शुक्रवार, 25 मार्च 2022

4 राज्यों में जीत के बाद मिशन 2024 की तैयारी प्रारंभ

4 राज्यों में जीत के बाद मिशन 2024 की तैयारी प्रारंभ  

अकांशु उपाध्याय        

नई दिल्ली। पांच राज्यों के चुनाव में अपनी सरकार वाले सभी चार राज्यों में जीत के बाद भाजपा में मिशन 2024 की तैयारी शुरू हो गई है। इस बीच 2022 के आखिर में दो और 2023 में नौ राज्यों के चुनाव होने हैं। भाजपा का लक्ष्य इन सभी राज्यों में अपनी या एनडीए की सरकारें बनवाने का है, ताकि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पूरी तरह से सकारात्मक माहौल में उतरा जा सके। इसके लिए संगठन को चुस्त-दुरुस्त करना शुरू कर दिया गया है। अप्रैल में पार्टी में कुछ अहम संगठनात्मक बदलाव होने की संभावना है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अहमदाबाद में हुई प्रतिनिधि सभा की बैठक में भाजपा संगठन की भी समीक्षा की गई। चूंकि, भाजपा के संगठन मंत्री संघ के प्रचारक होते हैं, इसलिए इनकी नियुक्ति के राजनीतिक मायने काफी अहम माने जाते हैं। इस बैठक के बाद मध्य प्रदेश में पार्टी के संगठन मंत्री को बदला गया है। संगठन मंत्री रहे सुहास भगत को संघ में वापस लाया गया है। उनके साथ सह संगठन मंत्री के रूप में काम कर रहे हितानंद शर्मा को संगठन मंत्री का दायित्व दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, मिशन 2024 को ध्यान में रखते हुए तीन से चार राज्यों में भी संगठन मंत्रियों में बदलाव किए जाने हैं।

अगले लोकसभा चुनाव के पहले देश के 11 राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें दो गुजरात व हिमाचल प्रदेश में इसी साल 2022 के आखिर में चुनाव होने हैं। दोनों में भाजपा की सरकारें हैं। गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह का गृह राज्य होने से अहम है तो हिमाचल प्रदेश पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा का गृह राज्य है। हिमाचल प्रदेश इसलिए भी अहम है क्योंकि वहां पर बीते दिनों हुए चार उप चुनावों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था।
इसके बाद 2023 का साल सबसे अहम होगा। इस साल में नौ विधानसभा चुनाव है। लोकसभा चुनाव से पहले का साल होने से यह चुनावी तैयारियों को लेकर भी अहम होगा। इन नौ राज्यों में चार पूर्वोत्तर के मेघालय, नागालैंड, मिजोरम व त्रिपुरा हैं। त्रिपुरा में भाजपा की सरकार है और बाकी में राजग के सहयोगी सत्ता में हैं। बड़े राज्यों में कर्नाटक पहले होगा और उसके बाद मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान व तेलंगाना के चुनाव होने हैं। इनमें कर्नाटक व मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है, जबकि कांग्रेस की छत्तीसगढ़ व राजस्थान में और टीआरएस की तेंलगाना में सरकार है। कांग्रेस के पास यही दो राज्य सरकारें बची हैं।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने संघ के साथ मिलकर मजबूत संगठनात्मक तैयारी शुरू कर दी है। इसमें दोनों सालों में विधानसभा चुनाव वाले राज्यों के साथ अन्य राज्य भी शामिल हैं। लगभग आधा दर्जन राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष व संगठन स्तर पर भी कई बदलाव किए जाने हैं। अप्रैल माह से यह बदलाव शुरू हो जाएंगे।

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