बुधवार, 23 अक्तूबर 2019

सीएम की तिवारी के परिजनों को सांत्वना

लखनऊ! यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतक कमलेश तिवारी के परिजनों को ₹15 लाख की आर्थिक सहायता दी! हिंदूवादी विचारधारा के प्रखर नेता कमलेश तिवारी की निर्मम हत्या से पूरे देश में रोष व्याप्त है! सत्ताधारी भाजपा पार्टी भी कहीं ना कहीं घटना से आहत है! जिसका स्पष्ट चेहरा सभी को दिखाई दे रहा है! जिसके चलते यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा मृतक के परिजनों को सांत्वना के रूप में आर्थिक सहायता दी गई है! हालांकि राज्य सरकार इस मामले पर चुप नहीं बैठ सकती है! राज्य सरकार के लिए यह एक चुनौती है! जहां केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार होने के बावजूद इस प्रकार की घटनाएं घट रही है! ऐसी स्थिति में हिंदू विचारधारा से प्रेरित व्यक्तियों का सुरक्षित रहना संदेह प्रद हो गया है! हालांकि मुख्यमंत्री ने इसके अलावा सीतापुर की महमूदाबाद तहसील में एक आवास भी देने का निर्देश जारी कर दिया है! मुख्यमंत्री के द्वारा आदेश जारी होने के बाद,जल्द ही पीड़ित परिवार को यह सहायता मुहैया करा दी जाएगी!


स्थानीय स्तर पर जिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों को आवास चिन्हित कर देने के निर्देश दे दिए गए हैं!
रिपोर्ट-बृजेश केसरवानी 


दादा नये अध्यक्ष (संपादकीय)

राणा ओबराय
पूर्व क्रिकेटर सौरभ गांगुली भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के 39वें दादा नियुक्त
मुंबई ! पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने आज मुंबई में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के नए अध्यक्ष का पद संभाला। वे बीसीसीआई के 39वें अध्यक्ष हैं। इसी के साथ 33 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) भी भंग हो गई। गांगुली निर्विरोध चुने गए हैं। वे जुलाई 2020 तक इस पद पर बने रहेंगे।इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में बोर्ड का कामकाज देख रही प्रशासकों की समिति (CoA) का कार्यकाल भी खत्म हो गया है। अब बोर्ड से जुड़े सभी कामकाज बीसीसीआई के चुने हुए नए प्रतिनिधि ही संभालेंगे।


47 वर्षीय गांगुली की अध्यक्षता वाली इस नई टीम में गांगुली के अलावा उपाध्यक्ष के पद पर महीम वर्मा, सचिव के रूप में जय शाह, अरुण धूमल (कोषाध्यक्ष) के साथ-साथ केरल के जयेश जॉर्ज संयुक्त सचिव का पद संभालेंगे।बुधवार को बीसीसीआई की एजीएम मीटिंग में शिरकत करने पहुंचे सीओए के अध्यक्ष विनोद राय ने बैठक में शामिल होने से पहले कहा, 'मैं बहुत संतुष्ट हूं।' राय ने यह बात सुप्रीम कोर्ट से मिली अपनी जिम्मेदारी को लेकर कही।इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एस. ए. बोबडे और जस्टिस एल. नागेश्वर राव की बेंच ने प्रशासकों की समिति (CoA)को निर्देश दिया था कि बुधवार को जब बीसीसीआई के नवनियुक्त पदाधिकारी चार्ज संभाल लें तो वह अपना काम समेट लें। भारत के पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) विनोद राय के नेतृत्व में यह प्रशासनिक समिति बीते 33 महीनों से बोर्ड का कामकाज देख रही थी।2013 में आईपीएल के दौरान स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी के आरोपों के बाद सुप्रीम कोर्ट को बीसीसीआई के कामकाज में दखल देना पड़ा था। दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड के कामकाज में पारदर्शिता लाने, भ्रष्टाचार खत्म करने समेत कई सुधारों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 22 जनवरी 2015 को जस्टिस आर. एम. लोढ़ा के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया था। समिति ने उसी साल 14 जुलाई को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी और इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा पैनल की सिफारिशों को लागू करने के मकसद से प्रशासनिक समिति का गठन किया था


कमलेश हत्याकांड को ऐसे दिया अंजाम

कमलेश तिवारी की मर्डर को हत्यारों ने ऐसे दिया अंजाम


लखनऊ! आखिरकार पांच दिनों बाद लखनऊ में हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या करने वाले आरोपी कानून के शिकंजे में आ ही गए। कल गुजरात एटीएस ने दो आरोपी अशफाक शेख और मोइनुद्दीन पठान को गुजरात बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया। कमलेश तिवारी की हत्या साजिश गुजरात के सूरत में रची गई थी और इसे अंजाम यूपी की राजधानी लखनऊ में दिया गया।


शुरुआती पूछताछ में दोनों ने कबूल किया है कि कमलेश तिवारी के भड़काऊ बयानों का बदला लेने के लिए ही इन्होंने उनकी हत्या की थी। चौंकाने वाली बात ये है कि कमलेश तिवारी की हत्या की साजिश करीब चार साल से रची जा रही थी। साजिश रचने वाले आरोपी सूरत के लिंबायत इलाके के हैं। सूरत के ग्रीन व्यू अपार्टमेंट में कमलेश तिवारी की हत्या की साजिश रची गई। ग्रीन व्यू के 108 नंबर फ्लैट में मोइनुद्दीन पठान रहता था और 303 नंबर का जो मकान है वो अशफाक का है। हत्या की साजिश में शामिल फैजान, रशीद और मोहसिन को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।


प्लास्टिक कचरे से होगा सड़क निर्माण

श्रीकान्त शाक्य 


खस्ताहाल सड़कें अब बनेगी प्लास्टिक के कचरे से


ग्राम राजल पुर मार्ग पर पहली बार होगा इसका प्रयोग


मैनपुरी। जिला मैनपुरी के अर्न्तगत आने वाली सड़कों के लिए कहा जाता है कि बनती बाद में है उखड़ पहले जाती है। पीडब्ल्यूडी विभाग ने अब इसका तोड़ खोज लिया है। अब जिले की सड़कें जल्दी खस्ताहाल नहीं होगी। मैनपुरी में इसका पहला प्रयोग शुरुआत मैनपुरी कुरावली मार्ग पर स्थित ग्राम राजल पुर से होगी। पहली बार होने जा रहे इस प्रयोग के लिए सड़क के 1.1 किलोमीटर लंबे जर्जर टुकड़े को चुना गया है।
लोक निर्माण विभाग ने प्लास्टिक के इको फ्रेंडली इस्तेमाल का तरीका खोज उससे सड़क बनाने का फैसला लिया है। फिलहाल इसका इस्तेमाल राजल पुर में 1.1 किलोमीटर लंबी पर किया जाएगा। इसके निर्माण में लगभग 10 लाख 66 हजार रुपए की लागत आएगी। अधिशासी अभियंता निर्माण खंड अनिल कुमार का कहना है इस मार्ग को विशेष मरम्मत मार्ग में शामिल कराया गया है। यदि यह प्रयोग सफल रहा तो दूसरी सड़कों में भी इसका इस्तेमाल होगा। विशेषज्ञों के मुताबिक यही सड़क अगर परंपरागत तरीके से बनाई जाए तो उस पर करीब 8 लाख तक का खर्च आएगा। लेकिन प्लास्टिक की गुणवत्ता डामर से अधिक होती है। आगरा में भी ऐसी ही एक सड़क बनाने का प्रस्ताव पास हो चुका है।


इंजीनियरिंग का कमाल देखने को मिलेगा


अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग का कहना है कि प्लास्टिक के कचरे से सड़क बनाने में 10 फीसद तक डामर की बचत होती है। एक टन प्लास्टिक कचरे से लगभग लगभग 3 मीटर चौड़ी 1 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जा सकती है। इस प्रक्रिया में प्लास्टिक के टुकड़ों को पिघलाकर गिट्टी के साथ मिलाया जाता है। इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि तापमान 160 से 170 डिग्री सेल्सियस के बीच ही होगा। इससे ज्यादा पर मिश्रण के चिपकने की क्षमता प्रभावित होगी। लगभग 10 किलो डामर में 9 से 10 फीसद तक प्लास्टिक के मिश्रण को मिलाया जाएगा।


कनॉट प्लेस में मुठभेड़, तीन गिरफ्तार

मनोज सिंह ठाकुर


नई दिल्ली। दिल्ली का दिल कहे जाने वाले नई दिल्ली जिले में स्थित कनाट प्लेस में बुधवार तड़के पुलिस और बदमाशों का आमना-सामना हो गया। मुठभेड़ में दोनो तरफ से गोलियां चलीं, जिसमें गोली लगने से घायल बदमाश और उसके साथियों को पुलिस ने पकड़ लिया। मुठभेड़ बुधवार तड़के करीब पांच बजे शंकर मार्केट में हुई। नई दिल्ली जिला पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया, मुठभेड़ के दौरान तीन बदमाश मौके पर ही दबोच लिए गए। एक बदमाश मौके से भागने में कामयाब रहा।


गिरफ्तार किए गए तीन में से जिन दो बदमाशों के गोलियां लगीं हैं, उनके नाम सलीम और इस्माइल, वहीं तीसरे बदमाश का नाम साऊद पता चला है। चारों बदमाश बुधवार तड़के कार से कनाट प्लेस इलाके में पहुंचे थे। नई दिल्ली जिला पुलिस के अधिकारियों का दावा है कि चारों बदमाश इलाके में सुबह की सैर पर आये लोगों को निशाना बनाने की फिराक में घूम रहे थे।
पकड़े गये तीनों बदमाशों पर 90 से ज्यादा आपराधिक मामले दिल्ली के अलग-अलग थानों में दर्ज हैं। गिरोह सुबह सैर पर आये राहगीरों को ही निशाना बनाता था। कुछ दिन पहले इसी गिरोह ने कनाट प्लेस इलाके में निशांत सिंह नाम के एक युवक से उसकी साइकिल छीन ली थी। निशांत सिंह एक केंद्रीय मंत्री का करीबी रिश्तेदार बताया जाता है। निशांत के साथ जब घटना घटी उस वक्त वो साइकलिंग करता हुआ दिल्ली के द्वारका इलाके से कनाट प्लेस में पहुंचा था।
पकड़े गये बदमाशों के पास से पुलिस को कई वारदातों में झपटा हुआ सामान मिला है। घायल बदमाशों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


कोल्हापुर से 69 देसी बम बरामद

मुंबई। महाराष्ट्र के कोल्हापुर इलाके में क्राइम ब्रांच की टीम ने एक घर में दबिश देकर 69 देसी बम बरामद किए हैं! इसके साथ ही दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है! बताया जा रहा है कि इनके पास से भारी मात्रा में सल्फर और पोटेशियम पाउडर भी बरामद किया गया है! गौरतलब है कि शुक्रवार को कोल्हापुर के उजलाईवाड़ी ब्रिज के नीचे एक धमाका हुआ था जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी! इसके बाद से ही क्राइम ब्रांच ने सर्च ऑपरेशन चलाया हुआ था!
क्राइम ब्रांच की अलग-अलग टीमें बनाई गई थीं और वह मामले की जांच कर रही थीं! इस दौरान पुलिस को सूचना मिली कि कुछ संदिग्ध लोग एक घर में छिपे हैं और कई दिनों से उनके यहां पर कैमिकल्स की बड़ी खेप आ रही है! जिसके बाद पुलिस ने वहां पर दबिश दी तो उनके पास से 69 देसी बम बरामद किए गए! इसके साथ ही वहां से बम बनाने की कई किताबें और अन्य संदिग्ध वस्तुएं बरामद की गई हैं!


मिलावट खोरी के विरुद्ध प्रशासनिक सख्ती

श्रवण मिश्रा


रायबरेली! एसडीएम सदर की छापेमारी में शहर के दो होटल सील! दीपावली के मद्देनजर खाद्य सुरक्षा के प्रति जिला प्रशासन सख्त बगैर लाइसेंस होटल संचालन, मिलावटखोरी, घटतौली,पालीथीन उपयोग की पोल खुली संगम स्वीट्स खोया मंडी और सागर स्वीट्स पर प्रशासनिक गाज! 
 
रायबरेली दीपावली के मद्देनजर खाद्य सुरक्षा को लेकर सख्त जिला प्रशासन की गाज गिरनी शुरू हो गई है। मंगलवार को हुई छापेमारी के दौरान शहर के नामचीन होटल एसडीएम के निशान पर रहे। अपनी जांच पड़ताल में खोया मंडी के संगम स्वीट्स और मंशा देवी मंदिर के पास सागर स्वीट्स को अनियमितताओं पर सील कर उपजिलाधिकारी ने छुटभैय्ए मिलावटखोरों को कड़ा संदेश दिया है। साथ ही प्रशासन की इस कार्रवाई से शहर के अन्दर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग से मिलकर हो रही मानकों की अनदेखी भी बेनकाब हुई है।
 
विवरण के अनुसार उपजिलाधिकारी सदर शशांक त्रिपाठी ने मिलावटखोरी के विरुद्ध अभियान की शुरुआत शहर के खोया मंडी से की। यहां उन्होंने सबसे पहले संगम स्वीट्स में खोया और मिठाइयों की जांच पड़ताल की। उसके बाद नाप-तौल से संबंधित उपकरण देखे। जांच के दौरान होटल में बड़े पैमाने पर गंदगी, मिलावटी खोया और पॉलिथीन का उपयोग मिलने पर गोदाम को तत्काल प्रभाव रुप से सील किया गया है।
इसके अलावा लगभग एक कुंतल खोया जिसमें कीड़े बजबजा रहे थे उसको नष्ट करने की कार्रवाई भी हुई। एसडीएम के अनुसार मापबांट विभाग की जांच में संगम स्वीट्स में नाप तौल के उपकरण मानक पर खरे नहीं थे। अभिलेखीय जांच में होटल के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं मिला। चीनी को चमकदार करने के लिए केमिकल का इस्तेमाल करने की बात सामने आई है। साथ ही ईंधन के रूप में डीजल का अनाधिकृत उपयोग भी हो रहा था। दूसरी तरफ रेलवे स्टेशन रोड पर स्थित सागर स्वीट्स की तस्वीर भी संगम स्वीट्स जैसी मिलती-जुलती रही। यहां मिलावटी खोया लगभग 7 कुंतल नष्ट कराया गया।
साथ ही ईंधन के रूप में घरेलू गैस का उपयोग करने पर जिला प्रशासन ने कार्यवाही शुरू की है। प्रशासनिक जांच में उक्त दोनों होटल पर फायर सिक्युरिटी का कोई इंतजाम नहीं था। जिस पर एसडीएम ने होटल संचालक को कड़ी फटकार लगाते हुए यथास्थिति से जिलाधिकारी को अवगत कराया है। इस मौके पर नगर मजिस्ट्रेट युगराज सिंह के साथ ही खाद्य सुरक्षा, जिला पूर्ति और माप बांट विभाग के कर्मचारी भी मौजूद रहे। फोन पर बातचीत में एसडीएम ने बताया कि उक्त अनियमितताओं की विभागवार रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। आख्या मिलते ही जिलाधिकारी को कार्यवाही की संस्तुति की जाएगी।


पुलिस महानिदेशक का स्थानीय निरीक्षण

पीलीभीत! थाना न्यूरिया हुसैनपुर में निरीक्षण से पहले परेड की सलामी दी! श्रीमान अपर पुलिस महानिदेशक बरेली जोन श्री अविनाश चंद्र महोदय के द्वारा थाना नूरिया का निरीक्षण किया गया। उक्त निरिक्षण में अभिषेक दीक्षित निरक्षण ने महोदय द्वारा कार्य, भोजन, थाना परिसर एवम शौचालय, स्नान नगर के अतिरिक्त थाने के विभिन्न अभीलेखो का भी निरक्षण किया! महोदय द्वारा नूरिया थाना क्षेत्र के ग्राम चौकीदारो से बातचीत की गई एवं ग्राम चौकीदार को अवश्य दिशा निर्देश दिए! थाने में खड़े लोगों को इसका परिचय भी दिया और निर्देश थाने में लावारिस वाहनों पर महोदय ने नाराजगी भी जाहिर की एवं क्षेत्रधिकारी व सदर व निरीक्षण नूरिया में क्षेत्रधिकारी सदर प्रभारी निरीक्षक लावारिस वाहनों का शीघ्र निस्तारण करने हेतु निर्धारित किया गया! महोदय द्वारा थाने पर मौजूद जनता के व्यक्तियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को सुना गया एवं संबंधित को आवश्यक कारवाई हेतु निर्देशित किया गया अपर पुलिस महानिदेशक महोदय के साथ पुलिस अधीक्षक पीलीभीत श्री अभिषेक दीक्षित पर अपर पुलिस अधीक्षक श्री रोहित मिश्रा क्षेत्र अधिकारी सदर श्री योगेंद्र कुमार प्रभारी निरीक्षक थाना नूरिया पीआरओ पु़०अ० श्री मनीराम सिंह एवं अन्य अधिकारी कर्मचारी भी मौजूद रहे।


रिपोर्टर:-सूरज मौर्य


चार दिवसीय लेदर मेले की शुरुआत

कानपुर! नगर स्थित मोतीझील लॉन में चार दिवसीय लेदर मेले की शुरुआत हुई! यह दूसरा मौका है, जब कानपुर में बनने वाले चमड़ा उत्पादों को लोग देख सकेंगे और खरीद भी सकेंगे! मेले का आयोजन चर्म निर्यात परिषद की ओर से हो रहा है! इसमें शहर की 50 कंपनियों ने स्टाल लगाए हैं! जहां चमड़े की बेल्ट बैग पर्स जूते चप्पल जैकेट क्लब सजावटीसामानों संग अन्य उत्पाद उपलब्ध हैं! इनमें से ज्यादातर निर्यात होने वाले उत्पाद हैं! मेले में मुख्य अतिथि आरके जालान व प्रमिला पांडे ने पहुंचकर चर्म निर्यात परिषद के प्रयास की जमकर सराहना की! चर्म निर्यात परिषद की क्षेत्र के निर्देशक (पल्लवी दुबे) ने बताया कि मेले में 50 स्टॉल पर एक्सपोर्ट क्वालिटी के चमड़ा उत्पाद उपलब्ध हैं! मेले का उद्देश्य शहर के चमड़ा कारोबारियों को पहचान स्थानीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कायम रखना है! उन्होंने बताया की लेदर मेले में जो भी सामान उपलब्ध हैं वह बहुत रियायती दर पर हैं! एक्सपोर्ट होने पर इनकी कीमत लगभग दोगुनी होती है मेले में विभिन्न प्रकार की डिजाइन वाली बेल्ट पुरुषों के पर्स महिलाओं के पर्स जूते जैकेट आदि बहुत सस्ते दामों पर उपलब्ध हैं! मेले में देर रात तक लोगों ने जमकर खरीदारी की।


मोहाली:तीसरी डिस्ट्रिक्ट योगा चैंपियनशिप

रविंद्र नागर


मोहाली! टेंपल ऑफ नॉलेज सेक्टर 68 मोहाली में तीसरी डिस्टिक योगा चैंपियनशिप करवाई गई| यह प्रतियोगिता अलग-अलग उम्र के बच्चों, महिलाओं और पुरुषों के बीच करवाई गई| 8 से 10 साल की उम्र से लेकर 45 साल तक के बच्चे महिलाएं और पुरुषों ने हिस्सा लिया| योगा के अलग-अलग आसनों की बिनाह पर विजेताओं के नाम घोषित किए गए| श्री भारत भूषण जी डिप्टी डायरेक्टर जनरल ऑफ लेबर ब्यूरो और मिसेज नीलम ने बतौर मुख्य मेहमान शिरकत की| मिस्टर विशाल गोयल, प्रधान योगा एसोसिएशन मोहाली ने विजेताओं के नाम घोषित किए जिसमें से 8 से 10 साल लड़कियों में से यशिका गुप्ता रियान स्कूल ने पहला इनाम जीता, दीया ठाकुर को दूसरा और हरी शंकर को तीसरा इनाम मिला जो आशियाना स्कूल से हैं, 10 से 12 साल लड़कों में पहला इनाम कर्मवीर सिंह सेंट जेवियर स्कूल ,दूसरा इनाम कुंडल रियान स्कूल और तीसरा इनाम शुभकर्मन सिंह रियान स्कूल को मिला | बाकी उम्र के बच्चों महिलाओं पुरुषों ने भी पहला दूसरा तीसरा इनाम हासिल किया| इस मौके पर योगा सेशन मोहाली के वाइस प्रधान विद्यासागर, सेक्रेटरी मिस्टर बलजीत सिंह, ट्रेअसुरुर मिसेस राधा भटनागर और मिसेज प्रज्ञा और तरुणा जी मौजूद रहे| यह डिस्टिक लेवल के विजेताओं को योगा एसोसिएशन मोहाली की तरफ से स्टेट लेवल की प्रतियोगिता में भी हिस्सा लेने का अवसर दिया गया|


जम्मू-कश्मीर के विकास का रोड मैप तैयार

श्रीनगर! आर्टिकल 370 हटने के बाद अब 31 अक्टूबर से जम्मू कश्मीर और लद्दाख नाम के दो केंद्रशासित प्रदेश अस्तित्व में आ जाएंगे! इन चीजों को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार का अगला फोकस इन दोनों केंद्र शासित प्रदेशों का तीव्र विकास है! इसी के तहत राज्य में आधारभूत संरचना के विकास पर काफ़ी ज़ोर दिया जा रहा है! बिजली मंत्रालय ने यहां बिजली और ऊर्जा के विकास का एक व्यापक दस सूत्री रोडमैप तैयार किया है!


बिजली की आपूर्ति बढ़ाना है पहला लक्ष्य


सरकार का सबसे बड़ा लक्ष्य राज्य में बिजली की आपूर्ति को बढ़ाना है! मंत्रालय ने जो रोडमैप तैयार किया है उसमें सबसे अधिक जोर पिछली सर्दियों की तुलना में इस सर्दी के दौरान राज्य में बिजली आपूर्ति की स्थिति बेहतर बनाना है! बिजली मंत्रालय के आकलन के मुताबिक़ इसके लिए राज्य भर में 203291 बिजली के खंभे लगाने की ज़रूरत पड़ेगी! इतना ही नहीं, कुल 22908 किलोमीटर के बराबर बिजली के नए तार भी लगाने का लक्ष्य रखा गया है! इन दोनों कामों के लिए सरकार ने 423 करोड़ रूपए की मंज़ूरी दी है!


रोज़गार सृजन पर भी है ज़ोर


विकास योजनाओं के लिए जो रोडमैप तैयार किया गया है उसमें राज्य में बिजली उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ बिजली के क्षेत्र में रोज़गार सृजन का भी लक्ष्य रखा गया है! इसके लिए बिजली मंत्रालय से जुड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की सभी कंपनियों को प्रदेश के नौजवानों को रोज़गार मुहैया कराने के लिए क़दम उठाने को कहा गया है! इसी सिलसिले में नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पॉवर कॉर्पोरेशन ने प्रदेश में 150 नौकरियां देने का फैसला किया है! इसी तरह पावरग्रिड कॉर्पोरेशन ने अपने यहां होने वाली भर्तियों में श्रीनगर स्थित राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान ( एनआईटी) में पढ़ रहे छात्रों को प्राथमिकता देने का फैसला किया है!


कई अन्य योजनाओं पर भी काम शुरू


इसी तरह बिजली मंत्रालय से जुड़ी सभी एजेंसियां भी अलग-अलग योजनाओं पर काम शुरू कर रही हैं! इसके तहत दामोदर घाटी निगम को प्रदेश के अनुकूल ज़रूरी कार्यक्रम और प्रोजेक्ट बनाने के लिए कहा गया है! दामोदर घाटी निगम को यहां दो सब स्टेशन और ट्रांसमिशन लाइन बनाने के लिए भी कहा गया है! इसी तरह सरकारी संस्था ईईसीएल राज्य में 1 लाख स्ट्रीट लाइट लगाएगी जिसमें ग्रामीण इलाके भी शामिल होंगे! गैर परम्परागत ऊर्जा विभाग राज्य में 10 छोटे हाइड्रो प्रोजेक्ट की निगरानी करने के साथ-साथ लेह में 100 मेगावाट की क्षमता वाला रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट लगाएगा!


सीएम भूपेश की रक्षा मंत्री से मुलाकात

 नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नई दिल्ली में बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने नया रायपुर में एयरफोर्स के एयरबेस कैंप की स्थापना की लंबित प्रक्रिया जल्द पूरी कराने का आग्रह किया। बघेल ने बताया कि नया रायपुर में इंडियन एयरफोर्स का एयरबेस स्थापित करने के संबंध में पूर्व में भारत सरकार द्वारा सहमति दी गयी थी। उन्होंने रक्षामंत्री से एयरबेस स्थापना के लिए आवश्यक पहल करने का अनुरोध किया। इस दौरान राजनाथ सिंह ने एयरबेस से संबंधित लंबित प्रकरणों को जल्द हल कर प्रक्रिया आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया है। गौरतलब है कि नया रायपुर में इंडियन एयरफोर्स के एयरबेस की स्थापना प्रस्तावित है। इसके लिए भूमि आवंटन और भू अर्जन को लेकर प्रक्रिया काफी समय से लंबित है। मुलाकात के दौरान बघेल ने एयरबेस कैंप की स्थापना की प्रक्रिया जल्द पूरा कराने का आग्रह किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को छत्तीसगढ़ के ऑर्गेनिक चावल और राज्य के बुनकरों द्वारा बनाया गया नेचुरल डाई से तैयार कोसे का कुर्ता भी भेंट किया।


संकटमोचन भूमिया देव की पुनर्स्थापना

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद,लोनी! गांव बहेटा हाजीपुर मे प्राचीन आर्य समाज मंदिर मे ग्राम देवता (भूमिया) को सभी ग्रामवासियों के सहयोग से पुनर्स्थापित किया गया।
इस अवसर पर गौरी शंकर पंडितजी के दुारा विधिवत रूप से मंत्रोच्चारण करते हुये पूजा अर्चना व हवन किया गया।
इस अवसर पर पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मनोज धामा ने भी सभी के साथ भूमिया पूजन मे भाग लिया तथा विधिवत रूप से पूजा अर्चना की! ग्राम देवता से संपूर्ण ग्रामवासियों की अच्छी सेहत व खुशहाली के लिये प्रार्थना की व गांव मे आने वाली विपत्तियों व संकट को दूर रखने के लिये हवन मे आहुति दी। 
स्थापना के पश्चात भंडारे का आयोजन किया गया। 
इस अवसर पर बबलू खलीफा, एडवोकेट अजीत, पूर्व सभासद सोनू, संजय शर्मा, कालू पंडितजी, दीपक धामा, पंकज जमदग्नि, रिंकु सेठजी,टिंकु धामा, टोनी पंडितजी, अंकित,श्याम सिंह,सुभाष मास्टरजी, कालू धामा, बाबा धामा, सतेन्दर चौहान, सहित सैकडों की संख्या मे ग्रामवासी उपस्थित रहे।


बेनेली इंपीरियल 400 को लॉन्च किया

नई दिल्ली। बेनेली इंडिया ने भारत में अपनी शानदार बाइक बेनेली इम्पीरियल 400 को लॉन्च कर दिया है। इस नई बाइक की शो-रूम प्राइस 1.69 लाख रूपए रखी गई है और इसका भारत में सीधा मुकाबला Royal Enfield Classic 350 (INR 1.54 lakh) से है। इसके अलावा यह बाइक भारत की सड़कों पर जावा मोटरसाइकिलों को भी टक्कर देती नज़र आएगी। कंपनी ने बाइक की लॉचिंग के साथ इसकी बुकिंग भी शुरू कर दी है और ग्राहक कंपनी की डीलरशिप या फिर ऑनलाइन माद्यम से 4,000 रूपए की राशि देकर बुक करवा सकते हैं। फिलहाल बेनेली इम्पीरियल 400 रेड, सिल्वर और ब्लैक के तीन ऑप्शन में उपलब्ध है।


पावर स्पेसिफिकेशन:-बेनेली इम्पीरियल 400 के परफार्मेंस की बात करें तो यह BS-IV कंप्लेंट के 373.5 cc, सिंगल-सिलिंडर, फोर-स्ट्रोक, एयर-कूल्ड, SOHC इंजन इलेक्ट्रॉनिक फ्यूल इंजेक्शन से लैस है, जो 5,500pm पर 21 PS की मैक्सिमम पावर और 4,500rpm पर 29nm का टॉर्क जेनरेट करता है। इंजन पांच-स्पीड गियरबॉक्स से जुड़ा हुआ है। एंकरिंग विभाग में दो-पिस्टन फ्लोटिंग कैलिपर के साथ फ्रंट में 300 मिमी डिस्क और पीछे सिंगल-पिस्टन कॉलिपर के साथ 240 मिमी डिस्क शामिल है। ब्रेकिंग सेटअप एक दोहरे चैनल ABS द्वारा संचालित होता है। बाइक का व्हील 19-इंच फ्रंट/18-इंच रियर है।


कंपनी की तरफ से इस पर 3 साल/अनलिमिटेड किलोमीटर की वारंटी मिल रही है। अब देखना होगा भारत में यह बाइक कितना कामयाब होती है। क्योंकि यहां मुकाबला रॉयल एनफील्ड जैसे जमे हुए खिलाड़ी के साथ है जबकि इस रेस में जावा भी शामिल है। लेकिन बेनेली को भरोसा है कि उनकी नई इम्पीरियल 400 ग्राहकों की कसौटी पर खरा उतरेगी। हम ग्राहकों को यही सलाह देंगे कि किसी भी नई बाइक को खरीदने से पहले उसकी अच्छी तरह से टेस्ट राइड करें, साथ ही यह जानें कि कंपनी के सर्विस सेंटर आपकी कितने नजदीक हैं।


भारत को चुनौती के रूप में लिया: कैफ

मुंबई ! अभिनेत्री कैटरीना कैफ का कहना है कि उन्होंने भारत फिल्म को एक चुनौती के रूप में लिया और उन्हें खुशी है कि यह उनके लिए सीखने का एक बेहतर अनुभव रहा। सलमान खान अभिनीत भारत में कैटरीना कुमुद रैना की भूमिका में हैं। अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा जोनास द्वारा अली अब्बास जफर का प्रोजेक्ट छोड़ दिए जाने के बाद कैटरीना ने यह रोल निभाया था।
कैटरीना ने कहा, जिस समय अली ने स्क्रिप्ट के साथ मुझसे संपर्क किया, मैंने हां कह दिया। फिल्म में मेरा किरदार बहुत मजबूत और असामान्य है और मुझे इस भूमिका के लिए तैयार होने में ठीक दो महीने लगे थे। मैंने इसे एक चुनौती के रूप में लिया। मुझे खुशी है कि काफी अच्छा रहा और यह उस तरह से पूरा हुआ, जैसा मेरे द्वारा किए गए किसी भी काम में पहले कभी नहीं हुआ था।
उन्होंने आगे कहा, चूंकि फिल्म दशकों की कहानी बयां करती है, इसलिए टीम ने इस पर बहुत शोध किया है कि किरदार कैसे दिखेंगे। मुझे कड़ी मेहनत करनी पड़ी, ताकि भाषा पर बेहतर कमांड हो। सभी के लिए यह सीखने का एक शानदार अनुभव रहा है।
इस फिल्म में सलमान व कैटरीना के अलावा दिशा पटानी, सुनील ग्रोवर और जैकी श्रॉफ भी हैं। यह फिल्म 2014 की दक्षिण कोरियाई फिल्म ओड टू माय फादर का आधिकारिक रूपांतरण है। यह फिल्म 20 अक्टूबर को छोटे पर्दे पर जी सिनेमा चैनल पर प्रसारित हुई।


आलिया-रणबीर की शादी का इंतजार

लंदन! हाल ही में ऐक्टर रणबीर कपूर की एक सेल्फी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई, जिसमें वह लंदन में अपनी एक फैन के साथ पोज देते नजर आ रहे हैं। इस सेल्फी से कन्फर्म हो गया कि रणबीर लंदन में हैं। और अब खबर है कि उनकी गर्लफ्रेंड यानी आलिया भट्ट भी लंदन जा रही हैं। 
रिपोर्ट्स के अनुसार, आलिया लंदन में रणबीर संग अपना वकेशन मनाएंगी। हाल ही में उन्हें मुंबई एयरपोर्ट पर स्पॉट किया गया। बता दें कि आलिया अपने पापा महेश भट्ट की फिल्म सड़क 2 की शूटिंग करके हाल ही में मुंबई लौटी थीं। और अब वह रणबीर के साथ क्वॉलिटी टाइम बिताने का प्लान बना रही हैं।
एयरपोर्ट पर जब पपराजी की नजर आलिया पर पड़ीं तो उन्होंने स्माइल करके सभी का अभिवादन किया। उन्होंने वाइट टी-शर्ट, जैकेट और रेड पैंट्स पहने थे। बिना मेकअप के भी वह काफी खूबसूरत दिख रही थीं।
आलिया और रणबीर पब्लिक के बीच अपने प्यार का इजहार तो काफी पहले कर चुके हैं। अब फैन्स को इंतजार है तो बस उनकी शादी का। कुछ वक्त पहले तक कहा जा रहा था कि 2020 में आलिया और रणबीर शादी कर लेंगे। लेकिन अभी तक इस बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। लेकिन आलिया और रणबीर के रिश्ते के लिए दोनों के परिवारवाले रजामंद हैं।
फिल्मों की बात करें, तो आलिया सड़क 2 के अलावा रणबीर के साथ ब्रह्मास्त्र में नजर आएंगी। इसके अलावा उनके पास करण जौहर की तख्त है, जिसमें रणवीर सिंह, करीना कपूर खान, जाह्नवी कपूर, भूमि पेडनेकर और अनिल कपूर भी हैं।


5 माह के मृत भ्रूण को जन्म दिया

रतलाम। उज्जैन जिले के नागदा पुलिस थाने के अंतर्गत गांव फलिया निवासी एक नाबालिग किशोरी ने जिला अस्पताल के मदर एंड चाइल्ड केयर यूनिट (एमसीएच) में पांच माह के मृत भ्रुण को जन्म दिया है। स्टेशन रोड थाना के टीआई राजेंद्र वर्मा ने बताया भ्रुण को जन्म देने के बाद किशोरी के बयान के आधार पर शून्य पर अपराध दर्ज करके नागदा पुलिस को भेज दिया है। इसमें आरोपी का नाम भी सामने आ गया है। आरोपी किशोरी के गांव का ही दिनेश पिता रामलाल बताया जा रहा है।


पुलिस ने बताया नाबालिक किशोरी को पेट दर्द की शिकायत होने पर परिजन उसे दोपहर डेढ़ बजे एमसीएच लेकर पहुंचे। एमसीएच में भर्ती करके डाक्टरों ने परीक्षण किया तो उसे पांच माह का गर्भ सामने आया। भर्ती करके इलाज किया जा रहा था इसी दौरान अपराह्नन करीब साढ़े तीन बजे किशोरी ने पांच माह के मृत भ्रुण को जन्म दिया। बताया जाता है कि अवैध संबंध बनाने से किशोरी गर्भवती हो गई थी और उसे पांच माह का गर्भ होने से पेट में तकलीफ होने से एमसीएच में भर्ती कराया गया था। स्टेशन रोड पुलिस ने शून्य पर अपराध कायम करके नागदा पुलिस को भेजा है। बताया जाता है कि आरोपी दिनेश पिता रामलाल ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। इस पर उसके खिलाफ धारा ३७६ और पाक्सो एक्ट में प्रकरण दर्ज हुआ है।


मुख्यमंत्री हेल्पलाइन योजना सफल

रतलाम! जनसमस्याओं के निराकरण के लिए शुरू की गई सीएम हेल्पलाइन योजना में शिकायतों के निराकरण में रतलाम नगर निगम पूरे प्रदेश में नंबर वन आया है।इस वर्ष 9 माह में सात बार रतलाम नगर निगम पहली स्थिति पर रहा है।


सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का निराकरण निगम आयुक्त एस.के.सिंह की प्राथमिकताओं में शामिल है।यही कारण है कि जनवरी से लेकर सितंबर तक में 7 बार रतलाम नगर निगम शिकायतों को हल करने में नंबर वन रहा है। सितंबर माह में भी रतलाम नगर निगम का कुल वेटेज स्कोर 94.92 प्रतिशत है, जिसमें संतुष्टि के साथ बंद शिकायतों का वेटेज 58.43 है । सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का निवारण में दूसरे नंबर पर सिंगरोली नगर निगम, तीसरे नंबर पर उज्जैन नगर निगम, चौथे नंबर पर कटनी नगर निगम, पांचवें नंबर पर बुरहानपुर नगर निगम , छठे नंबर पर इंदौर नगर निगम और सातवें नंबर पर ग्वालियर नगर निगम है। वहीं जबलपुर नगर निगम आठवें नंबर पर,खंडवा नौवें नंबर पर, देवास दसवें ,छिंदवाड़ा 11वें, रीवा 12वें, सागर 13,सतना 14, भोपाल 15, और मुरैना नगर निगम 16 नंबर पर है।


बुरी नजर वालों का अंजाम बुरा होगा

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश की समुद्री सीमाएं नौसेना के हाथों में पूरी तरह सुरक्षित है और उन्हें विश्वास है कि मुंबई जैसे आतंकवादी हमले की पुनरावृत्ति नहीं होने दी जाएगी। सेना भवन में यहाँ नौसेना के शीर्ष कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करने के बाद सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि कमांडरों से बातचीत के बाद वह आश्वस्त हैं कि समुद्री सीमाएं नौसेना के हाथों में सुरक्षित है। समुद्री सीमा पर चाक- चौबंद सुरक्षा व्यवस्था है और उन्हें भरोसा है कि समुद्री सीमा के जरिये मुम्बई जैसे आतंकवादी हमले को दोहराया नहीं जा सकता।
पाकिस्तान के मंत्री शेख रशीद के इस बयान पर कि अब तोप नहीं परमाणु बम चलेगा, उन्होंने कहा कि भारत कभी आक्रमक नहीं रहा है, ना किसी की एक इंच जमीन पर कब्जा किया लेकिन अगर किसी ने हमारी तरफ बुरी नजर से देखा तो हमारी सशस्त्र सेना किसी को भी मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडियाÓ योजना को बढ़ावा दिया जा रहा है और देश को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ रक्षा निर्यात का गढ़ बनाने की कोशिश की जा रही है।


जम्मू-कश्मीर में कर्मचारियों को समान वेतन

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक संसद में पारित होने के उपरान्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 अगस्त को राष्ट्र के नाम एक संदेश दिया था, जिसमें उन्होंने जम्मू कश्मीर संघ क्षेत्र तथा लद्दाख संघ क्षेत्र के सरकारी कर्मचारियों को अन्य संघ क्षेत्रों के कर्मचारियों के बराबर सातवें वेतन आयोग की अंगीकृत सिफारिशों के अनुरूप सभी वित्तीय सुविधाएं दिये जाने का आश्वासन दिया था।
इस आश्वासन के अनुरूप, गृहमंत्री अमित शाह ने 31 अक्टूबर से अस्तित्व में आने वाले जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख संघ क्षेत्रों के सभी सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अंगीकृत सभी भत्ते प्रदान करने के प्रस्ताव को स्वीकृत कर दिया है और गृह मंत्रालय ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिए हैं। भारत सरकार के इस निर्णय का लाभ 4.5 लाख सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा जो कि अभी मौजूदा जम्मू कश्मीर राज्य में कार्यरत हैं और 31 अक्टूबर को इन दोनों संघ क्षेत्रों के कर्मचारी हो जायेंगे।


शिवकुमार से मिलने तिहाड़ पहुंची सोनिया

नई दिल्ली। मनी लॉन्ड्रिंग केस में तिहाड़ जेल में बंद कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार से मिलने बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पहुंचीं। सोनिया गांधी के साथ कांग्रेस के कई और नेता भी उनके साथ मौजूद थे। सोनिया गांधी ने तिहाड़ में डीके शिवकुमार की सेहत से जुड़ी जानकारी ली और उनसे कुछ देर बात की। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक सोनिया सुबह करीब नौ बजे तिहाड़ पहुंचीं। एक सूत्र ने बताया कि सोनिया कर्नाटक के वरिष्ठ कांग्रेस नेता शिवकुमार की खैरियत जानने के साथ साथ उनके प्रति एकजुटता प्रकट करने जेल पहुंचीं।


गौरतलब है कि मनी लांड्रिंग मामले के आरोप में गिरफ्तार शिवकुमार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कुछ हफ्ते पहले गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। सोनिया ने आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम से भी तिहाड़ पहुंचकर मुलाकात की थी। वही कुछ दिन पहले ही कांग्रेस नेता अहमद पटेल और आनंद शर्मा भी डीके शिवकुमार से मिलने तिहाड़ पहुंचे थे।


स्वीकार नहीं की दीपावली की मिठाई

नई दिल्ली। पाकिस्तान की कायरना हरकतों पर भारत की तरफ से करारा जवाब दिए जाने के बाद सीमा पर तनाव इतना बढ़ गया है कि पाक ने इस बार भारत की तरफ से दी जाने वाली दिवाली की मिठाई को स्वीकार नहीं किया। हर साल की तरह दिवाली पर जो बॉर्डर पर मिठाई एक्सचेंज होती है, वह इस बार नहीं हुई है। सूत्रों की मानें तो प्रोटोकोल के तहत हर साल इस्लामाबाद में मौजूद भारतीय हाई कमीशन दिवाली पर सभी अहम दफ्तरों में मिठाई भेजता है। पाकिस्तान की आईएसआई ने पहले प्रोटोकोल का स्वागत करते हुए मिठाई को स्वीकारा लेकिन बाद में उन्हें वापस कर दिया। बता दें कि आईएसआई पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी है और पाकिस्तान की सत्ता-रणनीति में उसका दबदबा है। गौरतलब है  कि ना सिर्फ इस्लामाबाद में आईएसआई या अन्य अधिकारी बल्कि बॉर्डर पर पाकिस्तानी रेंजर्स ने भी इस बार भारत के द्वारा दी गई मिठाई नहीं स्वीकारी है।


मुख्यमंत्री भूपेश की मनमोहन से मुलाकात

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नई दिल्ली प्रवास के दौरान आज पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से उनके निवास में सामान्य मुलाकात की ।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व प्रधानमंत्री को छत्तीसगढ़ में किसानों के हित में लिए गए फैसलों और किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी । मुख्यमंत्री ने मनमोहन सिंह को मंदी से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किए गए प्रयासों और कुपोषण मुक्ति के लिए चलाए जा रहे छत्तीसगढ़ सुपोषण अभियान की जानकारी भी दी । पूर्व प्रधानमंत्री  मनमोहन सिंह ने महात्मा गांधी जी की विचारधारा के अनुरूप आदिवासियों, किसानों सहित समाज के सभी वर्गों के हित में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की । उन्होंने छत्तीसगढ़ को एक मॉडल स्टेट के रूप में स्थापित करने को भी कहा। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को रायपुर में आगामी दिनों में होने वाली इंडियन इकोनॉमिक कांग्रेस की बैठक के लिए आमंत्रित भी किया।
मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री को छत्तीसगढ़ के बुनकरों द्वारा प्राकृतिक रंगो से बनी कोसे की साड़ी ओर कुर्ता भेंट किया, जिसकी भी मनमोहन सिंह ने काफ़ी सराहना की ।


दो ब्रह्मोस मिसाइलों का सफल परीक्षण

नई दिल्ली। भारत ने दो ब्रह्मोस मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण 21 और 22 अक्टूबर को अंडमान-निकोबार के ट्राक टापू पर किया गया। दोनों ब्रह्मोस मिसाइलों का यह परीक्षण रुटीन ऑपरेशनल ट्रेनिंग का हिस्सा था। इन दोनों मिसाइलों का परीक्षण भारयतीय वायु सेना ने किया है। दोनों मिसाइलों से करीब 300 किलोमीटर दूर के टारगेट पर निशाना साधा गया था और दोनों ने ही अपने निर्धारित टारगेट पर सटीक वार किया। इन दोनों ब्रह्मोस मिसाइलों के सफल परीक्षण से भारतीय वायु सेना को बल मिला है। इससे वायु सेना की मोबाइल प्लेटफॉर्म से जमीनी निशानों को साधने की क्षमती बढ़ी है।


बता दें कि इससे पहले भारत ने ओडिशा के बालासोर जिले के चांदीपुर स्थित एक ठिकाने से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एक विशेष संस्करण का भी सफलतापूर्वक परीक्षण किया था, जिसकी प्रणोदन प्रणाली और एयरफ्रेम स्वदेशी निर्मित है। 290 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली अत्याधुनिक मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा संयुक्त रूप से बालासोर के एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से छोड़ा गया था।


अल-कायदा के चीफ हामिद को किया ढेर

नई दिल्ली। साउथ कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। बीती रोज साउथ कश्मीर के अवंतीपुरा में आतंकियों के साथ हुए एनकाउंटर में जम्मू-कश्मीर में अल-कायदा चीफ हामीद लल्हारी ढेर हो गया है। इस एनकाउंटंर में दो और आतंकी मारे गए है। मारे गए आतंकियों में से एक की पहचान अंसार-गजवत-उल हिंद के चीफ हामीद लल्हारी के तौर पर हुई है। सेना के अधिकारी ने बताया कि यह आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर में अल-कायदा की ब्रांच है। पहले जाकिर मूसा इसका चीफ हुआ करता था लेकिन उसके बाद हामीद लल्हारी को इसका मुखिया बनाया गया था। बीती शाम को इन आतंकवादियों के छिपे होने की खबर मिली थी, जिसके बाद पुलिस, सेना और सीआरपीएफ के जवानों ने मिलकर ऑपरेशन चलाया।


सुरक्षाबलों ने जब आतंकियों को घेरकर सरेंडर करने को कहा तो आतंकियों की तरफ से फायरिंग की गई। इसी के बाद जवाबी कार्रवाई में तीनों आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया। मारे गाए आतंकी के पास से सुरक्षा बलों को एके 72 राइफल बरामद की है। 30 साल का हामीद लल्हारी जम्मू और कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला है। ईद पर जारी एक वीडियो में अल-कायदा के सहयोगी ने कहा था कि संगठन ने हामीद लल्हारी को जाकिर मूसा की जगह स्थानीय कमांडर और गाजी इब्राहिम खालिद को डिप्टी के रूप में नियुक्त किया है।


गांगुली बने अध्यक्ष,चलेगी दादागिरी

नई दिल्ली! भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली  भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष बन गए हैं। सौरव गांगुली ने बुधवार (23 अक्टूबर) को बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला उनके खिलाफ अध्यक्ष पद के लिए कोई और नामांकन नहीं था। उनके  बीसीसीआई के अध्यक्ष बनते ही उन्होंने भारतीय क्रिकेट जगत में नया इतिहास रच दिया है बीसीसीआई अध्यक्ष बनते ही गांगुली के नाम एक खास रिकॉर्ड दर्ज हो गया है।47 साल के सौरव गांगुली ने BCCI की कमान संभालते ही 65 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया! दरअसल, सौरव गांगुली 65 साल बाद ऐसे पहले टेस्ट क्रिकेटर हैं, जो बीसीसीआई के अध्यक्ष पद पर काबिज हुए! इससे पहले टेस्ट क्रिकेटर के तौर पर 'विज्जी' के नाम से मशहूर महाराजा कुमार विजयनगरम बीसीसीआई का अध्यक्ष बने थे, जो 1954 से 1956 तक इस पद पर रहे!


बीसीसीआई प्रेसिडेंट की बात करें, तो टेस्ट क्रिकेटर सुनील गावस्कर और शिवलाल यादव भी इस पद पर रहे! लेकिन 2014 में गावस्कर और शिवलाल दोनों अंतरिम अध्यक्ष रहे थे! एन. श्रीनिवासन के बाद उनकी नियुक्ति हुई थी!


सीओए प्रमुख विनोद राय ने कहा कि एजीएम के दौरान पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा, 'पहले पिछले तीन साल के खातों को मंजूरी दी जाएगी। उसके बाद निर्वाचन अधिकारी चुनाव के नतीजे का ऐलान करेंगे क्योंकि सभी निर्विरोध चुने गए हैं। हम सौरव से बात करके शेड्यूल तय करेंगे।'


सरकार ने किया प्रशासनिक फेरबदल

नई दिल्ली! एक बड़े प्रशासनिक फेरबदल में, केंद्र ने मंगलवार को 13 भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारियों को स्थानांतरित कर दिया, जबकि 13 अन्य को विशेष सचिव के पद पर अपग्रेड कर दिया।जम्मू-कश्मीर कैडर के 1984 बैच के अधिकारी, ब्रज राज शर्मा, जो वर्तमान में गृह मंत्रालय (MHA) में सीमा प्रबंधन के सचिव हैं, को कर्मचारी चयन आयोग में अध्यक्ष के रूप में स्थानांतरित किया गया है।


कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि शर्मा अस्थायी रूप से पद को अपग्रेड करके और पद के भर्ती नियमों को बनाए रखते हुए सचिव के पद और वेतन में रहेंगे। शर्मा के अलावा, नौ अन्य अधिकारियों को भी कई अन्य विभागों में स्थानांतरित किया गया है। उनमें से दो 1985 बैच के, 1986 बैच के तीन और 1987 के चार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने यह निर्णय लिया। मंत्रालय में विशेष सचिव, आंतरिक सुरक्षा, संजीव गुप्ता (1985 बैच, हिमाचल प्रदेश कैडर) को मंत्रालय के अंतर राज्य परिषद सचिवालय में अपने सचिव के रूप में स्थानांतरित किया गया है।


SHA, (1985 बैच, असम कैडर), जो MHA में सचिव के रूप में कार्यभार संभालते हैं, अब भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय में सार्वजनिक उद्यम विभाग के सचिव होंगे। आलोक टंडन, (1986 बैच, उत्तर प्रदेश कैडर), जो वर्तमान में प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग में सचिव हैं, को पेंशन और पेंशनर्स कल्याण विभाग के सचिव के पद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। संजीव नंदन सहाय, (1986 बैच, उत्तराखंड कैडर), जो विशेष सचिव, विद्युत के रूप में कार्यभार संभाले हुए हैं, को सचिव के रूप में पदोन्नत किया गया है, और 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्त होने पर सुभाष चंद्र गर्ग का नेतृत्व करेंगे।


प्रमोद कुमार दास (1986 बैच, मध्य प्रदेश कैडर), जो वित्त मंत्रालय में व्यय विभाग के विशेष सचिव के रूप में कार्यभार संभालते हैं, को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में सचिव के रूप में स्थानांतरित किया गया है। नागेंद्र नाथ सिन्हा (1987 बैच), जो सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के तहत भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष हैं, को ब्रज राज शर्मा के स्थान पर MHA में सचिव, सीमा प्रबंधन के रूप में स्थानांतरित किया गया है। तुहिन कांता पांडे (1987 बैच), वर्तमान में, वित्त मंत्रालय में निवेश और सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव, अनिल कुमार खाख को उनके माता-पिता कैडर के लिए तत्काल प्रभाव से व्यक्तिगत आधार पर उनके प्रत्यावर्तन पर सफल होंगे। पंकज कुमार (1987 बैच), जो इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव हैं, को पद के लिए अस्थायी रूप से उन्नयन करके सचिव के पद और विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के सीईओ के रूप में स्थानांतरित किया गया है। राजेश भूषण (1987 बैच), जो वर्तमान में कैबिनेट सचिवालय में अतिरिक्त सचिव हैं, को अब कैबिनेट सचिवालय में सचिव, समन्वय बनाया गया है। एसीसी ने विशेष सचिव के पद पर 13 आईएएस अधिकारियों के “इन-सीटू उन्नयन” को भी मंजूरी दी है। इन अधिकारियों में अरुण सिंघल, वीपी जॉय, सुनील कुमार, तलीन कुमार, राजीव रंजन मिश्रा, प्रदीप कुमार त्रिपाठी, राज कुमार, बरुण मित्रा, प्रवीण कुमार, मनोज झालानी, वसुधा मिश्रा, लीना नंदन और प्रवीर कृष्ण हैं।


परमाणु बम को समझें

एक परमाणु किसी भी साधारण से पदार्थ की सबसे छोटी घटक इकाई है जिसमे एक रासायनिक तत्व के गुण होते हैं। हर ठोस, तरल, गैस, और प्लाज्मा तटस्थ या आयनन परमाणुओं से बना है। परमाणुओं बहुत छोटे हैं; विशिष्ट आकार लगभग 100 pm (एक मीटर का एक दस अरबवें) हैं। हालांकि, परमाणुओं में अच्छी तरह परिभाषित सीमा नहीं होते है, और उनके आकार को परिभाषित करने के लिए अलग अलग तरीके होते हैं जोकि अलग लेकिन काफी करीब मूल्य देते हैं।


दुनिया गोला-बारूद के ढेर पर स्थित है। आज, दुनिया के लगभग सभी देश अपने पास खतरनाक विध्वंसक हथियार रखने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में किसी भी देश के लिए हाइड्रोजन बम का परीक्षण और परमाणु बम का परीक्षण होना आम बात हो गई है। तो क्या आपने कभी सोचा है कि जब किसी देश में इतना खतरनाक बम गिरता है तो क्या किया जाना चाहिए जिससे कि जान बच जाए।


आपको बता दें कि जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में 6 अगस्त 1945 को लिटिल बॉय और फैट मैन परमाणु बम का असर आज भी लोगों के ऊपर पड़ रहा है। इतने सालों के बाद भी, मौजूदा निवासियों परमाणु बम के विस्फोटों का असर देखा जा सकता है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि आखिर इन खतरनाक बमों से अपनी रक्षा कैसे करें क्योंकि पाकिस्तान में तख्तापलट होना कोई बड़ी बात नहीं है। जिस तरह पाकिस्तान आतंकवादियों का गढ़ बना हुआ है ऐसे में अगर परमाणु बम आतंकवादियों के हाथों में पड़ जाता है तो जाहिर सी बात है कि आधी दुनिया समाप्ति के कगार पर खड़ी हो जाएगी।


अमेरिका में स्टीवंस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के एक प्रोफेसर एलेक्स वालरस्टीन का कहना है कि वह अपनी टीम के साथ मिलकर लोगों को नागरिक सुरक्षा के बारे में जागरूक कर रहे हैं। उसे यह भी बताया जा रहा है कि परमाणु हमले की स्थिति में वह कैसे अपनी रक्षा कर सकता है।


हम आपको यह बता रहे हैं क्योंकि आज पूरी दुनिया में लगभग 15 हजार परमाणु हथियार हैं। रूस और अमेरिका के पास अपना सबसे बड़ा भंडार है। अमेरिकी प्रोफेसर वालेरस्टीन द्वारा एक 'न्यूक-मैप' बनाया गया था। इसमें गूगल मैप जैसे मैप के जरिए यह बताने की कोशिश की गई कि किन जगहों पर परमाणु हमले का असर पड़ेगा।


दूसरी परियोजना में, हमें परमाणु हमले के प्रभावों से खुद को बचाने के लिए उपाय करने होंगे। और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि लोग घर के अंदर रहते हैं। लेकिन आप अभी भी परमाणु हमलों से पूरी तरह सुरक्षित नहीं होंगे। अंदर रहने वाले व्यक्ति को भी उतना ही असर पड़ेगा जितना बाहर आने वाले व्यक्ति पर पड़ेगा। भलाई इसी में होगा कि यदि आप अंदर है तो तकरीबन 15 से 20 दिन तक बाहर निकलने की कोशिश ना करें। खाने पीने की व्यवस्था कमरे के अंदर ही कर ले एवं सभी खाद्य पदार्थों को ढक कर रखें। परमाणु हमले के बाद मोबाइल नेटवर्क क्षतिग्रस्त हो जाएगा इस वजह से आपको केवल रेडियो का सहारा ही लेना पड़ेगा। हमले के बाद मौसम एकदम ठंडा हो जाएगा जिस वजह से आपको सर्दी जुखाम की संभावना बढ़ जाएगी इसलिए मोटे कपड़ो को अपने साथ रखें। कोशिश करें कि ज्यादा से ज्यादा समय सो कर बिताए।


संभल जिला प्रशासन की समीक्षा सभा

पंकज राघव-संवाददाता


संभल! कलेक्टर सभागार बहजोई में शासन द्वारा नामित पुलिस नोडल अधिकारी श्री एसबी शिरडकर एवं जिला अधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह, पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद द्वारा डीजीसी क्रिमिनल जनपदीय प्रबोशन अधिकारी संयुक्त निदेशक अभियोजन के साथ अभियोजन के संबंध में गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें नोडल अधिकारी ने सभी अधिकारियों से परिचय दिया! जिसमें जिला अस्थाई अधिकारी आबकारी, परिवहन, चिकित्सा, समाज-कल्याण के विषय पर जनपदीय पुलिस के साथ समन्यव हेतु गोष्ठी का आयोजन किया गया! जिसमें विभाग वार मुकदमा के बारे में जानकारी दी! समाज-कल्याण अधिकारी से महिला उत्पीड़न के संबंध में जानकारी ली! कितने लाभार्थियों को लाभान्वित किया! परिवहन-विभाग, विद्युत-विभाग एवं खनन-विभाग द्वारा मुकदमो की जानकारी लेते हुए समीक्षा बैठक का समापन किया। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी लवकुश कुमार त्रिपाठी, अपर पुलिस अधीक्षक, डिप्टी कलेक्टर प्रेमचंद सिंह, जिला समाज-कल्याण अधिकारी, खनन अधिकारी, विद्युत-विभाग एवं संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।  


 


महाराणा प्रतिमा पर स्ट्रीट लाइट की दरकार

महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर रोशनी हेतु 50 फिट ऊँची स्ट्रीट लाइट लगाने के सम्बंध में प्रार्थना

बिजनौर! आरएसएम चौक पर ग्राम अलावलपुर तहसील धामपुर में महाराणा प्रताप जी की एक प्रतिमा हैं! जिस चौक से हरिद्वार काशीपुर मुरादाबाद लखनऊ की बस की सेवा उपलब्ध कराई जाती है! जहाँ दूर-दूर तक के सभी यात्री आते है! परंतु महाराणा प्रताप जी की जो प्रतिमा बनी है! वहां पर 50 फिट ऊँची स्ट्रीट लगाई जाए! जिससे लोगो को प्रतिमा दूर से दिखाई दे और चारो दिशा में रोशनी के साथ साथ नगर की शोभा भी बढ़े! महाराणा प्रताप जी ने कही बार मुगलो को हराने के साथ साथ अकबर के साथ भी संघर्ष किया है! अतिशीध्र स्ट्रीट लाइट लगवाने की आवश्यकता प्रतीत की जा रही है।


पुलिस महानिरीक्षक मेरठ का बागपत भ्रमण

नोडल अधिकारी श्री आलोक सिंह पुलिस महानिरीक्षक महोदय मेरठ परिक्षेत्र द्वारा जनपद बागपत के भ्रमण कार्यक्रम के महत्वपूर्ण बिंदु


गोपी चंद सैनी


बागपत! उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जनपद बागपत के लिए नामित किए गए नोडल अधिकारी श्री आलोक सिंह पुलिस महानिरीक्षक महोदय मेरठ परिक्षेत्र द्वारा जनपद बागपत का निर्धारित दो दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम प्रारंभ किया गया। प्रातः सर्वप्रथम महोदय द्वारा पुलिस लाइन का भ्रमण किया गया, भ्रमण के दौरान पुलिस लाइन स्थित आवासीय परिसर की साफ-सफाई, बिजली फिटिंग,पानी की नालियों की व्यवस्था, भवन का रखरखाव, सब्सिडी कैंटीन, महिला बैरिक, चिल्ड्रन पार्क तथा पुलिस लाइन स्थित अन्य शाखाओं में अभिलेखों के रखरखाव तथा साफ-सफाई को चेक किया गया एवं संबंधित शाखा प्रभारियों को  पाई गई कमियों में सुधार हेतु कड़े निर्देश निर्गत किए गए। इसके पश्चात राजपत्रित अधिकारियों की पुलिस लाइन स्थित सभागार में गोष्ठी आयोजित की गई। गोष्ठी में जनपद में घटित अपराधों की रोकथाम जनपद में घटित महत्वपूर्ण अपराध यथा हत्या, डकैती, लूट, महिला संबंधी अपराध बलात्कार, छेड़खानी, पंजीकृत गैंगो के विरुद्ध की जा रही कार्यवाही की समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश निर्गत किए गए। तत्पश्चात 15:00 पुलिस लाइन स्थित सभागार में समन्वय गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में जिलाधिकारी महोदया, पुलिस अधीक्षक महोदय बागपत अपर पुलिस अधीक्षक महोदय, अपर जिलाधिकारी, समस्त क्षेत्राधिकारीगण, संयुक्त निदेशक अभियोजन, एसपीओ, डीजीसी (क्रिमिनल), जिला प्रोविशनल अधिकारी, जिला आबकारी अधिकारी, एआरटीओ, जिला प्रभागीय निदेशक वाणीकी, खनन अधिकारी, अधिशासीय अभियंता विद्युत द्वारा भाग लिया गया। मीटिंग में उत्तर प्रदेश शासन की प्राथमिकताओं एवं प्रचलित योजनाओं तथा अपराध नियंत्रण, यातायात व्यवस्थाओं से संबंधित की जा रही कार्यवाही की समीक्षा एवं विचार विमर्श कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।


संघर्ष से सफलता मिलेगी: मीन

राशिफल


मेष:आज चंद्रमा का दोपहर बाद सिंह राशि में संचार होगा। इससे दोपहर के बाद कुछ राशियों को बड़ा लाभ हो सकता है। आपकी राशि में आज क्‍या होगा खास!


कारोबार सामान्य रहेगा, मनोरंजन कार्य पर खर्च होगा। आज आपको अपनी प्रतिभा का लाभ मिलेगा और आपकी पहचान बनेगी। नई योजनाएं लाभ देंगी। धन निवेश में भी मुनाफा बढ़ेगा। मित्रों के साथ किसी समारोह में भाग ले सकते हैं। नए कार्य का प्रारंभ करने के लिए आज का दिन शुभ है।


वृषभ:आज कोई नया कार्य न करें। आज जोखिमपूर्ण निवेश करने से बचें, पूरे दिन किसी से वाद-विवाद में न पड़ें, क्रोध पर नियंत्रण रखें। संयम से काम लें। व्‍यवहार में विनम्रता बनाए रखें। सेहत में भी आज मामूली गिरावट देखने को मिल सकती है।


मिथुन:पराक्रम में वृद्धि होगी। आज आपका मनोबल बढ़ेगा। कारोबार में बेहतरी आएगी। नए संपर्क बनेंगे और लाभकारी रहेंगे। परिवार में मेलजोल बढ़ेगा। मित्रों के साथ आनंद की प्राप्ति होगी। आज कई दिन से रुका पड़ा काम भाग्‍य में वृद्धि करवा सकता है। धन प्राप्ति के योग हैं। मान-सम्‍मान बढ़ेगा। 


कर्क:लेन-देन के कार्यों में सावधानी रहें। धन निवेश करते समय विशेष सावधानी बरतें। आज किसी को उधार न दें, क्योंकि आज दिए हुए धन को वापस आने की संभावना कम है। आज किसी पुराने मुद्दे को लेकर फिर से बहस गरमा सकती है। किसी भी बात को तूल देने से बचें। 


सिंह:आज प्रयास अथवा स्वयं कोशिश करने से प्रत्येक कार्य में सफलता मिलेगी। व्यापार-व्यवसाय में उन्नति के अवसर दिखाई दे रहे हैं। धन लाभ के अवसर सामने आएंगे। परिवार के साथ आज किसी सामाजिक समारोह में भी जा सकते हैं। मांगलिक कार्यक्रमों का भी आयोजन हो सकता है!


कन्या:खर्च की अधिकता रहेगी, किसी न किसी कारण से अनावश्यक खर्च हो सकता है। व्यर्थ की यात्रा भी हो सकती है। आज फालतू के कामों में आपका समय व्‍यर्थ हो सकता है। साझेदार के साथ किसी बात पर बहस हो सकत है। चोट भी लगने की आशंका है। वाहन धीमी गति से चलाएं। हो सके तो यात्रा को टाल ही दें।


तुला:आज आपकी आमदनी में बढ़ोत्तरी होगी, धन लाभ होगा, जोखिमपूर्ण निवेश करें तो लाभ अवश्य मिलेगा। आज विद्यार्थियों को थोड़ी अधिक मेहनत करने पर सफलता मिलेगी। शुभ व्‍यय से कीर्ति प्राप्‍त होगी। अचानक कोई शुभ समाचार प्राप्‍त होगा। आ‍कस्मिक धन लाभ होगा।


वृश्चिक:आज आपका सितारा अनुकूल है, लाभ होगा और सफलता प्राप्त होगी। कामकाज में आ रहीं बाधाएं दूर होंगी। परिवार के साथ मौज-मस्‍ती के लिए समय निकालेंगे। लेकिन कार्य में व्‍यस्‍तता बनी रहेगी। आप सभी कार्य दृढ़ मनोबल और आत्‍मविश्‍वास से पूर्ण कर लेंगे।


धनु:आज आपकी धार्मिक प्रवृत्ति बढ़ेगी, समाज में मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी, विरोधी परास्त होंगें, यात्रा लाभकारी रहेगी। दांपत्‍य जीवन में लाभ की प्राप्ति होगी। दोस्‍तों की वजह से कोई रुका हुआ काम बन जाएगा। हालांकि कोई भी फैसला जल्‍दबाजी में नहीं बल्कि खूब सोचविचारकर लें। स्‍वास्‍थ का भी ध्‍यान रखें। मौसम की मार परेशान कर सकती हैै 


मकर:आज परिश्रम अधिक और लाभ कम रहेगा, कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं। यात्रा न करें, वाहन सावधानीपूर्वक चलाएं। सेहत को लेकर इस वक्‍त विशेष सावधानी की दरकार है। मौसम को लेकर सचेत रहें। जल्‍दबाजी में लिए गए फैसलों में नुकसान उठाना पड़ सकता है। परिजनों का सम्‍मान करें।


कुंभ:अगर कोई नया रोजगार शुरू करने की सोच रहे हैं, तो अवश्य करें, सफलता अवश्य मिलेगी, अविवाहितों के विवाह की बात आगे बढ़ेगी। कार्यक्षेत्र में भी सहयोग की प्राप्ति होगी। परिजनों के साथ त्‍योहार की तैयारियों में व्‍यस्‍त रहेंगे। ईश्‍वर की भक्ति से आनंद की प्राप्ति होगी।


मीन:आज संघर्ष के बाद सफलता अवश्य मिलेगी, कोई नया आर्डर अथवा कॉन्ट्रेक्ट मिलने की संभावना है। शत्रु बलहीन रहेंगे। भाई-बहनों के साथ प्रेम और स्‍नेह में बढ़ोतरी होगी। सामाजिक प्रतिष्‍ठा में भी इजाफा होगा। उत्‍साह में वृद्धि होगी और आर्थ्रिक लाभ होगा!


चीड़ से मिलता है स्वादिष्ट चिलगोजा

चिलगोजा, चीड़ या सनोबर जाति के पेड़ों का छोटा, लंबोतरा फल है, जिसके अंदर मीठी और स्वादिष्ट गिरी होती है और इसीलिए इसकी गिनती मेवों में होती है। स्थानीय भाषा में चिलगोजे को न्योजा कहते हैं। किन्नौर तथा उसके समीपवती प्रदेश में विवाह के अवसर पर मेहमानों को सूखे मेवे की जो मालाएँ पहनाई जाती हैं उसमें अखरोट और चूल्ही के साथ चिलगोजे की गिरी भी पिरोई जाती है। सफेद तनों वाला इनका पेड़ देवदार से कुछ कम लंबाई वाला, हरा भरा होता है।


इसका वानस्पतिक नाम पाइंस जिराडियाना है। चिलगोजा समुद्रतल से लगभग २००० फुट की ऊँचाई वाले दुनिया के इने गिने इलाकों में ही मिलता है। यह कुछ गहरी और पहाड़ी घाटियों के आरपार उन जंगलों में उगता है, जहाँ ठंडा व सूखा मौसम एक साथ होता हो, ऐसे जंगलों के आसपास कोई नदी भी हो सकती है और वहाँ से तेज हवाएँ गुजरती हों। चट्टानी, पर्वत मालाएँ सीथी खड़ी मिलती हों और वृक्ष चट्टानों को फाड़कर उगने के अभ्यासी हों। ऐसी जलवायु में जहाँ भी इसका बीज अंकुरित हो जाय यह सदाबहार हो उठता है।


चिलगोजे के पेड़ पर चीड़ की ही तरह भूरे रंगरूप वाला तथा कुछ ज्यादा गोलाई वाला लक्कड़फूल लगता है। मार्च अप्रैल में आकार लेकर यह फूल सितंबर अक्तूबर तक पक जाता है। यह बेहद कड़ा होता है। इसे तोड़कर इसकी गिरियाँ बाहर निकाली जा सकती हैं लेकिन ये गिरियाँ भी एक मजबूत आवरण से ढकी रहती है। इस भूरे या काले आवरण को दाँत से कुतर कर हटाया जा सकता है। भीतर पतली व लंबी गिरी निकलती है जो सफेद मुलायम व तेलयुक्त होती है। इसे चबाना बेहद आसान होता है। इसका स्वाद किसी भी अन्य कच्ची गिरी से तो मिलता ही है, मगर काफी अलग तरह का होता है। मूँगफली या बादाम से तो यह बहुत भिन्न होता है। छिले हुए चिलगोजे जल्दी खरीब हो जाते हैं लेकिन बिना छिले हुए चिलगोजे बहुत दिनों तक रखे जा सकता है।


दुनिया के अधिकतर देश इस फल से वंचित हैं लेकिन किन्नर कैलास के पास वास्पा और सतलुज की घाटी में कड़छम नामक स्थान पर चिलगोजे के पेड़ों का भरा पूरा जंगल है। रावी के निकट के कुछ इलाकों तथा गढ़वाल के उत्तर पश्चिम के क्षेत्र, किन्नौर में कल्पा व सांगला की घाटी तथा चंबा में पांगी-भरमौर की घाटी इनके लिये प्रसिद्ध है। चिनाब नदी के कुछ ऊँचे बहाव वाले स्थानों पर भी यह मिलता है। अफगानिस्तान तथा बलूचिस्तान में भी यह मिलता है। इसके अतिरिक्त दक्षिण पश्चिम अमेरिका में इसे पाया जाता है। लेकिन एशियन और अमेरिकन चिलगोजे स्वाद और आकार में भिन्नता पाई जाती है।


चिलगोजा भूख बढ़ाता है इसका स्पर्श नरम लेकिन मिजाज गरम है। इसमें पचास प्रतिशत तेल रहता है। इसलिये ठंडे इलाकों में यह अधिक उपयोगी माना जाता है। सर्दियों में इसका सेवन हर जगह लाभदायक है। यह पाचन शक्ति को बढ़ाता है, इसको खाने से बलगम की शिकायत दूर होती है। मुँह में तरावट लाने तथा गले को खुश्की से बचाने में भी यह उपयोगी है।


वनस्पति शास्त्र का इतिहास लिखने वालों का मानना है कि चिलगोजे को भोजन में शामिल करने का इतिहास पाषाण काल जितना पुराना है। इन्हें मांस, मछली और सब्जी में डालकर पकाया जाता है तथा ब्रेड में बेक किया जाता है। इटली में इसे पिग्नोली कहते हैं और इसे इटालियन पेस्टो सॉस की प्रमुख सामग्री माना गया है। जबकि अमेरिका में इसे पिनोली नाम से जाना जाता है और पिनोली कुकीज़ में इसका ही प्रयोग किया जाता है। अँग्रेजी में इसे आमतौर पर पाइन नट कहा जाता है। स्पेन में भी बादाम और चीनी से बनी एक मिठाई के ऊपर इसे चिपकाकर बेक किया जाता है। यह मिठाई स्पेन में हर जगह मिलती है। हिंदी में इसे चिलगोजे के लड्डू कह सकते हैं। कुछ स्थानों पर इसका प्रयोग सलाद के लिये किया जाता है।


चिलगोजे की काफी जिसे पिनोन कहा जाता है दक्षिण पश्चिम अमेरिका में न्यू मेक्सिको के आसपास बहुत लोकप्रिय होती है जो काली और मेवे के गहरे स्वाद वाली होती है। हल्के भुने और नमक लगे चिलगोजे तो आज सारी दुनिया में बिकने लगे हैं। दक्षिण पश्चिम अमेरिका में नेवादा के ग्रेट बेसिन का चिलगोजा अपने मीठे और फल जैसे स्वाद, बड़े आकार तथा आसानी से छीले जाने के लिये प्रसिद्ध है। मध्यपूर्व में भी चिलगोजे का प्रयोग भोजन के रूप में बहुतायत से होता है तथा किब्बेह, संबुसेक जैसे व्यंजन तथा बकलावा जैसी मिठाइयों की यह प्रमुख सामग्रियों में से एक है।


सूअर की विभिन्न प्रजातियां

पालतू सूअर संसार के प्राय: सभी देशों में फैले हुए हैं और भिन्न-भिन्न देशों में इनकी अलग-अलग जातियाँ पाई जाती हैं। यहाँ उनमें से केवल कुछ जातियों का संक्षिप्त वर्णन दिया जा रहा है जो बहुत प्रसिद्ध हैं।


1. बर्क शायर (Berkshire)-इस जाति के सूअर काले रंग के होते हैं जिनका चेहरा, पैर और दुम का सिरा सफेद रहता है। यह जाति इंग्लैंड में बनाई गई है। जहाँ से यह अमरीका में फैली। इनका माँस बहुत स्वादिष्ट होता है।


2. चेस्टर ह्वाइट (Chester white)-इस जाति के सूअरों का रंग सफेद होता है और खाल गुलाबी रहती है। यह जाति अमरीका के चेस्टर काउन्टी में बनाई गई और केवल अमरीका में ही फैली है।


3. ड्यूराक (Duroc)- यह जाति भी अमरीका से ही निकली है। इस जाति के सूअर लाल रंग के होते हैं जो काफी भारी और जल्द बढ़ जाने वाले जीव हैं।


4. हैंपशायर (Hampshire)-यह जाति इंग्लैंड में निकाली गई है लेकिन अब यह अमरीका में भी काफी फैल गई है। इस जाति के सूअर काले होते हैं जिनके शरीर के चारों और एक सफेद पट्टी पड़ी रहती है। यह बहुत जल्द बढ़ते और चरबीले हो जाते हैं।


5. हियरफोर्ड (Hereford)- यह जाति भी अमरीका में निकाली गई है। ये लाल रंग के सूअर हैं जिनका सिर, कान, दुम का सिरा और शरीर का निचला हिस्सा सफेद रहता है। ये कद में अन्य सूअरों की अपेक्षा छोटे होते हैं और जल्द ही प्रौढ़ हो जाते हैं।


6. लैंडरेस (Landrace)-इस जाति के सूअर डेनमार्क, नार्वे, स्वीडन, जर्मनी और नीदरलैंड में फैले हुए हैं। ये सफेद रंग के सूअर हैं जिनका शरीर लंबा और चिकना रहता है।


7. लार्ज ब्लैक (Large Black)- इस जाति के सूअर काले होते हैं जिनके कान बड़े और आँखों के ऊपर तक झुके रहते हैं। यह जाति इंग्लैंड में निकाली गई और ये वहीं ज्यादातर दिखाई पड़ते हैं।


8. मैंगालिट्जा (Mangalitza) -यह जाति बाल्कन स्टेट में निकाली गई है और इस जाति के सूअर हंगरी, रूमानियाँ और यूगोस्लाविया आदि देशों में फैले हुए हैं। ये या तो घुर सफेद होते या इनके शरीर का ऊपरी भाग भूरापन लिए काला और नीचे का सफेद रहता है। इनको प्रौढ़ होने में लगभग दो वर्ष लग जाते हैं और इनकी मादा कम बच्चे जनती है।


9. पोलैंड चाइना (Poland China)-यह जाति अमर को ओहायो (Ohio) प्रदेश की बट्लर और वारेन (Butler and Warren) काउंटी में निकाली गई है। ड्यूराक जाति की तरह यह सूअर भी अमरीका में काफी संख्या में फैले हुए हैं। ये काले रंग के सूअर हैं जिनकी टाँगें, चेहरा और दुम का सिरा सफेद रहता है। ये भारी कद के सूअर हैं जिनका वजन 12-13 मन तक पहुँच जाता है। इनकी छोटी, मझोली और बड़ी तीन जातियाँ पाई जाती हैं।


10. स्पाटेड पोलैंड चाइना (Spotted Poland China)-यह जाति भी अमरीका में निकाली गई है और इस जाति के सूअर पोलैंड चाइना के अनुरूप ही होते हैं। अंतर सिर्फ यही रहता है कि इन सूअरों का शरीर सफेद चित्तियों से भरा रहता है।


11. टैम वर्थ (Tam Worth)-यह जाति इंग्लैंड में निकाली गई जो शायद इस देश की सबसे पुरानी जाति है। इस जाति के सूअरों का रंग लाल रहता है। इसका सिर पतला और लंबोतरा, थूथन लंबे और कान खड़े और आगे की ओर झुके रहते हैं। इस जाति के सूअर इंग्लैंड के अलावा कैनाडा और यूनाइटेड स्टेट्स में फैले हुए हैं।


12. वैसेक्स सैडल बैक (Wessex Saddle Back)-यह जाति भी इंग्लैंड में निकाली गई हैं। इस जाति के सूअरों का रंग काला होता है और उनकी पीठ का कुछ भाग और अगली टाँगें सफेद रहती हैं। ये अमरीका के हैंपशायर सूअरों से बहुत कुछ मिलते-जुलते और मझोले कद के होते हैं।


13. यार्कशायर (Yorkshire)-यह प्रसिद्ध जाति वैसे तो इंग्लैंड में निकाली गई है लेकिन इस जाति के सूअर सारे यूरोप, कैनाडा और यूनाइटेड स्टेट्स में फैल गए हैं। ये सफेद रंग के बहुत प्रसिद्ध सूअर हैं जिनकी मादा काफी बच्चे जनती है। इनका मांस बहुत स्वादिष्ट होता है।


भारतीय जंगली मुर्गी

छोटी जंगली मुर्गी (Red Spurfowl) (Galloperdix spadicea) फ़ीज़ेन्ट कुल का पक्षी है जो भारत का ही मूल निवासी है। इसकी पूँछ तीतर (जो स्वयं फ़िज़ेन्ट कुल का पक्षी है) की तुलना में लंबी होती है और जब यह ज़मीन पर बैठा होता है, तो इसकी पूँछ साफ़ दिखाई देती है। हालांकि इसका मुर्गी से दूर का भी संबन्ध नहीं है, लेकिन भारत में इसे जंगली मुर्गा ही माना जाता है।इस पक्षी के नर और मादा चेहरे और उसके आस-पास थोड़ा भिन्न दिखते हैं। नर की लंबाई ३५ से ३७ से.मी. और वज़न ३४० से ३७० ग्राम होता है जबकि मादा का आकार छोटा होता है और वह कम ही ३३ से.मी. की लंबाई पार कर पाती है। नर की टांगों में दो से तीन नुकीले नाख़ून-नुमा उभार होते हैं और मादा की टांगों में एक से दो उभार होते हैं, जिससे इसको इसका अंग्रेज़ी नाम Spurfowl मिला है।


आवास:-यह पक्षी भारत में ही पाया जाता है जहाँ यह गंगा के दक्षिण में ही देखा गया है और मध्य भारत में भी कम ही देखने को मिलता है जबकि दक्षिण भारत में इसकी आबादी काफ़ी है और स्थिर भी है। यह घने जंगलों और बांस के इलाकों में रहना पसन्द करता है। रात को आराम के लिए यह पेड़ों की शाखाओं की शरण लेता है।


आहार:-यह विभिन्न प्रकार के अनाज एवं बीज खाता है और छोटे कीड़े इसे बहुत पसन्द हैं। यह भोजन के लिए खुले में आना पसन्द नहीं करता है और घने झुरमुट में ही अपना भोजन ढूंढ लेता है।


फबासिए महत्वपूर्ण पादप

फ़बासिए (Fabaceae), लेग्युमिनोसी (Leguminosae) या पापील्योनेसी (Papilionaceae) एक महत्त्वपूर्ण पादप कुल है जिसका बहुत अधिक आर्थिक महत्त्व है। इस कुल में लगभग ४०० वंश तथा १२५० जातियाँ मिलती हैं जिनमें से भारत में करीब ९०० जातियाँ पाई जाती हैं। इसके पौधे उष्ण प्रदेशों में मिलते हैं। शीशम, काला शीशम, कसयानी, सनाई, चना, अकेरी, अगस्त, मसूर, खेसारी, मटर, उरद, मूँग, सेम, अरहर, मेथी, मूँगफली, ढाक, इण्डियन टेलीग्राफ प्लाण्ट, सोयाबीन एवं रत्ती इस कुल के प्रमुख पौधे हैं। लेग्युमिनोसी द्विबीजपत्री पौधों का विशाल कुल है, जिसके लगभग ६३० वंशों (genera) तथा १८,८६० जातियों का वर्णन मिलता है। इस कुल के पौधे प्रत्येक प्रकार की जलवायु में पाए जाते हैं, परंतु प्राय: शीतोष्ण एवं उष्ण कटिबंधों में इनका बाहुल्य है। इस कुल के अंतर्गत शाक (herbs), क्षुप (shrubs) तथा विशाल पादप आते हैं। कभी कभी इस कुल के सदस्य आरोही, जलीय (aquatic), मरुद्भिदी (xerophytic) तथा समोद्भिदी (mescphytic) होते हैं।


इस कुल के पौधों में एक मोटी जड़ होती है, जो आगे चलकर मूलिकाओं (rootlets) एवं उपमूलिकाओं में विभक्त हो जाती है। अनेक स्पीशीज़ की जड़ों में ग्रंथिकाएँ (nodules) होती हैं, जिनमें हवा के नाइट्रोजन का यौगिकीकरण (fixing) करनेवाले जीवाणु विद्यमान रहते हैं। ये जीवाणु नाइट्रोजन का स्थायीकरण कर, खेतों को उर्वर बनाने में पर्याप्त योग देते हैं। अत: ये अधिक आर्थिक महत्व के हैं। इसी वर्ग के पौधे अरहर, मटर, ऐल्फेल्फा (alfalfa) आदि हैं।


लेग्युमिनोसी कुल के पौधों के तने साधारण अथवा शाखायुक्त तथा अधिकतर सीधे, या लिपटे हुए होते है। पत्तियाँ साधारणतया अनुपर्णी (stipulate), अथवा संयुक्त (compound), होती हैं। अनुपर्णी पत्तियाँ कभी कभी पत्रमय (leafy), जैसे मटर में, अथवा शूलमय (spiny), जैसे बबूल में, होती हैं। आस्ट्रेलिया के बबूल की पत्तियाँ, जो डंठल सदृश दिखलाई पड़ती हैं, पर्णाभवृंत सदृश (phyllode-like) होती है।


पुष्पक्रम (inflorescence) कई फूलों का गुच्छा होता है। फूल या तो एकाकी (solitary) होता है या पुष्पक्रम में लगा रहता है। पुष्पक्रम असीमाक्षी (racemose) अथवा ससीमाक्षी (cymose) होता है। पुष्प प्राय: एकव्याससममित (zygomorphic), द्विलिंगी (bisexual), जायांगाधर (hypogynous), या परिजायांगी (perigynous) होते हैं। बाह्यदलपुंज (calyx) पाँच दलवाला तथा स्वतंत्र, या कभी-कभी थोड़ा जुड़ा, रहता है। पुमंग (androecium) में १० या अधिक पुंकेसर (stamens) होते हैं। जायांग (gynaeceum) एक कोशिकीय तथा असमबाहु (inequilateral) होता है। एकलभित्तीय (parietal) बीजांडासन (placenta) अभ्यक्ष (ventral) होता है, पर अपाक्षीय (dorsally) घूम जाता है। बीजांड (ovules) एक, या अनेक होते हैं। फल या फली गूदेदार तथा बीज अऐल्बूमिनी (exalbuminous) होते हैं।


ऊतको की संरचना

ऊतक विज्ञान या ऊतिकी (Histology) की परिभाषा देते हुए स्टोरर ने लिखा है : ऊतक विज्ञान या सूक्ष्म शरीर (microscopic anatomy) अंगों के भीतर ऊतकों की संरचना तथा उनके विन्यास (arrangement) के अध्ययन को कहते हैं। अँगरेजी का हिस्टोलॉजी शब्द यूनानी भाषा के शब्द हिस्टोस्‌ (histos) तथा लॉजिया (logia) से मिलकर बना है, जिनका अर्थ होता है ऊतकों (tissues) का अध्ययन। अत: ऊतक विज्ञान वह विज्ञान है, जिसके अंतर्गत ऊतकों की सूक्ष्म संरचना तथा उनकी व्यवस्था अथवा विन्यास का अध्ययन किया जाता है। 'ऊतक' शब्द फ्रांसीसी भाषा के शब्द टिशू (tissu) से निकला है, जिसका अर्थ होता है संरचना या बनावट (texture)। इस शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम फ्रांसीसी शारीर वैज्ञानिक (anatomist) बिशैट (Bichat) ने 18वीं शताब्दी के अंत में शारीर या शरीर-रचना विज्ञान के प्रसंग में किया था। उन्होंने अपनी पुस्तक में लगभग बी प्रकार के ऊतकों का उल्लेख किया है। किंतु, आजकल केवल चार प्रकार के मुख्य ऊतकों को मान्यता प्राप्त है, जिनके नाम हैं : इपीथिलियमी (epithelial), संयोजक (connective), पेशीय (musclar) और तंत्रिकीय ऊतक (nervous tissues)।


परिचय:-कोशिका, कोशिकाओं से ऊतक, ऊतकों से अंग, अंगो से तंत्र बनते हैं।आदिकाल से ही मनुष्य पशु-पक्षियों और पेड़-पौधों को उनकी आकृति तथा आकार के द्वारा पहचानता रहा है। विज्ञान के विकास के साथ वनस्पतियों तथा जंतुओं के शरीर के भीतर की संरचना जानने की भी जिज्ञासा उत्पन्न होती गई। इसी जिज्ञासा के फलस्वरूप शल्यक्रिया (surgery) का विकास हुआ। चिकित्सा तथा जीववैज्ञानिकों ने पशु और वनस्पतियों की चीरफाड़ करके उनके अंग की संरचनाओं-अंग प्रतयंगों-का अध्ययन आरंभ किया। इसी अध्ययन के फलस्वरूप संपूर्ण शारीर (gross anatomy) की उत्पत्ति हुई। इसी के साथ जब सूक्ष्मदर्शी यंत्रों (microscopes) का विकास हुआ तो जटिल आंतरिक संरचनाएँ भी स्पष्ट होती गई। इस सूक्ष्मदर्शीय यांत्रिक अध्ययन को भौतिकी की संज्ञा प्रदान की गई। अत: ब्लूम तथा फॉसेट के शब्दों में 'ऊतिकी या सूक्ष्मदर्शी शारीर के अंतर्गत शरीर की वह आंतरिक संरचना आती है जो नंगी आँखों से नहीं दिखलाई देती।


समस्त सजीव प्राणियों की संरचनात्मक तथा क्रियात्मक (functional) इकाई कोशिका (cell) होती है। इसी कोशिका के अध्ययन को कोशिका विज्ञान (cytology) कहा जाता है। कोशिकाओं के पुंजों (groups) से ऊतकों और ऊतकों से अंगों की रचना होती हैं। ऊतकों की संरचना का अध्ययन करनेवाले विज्ञान को औतिकी तथा अंगों की संरचना का अध्ययन करनेवाले विज्ञान को शारीर कहते हैं। ऊतिकी तथा कोशिका विज्ञान के अध्ययनों के कारण शरीर के दुर्भेद्य रहस्यों का भेदन होता गया। इन दोनों के संमिलित अध्ययन से ऊतिकी-रोग-विज्ञान (histopathology) का विकास हुआ।


सन्‌ 1932 में नॉल एवं रस्का ने इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी का आविष्कार किया, जिससे कोशिकाओं तथा ऊतकों की जटिलतम सरंचनाओं का स्पष्टीकरण हुआ। इसी के साथ साथ शरीरक्रियाविज्ञान (physiology) का भी विकास होता गया और नए नए रहस्यों का निरावरण संभव हुआ। इस प्रकार इन तीनों विज्ञानों के सम्मिलित प्रयास से जीववैज्ञानिक क्षेत्र में अभूतपूर्व क्रांति आई है। ऊतिकी और कोशिकाविज्ञान मुख्य रूप से सूक्ष्म संरचनाओं के आकारकीय स्वरूप को स्पष्ट करते हैं। किंतु जब से एनिलीन रंजकों (aniline dyes) का अन्वेषण हुआ तब से कोशिकाओं की जटिल संरचनाओं का भी ज्ञान प्राप्त होने लगा है। आज सैंकड़ों प्रकार के रंजकों का प्रयोग करके सूक्ष्म से सूक्ष्म संरचनाओं पर प्रकाश डाला जा रहा है। इस प्रकार, ऊतिकी के क्षेत्र में अब रसायनविज्ञान का भी प्रवेश हो गया है। भाँति भाँति के स्थायीकरों (fixatives) के प्रयोग से रंजकों की रासायनिक प्रतिक्रियाओं का समुचित ज्ञान प्राप्त हो रहा है। जीवद्रव्य (protoplasm), कोशिका द्रव्य (cytoplasm) तथा उनमें और कोशिकाओं के अनेक अंगकों (organelles) की रासायनिक संरचनाओं का ज्ञान अब सर्वसाधारण के लिए सुलभ है। ये अंगक किस प्रकार विशेषीकृत कार्य संपादित करते हैं, यह अब अज्ञात नहीं रह गया। सूक्ष्म संरचनाओं (microscopic structure) की रासायनिक प्रकृति के अध्ययन को ऊतिकीरसायन (histochemistry) या कोशिकारसायन (cytochemistry) कहा जाता है और अब ऊतिकी तथा ऊतिकीरसायन का एक साथ अध्ययन किया जाता है।


हेलेन डीन के मतानुसार इस प्रकार की अध्ययनविधियों की तीन प्रमुख कोटियाँ हैं:


(1) ऊतकों के आंतरिक रासायनिक पदार्थो की, उनके वर्ण की परीक्षा (colour test) की प्रतिक्रियाओं और उनकी प्रकाशिक विशेषताओं (optic characters) की पृष्ठभूमि में पहचान (identification)। ये विधियाँ सामान्यतया गुणात्मक (qualitative) ही होती हैं, संख्यात्मक (quantitative) नहीं। इसका कारण यह है कि इन विधियों से रासायनिक पदार्थों के विस्तार (distribution) का ही पता चलता है, उनकी सांद्रता (concentration) कितनी है, इसका ज्ञात नहीं हो पाता।
(2) लिंगरस्ट्रोम तथा लैंग द्वारा विकसित अनस्थायीकृत (undixed) तथा आलग्न विच्छेदों (frozen sections) की जैवरासायनिक क्रियाओं (biological activities) की माप इस विधि की दूसरी विशेषता है।
(3) अंत में, इस विधि द्वारा यह पता लगाया जाता है कि कोशिकाओं के एकल घटकों (isolated constituents) की क्या प्रतिक्रियाएँ होती हैं। इस विधि को बेन्स्ले ने विकसित किया था। इसके अंतर्गत कोशिकाओं के केंद्रकों (nuclei), माइटोकॉण्ड्रिया (mitochondria) स्रावी कणिकाओं (secietory granules) आदि को पृथक करके उनकी रासायनिक तथा एंजाइमी (enzymatically) परीक्षाएँ की जाती हैं।
बेली की ऊतिकी विषय पर लिखी पुस्तक में ऊतक विज्ञान के साथ ही कोशिका वैज्ञानिक अध्ययन पर भी बल दिया गया है। बेली के मतानुसार, चूँकि ऊतक-विज्ञान संरचना संबंधी अध्ययन (structural science) है और विच्छेदन (disection) द्वारा प्राप्त शरीररचना संबंधी ज्ञान की पूर्ति करता है, अत: इसके शरीर-क्रिया-विज्ञान (physiology) तथा रोगविज्ञान (pathology) से घनिष्ठ संबंध पर भी बल देना आवश्यक है। (बेलीज़ टेक्स्ट बुक ऑव हिस्टोलॉजी, संशोधक विल्फ़ेड एम. कोपेनहावर एवं डोरोथी डी. जॉनसन, विलियम्स ऐंड विल्किन्स कं. बाल्टीमोर, 14वीं आवृत्ति, 1958)। इनके मतानुसार भी ऊतक विज्ञान का आधार कोशिकाशारीर (cell anatomy) अथवा कोशिकाविज्ञान (cytology) ही है।


राम का राष्ट्रवाद उपदेश

गतांक से...


विचार यह चल रहा था कि हम अपने प्रभु का गुणगान गाने वाले बने! अपने प्रभु की निहारिका मानो उसके विज्ञान में रत रहना चाहिए! वह कितनी विशाल ज्ञान-विज्ञान की धाराएं हैं, जिन्हें मानव अपने में धारण करके अंतर्मुखी बन जाता है! तो राम ने कहा कि राजा वह होता है जो अपने विचारों को गोपनीय बना लेता है और गोपनीय जो विषय होते हैं! वही मानव के जीवन का उद्धार करते हैं! इसलिए हम परमपिता परमात्मा की आराधना करते हुए राष्ट्र का पालन करते चले जाएं! राष्ट्र दूसरे के वैभव को संग्रह करने के लिए नहीं है! राष्ट्र को इसलिए निर्धारित किया जाता है कि उसकी प्रतिभा बनी रहे! उसका मानवत्व उसका ॠषित्व ज्यो कर त्यो बना रहे! ऐसी धारणा राजा के हृदय में निहित रहनी चाहिए! तो देखो जब यह वाक्य राजाओं ने श्रवण कर लिया कि बुद्धिमान, बुद्धिजीवी प्राणियों की रक्षा होनी चाहिए! ऐसा जब भगवान राम ने वर्णन किया तो इतने में कुछ और जिज्ञासु आ पहुंचे! उन जिज्ञासुओ ने यह प्रश्न किया कि महाराज आप प्राण के संबंध में तो जानते ही हो! राम ने कहा मैं पुराण के संबंध में इतना नहीं जानता! परंतु देखो तुम मेरे से जानना चाहते हो! मैं इस का प्रयास करता रहूंगा! वह आसन पर शांत मुद्रा में विराजमान हो गए और अपने में यह कहा कि प्राण के संबंध में मैं इतना तो नहीं जानता! परंतु मैं इतना जानता हूं जो गुरुओं के चरणों में विद्यमान हो करके मैंने प्राण की कुछ सूक्ष्म विधा का अध्ययन अवश्य किया है! हमारे मानव शरीर में नाना प्रकार के प्राण अपना क्रियाकलाप कर रहे हैं! यह जो प्राण की प्रतिष्ठा है! उसको जान करके हमें यह निर्णय हो गया कि यह प्राण कहां चला गया! राजा ने कहा भगवन संभूति ब्रह्मवाचम् ब्रहे लोकाम् हिरणयम रथ: देवा:गत: प्रवाहनाण ब्रहे: वाचम ब्रहे अश्वती: मुद्रा' आचार्य कहते हैं कि हम यह और जानना चाहते हैं कि प्राण की प्रतिष्ठा क्या है? राम ने कहा इसको  महर्षि लोमश जो भयंकर वनों में है बहुत अच्छी प्रकार जानते हैं! उनके एक सहपाठी कागभुषडं जी भी है! वह भी प्राण के संबंध में विशेष जानते हैं! ऐसा कहा जाता है कि कुछ समय के पश्चात वे दोनों भी कहीं से विचरण कर के राम के आश्रम में आ पहुंचे! उन्होंने उनसे नाना प्रकार की वार्ताओं को उदबुध कराया! परंतु ऋषि उस वार्ता को हृदय से अच्छी प्रकार जानते थे! तो देखो प्राण अपान की वार्ता चल रही थी! प्राण किसे कहते हैं! अपान किसे कहते हैं? सब भ्रमण करते हुए कागभूषण ऋषि के द्वार पर पहुंचे! ऋषि से कहा कि महाराज यह वाक्य हमसे दूर जा रहा है! कृपया इस पर अपना निर्णय दीजिए! ऋषि ने कहा क्या जानना चाहते हो? उन्होंने कहा प्राण को सखा बनाना चाहते हैं! प्राण के ही रूप में हम प्राण तत्व को जानना चाहते हैं! उन्होंने कहा क्या तुम नहीं जानते कि प्राण सका तो संसार के प्रत्येक आंगन में क्रीड़ा कर रहा है! तुम्हारी वाणी में भी  क्रीड़ा कर रहा है! तुम्हारे शब्दों में देखो अशुद विज्ञान की प्रतिभा का जन्म हो रहा है! तो वहां से कुछ ने गमन किया! कागभूषण जी ने नाना प्रकार के गंभीरता से प्रसन्न होने लगे! उन्होंने कहा प्रभु क्या जानना चाहते हो! हमने कहा संभूति: ब्रहे ब्रह्मा वाच: प्रमाण लोकाम वायु: शरणं व्रही वृचाम् देवो शत्रुत:, भगवान राम ने और ॠषियो  ने अपना निर्णय लिया कि मानव प्राण को अपान में, अपान को समान में, समान को व्यान में, व्यान को उदान में, निहित करता रहता है! इन पांचों का एक तारतम्य में लगा रखा जाता है प्राणो का तारतम्य हीं मानो यह सिद्ध कर रहा है! यह किसी स्थान में परिवर्तनशील होने जा रहे हैं! परंतु इसमें हमें यह सिद्ध हो गया कि यह प्राण जब तक एक दूसरे की आभा में निहित नहीं हो जाते हैं तो यह इंद्रियों का वहां वाचक विषय कहलाया जाता है! जितने प्राण को तुम सखा बना करके उसके साथ भ्रमण करोगे! तो वही अपान प्राण में और प्राण व्यान में और व्यान देवदत्त में इस प्रकार यह प्राणों की प्रतिभा का प्राय: वर्णन आता रहता है कि मैं प्रणायाम करना चाहता हूं!


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस


हिंदी दैनिक


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


October 24, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-81 (साल-01)
2. बृहस्पतिवार ,24 अक्टूबर 2019
3. शक-1941,अश्‍विन,कृष्णपक्ष, तिथि- एकादशी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:21,सूर्यास्त 05:55
5. न्‍यूनतम तापमान -21 डी.सै.,अधिकतम-30+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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