पीएम ने 'भ्रष्टाचार' को सबसे बड़ा रोड़ा करार दिया
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भ्रष्टाचार को लोकतंत्र और न्याय की राह में सबसे बड़ा रोड़ा करार देते हुए सोमवार को कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्रमुख जिम्मेदारी भारत को इससे मुक्त कराना है। सीबीआई के हीरक जयंती समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि मौजूदा सरकार में भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी नहीं है।
उन्होंने कहा कि देश और इसके नागरिकों की इच्छा है कि किसी भी भ्रष्ट व्यक्ति को बख्शा नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार कोई सामान्य अपराध नहीं होता। भ्रष्टाचार, गरीब से उसका हक छीनता है, अनेक अपराधों को जन्म देता है। भ्रष्टाचार, लोकतंत्र और न्याय के रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा होता है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार ने मिशन मोड पर काले धन और बेनामी संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है।
उन्होंने कहा, ‘‘भ्रष्टाचारियों के अलावा हम भ्रष्टाचार के कारणों से भी लड़ रहे हैं।’’ मोदी ने कहा, ‘‘आज देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति में कोई कमी नहीं है। आपको (सीबीआई) कहीं भी हिचकने, कहीं रुकने की जरूरत नहीं है।’’ मोदी ने कहा कि पेशेवर और कुशल संस्थानों के बिना विकसित भारत का निर्माण संभव नहीं है और इसलिए सीबीआई की बड़ी जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा, ‘‘सीबीआई ने अपने काम से, अपने कौशल से सामान्यजन को एक भरोसा दिया है। आज भी जब किसी को लगता है कि कोई केस असाध्य है तो आवाज उठती है कि मामला सीबीआई को दे देना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि जहां भी भ्रष्टाचार होता है, युवाओं को समान अवसर नहीं मिलते हैं और केवल एक विशेष पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा मिलता है। भ्रष्टाचार को प्रतिभा का सबसे बड़ा दुश्मन बताते हुए मोदी ने कहा कि यह भाई-भतीजावाद और परिवारवाद को प्रोत्साहित करता है।
उन्होंने कहा कि जब ये दोनों बढ़ते हैं, तो देश की ताकत प्रभावित होती है और जब ताकत कमजोर होती है तो इसका असर विकास पर भी पड़ता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचारियों ने देश का खजाना लूटने का एक और तरीका बना रखा था, जो दशकों से चला आ रहा था और ये था, सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से लूट। उन्होंने कहा, ‘‘आज जनधन, आधार, मोबाइल की तिकड़ी से हर लाभार्थी को उसका पूरा हक मिल रहा है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे भारत की आर्थिक शक्ति बढ़ रही है, अड़चनें पैदा करने वाले भी बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘देश के सामाजिक ताने-बाने एकता और भाईचारे के साथ ही उसके आर्थिक हितों व संस्थानों पर भी नित्य प्रहार बढ़ते चले जा रहे है... और इसमें जाहिर तौर पर भ्रष्टाचार का पैसा लगता है। इसलिए हमें अपराध और भ्रष्टाचार की प्रकृति को समझना होगा और इसके कारणों का पता लगाने के लिए जड़ तक पहुंचना होगा।’’
कार्यक्रम के दौरान, विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक और सीबीआई के सर्वश्रेष्ठ जांच अधिकारियों के लिए स्वर्ण पदक प्राप्त करने वालों के लिए एक अलंकरण समारोह आयोजित किया गया। प्रधानमंत्री ने पुरस्कार विजेताओं को पदक प्रदान किए। उन्होंने शिलांग, पुणे और नागपुर स्थित सीबीआई के नवनिर्मित कार्यालय परिसरों का उद्घाटन भी किया। सीबीआई के हीरक जयंती समारोह वर्ष पर प्रधानमंत्री ने एक डाक टिकट और स्मारक सिक्का भी जारी किया तथा सीबीआई के ट्विटर हैंडल की भी शुरुआत की। सीबीआई की स्थापना भारत सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से 01 अप्रैल, 1963 को जारी एक संकल्प के जरिये की गई थी।