सोमवार, 27 अप्रैल 2020

कालाबाजारी में यूपी गवर्नमेंट नंबर-1

आकांक्षा उपाध्याय


लखनऊ/अयोध्या। "जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का" की तर्ज पर हल्का पुलिस के संरक्षण में दारू विक्रेताओं ने शराब की जमकर कालाबाजारी किया। सही मायने में उत्तर प्रदेश की सरकार कालाबाजारी में नंबर वन पर है। पूरे प्रदेश में कालाबाजारी के झंडे गाड़ दिए गए हैं। जिसके विरुद्ध किसी प्रकार की कार्य दिशा निश्चित नहीं है।100 रूपये की शराब 300 से 500 रूपये में बेंचकर अनुज्ञापी मालामाल हो गये। कालाबाजारी की जानकारी जनता के बींच से उठकर आलाधिकारियों तक पहुंची तो प्रशासन की टीम ने शराब की दूकानों पर जब छापेमारी शुरू की तो चौकाने वाले नतीजे सामने आये। कहीं स्टाक रजिस्टर में दर्ज बोतलों से कम माला मिला तो कहीं पूरी दूकान ही बोतलों से खाली मिली। यही नहीं कई दूकानदार तो भाग खडे हुए।
नगर मजिस्ट्रेट सत्य प्रकाश सिंह ने बताया कि जनता के बींच से यह जानकारी आयी थी की चोरी छिपे लॉकडाउन के दौरान अंग्रेजी शराब के अनुज्ञापियों द्वारा चोरी छिपे शराब की बोतलें पियक्कड़ों को उपलब्ध करायी जा रही हैं। जानकारी को संज्ञान में लेते हुए शनिवार की रात से दूकानों पर छापेमारी शुरू की गयी पहला छापा रिकाबगंज अल्काटावर के सामने स्थित अंग्रेजी शराब की दूकान पर डाला गया। स्टाक रजिस्टर से जब मिलान किया गया तो पता चला कि लगभग 28 बोतलें नदारद हैं उन्होंने बताया कि सीओ सिटी अरविन्द चौरसिया की मौजूदगी में हुई छापेमारी के बाद दूकान को सीज कर दिया गया। रविवार को छुट्टी के बावजूद सुबह से ही छापेमारी शुरू कर दी गयी। गंन्दा नाला सुभाष नगर स्थित अंग्रेजी शराब की दूकान जब अनुज्ञापी द्वारा खुलवायी गयी तो वहां एक भी बोतल शराब है ही नहीं। शराब की बोतलें कहां गयीं इसकी जानकारी में अनुज्ञापी छापामार दल को नहीं दे पाया। नाका स्थित बियर की दूकान पर जब छापा डाला गया तो पता चला कि स्टाक में दर्ज माल से कम शराब व बियर की बोतले हैं। अनियमित्ता पाये जाने के बाद दूकान को सीज कर दिया गया। इसी भांति गुदड़ी बाजार मोड़ पर स्थित शराब की दूकान के अनुज्ञापी को जब अधिकारियों ने बुलवाया तो उसने बताया कि दूकान की चाभी नहीं मिल रही है। छापामार दल जिसमें आबकारी इंस्पेक्टर नीरजा सिंह भी शामिल थीं उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा। नगर मजिस्ट्रेट सत्य प्रकाश सिंह ने बताया कि रविवार की रात में भी अंग्रेजी शराब की दूकानों पर छापे मारे जायेंगे। नतीजों की रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जायेगी उनके निर्देश के बाद ही दोषी अनुज्ञापियों के विरूद्ध सम्बन्धित थानों में मुकदमा दर्ज कराया जायेगा। पुलिस, आबकारी व प्रशासन की संयुक्त टीम की छापेमारी से शराब विक्रेताओं के होश उड़ गये हैं और लॉकडाउन के दौरान मालामाल होने का सपना पाले लोगों के सिर पर कानून की तलवार लटकती दिखायी पड़ने लगी है जिससे उनकी नींद हराम हो गयी है।


 


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