सफ़ेद बाघ (व्हाइट टाइगर) एक ऐसा बाघ है जिसका प्रतिसारी पित्रैक (रिसेसिव पित्रैक) इसे हल्का रंग प्रदान करता है। एक अन्य आनुवंशिक अभिलक्षण बाघ की धारियों को बहुत हल्का रंग प्रदान करता है। इस प्रकार के सफ़ेद बाघ को बर्फ-सा सफ़ेद या "शुद्ध सफे़द" कहते हैं। सफ़ेद बाघ विवर्ण नहीं होते हैं और इनकी कोई अलग उप-प्रजाति नहीं है और इनका संयोग नारंगी रंग के बाघों के साथ हो सकता है। हालांकि (लगभग) इस संयोग के परिणामस्वरूप जन्म ग्रहण करने वाले शावकों में से आधे शावक प्रतिसारी सफ़ेद पित्रैक की वजह से विषमयुग्मजी हो सकते हैं और इनके रोएं नारंगी रंग के हो सकते हैं। इसमें एकमात्र अपवाद तभी संभव है जब खुद नारंगी रंग वाले माता-पिता पहले से ही एक विषमयुग्मजी बाघ हो, जिससे प्रत्येक शावक को या तो दोहरा प्रतिसारी सफ़ेद या विषमयुग्मजी नारंगी रंग के होने का 50 प्रतिशत अवसर मिलेगा! अगर दो विषमयुग्मजी बाघों या विषमयुग्मजों का संयोग होता है तो उनसे जन्मे शावकों में से 25 प्रतिशत शावक सफ़ेद, 50 प्रतिशत विषमयुग्मजी नारंगी (सफ़ेद पित्रैक वाहक) और 25 प्रतिशत सफ़ेद पित्रैक विहीन समयुग्मजी नारंगी रंग के होंगे! 1970 के दशक में शशि और रवि नामक नारंगी रंग के विषमयुग्मजी बाघों की एक जोड़ी ने अलीपुर चिड़ियाघर में 13 शावकों को जन्म दिया जिसमें से 3 सफ़ेद रंग के थे। अगर दो सफ़ेद बाघों का संयोग कराया जाता है तो उनके सभी शावक समयुग्मजी और सफ़ेद रंग के होंगे! सफ़ेद पित्रैक वाला एक समयुग्मजी बाघ कई विभिन्न पित्रैकों की वजह से विषमयुग्मजी या समयुग्मजी भी हो सकता है। एक बाघ विषमयुग्मजी (विषमयुग्मज) है या समयुग्मजी (समयुग्मज), यह इस बात पर निर्भर करता है कि किस पित्रैक पर चर्चा की जा रही है। अन्तःसंयोग समयुग्मता को बढ़ावा देता है जिसका इस्तेमाल सफ़ेद बाघ पैदा करने में किया जाता है।
शनिवार, 7 सितंबर 2019
पेयजल की उपलब्धता एवं संदूषण
दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में अपरिष्कृत पानी के प्रदूषण का सबसे आम स्रोत मानव मल (नालों से बहने वाला गंदा पानी) और विशेष रूप से मल संबंधी रोगाणु और परजीवी हैं। वर्ष 2006 में जलजनित रोगों से प्रति वर्ष 1.8 मिलियन लोगों के मारे जाने का अनुमान था जबकि लगभग 1.1 मिलियन लोगों के पास उपयुक्त पीने के पानी का अभाव था। यह स्पष्ट है कि दुनिया के विकासशील देशों में पर्याप्त मात्रा में अच्छी गुणवत्ता के पानी, जल शुद्धीकरण तकनीक और पानी की उपलब्धता एवं वितरण प्रणालियों तक लोगों की पहुंच होना आवश्यक है। दुनिया के कई हिस्सों में पानी का एकमात्र स्रोत छोटी जलधाराएं हैं जो अक्सर नालों की गंदगी से सीधे तौर पर संदूषित होती हैं।
अधिकांश पानी को उपयोग करने से पहले किसी प्रकार से उपचारित करने की आवश्यकता होती है, यहां तक कि गहरे कुओं या झरनों के पानी को भी उपचार की सीमा पानी के स्रोत पर निर्भर करती है। जल उपचार के उचित तकनीकी विकल्पों में उपयोग के स्थान (पीओयू) पर सामुदायिक और घरेलू दोनों स्तर के डिजाइन शामिल हैं। कुछ बड़े शहरी क्षेत्रों जैसे क्राइस्टचर्च, न्यूजीलैंड को पर्याप्त मात्रा में पर्याप्त रूप से शुद्ध पानी उपलब्ध है जहां अपरिष्कृत पानी को उपचारित करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है।
पिछले दशक के दौरान जलजनित रोगों को कम करने में पीओयू उपायों की सफलता सुनिश्चित करने के लिए एक बढ़ती हुई संख्या में क्षेत्र के आधार पर अध्ययन किये गए। बीमारी को कम करने में पीओयू विकल्पों की क्षमता समुचित रूप से प्रयोग किये जाने पर सूक्ष्म रोगाणुओं को हटाने की उनकी क्षमता और उपयोग में आसानी एवं सांस्कृतिक औचित्य जैसे सामाजिक कारकों दोनों की एक कार्यप्रणाली है। तकनीकें अपनी प्रयोगशाला-आधारित सूक्ष्मजीव पृथक्करण क्षमता के प्रयोग की तुलना में ज्यादातर (या कुछ हद तक) स्वास्थ्य लाभ उत्पन्न कर सकती हैं।
पीओयू उपचार के मौजूदा समर्थकों की प्राथमिकता एक स्थायी आधार पर एक बड़ी संख्या में कम आय वर्ग के परिवारों तक पहुंचने की है। इस प्रकार पीओयू उपाय एक महत्वपूर्ण स्तर तक पहुंच गए हैं लेकिन इन उत्पादों का प्रचार-प्रसार और वितरण दुनिया भर के गरीबों के बीच किये जाने के प्रयास केवल कुछ ही वर्षों से चल रहे हैं।
आपात स्थितियों में जब पारंपरिक उपचार प्रणालियां काम नहीं करती हैं, जल जनित रोगाणुओं को को उबालकर मारा या निष्क्रिय किया जा सकता है लेकिन इसके लिए प्रचुर मात्रा में इस ईंधन के स्रोतों की आवश्यकता होती है और ये उपभोक्ताओं पर भारी दबाव दाल सकते हैं, विशेष रूप से जहां स्टेराइल स्थितियों में उबले हुए पानी का भंडारण करना मुश्किल होता है और जो कुछ सन्निहित परजीवियों जैसे कि क्रिप्टोस्पोरीडम या बैक्टेरियम क्लोस्ट्रीडियम को मारने का एक विश्वसनीय तरीका नहीं है। अन्य तकनीकों जैसे कि निस्पंदन (फिल्टरेशन), रासायनिक कीटाणुशोधन और पराबैंगनी विकिरण (सौर यूवी) सहित में रखने को कम आय वर्ग के देशों के उपयोगकर्ताओं के बीच जल-जनित रोगों के स्तर को काफी हद तक कम करने के लिए एक अनियमित नियंत्रण की श्रृंखला के रूप में देखा गया है।
पीने के पानी की गुणवत्ता के मानदंड आम तौर पर दो श्रेणियों के तहत आते हैं: रासायनिक,भौतिक और सूक्ष्म जीवविज्ञानी। रासायनिक,भौतिक मानदंडों में भारी धातु, कार्बनिक यौगिकों का पता लगाना, पूर्ण रूप से मिले हुए ठोस पदार्थ (टीएसएस) और टर्बिडिटी (गंदलापन) शामिल हैं। सूक्ष्म जीवविज्ञानी मापदंडों में शामिल हैं। कैलिफॉर्म बैक्टीरिया, ई. कोलाई और जीवाणु की विशिष्ट रोगजनक प्रजातियां (जैसे कि हैजा-उत्पन्न करने वाली विब्रियो कॉलेरा), वायरस और प्रोटोज़ोअन परजीवी।
यमाचार्य नचिकेता वार्ता (धर्मवाद)
मुनिवरो, हम पूर्व की भांति आपके समक्ष कुछ मनोहर वेद मंत्रों का गुणगान गाते चले जा रहे हैं। तुम्हें भी प्रतीत हो गया होगा। आज हमने पूर्व से जिन वेद मंत्रों का पठन-पाठन किया। हमारे यहां परंपरागत उससे ही उस मनोहर वेद वाणी का प्रसार होता रहता है। जिस पवित्र वेद वाणी में उस मेरे देव परमपिता परमात्मा की प्रतिभा का वर्णन किया जाता है। क्योंकि वह परमपिता परमात्मा महान और प्रतिभाशाली कहलाया जाता है। उसीकी चेतना से ही यह जगत चैतन्य हो रहा है। जितना भी है जडवत संसार है अथवा चेतन जगत है। उनको क्रिया में लाने वाला है अथवा क्रियाशील बना रहता है। एक मनोनीत चेतना के लाई जाती है। उसी की चेतना में यह सर्वत्र ब्रह्मांड क्रियाशील दृष्टिपात आ रहा है। आज का हमारा वेद का ऋषि हमें यह कह रहा है कि यह नाना प्रकार की प्रेरणा दे रहा है और यह कह रहा है। हे मानव,तू अपने जीवन को उधरवागति में ले जाने का प्रयास कर। उधरवागति में कौन जाता है? उधरवागती हम किसे कहते हैं? हमारे आचार्यों ने यह माना है कि सर्वत्र इंद्रियों में उस परमपिता परमात्मा की प्रतिभा का ही वर्णन होता रहता है। अथवा उसी महान, उसकी महानता निहित रहती है। हमारी प्रत्येक इंद्रियों में धर्म और मानवता समाहित रहती है। हमें विचारना चाहिए कि मानव का धर्म और मानवता दोनों का कितना घनिष्ठ संबंध है? क्योंकि धर्म उसे कहा जाता है जिसको मानव अपने में धारण कर लेता है और धर्म उसे कहते हैं जो धर्म मानव इंद्रियों में समाहित रहता है। वह धर्म नहीं कहा जाता, वह स्वत ही उसमें निहित रहता है। प्रत्येक इंद्रिया धर्म के सूत्र में पिरोई हुई रहती है। इस सूत्र को धारण करने के पश्चात मानव का जीवन धन्य हो जाता है।वह जो धर्म है मुनवरो 'इंद्रिया वृहे व्रत् लोकामं' धर्म रूपी सूत्र में संसार पिरोया हुआ है ।यहां नाना लोक लोकांतर पिरोए हुए रहते हैं। परंतु आज हमें धर्म को जानना है। मैंने धर्म के संबंध में बहुत सी विवेचना पुरातन काल में प्रकट करते हुए कहा है कि मानव को वास्तव में धर्म को जानना चाहिए। क्योंकि धर्म एक सूत्र है जिस सूत्र में प्रत्येक परमाणु पिरोया हुआ है। लोक-लोकांतर पिराया हुआ है और वह ॠत और सत में भ्रमण करता हुआ मानव को उज्जवलता प्रकट करता रहता है। उज्जवल बनाता रहता है। मुझे वह काल स्मरण आता रहता है जिस काल में याज्ञवल्क्य मुनि महाराज अपने आश्रम में विद्यमान रहते थे। ब्रह्मचारीओं के मध्य में विराजमान होकर के कर्मचारियों से उच्चारण कर रहे थे। हे ब्रह्मचरयो, धर्म के ऊपर निरंतर चिंतन करना प्रारंभ करेंगे। वह काल स्मरणन आने लगता है तो हृदय गदगद हो जाता है। मेरी याज्ञवल्क्य मुनि महाराज के आश्रम में नाना ब्रह्मचारी प्रातः कालीन नाना समाधियों को लेकर आचार्यों के चरणों में ओत-पौत हो गए और ऋषि से कहते हैं
।महाराज ,हम यज्ञ करना चाहते हैं ब्रह्मचारी जब कहते हैं कि यज्ञ करना चाहते हैं तो ऋषि कहते हैं। यज्ञ किससे कर रहे हो ।उन्होंने कहा कि अब मैं समाधी के द्वारा यज्ञ कर रहा हूं। समिधा किसे कहते हैं। समिधा उसे कहते हैं जो अग्नि को चैतन्य कर देती है। परंतु अग्नि कैसे होती है यह समाधिओ के द्वारा होती रहती है। और समिधा जब अग्नि में प्रवेश कर जाती है तो अग्नि उदिप्त हो जाती है। इसी प्रकार यहां समिधा जहां काष्ट की समिधा होती है ।जहां वृक्ष की समिधा होती है। मुनिवरो, देखो मानव के शरीर में जो यज्ञ होता है। उसकी समिधा क्या है? ब्रह्मचारी, ऋषि याज्ञवल्क्य मुनि महाराज कहते हैं हे ब्रह्मचारयो, तुम्हारे हृदय में जो अग्नि प्रदीप्त हो रही है। उसकी समिधा क्या है। उसका वजस्व कौन है, उसका उदबुद करने वाला कौन है? वेद के ऋषि ने जब ऐसा कहा तो ब्रह्मचारी कहते हैं। हे प्रभु, हमारे शरीर की जो अग्नि उदबुद होती है। उसकी समिधा ज्ञान है, उसकी संमिधा विवेक है, जिसको धारण करने के पश्चात मानव का जीवन धन्य हो जाता है और यह संसार उदबूद स्वाहा कह करके अपनी वाणी से आंतरिक, अपने को ब्रह्म-जगत में प्रवेश करा देता है और कहीं-कहीं ब्रह्मा-जगत की अग्नि को आंतरिक जगत में प्रवेश करा देता है। तो परिणाम क्या? यह जो विशाल अग्नि है उस अग्नि को हम अपने में धारण करना चाहते हैं ।जो अग्नि लोको में सूर्य को प्रकाश मान बना रही है। तेजोमयी बना रही है। वही अग्नि है जो पृथ्वी के गर्भ में प्रवेश होकर के नाना प्रकार के खाद और खनिजों को उत्पन्न कर रही है। वह जो बननती है, जो नाना प्रकार की वनस्पतियों को ऊंचा बना रही है। वही अग्नि है जो माता के गर्भ स्थल में एक बिंदु प्रवेश करता है। उसे एक बिंदु के प्रवेश करने पर परमाणु की व्यवस्था परमाणु विभक्त हो जाते हैं और परमाणु अपने आंगन में गति करना प्रारंभ करते हैं। जब माता के गर्भ में परमाणु गति करते हैं। उन्ही प्रमाणुओ में से वह धर्मम् जबपृहे लोका: वेद का ऋषि कहता है। अपने-अपने धर्म अपनी-अपनी आभा में, अपने-अपने कारण में, प्रत्येक प्रमाण लय हो करके हम जैसे पुत्रों का निर्माण माता के गर्भ स्थल में करता है।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
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september 08, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254
1.अंक-36 (साल-01)
2.शनिवार,08सितबंर 2019
3.शक-1941,भादप्रद शुक्लपक्ष दशमी,विक्रमी संवत 2076
4. सूर्योदय प्रातः 5:57,सूर्यास्त 6:43
5.न्यूनतम तापमान -26 डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी, उमस बनी रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्ंकरण) प्रकाशित।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102
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शुक्रवार, 6 सितंबर 2019
जनता पर चालान का बोझ,पुलिस की मौज
आम जनता पर चालान का बोझ, वर्दी धारी कर रहे मौज
वाराणसी। अब इस महाशय वर्दी धारी को देख लीजिये ये वाराणसी पुलिस के सिपाही हैं, बिना हेलमेट ये वाहन चलाते नजर आ रहे हैं, जब इनका चालान ऑनलाइन चेक किया गया तो इनके वाहन UP27K3049 का बिमा 2008 में समाप्त हो चूका था, ये तस्वीर सिगरा थाना क्षेत्र के कैन्ट रेलवे स्टेशन के बाहर रोड की हैं। परंतु इनका अभी तक कोई चालान नही कटा हैं, जबकि वाहन चेकिंग अभियान तो काफ़ी समय से चल रहा है। लेकिन इनके लिए क्यों नही, इनके जैसे पता नही कितने वर्दी धारी होंगे जो ट्रैफिक नियम की धज्जियां उड़ाते हैं, परंतु ट्रैफिक विभाग के लोग सब देख कर भी अनदेखा कर देते हैं।, आखिर ऐसा क्यों? क्या ये पुलिस विभाग के हैं तो इनके ऊपर कोई नियम कानून लागू नही होता हैं... जबकि शहर में अभियान चला कर वाहनों की चेकिंग की जा रही हैं, परंतु इन जनाब पर आखिरकार किसी ट्रैफिक पुलिस या अधिकारी की नज़र क्यों नही पड़ी इतने सालों से बिना बिमा की इनकी गाड़ी शहर में दौड़ रही हैं, वही आम पब्लिक का चालान पर चालान किया जा रहा हैं, बस ये आम जनता के ऊपर ही चालान का बोझ लागू होता है , आखिर इनके ऊपर ट्रैफिक पुलिस और पुलिस अधिकारियों की निगाहें अभी तक क्यों नही पड़ी? क्या ये महाशय वर्दीधारी हैं इसलिए इनके ऊपर कोई नियम कानून लागू नही होते?
दुख:पहुंचा मजदूर का शव,परिजन बेहाल
अविनाश श्रीवास्तव
इलिया के मजदूर का शव पहुंचा गांव, गर्भवती पत्नी व बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल
चंदौली। महाराष्ट्र कमाने गए जनपद के इलिया थानान्तर्गत खखड़ा निवासी मजदूर दिलीप उम्र (32) का शव शुक्रवार को गाँव पहुँचते ही कोहराम मच गया। बता दें क मजदूर दिलीप दो हफ्ता पहले ही अपने पिता प्यारे राम के साथ महाराष्ट्र के नागपुर के पास क्रेशर में काम करने गया था। गुरूवार को भोर में काम के दौरान अचानक गिट्टी भहराकर मजदूर दिलीप के ऊपर गिर गया। जिससे मजदूर दिलीप कि मौके पर मौत हो गयी। पोस्टमार्टम के बाद निजी एम्बुलेंस से मजदूर का शव शुक्रवार को दोपहर में खखड़ा गाँव में लाया गया। मृतक के तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं तथा पत्नी गर्भवती है। बच्चों व पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। शव देखते ही गांव में कोहराम मच गया। मौके पर पहुँचे ग्राम प्रधान रविन्द्र सिंह, योगेश कुमार, रतीश कुमार, गुड्डु सिंह, अशोक कुमार, सतीश, घासी राम, चंद्रमा, विजय आदि ने शासन से मुआवजा की मांग की है।
25 हजार का इनामी, मुठभेड़ में घायल
अश्वनी उपाध्याय
पुलिस मुठभेड़ में 25 हजार* *रुपये का एक इनामी/वाछिंत बदमाश
गाजियाबाद। थाना विजयनगर पुलिस द्वारा दौराने चैकिंग काशीराम हिंडन पुल पुस्ता रोड के पास समय करीब 21:00 बजे एक मोटरसाइकिल पर सवार 02 संदिग्ध व्यक्ति को रोकने का इशारा किया गया पर नही रुके तथा भागते हुए जान से मारने की नियत से पुलिस पार्टी पर फायर किया गया। पुलिस पार्टी की जवाबी फायरिंग में बदमाश सुहेल उर्फ आशु पुत्र अनीस अहमद निवासी D-1418 गली नं.13 थाना गोविंदपुरी दिल्ली को गोली लगने से घायल हो गया है व दूसरा बदमाश मौके से फरार हो गया है। जिसकी तलाश जारी है । पुलिस मुठभेड़ में घायल बदमाश सुहेल व मुख्य आरक्षी अरुण कुमार को उपचार हेतु अस्पताल में भर्ती किया गया है। गिरफ्तार अभियुक्त सुहेल थाना विजयनगर के मु0अ0सं0-809/19 धारा 392 भादवि में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गाजियाबाद द्वारा 25 हजार रुपये का पुरस्कार घोषित अपराधी है तथा थाना विजयनगर के मु0अ0सं0- 856/19 धारा 307 भादवि पुलिस मुठभेड़ में वांछित अपराधी है। अभियुक्तगण के कब्जे से 01 तमंचा 315 बोर मय 02 खोखा, 02 जिन्दा कारतूस, एक मोटरसाइकिल बरामद हुई है। गिरफ्तार अभियुक्त के विरुद्ध लूट,चोरी व पुलिस मुठभेड़ के लगभग एक दर्जन अभियोग पंजीकृत है।
हटकर:एसएसपी ने चलाया श्रेष्ठ अभियान
मुजफ्फरनगर पुलिस नशे के सोदाग़रो पर लगा रही लग़ाम
थानां सिविल लाइन पुलिस ने नशे की गोलीयों के साथ दो को गिरफ्तार कर भेजा जेल
तस्लीम बेनकाब
मुजफ्फरनगर। एसएसपी अभिषेक यादव के कुशल एवं प्रभावी निर्देशन में व पुलिस अधीक्षक नगर सतपाल अंतिल के नेतृत्व में नशाखोरी के खिलाफ मुजफ्फरनगर पुलिस जबरदस्त अभियान चलाए हुए हैं तथा नशा करने वाले व नशा के कारोबार करने वाले अपराधियों को मुजफ्फरनगर पुलिस गिरफ्तार कर जेल की हवा खिला रही है।
इसी क्रम में थाना प्रभारी सिविल लाइन समय पाल अत्री के नेतृत्व में एस आई अनित यादव व हैड कॉस्टेबल अरविंद कुमार ने नशे के सौदागरो पर नकेल कसते हुए दो शातिर नशा का कारोबार करने वाले को नशे की 500, 500 गोली के साथ आर्य समाज रोड डीएवी कॉलेज के पास से गिरफ्तार किया। पकड़े गए दोनों शातिर नशे की गोलियों का कारोबार करते थे। पकड़े गए दोनों आरोपियों का नाम रिहान पुत्र इनाम पठान निवासी दीन मोहम्मद कॉलोनी सुजड़ू थाना कोतवाली व दूसरे आरोपी का नाम साकिब पुत्र शहजाद निवासी दीन मोहम्मद कॉलोनी सुजड़ू थाना कोतवाली मुजफ्फरनगर हैं पकड़े गए दोनो आरोपियों से 500/500 नशे की गोलियां थानां सिविल लाइन पुलिस ने बरामद कर दोनो आरोपियों के खिलाफ़ मुकदमा लिख कर भेजा जेल। वही थानां सिविल लाइन पुलिस के द्वारा इस नशे के कारोबार करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार करने पर यकीनन नशे पर काफी हद तक अंकुश लगेगा।
लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर
कांकेर। जिले के कोयलीबेड़ा विकासखंड में भारी बारिश के चलते लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जानकारी के अनुसार कोयलीबेड़ा में पिछले 36 घण्टे से हो रही लगातार भारी बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं। जिसके चलते सवारी वाहनों के पहिये भी थम गए हैं और कोयलीबेड़ा का संपर्क भी टूट गया है। कोयलीबेड़ा-अंतागढ़ मार्ग को जोडऩे वाला दोनों पुलों से लगभग 5 से 6 फीट ऊपर पानी बह रहा है। इससे आमजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बंधक बनाकर, बारी-बारी 6 ने किया रेप
अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में गैंगरेप की एक बड़ी घटना सामने आई है। इस बार गैंगरेप कि पीड़िता आंगनबाड़ी सहायिका हुई है। 6 लोगों ने बंधक बनाकर पीड़िता के साथ बारी-बारी से रेप किया। पुलिस ने छह के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इंसानियत को शर्मसार करने वाला यह मामला अंबिकापुर के लोधिमा गांव का है। जहां आधा दर्जन युवकों ने आंगनबाड़ी सहायिका को बंधक बनाकर उसकी असमत लूट ली। पीड़िता की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है।
11 साल बाद मिशन पूरा: चद्रंयान-2
दिल्ली। चंद्रयान 2 भारत का वो मिशन है, जिसका इंतजार हर हिंदुस्तानी कर रहा है। चंद्रयान-2 का विक्रम कुछ घंटों के बाद चांद पर अपना कदम रखेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिकों ने इस मिशन को सफल बनाने के लिए दिन-रात मेहनत की है और ऐसे में अंतिम समय में हर कोई इसके सफल होने की कामना कर रहा है। 18 सितंबर, 2008 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चंद्रयान-2 मिशन को मंजूरी दी थी। अब आज 11 साल बाद ये मिशन पूरा होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आज रात बेंगलुरु में इसरो सेंटर में मौजूद रहेंगे और इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनेंगे। चंद्रयान-2 का विक्रम देर रात 01.30 से लैंड करना शुरू करेगा, ये प्रक्रिया सात सितंबर सुबह 5 बजे तक जारी रहेगी। भारत का ये मिशन चंद्रयान-2 कई बातों में खास है, मिशन से जुड़ी कई जानकारियां ऐसी हैं जिन्हें हर किसी को जानना जरूरी है। क्योंकि भारत के वैज्ञानिक इतिहास रचने के कगार पर खड़े हैं। इसरो की आधिकारिक वेबसाइट www.isro.gov.in पर इस मिशन की कुछ अहम जानकारियां साझा की गई हैं।
बरसात से गिरी बाउंड्री,दो लोगों की मौत
रायपुर। छत्तीसगढ़ में मौसम विभाग से मूसलाधार बारिश का अलर्ट जारी किया। मौसम विभाग ने कुछ इलाकों के रेड और अधिकांश इलाकों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश भर में रुक रुककर तेज़ गरज और चमक के साथ बारिश होगी। राजधानी रायपुर में बारिश का बड़ा असर देखा जा रहा है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश होने से यातायात पूरी तरह प्रभावित हुआ है। नदी-नाले उफान पर हैं, जिसकी वजह से पानी सड़कों तक पहुंच गया है। रायपुर के अलावा बस्तर और दुर्ग संभाग के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। बस्तर में मूसलाधार बारिश हो रही है जिससे वहां नदी-नाले पूरे उफान पर हैं। एक बार फिर जिले में भारी बारिश से बाढ़ की स्थिति बन गई है। नदियों और नालों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है जिससे सड़कों पर पानी ही पानी दिखाई दे रहा है जिसकी वजह से छोटी गाड़ियों का आवागमन पूरी तरह बाधित हो चुका है। जगदलपुर से आंध्रप्रदेश को जोड़ने वाली NH 30 सड़क पंडरी पर पानी तीन फीट से ऊपर से बह रहा है। लगातार जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है। जिसकी वजह से एक बार फिर क्षेत्र में बाढ़ का खतरा हो सकता है। वही महादेव घाट में कलेक्ट्रेट बंगला से सटे झोपड़पट्टी के ऊपर बाउंड्री वाल गिर जाने से 2 लोगों की मौत हो गई। यह घटना रात को 12:30 बजे की है ,उस वक्त बहुत तेज बारिश के साथ बिजली कड़क रही थी। बारिश से दीवाल गिर जाने की वजह से झोपड़पट्टी के ऊपर सो रहे मां और 15 साल का बेटा दोनों की मौत मौके पर हो गई। मौसम विभाग के मुताबिक निचले दवाब का क्षेत्र बना हुआ है। मुंबई के तटीय इलाके में दवाब के क्षेत्र का असर ही छत्तीसगढ़ में देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग ने 48 घंटे का अलर्ट जारी किया गया है । आपको बता दे कि छत्तीसगढ़ का मैदानी इलाका अल्प बारिश से जूझ रहा है। किसानी में भी इसका बड़ा असर दिख रहा है।
सेवा-मिल्कियत अलग-अलग है:धवन
हर्मेश भाटिया
नई दिल्ली। अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में 20 वें दिन की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने बहस की शुरुआत की। राजीव धवन ने कहा कि निर्मोही अखाड़ा 1734 से अस्तित्व का दावा कर रहा है। मैं कह सकता हूं कि निर्मोही अखाड़ा 1885 में बाहरी आंगन में था और वह वहां रहा है। धवन ने कहा कि राम चबूतरा बाहरी आंगन में है, जिसे राम जन्म स्थल के रूप में जाना जाता है और मस्जिद को विवादित स्थल माना जाता है।
धवन ने निर्मोही अखाड़े के गवाहों के दर्ज बयानों पर जिरह करते हुए महंत भास्कर दास के बयान का हवाला दिया और कहा कि उन्होंने माना कि मूर्तियों को विवादित ढांचे में रखा गया था। राजीव धवन ने केके नायर, गुरु दत्त सिंह, डीएम और सिटी मजिस्ट्रेट की 1949 की तस्वीरें कोर्ट को दिखाईं। राजीव धवन ने राजाराम पांडे और सत्यनारायण त्रिपाठी के बयानों में विरोधाभास के बारे में सुप्रीम कोर्ट को बताया।धवन ने कहा कि ऐसा लगता है कि कई गवाहों के बयानों को प्रभावित किया गया। एक गवाह के बारे में धवन ने कहा कि उसने 14 साल की उम्र में आरएसएस ज्वाइन किया था, बाद में आरएसएस और व्हीएचपी ने उसको सम्मानित भी किया। धवन ने एक गवाह के बारे में कहा कि गवाह ने 200 से अधिक मामलों में गवाही दी है और विश्वास करता है कि एक झूठ बोलने में कोई नुकसान नही है। राजीव धवन ने अपनी दलील में कहा कि मंदिर की जमीन जबरदस्ती छीनी गई है।जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इन विरोधाभासों के बावजूद आप यह मान रहे हैं कि निर्मोही अखाड़ा अपनी शेवियत के अधिकार स्थापित कर लिया है। राजीव धवन ने कहा कि मैं उनको झूठा नहीं कह रहा हूं लेकिन मैं यह समझना चाह रहा हूं कि वह खुद को शेवियत तो बता रहे हैं लेकिन उनको नहीं मालूम की कब से शेबेट हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर आप निर्मोही अखाड़े के अस्तित्व को मान रहे हैं तो उनके संपूर्ण साक्ष्य को स्वीकार किया जाएगा। राजीव धवन ने कहा कि कुछ कहते हैं कि 700 साल पहले कुछ उससे भी पहले का मानते हैं। मैं निर्मोही अखाड़े की उपस्थिति सन 1855 से मानता हूं। 1885 में महंत रघुबर दास ने मुकदमा दायर किया। हम 22-23 दिसंबर 1949 के बयान पर बात कर रहे हैं।
धवन बोले रामलला के अंतरंग सखा को सिर्फ पूजा का अधिकार। जमीन पर हक के दावे का अधिकार नहीं। जस्टिस नज़ीर ने धवन से पूछा कि कल तो आपने सह अस्तित्व की बात की थी आज आप कुछ और बोल रहे हैं। धवन ने कहा मैं बदलाव नहीं भूमि पर मिल्कियत की बात कर रहा हूं। सेवा उपासना और मिल्कियत अलग-अलग हैं। निर्मोही अखाड़े के मिल्कियत के दावे को खारिज करते हुए धवन बोले कि इन्होंने इस सम्पदा के लिए 'बिलांग' शब्द कहा। लेकिन इस बिलांग शब्द का मतलब मालिकाना हक कतई नहीं है। यह तो टर्म ऑफ आर्ट है। यानी वाक कला और शब्दों का कलात्मक प्रयोग है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया दो हफ्ते का वक्त
नई दिल्ली। उन्नाव रेप केस में रायबरेली में हुए सड़क हादसे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को और दो हफ्ते का वक्त दिया है। इन मामलों की सुनवाई कर रही दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट के जज ने पीड़ित लड़की का बयान दर्ज कराने के लिए एम्स में अस्थायी कोर्ट लगाने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि वो जज की इस मांग पर जल्द फैसला लें। तीस हजारी कोर्ट के जज ने ट्रायल पूरा करने के लिए 45 दिन की समयसीमा को बढ़ाए जाने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत देते हुए कहा कि आगे भी समयसीमा बढ़ाए जाने की जरूरत महसूस होने पर वो सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं।पिछले दो सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले की सुनवाई कर रही दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट से पूछा था कि मामले की सुनवाई करने में कितना समय लगेगा। दरअसल इस मामले के एक आरोपित शशि सिंह ने कोर्ट को बताया कि इस केस से जुड़े दुर्घटना मामले में सीबीआई की ओर से अभी तक आरोपपत्र दाखिल नहीं किया गया है।
पीड़िता बोली- हादसे के पीछे सेंगर का हाथ
उन्नाव रेप पीड़िता ने पत्रकारो से बात करते हुए बताया है कि कार-ट्रक दुर्घटना के पीछे कुलदीप सिंह सेंगर का हाथ है। उसी ने मुझे मारने की साजिश रची है। पीड़िता ने एम्स अस्पताल के बेड से फोन पर ये बात-चीत की। 28 जुलाई को रायबरेली हाईवे पर कार और ट्रक आपस में भिड़ गए थे। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी एवं पीड़िता और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
कटा चालान तो बाइक में लगाई आग
नई दिल्ली। एक चौंकाने वाला ताजा मामला राजधानी दिल्ली के शेख सराय फेज 1 इलाके से सामने आया है। जहाँ ट्रैफिक पुलिस द्वारा चालान काटे जाने से गुस्साए युवक ने अपनी ही बाइक को आग लगा दी। जिससे वहा हडकंप मच गया। जानकारी के मुताबिक फेज 1 इलाके में ट्रैफिक पुलिस वाहनों की चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान राकेश नाम का शख़्स पहुंचा। आरोप है कि वह शराब के नशे में धुत था। जिसका विडियो भी सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है।
दिल्ली के शेख सराय इलाके में एक बाइक सवार ने ट्रैफिक पुलिस द्वारा चालान काटने के बाद नाराज़ होकर अपनी बाइक में आग लगाई,पुलिस के मुताबिक बाइक सवार नशे की हालत में लग रहा है,मेडिकल जांच कराई जा रही है
जानकारी के मुताबिक बताते चले चालान करने के बाद पुलिस ने उसकी बाइक को भी जब्त कर लिया। तभी राकेश को इतना गुस्सा आया कि उसने अपनी बाइक को आग के हवाले कर दिया। बाइक सवार की इस हरकत से ट्रैफिक पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया। इसके बाद फायर की गाड़ियों ने पहुंचकर आग बुझाई। पुलिस ने बाइक सवार को हिरासत में ले लिया है। पुलिस के मुताबिक आरोपी शराब के नशे में लग रहा था, इसलिए उसका मेडिकल करवाया जा रहा है। इस मामले में केस भी दर्ज हो गया है। आपको बता दें कि नया मोटर व्हीकल एक्ट पास होने के बाद यातायात नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही हैै।
मंदिर के साथ मस्जिद भी आबाद रखी
नालंदा। हिन्दूओं का गांव है। यहां कोई मुस्लिम नहीं रहता है। यहां 100 साल पुरानी मस्जिद है। मस्जिद से 5 वक़्त की अज़ान होती है। मस्जिद को रोज़ाना धोया जाता है। वीरान पड़ी इस मस्जिद को आबाद गांव करनेवाला हिन्दू समुदाय है। हर रोज़ पांचों वक़्त की अज़ान होती है। गांव के हिन्दूओं को अज़ान नहीं आता तो वह टेप रिकार्डर से, पेन ड्राइव से या फिर मोबाइल पर अज़ान की रिकार्डिंग चलाते हैं।
ये मस्जिद बिहार के नालंदा ज़िले के मारी गांव में स्थित है, मस्जिद की ऊंची-ऊंची मीनारें हैं। यहां रहने वाले मुसलमानों ने 100 साल पहले मस्जिद बनवाई थी। कुछ 1947 के बंटवारे में पाकिस्तान चले गए तो कुछ रोजी रोज़गार के चक्कर में शहरों को पलायन कर गए। मस्जिद वीरान थी। लेकिन हिन्दूओं ने मंदिर के साथ-साथ मस्जिद को आबाद रखा है।गांव में जब किसी हिन्दू की शादी होती है तो वह मस्जिद जाकर इबादत करता है। समाज में ऐसी खबरों को फैलाया जाना चाहिए। ये ख़बर ना सिर्फ़ मन को अंदर तक सुकून देती हैं। बल्कि इस बात का हौसला देती हैं समाज में बाप-दादा की गंगा-जमुनी तहज़ीब की विरासत ज़िदा है। मेरा उस गांव के हर हिन्दू को लाख-लाख सलाम। सलाम इसलिए नहीं की उन्होंने मस्जिद को आबाद रखा है। बल्कि सलाम इसलिए इस मुल्क़ की आत्मा को ज़िदा रखा है। भारत की एकता में अनेकता और अखंडता का समप्रभुत्व स्थापित किया है।
अप्रिय खबर मिल सकती है:वृश्चिक
राशिफल
वृष-कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। योजना फलीभूत होगी। घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी। कारोबार से लाभ होगा। नौकरी में जवाबदारी बढ़ सकती है। घर-बाहर सभी ओर से सफलता प्राप्त होगी। प्रमाद न करें।
मिथुन-पूजा-पाठ में मन लगेगा। किसी संत-महात्मा का आशीर्वाद मिल सकता है। राजकीय बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति निर्मित होगी। पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रमाद न करें।
कर्क-चोट व दुर्घटना से बचें। शारीरिक हानि हो सकती है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कारोबार ठीक चलेगा। नौकरी में कलह हो सकती है। निवेश इत्यादि में जल्दबाजी न करें। आय बनी रहेगी।
सिंह-विवाह के उम्मीदवारों को विवाह का प्रस्ताव मिल सकता है। घर-परिवार की चिंता रहेगी। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। लाभ के अवसर अवसर हाथ आएंगे। समय की अनुकूलता का लाभ लें। धन प्राप्ति सुगम होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
कन्या-भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। शत्रुओं का पराभव होगा। संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। रोजगार में वृद्धि होगी। नए काम मिल सकते हैं। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। चिंता तथा तनाव में कमी होगी। प्रमाद न करें।
तुला-किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। परिवार के सदस्यों तथा मित्रों के साथ समय सुखद व्यतीत होगा। संगीत व चित्रकारी आदि के कार्य सफल तथा पूर्ण होंगे। एकाग्रता बनी रहेगी। अध्ययन में मन लगेगा। धनार्जन होगा।
वृश्चिक-बुरी खबर मिल सकती है। दौड़धूप अधिक रहेगी। वाणी में हल्के शब्दों के इस्तेमाल से बचें। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। लाभ का प्रतिशत कम रहेगा। दूसरों की अपेक्षा बढ़ेगी। नौकरी में कार्यभार रहेगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा।
धनु-मेहनत का फल पूरा-पूरा प्राप्त होगा। रिश्तेदारों तथा मित्रों का सहयोग करने का अवसर प्राप्त होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। कारोबार मनोनुकूल चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। पारिवारिक सुख-शांति बनी रहेगी। प्रसन्नता रहेगी।
मकर-माता के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। खर्च होगा। शरीर के ऊपरी हिस्से में कष्ट संभव है। अच्छी खबर प्राप्त होगी। आत्मसम्मान बना रहेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी।
कुंभ-भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। पार्टनरों से मतभेद दूर होकर सहयोग मिलेगा। यात्रा मनोनुकूल रहेगी। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड लाभ देंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। कष्ट संभव है।
मीन-अप्रत्याशित बड़े खर्च सामने आएंगे। व्यवस्था में मुश्किल होगी। कानूनी अड़चन आ सकती है। लापरवाही न करें। वाणी पर नियंत्रण रखें। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। व्यापार-व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। धैर्य रखें।
नीला और हरे रंग का मोर (विविध)
मोर को कार्तिकेय (मुरुगन) का वाहन माना जाता है। प्रख्यात खग मोर अथवा मयूर एक पक्षी है। जिसका मूलस्थान दक्षिणी और दक्षिणपूर्वी एशिया में है। ये ज़्यादातर खुले वनों में वन्यपक्षी की तरह रहते हैं। नीला मोर भारत और श्रीलंका का राष्ट्रीय पक्षी है। नर की एक ख़ूबसूरत और रंग-बिरंगी फरों से बनी पूँछ होती है, जिसे वो खोलकर प्रणय निवेदन के लिए नाचता है! विशेष रूप से बसन्त और बारिश के मौसम में। मोर की मादा मोरनी कहलाती है। जावाई मोर हरे रंग का होता है।
बरसात के मौसम में काली घटा छाने पर जब यह पक्षी पंख फैला कर नाचता है तो ऐसा लगता मानो इसने हीरों से जरी शाही पोशाक पहनी हुई हो; इसीलिए मोर को पक्षियों का राजा कहा जाता है। पक्षियों का राजा होने के कारण ही प्रकृति ने इसके सिर पर ताज जैसी कलंगी लगायी है। मोर के अद्भुत सौंदर्य के कारण ही भारत सरकार ने 26 जनवरी,1963 को इसे राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया। हमारे पड़ोसी देश म्यांमार का राष्ट्रीय पक्षी भी मोर ही है। 'फैसियानिडाई' परिवार के सदस्य मोर का वैज्ञानिक नाम 'पावो क्रिस्टेटस' है। अंग्रेजी भाषा में इसे 'ब्ल्यू पीफॉउल' अथवा 'पीकॉक' कहते हैं। संस्कृत भाषा में यह मयूर के नाम से जाना जाता है। मोर भारत तथा श्रीलंका में बहुतायत में पाया जाता है। मोर मूलतः वन्य पक्षी है, लेकिन भोजन की तलाश इसे कई बार मानव आबादी तक ले आती है।
मोर प्रारम्भ से ही मनुष्य के आकर्षण का केन्द्र रहा है। अनेक धार्मिक कथाओं में मोर को उच्च कोटी का दर्जा दिया गया है। हिन्दू धर्म में मोर को मार कर खाना महापाप समझा जाता है। भगवान् श्रीकृष्ण के मुकुट में लगा मोर का पंख इस पक्षी के महत्त्व को दर्शाता है। महाकवि कालिदास ने महाकाव्य 'मेघदूत' में मोर को राष्ट्रीय पक्षी से भी अधिक ऊँचा स्थान दिया है। राजा-महाराजाओं को भी मोर बहुत पसंद रहा है। प्रसिद्ध सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के राज्य में जो सिक्के चलते थे, उनके एक तरफ मोर बना होता था। मुगल बादशाह शाहजहाँ जिस तख्त पर बैठते थे, उसकी संरचना मोर जैसी थी। दो मोरों के मध्य बादशाह की गद्दी थी तथा पीछे पंख फैलाये मोर। हीरों-पन्नों से जरे इस तख्त का नाम तख्त-ए-ताऊस' रखा गया। अरबी भाषा में मोर को 'ताऊस' कहते हैं।
नर मोर की लम्बाई लगभग 215 सेंटीमीटर तथा ऊँचाई लगभग 50 सेंटीमीटर होती है। मादा मोर की लम्बाई लगभग 95 सेंटीमीटर ही होती है। नर और मादा मोर की पहचान करना बहुत आसान है। नर के सिर पर बड़ी कलंगी तथा मादा के सिर पर छोटी कलंगी होती है। नर मोर की छोटी-सी पूँछ पर लम्बे व सजावटी पंखों का एक गुच्छा होता है। मोर के इन पंखों की संख्या 150 के लगभग होती है। मादा पक्षी के ये सजावटी पंख नहीं होते। वर्षा ऋतु में मोर जब पूरी मस्ती में नाचता है तो उसके कुछ पंख टूट जाते हैं। वैसे भी वर्ष में एक बार अगस्त के महीने में मोर के सभी पंख झड़ जाते हैं। ग्रीष्म-काल के आने से पहले ये पंख फिर से निकल आते हैं। मुख्यतः मोर नीले रंग में पाया जाता है, परन्तु यह सफेद, हरे, व जामुनी रंग का भी होता है। इसकी उम्र 25 से 30 वर्ष तक होती है। मोरनी घोंसला नहीं बनाती, यह जमीन पर ही सुरक्षित स्थान पर अंडे देती है।
किरणों की असाधारण आवृत्तीयां
स्पेक्ट्रम के विभिन्न विभागों में सुविधा के लिए साधारणत: तरंगदैघ्य के भिन्न-भिन्न एकक प्रयुक्त होते हैं। रेडियो प्रसारण में 1 मीटर को एकक माना जाता है, तथा रेडियो के सूक्ष्म तरंग विभाग में एक मिलीमीटर को एकक माना जाता है। अवरक्त वर्णक्रम के लिए 10-4 सें.मी. का एकक प्रचलित है तथा दृश्य प्रकाश के लिए इससे भी छोटे 10-8 सें.मी. के एकक की आवश्यकता होती है। 10-4 सें. मी. के एकक को म्यू और दृश्य प्रकाश के एकक (10-8 सें.मी.) को 'आंगस्त्रम' कहते हैं। प्रारंभ में एक्सरे के लिए भी आंगस्त्रम उपयोग में लाया जाता था, किंतु एक्सरे वर्णक्रम में अधिक आविष्कार होने पर इस एकक से भी सूक्ष्म एकक की आवश्यकता होने लगी। अत: एक्सरे के लिए तथा गामा किरणों के लिए ज़ीगब्ह्रा ने एक नए एकक का उपयोग किया, जिसे एक्सरे एकक कहते हैं। यह 10-11 सें. मी. के बराबर होता है। विद्युतचुंबकीय सिद्धांत की दृष्टि से एक्सरे और गामा किरणों में कोई भेद नहीं है; एक्सरे प्रयोगशालाओं में उत्पन्न किए जा सकते हैं और गामा किरणें रेडियोधर्मी पदार्थो से प्राप्त होती हैं (हाल में अति प्रचंड विद्युद्विभव से गामा किरणों के तरंगदैर्घ्या के समान सूक्ष्म तरंगदैर्घ्या के एक्सरे का उत्पादन प्रयोगशाला में हो चुका है)। विद्युच्चुंबकीय वर्णक्रम में अत्यंत स्वल्प तरंगदैर्घ्या का विभाग एक्सरे तथा गामा किरणों का है। तरंगदैर्घ्य आवृत्तियों का प्रतिलोमानुपाती होने के कारण एक्सरे और गामा किरणों की आवृत्तियाँ अन्य विद्युच्चुंबकीय विकिरणों से बहुत अधिक होती है।
यमाचार्य नचिकेता वार्ता-कर्तव्यवाद
गतांक से...
माता-पिता को कर्तव्य का पालन करना चाहिए। मोह का पालन करना चाहिए और मैं मोह में उनकी संपदा को एकत्रित करना चाहिए। वेद का ऋषि कहता है यह मोह-ममता में सारा संसार नष्ट हो जाता है। देखो ऋषिवर ने यही कहा, अपने पिता से कहा, हे पुत्र! तुम मोह में आते हो और सुखी हो। तुम्हें मेरा मोह है मैंने इसका सहयोग दिया है। माता नहीं कह रही है। माता मोक्ष की पगडंडी के लिए अपने में रत हो रही है और आप शोकातुर होकर के नारकिक जीवन बना रहे हैं। संस्कारों की उपलब्धियों को जन्म दे रहे हैं। मेरे पुत्रों शाक्यल मुनि ने जब यह कहा। उन्होंने कहा मुझे मोह है और होना ही चाहिए। क्योंकि मोह से मेरा जन्म हुआ है और मोह में ही मेरा शरीर पूर्ण हो जाएगा। शाक्यल मुनि ने यह कहा तो मुनि, वह श्वेतकेतु उनकी माता, श्वेतकेतु की पत्नी साक्लय की माता ने कहा 'पुत्रों भवा संभावाम् वाचन्नमम् ब्रहम शोकम् ब्रहम वाचोदेवा:' यह कह करके कि तुम्हारा जीवन महान बने। आशीर्वाद देकर के माता और पिता ने वहां से गमन किया। देखो अपने में चिंतन करने लगे । रात्रि जब काल आया तो विचार करने लगे कि मेरी प्यारी माता कितनी प्रिय है । उदार है वह जानते हुए भी मुझे कहती है। 'पुत्रों भवितामम ब्रह्म आदित्य' तुम अपने में आयुष्मान बनकर के जीवन को व्यतीत करने में लगे रहे।'साक्लय सम्भवा ब्रहम हिरणाक्षम् वृहे' और हिरणी के बालक से मोह-ममता मे मानो परिणीत रहे। बेटा, देखो मोह की आभा में मानव को विशेष नहीं जाना चाहिए। वेद के वाक्य और वेद के ऋषि मुनियों ने यह कहा क्या मानव को 'ममता ब्रम्हदेव' मानव को अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए। माता पालन करती है अपने कर्तव्यवाद में रहती है। बेटा कर्तव्यवाद ही मानव को महान बनाता है। कर्तव्यवादी विशेषकर संसार में सूर्य प्रातकाल मे किसी से स्वार्थ नहीं चाहता, प्रकाश देता रहता है। प्रकाश नाना प्रकार की किरणे देता रहता है। वह प्रत्येक प्राणी को प्रकाश देता है। उनका भोजन प्रदान कराता रहता है। चंद्रमा,ग्रह ,नक्षत्र सब निरंतर कर्तव्य में लिप्त रहते हैं और अपने कर्तव्य में वयाप्त रहते हैं। उसी से अणुकेतु को प्रदान करता रहता है। वह कर्तव्य अपने मे रहता है। विश्राम अमृतवाणी उसमें विस्मित हो जाता है। विश्राम करने लगता है मेरे को प्रत्येक मानव को प्रभु का ध्यान करना चाहिए। आज का वाक्य अब यहीं समाप्त होता है। वेदों का पठन-पाठन निरंतर जारी रहेगा।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
september 07, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254
1.अंक-35 (साल-01)
2.शनिवार,07सितबंर 2019
3.शक-1941,भादप्रद शुक्लपक्ष नवमी,विक्रमी संवत 2076
4. सूर्योदय प्रातः 5:56,सूर्यास्त 6:44
5.न्यूनतम तापमान -26 डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी, उमस बनी रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्ंकरण) प्रकाशित।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102
9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.201102
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