राकेश
चंडीगढ़। अजनाला के गुरुद्वारा में बने कलिया वाले खूह (कालों के कुएं) से मिले 282 नर कंकालों का रहस्य सुलझाने में पंजाब यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर एवं नृविज्ञानी डॉ. जेएस सहरावत की टीम को बड़ी कामयाबी मिली है। अजनाला के कुएं से मिले 9000 से भी ज्यादा दांतों, खोपड़ियों व अन्य अवशेषों के डीएनए से स्टेबल आइसोटॉप और रेडियो कार्बन डेटिंग विधि से विश्लेषण पर पता चला है कि इस कुएं में मारकर डाले गये लोग अवध, बिहार, पूर्वी बंगाल, उड़ीसा और मेघालय-मणिपुर के इलाकों से संबंधित हैं। ये लोग देश के पहले स्वतंत्रता संग्राम के सिपाही थे और आजादी की खातिर देश पर कुर्बान हो गये थे। इनमें से ज्यादातर लोग शाकाहारी थे। डॉ. सहरावत की टीम को यह पता लगाने में भी सफलता हाथ लगी है कि ये लोग पिछले 10 साल में देश के अलग-अलग भागों में रहे थे। हालांकि अभी डॉ. जेएस सहरावत और उनकी टीम इसका पता लगाने में जुटी है कि ये लोग किस जाति या समुदाय से संबंध रखते थे।