गुरुवार, 5 मई 2022

'फैटी लिवर डिसीज' बीमारी के लक्षण, जानिए

'फैटी लिवर डिसीज' बीमारी के लक्षण, जानिए   

सरस्वती उपाध्याय        
'फैटी लिवर डिसीज' एक ऐसी बीमारी है, जिसमें लिवर की कोशिकाओं में बहुत ज्यादा फैट जमा हो जाता है। यह बीमारी आज के समय में काफी आम हो चुकी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि आज हर 3 में से 1 इंसान इस बीमारी का सामना कर रहा है। इस बीमारी के कारण लिवर सही तरीके से काम नहीं कर पाता और कई समस्याएं होने लगती हैं। कई लोगों का मानना है कि जो लोग शराब आदि का सेवन ज्यादा करते हैं, केवल उन्हें ही इस समस्या का सामना करना पड़ता है, जबकि ऐसा नहीं है‌। जो लोग शराब नहीं पीते, उन लोगों में भी यह बीमारी हो सकती है।
लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि जो लोग अधिक मात्रा में शराब का सेवन करते हैं, उन लोगों में यह समस्या अधिक देखी जाती है। जिन लोगों ने कभी भी शराब का सेवन नहीं किया है, उनमें भी यह समस्या देखने को मिलती है और इसके कई कारण हो सकते हैं। जैसे: हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल, डायबिटीज, स्लीप एपनिया, अंडरएक्टिव थाइरॉयड आदि। अधिकतर मामलों में शुरुआत में इस बीमारी का पता नहीं चल पाता। नॉन-अल्कोहल फैटी लिवर डिसीज एक ऐसी स्थिति है, जो शराब के कारण नहीं होती, लेकिन अगर ऐसे में शराब का सेवन किया जाए तो यह और भी बढ़ सकती है।

बढ़ता हुआ वजन हो सकता है कारण...
ब्रिटिश लिवर ट्रस्ट के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर पामेला हीली का कहना है कि कई लोगों को यह तक पता नहीं होता कि इंसान का बढ़ता हुआ वजन भी फैटी लिवर के जोखिम को बढ़ा सकता है।  लिवर हार्ट की ही तरह महत्वपूर्ण ऑर्गन है, लेकिन लोग इसे स्वस्थ रखने की बिल्कुल कोशिश नहीं करते।
लिवर के बारे में कई सारे मिथक भी फैले हुए हैं। उदाहरण के लिए बहुत से लोग मानते हैं कि लिवर की बीमारी उन लोगों को होती है, जो शराब का सेवन करते हैं। लेकिन इसके अलावा भी कुछ लोग ऐसे हैं जो शराब का सेवन नहीं करते लेकिन फिर भी उन्हें बढ़े हुए वजन के कारण फैटी लिवर डिसीज का खतरा होता है।

शुरुआत में नजर नहीं आते लक्षण...
हर इंसान के लिवर में फैट की कुछ मात्रा होती है, लेकिन जैसे-जैसे लिवर में फैट की मात्रा बढ़ती जाती है, उसे हाई ब्लड प्रेशर, किडनी प्रॉब्लम्स और डायबिटीज का खतरा बढ़ने लगता है।
शुरुआत में फैटी लिवर डिसीज के कोई लक्षण नजर नही् आते, लेकिन अगर इसे कंट्रोल नहीं किया जाए तो गंभीर लक्षण सामने आ सकते हैं। इसके बाद यह यह नॉन-अल्कोहॉलिक स्टीटोहेपेटाइटिस या NASH नामक एक और गंभीर स्थिति में परिवर्तित हो सकती है, जिसमें लिवर में काफी सूजन आ जाती है। जैसे-जैसे समय बीतता जाता है, यह सूजन ब्लड वेसिल्स और लिवर दोनों को प्रभावित करने लगती है। हो सकता है नॉर्मल इंसान को यह भी पता न चले कि उसके लिवर में समस्या पैदा हो चुकी है।

फैटी लिवर डिसीज वाले लोगों में दिखते हैं ये लक्षण...

अगर किसी को फैटी लिवर डिसीज की समस्या होती है तो उनमें ये लक्षण नजर आ सकते हैं।
पेट के ऊपरी दाएं भाग में दर्द (पसलियों के नीचे)
अत्यधिक थकान।
जरूरत से ज्यादा वेट लॉस।
कमजोरी।
लिवर को जब सालों से नुकसान पहुंच रहा हो तो वह सिरोसिस में बदल जाती है। सिरोसिस के कारण लिवर को जो नुकसान होता है, उसे सही नहीं किया जा सकता। ऐसी स्थिति के बाद ये लक्षण नजर आते हैं।
त्वचा का पीलापन।
आंखों का सफेद होना।
त्वचा में खुजली।
पैर, टखने या पेट में सूजन।
लाइफस्टाइल में करें बदलाव।
एक्सपर्ट कहते हैं कि इस बीमारी से बचने के लिए सबसे पहले लाइफस्टाइल में बदलाव करना काफी जरूरी है। एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी में लिवर रिसर्च के हेड प्रोफेसर जोनाथन फॉलोफील्ड कहते हैं, नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी डिसीज के मरीज 2030 तक 5 प्रतिशत से बढ़कर 7 प्रतिशत तक हो जाएंगे। ज्यादातर लोग नहीं जानते कि उन्हें फैटी लिवर डिसीज हो चुका है। ये अक्सर ऐसे लोग होते हैं, जो बाहर से पतले दिखते हैं लेकिन उनके लिवर पर फैट होता है। उनके पेट के चारों ओर चर्बी जमी होती है और थकान भी होने लगती है‌।
फैटी लिवर डिसीज से बचने के लिए कुछ चीजों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। एक्सपर्ट कहते हैं कि ऐसे लोगों को 7 से 10 प्रतिशत वजन घटाने की कोशिश करनी चाहिए। एरोबिक एक्सरसाइज या हल्की वेट ट्रेनिंग से भी लिवर की सेहत को फायदा होता है। इसके लिए डॉक्टर डायबिटीज कंट्रोल करने की भी सलाह देते हैं। शरीर में कॉलेस्ट्रोल लेवल को भी घटाने की कोशिश करनी चाहिए।

सुनवाई: 2 साल की सजा, 5 हजार का जुर्माना

सुनवाई: 2 साल की सजा, 5 हजार का जुर्माना  

भानु प्रताप उपाध्याय
मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने लूट के आरोपी पर गैंगस्टर एक्ट के तहत सुनवाई करते हुए दोषी को 2 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी पर 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
महिला और एक युवक से हुई थी लूट
अभियोजन अधिकारी संदीप सिंह, विशेष लोक अभियोजक राजेश शर्मा एवं दिनेश सिंह पुंडीर ने बताया कि 17 अगस्त 2019 को नई मंडी क्षेत्र में सुजाता नाम की महिला अपने पति के साथ मोटरसाईकिल पर सवार हाे कर रक्षा बंधन के पर्व पर अपने भाई के पास जा रहीं थी।
बागोवाली चौराहे के पास शाम 7 बजे के लगभग दो बदमाश सुजाता से 5 हजार रुपये और आभूषण लूटकर फरार हो गए थे। इसके बाद दूसरी घटना में वादी सनव्वर से 8 अक्टूबर 2019 को एक्सिस बैंक से वापस आते समय बझेड़ी गांव के पास मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने तमंचा लगाकर 1500 रुपये सहित पर्स लूट लिया था और फरार हो गए थे।
कई लुटेरों पर गैंगस्टर में हुई थी कार्रवाई
पुलिस ने नौशाद पुत्र मीरहसन निवासी 24 दक्षिणी कृष्णापुरी थाना कोतवाली सहित अन्य चार अभियुक्तों रशीद निवासी सरवट, उस्मान निवासी नसीरपुर, शानू उर्फ शाहनवाज निवासी सरवट और आमिर निवासी बढ़िवाला थाना छपार को गिरफ्तार कर लूट की उक्त घटनाओं का अनावरण किया।
तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक नई मंडी दीपक चतुर्वेदी ने इन अभियुक्तों के विरुद्ध गेंगेस्टर की कार्यवाही की, तथा विवेचक वीरेंद्र कसाना ने आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया। नौशाद की पत्रांवली प्रथक कर सुनवाई उपरांत गेंगेस्टर एक्ट कोर्ट जज बाबूराम ने अभियुक्त नौशाद को 2 साल तीन माह की सजा और 5 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया।

भारत सरकार के खिलाफ साजिश का आरोप

भारत सरकार के खिलाफ साजिश का आरोप  

अकांशु उपाध्याय/दुष्यंत टीकम   

नई दिल्ली/रायपुर। भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर, राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर भारत सरकार के खिलाफ साजिश करने का आरोप लगाया है। इसकी शिकायत कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव ने जगदलपुर थाने में की है। उन्होंने 3 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया है। 
मंत्री सिंहदेव ने कहा कि राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से भाजपा नेता ने ट्वीट किया है। सिंहदेव ने जगदलपुर पुलिस थाने में निरीक्षक एमन साहू को शिकायत पत्र सौंपा‌। 
इस दौरान युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष , पूर्व महापौर जतिन जायसवाल और जिला कांग्रेस के पदाधिकरी मौजूद रहे।

परीक्षा केंद्र में छात्रों पर मधुमक्खियों का हमला

परीक्षा केंद्र में छात्रों पर मधुमक्खियों का हमला
दुष्यंत टीकम  
भिलाई। छत्‍तीसगढ़ के भिलाई इस्पात संयंत्र के सेक्टर-10 स्थित इंग्लिश मीडियम हायर सेकेंडरी स्कूल में सीबीएसई दसवीं कक्षा की परीक्षा आयोजित की गई थी। यहां पर डीपीएस भिलाई के बच्चों को परीक्षा केंद्र दिया गया था। करीब 400 छात्र-छात्राएं अपने पालकों के साथ परीक्षा देने पहुंचे थी।
परीक्षा केंद्र में प्रवेश के लिए जा रहे विद्यार्थियों के ऊपर प्रवेश द्वार पर अचानक मधुमक्खियों ने हमला कर दिया।
इससे कई छात्र-छात्राएं घायल हो गई थोड़ी देर के लिए हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई। सभी लोग इधर-उधर भागने लगे। करीब 12 बच्चों को मधुमक्खी ने काट लिया। इससे वे काफी असहज महसूस करने लगे इसकी जानकारी होते ही शक तो नहीं ना अस्पताल से एंबुलेंस में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए डॉक्टरों का एक दल पहुंचा जिनके द्वारा प्राथमिक उपचार के बाद सभी को परीक्षा के लिए रवाना कर दिया गया।
पहले भी हो चुकी है घटना
सेक्टर-10 स्थित इसी स्कूल में पिछले साल भी इस तरह से मधुमक्खियों के काटने की घटना हो चुकी है। इसके बाद संयंत्र प्रबंधन ने टाउनशिप के सभी सार्वजनिक भवनों की जांच करा कर मधुमक्खियों के छातों को हटाने के लिए कहा था । इसके लिए टेंडर भी जारी हुआ था और मधुमक्खियों के छत्ते को निकाला गया था ।
पालकों को भी किया घायल
सेक्टर 10 इंग्लिश मीडियम हाई सेकेंडरी स्कूल में अपने बच्चों को परीक्षा के लिए छोड़ने वाले कई अभिभावकों को मधुमक्खी ने काट लिया। मधुमक्खियों के डंक से घायल पालक परीक्षा होने तक परेशान रहे।

औद्योगिक क्षेत्र में कटौती, विनिर्माण सुधार में देरी

औद्योगिक क्षेत्र में कटौती, विनिर्माण सुधार में देरी 
सुनील श्रीवास्तव 
नई दिल्ली/सिडनी/बीजिंग/जकार्ता। कोयला एक जीवाश्म ईंधन है। भारत के बिजली उत्पादन में कोयले का महत्वपूर्ण योगदान है। लेकिन खदानों से बिजली संयंत्रों तक कोयला पर्याप्त नहीं पहुंच पाने की वजह से  बिजली उत्पादन पर भी असर पड़ने की संभावना है। इसको देखते हुए रेलवे ने विभिन्न बिजली संयंत्रों में कोयले की ढुलाई के लिए अपने 86 प्रतिशत खुले वैगनों को तैनात करने की बात कही थी। आईसीआरए लिमिटेड की अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि अगर औद्योगिक क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति में कटौती की जाती है, तो यह विनिर्माण क्षेत्र में कम से कम एक और तिमाही में सुधार में देरी कर सकता है।
भारत करीब 200 गीगावॉट बिजली यानी करीब 70% बिजली का उत्पादन कोयले से चलने वाले प्लांट्स से करता है, लेकिन इस समय ज्यादातर प्लांट्स बढ़ती हुई बिजली की मांग और कोयले की कमी की वजह से कम बिजली सप्लाई कर पा रहे हैं। देश के कोयले से चलने वाले बिजली प्लांट्स के पास पिछले 9 सालों में सबसे कम कोयले का भंडार बचा है। यानी बिजली की डिमांड ज्यादा है, लेकिन कोयले की कमी की वजह से प्लांट्स जरूरत के मुताबिक बिजली का उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं। कोल इंडिया बिजली प्लांट्स के लिए रोजाना 16.4 लाख टन कोयले की सप्लाई कर रहा है, जबकि कोयले की मांग प्रतिदिन 22 लाख टन तक पहुंच गई है। कोयले की खपत इस साल 8% बढ़ी है, लेकिन कोल इंडिया ने कोयले का उत्पादन नहीं बढ़ाया है। देश में कोयले का 80% उत्पादन कोल इंडिया ही करता है।
देश में पीक आवर में बिजली की डिमांड इस साल कोरोना महामारी की वजह से दो साल बाद बढ़ी है। रॉयटर्स के मुताबिक, अप्रैल के पहले 27 दिनों में बिजली सप्लाई डिमांड से 1.88 अरब यूनिट यानी 1.6% कम रही। ये पिछले 6 वर्षों में किसी एक महीने में सबसे ज्यादा बिजली की कमी है। देश में पिछले हफ्ते 62.3 करोड़ यूनिट बिजली की कमी हुई। यह पूरे मार्च महीने में हुई बिजली की कमी से भी ज्यादा है। यही वजह है कि जम्मू-कश्मीर से लेकर आंध्र प्रदेश तक देश के लगभग हर हिस्से में 2-8 घंटे तक की बिजली कटौती झेलनी पड़ रही है। सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के मुताबिक, देश के कोयले से चलने वाले 150 बिजली प्लांट्स में से 86 में कोयले का स्टॉक बेहद कम हो गया है। इन प्लांट्स के पास अपनी सामान्य जरूरतों का 25% स्टॉक ही बचा है। इस समय देश भर में स्थित थर्मल बिजली प्लांट्स में 2.12 मिलियन टन कोयला उपलब्ध है, जोकि सामान्य स्तर 6.63 करोड़ टन से काफी कम है।
पिछले साल अक्टूबर में भी कोयले की कमी की वजह से बिजली संकट पैदा हुआ था, लेकिन इस बार ये संकट गर्मियों के महीने में पड़ने की वजह से और ज्यादा गहरा है। बिजली संकट की एक और वजह कोयले की ढुलाई न हो पाना है। दरअसल, कोयला कंपनियों से बिजली प्लांट्स तक कोयला पहुंचाने के लिए रेलवे के पास पर्याप्त कोच नहीं थे। बिजली संकट गहराने पर बिजली प्लांट्स तक कोयला ले जाने वाली ट्रेनों को रास्ता देने के लिए रेलवे ने ट्रेनों के 670 फेरे रद्द कर दिए हैं। रेलवे बिजली प्लांट्स तक कोयला पहुंचाने के लिए 415 कोच उपलब्ध करवा रहा है। हर मालगाड़ी से करीब 3500 टन कोयला ले जाया जा सकता है। कोयला ढुलाई में कमी के आरोपों के बीच रेलवे का कहना है कि उसने वित्त वर्ष 2022 में कोयले के ट्रांसपोर्टेशन में 11.1 करोड़ टन की बढ़ोतरी करते हुए 65.3 करोड़ टन कोयला ढोया। साथ ही रेलवे ने अप्रैल के पहले दो हफ्ते में कोयला ढोने वाले कोचों की संख्या को 380 से बढ़ाकर 415 कर दिया है।
इस संकट की एक और वजह है कोयले का आयात घटना। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े कोयला आयातक भारत ने पिछले कुछ वर्षों से लगातार अपना आयात घटाने की कोशिश की है। लेकिन इस दौरान घरेलू कोयला सप्लायर्स ने उतनी ही तेजी से अपना उत्पादन बढ़ाया नहीं है। इससे सप्लाई गैप पैदा हुआ। अब इस गैप को सरकार चाहकर भी नहीं भर सकती क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से इंटरनेशनल मार्केट में कोयले की कीमत 400 डॉलर यानी 30 हजार रुपए प्रति टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं।
देश में कोयले के उत्पादन के अतिरिक्त सालाना करीब 20 करोड़ टन कोयला इंडोनेशिया, चीन और ऑस्ट्रेलिया से आयात होता है। लेकिन अक्टूबर 2021 के बाद इन देशों से आयात घटना शुरू हो गया और अब भी इन देशों से आयात पूरी तरह प्रभावित है। इसका नतीजा ये हुआ कि बिजली कंपनियां कोयले के लिए अब पूरी तरह कोल इंडिया पर ही निर्भर हो गईं।
इस संकट की एक और प्रमुख वजह ये है कि राज्यों ने कोल इंडिया को जरूरत से एक महीने पहले कोयले की मांग ही नहीं भेजी। साथ ही कई राज्यों ने निर्धारित समय पर कोयले का उठाव भी नहीं किया। गर्मी बढ़ने से बिजली की खपत भी तेजी से बढ़ी और कोयला कम पड़ने लगा और अचानक बिजली संकट खड़ा हो गया। इस संकट के अगले दो महीने तक बने रहने की आशंका है। दरअसल, राज्यों का कोल इंडिया के साथ सालाना करार होता है। इसी के अनुसार हर राज्य को हर महीने निर्धारित कोयले का उठाव करना होता है। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। कई राज्यों पर तो कोयले का उठान नहीं करने के लिए कोल इंडिया ने जुर्माना भी लगाया। सभी राज्य आने वाले 3-4 महीनों में कोयले की आवश्यकता का आकलन करने में चूक गए।

बुजुर्ग ने भेंट किया, बड़े चाव से खाया: छत्तीसगढ़

बुजुर्ग ने भेंट किया, बड़े चाव से खाया: छत्तीसगढ़
दुष्यंत टीकम  
बलरामपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ग्राम डौरा में समूह की महिलाओं ने तेंदू, कोयनार भाजी, महुआ लड्डू, कसार लड्डू, ठेठरी, खुरमी, कच्चा आम भेंट किया। जिसे उन्होंने बड़े चाव से खाया। बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के डौरा में आयोजित भेंट मुलाकात कार्यक्रम में 67 वर्षीय बुजुर्ग महिला कबिलासो उस वक्त भावुक हो गईं जब उनकी मांग पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अभी इसी वक्त बुजुर्ग महिला का राशन कार्ड बनाकर दीजिये। मुख्यमंत्री के निर्देश पर आधे घँटे के भीतर ही महिला का राशनकार्ड बन गया। मुख्यमंत्री ने राशनकार्ड देते हुए बुजुर्ग महिला से पूछा अब तो खुश हो दाई। मुख्यमंत्री के इतना कहते ही कबिलासो भावुक हो उठी और उनके दोनों हाथ आशीर्वाद देने के लिए मुख्यमंत्री के सर पर रख दिये । मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता देखते ही चौपाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी।

3 मासूमों को फंदे पर लटकाया, आत्महत्या की

3 मासूमों को फंदे पर लटकाया, आत्महत्या की
नरेश राघानी
चित्तौड़गढ़। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के कपासन थाना क्षेत्र के ग्राम कछिड़ाखेड़ी में एक पोल्ट्रीफार्म परिसर में रतलाम जिले के शिवगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम घोड़ापल्ला निवासी एक महिला ने पहले अपने तीन मासूम बच्चों (दो पुत्रियां व एक पुत्र) को फांसी के फंदे पर लटकाया। इसके बाद खुद ने भी फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बच्चों की हत्या करके खुद के फांसी लगाने का कारण पता नहीं चल पाया है। कपासन पुलिस मामले की जांच कर रही है। ने नईदुनिया से दूरभाष पर चर्चा में बताया कि भूरालाल निवासी ग्राम घोड़ापल्ला थाना शिवगढ़ (रतलाम, मध्यप्रदेश) ग्राम कछियाखेड़ी में आरएनटी कालेज के पास स्थित पाेल्ट्रीफार्म में नाैकरी करता है। वह अपनी पत्नी 28 वर्षीय रूपा ने बड़ी पुत्री सात वर्षीय शिवाना, छह वर्षीय पुत्र रितेश व तीन वर्षीय किरण के साथ गांव में रहता है। बुधवार रात भूरालाल दूध लेने बाजार गया था। वहां से रात करीब साढ़े नौ बजे वापस लौटा तो तीनों बच्चे व पत्नी फांसी के फंदों पर लटके हुए थे। उसने आसपास के लोगों को बुलाया व पुलिस को भी सूचना दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की व चारों के शव पोस्टमार्टम के लिए कपासन के सरकारी अस्पताल भिजवाये। भेरूलाल के स्वजन व रूप के मायके वालों को भी सूचना दी गई। वे गुरुवार दोपहर करीब तीन बजे अस्पताल पहुंचे। चारों के शवों का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड की टीम से कराया जाएगा। किया नाम रोशन पहले बड़ी बेटी, फिर बेटे व छोटी बेटी को फांसी के फंदे पर लटकाया, पुलिस के अनुसार आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए है। कैमरों के फुटेज के अनुसार रूपा ने पोल्ट्रीफार्म के टीन शेड पर लगे पाइप पर रस्सी से फंदा बांधा और पहले बड़ी बेटी शिवानी को फांसी के फंदे पर लटकाया, इसके बाद छोटे बेटे रितेश को भी लटका दिया। इसके बाद सबसे छोटी बेटी किरण को भी फंदे पर लटकाया और उसके बाद खुद भी फंदे पर लटक गई। भेरूलाल करीब सात वर्ष से पोल्ट्रीफार्म पर पत्नी व बच्चों के साथ रहकर वहां नौकरी कर रहा है। उसे वहां रहने के लिए दो कमरे दिए गए। सूत्रों के अनुसार भेरूलाल व उसकी पत्नी रूप व बच्चे अच्छे से रहते थे। आसपास के लोगों ने पुलिस को बताया कि उनके बीच कभी किसी ने झगड़ा होते नहीं देखा। उधर, भेरूलाल ने पुलिस को बताया कि उसे भी पता नहीं कि रूपा ने यह कदम क्यों उठाया। उनके बीच कभी विवाद नहीं हुआ। हां, वह कभी-कभी शराब पी लेता था। रूपा को शराब पीना पसंद नहीं था, लेकिन इसे लेकर भी उनके बीच कभी कोई विवाद नहीं हुआ। अचानक रूपा ने यह कदम क्यों उठाया, यह जांच के बाद ही पता चल पाएगा।

कर्तव्य: 10 मिनट बाद देखा तो पापड़ सिक गए

कर्तव्य: 10 मिनट बाद देखा तो पापड़ सिक गए
अखिलेश पांडेय  
नई दिल्ली/इस्लामाबाद। बीकानेर में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर जवानों ने गर्मी का प्रचंडता दिखाने के लिए अनूठा प्रयोग दिया। इसका उन्होंने वीडियो भी बनाया। वीडियो में दो जवान हाथ में 2-2 कच्चे पापड़ लिए नजर आते हैं। जवानों ने इन पापड़ को रेत में दबाया। 10 मिनट बाद मिट्‌टी हटाकर देखा तो पापड़ सिके हुए थे। जवानों ने एक पापड़ को तोड़कर भी दिखाया। प्रयोग का मकसद क्या: इस वीडियो में एक जवान बोलता है कि वो आम जनता को बताना चाहते हैं कि सीमा पर सैनिक किन विषम परिस्थितियों से जूझते हुए देश सेवा के लिए जुटे रहते हैं। 

जवानों के लिए भी इस गर्मी में संसाधन जुटाने की अपील की गई है ताकि उन्हें भी गर्मी से बचाया जा सके। बीएसएफ डीआईजी पुष्पेंद्र सिंह का कहना है कि यहां हर बार इतनी गर्मी पड़ती है। हमारे जवानों के हौसले गर्मी से भी ज्यादा सख्त है। गर्मी का लेवल: पश्चिमी राजस्थान के सभी जिले गर्मी और लू की चपेट में आ गए हैं। बीकानेर में तापमान 47 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया है। कई किलोमीटर में फैले रेगिस्तान में शहरों की तुलना में ज्यादा गर्मी पड़ रही है। वहां तापमान रिकॉर्ड करने का कोई साधन नहीं है, लेकिन कई लोगों का अनुमान है कि यहां तापमान 50 डिग्री से ज्यादा हो सकता है। गर्मी में सेना की क्या तैयारी: बीएसएफ ने जवानों को गर्मी से बचाने के लिए मचान पर कूलर लगा दिए हैं। इससे छह घंटे की सख्त ड्यूटी करने वाले जवान को कुछ देर के लिए आराम मिलता है। ये कूलर हर मचान के पास लगाया गया है, जहां पानी डालने की व्यवस्था भी की गई है। जवानों को इससे काफी हद तक राहत मिली है। इन कूलर्स को चलाने के लिए सोलर सिस्टम लगाया गया है।
नई दिल्ली/इस्लामाबाद। बीकानेर में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर जवानों ने गर्मी का प्रचंडता दिखाने के लिए अनूठा प्रयोग दिया। इसका उन्होंने वीडियो भी बनाया। वीडियो में दो जवान हाथ में 2-2 कच्चे पापड़ लिए नजर आते हैं। जवानों ने इन पापड़ को रेत में दबाया। 10 मिनट बाद मिट्‌टी हटाकर देखा तो पापड़ सिके हुए थे। जवानों ने एक पापड़ को तोड़कर भी दिखाया।
प्रयोग का मकसद क्या: इस वीडियो में एक जवान बोलता है कि वो आम जनता को बताना चाहते हैं कि सीमा पर सैनिक किन विषम परिस्थितियों से जूझते हुए देश सेवा के लिए जुटे रहते हैं। जवानों के लिए भी इस गर्मी में संसाधन जुटाने की अपील की गई है ताकि उन्हें भी गर्मी से बचाया जा सके। बीएसएफ डीआईजी पुष्पेंद्र सिंह का कहना है कि यहां हर बार इतनी गर्मी पड़ती है। हमारे जवानों के हौसले गर्मी से भी ज्यादा सख्त है।
गर्मी का लेवल: पश्चिमी राजस्थान के सभी जिले गर्मी और लू की चपेट में आ गए हैं। बीकानेर में तापमान 47 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया है। कई किलोमीटर में फैले रेगिस्तान में शहरों की तुलना में ज्यादा गर्मी पड़ रही है। वहां तापमान रिकॉर्ड करने का कोई साधन नहीं है, लेकिन कई लोगों का अनुमान है कि यहां तापमान 50 डिग्री से ज्यादा हो सकता है।
गर्मी में सेना की क्या तैयारी: बीएसएफ ने जवानों को गर्मी से बचाने के लिए मचान पर कूलर लगा दिए हैं। इससे छह घंटे की सख्त ड्यूटी करने वाले जवान को कुछ देर के लिए आराम मिलता है। ये कूलर हर मचान के पास लगाया गया है, जहां पानी डालने की व्यवस्था भी की गई है। जवानों को इससे काफी हद तक राहत मिली है। इन कूलर्स को चलाने के लिए सोलर सिस्टम लगाया गया है।

संदिग्धों को पकड़ा, बीकेआई से संबंध: आतंकी

संदिग्धों को पकड़ा, बीकेआई से संबंध: आतंकी

राणा ओबरॉय
चंडीगढ़। हरियाणा के करनाल में पुलिस की बड़ी कार्रवाई हुई है। यहां से चार संदिग्धों को पकड़ा गया है। इनके पास से बड़ी मात्रा में गोलियां और बारूद के कंटेनर मिलने की बात सामने आ रही है। यह बारूद RDX हो सकता है, ऐसी आशंका जताई गई है। इनके पास इतनी गोलियां और बारूद मिला है। जिससे ये लोग कई जगहों पर बड़ी वारदातों को अंजाम दे सकते थे। बताया जा रहा है कि चारों का संबंध पंजाब के आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से है। इनको पकड़ने के लिए IB पंजाब पुलिस और हरियाणा पुलिस ने ज्वाइंट ऑपरेशन चलाया था।
पकड़े गए चारों संदिग्ध आतंकियों की उम्र 20-25 साल के आसपास है। ये लोग पंजाब से महाराष्ट्र के नांदेड जा रहे थे। ये लोग हरविंदर सिंह उर्फ रिंडा से जुड़े बताये जा रहे हैं। रिंडा के वॉन्टेड आतंकी है, जो फिलहाल पाकिस्तान में छिपा है।
मिली जानकारी के मुताबिक, करनाल के बसताड़ा टोल से पुलिस टीम ने एक इनोवा गाड़ी को पकड़ा था और चार लोगों को हिरासत में लिया था। फिलहाल यह गाड़ी मधुबन पुलिस थाने में खड़ी है। वहां बम निरोधक दस्ता मौजूद है। सीनियर अधिकारी भी वहां पहुंच रहे हैं।
पकड़े गए संदिग्ध आतंकियों से हथियार, बड़ी मात्रा में गोलियां और बारूद के कंटेनर बरामद हुए हैं। पुलिस के मुताबिक, बरामद बारूद आरडीएक्स हो सकता है। फिलहाल पुलिस की कई टीमें जांच में जुटी हैं।

30 हजार किमी पदयात्रा की घोषणा की: पटना

30 हजार किमी पदयात्रा की घोषणा की: पटना
अविनाश श्रीवास्तव  
पटना। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने राजनीति में एंट्री करने के संकेत दिए हैं। उन्होंने बिहार में बदलाव के लिए तीन हजार किमी की पदयात्रा की घोषणा की है। प्रशांत किशोर ने पटना में गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी प्लानिंग शेयर की।
प्रशांत किशोर ने क्या कहा
प्रशांत किशोर ने कहा कि "बिहार आज 30 साल के लालू और नीतीश के राज के बाद भी देश का सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य है। विकास के कई मानकों पर बिहार आज भी देश के सबसे निचले पायदान पर है। बिहार अगर आने वाले समय में अग्रणी राज्यों की सूची में आना चाहता है तो इसके लिए नई सोच और नए प्रयास की जरूरत है।
उन्होंने ये भी कहा कि "2 अक्टूबर से मैं स्वयं पश्चिमी चंपारण गांधी आश्रम से 3000 किलोमीटर की पदयात्रा शुरू करूंगा... बिहार के जिन लोगों से मिलना जरूरी है उनसे मुलाकात की जाएगी। उन्हें जनसुराज की परिकल्पना से जोड़ने का प्रयास करेंगे।
पीके ने कहा कि "अगर हम पार्टी बनाने की तरफ बढ़ते भी है तो वो प्रशांत किशोर की पार्टी नहीं होगी... अगले 3-4 महीनों में हमने बिहार में जिन 17-18 हज़ार लोगों को चिन्हित किया है, वे साथ में आकर तय करते हैं कि पार्टी बनाने की जरूरत है तो उस समय ये फैसला लिया जाएगा।
सियासी पारी या कुछ और...
राजनीतिक जानकारों की मानें तो प्रशांत किशोर ने भले ही राजनीति में एंट्री का सीधा एलान न किया हो लेकिन यह तैयारी राजनीतिक पारी के जैसी ही है। पदयात्रा के जरिए वह अपनी जमीन मजबूत करेंगे और इसके बाद सही वक्त पर सियासी पारी की घोषणा करेंगे।
नई पार्टी के नाम का कयास
प्रशांत किशोर ने फिलहाल किसी मंच या फिर पार्टी की बात से इंकार किया है। लेकिन बिहार के वरिष्ठ पत्रकारों की मानें तो पिछले दिनों उन्होंने जन सुराज के जरिए जनता से जुड़ने की बात कही थी। उनके इस ट्वीट से अंदाजा लगाया जा रहा है कि उनकी नई पार्टी का नाम जन सुराज हो सकता है।

विधवा पर फेंका तेजाब, जिद पर अड़ा था युवक

विधवा पर फेंका तेजाब, जिद पर अड़ा था युवक
संदीप मिश्र  
कानपुर। यूपी के कानपुर के बिधनू थाना क्षेत्र में बुधवार को एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। जहां एक विधवा महिला से शादी की जिद लिए एक युवक कई दिनों से युवती को परेशान कर रहा था। जब कुछ न हुआ तो ड्यूटी पर जाती युवती पर आरोपी ने तेजाब डाल कर उसे जला दिया। इससे पीड़िता गंभीर रूप से झुलस गई और उसे सीएचसी में भर्ती कराया गया है। इसके बाद यूपी पुलिस की लापरवाही सामने आई है। पुलिस ने तड़पती अर्धनग्न महिला का पुलिस ने बयान लिया और उसका वीडियो बनाया। कुछ ही देर बाद ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पीड़िता महिला ने बताया कि उसके पति की मौत को एक साल हो गया है और पिछले पांच महीने से अजय नामक युवक उसको परेशान कर रहा था। उससे शादी करने की जिद पर अड़ा था। उसे रास्ते में रोका करता था और जबरन उसके घर में भी घुस जाता था। महिला के परिवार ने भी कई बार उसे समझाया, लेकिन उसने नहीं माना। पीड़िता ने बताया कि बुधवार को जब वह ड्यूटी पर जा रही थी तो अचानक अजय ने उसे रास्ते में रोक कर तेजाब डाल दिया। वहीं पुलिस का कहना है कि उसने मामले में एफआईआर दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।

2 से ज्यादा लाइसेंसी शस्त्र रखने पर पूर्णत: पाबंदी

2 से ज्यादा लाइसेंसी शस्त्र रखने पर पूर्णत: पाबंदी

अश्वनी उपाध्याय/अकाक्षुं उपाध्याय 

नई दिल्ली/गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश शस्त्र लाइसेंस धारकों को सरकारी तंत्र ने एक बार फिर चेताया है। 2 से ज्यादा लाइसेंसी शस्त्र रखने पर पूर्णत: पाबंदी हैं। नियमों का पालन न करना भारी मुश्किल में डाल देगा। यदि अभी भी आप 3 में से 1 शस्त्र सरेंडर नहीं करते तो कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहिए। दरअसल केंद्र सरकार के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित हो सके, इसके मद्देनजर जिला प्रशासन को पुन: सख्त रूप अपनाना पड़ा है। अपर जिलाधिकारी (नगर) गाजियाबाद विपिन कुमार ने इस बावत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। वर्तमान में निजी सुरक्षा से ज्यादा शौक एवं टशन दिखाने को लाइसेंसी शस्त्र रखने का चलन है।

इसके चलते शस्त्र लाइसेंस की डिमांड बढ़ रही है। वैसे जिस व्यक्ति की जान को खतरा है, उसे प्राथमिकता पर शस्त्र लाइसेंस देने का प्रावधान है। केंद्र सरकार द्वारा (आयुध) संशोधन अधिनियम-2019 के तहत प्रत्येक व्यक्ति को 3 के स्थान पर सिर्फ 2 शस्त्र रखने की अनुमति दी गई है। यदि किसी व्यक्ति के पास पहले से 3 शस्त्र हैं तो उसे नियमानुसार 1 शस्त्र सरेंडर करना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर कानूनी कार्रवाई संभव है। इस सिलसिले में गाजियाबाद में पूर्व में फरवरी 2020 से नवम्बर 2020 के मध्य तक 4 बार सर्कुलर जारी किया जा चुका है। 18 फरवरी, 11 मार्च, 25 जून और 23 नवम्बर 2020 में जारी आदेश में सभी शस्त्र लाइसेंस धारकों को नए नियम का पालन करने की नसीहत दी गई थी। 13 दिसम्बर 2020 तक अतिरिक्त शस्त्र जमा कराना अनिवार्य किया गया था। प्रशासन को अब पांचवीं बार फरमान जारी करना पड़ा है।

अपर जिलाधिकारी (नगर) विपिन कुमार का कहना है कि जिस व्यक्ति पर अभी भी 3 शस्त्र हैं, उसे अपने तीसरे शस्त्र को तत्काल सरेंडर कर देना चाहिए। अन्यथा यह माना जाएगा कि तीसरे शस्त्र को अवैध तरीके से रखा गया है। तदुपरांत संबंधित लाइसेंसी के विरूद्ध नियमानुसार कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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