बुधवार, 23 अक्तूबर 2019

परमाणु बम को समझें

एक परमाणु किसी भी साधारण से पदार्थ की सबसे छोटी घटक इकाई है जिसमे एक रासायनिक तत्व के गुण होते हैं। हर ठोस, तरल, गैस, और प्लाज्मा तटस्थ या आयनन परमाणुओं से बना है। परमाणुओं बहुत छोटे हैं; विशिष्ट आकार लगभग 100 pm (एक मीटर का एक दस अरबवें) हैं। हालांकि, परमाणुओं में अच्छी तरह परिभाषित सीमा नहीं होते है, और उनके आकार को परिभाषित करने के लिए अलग अलग तरीके होते हैं जोकि अलग लेकिन काफी करीब मूल्य देते हैं।


दुनिया गोला-बारूद के ढेर पर स्थित है। आज, दुनिया के लगभग सभी देश अपने पास खतरनाक विध्वंसक हथियार रखने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में किसी भी देश के लिए हाइड्रोजन बम का परीक्षण और परमाणु बम का परीक्षण होना आम बात हो गई है। तो क्या आपने कभी सोचा है कि जब किसी देश में इतना खतरनाक बम गिरता है तो क्या किया जाना चाहिए जिससे कि जान बच जाए।


आपको बता दें कि जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में 6 अगस्त 1945 को लिटिल बॉय और फैट मैन परमाणु बम का असर आज भी लोगों के ऊपर पड़ रहा है। इतने सालों के बाद भी, मौजूदा निवासियों परमाणु बम के विस्फोटों का असर देखा जा सकता है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि आखिर इन खतरनाक बमों से अपनी रक्षा कैसे करें क्योंकि पाकिस्तान में तख्तापलट होना कोई बड़ी बात नहीं है। जिस तरह पाकिस्तान आतंकवादियों का गढ़ बना हुआ है ऐसे में अगर परमाणु बम आतंकवादियों के हाथों में पड़ जाता है तो जाहिर सी बात है कि आधी दुनिया समाप्ति के कगार पर खड़ी हो जाएगी।


अमेरिका में स्टीवंस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के एक प्रोफेसर एलेक्स वालरस्टीन का कहना है कि वह अपनी टीम के साथ मिलकर लोगों को नागरिक सुरक्षा के बारे में जागरूक कर रहे हैं। उसे यह भी बताया जा रहा है कि परमाणु हमले की स्थिति में वह कैसे अपनी रक्षा कर सकता है।


हम आपको यह बता रहे हैं क्योंकि आज पूरी दुनिया में लगभग 15 हजार परमाणु हथियार हैं। रूस और अमेरिका के पास अपना सबसे बड़ा भंडार है। अमेरिकी प्रोफेसर वालेरस्टीन द्वारा एक 'न्यूक-मैप' बनाया गया था। इसमें गूगल मैप जैसे मैप के जरिए यह बताने की कोशिश की गई कि किन जगहों पर परमाणु हमले का असर पड़ेगा।


दूसरी परियोजना में, हमें परमाणु हमले के प्रभावों से खुद को बचाने के लिए उपाय करने होंगे। और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि लोग घर के अंदर रहते हैं। लेकिन आप अभी भी परमाणु हमलों से पूरी तरह सुरक्षित नहीं होंगे। अंदर रहने वाले व्यक्ति को भी उतना ही असर पड़ेगा जितना बाहर आने वाले व्यक्ति पर पड़ेगा। भलाई इसी में होगा कि यदि आप अंदर है तो तकरीबन 15 से 20 दिन तक बाहर निकलने की कोशिश ना करें। खाने पीने की व्यवस्था कमरे के अंदर ही कर ले एवं सभी खाद्य पदार्थों को ढक कर रखें। परमाणु हमले के बाद मोबाइल नेटवर्क क्षतिग्रस्त हो जाएगा इस वजह से आपको केवल रेडियो का सहारा ही लेना पड़ेगा। हमले के बाद मौसम एकदम ठंडा हो जाएगा जिस वजह से आपको सर्दी जुखाम की संभावना बढ़ जाएगी इसलिए मोटे कपड़ो को अपने साथ रखें। कोशिश करें कि ज्यादा से ज्यादा समय सो कर बिताए।


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