शुक्रवार, 21 अक्तूबर 2022

'प्रदूषण' से आंखों को दीर्घकालिक क्षति का खतरा

'प्रदूषण' से आंखों को दीर्घकालिक क्षति का खतरा

सरस्वती उपाध्याय 

दिवाली रोशनी का त्योहार है, जिसे पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। देवी लक्ष्मी की पूजा, रोशनी, रंगोली, पटाखे और घर की साज-सज्जा इस त्योहार के आनंद का अभिन्न अंग हैं। लेकिन, ध्यान रहे इस उमंग के उत्सव में जरा-सी भी लापरवाही आपके लिए मुश्किलों को बढ़ाने वाली हो सकती है। त्योहारों के दौरान खान-पान, दिनचर्या और इसे मनाने के तरीकों को लेकर सभी लोगों को विशेष सावधानी बरतते रहने की सलाह दी जाती है। उत्साह के बीच हमेशा ध्यान रखें, स्वास्थ्य आपकी पहली प्राथमिकता है, इससे किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाना चाहिए। दीपावली के इस त्योहार में मधुमेह के साथ, वजन और आंखों की सेहत को लेकर हमेशा सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता होती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, पटाखे जलाते समय अक्सर लोगों में आंखों की परेशानियां देखी जाती रही हैं। पटाखों को लेकर की गई जरा सी भी लापरवाही न सिर्फ आंखों में चोट का कारण बन सकती है, साथ ही पटाखों से निकलने वाले प्रदूषण के कारण भी आंखों को दीर्घकालिक क्षति का खतरा रहता है। विशेषकर बच्चों में इस तरह के जोखिम अधिक देखे जाते रहे हैं। आइए जानते हैं कि दीपावली के उत्सव में आंखों को स्वस्थ रखने और इससे संबंधित किसी भी प्रकार के जोखिम को कम करने के लिए किन बातों का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है ?

नेत्र रोग विशेषज्ञ कहते हैं, दीपावली में पटाखों को लेकर बरती गई लापरवाही के कारण हाथ और उंगली के बाद प्रभावित होने वाला दूसरा सबसे आम अंग हैं- आंखे। पटाखों के धुंआ के कारण आंखों में जलन-चुभन के साथ लालिमा होने का खतरा होता है। इसके अलावा पटाखों से लगने वाली चोट आंखों में घाव, रक्त के थक्के बनने या पुतली को भी नुकसान पहुंचा सकती है। 

बोतल में जलाए जाने वाले रॉकेट लोगों के चेहरों पर उड़कर लग जाते हैं। जिसके कारण आंखों में चोट के सबसे ज्यादा मामले देखे जाते हैं। पटाखों के नजदीक से फटने से आंखों की रोशनी भी खराब हो सकती है। इस तरह की समस्याओं से बचे रहने के लिए आइए जानते हैं क्या करें और क्या नहीं ?

पटाखे जलाते समय सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं की जानी चाहिए।
बच्चों द्वारा आतिशबाजी के समय बड़े लोगों को निगरानी रखनी चाहिए। पटाखे हमेशा शरीर से दूर रखकर ही जलाएं।
आतिशबाजी वाले क्षेत्र से सभी ज्वलनशील चीजों को हटा ले।
आतिशबाजी जलाने के लिए लंबी डंडी का प्रयोग करें। जिससे इससे होने वाले धमाके से हाथों या आंखों पर कोई असर न हो।
आंखों को सुरक्षित रखने के लिए आतिशबाजी करते समय सुरक्षात्मक चश्मे पहनें।
अनार जैसे पटाखों से आंखों और चेहरों पर चोट के सबसे ज्यादा मामले देखे जाते हैं इसे हमेशा दूर से ही जलाएं।
आंख में खुजली, जलन होने या चोट लगने पर तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।
आंखों को सुरक्षित रखने और किसी भी तरह की समस्या से बचे रहने के लिए इन सावधानियों को अनदेखा न करें।
छोटे बच्चों को कभी भी आतिशबाजी न करने दें।
पटाखों को जलाकर फेंके नहीं इससे चोट का खतरा हो सकता है।
पटाखों को छूने के बाद उसी हाथ से आंखों को न छुएं, इसे रसायनों के आंखों में जाने का खतरा रहता है।
अगर कोई केमिकल आंखों में चला गया हो तो तुरंत आंखों और पलकों को पानी से धो लें।
आंखों में जलन या खुजली हो रही हो तो रगड़ें नहीं, तुरंत हाथों को साफ करके साफ पानी से आंखों को धोएं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप  दुष्यंत टीकम  जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिले के एक गांव में कुएं में नवजात शिशु का शव मिला है। इससे...