गुरुवार, 26 मार्च 2020

एक पहचान 'संपादकीय'

एक पहचान    'संपादकीय' 


नहीं वरण हुआ, अभी तक कुंवारी है।
जन, गण के मन में बड़ी दुश्वरी है। 
लाखो जिंदगी मौत के घाट उतारी है। 
गली-चौराहा, शहर सारा खामोश बडा हैं। 
संदेश को समझो, आदेश सरकारी है। 
बंदिशों का दौर नहीं, अगर जिंदगी प्यारी है।
मरना है तुझको ऐ गरीब, यह तेरी लाचारी है।
रखवाली पर बैठा तेरी, बड़ा व्याभिचारी है।
लाश भी नहीं छुएगा कोई, ऐसी महामारी है।
नहीं वरण हुआ, अभी तक कुंवारी है।....



       विश्व में कोविड-19 नामक महामारी ने परिवर्तन की एक बयार चला दी है। कई देशों को इसका भयानक परिणाम झेलना पड़ रहा है। हमारा देश भी उसी रास्ते पर चल रहा है। देश की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर और कोरोना के भय के कारण 'लॉक डाउन' का समर्थन तो किया है। लेकिन अक्षमता हीन वर्ग की इतनी बड़ी उपेक्षा इससे पूर्व कभी नही हुई है और संभवतः भविष्य में भी ना हो। विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक व्यवस्था भारत की पहचान विश्व में "गाय, गरीब और गांधी" से होती है। गाय के नाम पर देश में राजनीति तो खूब होती है। सेवा और सद्भावना कचरा चाट रही है। 'गांधी' एक ऐसा विषय है, जिसे छेड़ने मात्र से छेड़ने वाले का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। चाहे वह कितना ही बड़ा और बुद्धिमान राजनीतिज्ञ क्यों ना हो। अब हमारी वैश्विक पहचान का सबसे बड़ा कारण गरीबी है। देश की कुल आबादी का 40% भाग गरीब है। यह देश के पंजीकृत गरीब है। जो उनसे भी गरीब है यह साधारण भाषा में 'महान गरीब' है। उनकी बला से झाड़ पर बैठी है सरकार और उसकी योजनाएं। ऐसे महान गरीबों को दरकिनार कर दिया जाए तो सरकार की 'लॉक डाउन' में जनसेवा की गाथा विश्व में अवश्य प्रसिद्ध होगी। क्योंकि कोरोना महामारी क्या करेगी या क्या नहीं करेगी? यह दूर की कौड़ी है। अपने कार्यालयों में बैठकर चिकनी-चुपड़ी बातों से गरीब, मजदूर और जरूरतमंद का पेट नहीं भरेगा। दूध मुंहे बच्चों की किलकारी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसके समाधान के लिए लंबी-लंबी बात हांकने के अलावा धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आता है। क्या मजाक बन गया है, सिद्ध पुरुष और शक्तिशाली लोग गाल बजाने के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं? देश की गरीब जनता के सामने विभिन्न प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो चुकी है। छोटी-छोटी, सामान्य समस्याएं भी वृहद और विकराल हो गई है। जिसके समाधान का कोई मार्ग प्रशस्त नहीं किया गया है। यदि इस पर कार्य किया भी जा रहा है। उसके क्या परिणाम होगे, इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता है।
 वर्तमान ऐसा सुनहरा अवसर लेकर आया है। जिसका सही ढंग से उपयोग करने पर गरीब-मजदूर वर्ग का एक बड़ा हिस्सा नष्ट हो सकता है। क्योंकि साथ में कोरोना वायरस के जैसी ढाल भी है। पता नहीं फिर ऐसा मौका मिले, ना मिले।


राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'


एक और वायरस 'समसामयिक'

जब जिंदगी पर बाजारी कलाओं का तानाशाहनुमा कब्जा!


आज का सच भी कि कुछ भी बहुत ज्यादा हो जाना अच्छा नहीं माना जाता है!


कुदरत का नियम है, कुल आसक्ति की चरम स्थिति के बाद विरक्ति शुरू होती!


अब वक्त आ गया कि इस असामाजिक रास्ते को छोड़ दें,ओर जिंदगी के बारे चिंतन करें!


संचार व्यवसाय की बाजारी ताकतों ने काफी पहले दुनिया पर कब्जा करना शुरू कर दिया था। कहा जाने लगा था कि दुनिया मुट्ठी में सिमट गई है। सही तरीके से हिसाब किया जाए तो संचार व्यवस्था का गहन प्रभाव रोम-रोम में घुस चुका है। इस बारे में परिवार की परिधि से बाहर बात करने में तो संजीदगी गुम रहती ही है, परिवार के सदस्यों से कहता हूं कि ज्यादा समय सोशल मीडिया का दास बने रहना जिंदगी के लिए ठीक नहीं, तो सभी को लगता है कि कोई गलत सलाह दे डाली। युवा वर्ग रास्तों पर चलते-फिरते, लेटे हुए, सुबह जाग कर वाट्सऐप या ‘फेकबुक’ पढ़ रहा होता है। अधिकांश कार्यस्थलों पर समय निकाल कर यह ‘जरूरी काम’ करना पड़ रहा है। अब पारिवारिक या आपसी संवाद तेजी से लुप्त हो रहा है।पिछले दिनों पत्नी के साथ अपने एक घनिष्ठ मित्र से मिलने उनके शहर गया। हमारे घरों के बीच की दूरी लगभग ढाई सौ किलोमीटर है। उनसे व्यक्तिगत रूप से मिले काफी अरसा हो गया था, वे बुलाते रहते और हम वादा करते रहते। आखिर वह ‘शुभ दिन’ आया, यात्रा शुरू हुई। यात्रा के दौरान उन्होंने कई बार पूछा कि कहां पहुंचे। खैर, कई घंटे लंबा, खराब सड़कों से होते हुए सफर पूरा कर पहुंचे। हाथ मिलाया, गले मिले, अपना, बच्चों का हालचाल पूछा, बताया। चाय-नमकीन सब लगभग एक घंटे में निपट गया। उसके बाद सब सोशल मीडिया के रास्तों पर जरूरी काम निबटाने में लग गए। अपार शांति के बीच मित्र ने पूछा- ‘और सुनाएं नई ताजी’, तो मैंने कहा- ‘बाकी सब ठीक है’। दोनों महिलाएं अत्यधिक व्यस्त रहीं। रात का खाना खाने बाहर जाना था। दिमाग बार-बार यह कह रहा था कि सोशल मीडिया का कम प्रयोग करने वाले या प्रयोग न कर सकने वाले बहुत से लोग समाज में ‘आउटडेटेड’ हो चुके हैं।यह बहुत अफसोस की बात है कि हमारे धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक नायकों के बेहद संकीर्ण जातीय, सांप्रदायिक, धार्मिक, क्षेत्रीय, पारिवारिक, 
राजनीतिक नजरिए के कारण ही ज्यादातर भारतीय उपभोक्ताओं द्वारा फेसबुक, यूट्यूब, वाट्सऐप और इनके साथियों का सकारात्मक उपयोग नहीं किया गया। ऐसा लगने लगा है कि सोशल मीडिया, अब सोशल नहीं रहा, बल्कि ‘एंटी-सोशल’ यानी समाज-विरोधी मीडिया में तब्दील हो चुका है। बीते समय में इन माध्यमों पर लोगों द्वारा आपस में नफरत के करोड़ों जहर बुझे तीर छोड़े गए हैं।समाज-विरोधी मीडिया की बंजर धरती पर अनगिनत ट्रोल करने वाले यानी परेशान करने वाले अवांछित तत्त्व कंटीली घास की तरह उग आए हैं, जिन्होंने दूसरों को निरंतर चुभन के अलावा और कुछ नहीं दिया। व्यक्तिगत, समूह और संस्था स्तर पर समाज-विरोधी मीडिया के मंच पर स्वयंभू समझदारों की अफवाहों, फर्जी खबरों, नकली वीडियो, अपशब्द, बदतमीजियों और गुस्ताखियों की भरमार ने नैतिकता, मानवता, प्रेम, देशप्रेम, इंसानियत और आपसी विश्वास की लगातार तौहीन की है। यह बेहद अफसोसनाक रहा कि कितने ही प्रसिद्ध, सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक हस्तियों ने भी अपनी बदजुबानी की कड़वाहट की आहुति डाल कर समाज-विरोधी मीडिया को समाज के खिलाफ बनाया। देश में तनाव, टकराव और हिंसा की जो घटनाएं सामने आ रही हैं, उससे साफ है कि अब समाज-विरोधी मीडिया की आसक्ति को विरक्ति के रास्ते भेजने का समय आ गया है।
हर वक्त कहीं न कहीं, कोई न कोई किसी से कह रहा होता है कि इन सभी ने मिल कर हमारी जिंदगी में खलल डाला है। क्या इतनी खूबसूरत जिंदगी में यह ठहराव भी आना था कि फेसबुक के चेहरे तो हमारे मित्र हो गए, लेकिन रास्ते में पास से वे गुजरे तो देखा तक नहीं। इसका गलत प्रयोग के बारे में उपदेश बहुत दिए जाते हैं। लेकिन यह किसी नेता के भाषण की तरह होता है, जिसे सुनते हुए भी लोग मोबाइल पर वीडियो देखते या बनाते रहते हैं। समाज-विरोधी मीडिया पीड़ितों को बीमार मान कर उनका इलाज करने के लिए अनेक क्लिनिक खुल चुके हैं। मानसिक चिकित्सा के आर्थिक विशेषज्ञ मैदान में आ चुके हैं। एक बार मिलने वाले मानव जीवन में अमानवीय दुष्परिणामों से वाकिफ होने के बावजूद अधिकतर लोग प्रेरणा नहीं लेते। आम लोगों को वैसे भी एक चामत्कारिक प्रेरक व्यक्तित्व की जरूरत होती है, जो उनके जीवन में बदलाव लाने की कुव्वत रखता हो।लेकिन जब जिंदगी पर बाजारी कलाओं का तानाशाहनुमा कब्जा हो, तो दिमाग सोचना बंद कर देता है। यह आज का सच भी है कि कुछ भी बहुत ज्यादा हो जाना अच्छा नहीं माना जाता है। कुदरत का नियम है, कुल आसक्ति की चरम स्थिति के बाद विरक्ति शुरू होती है। अब वक्त आ गया है कि इस असामाजिक रास्ते को छोड़ दें, अपनी जिंदगी के बारे चिंतन करें। दूसरे जरूरी क्षेत्रों में ज्यादा मेहनत करें, ताकि सही समाज की रचना फिर अंकुर ले सके। आम आदमी के लिए मिलने-जुलने, पत्र लिखने, सद्भाव बढ़ाने, स्वस्थ रहने, ईर्ष्या, द्वेष और वैमनस्य से बचने के मार्ग प्रशस्त करने की घड़ी आ गई है। इससे जरूरी धन बचेगा, मानवीय तन का क्षय रुकेगा और मन भी पवित्र रहेगा।


तस्लीम बेनकाब


पान मसाला की बिक्री-उत्पादन प्रतिबंधित

उत्तर प्रदेश में पान मसाला की बिक्री और उत्पादन पर लगा प्रतिबंध
                                                                                  लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पान मसाला की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रदेश सरकार ने कहा है कि अगले आदेश तक राज्य में पान मसाला की बिक्री, उत्पादन और वितरण को बैन कर दिया गया है। इससे पहले उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह व सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने मंगलवार को कहा था कि कोरोना वायरस का संक्रमण लार व थूक से भी होता है। इस वजह से सरकार पान मसाला और गुटखा को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने पर विचार कर रही है। इसके बाद से यह उम्मीद लगाई जा रही थी कि जल्द ही सरकार पान मसाला पर प्रतिबंध को लेकर ऐलान करेगी।
दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में बुधवार को एक और कोरोना संक्रमित मामला आने के बाद मरीजों की संख्या बढ़कर 41 हो गई है। सबसे अधिक मरीज आगरा-नोएडा (11) के हैं। इसके बाद लखनऊ के 8, गाजियाबाद के 3 और पीलीभीत के 2 मरीजों में कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया गया है। इसी तरह शामली, लखीमपुर-खीरी, वाराणसी, मुरादाबाद, कानपुर और जौनपुर में कोरोना वायरस से संक्रमित 1-1 मरीज़ पाए गए हैं। इनमें से 11 लोग स्वस्थ हो गए हैं और उन सभी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।


बचाव एवं नियंत्रण पर प्रशासन संकल्पित

कोरोना वायरस से बचाव एवं इसके नियंत्रण को लेकर जिला प्रशासन कृत संकल्पित


जनपद में संचालित किए जा रहे हैं कंट्रोल रूम


 गौतम बुध नगर। जिलाधिकारी बीएन सिंह के नेतृत्व में कोरोना वायरस से बचाव एवं जनपद वासियों को सुरक्षित करने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है। इसी श्रृंखला में जिला प्रशासन की ओर से कोरोना वायरस की गंभीरता को लेकर जनपद में 24 घंटे कंट्रोल रूम संचालित किए जा रहे हैं, जहां पर कोई भी नागरिक कोरोना वायरस के संबंध में जानकारी उपलब्ध करा सकते हैं। जिला प्रशासन की ओर से एक कंट्रोल रूम कलेक्ट्रेट परिसर में संचालित किया जा रहा है, जबकि दूसरा कंट्रोल रूम स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से संचालित है। अतः समस्त जनपद वासी कोरोना वायरस से बचाव एवं इसके नियंत्रण को लेकर किसी भी प्रकार की जानकारी संबंधित कंट्रोल रूम से प्राप्त कर सकते हैं एवं इस संबंध में कोई भी जानकारी कंट्रोल रूम को उपलब्ध करा सकते हैं। जिला सूचना अधिकारी गौतम बुध नगर।


कोरोना वायरस से बचाव ही सुरक्षा


एडवोकेट आफताब


कोरोना से बचाव के लिए सभी को एक दूसरे का सहयोग करने की अपील की
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के सलाहकार सदस्य व ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट आफताब ने देश व विश्व मे कोरोना वायरस के फैलने से हजारों लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया और सभी क्षेत्रवासियों से कोरोना वायरस के बचाओ मैं सभी को एक दूसरे को जागरूक करने की अपील की! उन्होंने कहा की इस समय कोरोना पूरे विश्व पर कहर ढा रहा है जिसकी रोकथाम जरूरी है शिक्षित वर्ग को  अशिक्षित लोगो तक इसके बचाव के उपाय और रोकथाम की तरीकों की जानकारी देनी चाहिए। एडवोकेट आफताब ने बचाव के तरीके बताते हुए कहा कि हम सभी को हाथ मिलाने को छोड़कर दूर से ही अभिवादन करना चाहिए। सार्वजनिक स्थानों पर जाने से पहले मास्क का प्रयोग करना चाहिए दिन में कई बार साबुन से हाथ धोना चाहिए। साफ सफाई और देखरेख ही इसका बचाव है। जिस तरह भारत सरकार इसके बचाव के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है। उसी तरह हमें भी इस समय सरकार का सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा की शिक्षित वर्ग का फर्ज बनता है कि राष्ट्र पर आई इस आपदा में अशिक्षित लोगों तक जानकारी पहुंचा कर उसके बचाओ और तरीके बता कर सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों में सहयोग करना चाहिए। इस समय पूरे विश्व को एक होकर इस महामारी का मुकाबला करना चाहिए। जोकि धीरे-धीरे सभी देशों में फैलती जा रही है जिसमें एहतियात जरूरी है।


बागपत में वायरस, संक्रमण का खतरा

सचिन कुमार


बागपत। उत्तर प्रदेश के जनपद बागपत स्थित गांव सरूरपुर कला में कपिल पुत्र देवेंद्र निवासी गढ़ी मोहल्ला कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। कपिल मोहल्ले में बेरोकटोक 1 सप्ताह तक घूमता रहा है, सभी से मिलना जुलना भी रहा है। ऐसी स्थिति में सैकड़ों लोगों में वायरस फैलने का खतरा बढ़ गया है। प्रशासनिक अमला अभी तक शांत बैठा हुआ है। जबकि सामान्यतः वायरस का संक्रमण 500 लोगों से अधिक लोगों तक पहुंच चुका है। यदि प्रशासन ने समय रहते इस पर आवश्यक कार्रवाई नहीं की तो यह शीघ्र एक बड़ी आबादी में फैलने का काम कर लेगा और उसके पश्चात परिणाम क्या हो सकते हैं?  हो सकता है हजारों की आबादी तबाह ना हो जाए।


 


लॉक डाउन का मिलकर पालन करें

शामली / थानाभवन। उत्तर प्रदेश सरकार के कद्दावर नेता व कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा ने लोगों से की अपील कहा कि लॉकडाउन का पालन करें। अपने अपने घरों पर रहे। कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा ने बताया कि पूरे दिन में कम से कम 20 बार अपने हाथों को धोए। सोशल डिस्टेंस बनाकर रखें और एक से डेड मीटर की दूरी बनाकर रखें। कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा ने बताया कि इस दुख की घड़ी में हम जिन लोगों का भी सहयोग कर सकें, जिन लोगो कि भी मदद कर सकते है। उन लोगों का सहयोग करें,मदद करे। लोगों से सोशल मीडिया के माध्यम से घरों में रहने की अपील करें।


उत्तरप्रदेश सरकार मै कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा ने बताया कि इस महामारी से लड़ने का सबसे बेहतर उपाए ये है कि आप सब लोग मिलकर लॉकडाउन का पालन करे और आपने घरो पर रहे।


 


लॉक डाउन की महिमा ऑनलाइन निकाह

लाॅकडाउन के कारण दो बहनों का ऑनलाइन हुआ निकाह…


 बलिया। संपूर्ण भारत में कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन हो जाने के कारण शादी विवाह का कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ रहा है, लेकिन बलिया में बुधवार को दो सगी बहन की शादी होने वाली थी। बारात भी रात में आना था। लेकिन अब यह सब ना होकर ऑनलाइन दोनों बहनों का निकाह पढ़ाया गया।


मामला बलिया नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड नंबर 5 का है। यहां के रहने वाले अहमद कुरेशी उर्फ छोटे कुरेशी की दो बेटियों का निकाह एक वक्त बुधवार की शाम को 4:00 बजे मदरसा दारुल उलूम जकरिया के सदर मुदर्रीस व मीर शिकार टोला मस्जिद के पेश इमाम मुफ्ती मोहम्मद अहसन के द्वारा निकाह पढ़ाया गया।छोटे कुरेशी की तीसरी बेटी नगमा परवीन का निकाह नालंदा जिला के आगामा निवासी मोहम्मद मंजूर कुरैशी का पुत्र शमशेर कुरैशी से तथा उनकी चौथी बेटी का निकाह गया जिला के अबगीला जगदीशपुर निवासी कलीम कुरेशी मरहूम के पुत्र शाहनवाज अख्तर कुरैशी से राहत परवीन का निकाह पढ़ाया गया। मौका पर हाफिज नफीस साहब, वार्ड पार्षद पति मोहम्मद अफाक कई लोग मौजूद थे। निकाह की रस्म अदायगी के बाद लोगों ने एक-दूसरे को मुबारकबाद दिया।


लॉक डाउन से वायु प्रदूषण में गिरावट

लाॅकडाउन के कारण वायु प्रदूषण में आई गिरावट…


पटना। लाॅकडाउन की वजह से गाड़ियां कम चलने से राजधानी की हवा स्वच्छ हुई है। शहरवासी शुद्ध हवा में सांस ले रहे हैं। बुधवार को पटना का एयर क्वालिटी इंडेक्स 129 रहा। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मानक के हिसाब से यह स्तर संतोषजनक है। हालांकि, मुजफ्फरपुर का एक्यूआई स्तर 275 रहा, जाे पुअर है। शहर में सबसे अधिक प्रदूषण वाहनों से निकलने वाले धुआं से होता है।


पटना में तारामंडल, डीआरएम ऑफिस, बीआईटी मेसरा, ईको पार्क, एसके मेमोरियल हॉल में एक्यूआई स्तर मापने वाली मशीन लगी है। इन मशीनाें के अनुसार पिछले दो दिनों में एक्यूआई स्तर में काफी सुधार आया है।तारामंडल के पास एक्यूआई स्तर 22 मार्च को 212 और 23 मार्च काे 160 मापा गया। समनपुरा स्थित बीआईटी के पास 22 मार्च काे 163 और 23 मार्च को 129 रहा। गांधी मैदान स्थित एसकेएम हॉल के पास 22 मार्च को 122 और 23 मार्च को 97, दानापुर डीआरएम ऑफिस के पास 22 मार्च को 238 और 23 मार्च को 113, ईको पार्क के पास एक्यूआई स्तर 22 मार्च को 95 और 23 मार्च को करीब 100 मापा गया।


एएन कॉलेज के जैव प्रौद्याेगिकी विभाग के डाॅ. मनीष कंठ ने कहा कि लाॅकडाउन से हम कोरोना वायरस पर विजय ताे पाएंगे ही, प्रदूषण रहित वातावरण में सांस ले सकेंगे। पटना के वायु प्रदूषण में दो चीजों का मुख्य योगदान है। एक गाड़ियों से निकलने वाला धुआं और दूसरा निर्माण कार्य से निकलने वाला धूल-कण। इन दिनों दाेनाें गतिविधियां बंद हैं। इसलिए आशा है कुछ समय बाद एयर क्वालिटी और बेहतर होगी। प्रदूषण में 50 फीसदी से अधिक की कमी हो जाएगी। नवंबर, दिसंबर 2019 और जनवरी, फरवरी 2020 में पटनावासी प्रदूषण की मार झेल रहे थे। एक्यूआई स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया था।


दिल्लीः खुलेगी जरूरी सामान की दुकान

दिल्ली : उप राज्यपाल का ऐलान, 24×7 खुलेंगी जरूरी सामान की दुकान

नई दिल्ली। भारत में बढ़ते कोरोना के कहर को देखते हुए  दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आज यानि गुरूवार को जिलाधिकारियों और पुलिस उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की। जिसमें कई अहम फैसले लिए गए है। राज्यपाल ने कहा कि सभी आवश्यक सेवाओं की दुकानें 24 घंटे खुली रह सकती हैं ताकि लोगों की भीड़ न हो।


उपराज्यपाल ने कहा कि ऑनलाइन सेवा प्रदाताओं / ई-रिटेलर्स को आवश्यक सेवाएं और सामान वितरित करने की अनुमति है। सभी आवश्यक सेवाओं की दुकानें 24 घंटे खुली रह सकती हैं ताकि लोगों की भीड़ न हो। साथ ही उन्होंने बैठक में फैसला लिया कि कोरोना वायरस से पॉजिटिव रोगियों के उपचार में शामिल सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों का टेस्ट किया जाएगा।


गौरतलब है कि बुधवार को लॉकडाउन के पहले दिन कई राज्य सरकारों ने कहा कि वे सफलतापूर्वक आम लोगों को खाने और जरूरत का सामान पहुंचाएंगी। हालांकि, प्रशासन के बीच नियमों को लेकर भ्रम की स्थिति रही। इसके चलते ज्यादातर अहम सेवाओं को परेशानी की स्थिति से गुजरना पड़ा। खासकर होम डिलीवरी और ई-कॉमर्स से जुड़ी सेवाओं को। जिसकों देखते हुए आज यह फैसला लिया गया है।


वायरसः समाचार-पत्र वितरण पर संकट

रायपुर। कोरोना के संक्रमण का खतरा अब अखबार के वितरण पर भी मंडरा रहा है। अखबार बांटने वाले बड़े एजेंटों ने एक इमरजेंसी बैठक लेकर अखबार नहीं बांटने का फैसला लिया। बैठक में हॉकरों की समस्या सामने आई थी। सारे हॉकर निम्न आय वर्ग के हैं और उनके पास मास्क व अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। ऐसी स्थिति में उनसे अखबार बटवाना संक्रमण को बढ़ाने को दावत देना है इसलिए यह फैसला लिया गया है। इसके अलावा अखबार के करीब 25% पाठकों ने खुद होकर भी अखबार नहीं मंगाने का फैसला ले लिया है। पाठकों के मन में भ्रम है कि अखबार कई हाथों से होकर गुजर कर आता है ऐसे में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। हालांकि यह भ्रम है लेकिन अखबारों के पाठकों की रुचि भी अखबार पढ़ने में नहीं है इसलिए प्रसार संख्या घटने के कारण भी बड़े एजेंटों ने यह कठिन व कड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के अमल में आते ही शहर वालों को अखबार पढ़ने से वंचित होना पड़ेगा। वैसे कुछ बड़े अखबारों की ओर से खबर आ रही है कि वे खुद ही इसकी वितरण प्रणाली तैयार करने की कोशिश करेंगे और अखबार एजेंट के जरिए नहीं बल्कि अपने कर्मचारियों के जरिए बंटवाने की कोशिश करेंगे, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है।


दिल्ली के 900 लोगों होगें क्वॉरेंटाइन

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन का आज दूसरा दिन है। इस बीच कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़कर 649 पर पहुंच गई है। दिल्ली में सऊदी से लौटी एक महिला ने मौजपुर के मोहल्ला क्लीनिक में इलाज कराया था। इस महिला से मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर को कोरोना हुआ और फिर डाक्टर की पत्नी और बेटी को। अब दिल्ली के मौजपुर इलाके के 900 लोगों को क्वारेंटाइन किया जाएगा। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने बताया कि शमा नाम की महिला, जो सऊदी अरब से आई थी, वह 12 मार्च को मौजपुर मोहल्ला क्लिनिक में डॉक्टर गोपाल झा से मिली। इस महिला के चलते से डॉ. गोपाल झा, उनकी पत्नी और उनकी बेटी समेत कुल 8 लोग और संक्रमित हुए। डॉक्टर गोपाल अभी ठीक हैं। करीब 900 लोगों को क्वारेंटाइन किया जाएगा।


विदेश से आए 200 पहुंच से दूर

रायपुर। प्रदेश में अब कोरोना की वजह से हालात बिगड़ते जा रहे है। अब तक 6 लोग इस वायरस से पीड़ित पाए गए हैं, जिनका उपचार एम्स में हो रहा है। ऐसी परिस्थिति में अब लोगों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना बेहद जरूरी हो गया है। ज्यादातर संक्रमण का खतरा उन लोगों से है जो विदेश यात्राओं से लौटे हैं। बता दें कि प्रदेश में 1800 से ज्यादा लोग फरवरी माह से अब तक विदेश यात्रा से लौटे हैं, जिसमें 1580 से अधिक लोगों की पहचान होने के बाद उन्हें क्वारेंटाइन किया गया। वर्तमान में 61 लोग निमोरा, झांझ व निजी होटल में बने क्वारेंटाइन में रखे गए हैं, लेकिन 200 से अधिक लोगों को ट्रेस करना अभी भी स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की बात करे तो बुधवार को 49 सैम्पलों की जांच की गई है। इसमें दो कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इसके अलावा 33 सैम्पलों की जांच को एम्स के लैब भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट आना अभी शेष है। छत्तीसगढ़ में अब तक कुल 232 सैम्पलों की जांच की गई है।


सरकार को कांग्रेस का साथ मिला

सुझाव देकर बोलीं- संकट के इस घड़ी में कांग्रेस सरकार के साथ मगर
नई दिल्ली। देशभर में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख 21 दिन के लॉकडाउन को स्वागत योग्य कदम करार दिया है। साथ ही सोनिया गांधी ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य को लेकर कुछ सुझाव भी दिए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 21 दिनों के बंद का समर्थन करते हुए गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि ‘न्यूनतम आय गारंटी योजना’ यानी (न्याय) लागू करके आजीविका के संकट का सामना कर रहे मजदूरों एवं गरीबों के खातों में आर्थिक मदद भेजी जाए और किसानों एवं छोटे कारोबारियों को राहत देने के लिए कदम उठाए जाएं। प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सोनिया ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी कोरोना वायरस के कारण पैदा हुए इस संकट से निपटने के लिए पूरी तरह से सरकार के साथ खड़ी है।यह भी पढ़ें- कोरोना पर राहत की खबर: चीन पर सटीक भविष्यवाणी करने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता बोले- जल्द खत्म होगी महामारी
उन्होंने कहा, ‘कोरोना वायरस की महामारी ने लाखों लोगों का जीवन खतरे में डाल दिया है तथा पूरे देश में खासकर समाज के सबसे कमजोर वर्ग के लोगों की आजीविका एवं रोजमर्रा के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। कोरोना महामारी को रोकने व हराने के संघर्ष में पूरा देश संगठित होकर एक साथ खड़ा है।’कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया ने कहा, ‘कोराना वायरस से लड़ने के लिए आपकी सरकार द्वारा घोषित ’21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन’ का हम समर्थन करते हैं। मैं विश्वास दिलाती हूं कि इस महामारी को रोकने के लिए उठाए गए हर कदम में हम सरकार को अपना पूरा सहयोग देंगे।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने आग्रह किया कि कोरोना वायरस से लड़ रहे चिकित्साकर्मियों के लिए एन-95 मास्क एवं दूसरे सभी स्वास्थ्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने कहा कि मजदूरों और गरीबों को राहत देने के लिए न्याय योजना लागू करके उनके खातों में सीधी आर्थिक मदद भेजी जाए।


कोरोना संकट और केंद्र का ऐलान

नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार के द्वारा आम आदमियों,मजदूरों,गरीबों,पेंशनरों ,महिलाओं,बुजुर्गों,स्वास्थ्य कर्मचारियों सहित विभिन्न वर्गों के लिए राहत पैकेज का ऐलान कर दिए है। देश में अभी कोरोना संकट के चलते आम नागरिकों को किसी भी प्रकार से जींवन चर्या में परेशानी न हो इस लिए केंद्र सरकार ने अनेकों निर्णय लिए है। जिसे आप क्रम से नीचे देख सकते है।


उज्ज्वला योजना वाली महिलाओं को 3 महीने तक मुफ्त सिलेंडर। 
स्वयं सहायता समूहों को 10 लाख के बदले 20 लाख रूपये। 
दिहाड़ी मजदूरों गरीबों के लिए 1. 70 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान। 
स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए 50 लाख का बीमा। 
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना से 80 करोड़ लोगो को अन्न मिलेगा। 
गरीबों को अगले तीन महीनो तक 5 किलो गेहू या चावल मुफ्त। 
गरीबों को एक किलो दाल प्रति परिवार 3 महीनो तक। 
 अभी मिल रहे मुफ्त अनाज के अलावा 5 किलो गेहूं और एक किलो दाल 
8. 70 करोड़ किसानो के खाते में अप्रैल के पहले सप्ताह में 2000 रु. जमा। 
मनरेगा मजदूरों को 182 रु.के बदले 202 रु. 
बुजुर्ग,विधवा,दिब्यांगों को 1000 रु. अतिरिक्त पेंशन  तक। 
जनधन खाता वाली महिलाओं को 500 रु. तीन माह तक।


सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

सावधान रहें, सतर्कता बरतें।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मार्च 27, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-228 (साल-01)
2. शुक्रवार, मार्च 27, 2020
3. शक-1942,चैैत्र-शुक्ल पक्ष, तिथि- तीज, संवत 2077


4. सूर्योदय प्रातः 06:20,सूर्यास्त 06:38
5. न्‍यूनतम तापमान 14+ डी.सै.,अधिकतम-27+ डी.सै., बरसात की संभावना बनी रहेगी।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


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बुधवार, 25 मार्च 2020

21 दिन का महाभारतः प्रधानमंत्री

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को वीडियो कॉनफ्रेंसिंग के जरिए वाराणसी के लोगों से बातचीत की। इस दौरान कहा कि आज काबुल में गुरुद्वारे में हुए आतंकी हमले से मन काफी दुखी है।


मैं इस हमले में मारे गए सभी लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। इसके साथ ही पीएम मोदी,'महाराभारत का युद्ध 18 दिन में जीता था। अब कोरोना से 21 दिन में जीत की कोशिश है।'
इससे पहले मंगलवार को पीएम मोदी ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए अभूतपूर्व कदम उठाते हुए पूरे देश में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषित कर दिया, जोकि मंगलवार आधी रात से लागू हो गया। बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र बनारस है और वह दूसरी बार इसी क्षेत्र से जीतकर संसद पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री ने बीते दिन कोरोना वायरस के संक्रमण से मुकाबला करने के लिए स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये के केंद्रीय आवंटन का भी ऐलान किया। बीमारी के फैलने के डर से कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही 31 मार्च तक बंद की घोषणा कर रेल, सड़क और हवाई यातायात को स्थगित कर दिया था। हालांकि, आवश्यक वस्तुओं को देशभर में पहुंचाने के लिए माल की ढुलाई जारी रहेगी। दो राज्यों-पंजाब और महाराष्ट्र तथा एक केंद्रशासित प्रदेश-पुडुचेरी पहले ही अपने यहां कर्फ्यू लगा चुके हैं। 


गुरुद्वारे में आतंकी हमला, 8 की मौत

काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित गुरुद्वारे में बुधवार को आतंकवादियों ने हमला कर दिया। इसमें 27 श्रद्धालु मारे गए, वहीं 8 गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हमले में शामिल चार आतंकवादियों को अफगान सुरक्षा बल ने मार गिराया है।


काबुल के शोर बाजार स्थित गुरुद्वारे में हुए इस आतंकी हमले पर भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने क्षोभ व्यक्त करते हुए दिवंगतों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए घायलों के जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। विदेश मंत्रालय ने ऐसी घड़ी में अफगानिस्तान के हिन्दू और सिख समुदाय के प्रभावितों को तमाम जरूरी सहायता मुहैया कराने की बात कही है।
मंत्रालय की ओर से कहा गया कि ऐसे समय में जब कोरोना महामारी का रूप ले रही है, ऐसे समय में अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक स्थान पर कायराना हमला करना घटना को अंजाम देने वालों और उसका साथ देने वालों की शैतानी मानसिकता को प्रदर्शित करता है।


   


 


वायरस से निपटने की 'रचना' तैयार

लखनऊ। प्रदेश में कोरोना के अब तक कुल 38 संक्रमित पेशेंट है। 38 में से 11 लोग सही हो गए, अपने घर जा चुके हैं। बाकी 27 लोगों का इलाज चल रहा है, वह स्टेबल है। आज और कल तीन चार मरीजों का ठीक होने का समय पूरा होने वाला है। उनका टेस्ट होगा और उनके टेस्ट में वह नेगेटिव पाए जाते हैं, तो उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। आइसोलेशन बेड बढ़ाकर 10000 से 15000 बनाए जाएंगे अब तक 6000 तैयार किए जा चुके हैं। इसी प्रकार करेंटीएल करने के लिए 6000 प्रति बनाए गए हैं। 


पवन श्रीवास्तव


विवाद ग्रस्त डीएम-एसडीएम को हटाया

भोपाल। मध्‍य प्रदेश के नए मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कुछ अहम फैसले किए। उन्‍होंने निगम आयोग के सभी राजनैतिक मनोनयन निरस्त कर दिए हैं। इसके अलावा राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता और एसडीएम प्रिया वर्मा को हटा दिया गया है। दरअसल दोनों अफसर उस वक्त चर्चा में आए थे, जब सीएए के समर्थन में भाजपा की तिरंगा यात्रा के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की थी। इन दोनों अफसरों के मारपीट करते हुए वीडियो भी वायरल हुए थे। उसी भीड़ के दौरान एसडीएम प्रिया वर्मा के साथ कार्यकर्ताओं ने बाल खींच दिए थे।


इस मामले में पहले दो तरह की रिपोर्ट में कलेक्टर की क्लीन चिट मिल गई थी. पहली रिपोर्ट तत्कालीन डीजीपी वीके सिंह ने गृह विभाग को भेजी थी। इसमें राजगढ़ एसडीओपी से जांच कराई गई थी. जांच में कलेक्टर पर एएसआई को थप्पड़ मारने के आरोप सही पाए गए. जबकि दूसरी जांच राजगढ़ एडीएम ने की थी इसमें थप्पड़ का जिक्र ही नहीं किया गया था।


वहीँ रीवा नगर निगम कमिश्नर सभाजीत यादव को भी ह‍टा दिया गया है। निधि वही अधिकारी हैं जिन्‍होंने जनवरी में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे बीजेपी नेता को थप्‍पड़ मारा था। प्रिया वर्मा की प्रदर्शनकारियों से झड़प हुई थी। विवाद के बाद, शिवराज ने दोनों अधिकारियों पर सरकार के समर्थन में काम करने का आरोप लगाया था। अब सरकार बनने पर शिवराज ने दोनों के खिलाफ कार्रवाई की है।


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