नई दिल्ली! कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि अर्थव्यवस्था का हाल बेहाल है और सरकार इसमें सुधार के बजाय 'कॉमेडी सर्कस' चलाने में व्यस्त है। प्रियंका ने रेल एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की ओर से नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी के बारे में की गई टिप्पणी पर तंज कसा।
उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता उन्हें सौंपे गए काम को करने के बजाय दूसरों की उपलब्धियों को कम आंकने में व्यस्त हैं। नोबेल पुरस्कार जीतने वाले व्यक्ति ने अपना काम ईमानदारी से किया, तब पुरस्कार जीता। प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, "आपका (सरकार का) काम अर्थव्यवस्था में सुधार लाना है, कॉमेडी सर्कस चलाना नहीं है।
उन्होंने एक समाचार रिपोर्ट भी संलग्न की, जिसमें कहा गया है कि वाहनों पर छूट की पेशकश के बावजूद ऑटोमोबाइल बिक्री निराशाजनक रही। गौरतलब है कि गोयल ने शुक्रवार को नोबेल जीतने पर बनर्जी को बधाई देते हुए कहा था कि आप सभी जानते हैं कि उनकी समझ क्या है। उनकी सोच पूरी तरह से वामपंथी झुकाव वाली है। उन्होंने न्यूनतम आय योजना (एनवाईएवाई) की प्रशंसा की थी। लेकिन भारत के लोगों ने उनकी सोच को पूरी तरह से खारिज कर दिया। एनवाईएवाई (न्याय) एक न्यूनतम आय गारंटी योजना है, जो इस साल की शुरुआत में राष्ट्रीय चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र को रेखांकित करती है। इस चुनाव में हालांकि पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था।
रविवार, 20 अक्तूबर 2019
सरकार कॉमेडी सर्कस चलाने में व्यस्त
जॉनसंस पाउडर के डिब्बे वापस मंगाए
नई दिल्ली! बेबी प्रोडक्ट के जरिए हर घर में जगह बनाने वाली अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन सवालों के घेरे में है! दरअसल, कंपनी ने अमेरिकी में लगभग 33 हजार बेबी पाउडर के बोतलों को वापस मंगाया है! न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक बेबी पाउडर के नमूनों में एस्बेस्टस की मात्रा का पता लगा है!
क्या होता है एस्बेस्टस?
एस्बेस्टस एक घातक कार्सिनोजेन है जिससे इंसानों में कैंसर बढ़ने का खतरा होता है. यह पहली बार है जब अमेरिका की स्वास्थ्य नियामकों ने प्रोडक्ट में एस्बेस्टस की मात्रा का पता लगाया है! वहीं पहली बार कंपनी ने अपने बेबी पाउडर प्रोडक्ट को बाजार से वापस मंगाया है!
इस बीच, जॉनसन एंड जॉनसन की ओर से सफाई भी आई है. कंपनी की ओर से कहा गया है कि एक ऑनलाइन रिटेलर से सिंगल बोतल खरीदी गई थी. इसके बाद परीक्षण के लिए स्वेच्छा से 22318RB लॉट को वापस बुलाया गया है, जिसके 33 हजार बॉटल्स हैं! इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि पिछले 40 साल में हजारों टेस्ट ने बार-बार इस बात कि पुष्टि की है कि हमारे पाउडर में एस्बेस्टस नहीं है! बहरहाल, इस खबर के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में जॉनसन एंड जॉनसन के शेयर 6 फीसदी लुढ़क गए और 127.70 डॉलर के भाव पर बंद हुए!
बता दें कि अमेरिकी फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन की बेबी पाउडर, शेम्पू और साबुन के जरिए भारत समेत दुनिया के अन्य देशों में एक खास पहचान है! हालांकि कंपनी को अपने कई प्रोडक्ट की वजह से मुकदमा और जुर्माने का सामना करना पड़ा है! हाल ही में एक शख्स ने प्रोडक्ट पर सवाल खड़ा करते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था! इस मामले की सुनवाई के दौरान जॉनसन एंड जॉनसन को दोषी पाया गया और 8 बिलियन डॉलर का जुर्माना लगा है!
हर नागरिक को सांस लेने का अधिकार
नई दिल्ली । एनजीटी ने ताजी हवा में सांस लेना हर नागरिक का अधिकार बताया है। एनजीटी ने यह बात दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की उस याचिका को खारिज करते हुए कही, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी ने दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के तहत डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर लगाए गए प्रतिबंध से छूट मांगी थी। बता दें कि दिल्ली एनसीआर में सर्दियों के आगमन के साथ ही हवा की गुणवत्ता में आई भारी गिरावट के बाद पर्यावरणीय प्रदूषण (नियंत्रण व रोकथाम) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने 15 अक्टूबर से ग्रैप लागू करते हुए कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए थे। एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने पेश याचिका में कंपनी ने कहा था कि उसका दायित्व सभी नागरिकों को बिजली वितरित करना है। लेकिन तकनीकी अड़चनों के चलते पूरे क्षेत्र में विद्युत वितरण करने को लेकर कंपनी की अपनी सीमाएं हैं।
यात्री स्पाइसजेट को घेरा फाइटर जेट ने
नई दिल्ली। निजी क्षेत्र की हवाईसेवा स्पाइसजेट के एक विमान को पाकिस्तान में एफ-16 फाइटर जेट्स से घेरे जाने के मामले में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के ही एक अधिकारी की लापरवाही सामने आई है। पता चला है कि उस अधिकारी ने इस यात्री विमान को कमर्शियल एयरलाइनर के स्थान पर मिलिट्री का 'ट्रांसपोंडर कोड' दे दिया था। स्पाइसजेट का वह विमान पिछले महीने दिल्ली से उड़ान भरकर काबुल जा रहा था जब पाकिस्तान के आसमान में बेहद भयावह स्थिति का सामना करना पड़ा। दरअसल, मिलिट्री ट्रांसपोंडर कोड इस मामले में कमर्शियल कोड से अलग होता कि मिलट्री कोड वाले विमान उड़ान के किसी भी रास्ते पर रहे तो निश्चित तौर पर रेडार की पकड़ में आ जाए। एक सीनियर अधिकारी ने बताया, 'डीजीसीए का एक अधिकारी इस लापरवाही के लिए सस्पेंड कर दिया गया है।' सूत्रों का कहना है कि स्पाइसजेट एयरक्राफ्ट को गलती से एन 32 कोड दिया गया था जिसका इस्तेमाल भारतीय वायु सेना करती है। यह गलती उस वक्त हुई जब जेट एयरवेज का संचालन बंद होने के बाद स्पाइसजेट अपने वायुयानों का बेड़ा तेजी से बढ़ा रहा था।
डीजीसीए अधिकारी की यह चूक इतनी गंभीर थी कि पाकिस्तानी एफ- 16 ने बिना नुकसान पहुंचाए स्पाइसजेट एयरक्राफ्ट को अपनी सीमा से बाहर किया तो भारतीय अधिकारियों ने व्यक्तिगत तौर पर पाकिस्तानी अधिकारियों को धन्यवाद कहा। दरअसल, पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना द्वारा फरवरी महीने के आखिर में बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भारतीय विमानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया था। उसने 16 जुलाई को ही दोबारा अपना एयरस्पेस खोला था और महीने बाद ही यह घटना हो गई। इस नजरिए से भी बेहद गंभीर इस वाकये को पाकिस्तानी अथॉरिटीज ने बहुत ज्यादा तूल नहीं दिया। भारतीय अथॉरिटीज ने इसे बेहद संवेदनशीलता से सुलझा लेने के लिए उसका शुक्रिया कहा। दरअसल, लाहौर की एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) स्पाइसजेट को मिले मिलिट्री ट्रांसपोडर कोड से इस उलझन में पड़ गया कि यात्री विमान जैसा दिख रहा एयरक्राफ्ट उसे मिलिट्री कोड कैसे दे रहा है। घटना की गंभीरता के कारण प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने भी इसकी समीक्षा की और डीजीसीए अधिकारी को निलंबित कर दिया गया। वहीं, डीजीसीए ने एयरक्राफ्ट्स को ट्रांसपोर्डर कोर्ड के अलॉटमेंट सिस्टम कंप्यूटराइज्ड कर दिया ताकि इस तरह की मानवीय चूक दोबारा नहीं हो।
इलाहाबाद जंक्शन पर 16 ट्रेनें रद्द
आज इलाहाबाद जंक्शन आने वाली 16 ट्रेनें निरस्त
टूंडला जंक्शन में यार्ड री मॉडलिंग के चलते ट्रेनें रहेंगी निरस्त
बृजेश केसरवानी
प्रयागराज! इलाहाबाद जंक्शन से दिल्ली रूट की तरफ चलने वाली 16 ट्रेनें रविवार को निरस्त रहेंगी। ऐसे में रविवार को अगर दिल्ली की ओर जाने का कार्यक्रम बन रहा है तो एक बार निरस्त ट्रेनों के संबंध में रेलवे की इनक्वायरी से संपर्क जरूर कर लिया जाए। ट्रेनों का निरस्तीकरण टूंडला यार्ड की रीमॉडलिंग की वजह से किया जा रहा है।
एनसीआर इलाहाबाद मंडल के टूंडला रेलवे स्टेशन के यार्ड में दो सितंबर से इलेक्ट्रानिक इंटरलॉकिंग का कार्य चल रहा है। यह कार्य 17 नवंबर तक होना है। इस वजह से रेलवे द्वारा हर रोज कुछ ट्रेनें निरस्त की जा रही हैं। अब यहां 20 अक्तूबर को नॉन इंटर लॉकिंग कार्य होगा। इसी वजह से संबंधित स्टेशन से गुजरने वाली 16 ट्रेनें रविवार को निरस्त रहेंगी। यह सभी ट्रेनें इलाहाबाद जंक्शन से होकर गुजरती है!
मोदी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई 23 को
नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव याचिका पर सुनवाई 23 को
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दाखिल चुनाव याचिका पर उनकी तरफ से बहस पूरी हो गई है।अब कोर्ट ने याची राज बहादुर का पक्ष सुनने के लिए 23 अक्तूबर की तारीख लगाई है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एमके गुप्ता ने याची की ओर से पक्ष प्रस्तुत करने के लिए समय मांगे जाने पर दिया।
सुनवाई के दौरान नरेंद्र मोदी के अधिवक्ता सत्यपाल जैन व संतोष जैन ने अपने तर्क में कहा कि याची को याचिका दाखिल करने का न्यायिक अधिकार ही नहीं है, क्योंकि याची ने उन शर्तों और औपचारिकताओं का पालन नहीं किया है, जो एक प्रत्याशी के लिए आवश्यक होती हैं।
यह भी कहा कि तकनीकी खामियों को देखते हुए याचिका खारिज किए जाने योग्य है।
28 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण
दंतेवाड़ा। माओवादियों की खोखली विचारधारा से तंग आकर एवं छत्तीसगढ़ शासन द्वारा चलाये जा रहे पुनर्वास योजना से प्रभावित होकर 4 इनामी सहित 28 माओवादियों ने नवीन पुलिस कैम्प चिकपाल में पुलिस अधीक्षक दन्तेवाड़ा डॉ. अभिषेक पल्लव के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पित माओवादियों में मंगलू मुरकामी प्लॉट नंबर 26 का सदस्य, बामन कवासी कटेकल्याण एलओएस सदस्य, हांदा एलजीएस सदस्य ओडिय़ामे, सीएनएन कमांडर तनु मरकाम, जनमिलिशिया सदस्य भीमा कुड़ामी, जोगो कवासी, बुधरा मंडावी जनमिलिशिया सदस्य एवं अन्य माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है!
बचत खाते पर घट जाएगी ब्याज दर
नई दिल्ली! भारतीय स्टेट बैंक(एसबीआई)ने कुछ नियमों में बदलाव करते हुए 1 नवंबर से सेविंग्स अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज को घटाने जा रहा है। इससे SBI कस्टमर्स को जमा राशि पर मिलने वाला ब्याज कम हो जाएगा।
SBI एक लाख रुपये तक की जमा राशि पर ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती करने जा रहा है। एक नवंबर से 1 लाख रुपये की राशि पर मिलने वाला ब्याज दर 3.50 फीसदी से घटकर 3.25 फीसदी हो गया जाएगा।
बता दें इसी तरह एसबीआई ने 1 साल से दो साल तक की मैच्योरिटी वाली रिटेल एफडी पर जमा दरों में 0.10 फीसदी की कटौती की है। इस कटौती के बाद ब्याज दर 6.50 फीसदी से घटकर 6.40 फीसदी रह गई है। एसबीआई में 2 करोड़ रुपये कम की डिपॉजिट रिटेल एफडी है।
सीलबंद, मुस्लिम पक्षकारों का जवाब
अयोध्या केस: मुस्लिम पक्ष ने सीलबंद लिफाफे में दिया जवाब, हिंदू पक्ष ने जताई आपत्ति
नई दिल्ली! अयोध्या विवाद पर सुनवाई खत्म हो चुकी है और 17 नवंबर तक फैसले की उम्मीद है। लेकिन उससे पहले सुप्रीम कोर्ट में मॉल्डिंग ऑफ रिलीफ के तहत विवाद से जुड़े सभी पक्षकारों ने अपना-अपना प्रस्ताव या यूं कहें कि जवाब सीलबंद लिफाफे में रख दिया है। हालांकि, सीलबंद लिफाफे में जवाब दाखिल करने पर हिंदू पक्षकारों ने आपत्ति भी जताई है।
रामलला विराजमान और हिंदू महासभा ने इस मामले में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सेकेट्री जरनल को पत्र लिखकर शिकायत की है। जिसमें उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने अपने आदेश में कहीं नहीं कहा कि मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर जवाब सील कवर में दाखिल किया जाए। ऐसे में सुन्नी वक्फ बोर्ड के जवाब को स्वीकार ना किया जाए और न ही इसे पांच सदस्यीय पीठ के सामने रखा जाए।
हिंदू पक्ष की ओर से निर्मोही अखाड़ा ने रामलला या किसी भी हिन्दू पक्षकार के पक्ष में फैसला होने पर अपने सेवायत अधिकार को बरकरार रखे जाने की बात कही है। विवादित भूमि पर मंदिर बनाने के साथ ही रामलला की सेवा पूजा और व्यवस्था की जिम्मेदारी का भी अधिकार हो। वहीं, रामलला विराजमान ने लिखा है कि राम मंदिर के लिए सारा क्षेत्र उसे दिया जाए। निर्मोही अखाड़ा या मुस्लिम पार्टियों को जमीन का कोई हिस्सा नहीं मिलना चाहिए।
हिंदू-मुस्लिम का खेल खेलना बंद करो
एंकर से बोली कमलेश तिवारी की मां “हिंदू-मुस्लिम का खेल खेलना बंद कर दो
लखनऊ! कमलेश तिवारी हत्याकांड को हिन्दू मुस्लिम बताने पर कमलेश तिवारी की मां ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने एबीपी चैनल के एक सवाल के जवाब में कहा की आप हिंदू-मुस्लिम करना बंद करें और हिम्मत है तो सरकार से सवाल करें, जो इस हत्या के लिए ज़िम्मेदार है। “आप सरकार से सवाल नहीं कर सकते, इसलिए मुझसे सवाल कर रहे हैं। आप सरकार से सवाल करेंगे तो आपका चैनल बंद हो जाएगा”।
इसके बाद सुमित अवस्थी ने कमलेश और उनके परिवार पर हिंदू-मुस्लिम कर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया। जिसपर कमलेश की माँ ने कहा, “हमने नहीं, आपने हिंदू-मुस्लिम शब्द को उठाया। आप किसको गुमराह कर रहे हो। हमने तो हिंदू-मुस्लिम की बात नहीं की और आप कह रहे हो कि हम हिंदू-मुस्लिम करके दंगा भड़काने चाहते हैं। किसको बेवकूफ बना रहे हो”।
वहीं कमलेश तिवारी की मां ने पुलिस के आरोपियों को गिरफ्तार कर लेने से संबंधित सवाल के जवाब में अविश्वास प्रकट करते हुए कहा कि किसी शरीफ को भी पकड़ लिए होंगे। सूली पर चढ़ा देंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस बदमाशों को सुरक्षा देती है, शरीफों को पकड़ती है। उन्होंने किसी बेगुनाह सजा न देने और हत्यारों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की!
भूस्खलन में तीन घायल दो लापता
देहरादून। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के अन्तर्गत चंडिकाधार के पास भूस्खलन होने से तीन घायल हो गए और दो लापता हुए हैं। उक्त पांच लोग दो बाइक पर सवार थे। हादसा शनिवार देररात का बताया जा रहा है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को सीएचसी गुप्तकाशी में भर्ती कराया है। वहीं लापता दो लोगों की तलाश में आपदा प्रबन्धन टीम, एसडीआरएफ व पुलिस जुटी हुई है।
संचालित आतंकी शिविरों पर किया हमला
नई दिल्ली । भारत ने जम्मू-कश्मीर में सरहद पार से हो रही घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा सैन्य कदम उठाया है। भारतीय सेना ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देते हुए पाकिस्तान के हिस्से वाले कश्मीर (पीओके) में चल रहे आतंकवादी शिविरों पर हमले किए हैं।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर आतंकवादियों की भारतीय सीमा क्षेत्र में घुसपैठ कराने की कोशिश कर रहा है। भारतीय सेना ने आर्टिलरी गन का प्रयोग करते हुए यह कार्रवाई घुसपैठ रोकने के लिए की है। तंगधार सेक्टर में पाकिस्तान के संघर्ष विराम का उल्लंघन करने के बाद की गई भारतीय सेना की कार्रवाई से घुसपैठ के लिए आमादा आतंकवादी पीछे हटने पर विवश हो गए हैं।
निर्णय लेने की क्षमता कम हो सकती है:धनु
राशिफल
मेष-धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। सत्संग का लाभ मिलेगा। तीर्थयात्रा की योजना बनेगी। ऐश्वर्य के साधनों पर व्यय होगा। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। कारोबार में वृद्धि होगी। विरोधी सक्रिय रहेंगे। निवेश शुभ रहेगा। बुद्धि का प्रयोग करें। प्रमाद से बचें। रोजगार में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रभाव क्षेत्र में वृद्धि होगी।
वृश-चोट व दुर्घटना से हानि तथा पीड़ा का योग बनता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें, क्लेश हो सकता है। पार्टनरों से मतभेद हो सकता है। शारीरिक शिथिलता रहेगी। आय में निश्चितता रहेगी। जोखिम न उठाएं।
मिथुन-कानूनी अड़चन दूर होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में अधिकारी वर्ग प्रसन्नता जाहिर करेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेश इत्यादि मनोनुकूल लाभ देंगे। पारिवारिक सहयोग मिलने से प्रसन्नता, उत्साह व संतुष्टि रहेंगे। कुसंगति से बचें। स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है।
कर्क-स्थायी संपत्ति में वृद्धि के योग हैं। पार्टनरों से सहयोग प्राप्त होगा। कोई कारोबारी बड़ा सौदा लाभ दे सकता है। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। रोजगार में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ होगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी। जल्दबाजी न करें।
सिंह-शत्रु परास्त होंगे। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। पार्टी व पिकनिक का आयोजन हो सकता है। स्वादिष्ट व्यंजनों का लाभ प्राप्त होगा। जीवन सुखमय व्यतीत होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। वाणी पर नियंत्रण आवश्यक है। काम में मन लगेगा। नौकरी में कोई नया काम कर पाएंगे। प्रमाद न करें।
कन्या-बुरी खबर प्राप्त हो सकती है। उत्साह में कमी रहेगी। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। दौड़धूप अधिक रहेगी। घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। अपने काम पर ध्यान दें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। आय में निश्चितता रहेगी।
तुला-व्यापार-व्यवसाय में लाभ के योग हैं। मित्रों की सहायता कर पाएंगे। मेहनत का फल मिलेगा। नौकरी मे प्रभाव बढ़ेगा। उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। उत्साह वृद्धि होगी। आय के नए साधन प्राप्त हो सकते हैं। धनार्जन सुगम होगा। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी।
वृश्चिक-घर में मेहमानों का आगमन होगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। आत्मसम्मान बना रहेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। ऐश्वर्य के साधनों पर व्यय होगा। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। नौकरी में चैन रहेगा। नए मित्र बनेंगे। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जोखिम न लें।
धनु-आशंका-कुशंका के चलते निर्णय लेने की क्षमता कम हो सकती है। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति के योग हैं। रोजगार में वृद्धि होगी। नौकरी में पदोन्नति संभव है। धन प्राप्ति सुगम होगी। उत्साह से काम कर पाएंगे। अच्छी खबरें प्राप्त होंगी।
मकर-वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से हानि होगी। बड़ों की सलाह मानें, लाभ होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कानूनी अड़चन से सामना हो सकता है। हड़बड़ी न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। चिंता बनी रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा।
कुंभ-यात्रा लाभदायक रहेगी। रुका हुआ धन प्राप्ति के योग हैं, प्रयास करें। कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा। नौकरी में मातहतों का सहयोग मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। उत्साह तथा प्रसन्नता से काम कर पाएंगे। थकान व कमजोरी रह सकती है। व्यस्तता रहेगी। जीवन सुखमय बीतेगा।
मीन-मित्रों तथा संबंधियों का सहयोग कर पाएंगे। मान-सम्मान मिलेगा। रुके कार्य पूर्ण होंगे। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। नए काम मिलेंगे। आय में वृद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी। नए लोगों से परिचय होगा। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। घर-परिवार की चिंता रहेगी।
इथोपिया से आई है कॉफी
यह माना जाता है कि कॉफ़ी का पौधा सबसे पहले ६०० ईस्वी में इथियोपिया के कफ़ा प्रांत में खोजा गया था। एक दंतकथा के अनुसार एक आलसभरी दोपहर को यह निराला पौधा कलड़ी नामक इथियोपियाई गड़रिये की नज़र में तब आया, जब उसने अपने पशुओं के व्यवहार में अचानक चुस्ती और फुर्ती देखी। सारी भेड़ें एक पौधे के गहरे लाल रंग के बीजों को चर रही थीं, जिसके बाद वे पहले से ज़्यादा ऊर्जावान और आनंदित लग रहीं थीं। कलड़ी ने स्वयं भी कुछ बीज खाकर देखे और जल्द ही उसे भी अपनी भेड़ों की तरह अपने भीतर एक ऊर्जा और शक्ति का अनुभव हुआ।
कॉफी के प्रकार
कॉफी कई प्रकार की होती है। एस्प्रेसो- जिसे इसे बनाने के लिये, कड़क ब्लैक कॉफ़ी को एक एस्प्रेसो मशीन में भाप को गहरे-सिंके हुए तेज़ गंध वाले कॉफ़ी के दानों के बीच से निकालकर तैयार किया जाता है। इसकी सतह पर सुनहरे-भूरे क्रीम के (झाग) होते हैं। कैपेचीनो- गरम दूध और दूध की क्रीम की समान मात्रा से मिलकर बनती है। कैफ़े लैट्टे कैफ़ै लैट्टे में एक भाग एस्प्रेसो का एक शॉट और तीन भाग गर्म दूध होता है। इतालवी में लैट्टे का अर्थ दूध होता है। जिसके कारण इसका यह नाम पड़ा है। फ़्रैपी- ठंडी एस्प्रेसो होती है, जिसे बर्फ़ के साथ एक लंबे गिलास में पेश किया जाता है और अगर इसमें दूध भी मिलाया जा सकती हैं। दक्षिण भारतीय फ़िल्टर कॉफ़ी को दरदरी पिसी हुई, हल्की गहरी सिंकी हुई कॉफ़ी अरेबिका से बनाया जाता है। इसके साथ पीबेरी के दानों को सबसे अधिक पसंद किया जाता है। इसे परोसने किए जाने के पहले एक पारंपरिक धातु के कॉफ़ी फ़िल्टर में घंटों तक रिसा कर अथवा टपकाकर तैयार किया जाता है। इस्टेंट कॉफ़ी (या सॉल्यूबल कॉफ़ी) को कॉफ़ी के द्रव को बहुत कम तापमान पर छिड़काव कर सुखाया जाता है। फिर उसे घुलनशील पाउडर या कॉफ़ी के दानों में बदलकर इंस्टेंट कॉफ़ी तैयार की जाती है। मोचा या मोचाचिनो, कैपेचिनो और कैफ़े लैट्टे का मिश्रण है जिसमें चॉकलेट सिरप या पाउडर मिलाया जाता है। यह कई प्रकार में उपलब्ध होती है। ब्लैक कॉफ़ी टपकाकर तैयार की गई छनी हुई या फ़्रेंच प्रेस शैली की कॉफ़ी है जो बिना दूध मिलाए सीधे सर्व की जाती है। आइस्ड कॉफ़ी में सामान्य कॉफ़ी को बर्फ़ के साथ और कभी-कभी दूध और शक्कर मिलाकर परोसा जाता है।
गोल्डन बर्ड (कहानी)
हर साल, एक राजा के सेब के पेड़ को रात के दौरान एक सुनहरा सेब लूट लिया जाता है। वह अपने माली के बेटों को देखने के लिए सेट करता है, और हालांकि पहले दो सो जाते हैं, सबसे छोटा जागता रहता है और देखता है कि चोर एक सुनहरा पक्षी है। वह इसे शूट करने की कोशिश करता है, लेकिन केवल एक पंख मारता है।
पंख इतना मूल्यवान है कि राजा तय करता है कि उसके पास पक्षी होना चाहिए। वह अपने माली के तीन बेटों को भेजता है, एक के बाद एक अनमोल सुनहरे पक्षी को पकड़ने के लिए। बेटों में से प्रत्येक एक बात करने वाले लोमड़ी से मिलता है, जो उन्हें अपनी खोज के लिए सलाह देता है: एक उज्ज्वल रोशनी और मेरी पर एक बुरा सराय चुनने के लिए। पहले दो बेटे सलाह को नजरअंदाज करते हैं और सुखद सराय में अपनी खोज को छोड़ देते हैं।
तीसरा बेटा लोमड़ी की बात मानता है, इसलिए लोमड़ी उसे सलाह देती है कि वह चिड़िया को अपने महल के लकड़ी के पिंजरे में ले जाए जिसमें वह रहता है, बजाय इसके कि वह इसे सुनहरी पिंजरे में रखे। लेकिन वह अवज्ञा करता है, और सुनहरी चिड़िया महल पर कब्जा कर लेती है, जिसके परिणामस्वरूप उसे पकड़ लिया जाता है। उन्हें अपने जीवन को बख्शने की शर्त के रूप में सुनहरे घोड़े के बाद भेजा जाता है। लोमड़ी उसे एक सुनहरी के बजाय चमड़े की काठी का उपयोग करने की सलाह देती है, लेकिन वह फिर से विफल हो जाती है। उसे स्वर्ण महल से राजकुमारी के बाद भेजा जाता है। लोमड़ी उसे सलाह देती है कि वह उसे उसके माता-पिता से विदाई न दे, लेकिन वह अवज्ञा करती है, और राजकुमारी के पिता उसे अपने जीवन की कीमत के रूप में एक पहाड़ी को हटाने का आदेश देते हैं।
लोमड़ी इसे हटा देती है, और फिर, जैसा कि वे बाहर सेट करते हैं, वह राजकुमार को सलाह देता है कि उसने जो कुछ भी जीता है उसे कैसे रखा जाए। यह तब राजकुमार को इसे शूट करने और उसके सिर को काटने के लिए कहता है। जब राजकुमार मना कर देता है, तो यह उसे फांसी का मांस खरीदने और नदियों के किनारे बैठने के खिलाफ चेतावनी देता है।
उसे पता चलता है कि उसके भाई, जो इस बीच पाप कर रहे हैं और पाप कर रहे हैं, उन्हें फाँसी पर चढ़ा दिया जाता है (फांसी पर चढ़ा दिया जाता है) और अपनी आज़ादी खरीदता है। उन्हें पता चलता है कि उसने क्या किया है। जब वह एक नदी के किनारे पर बैठता है, तो वे उसे अंदर धकेल देते हैं। वे चीजों और राजकुमारी को ले जाते हैं और उन्हें अपने पिता के पास ले आते हैं। हालाँकि, पक्षी, घोड़ा और राजकुमारी सभी सबसे छोटे बेटे के लिए दुःखी हैं। लोमड़ी ने राजकुमार को बचाया। जब वह अपने पिता के महल में लौटता है, तो वह भिखारी के कपड़े पहने होता है, चिड़िया, घोड़ा और राजकुमारी सभी उसे उस आदमी के रूप में पहचानते हैं जो उन्हें जीता है, और फिर से हंसमुख हो जाता है। उसके भाइयों को मार डाला जाता है, और वह राजकुमारी से शादी कर लेता है।
अंत में, तीसरे बेटे ने जीव के अनुरोध पर लोमड़ी के सिर और पैरों को काट दिया। लोमड़ी एक आदमी, राजकुमारी के भाई होने का पता चला है।
संपूर्ण विश्व में व्याप्त है मूली
मूली वा मूलक भूमी के अन्दर पैदा होने वाली सब्ज़ी है। वस्तुतः यह एक रूपान्तिरत प्रधान जड़ है जो बीच में मोटी और दोनों सिरों की ओर क्रमशः पतली होती है। मूली पूरे विश्व में उगायी एवं खायी जाती है। मूली की अनेक प्रजातियाँ हैं जो आकार, रंग एवं पैदा होने में लगने वाले समय के आधार पर भिन्न-भिन्न होती है। कुछ प्रजातियाँ तेल उत्पादन के लिये भी उगायी जाती है।
मूली से घरेलू चिकित्सा
मूली कच्ची खायें या इस के पत्तों की सब्जी बनाकर खाएं, हर प्रकार से बवासीर में लाभदायक है। गुर्दे की खराबी से यदि पेशाब का बनना बन्द हो जाए तो मूली का रस दो औंस प्रति मात्रा पीने से वह फिर बनने लगता है। मूली खाने से मधुमेह में लाभ होता है। एक कच्ची मूली नित्य प्रातः उठते ही खाते रहने से कुछ दिनों में पीलिया रोग ठीक हो जाता है। गर्मी के प्रभाव से खट्टी डकारें आती हो तो एक कप मूली के रस में मिश्री मिलाकर पीने से लाभ होता है। मासिक धर्म की कमी के कारण लड़कियों के यदि मुहाँसे निकलते हों तो प्रातः पत्तों सहित एक मूली खाने से रक्त शोध हो जाता हैै!
पुरातन फलों में अंजीर
अंजीर मध्यसागरीय क्षेत्र और दक्षिण पश्चिम एशियाई मूल की एक पर्णपाती झाड़ी या एक छोटे पेड़ है जो पाकिस्तान से यूनान तक पाया जाता है। इसकी लंबाई ३-१० फुट तक हो सकती है। अंजीर विश्व के सबसे पुराने फलों मे से एक है। यह फल रसीला और गूदेदार होता है। इसका रंग हल्का पीला, गहरा सुनहरा या गहरा बैंगनी हो सकता है। अंजीर अपने सौंदर्य एवं स्वाद के लिए प्रसिद्ध अंजीर एक स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्धक और बहु उपयोगी फल है। यह विश्व के ऐसे पुराने फलों में से एक है, जिसकी जानकारी प्राचीन समय में भी मिस्त्र के फैरोह लोगों को थी। आजकल इसकी पैदावार ईरान, मध्य एशिया और अब भूमध्यसागरीय देशों में भी होने लगी है। प्राचीन यूनान में यह फल व्यापारिक दृष्टि से इतना महत्त्वपूर्ण था और इसके निर्यात पर पाबंदी थी। आज विश्व का सबसे पुराना अंजीर का पेड़ सिसली के एक बगीचे में है।[1]
अंजीर का वृक्ष छोटा तथा पर्णपाती (पतझड़ी) प्रकृति का होता है। तुर्किस्तान तथा उत्तरी भारत के बीच का भूखंड इसका उत्पत्ति स्थान माना जाता है। भूमध्यसागरीय तट वाले देश तथा वहाँ की जलवायु में यह अच्छा फलता-फूलता है। निस्संदेह यह आदिकाल के वृक्षों में से एक है और प्राचीन समय के लोग भी इसे खूब पसंद करते थे। ग्रीसवासियों ने इसे कैरिया (एशिया माइनर का एक प्रदेश) से प्राप्त किया; इसलिए इसकी जाति का नाम कैरिका पड़ा। रोमवासी इस वृक्ष को भविष्य की समृद्धि का चिह्न मानकर इसका आदर करते थे। स्पेन, अल्जीरिया, इटली, तुर्की, पुर्तगाल तथा ग्रीस में इसकी खेती व्यावसायिक स्तर पर की जाती है।
नाशपाती के आकार के इस छोटे से फल की अपनी कोई विशेष तेज़ सुगंध नहीं पर यह रसीला और गूदेदार होता है। रंग में यह हल्का पीला, गहरा सुनहरा या गहरा बैंगनी हो सकता है। छिलके के रंग का स्वाद पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता पर इसका स्वाद इस बात पर निर्भर करता है कि इसे कहाँ उगाया गया है और यह कितना पका है। इसे पूरा का पूरा छिलका बीज और गूदे सहित खाया जा सकता है। घरेलू उपचार में ऐसा माना जाता है कि स्थाई रूप से रहने वाली कब्ज़ अंजीर खाने से दूर हो जाती है। जुकाम, फेफड़े के रोगों में पाँच अंजीर पानी में उबाल कर छानकर यह पानी सुबह-शाम पीना चाहिए। दमा जिसमे कफ (बलगम) निकलता हो उसमें अंजीर खाना लाभकारी है इससे कफ बाहर आ जाता है। कच्चे अंजीरों को कमरे के तापमान पर रख कर पकाया जा सकता है लेकिन उसमें स्वाभाविक स्वाद नहीं आता। घरेलू उपचारों में अंजीर का विभिन्न प्रकार से प्रयोग किया जाता है।
रंगो का जीवन में अधिकार
रंग हज़ारों वर्षों से हमारे जीवन में अपनी जगह बनाए हुए हैं। यहाँ आजकल कृत्रिम रंगों का उपयोग जोरों पर है वहीं प्रारंभ में लोग प्राकृतिक रंगों को ही उपयोग में लाते थे। उल्लेखनीय है कि मोहनजोदड़ो और हड़प्पा की खुदाई में सिंधु घाटी सभ्यता की जो चीजें मिलीं उनमें ऐसे बर्तन और मूर्तियाँ भी थीं, जिन पर रंगाई की गई थी। उनमें एक लाल रंग के कपड़े का टुकड़ा भी मिला। विशेषज्ञों के अनुसार इस पर मजीठ या मजिष्ठा की जड़ से तैयार किया गया रंग चढ़ाया गया था। हजारों वर्षों तक मजीठ की जड़ और बक्कम वृक्ष की छाल लाल रंग का मुख्य स्रोत थी। पीपल, गूलर और पाकड़ जैसे वृक्षों पर लगने वाली लाख की कृमियों की लाह से महाउर रंग तैयार किया जाता था। पीला रंग और सिंदूर हल्दी से प्राप्त होता था।
रंगों की तलाश
क़रीब सौ साल पहले पश्चिम में हुई औद्योगिक क्रांति के फलस्वरूप कपड़ा उद्योग का तेजी से विकास हुआ। रंगों की खपत बढ़ी। प्राकृतिक रंग सीमित मात्रा में उपलब्ध थे इसलिए बढ़ी हुई मांग की पूर्ति प्राकृतिक रंगों से संभव नहीं थी। ऐसी स्थिति में कृत्रिम रंगों की तलाश आरंभ हुई। उन्हीं दिनों रॉयल कॉलेज ऑफ़ केमिस्ट्री, लंदन में विलियम पार्कीसन एनीलीन से मलेरिया की दवा कुनैन बनाने में जुटे थे। तमाम प्रयोग के बाद भी कुनैन तो नहीं बन पायी, लेकिन बैंगनी रंग ज़रूर बन गया। महज संयोगवश 1856 में तैयार हुए इस कृत्रिम रंग को मोव कहा गया। आगे चलकर 1860 में रानी रंग, 1862 में एनलोन नीला और एनलोन काला, 1865 में बिस्माई भूरा, 1880 में सूती काला जैसे रासायनिक रंग अस्तित्त्व में आ चुके थे। शुरू में यह रंग तारकोल से तैयार किए जाते थे। बाद में इनका निर्माण कई अन्य रासायनिक पदार्थों के सहयोग से होने लगा। जर्मन रसायनशास्त्री एडोल्फ फोन ने 1865 में कृत्रिम नील के विकास का कार्य अपने हाथ में लिया। कई असफलताओं और लंबी मेहनत के बाद 1882 में वे नील की संरचना निर्धारित कर सके। इसके अगले वर्ष रासायनिक नील भी बनने लगा। इस महत्त्वपूर्ण कार्य के लिए बइयर साहब को 1905 का नोबेल पुरस्कार भी प्राप्त हुआ था।
मुंबई रंग का काम करने वाली कामराजजी नामक फर्म ने सबसे पहले 1867 में रानी रंग (मजेंटा) का आयात किया था। 1872 में जर्मन रंग विक्रेताओं का एक दल एलिजिरिन नामक रंग लेकर यहाँ आया था। इन लोगों ने भारतीय रंगरेंजों के बीच अपना रंग चलाने के लिए तमाम हथकंडे अपनाए। आरंभ में उन्होंने नमूने के रूप में अपने रंग मुफ़्त बांटे। बाद में अच्छा ख़ासा ब्याज वसूला। वनस्पति रंगों के मुक़ाबले रासायनिक रंग काफ़ी सस्ते थे। इनमें तात्कालिक चमक-दमक भी खूब थी। यह आसानी से उपलब्ध भी हो जाते थे। इसलिए हमारी प्राकृतिक रंगों की परंपरा में यह रंग आसानी से क़ब्ज़ा जमाने में क़ामयाब हो गए।
आदि-अनंत संगीत का इतिहास
प्रगैतिहासिक काल से ही भारत में संगीत की समृद्ध परम्परा रही है। गिने-चुने देशों में ही संगीत की इतनी पुरानी एवं इतनी समृद्ध परम्परा पायी जाती है। ऐसा जान पड़ता है कि भारत में भरत के समय तक गान को पहले केवल गीत कहते थे। वाद्य में जहाँ गीत नहीं होता था, केवल दाड़ा, दिड़दिड़ जैसे शुष्क अक्षर होते थे, वहाँ उस निर्गीत या बहिर्गीत कहते थे और नृत्त अथवा नृत्य की एक अलग कला थी। किंतु धीरे धीरे गान, वाद्य और नृत्य तीनों का "संगीत" में अंतर्भाव हो गया - गीतं वाद्यं तथा नृत्यं त्रयं संगतमुच्यते।
भारत से बाहर अन्य देशों में केवल गीत और वाद्य को संगीत में गिनते हैं; नृत्य को एक भिन्न कला मानते हैं। भारत में भी नृत्य को संगीत में केवल इसलिए गिन लिया गया कि उसके साथ बराबर गीत या वाद्य अथवा दोनों रहते हैं। हम ऊपर कह चुके हैं कि स्वर और लय की कला को संगीत कहते हैं। स्वर और लय गीत और वाद्य दोनों में मिलते हैं, किंतु नृत्य में लय मात्र है, स्वर नहीं। हम संगीत के अंतर्गत केवल गीत और वाद्य की चर्चा करेंगे, क्योंकि संगीत केवल इसी अर्थ में अन्य देशों में भी व्यवहृत होता है।
भारतीय संगीत में यह माना गया है कि संगीत के आदि प्रेरक शिव और सरस्वती है। इसका तात्पर्य यही जान पड़ता है कि मानव इतनी उच्च कला को बिना किसी दैवी प्रेरणा के, केवल अपने बल पर, विकसित नहीं कर सकता।
भारतीय संगीत का आदि रूप वेदों में मिलता है। वेद के काल के विषय में विद्वानों में बहुत मतभेद है, किंतु उसका काल ईसा से लगभग 2000 वर्ष पूर्व था - इसपर प्राय: सभी विद्वान् सहमत है। इसलिए भारतीय संगीत का इतिहास कम से कम 4000 वर्ष प्राचीन है।
वेदों में वाण, वीणा और कर्करि इत्यादि तंतु वाद्यों का उल्लेख मिलता है। अवनद्ध वाद्यों में दुदुंभि, गर्गर इत्यादि का, घनवाद्यों में आघाट या आघाटि और सुषिर वाद्यों में बाकुर, नाडी, तूणव, शंख इत्यादि का उल्लेख है। यजुर्वेद में 30वें कांड के 19वें और 20वें मंत्र में कई वाद्य बजानेवालों का उल्लेख है जिससे प्रतीत होता है कि उस समय तक कई प्रकार के वाद्यवादन का व्यवसाय हो चला था।
संसार भर में सबसे प्राचीन संगीत सामवेद में मिलता है। उस समय "स्वर" को "यम" कहते थे। साम का संगीत से इतना घनिष्ठ संबंध था कि साम को स्वर का पर्याय समझने लग गए थे। छांदोग्योपनिषद् में यह बात प्रश्नोत्तर के रूप में स्पष्ट की गई है। "का साम्नो गतिरिति? स्वर इति होवाच" (छा. उ. 1। 8। 4)। (प्रश्न "साम की गति क्या है?" उत्तर "स्वर"। साम का "स्व" अपनापन "स्वर" है। "तस्य हैतस्य साम्नो य: स्वं वेद, भवति हास्य स्वं, तस्य स्वर एव स्वम्" (बृ. उ. 1। 3। 25) अर्थात् जो साम के स्वर को जानता है उसे "स्व" प्राप्त होता है। साम का "स्व" स्वर ही है।
वैदिक काल से प्रारम्भ भारतीय संगीत की परम्परा निरन्तर फलती-फूलती और समृद्ध होती रही। इस पर सैकड़ों ग्रन्थ लिखे गये।
महर्षि वशिष्ठ का राष्ट्रवाद उपदेश
गतांक से...
मेरे प्यारे मैं तुम्हें विशेष चर्चा प्रकट करने नहीं आया हूं! मैं व्याख्याता नहीं हूं! मैं तो सूक्ष्म सा परिचय देने चलाता हूं कि गुरु शिष्यों का इस प्रकार का संवाद रहा है! उस संवाद का परिणाम यह होता है कि वह राष्ट्र को नहीं चाहते, वह केवल कर्तव्य वाद को चाहते हैं! जो कर्तव्य वादी होते हैं वही तो संसार को उन्नत बनाते हैं! मुनिवर, हम अपने में अपनेपन को जानते हुए और अपनी इंद्री वर्णस्सुतम्, अपनी इंद्रियों के विषयों को जानते हुए! इस सागर से हृदय में प्रवेश होते हुए और वही हृदय का मिलान परमात्मा के हृदय से आह्वान होने से प्राप्त होता है! आज का विचार यह कह रहा है कि हम परमपिता परमात्मा की आराधना करते हुए! देव की महिमा का गुणगान गाते हुए इस संसार सागर से पार हो जाए! क्योंकि राष्ट्रवाद अपने में महान-पवित्रत्तव कहलाता है आज का वाक्य उच्चारण करने का अभिप्राय यह है कि राजा के राष्ट्र में विज्ञान भी इतना उधरवा में होना चाहिए! जिस विज्ञान को जानकर के संसार सागर से पार हो जाए! मेरे प्यारे विज्ञान एक नहीं अपने पूर्वजों का दर्शन करना है! विज्ञान के माध्यम से ही राष्ट्र की रक्षा करनी है! विज्ञान के माध्यम से ही अपनी क्रियाकलापों में तत्पर रहना है! विज्ञान के माध्यम से ही नाना प्रकार के यंत्रों का निर्माण करते हुए वह नाना प्रकार के लोक लोकांतरो का यात्री बन जाता है! यह है बेटा आज का वाक्य अब समय मिलेगा तो मैं तुम्हें शेष चर्चाएं कल प्रकट करूंगा! आज का वाक्य समाप्त होता है! अब वेदों का पठन-पाठन होगा!
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
यूनिवर्सल एक्सप्रेस
हिंदी दैनिक
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
October 21, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254
1. अंक-78 (साल-01)
2. सोमवार ,21 अक्टूबर 2019
3. शक-1941,अश्विन,कृष्णपक्ष, तिथि- अष्टमी, संवत 2076
4. सूर्योदय प्रातः 06:18,सूर्यास्त 06:00
5. न्यूनतम तापमान -20 डी.सै.,अधिकतम-30+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्ंकरण) प्रकाशित।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102
9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102
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email:universalexpress.editor@gmail.com
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