सोमवार, 30 मार्च 2020

योगी का अच्छे प्रशासक का उदाहरण

दिल्ली-लखनऊ। बगल में बच्चा… दूसरे छोटे बच्चे का हाथ पकड़े परिवारों का या पिट्ठू लटकाए युवकों के दिल्ली से पैदल ही अपने-अपने घरों के लिए निकल पड़े हजारों हजार लोगों को संभाल पाना आसान काम नहीं है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संवेदनशील और कुशल प्रशासक के रूप में सामने आए हैं। उन्होंने तमाम विरोधों और आलोचनाओं की परवाह न करते हुए पहले दिन तो आनंद विहार से ही बसों का संचालन किया। उस पर जब दिल्ली और बिहार की सरकारों ने राजनीति शुरू की तो उसमें न पड़ते हुए वे स्वयं ही व्यवस्थाओं के संचालन के लिए मोर्चे पर आ गए। रविवार को वे स्वयं लखनऊ- आगरा एक्सप्रेस वे के मोहान रोड टोल सेंटर पर पहुंच गए। पैदल ही अपने घर जा रहे लोगों को रोका। उनसे एक निश्चित दूरी संवाद किया। इसके बाद जांच के उपरांत ही घरों तक भिजवाने का आश्वासन दिया।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ तौर पर घोषणा की है कि बाहरी राज्यों से उत्तर प्रदेश में जो भी आ गए हैं, उन सभी की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाहरी राज्यों के कामगारों के लिए सभी तरह की सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं, जिससे उन्हें पलायन की जरूरत न पड़े। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के लिए रविवार को भी बसों का संचालन जारी रहा। अब ये बसें आनंद विहार के बजाय गाजियाबाद के लालकुआं से मिल रही हैं। आनंद विहार से लालकुआं की दूरी 17 किलोमीटर है। लोग इस दूरी को पैदल नापने को मजबूर हैं। यह इसलिए किया गया है कि लोगों को पलायन से हतोत्साहित किया जा सके। मगर परिवार के परिवार और झुंड के झुंड जो घरों के लिए निकल पड़े हैं, वे रुकने को तैयार ही नहीं हैं। बस मिले तो ठीक। नहीं मिले तो ठीक। पैदल ही चलने और घर पहुंचने का संकल्प तो मन में है ही। रास्ते में अनेक स्थानों पर सेवाभावी लोग उनके खाने और पीने के पानी का इंतजाम कर रहे हैं। कहीं खाने के डिब्बे, बांटे जा रहे हैं तो कहीं केले, सेव या बिस्कुट के पैकेट।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

यूपी: गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदला

यूपी: गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदला  संदीप मिश्र  लखनऊ। यूपी में गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदल गया है। कक्षा एक से लेकर आठ तक के स्कू...