शुक्रवार, 25 मार्च 2022

हिजाब मामलें पर तुरंत सुनवाई से एससी का इनकार

हिजाब मामलें पर तुरंत सुनवाई से एससी का इनकार       

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी        
नई दिल्ली/बेंगलुरु। सुप्रीम कोर्ट ने हिजाब मामलें पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया हैै। कोर्ट ने कहा है कि उचित समय पर सुनवाई होगी। कर्नाटक में कक्षाओं के अंदर हिजाब पर प्रतिबंध पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर जल्द सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। याचिकाकर्ताओं ने आगामी स्कूल परीक्षाओं का हवाला देते हुए इस मुद्दे को जल्द से जल्द सूचीबद्ध करने की मांग की थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने अदालत से कहा, यह जरूरी है। परीक्षाएं शुरू हो रही हैं, यही मुद्दा है कामत ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग करते हुए कहा था कि छात्रों को परीक्षा में बैठने के दौरान हिजाब पहनने के विकल्प से वंचित किया जा रहा हैै। उन्होंने कहा कि परीक्षा 28 मार्च से शुरू हो रही है और स्टूडेंट्स को एक साल का नुकसान होगा क्योंकि अधिकारी हिजाब के साथ कॉलेज में दाखिल होने की इजाजत नहीं दे रहे हैं। इस पर चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि इस मामले का परीक्षा से कोई लेनादेना नहीं है। सीजेआई ने कहा, इस मुद्दे को सनसनीखेज न बनाएं कामत मुस्लिम छात्रा आएशात शिफा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हो रहे। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई से इनकार किया है, इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई से इनकार कर दिया था सीजेआई ने तब कर्नाटक हाईकोर्ट को अपना फैसला सुनाने तक इंतजार करने के लिए कहा था। तत्काल सुनवाई नहीं इस्लामोफोबिया पर यूएन में पाकिस्तान का प्रस्ताव पारित, भारत की आपत्ति हाईकोर्ट के फैसले के तुरंत बाद इसको चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई, हालांकि तब कोर्ट होली के बाद मामले को सूचीबद्ध करने के लिए राजी हो गया था। 15 मार्च को कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्कूल और कॉलेजों में हिजाब पहनने पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा था कि हिजाब इस्लाम के अनिवार्य धार्मिक व्यवहार का हिस्सा नहीं है और इस तरह संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत संरक्षित नहीं है। साथ ही हाईकोर्ट ने कहा था कि छात्र स्कूल यूनिफॉर्म पहनने से मना नहीं कर सकते हैं और स्कूल यूनिफॉर्म पहनने का नियम वाजिब पाबंदी है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सरकार के आदेश को चुनौती का कोई आधार नहीं है।  हिजाब पर विवाद और मुस्लिम पहचान का सवाल यह विवाद तब शुरू हुआ जब कर्नाटक के उडुपी में एक कॉलेज की छह छात्राओं ने कक्षा में हिजाब पहनने से रोक जाने के बाद विरोध किया था। धीरे-धीरे विवाद अन्य जिलों तक फैल गया। छात्राओं के हिजाब पहनने के विरोध पर हिंदू छात्रों ने भगवा गमछा पहनकर कक्षाओं में आने की मांग की, और विरोध कर रहीं मुस्लिम छात्रों का रास्ता रोका जिससे कक्षाएं बाधित हुई थीं। कर्नाटक की बीजेपी सरकार इस फैसले को लागू कराने के लिए सख्ती कर रही है, वहीं कुछ छात्राओं ने हिजाब के साथ कॉलेज में दाखिल नहीं पर कक्षाओं के बहिष्कार का ऐलान कर दिया था।

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