डेंगू, स्वाइन फ्लू, मलेरिया जैसी बीमारियों से लड़ने के लिए फायदेमंद माना जाता है गिलोय
सदियों से हम प्रकृति द्वारा निर्धारित संसाधनों के साथ अपने जीवन को स्वस्थ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हम अनेकों प्रकार की जड़ी बूटियों का उपयोग करतें आ रहें है। इन जड़ी बूटियों में से ही एक को गिलोय भी माना जाता है। जिसका उपयोग न केवल आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों में किया जाता है।बल्कि गिलोय का उपयोग आज की दवाओं में भी किया जा रहा है। इसका उपयोग आमतौर पर बुखार के इलाज, पाचन क्षमता बढ़ाने आदि के लिए किया जाता था। हालांकि गिलोय का तना सबसे उपयोगी होता है।हम इसकी जड़ का भी उपयोग कर सकते हैं। तो आइए अब हम प्राचीन काल से इसके उपयोग के लाभों पर चर्चा करते हैं। यह हमारे जीवन को स्वस्थ बनाने के लिए किस तरह काम करता है।
गिलोय के अपने फायदे हैं।
सबसे पहले, अगर हम गिलोय के उपयोग के लाभों के बारे में बात करते हैं।तो इसका उपयोग प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद करता है। गिलोय हमारी कोशिकाओं को स्वस्थ रखने और हमें बीमारी से छुटकारा दिलाने के लिए महत्वपूर्ण कार्य करती है। इसके साथ ही, यह रक्त को शुद्ध करने, बैक्टीरिया से लड़ने।विषाक्त पदार्थों को दूर करने आदि के लिए भी उपयुक्त माना जाता है।जिसे एंटीपायरेटिक माना जाता है, गिलोय को डेंगू, स्वाइन फ्लू, मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारियों से लड़ने के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है और इसे बुखार में राहत देने के लिए उपयोग किया जाता है।
गिलोय लाभ में, यह पाचन में सुधार और आंत्र संबंधी समस्याओं को हल करने के लिए भी माना जाता है। कब्ज को खत्म करने के लिए, हम गिलोय पाउडर को आंवले के साथ मिलाकर उपयोग कर सकते हैं। जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या है, उनके लिए हम गिलोय का घरेलू नुस्खे से इस समस्या को खत्म कर सकते हैं। गिलोय का रस रक्त शर्करा के उच्च स्तर को कम करने के लिए अद्भुत काम करता है।
गिलोय को पुराने समय से ही एडाप्टोजेनिक जड़ी बूटी के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। यह मानसिक तनाव और चिंता को कम करने के लिए बहुत उपयोगी साबित होता है।क्योंकि यह विषाक्त पदार्थों से छुटकारा दिलाता है।और हमारी याददाश्त को बढ़ाता है।
गिलोय के फायदों में से एक यह है कि यह खांसी, सर्दी और टॉन्सिल जैसी समस्याओं को कम करने में भी मदद करता है। जिन बुजुर्गों को जोड़ों में दर्द की समस्या है।वे गिलोय के तने के चूर्ण को दूध में उबालकर इसका सेवन करके अपनी समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। अस्थमा के कारण सीने में जकड़न, सांस की तकलीफ, घरघराहट आदि जैसी स्थितियों का इलाज करना मुश्किल है। गिलोय की जड़ को चबाकर उसका रस पीने से ऐसे रोगियों की समस्या हल हो सकती है।
इन सभी फायदों के अलावा, गिलोय के पौधों को आँखों की दृष्टि क्षमता बढ़ाने के लिए आँखों पर लगाया जा सकता है। अगर आप डार्क स्पॉट्स, पिंपल्स और झुर्रियों को कम करना चाहते हैं।तो हम गिलोय का इस्तेमाल कर सकते हैं ।क्योंकि इसमें एंटी-एजिंग गुण होते हैं।जो त्वचा को चमकदार बनाने के लिए फायदेमंद माने जाते हैं।उपरोक्त तथ्यों में हमने गिलोय का उपयोग करने के लाभों पर चर्चा की, यह कैसे हमारी जीवन शैली को स्वस्थ रखने के लिए उपयोगी माना जाता है। अब हम यह जानने की कोशिश करते हैं।कि इसका उपयोग कैसे किया जाए ताकि हम आयुर्वेदिक तरीकों से खुद को स्वस्थ रख सकें। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि गिलोय का उपयोग हम रस बनाकर या इसका पाउडर बनाकर उपरोक्त बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए कर सकते हैं। और इसके साथ ही गिलोय की जड़ का उपयोग भी बहुत फायदेमंद साबित होता है। लेकिन जब भी हम गिलोय का सेवन करना शुरू करते हैं। तो हमें इसकी विधि जानने की आवश्यकता होती है।ताकि हम इसका आवश्यकतानुसार उपयोग कर सकें। गिलोय लाभ में इसके अन्य लाभ यह हैं ।कि यह गठिया और पीलिया, यकृत के लिए भी फायदेमंद माना जाता है।