शुक्रवार, 25 मार्च 2022

विवादित यूट्यूबर शहजाद ने सीएम को धमकी दी

विवादित यूट्यूबर शहजाद ने सीएम को धमकी दी  

इकबाल अंसारी          

बेंगलुरु। हिजाब विवाद पर कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के परिप्रेक्ष्य में विवादित यूट्यूबर शहजाद खान ने राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को धमकी दी है। शहजाद ने श्री बोम्मई को यूट्यूब न्यूज चैनल ‘एके न्यूज’ के माध्यम से उनपर अभद्र टिप्पणियां भी की है।वीडियो में कथित तौर पर उसने मुख्यमंत्री को चप्पल से मारने की धमकी दी और कहा कि भाजपा मुस्लिम वोटों के बदौलत ही सत्ता में आ पाई है। उसने सरकार को अपनी गिरफ्तारी को लेकर चुनौती देते हुए कहा कि वह अकेले ही पांच हजार पुलिसकर्मियों को संभाल लेगा क्योंकि वह एक मुस्लिम है और उसके साथ हजरत अली की दुआ है।

शहजाद ने कहा कि उसे हिजाब मामले पर न्यायालय के फैसले के विरोध में प्रदर्शन करने के लिए पाकिस्तान, अमेरिका और कुवैत सहित अन्य देशों से मदद मिल रही है। उसने मुस्लिमों से भाजपा सरकार के खिलाफ एकजुट होने के लिए भी कहा। वीडियो में वह मैसूर के लोकसभा सांसद प्रताप सिम्हा, बेंगलुरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या और कर्नाटक के आरडीपीआर मंत्री केएस ईश्वरप्पा सहित अन्य भाजपा नेताओं को भी धमकी देते हुए नजर आया है। कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा हिजाब मामले पर दिए गए फैसले का विरोध करने के मामले में शहजाद को विधान सौध के बाहर हिरासत में लिया गया था। 

कुलाधिपति कार्यालय के सामने छात्रों द्वारा प्रदर्शन

कुलाधिपति कार्यालय के सामने छात्रों द्वारा प्रदर्शन  

बृजेश केसरवानी 
प्रयागराज। प्रयागराज के इलाहाबाद विश्वविद्यालय में ऑनलाइन परीक्षा कराने की मांग को लेकर शुक्रवार को विश्वविद्यालय परिसर में कुलाधिपति कार्यालय के सामने सैकड़ो की संख्या में छात्रों द्वारा प्रदर्शन किया। पिछले 46 दिनों से चली आ रही उनकी मांग पर जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने सरे से नकारते हुए ऑनलाइन के स्थान पर ऑफलाइन परीक्षाओं की घोषणा के बाद विद्यार्थियों ने जम कर विरोध करते हुए, कुलपति कार्यालय को घेरते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जम कर नारेबाजी करने लगे, और प्रशासन के निर्णय को रद्द कर छात्र हित में ऑनलाइन परीक्षा कराने की मांग पर अड़ गए। 
अपनी मांग पूरी न होते देख कई छात्रों द्वारा आत्मदाह की कोशिश की गई जिसे पुलिस द्वारा त्वरीक कार्यवाही करते और सूझ बूझ का प्रदर्शन करते हुए नाकाम कर दिया गया। 
आत्मदाह की कोशिश करते हुए कई छात्रों ने खुद पर मिट्टी का तेल छिड़क लिया और कुछ ने मिट्टी का तेल पीने की भी कोशिश की गई पर मौके पर पहुंची पुलिस द्वारा उनपर काबू पा लिया। इस पूरे घटनाक्रम में में आधे दर्जन से भी ज्यादा छात्रों की हालत गंभीर बनी हुई है, और पुलिस द्वारा उनको अस्पताल पहुंचाने की कोशिश जारी है पर छात्र न ही धरने से हटने को राज़ी है। जिलाधिकारी प्रयागराज, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रयागराज सहित सभी आला अधिकारी मौके पर पहुंच कर छात्रों को समझाने लगे है। जिलाधिकारी प्रयागराज संजय कुमार खत्री ने छात्रों को आश्वासन दिया है कि वे विश्वविद्यालय प्रशासन से इस विषय पर गंभीरतापूर्वक विचार विमर्श करेंगे और छात्रों की समस्या का समाधान करने में मदद करेगे। वही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रयागराज अजय कुमार ने छात्रों से अपील किया की वे किसी तरह से कोई असंवैधानिक काम न करें क्योंकि वे भी नही चाहते हैं कि किसी भी छात्र के साथ कोई गलत हो और छात्र समस्या का समाधान हो।
छात्रों का कहना है कि पिछले 46 दिनों से लगातार हम अपनी मांगों पर डटे हुए हैं, विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा हमें पुलिस की मौजूदगी में आश्वासन दिया गया था कि उनकी मांगों पर ध्यानाकर्षण करते हुए ऑफलाइन की जगह ऑनलाइन परीक्षाएं कराई जाएंगी। 
लेकिन अब जैसे-जैसे वक्त बीतता जा रहा है, विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उनकी मांगों को दरकिनार किया जा रहा है और पूरी तरीके से एक सिरे से उनकी मांगों को नकारते हुए ऑफलाइन एग्जाम की तिथि तक घोषित करने की तैयारी की जा रही है। जिसे छात्र एकता एवं छात्र हित का हनन माना जाता है। अब ऐसी स्थिति में छात्र उग्र रूप धारण करेंगे, और जल्द ही अपने प्रदर्शन को और बड़े पैमाने पर सामने रखेंगे तथा जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की मांग नहीं मान लेता है तब तक यह प्रदर्शन जारी रहेगा।

नकली नोट सहित कलर प्रिंटर के साथ 3 गिरफ्तार

नकली नोट सहित कलर प्रिंटर के साथ 3 गिरफ्तार


मनोज सिंह ठाकुर               

भिंड। मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले की सायबर टीम और अमायन थाना पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार कर उनके पास से 10 लाख, पांच हजार रुपए के नकली नोट सहित एक कलर प्रिंटर, नकली नोट का कागज और कटर मशीन बरामद की हैं। पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि अमायन थाना क्षेत्र में कुछ लोग नकली नोटों का आदान-प्रदान करने के लिए आए हैं।

इसके बाद साइबर सेल एवं अमायन थाना पुलिस ने घेराबंदी कर तीनों आरोपियों को पकड़ लिया। आरोपियों के पास से 2000 एवं 200 के 10 लाख पांच हजार रुपए के नकली नोट बरामद हुए हैं। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया है कि वे लंबे समय से नकली नोटों का कारोबार कर रहे हैं। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि नकली नोटों की गड्डी में आरोपी कुछ असली नोट मिलाकर उनको गुजरात तक सप्लाई कर रहे हैं। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। पहले भी इन आरोपियों को एसटीएफ की टीम ने नकली नोटों के मामले में गिरफ्तार किया था। आरोपी जेल से छूटने के बाद दोबारा से नकली नोटों के कारोबार में लग गए थे। आरोपियों से एक कलर प्रिंटर, नकली नोट का कागज और कटर मशीन भी बरामद हुई है।

विधायक की 11 करोड़, 35 लाख की प्रॉपर्टी जब्त

विधायक की 11 करोड़, 35 लाख की प्रॉपर्टी जब्त    

कविता गर्ग                

मुंबई। महाविकास अघाड़ी सरकार के मंत्रियों और नेताओं पर केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई लगातार हो रही है। पहले अनिल देशमुख फिर नवाब मलिक और अब शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक, ईडी ने सरनाईक की ग्यारह करोड़, 35 लाख की प्रॉपर्टी को जब्त कर लिया है। यह कार्रवाई एनएसईएल(NSEL) घोटाला मामले में की गई है। जब्त की गई संपत्ति में ठाणे शहर में मौजूद दो फ्लैट और एक जमीन है। यह कार्रवाई मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत की गई है। साल 2013 में मुंबई पुलिस की ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज हुई एफआईआर संख्या 216 की जांच जब ईडी ने शुरू की उसके बाद यह कार्रवाई की गई है।

समन देने पर नहीं हुए हाज़िर... 

एनएसईएल घोटाले में पूछताछ के लिए प्रताप सरनाईक को कई समन भेजे गए थे। उनके बेटे से भी ईडी ने पूछताछ की कोशिश की थी। सरनाईक से पहले भी ईडी ने पूछताछ की थी। कई दस्तावेजों की जांच पड़ताल भी की गई थी। जिसके बाद उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया था। उसके बाद सरनाईक को कई समन भेजे गए लेकिन वह ईडी के समक्ष हाजिर नहीं हुए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरनाईक एक बार पूछताछ के लिए ईडी के समक्ष हाजिर हुए थे। जिसके बाद आज ईडी ने उनपर सीधी कार्रवाई की है।

अमेरिका: पुतिन नाम के 'बाघ' की हार्ट अटैक से मौंत

अमेरिका: पुतिन नाम के 'बाघ' की हार्ट अटैक से मौंत  

अखिलेश पांडेय           
वाशिंगटन डीसी। आपको बता दें, कि अमेरिका के एक बाघ की हार्ट अटैक में मौत हो गई है और उसकी हालत देखते हुए डॉक्टर की मायूसी हाथ लगी।
संयुक्त राज्य अमेरिका के मिनेसोटा चिड़ियाघर में ‘पुतिन’ नाम के बाघ को हार्ट अटैक का मामला सामने आया है। इस दौरान डॉक्टरों ने तमाम कोशिशें कीं, लेकिन ‘पुतिन’ को बचाया नहीं जा सका। चौंकिएगा नहीं, हम बात कर रहे हैं, 12 साल के पुतिन नाम के बाघ की, जो कि 2015 से मिनेसोटा चिड़ियाघर में रह रहा था। चिकित्सकीय जांच के दौरान पुतिन ने दम तोड़ दिया। बता दें कि मिनेसोटा चिड़ियाघर में सभी जानवरों की नियमित तौर पर चिकित्सकीय जांच होती है। पशु चिकित्सकों और ज़ूकीपर्स ने तमाम प्रयास किए, लेकिन बाघ को बचाया नहीं जा सका।
मिनेसोटा चिड़ियाघर के पशु देखभाल और संरक्षण के प्रमुख डॉ. टेलर यॉ ने कहा कि यह एक नियमित प्रक्रिया थी, जो बाघों की देखभाल और संरक्षण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जांच के दौरान सभी जरूरी सावधानियां बरती गईं और टीम ने बाघ को बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। लेकिन हम उसे बचा नहीं सके। मिनेसोटा चिड़ियाघर के निदेशक जॉन फ्रॉली ने कहा कि आज मिनेसोटा चिड़ियाघर में हम सभी के लिए बेहद कठिन दिन है। मिनेसोटा ज़ू में पिछले 40 से अधिक साल से बाघ संरक्षण का काम किया जा रहा है।
फ्रॉले ने कहा कि 2015 में मिनेसोटा चिड़ियाघर आए ‘पुतिन’ का जन्म 2009 में चेक गणराज्य में हुआ था। एप्पल वैली चिड़ियाघर में आने से पहले वह 6 साल तक डेनमार्क के चिड़ियाघर में रहा। पुतिन बाघ का कुनबा 2017 में मिनेसोटा चिड़ियाघर में काफी बढ़ गया था। क्योंकि इस साल कई शावकों ने जन्म लिया था।

'दिल्ली नगर निगम' को लोकसभा में पेश किया

'दिल्ली नगर निगम' को लोकसभा में पेश किया     

अकांशु उपाध्याय         

नई दिल्ली। सरकार ने दिल्ली के तीन नगर निगमों का एकीकरण करने संबंधी दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2020 को शुक्रवार को विपक्षी दलों के सदस्यों के विरोध के बीच लोकसभा में पेश किया। विपक्षी दलों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि इस विधेयक को पेश करनाा, इस सदन के विधायी दायरे में नहीं आता है। निचले सदन में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने उक्त विधेयक पेश किया। इसका कांग्रेस, आरएसपी और बहुजन समाज पार्टी ने विरोध किया।

इस पर गृह राज्य मंत्री राय ने कहा कि वह स्पष्ट करना चाहते हैं कि विधेयक को पेश करना कहीं से भी भारत के संविधान की मूल भावना का उल्लंघन नहीं है और ना ही यह संघीय ढांचे के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 239 (क) (क) के तहत दिल्ली से जुड़े इस कानून में संशोधन करने में सदन सक्षम है। राय ने कहा कि दिल्ली में तीन समवर्ती नगर निगमों के सृजन का मुख्य उद्देश्य जनता को प्रभावी नागरिक सेवाएं उपलब्ध कराना था लेकिन पिछले 10 वर्षों का अनुभव यह दर्शाता है कि ऐसा नहीं हुआ। इसलिये यह विधेयक लाया गया है। विधेयक पेश किये जाने का विरोध करते हुए आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने कहा कि यह विधेयक दिल्ली सरकार और दिल्ली विधानसभा के अधिकार क्षेत्र का हनन करता है।

उन्होंने कहा कि सदस्यों को विधेयक के मसौदा का अध्ययन करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला और इसका मसौदा जटिल है। कांग्रेस के गौरव गोगोई ने कहा कि यह विधेयक संघीय ढांचे पर प्रहार करता है। उन्होंने कहा कि इसे सदन में लाने से पहले केंद्र ने राजनीतिक दलों और अन्य हितधारकों से कोई विचार-विमर्श नहीं किया।उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के प्रयास में जल्दबाजी में यह विधेयक लाई है। बसपा के रीतेश पांडे ने कहा कि हम इस विधेयक को पेश किये जाने का विरोध करते हैं क्योंकि यह संविधान के प्रावधानों के खिलाफ है। उन्होंने संविधान के संबंधित अनुच्छेद का उल्लेख करते हुए कहा कि एक तरफ नगर निगम का चुनाव नहीं कराया गया, दूसरी ओर तीनों नगर निगमों के एकीकरण का विधेयक लेकर आएं हैं, जो संवैधानिक रूप से गलत है। यह दिल्ली विधानसभा के अधिकार क्षेत्र का विषय है।

वहीं, कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा कि हम इस विधेयक को पेश किये जाने का इसलिये विरोध करते हैं क्योंकि यह इस सदन की विधायी दक्षता एवं दायरे से बाहर का विषय है। उन्होंने कहा कि नगर पालिका से जुड़ा विषय राज्य सरकार के पास है और इस बारे में अगर किसी की विधायी दक्षता है, तो वह दिल्ली विधानसभा के पास है इस सदन के पास नहीं। तिवारी ने कहा कि यह संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है। विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि वर्ष 2011 में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र की विधानसभा द्वारा दिल्ली नगर निगम संशोधन अधिनियम 2011 द्वारा उक्त अधिनियम को संशोधित किया गया था जिससे उक्त निगम का तीन पृथक निगमों में विभाजन हो गया। तत्काल दिल्ली नगर निगम के तीन भागों में विभाजन करने का मुख्य उद्देश्य जनता को अधिक प्रभावी नागरिक सेवाएं उपलब्ध कराने के लिये दिल्ली में विभिन्न केंद्रों में सुसंबद्ध नगर पालिकाओं का सृजन करना था, फिर भी दिल्ली नगर निगम का तीन भागों में विभाजन राज्य क्षेत्रीय प्रभागों और राजस्व सृजन की संभाव्यता के अर्थ में असमान था।

इसमें कहा गया है कि समय के साथ दिल्ली के तीन नगर निगमों की वित्तीय कठिनाइयों में वृद्धि हुई जिससे वे अपने कर्मचारियां को वेतन और सेवानिवृत्ति फायदे प्रदान करने में अक्षम हो गए। वेतन और सेवानिवृत्ति फायदे प्रदान करने में विलंब का परिणाम नगर निगम कर्मचारियों द्वारा निरंतर हड़ताल के रूप में सामने आया जिसने न केवल नागरिक सेवाओं को प्रभावित किया बल्कि इससे सफाई और स्वच्छता से संबंधित समस्याएं भी उत्पन्न हुईं। तीन नगर निगमों की ऐसी वित्तीय कठिनाइयों का परिणाम उनकी संविदा संबंधी और कानूनी बाध्यताओं को पूरा करने में अनियमित विलंब के रूप में हुआ जिसने दिल्ली में नागरिक सेवाओं के बनाए रखने में गंभीर रूकावटें उत्पन्न कीं। इसमें कहा गया है कि दिल्ली में तीन समवर्ती नगर निगमों के सृजन का मुख्य उद्देश्य जनता को प्रभावी नागरिक सेवाएं उपलब्ध कराना था।

मसौदे के अनुसार पिछले 10 वर्षो का अनुभव यह दर्शाता है कि संसाधनों की अपर्याप्तता और निधियों के आवंटन एवं जारी करने की अनिश्चितता के कारण तीनों निगम गंभीर वित्तीय कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। जिससे उनके लिये वांछित स्तर पर दिल्ली में नागरिक सेवाओं को बनाए रखना कठिन हो गया। विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों के अनुसार, सरकार देश की राजधानी में नागरिक सेवाएं प्रदान करने तथा वित्तीय कठिनाइयों एवं क्रियाशील अनिश्चितताओं को दूर करने के प्रयास के तहत दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक 2022 लाई है। इसके तहत तीन नगर निगमों को एकीकृत करने की बात कही गई है। इसमें संसाधनों का बेहतर उपयोग करने के लिये एक सुदृढ़ तंत्र सुनिश्चित करना तथा दिल्ली के लोगों को अधिक कुशल नागरिक सेवा पूरी तरह पारदर्शिता के साथ प्रदान करने की बात कही गई है।

पूर्व विधायकों को एक कार्यकाल के लिए पेंशन

पूर्व विधायकों को एक कार्यकाल के लिए पेंशन  

अमित शर्मा                  

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को कहा कि पूर्व विधायकों को अब सिर्फ एक कार्यकाल के लिए ही पेंशन मिलेगी। मान ने एक वीडियो संदेश में कहा कि, पंजाब में पूर्व विधायक, भले ही पांच बार या 10 बार चुनाव जीते हों, उन्हें अब सिर्फ एक कार्यकाल के लिए पेंशन मिलेगी।

उन्होंने कहा कि इससे जो बचत होगी उस धन को लोगों के कल्याण पर खर्च किया जाएगा। मान ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, विधायक सहित हमारे राजनेता, आपसे हाथ जोड़ कर यह कहते हुए वोट मांगते हैं कि अपनी सेवा का हमें बस एक मौका दीजिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि लेकिन आप यह जानकर आश्चर्यचकित रह जाएंगे कि तीन बार, चार बार या पांच बार जीतने वाले कई विधायकों को और फिर चुनाव हार जाने वाले या चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं मिलने के बाद उन्हें प्रति माह लाखों रुपये की पेंशन मिलती है। भगवंत मान ने कहा कि, किसी को 3.50 लाख रुपये, किसी को 4.50 लाख रुपये और किसी को 5.25 लाख रुपये की पेंशन मिलती है। इसका सरकारी खजाने पर करोड़ों रुपये का वित्तीय बोझ पड़ता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके (पूर्व विधायकों के) परिवार की पेंशन में भी कटौती की जाएगी। मान ने कहा कि उन्होंने इस सिलसिले में संबद्ध अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये हैं। विधायक को एक कार्यकाल के लिए 75,000 रुपये की पेंशन मिलती है।

इसके बाद, आगे के प्रत्येक कार्यकाल के लिए अतिरिक्त 66 प्रतिशत पेंशन राशि मिलती है। कुछ दिन पहले शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल ने कहा था कि वह पूर्व विधायक के तौर पर पेंशन नहीं लेंगे। वह 11 बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। उन्होंने पंजाब सरकार और विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया था कि उनकी पेंशन की राशि समाज कल्याण में लगा दी जाए और इसके जरिये कुछ जरूरतमंद छात्राओं को उनकी शिक्षा में मदद को प्राथमिकता दी जाए।

शराब पर सेस मामलें में राज्य सरकार को नोटिस

शराब पर सेस मामलें में राज्य सरकार को नोटिस    

दुष्यंत टीकम            
बिलासपुर। शराब पर सेस मामलें में उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को जवाब देने को कहा है। राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख़ 20 अप्रैल तय की है। भारतीय जनता पार्टी के विधायक अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल, नारायण चंदेल की ओर से दायर याचिका को पेश करते हुए याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता, जिनमें विवेक शर्मा, हैरी मुखोपाध्याय,अभिषेक गुप्ता और आयुषी अग्रवाल शामिल हैं। 
उन्होंने चीफ़ जस्टिस अरुप कुमार और जस्टिस गौतम चौरडिया ने कहा राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर अंग्रेज़ी और देशी शराब पर दस दस रुपए का सेस लगाया जिसके लिए बताया गया कि इसका उपयोग कोरोना से बचाव के लिए अधोसंरचना विकसित करने में होगा।लेकिन उसका उपयोग उसमें नहीं किया गया। हाईकोर्ट ने इस याचिका के तत्व को गंभीर मानते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

4 राज्यों में जीत के बाद मिशन 2024 की तैयारी प्रारंभ

4 राज्यों में जीत के बाद मिशन 2024 की तैयारी प्रारंभ  

अकांशु उपाध्याय        

नई दिल्ली। पांच राज्यों के चुनाव में अपनी सरकार वाले सभी चार राज्यों में जीत के बाद भाजपा में मिशन 2024 की तैयारी शुरू हो गई है। इस बीच 2022 के आखिर में दो और 2023 में नौ राज्यों के चुनाव होने हैं। भाजपा का लक्ष्य इन सभी राज्यों में अपनी या एनडीए की सरकारें बनवाने का है, ताकि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पूरी तरह से सकारात्मक माहौल में उतरा जा सके। इसके लिए संगठन को चुस्त-दुरुस्त करना शुरू कर दिया गया है। अप्रैल में पार्टी में कुछ अहम संगठनात्मक बदलाव होने की संभावना है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अहमदाबाद में हुई प्रतिनिधि सभा की बैठक में भाजपा संगठन की भी समीक्षा की गई। चूंकि, भाजपा के संगठन मंत्री संघ के प्रचारक होते हैं, इसलिए इनकी नियुक्ति के राजनीतिक मायने काफी अहम माने जाते हैं। इस बैठक के बाद मध्य प्रदेश में पार्टी के संगठन मंत्री को बदला गया है। संगठन मंत्री रहे सुहास भगत को संघ में वापस लाया गया है। उनके साथ सह संगठन मंत्री के रूप में काम कर रहे हितानंद शर्मा को संगठन मंत्री का दायित्व दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, मिशन 2024 को ध्यान में रखते हुए तीन से चार राज्यों में भी संगठन मंत्रियों में बदलाव किए जाने हैं।

अगले लोकसभा चुनाव के पहले देश के 11 राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें दो गुजरात व हिमाचल प्रदेश में इसी साल 2022 के आखिर में चुनाव होने हैं। दोनों में भाजपा की सरकारें हैं। गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह का गृह राज्य होने से अहम है तो हिमाचल प्रदेश पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा का गृह राज्य है। हिमाचल प्रदेश इसलिए भी अहम है क्योंकि वहां पर बीते दिनों हुए चार उप चुनावों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था।
इसके बाद 2023 का साल सबसे अहम होगा। इस साल में नौ विधानसभा चुनाव है। लोकसभा चुनाव से पहले का साल होने से यह चुनावी तैयारियों को लेकर भी अहम होगा। इन नौ राज्यों में चार पूर्वोत्तर के मेघालय, नागालैंड, मिजोरम व त्रिपुरा हैं। त्रिपुरा में भाजपा की सरकार है और बाकी में राजग के सहयोगी सत्ता में हैं। बड़े राज्यों में कर्नाटक पहले होगा और उसके बाद मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान व तेलंगाना के चुनाव होने हैं। इनमें कर्नाटक व मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है, जबकि कांग्रेस की छत्तीसगढ़ व राजस्थान में और टीआरएस की तेंलगाना में सरकार है। कांग्रेस के पास यही दो राज्य सरकारें बची हैं।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने संघ के साथ मिलकर मजबूत संगठनात्मक तैयारी शुरू कर दी है। इसमें दोनों सालों में विधानसभा चुनाव वाले राज्यों के साथ अन्य राज्य भी शामिल हैं। लगभग आधा दर्जन राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष व संगठन स्तर पर भी कई बदलाव किए जाने हैं। अप्रैल माह से यह बदलाव शुरू हो जाएंगे।

हिजाब मामलें पर तुरंत सुनवाई से एससी का इनकार

हिजाब मामलें पर तुरंत सुनवाई से एससी का इनकार       

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी        
नई दिल्ली/बेंगलुरु। सुप्रीम कोर्ट ने हिजाब मामलें पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया हैै। कोर्ट ने कहा है कि उचित समय पर सुनवाई होगी। कर्नाटक में कक्षाओं के अंदर हिजाब पर प्रतिबंध पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर जल्द सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। याचिकाकर्ताओं ने आगामी स्कूल परीक्षाओं का हवाला देते हुए इस मुद्दे को जल्द से जल्द सूचीबद्ध करने की मांग की थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने अदालत से कहा, यह जरूरी है। परीक्षाएं शुरू हो रही हैं, यही मुद्दा है कामत ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग करते हुए कहा था कि छात्रों को परीक्षा में बैठने के दौरान हिजाब पहनने के विकल्प से वंचित किया जा रहा हैै। उन्होंने कहा कि परीक्षा 28 मार्च से शुरू हो रही है और स्टूडेंट्स को एक साल का नुकसान होगा क्योंकि अधिकारी हिजाब के साथ कॉलेज में दाखिल होने की इजाजत नहीं दे रहे हैं। इस पर चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि इस मामले का परीक्षा से कोई लेनादेना नहीं है। सीजेआई ने कहा, इस मुद्दे को सनसनीखेज न बनाएं कामत मुस्लिम छात्रा आएशात शिफा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हो रहे। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई से इनकार किया है, इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई से इनकार कर दिया था सीजेआई ने तब कर्नाटक हाईकोर्ट को अपना फैसला सुनाने तक इंतजार करने के लिए कहा था। तत्काल सुनवाई नहीं इस्लामोफोबिया पर यूएन में पाकिस्तान का प्रस्ताव पारित, भारत की आपत्ति हाईकोर्ट के फैसले के तुरंत बाद इसको चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई, हालांकि तब कोर्ट होली के बाद मामले को सूचीबद्ध करने के लिए राजी हो गया था। 15 मार्च को कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्कूल और कॉलेजों में हिजाब पहनने पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा था कि हिजाब इस्लाम के अनिवार्य धार्मिक व्यवहार का हिस्सा नहीं है और इस तरह संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत संरक्षित नहीं है। साथ ही हाईकोर्ट ने कहा था कि छात्र स्कूल यूनिफॉर्म पहनने से मना नहीं कर सकते हैं और स्कूल यूनिफॉर्म पहनने का नियम वाजिब पाबंदी है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सरकार के आदेश को चुनौती का कोई आधार नहीं है।  हिजाब पर विवाद और मुस्लिम पहचान का सवाल यह विवाद तब शुरू हुआ जब कर्नाटक के उडुपी में एक कॉलेज की छह छात्राओं ने कक्षा में हिजाब पहनने से रोक जाने के बाद विरोध किया था। धीरे-धीरे विवाद अन्य जिलों तक फैल गया। छात्राओं के हिजाब पहनने के विरोध पर हिंदू छात्रों ने भगवा गमछा पहनकर कक्षाओं में आने की मांग की, और विरोध कर रहीं मुस्लिम छात्रों का रास्ता रोका जिससे कक्षाएं बाधित हुई थीं। कर्नाटक की बीजेपी सरकार इस फैसले को लागू कराने के लिए सख्ती कर रही है, वहीं कुछ छात्राओं ने हिजाब के साथ कॉलेज में दाखिल नहीं पर कक्षाओं के बहिष्कार का ऐलान कर दिया था।

3 करोड़ से ज्यादा महिलाओं ने सुविधा का लाभ उठाया

3 करोड़ से ज्यादा महिलाओं ने सुविधा का लाभ उठाया 

अकांशु उपाध्याय     

नई दिल्ली। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को विधानसभा को अवगत कराया कि तीन करोड़ से अधिक महिलाओं ने राजधानी में सार्वजनिक परिवहन बसों में मुफ्त यात्रा सुविधा का लाभ उठाया। सिसोदिया दिल्ली विधानसभा में 2021-22 के परिणाम बजट (आउटकम बजट) की स्थिति रिपोर्ट पेश कर रहे थे। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) और दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डीआईएमटीएस) के तहत बेड़े में 6900 बसें हैं। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने 2019 में महिलाओं के लिए बसों में मुफ्त यात्रा योजना शुरू की थी। सिसोदिया ने कहा कि पिछले वर्ष, सार्वजनिक परिवहन की बसों में मुफ्त यात्रा योजना के तहत तीन करोड़ से अधिक महिलाओं ने इस सुविधा का लाभ उठाया।
वित्त मंत्रालय का भी प्रभार संभाल रहे उप मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवहन विभाग में अगस्त-दिसम्बर 2021 के बीच पांच लाख से अधिक लोगों ने ‘पहचान रहित सेवाओं’ का लाभ उठाया। उन्होंने एक अन्य जानकारी में बताया कि दिल्ली में खरीदे जा रहे वाहनों में से करीब 10 प्रतिशत वाहन, इलेक्ट्रिक वाहन हैं।

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