बुधवार, 29 अप्रैल 2020

सरकार ने राहुल का बयान खारिज किया

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। कांग्रेस नेता ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा था कि बैंकों ने 50 बड़े विलफुल डिफॉल्टर्स का 68,607 करोड़ रुपये का कर्ज बट्टे खाते में डाल दिया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने उनके बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बुधवार को कहा, “कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को चाहिए कि वह पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम से ट्यूशन लें।”उन्होंने कहा, “राहुल गांधी द्वारा जिस तरह से कहा गया कि विलफुल डिफॉल्टर्स के खाते से कुछ लोगों को निकाल दिया गया है, ये सही नहीं है। ये गलत बात है ..किसी का भी कर्ज माफ नहीं हुआ है, राहुल गांधी ये समझ लें कि ‘राइटिंग ऑफ’ और ‘वेव ऑफ’ दोनों में काफी अंतर होता है।”


गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि देश के बैंकों ने 50 बड़े विलफुल डिफॉल्टर्स का 68,607 करोड़ रुपये का कर्ज बट्टे खाते में डाल दिया है।


केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राहुल गांधी के आरोप को खारिज करते हुए कहा, “ये सही नहीं है कि मोदी सरकार ने 65 हजार करोड़ रुपये माफ कर दिए हैं। सराकर ने एक भी पैसा माफ नहीं किया है। कर्ज को बट्टे खाते में डालना जमाकर्ताओं को बैंक की सही तस्वीरें दिखाने की प्रक्रिया है। यह बैंकों को वसूली करने से नहीं रोकता है।”उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सभी लोगों के खिलाफ शिकंजा कसा है। नीरव मोदी की संपत्ति जब्त और नीलाम की गई है। अब विजय माल्या के पास कोई विकल्प नहीं बचा है। हाईकोर्ट ने उनकी अपील को खारिज कर दिया है।


 


सिविल लाइन में लटका मिला सिपाही

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की नई रिजर्व पुलिस लाइन में बुधवार सुबह के वक्त एक हवलदार का शव लटका मिलने से हड़कंप मच गया। हवलदार का नाम भूप सिंह है। हवलदार का शव पुलिस बैरक स्थित शौचालय में लटका मिला है। घटना की जांच के लिए मुखर्जी नगर थाना पुलिस मौके पर है।


दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक, “बुधवार को नई पुलिस लाइन में सब कुछ सामान्य था। पूर्वान्ह में पुलिस लाइन में मौजूद किसी ने हवलदार का शव लटका देखा तो इसकी खबर उच्चाधिकारियों को दी गयी। सूचना मिलते ही मुखर्जी नगर थाना पुलिस भी घटना स्थल पर पहुंच गयी। मौका मुआयना और पंचनामा भरने के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया गया। दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त प्रवक्ता के मुताबिक, “घटना की जानकारी ली जा रही है। यह मामला मुखर्जी नगर थाना इलाके में घटी है।”


जानकारी के मुताबिक, “हवलदार भूप सिंह का शव पहली मंजिल पर स्थित बैरक नंबर-8 के शौचालय में रस्सी के सहारे लटका हुआ था। प्रथम ²ष्टया मामला आत्महत्या का लग रहा है। मगर अभी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। मौत की वजह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही सामने आ पायेगी।” दिल्ली पुलिस मुख्यालय सूत्रों के मुताबिक, “हवलदार भूप सिंह दिल्ली पुलिस मुख्यालय स्थित डीसीपी सूचना एवं तकनीक (आईटी) में तैनात थे। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर मुखर्जी नगर थाना पुलिस के साथ साथ दिल्ली पुलिस चतुर्थ वाहनी के रिजर्व इंस्पेक्टर, एसीपी वीरेंद्र धामा और एसीपी बी एस मान भी मौके पर पहुंच गये।”दिल्ली पुलिस मुख्यालय सूत्रों के अनुसार, हवलदार भूप सिंह अलवर राजस्थान के गांव अरमरोध पोस्ट खानपुर अहीर के रहने वाले थे।


 


केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अनिवार्य ऐप

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने कोरोना महामारी से निपटने के उपायों के तहत अपने सभी कर्मचारियों को अपने फोन में आरोग्य सेतु ऐप तत्काल डाउनलोड करने का निर्देश दिया है। सरकार का कहना है कि यह कदम सभी कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।


केन्द्रीय कार्मिक, शिकायत और पेंशन मामलों के मंत्रालय ने आज एक आदेश जारी कर कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण की श्रंखला को तोड़ने के लिए उसके कार्यालयों में काम करने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों जिनमें अनुबंधित कर्मचारी भी शामिल हैं को आरोग्य सेतु ऐप तत्काल अपने फोन में डाउनलोड करनी होगी।


 


एक साथ हुआ 5 बच्चों का जन्म

बाराबंकी। कोरोना संकट से जहां एक ओर पूरा देश परेशान है। वहीं उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में एक साथ पांच बच्चों का समान्य प्रसव कराया गया है। प्रसूता की हालत स्वस्थ बताई जा रही है। वहीं, एक बच्चें को श्वास लेने में कुछ दिक्कत है। इस कारण महिला समेत सभी बच्चों को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। महिला का पांच वर्ष में यह दूसरा प्रसव है। इसमें पांच बच्चों में दो लड़के और तीन लड़की शामिल हैं। एक बच्चे की हालत कुछ गड़बड़ है शेष बच्चे स्वस्थ हैं। डाक्टर के अनुसार बच्चों ने समय से पूर्व ही जन्म लिया है, इसलिए इनका आवश्यक उपचार किया जा रहा है।


बाराबंकी जिले के विकासखण्ड सूरतगंज इलाके के गांव कुतलूपुर गाँव के निवासी कुन्दन गौतम की पत्नी अनीता गौतम ने आज स्थानीय सीएचसी पर पांच बच्चों को जन्म दिया। बच्चों के समय से पहले पैदा होने के कारण उनके आवश्यक उपचार के लिए उन्हें जिला अस्पताल भेज दिया गया। बच्चों के पिता कुन्दन गौतम ने बताया, “आज मेरी पत्नी ने पांच बच्चों को जन्म दिया है जिसमें तीन लड़कियां और दो लड़के शामिल है। उनके घर में ऐसी पहली खुशी आने से वह काफी खुश है। डाक्टरों ने सभी बच्चों को और उनकी पत्नी को स्वस्थ होना बताया है जो उनके लिए बड़ी राहत की बात है।”


जिला अस्पताल पर तैनात डाक्टर इंद्र मोहन तिवारी ने बताया कि यह पांच बच्चे सूरतगंज सीएचसी पर हुए हैं। बच्चे सात माह में पैदा हुए हैं। फिलहाल अभी एक बच्चे की हालत ठीक नहीं है। सभी का उपचार हो रहा है। यह नार्मल डिलीवरी है और 34 से 35 सप्ताह के बच्चे हैं।


 


तीन कारणों से कंट्रोल किया कोरोना

बीजिंग। कोरोनावायरस कई प्रकार के विषाणुओं (वायरस) का एक समूह है जो स्तनधारियों और पक्षियों में रोग उत्पन्न करता है। यह आरएनए वायरस होते हैं। इनके कारण मानवों में श्वास तंत्र संक्रमण पैदा हो सकता है जिसकी गहनता हल्की (जैसे सर्दी-जुकाम) से लेकर अति गम्भीर (जैसे, मृत्यु) तक हो सकती है।
चीन में कोरोनावायरस तेजी से कम हो गया और चीन ने कुछ ऐसे कदम उठाएं जिसके कारण कोरोनावायरस अब चीन में पूरी तरह से खत्म हो चुका है और आज मैं आपको ऐसे तीन कारण बताने वाला हूं जिसके कारण चीन इस परिस्थिति में आ पाया है ।
जैसा कि आप सभी जानते होंगे कि कोरोनावायरस भारत में भी तेजी से फैल रहा है और इसे अगर जल्द नहीं रोका गया तो यह और भी ज्यादा घातक बन सकता है । चलिए अब जानते हैं कि चीन ने कोरोनावायरस को कैसे रोका ।
1) चीन में थोड़ी सख्ती बरती गई और यही कारण है कि वहां पर कोरोनावायरस को तेजी से खत्म किया गया । चीन ने दूसरे देशों से व्यापार करना बंद कर दिया और सभी विमान भी बंद कर दिए जिसके कारण लोगों का आना जाना रुक गया । चीन ने पूरे देश में लोग दाम घोषित कर दिया जिसके कारण कोरोनावायरस तेजी से घटा और यही काम अब भारत भी कर रहा है ।
2) चीन ने हर जगह पर टेस्ट सेंटर खोल दिए जिसके कारण यह पता किया गया कि किन लोगों को कोरोनावायरस है और किन लोगों को नहीं और जिन लोगों को कोरोनावायरस था उन्हें तुरंत इलाज के लिए भेज दिया गया और आइसोलेट कर दिया गया ।
3) चीन में मरीजों से ज्यादा वॉलिंटियर उपयुक्त कराए गए जिसके कारण जब जिसे जरूरत पड़ी उसे तुरंत इलाज के लिए ले गया गया और यही वजह थी कि चीन कोरोनावायरस को तेजी से खत्म करने में सफल हो पाया ।


महाराष्ट्रः खतरे में सीएम की कुर्सी

महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक कैंसिल अजित पवार की अगुवाई में होनी थी बैठक
मुंबई । महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक कैंसिल हो गई है। डिप्टी सीएम अजित पवार की अगुवाई में आज होने वाली कैबिनेट की बैठक को आज अचानक निरस्त कर दिया गया है। इस कैबिनेट बैठक में चुनाव आयोग से विधान परिषद (एमएलसी) चुनाव कराने की मांग की जानी थी, ताकि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के 6 महीने पूरे होने से पहले यानी 27 मई से पहले चुनाव कराया जा सके। उद्धव ठाकरे को राज्यपाल कोटे से एमएलसी बनाने के लिए कैबिनेट लगातार गुहार लगा रहा है, लेकिन राज्यपाल की ओर से अबतक कोई सटीक जवाब नहीं आया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विधान परिषद का सदस्य मनोनीत करने के प्रस्ताव को लेकर महा विकास अघाड़ी का प्रतिनिधिमंडल कल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिला।


राज्यपाल ने नहीं भरी हामी


लेकिन सूत्रों की माने तो राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव को एमएलसी बनाने के लिए कोई हामी नहीं भरी है। उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और अभी वह विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। संविधान के तहत उन्हें 6 महीने के अंदर यानी 27 मई 2020 तक किसी सदन का सदस्य बनना जरूरी है।


6 महीने में किसी सदन का सदस्य बनना जरूरी


उद्धव ठाकरे बिना चुनाव लड़े ही सीधे सीएम बने हैं, ऐसे में उन पर यह नियम लागू होता है। उद्धव की कुर्सी बचाने के लिए आज कैबिनेट बैठक में चुनाव आयोग से विधानपरिषद चुनाव कराने की अपील की जानी थी। इसके लिए 3 मई को लॉकडाउन खत्म होने के तुरंत बाद चुनाव आयोग को विधान परिषद की खाली पड़ी सीटों के लिए चुनाव का ऐलान करना होगा।


27 मई से पहले कराना होगा पूरा चुनाव


चुनाव आयोग को 27 मई से पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी कर परिणाम घोषित करना होगा, ताकि मुख्यमंत्री निर्वाचित सदस्य के रूप में सदन के सदस्य बन सकें, लेकिन कोरोना संकट को देखते हुए ऐसा संभव होता नहीं दिख रहा। कुर्सी बचाने की उद्धव की राह इतनी आसान नहीं हैं।


जल्दी आत्मनिर्भर होंगे हमः हर्षवर्धन

नई दिल्ली। पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और उसके स्वायत्त संस्थानों (एआई और उसके सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों) बीआईआरएसी तथा बीआईबीसीओएल द्वारा कोविड संकट से निपटने के लिए विशेष रूप से वैक्सीन, तथा स्वेदशी रैपिड टेस्ट और आरटी पीसीआर नैदानिक किट विकसित करने की दिशा में की गई विभिन्न पहलों की समीक्षा की। उन्होंने समीक्षा के दौरान कहा कि स्वदेशी रैपिड टेस्ट और आरटी-पीसीएस डायग्नोस्टिक किट बनाने के मामले में मई 2020 तक हमारा देश आत्मनिर्भर हो जाएगा। इस दौरान आनुवांशिक अनुक्रमण के बारे में चर्चा करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि ये अनुवांशिक अनुक्रमण के प्रयास मुझे 26 साल पहले के पोलियो उन्मूलन अभियान की याद दिलाती है। उस समय भी, पोलियो वायरस के संक्रमण की अवस्थाओं को उजागर करने के लिए आनुवांशिक अनुक्रमण का उपयोग किया गया था, जिसने अंततः पोलियो के उन्मूलन में मदद की।


डॉ. हर्षवर्धन ने 150 स्टार्ट अप्स को दी जा रही मदद के लिए बीआईआरएसी के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने इस मौके पर बीआईबीसीओएल के एक सार्वजनिक उपक्रम द्वारा बनाया गया हैंडसैनिटाइजर भी जारी किया डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, "इस सैनिटाइजर की प्रत्येक बोतल की  बिक्री  से मिलने वाली रकम में से एक रुपया पीएम केयर्स कोष में जाएगा"। वहीं डीबीटी की सचिव डॉ. रेणु स्वरूप ने बताया कि डीबीटी ने कोविड से निपटने के लिए तत्काल समाधान के साथ ही साथ दीर्घकालिक तैयारियों के लिए एक बहु-आयामी अनुसंधान रणनीति और कार्य योजना तैयार की है। इस बहुपक्षीय प्रयासों में कोविड के लिए फ्लू जैसा टीका विकसित करने के साथ ही होस्ट और पैथोजन पर स्वदेशी डायग्नोस्टिक्स जीनोमिक अध्ययन शामिल है। जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) ने डायग्नोस्टिक्स, टीके, नोवेल थैरेप्यूटिक्स, तथा दवाओं को अन्य तरह से इस्तेमाल या किसी और तरह के उपाय अपनाए जाने के लिए एक कोविड अनुसंधान  कंसोर्टियम बनाए जाने की बात कही है।वीडियो कान्फ्रेंसिंग में डीबीटी की सचिव डॉ. रेणु स्वरूप,कई वरिष्ठ अधिकारी ,वैज्ञानिक तथा बीआईआरएसी और बीआईबीसीओएल के भी कई बड़े अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
सात दिन, 80 जिले, कोई नया मरीज नहीं


इससे पहले डॉ हर्षवर्धन ने एक राहत की खबर दी। उन्होंने बताया कि एक सप्ताह के दौरान देश के 80 जिलों में एक भी नया केस नहीं आया है। 47 जिले ऐसे हैं, जहां बीते 14 दिन में कोई मामला नहीं मिला है। उन्होंने आगे बताया कि 39 जिलों में 21 दिन से कोई मामला नहीं मिला है। वहीं, बीते 24 घंटे में 16 जिलों में कोई नया केस नहीं आया है। केंद्रीय मंत्री ने बताया, देश के 300 जिले हॉटस्पॉट नहीं है, जबकि 129 जिले कोरोना के मरीज मिलने के बाद हॉटस्पॉट घोषित किए गए हैं।


इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके

इंडोनेशिया में 6.0 तीव्रता का भूकंप, झटके  अखिलेश पांडेय  जकार्ता। इंडोनेशिया के पूर्वी प्रांत मालुकु में सोमवार के तेज झटके महसूस किए गए। इ...