सोमवार, 2 सितंबर 2019

कानून का दोगलापन (संपादकीय)

तो क्या आम आदमी को भी सुप्रीम कोर्ट से चिंदबरम की तरह राहत मिलेगी?


कानून का दोगलापन।
करोड़ों के घोटाले का आरोप है पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम पर। 

सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम को बड़ी राहत देते हुए तिहाड़ जेल ले जाने पर पांच सितम्बर तक के लिए रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दिल्ली की सीबीआई कोर्ट का निर्णय से पहले दिया है। संभवत: देश के न्यायिक इतिहास में यह पहला अवसर होगा, जब इस तरह सुप्रीम कोर्ट का रुख सामने आया है। आमतौर पर किसी आरोपी की रिमांड अवधि खत्म होने तथा निचली अदालत से जमानत न मिलने पर आरोपी को जेल भेज दिया जाता है। बाद में हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट से जमानत लेने की कार्यवाही की जाती है। लेकिन 2 सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली की सीबीआई अदालत से अंतरित जमानत न मिलने पर भी चिदंबरम को पांच सितम्बर तक जेल नहीं भेजा जाए। यानि अब चिदंबरम सीबीआई की हिरासत में ही रहेंगे। सुनवाई से पहले चिदंबरम के वकीलों ने भी सुप्रीम कोर्ट में आग्रह किया था कि चिदंबरम के राजनीतिक महत्व को देखते हुए जेल भेजने पर रोक लगाई जाए। चिदंबरम को सीबीआई ने 22 अगस्त को गिरफ्तार किया था।  दिल्ली की सीबीआई अदालत दो बार चिदंबरम के रिमांड की अवधि बढ़ा चुकी है। 2 सितम्बर को रिमांड की अवधि समाप्त हो रही थी। ऐसे में चिदंबरम को दिल्ली की तिहाड़ जेल में भेजे जाने की संभावना थी, लेकिन सीबीआई कोर्ट अपना निर्णय देती इससे पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने जेल भेजने पर अंतरिम रोक लगा दी। अब पांच सितम्बर को पता चलेगा कि सुप्रीम कोर्ट अपनी रोक को आगे बढ़ाता है, या फिर चिदंबरम को तिहाड़ जेल जाना पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट ने दो सितम्बर को जो निर्णय दिया, उससे सवाल उठता है कि क्या ऐसी राहत आम आदमी को भी मिल सकती है? आमतौर पर आम आदमी को तो रिमांड की अवधि समाप्त होने पर जेल जाना ही पड़ता है। मालूम हो कि चिदंबरम ने यूपीए सरकार में केन्द्रीय वित्त मंत्री रहते हुए आईएनएक्स मीडिया और अन्य संस्थानों के पक्ष में विदेशी निवेश को लेकर जो निर्णय दिए उसकी एवज में लाभ प्राप्त करने वाली कंपनियों ने चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की कंपनियों में करोड़ों रुपया जमा करवाया है। सीबीआई अब इसी घोटाले की जांच कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से ईडी की कार्यवाही पर भी रोक लग गई है। अब ईडी के अधिकारी भी चिदंबरम को पांच सितम्बर तक गिरफ्तार नहीं कर सकते हैं। 
एस.पी.मित्तल


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