिस ने डलवाया पानी

संदिग्ध परिस्थिति में एक युवक की मौत के बाद जलती चिता पर पुलिस ने डलवाया पानी


कोरबा,पाली। जिले में एक ऐसी घटना घटी जिसमे ग्रामीण युवक की जलती हुई चिता में पानी डालकर पुलिस को बुझाना पड़ा।बलराम नाम का एक युवक ने मारपीट व ग्रामीणों की प्रताड़ना से तंग आकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।लेकिन गांव के सरपंच द्वारा इसकी सूचना पुलिस को देने के बजाय परिजनों को धमकाते हुए मृतक युवक की लाश को आनन-फानन में जला दिया गया।पाली पुलिस को जब इस बात की भनक लगी तो पुलिस की एक टीम आनन् फानन में गांव पहुंची।लेकिन तब तक चिता में लाश 80 फ़ीसदी जल चुकी थी।और तब पुलिस ने तत्काल जलती चिता में पानी डलवा कर किसी तरह आग को बुझाया गया तथा मृतक के अवशेष को जप्त कर मामले की जांच शुरू कर दी है।


यह अजीबोगरीब मामला पाली थाना क्षेत्र के ग्राम छिंदपानी का है जहाँ कुछ दिन पूर्व एक युवक ने अपनी पत्नी के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में ग्रामीणों के साथ मिलकर बलराम की जमकर पिटाई कर दी थी और भरी सभा में उसे बेइज्जत भी किया गया था।जिसके बाद प्रताड़ना व आत्मग्लानि से तंग आकर बलराम में कल फांसी लगा ली।जब ग्रामीणों को इसकी भनक लगी तो उन्होंने पुलिस के चंगुल से बचने के लिए बलराम के परिजनों को धमकाते हुए उसके शव को जलाने की हिदायद दी थी।जिसके बाद परिजनों ने ग्रामीणों के दबाव में आकर शव को जला दिया।पाली पुलिस ने मामले की तहकीकात शुरू कर दी है।सूत्रों के अनुसार इस मामले में 2 दर्जन से अधिक लोग शामिल हैं।जिन्हें पुलिस कभी भी गिरफ्तार कर जेल भेज सकती है फिलहाल पुलिस इस मामले में बयान दर्ज कर रही है।


कर्बला भगदड़ में 31 की मौत 100 घायल

बगदाद। इराकी शहर कर्बला में मुहर्रम (अशुरा) के दौरान भगदड़ में मरने वालों की संख्या 31 पहुंच गई है, जबकि इस घटना में 100 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट से मिली।


इराक के स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता की ओर से बताया गया है कि भगदड़ में 100 अन्य लोग घायल भी हुए हैं। मरने वालों की संख्या और भी बढ़ सकती है।


रिपोर्ट के मुताबिक मोहर्रम माह की दसवीं तारीख को शिया समुदाय के लोग काफी संख्या में जुटे थे। तभी एक व्यक्ति को ठोकर लग गई, जिससे वहां भगदड़ मच गई और भीड़ बेकाबू हो गई। कहा जा रहा है कि यह हादसा तब हुआ जब लोग इमाम हुसैन के मकबरे की ओर आगे बढ़ रहे थे, जिस जगह यह हादसा हुआ है, वह बगदाद से करीब 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। विदित हो कि साल 2005 में भी इराक की राजधानी बग़दाद में फ़रात नदी के पुल पर भगदड़ में 965 लोगों की मौत हो गई थी। यह हादसा आत्मघाती हमलावर की मौजूदगी की अफ़वाह के बाद भगदड़ मचने से हुआ था।


ट्रेन पर चढ़ बोला चंद्रयान फेल क्यों हुआ

सागर। मध्य प्रदेश में सागर जिले के नरयावली रेलवे
स्टेशन पर एक सरफिरे युवक ने ट्रेन की छत पर चढ़कर खूब हंगामा किया। कटनी-बीना पैसेंजर ट्रेन के डीजल इंजन की छत पर चढ़े इस युवक ने करीब आधे घंटे तक जमकर उत्पात मचाया। यह युवक बार-बार चंद्रयान 2 फेल होने से नाराजगी जता रहा था। जब भी उसे कोई नीचे उतारने का प्रयास करता तो वह गाली देकर उससे पूछता की चंद्रयान 2 फेल क्यों हुआ? युवक इस वजह से आधा घंटा तक हंगामा करता रहा। वहीं इस युवक को नीचे उतारने के लिए किसी भी हादसे से बचने के लिए हाईटेंशन ओवरहेड लाइन की पावर सप्लाई बंद करना पड़ी जिसके बाद रेलकर्मियों ने बड़ी मुश्किल से युवक को ट्रेन की छत से नीचे उतारा और फिर उसे आरपीएफ को सौंप दिया।


19 वर्षों में दो एफआईआर,विभाग हैरान

एटा। उत्तर प्रदेश के अग्रणी अपराध ग्रस्त जिले के नाम से जाना जाने वाले एटा में एक ऐसा भी थाना है, जहां पर 19 सालों में मात्र दो ही एफआईआर दर्ज हुई है। 16 साल तक थाने की जीडी में एक भी शिकायत दर्ज नहीं की गई। अपराध की इतनी कम संख्या को लेकर पुलिस विभाग भी हैरान है कि आखिर ऐसा कैसे होता रहा। लेकिन यह सच है कि एटा जीआरपी का थाना पूरी तरह से शांतप्रिय माहौल होने का दावा कर रहा है।


रेलवे कालोनी स्थित जीआरपी थाना की स्थापना वर्ष 2001 में हुई थी। इससे पहले तक एटा जिले में जीआरपी की चौकी ही थी। एटा से टूंडला तक चलने वाली पैसेंजर ट्रेन की सुरक्षा संबंधी जिम्मेदारी पहले चार सिपाहियों के जिम्मे थी, लेकिन जब से थाने की स्थापना हुई तो एक प्रभारी, एक हेड कांस्टेबिल सहित आठ कर्मियों को लगाया गया। थाने का संचालन होने के बाद से वर्ष 2016 तक थाने में रखी जीडी पूरी तरह से खाली पड़ी रही। लंबे समय तक जीआरपी थाना में एक भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई। वर्ष 2016 में ट्रेन की बोगी में एक शव मिला तब जाकर पहली एफआईआर दर्ज हो सकी। हालांकि इस मामले में बाद में एफआर लग गई। इसके बाद वर्ष 2019 में कुछ अराजक तत्वों ने गेटमैन के साथ मारपीट की वारदात को अंजाम दिया। इस मामले की दूसरी एफआईआर दर्ज हो सकी है। एटा जिला अपराध ग्रस्त की सूची में शामिल है। लोगों की भी ही ऐसी धारणा है। लेकिन थाना की जीडी साबित कर रही है कि एटा पर लगाए जाते रहे आरोप और दावे खोखले साबित हो रहे हैं।


संयुक्त छापेमारी में पकड़ी शराब की खेप

एकाशुं उपाध्याय


गाजियाबाद। लोनी कोतवाली पुलिस व आबकारी विभाग की टीम के द्वारा संयुक्तरूप से की गई छापेमारी के दौरान, तस्करी की गई  अवैध शराब की बड़ी खेप बरामद की है। क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार बड़े पैमाने पर फल-फूल रहा है। जिस पर  प्रशासनिक शख्‍ती के कारण संयुक्त रूप से छापेमारी कर  इस पर अंकुश लगाने का प्रयास किया गया है। स्थानीय पुलिस और आबकारी विभाग के द्वारा यह  सशक्त कार्रवाई की गई है। अवैध शराब के रूप में जहरीली शराब ,सस्ती शराब जनता को सस्ते मूल्य में परोसी जा रही है। जिस पर  प्रशासन स्थाई रूप से नियंत्रण नहीं कर पा रहा है। क्षेत्र में इस प्रकार का अभियान संचालित रखना चाहिए। जिससे अवैध शराब के कारोबार पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगाई जा सके। हालांकि अवैध शराब के व्यापारी संदीप निवासी सरौली के मकान से ही हरियाणा मार्का देशी व अग्रेजी शराब की 191पेटी जिसकी कीमत लगभग-लगभग 6 लाख रुपए बताई जा रही है। संदीप पुलिस की गिरफ्त से बाहर है जिसके लिए पुलिस दबिश दे रही है।


लूट के विरोध में गोली लगने से मौत

बदायूं। उझानी क्षेत्र में आज सुबह बदमाशों ने लूटपाट का विरोध करने पर एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी। करीब साढ़े सात हजार रुपये और दो बैग लूटकर फरार हो गये।


मृतक के बेटा कुवंरपाल रायबरेली में रेलवे के कारखाने में काम करते हैं। वे बस पर सवार होकर सुबह करीब चार बजे रायबरेली से उझानी उतरे थे। पिता आनंदपाल सिंह बेटे को लेने के लिए बाइक लेकर उझानी आये थे। उन्होंने बताया कि वो जब मोटरसाइकिल पर जमरौली जाने लगे, उसी समय चार नकाबपोश बदमाश आये और उन लोगों से तमंचे के बल पर लूटपाट करने लगे। विरोध करने पर बदमाशों ने 60 वर्षीय आनंदपाल को गोली मार दी और करीब साढे सात हजार रुपये लूटकर फरार हो गये। उन्होंने बताया कि गंभीर हालत में आनंदपाल को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई।


घाटी में अलर्ट:सुरक्षा बलों ने बढ़ाई चौकसी

जम्मू कश्मीर। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद घाटी में पहले से ही अलर्ट सुरक्षा बल अब और चौकन्नी हो गई है। इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक घाटी में हाल के दिनों में कई पाकिस्तानी आतंकी देखे गए हैं। सूत्रों के मुताबिक पांच अगस्त से लेकर अब तक 40 पाकिस्तानी आतंकी घुसपैठ कर चुके हैं। पिछले 40 दिनों में हुई ये घुसपैठ अब तक की सबसे बड़ी घुसपैठ है। इंटेलिजेंस एजेंसियों की मानें तो ये सभी आतंकी जैश ए मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए हैं।


खबर यह भी है कि इन आतंकियों के निशाने पर सुरक्षा बल हैं और वो किसी बड़े हमले की फ़िराक में हैं। पाकिस्तान और आतंकियों को भेजने की फ़िराक़ में लगा हुआ है। इसी वजह से जम्मू-कश्मीर की घाटी में सुरक्षा और चौकस कर दी गई है। बता दें कि इंडियन आर्मी ने जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर में पाकिस्तान बॉर्डर एक्शन टीम के एक दल द्वारा घुसपैठ की नाकाम कोशिश का एक वीडियो शेयर किया था।भारतीय सेना द्वारा शेयर किए गए तीन अगस्त के इस वीडियो में कम से कम 4 शव देखे जा सकते हैं। पाक सेना ने इनके शव लेने से भी इनकार दिया था, जबकि सेना ने इनके पाक सैनिक होने के सबूत भी पेश किए थे। मारे गए घुसपैठियों में आतंकियों के साथ-साथ पाकिस्तान की सेना के जवान भी शामिल थे। सेना सूत्रों ने कहा है कि ये पाकिस्तानी घुसपैठिए थे।


अस्थाई कोर्ट में बयान दर्ज करने पहुंचे जज

उन्नाव रेप केस में पीड़िता का बयान दर्ज करने AIIMS पहुंचे जज, बनाया गया है अस्थाई कोर्ट


नई दिल्ली। उन्नाव रेप केस की पीड़िता का बयान आज से दर्ज किया जाएगा। इसके लिए अस्पताल में ही विशेष कोर्ट बैठेगी। जज सुनवाई के लिए एम्स में पहुंच चुके हैं। पीड़िता का बयान बंद कमरे में दर्ज किया जाएगा जिसे रिकॉर्ड भी किया जाएगा। वहीं, आरोपी शशि सिंह और कुलदीप सेंगर की पेशी भी हुई है। पीड़िता के बयान दर्ज करने के बाद आरोपियों से क्रॉस एग्जामिनेशन होगा। रायबरेली के पास हुई दुर्घटना के बाद पीड़िता एम्स में इलाज करवा रही हैं। इसी वजह से अदालत ने एम्स में अस्थायी कोर्ट बनाकर बयान दर्ज कराने का आदेश दिया था। इस मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर आरोपी हैं।
28 जुलाई को कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाने वाली पीड़िता, उसकी चाची और मौसी अपने वकील के साथ रायबरेली जेल में बंद अपने रिश्तेदार से मुलाक़ात करने जा रही थी, इसी दौरान एक ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी थी। इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रही है।


बीज निगम कर्मचारी बता, ठगे 52 लाख

रायगढ़। छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले के करीब 12 किसान ठगी का शिकार हो गए। भद्रीपाली गांव के रहने वाले पिता-पुत्र की जोड़ी ने इन्हें अपना शिकार बनाया। दरअसल मोहन डनसेना नाम के शख्स ने खुद को गांव वालों को बीज निगम का कर्मचारी बताया। उसने वादा किया वो सभी किसानों का धान 1800 प्रति क्विंटल की दर से खरीदेगा। आरोपी और किसानों के बीच 66 लाख 60 के धान की डील हुई। आरोपी ने महज 14 लाख गांव के किसानों को दिए और धान लेकर फरार हो गया।


इस धोखाधड़ी के शिकार हुए किसान यज्ञनारायण चन्द्रा ने बताया कि मार्च महीने में मोहन डनसेना से उसकी मुलाकात हुई। खुद को बीज निगम का कर्मचारी बताकर डनसेना ने धान खरीदने की बात कही। आरोपी ने किसान को खरसिया बुलाया यहां 3 लाख रूपए एडवांस किसान को दिए। किसान आरोपी के झांसे में आ गया। उसने अन्य किसानों का धान भी आरोपी के पास बेचा। बीच-बीच में आरोपी कुछ रूपए किसानों को देता रहा औ धान ले जाता रहा। इस तरह उसने किसानों को 66 लाख के धान के बदले 14 लाख रूपए दिए।


इसके बाद कई दिनों तक किसानों को आरोपी ने पैसे नहीं दिए। किसान उसके घर के चक्कर लगाते रहे। बार-बार रूपयों की मांग करने पर आरोपी ने किसानों को बाकि बची रकम 52 लाख 60 हजार रूपए का चेक दे दिया। इसे जब बैंक में जमा कराया गया तो आरोपी के खाते में पैसे ही नहीं थे। इस बीच किसानों ने रायगढ़ के बीज निगम में आरोपी की तस्दीक की तो पता चला वह वहां का कर्मचारी नहीं है । मौका पाकर आरोपी किसानों का धान बेचकर फरार हो गया। किसानों की शिकायत पर अब पुलिस उसकी तलाश में है।


पूर्व मुख्यमंत्री को बेटे सहित नजरबंद किया

हैदराबाद। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और उनके बेटे नारा लोकेश समेत तेलुगु देशम पार्टी के कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया। दोनों नेता अपने समर्थकों के साथ सरकार के विरोध में अपने आवास पर भूख हड़ताल पर बैठे थे। पुलिस प्रशासन ने अटमाकुर समेत संवेदनशील इलाकों में धारा 144 लगा दी।


नायडू को मीडिया से मिलने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र का काला दिन है। प्रशासन ने चंद्रबाबू के अलावा उनके कई समर्थकों को भी नजरबंद किया है। वहीं, मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने चंद्रबाबू और उनके समर्थकों पर हिंसा फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया। चंद्रबाबू ने जगन रेड्डी पर राजनीतिक हिंसा करने का आरोप लगाते हुए विरोध जताया था। उन्होंने अपने समर्थकों से बुधवार को सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक विरोध के लिए अपने-अपने क्षेत्र में भूख हड़ताल पर बैठने की अपील की थी। साथ ही तेदेपा ने 'चलो अटमाकुर' नारा भी दिया था। चंद्रबाबू ने जगन की पार्टी पर तेदेपा समर्थकों की हत्या का भी आरोप लगाया है।


तेदेपा ने कहा कि उनके कार्यकर्ताओं को धमकियां मिल रही हैं। पार्टी ने दावा किया कि पिछले तीन महीनों में आठ कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है। इनमें ज्यादातर गुंटुर जिले के अटमाकुर और पलनाडू क्षेत्र के थे। इसके विरोध में चंद्रबाबू ने तेदेपा समर्थकों से बुधवार को गुंटुर से पलनाडू के अटमाकुर गांव तक रैली करने की अपील की थी। उंदावल्ली में नजरबंद नारा लोकेश ने कहा, ''विरोध करना हमारा संवैधानिक अधिकार है। प्रशासन या सरकार हमें नहीं रोक सकते।


राष्ट्र विरोधियों को कीमत चुकानी होगी

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि ऐसा कोई भी व्यक्ति जो देश विरोधी गतिविधियों में लगा हुआ है, उसे उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। जितेंद्र जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के नेता यासीन मलिक पर निशाना साध रहे थे।


जितेंद्र ने यह भी कहा कि बीते 30 साल से देश विरोधी गतिविधियों में लगे लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब उन पर एक्शन लेने का वक्त आ गया है। वायुसेना अफसरों को मारने के कथित आरोपी यासीन को क्या राजनीतिक संरक्षण दिया जा रहा है, इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, अफसरों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। हम उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो अत्याचारों की गवाह रही। हमारी सरकार अब भी बातचीत को तरजीह देती है। लेकिन कोई भारत में रहते हुए देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहेगा तो उसे जवाब देना पड़ेगा। सिंह ने एक बार फिर कहा, ''सरकार का अगला एजेंडा जम्मू-कश्मीर के बाकी हिस्सेको भारत में शामिल करना है। ये केवल मेरी या पार्टी की प्रतिबद्धता नहीं है। यह रेजोल्यूशन तो 1994 में संसद में पीवी नरसिम्हाराव की सरकार के वक्त पास किया गया था।''


''मोदी सरकार ने अपने 100 दिन के कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसले लिए। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना हमारा सबसे बड़ा अचीवमेंट है। कश्मीर न तो बंद है और न ही वहां पर अब कर्फ्यू है। वहां जिंदगी तेजी से पटरी पर लौट रही है। अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला हमने इसलिए लिया क्योंकि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में औद्योगिक विकास, स्वास्थ्य सुविधाएं और रोजगार की स्थिति बेहतर हो सके।


हिंदू भावना दबाने का नतीजा:कल्याण

कल्याण सिंह बोले- बाबरी मस्जिद गिराना साजिश नहीं, यह करोड़ों हिंदुओं की भावनाएं दबाने का नतीजा


 लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने लखनऊ में कहा कि बाबरी मस्जिद को गिराए जाने की घटना किसी षडयंत्र का हिस्सा नहीं, बल्कि सदियों से करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को दबाए जाने का परिणाम था। दिसंबर 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद को गिराए जाने के समय कल्याण सिंह मुख्यमंत्री थे। इलाहाबाद हाईकोर्ट के विशेष जज सुरेंद्र कुमार यादव ने सीबीआई को कल्याण सिंह के मामले में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। इस पर सीबीआई ने एक आवेदन दायर किया था, जिस पर आज सुनवाई होगी।


कल्याण ने कहा, “अभी तक मैं राजस्थान का राज्यपाल था और मुझे समन नहीं किया जा सकता था। लेकिन अब मुझसे पूछताछ की जाएगी। इसके लिए मैं कोर्ट में पेश होऊंगा। मैं वहां पर सभी सवालों का जवाब दूंगा।”पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं कोर्ट का सम्मान करता हूं। यदि सीबीआई मुझसे पूछताछ करना चाहती है तो मैं इसे स्वीकार करता हूं। वे इसके लिए जब भी तारीख तय करते हैं तो मैं उस दौरान हाजिर रहूंगा। यह मुद्दा अदालत में है और 12-13 लोगों के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं। मैं कोर्ट को बताऊंगा कि इसमें कोई षडयंत्र नहीं हुआ।”


कल्याण ने कहा, “अयोध्या करोड़ों भारतीयों की आस्था का केंद्रबिंदु है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होता है तो इससे करोड़ों भारतीयों की इच्छा पूरी होगी। मैं राम मंदिर निर्माण का समर्थन करता हूं। यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। हम लोग कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। फैसले आने के बाद केंद्र सरकार को इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। मेरा पक्ष इस मुद्दे पर पूरी तरह स्पष्ट है।”


उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को इस मुद्दे पर अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए कि वे अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में हैं या नहीं। उन्होंने सुझाव दिया कि मुस्लिम पक्ष को इस मामले में अपने दावे को वापस लेने के पक्ष में सोचना चाहिए। इससे देश की एकता और अखंडता सुनिश्चित होगी।


गुजरात में 90 फ़ीसदी कम किया जुर्माना

अहमदाबाद । केंद्र सरकार द्वारा मोटर वीइकल्स ऐक्ट में संशोधन के महज 10 दिन बाद गुजरात सरकार ने मंगलवार को कई जुर्माने घटा दिए। ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर केंद्र के बढ़ाए जुर्माने को राज्य सरकार ने 25% से 90% तक कम कर दिया है। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने इसके लिए मानवीय आधार को कारण बताया है। माना जा रहा है कि इसे देखने के बाद अब दूसरे राज्य भी जुर्माना घटा सकते हैं। बता दें कि नए मोटर वीइकल ऐक्ट में राज्यों को कुछ जुर्माने घटाने का अधिकार दिया गया है।
कई और राज्य घटाएंगे जुर्माना?


गुजरात में नए जुर्माने 16 सितंबर से लागू होंगे। हालांकि, सरकार ने शराब पीकर गाड़ी चलाने और ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने का जुर्माना नहीं बदला है क्योंकि इनमें बदलाव का प्रावधान नहीं दिया गया है। बता दें कि अभी तक यह ऐक्ट कांग्रेस शासित राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और पंजाब के अलावा गुजरात में लागू नहीं हुआ था। कर्नाटक सरकार का भी कहना है कि अगर दूसरे राज्य जुर्माना कम करते हैं, तो वहां भी विचार किया जाएगा।
कई राज्य पहले से नाराज


गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस के शासन वाले पश्चिम बंगाल और कांग्रेस शासित मध्य प्रदेश एवं राजस्थान जैसे गैर-बीजेपी शासित राज्यों ने पहले ही जुर्माने की रकम में इतने बड़े इजाफे पर सवाल उठा चुके हैं। राजस्थान सरकार ने नया कानून तो लागू कर दिया, लेकिन जुर्माने की बढ़ी रकम पर विचार करने की बात कही। बता दें, एमपी और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है, जबकि पश्चिम बंगाल तृणमूल कांग्रेस शासित है।


'जान गई, तो नरमी नहीं'


इस बारे में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा है कि उनकी सरकार का लक्ष्य ज्यादा जुर्माना लेना या लोगों के खिलाफ केस दर्ज करना नहीं था। रुपाणी ने कहा, 'नए कानून को बिना कड़ी सजा दिए लागू करना मुमकिन नहीं है। हमने मानवीय रुख अपनाया है और जुर्माना कम किया है। ऐसे मामलों में नरमी नहीं बरती जाएगी जहां लोगों की जान चली गई हो। जो लोग बार-बार ट्रैफिक नियम तोड़ते हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।'
मिडिल क्लास का ध्यान


बता दें कि नए मोटर वीइकल ऐक्ट के तहत राज्य नाबालिगों के गाड़ी चलाने, शराब पीकर गाड़ी चलाने और सिग्नल तोड़ने पर लगने वाले जुर्माने को बदल नहीं सकते और इसलिए, गुजरात में भी इनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि, सरकार ने सड़क के गलत साइड पर गाड़ी चलाने पर जुर्माना कम कर दिया है। यह मामला कोर्ट में सुलझाए जाने वाले मामलों में आता है। इसके अलावा दोपहिया पर पीछे बैठे व्यक्ति के हेल्मेट नहीं पहनने पर जुर्माना हटा दिया गया है। रुपाणी ने बताया कि अक्सर मिडिल क्लास परिवार में पत्नी और बच्चे दोपहिया पर चलते हैं, इसलिए इस नियम में नरमी बरती गई है।


यह होंगे नए फाइन


माना जा रहा है कि केंद्र सरकार के फैसले के बाद से चल रहे विरोध प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए लोगों का गुस्सा शांत कराने के लिए राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है। नए नियमों के तहत हेलमेट या सीट बेल्ट पर 1000 रुपये का जुर्माना दिया जाना है, जबकि गुजरात में इसे 500 रुपये कर दिया गया है। दमकल की गाड़ी या ऐम्बुलेंस का रास्ता रोकने पर 10,000 रुपये की जगह 1,000 रुपये, दोपहिया पर ट्रिपलिंग के लिए 1,000 की जगह 100 रुपये जुर्माना कर दिया गया है।


शारीरिक कष्ट की आशंका है: सिंह

राशिफल


मेष-अप्रत्याशित लाभ के योग हैं। जुए-सट्टे से दूर रहें। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है। कारोबार में वृद्धि होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। किसी बड़ी समस्या का हल होगा। भाग्य का साथ रहेगा विवाद से बचें। भय रहेगा। राजमान मिल सकता है। प्रमाद न करें।


वृष-चिंता तथा तनाव में वृद्धि होगी। लाभ के अवसर टलेंगे। कोई अप्रत्याशित खर्च सामने आएगा। कर्ज लेना पड़ सकता है। पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। विवेक का प्रयोग करें।


मिथुन-बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। नए काम मिलेंगे। समय की अनुकूलता का लाभ लें। आय में वृद्धि होगी। कारोबार अच्‍छा चलेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। प्रतिद्वंद्विता बढ़ सकती है। स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है।


कर्क-शारीरिक कष्ट से बाधा संभव है। लापरवाही न करें। सुख के साधनों पर व्यय होगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। घर-बाहर सभी ओर से सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय अच्‍छा चलेगा। जल्दबाजी न करें।


सिंह-जीवनसाथी की तरफ से चिंता का वातावरण बनेगा। शारीरिक कष्ट की आशंका है। यात्रा सफल रहेगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा। सत्संग का लाभ मिलेगा। कोर्ट-कचहरी व सरकारी कार्यालयों में रुके कार्यों में गति आएगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। जोखिम बिलकुल न लें।


कन्या-कुसंगति से हानि होगी। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। किसी व्यक्ति से बड़े विवाद की आशंका है। वाणी पर नियंत्रण रखें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। महत्वपूर्ण निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें।


तुला-लेन-देन में जल्दबाजी से बचें। चोट व रोग से हानि की आशंका है। कानूनी अड़चन दूर होकर स्‍थिति अनुकूल बनेगी। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। स्त्री पक्ष से लाभदायक सूचना मिल सकती है। प्रसन्नता रहेगी।


वृश्चिक-किसी अनहोनी की आशंका रहेगी। शत्रु नतमस्तक रहेंगे। भूमि व भवन संबंधी लाभदायक योजना बनेगी। कारोबार से बड़ा मुनाफा हो सकता है। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। नौकरी में जवाबदारी बढ़ सकती है। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा।


धनु-पार्टी व पिकनिक का आनंद मिल सकता है। विद्यार्थी वर्ग अपने कार्य लगन से कर पाएगा। अध्ययन में मन लगेगा। संगीत व चित्रकारी आदि रचनात्मक कार्यों में रुचि रहेगी। आय में वृद्धि होगी। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।


मकर-लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी से अकारण विवाद हो सकता है। हृदय को ठेस पहुंच सकती है। दु:खद समाचार मिलने की आशंका है। पुराना रोग उभर सकता है। भागदौड़ रहेगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी।


कुंभ-व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। मेहनत का फल प्राप्त होगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। मित्रों तथा रिश्तेदारों की सहायता करने का अवसर प्राप्त होगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे।


मीन-राजभय रहेगा। जल्दबाजी तथा विवाद करने से बचें। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। घर में मेहमानों का आवागमन रहेगा। किसी मांगलिक कार्य का आयोजन हो सकता है। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। प्रसन्नता रहेगी।


नीले पीले सफेद लाल गुलाबी कमल

कमल का पौधा (कमलिनी, नलिनी, पद्मिनी) पानी में ही उत्पन्न होता है और भारत के सभी उष्ण भागों में तथा ईरान से लेकर आस्ट्रेलिया तक पाया जाता है। कमल का फूल सफेद या गुलाबी रंग का होता है और पत्ते लगभग गोल, ढाल जैसे, होते हैं। पत्तों की लंबी डंडियों और नसों से एक तरह का रेशा निकाला जाता है जिससे मंदिरों के दीपों की बत्तियाँ बनाई जाती हैं। कहते हैं, इस रेशे से तैयार किया हुआ कपड़ा पहनने से अनेक रोग दूर हो जाते हैं। कमल के तने लंबे, सीधे और खोखले होते हैं तथा पानी के नीचे कीचड़ में चारों ओर फैलते हैं। तनों की गाँठों पर से जड़ें निकलती हैं। 


विश्व में कमलों की दो प्रमुख प्रजातियाँ हैं। इनके अलावा कई जलीय कुमुदिनियों (वाटर लिलि) को भी कमल कहा जाता है, जो की वास्तविक नही है। कमल का पौधा धीमे बहने वाले या रुके हुए पानी में उगता है। ये दलदली पौधा है जिसकी जड़ें कम ऑक्सीजन वाली मिट्टी में ही उग सकती हैं। इसमें और जलीय कुमुदिनियों में विशेष अंतर यह कि इसकी पत्तियों पर पानी की एक बूँद भी नहीं रुकती और इसकी बड़ी पत्तियाँ पानी की सतह से ऊपर उठी रहती हैं। एशियाई कमल का रंग हमेशा गुलाबी होता है। नीले, पीले, सफ़ेद और लाल "कमल" असल में जल-पद्म होते हैं जिन्हें कमलिनी कहा गया हैं। यह उष्ण कटिबंधी क्षेत्र पौधा है जिसकी पत्‍तियां और फूल तैरते हैं, इनके तने लंबे होते हैं जिनमें वायु छिद्र होते हैं। बड़े आकर्षक फूलों में संतुलित रूप में अनेक पंखुड़ियाँ होती हैं। जड़ के कार्य रिजोम्‍स द्वारा किए जाते हैं जो पानी के नीचे कीचड़ में समानांतर फैली होती हैं।


कमल के पौधे के प्रत्येक भाग के अलग-अलग नाम हैं और उसका प्रत्येक भाग चिकित्सा में उपयोगी है-अनेक आयुर्वेदिक, एलोपैथिक और यूनानी औषधियाँ कमल के भिन्न-भिन्न भागों से बनाई जाती हैं। चीन और मलाया के निवासी भी कमल का औषधि के रूप में उपयोग करते हैं।कमल के फूलों का विशेष उपयोग पूजा और शृंगार में होता है। इसके पत्तों को पत्तल के स्थान पर काम में लाया जाता है। बीजों का उपयोग अनेक औषधियों में होता है और उन्हें भूनकर मखाने बनाए जाते हैं। तनों (मृणाल, बिस, मिस, मसींडा) से अत्यंत स्वादिष्ट शाक बनता है।


प्रकाश की चाल और इतिहास

प्रकाश की चाल (speed of light) (जिसे प्राय: c से निरूपित किया जाता है) एक भौतिक नियतांक है। निर्वात में इसका सटीक मान 299,792,458 मीटर प्रति सेकेण्ड है जिसे प्राय: 3 लाख किमी/से. कह दिया जाता है। वस्तुत: सभी विद्युतचुम्बकीय तरंगों (जैसे रेडियो तरंगें, गामा किरणे, प्रकाश आदि) समेत, गुरुत्वीय-सूचना का वेग भी इतना ही है। चाहे प्रेक्षक का 'फ्रेम ऑफ रिफरेंस' कुछ भी हो या प्रकाश-उत्सर्जक स्रोत किसी भी वेग से किधर भी गति कर रहा हो, हर प्रेक्षक को प्रकाश का यही वेग मिलेगा। कोई भी वस्तु, दिक्-काल में प्रकाश के वेग से अधिक वेग पर गति नहीं कर सकती।


प्रकाश के वेग का सटीक मान निकालना एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, क्योंकि यह विद्युत्चुं-चुबकीय घटनाओं का एक अभिन्न अंग है। जितने भी ऊर्जा के संचार के कार्य हैं, उनमें इसका उपयोग होता है। प्रकाश के वेग समय यात्रा में सहायक है। आइंस्टीन के सापेक्षता के विशेष सिद्धांत के अनुसार, यदि प्रकाश की गति की तुलनात्मक चाल पर गमन किया जाता है तो (गमन करने वाले पिंड के लिए) समय किसी स्थिर प्रेक्षक की तुलना में भिन्न हो जायेगा|


21 अक्टूबर 1983, से प्रकाश के वेग का मान मीटर सहित अन्य मापकों को 'कैलिब्रेट' करने के लिये किया जा रहा है। इसका मान निर्वात के विद्युत नियतांक {\displaystyle \varepsilon _{0}\,\!} {\displaystyle \varepsilon _{0}\,\!} तथा चुम्बकीय नियतांक (परमिएबिलिटी) (परमिटिविटी) {\displaystyle \mu _{0}\,\!} {\displaystyle \mu _{0}\,\!} से सम्बन्धित है जो निम्नवत है:


{\displaystyle c={\frac {1}{\sqrt {\mu _{0}\,\varepsilon _{0}}}}\,\!} {\displaystyle c={\frac {1}{\sqrt {\mu _{0}\,\varepsilon _{0}}}}\,\!}
इतिहास 
सत्राहवीं सदी के मध्य तक धारणा यह थी कि प्रकाश का वेग अनंत होता है, अर्थात् उसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचने में कुछ भी समय नहीं लगता। गैलिलियो ने प्रकाश की चाल को मापने का प्रयास किया था, परन्तु उनके प्रयोग में मानव-प्रतिक्रिया-काल से होने वाली त्रुटी की वजह से वे प्रकाश की गति मापने में नाकामयाब रहे| सितंबर1676 में रोमर ने बताया कि प्रकाश का वेग तीव्र होने के बावजूद 'परिमित' है। बृहस्पति के एक उपग्रह, इओ, के ग्रहणों के अंतर काल में पृथ्वी से संबंधित दूरी के बदलने से होने वाले परिवर्तन का अध्ययन कर, रोमर ने प्रकाश को पृथ्वी की कक्षा के व्यास को पार करने में लगनेवाले काल को निकालाने का तरीका सुझाया| हालांकि, उस तरीके के आधार पर गणना करने वाले पहले व्यक्ति क्रिस्चियन हुय्गेंस थे, जो 2,14,300 किलोमीटर प्रति सेकंड के बराबर ज्ञात हुआ, फिर भी प्रकाश की गति निकालने वाले व्यक्ति के रूप में रोमर को ही श्री मिलता है । उन समय के वैज्ञानिक ज्ञान को देखते हुए यह अत्यंत प्रशंसनीय कार्य था।


यमाचार्य नचिकेता वार्ता (धर्मवाद)

गतांक से ...
आज जो आपने संतान को कहा है। आठवां पुत्र को कहा है। उस समय महाराजा जानवी कहता है कि यह मानव के जीवन में स्वभाविक प्रणाम की इच्छा होती है। एक मानव माता-पिता जो अपने गृह में कर्म करते हैं तो कर्म करने के पश्चात मानव को प्रणाम की इच्छा होती है। उस परिणाम में मानव का यह स्वभाव बन जाता है कि वह पितृ यज्ञ करता है और पिता बनने की उसे स्‍वत: एक आत्मा की कृपा जागृत होती है। इसलिए मैंने आप पुत्र की आभाचरण की है। महाराज जानवी के इन वाक्यों को सकाम करने वाले ऋषियों ने कहा कि प्रभु हम यह जान सकते हैं कि आत्मा से मोक्ष का, पुत्र का क्या संबंध है? उन्होंने कहा कि मोक्ष का और पुत्र का विशेष कोई संबंध नहीं है। परंतु जो मानव त्याग पूर्वक रहता है इस संसार में त्याग से रहता है। क्योंकि पुत्र जो होता है वह माता-पिता का हृदय होता है। परंतु वह जो हृदय है वही तो हृदय वर्चसी से बना देता है और जो एक ह्रदय को त्याग करके एक ह्रदय देव गति को प्राप्त कराता हुआ वह मोक्ष की पगडंडी को प्राप्त कर लेता है। परंतु देखो मैंने बहुत पुरातन काल में अपने वाक्यों को निर्णय देते हुए कहा था। महाराजा जानवी ने जब यह वाक्य कहा तो ॠषिवर उनके वाक्य से संतुष्ट होने लगे। उन्होंने कहा कि महाराज मोक्ष क्या है? पुत्र की आभा तो समाप्त हो जाती है। उन्होंने कहा कि जैसे मानव आत्मा और परमात्मा का पुत्र है और मोक्ष में जाने के पश्चात वह परमात्मा को प्राप्त हो जाता है। परमात्मा में आधारित आनंद को प्राप्त हो जाता है। इसी प्रकार पुत्र बनने में ही मानव अपने ब्रह्मवेग, ब्रह्मज्ञान को प्राप्त कर सकता है। जैसे आचार्य कुल में प्रवेश करके शिष्य जब ज्ञान की आभा मे रमन करता है और ब्रह्म ज्ञान को प्राप्त करने के लिए उसकी उत्कृष्ट इच्छा होती है तो मुनिवरो, वह पुत्र बनकर के, शिष्य बनकर के उनके चरणों को छू कर के ब्रह्म ज्ञान को प्राप्त करता है। क्योंकि देखो वह उसका पुत्र है। क्योंकि पुत्र ही पिता के आंगन को प्राप्त हो जाता है पिता मन आंगन में प्रवेश करके जैसे मोक्ष में जाने वाला आत्मा प्रकृति की तरंगों को त्याग करके वह परमात्मा ब्रह्म रूपी पित्र के द्वार पर प्रवेश कर जाता है। इसी प्रकार शिष्य अपने गुरु के द्वार में प्रवेश कर जाता है। ब्रह्म ज्ञानी बन जाता है। ब्रह्मज्ञानी बन करके उसको क्रियाओं में लाता है। क्रिया मे ला करके वह रजोगुण तमोगुण को समाप्त कर देता है। वह उन में प्रवेश करके ब्रह्म को प्राप्त हो जाता है। आज मैं विशेष चर्चा प्रकट करने नहीं आया हूं विचार देने आया हूं। आज मैं तुम्हें यह वाक्य प्रकट करने को आया हूं कि राजा जो ब्रह्म वेता होना चाहिए। जब राजा के राष्ट्र में राजा ब्रह्मवर्ता होता है तो उस समाज में उस प्रजा के वैभव को कोई भी मानव नष्ट नहीं कर सकता। क्योंकि उसका राजा ब्रह्म वेता है वह भव्यता बनकर के ब्राह्म लीन रहता है ब्रह्मा में समादिष्ट रहता है। अपने वैभव कि उसे चिंता नहीं होती वह अपने कर्तव्य का काम कर रहा है। प्रातकाल यज्ञ कर रहा है। मानव समय पर अपने अन्‍न का शोधन कर रहा है तो वह राजा ऊंचा है इसीलिए वेद का ॠषि कहता है कि राजा तो ब्रह्मवेता होना चाहिए। जो  राजा ब्रह्म वेता बन के परमाणुओं को जान लेता है। वह देव रूप हो जाता है वह प्रत्येक पर अपना अनुशासन कर लेता है और जो अनुशासन नहीं कर सकता वह प्राणी नहीं कहलाता। संसार में वह पामर कह लाया जाता है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


september 12, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1.अंक-40 (साल-01)
2. बृहस्पतिवार,12सितबंर 2019
3.शक-1941,भादप्रद शुक्‍लपक्ष त्र्‍योदशी,विक्रमी संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 5:59,सूर्यास्त 6:41
5.न्‍यूनतम तापमान -27 डी.सै.,अधिकतम-36+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी, उमस बनी रहेगी बरसात की संभावना रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.201102


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एसपी मित्तल लिखते ही चैनल खुल गया

500 करोड़ रुपए कमाने, आयुक्त चिन्मयी गोपाल से टकराव, विधायक देवनानी से संबंध, पार्षदों का पटाए रखने आदि के सवालों पर अजमेर के मेयर धर्मेन्द्र गहलोत के बेबाक जवाब। 
सोशल मीडिया पर मेरे ब्लॉगस की जबर्दस्त सफलता के बाद अब यू-ट्यूब चैनल की शुरुआत की गई है। इसे लाखों पाठकों का स्नेह की कहा जाएगा कि यू-ट्यूब पर एसपी मित्तल लिखते ही चैनल खुल जाएगा। वैसे नीचे लिंक भी दे रखा है। लिंक पर क्लिक करते ही अजमेर के मेयर धर्मेन्द्र गहलोत का इंटरव्यू देखने को मिल जाएगा। पाठकों की व्यस्तता को ध्यान में रखते हुए कम समय में अधिक से अधिक सवालों के जवाब मेयर गहलोत से लिए हैं। अजमेर के लोगों के मन में मेयर को लेकर जो सवाल उठते रहे, उन सभी का उत्तर लिया गया है। मेयर के कार्यकाल मेें 500 करोड़ रुपए कमाने, आवासीय भूखंडों पर व्यावसायिक निर्माण करवाने, नगर निगम की आयुक्त सुश्री चिन्मयी गोपाल से टकराव, विकास में दक्षिण विधानसभा क्षेत्र की उपेक्षा करने, उत्तर क्षेत्र के भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी की मदद लेने, विधानसभा का चुनाव लडऩे, भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस के पार्षदों को पटाए रखने, ओबीसी वर्ग के होते हुए भी सामान्य वर्ग की सीट पर मेयर बनने, अजमेर में मास्टर प्लान लागू न होने से लेकर पुत्र रोणित गहलोत के सवालों पर मेयर ने अपने अंदाज में जवाब दिए हैं। इस इंटरव्यू में मेरा प्रयास रहा कि अजमेर के नागरिकों के मन का हर सवाल पूछा जाए। यदि कोई सवाल रह गया तो वह समय की भेंट चढ़ा है। मैं उम्मीद करता हंू कि मेरे चैनल को लाइक कर इंटरव्यू को देखें। मेरा ऐसा प्रयास प्रतिदिन जारी रहेगा। उम्मीद है कि पाठकों का सहयोग और स्नेह मिलेगा। 
उपभोक्ता जागरुकता पर भी इंटरव्यू:
एक इंटरव्यू उपभोक्ता जागरुकता पर जाने माने एडवोकेट सूर्यप्रकाश गांधी से भी लिया गया है। गांधी ने केन्द्र सरकार के नए कानून और उपभोक्ताओं के हित में महत्वपूर्ण जानकारियां दी है। ऑन लाइन कंपनियों से माल मंगाने पर होने वाली परेशानी से लेकर सेलेब्रिटी के विज्ञापनों तक पर गांधी ने जानकारी दी है। इस संबंध में मोबाइल नम्बर 9829144425 पर गांधी से संवाद किया जा सकता है। 
एस.पी.मित्तल


नवरात्रि का पांचवां दिन मां 'स्कंदमाता' को समर्पित

नवरात्रि का पांचवां दिन मां 'स्कंदमाता' को समर्पित  सरस्वती उपाध्याय  स्कंदमाता महादेवी के नवदुर्गा रूपों में से पांचवां रूप है। उनक...