मंगलवार, 4 अप्रैल 2023

विश्वविद्यालय के कुलपति पद से मंसूर का इस्तीफा 

विश्वविद्यालय के कुलपति पद से मंसूर का इस्तीफा 

संदीप मिश्र 

लखनऊ/अलीगढ़। भारतीय जनता पार्टी की ओर से की गई संस्तुति के बाद राज्यपाल द्वारा एमएलसी मनोनीत किए गए डॉक्टर तारिक मंसूर ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति पद से इस्तीफा दे दिया है। मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ तारिक मंसूर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। त्यागपत्र देने वाले एएमयू कुलपति डॉक्टर तारिक मंसूर बीते दिन ही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा विधान परिषद के सदस्य नामित किए गए हैं।

डॉक्टर तारिक मंसूर का नाम भारतीय जनता पार्टी की ओर से एमएलसी के रूप में नामित किए जाने के लिए राज्यपाल के पास भेजा गया था। एमएलसी बनने के बाद अब प्रोफेसर तारिक मंसूर ने अधिकारी तौर पर अपना इस्तीफा दे दिया है। उनके त्यागपत्र के बाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर वाइस चांसलर को उनका पदभार सौंपा गया है। अभी तक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कुलपति का कार्यभार संभालने वाले डॉक्टर तारिक मंसूर अब राजनीति में अपने जौहर दिखाएंगे।

पीएम की जमकर तारीफ करते हुए दिखाई दिए आजाद 

पीएम की जमकर तारीफ करते हुए दिखाई दिए आजाद 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस के रास्ते अपनी राजनीति शुरू करने वाले जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद अब अपनी अलग पार्टी बनाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ करते हुए दिखाई दिए हैं। कांग्रेस में रहते समय तरह-तरह की बुराइयां खोजने वाले गुलाम नबी आजाद को अब पीएम के भीतर बेपनाह अच्छाइयां दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी भी बदले की भावना से काम नहीं किया है, उनका बर्ताव एक राजनेता जैसा है।

मंगलवार को आधी सदी से भी ज्यादा समय तक कांग्रेस नेता रहे गुलाम नबी आजाद ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए अपने मुंह से झरझर फूलों की बारिश की है। गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्यवहार एक महान राजनेता जैसा है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्रेडिट देना चाहूंगा। उन्होंने कहा कि मैंने उनके साथ जो भी किया है, लेकिन वह सद्भाव पूर्ण रहे हैं।

विपक्ष के नेता के तौर पर सीएए, हिजाब विवाद और धारा 370 जैसे मसलों पर मैंने उन्हें खूब घेरा था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी भी बदले की भावना से काम नहीं किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक राजनेता जैसा ही हमेशा बर्ताव किया है।

जयसिंघानी ने अपनी बेटी के साथ मिलकर साजिश रची

जयसिंघानी ने अपनी बेटी के साथ मिलकर साजिश रची

कविता गर्ग 

मुंबई। मुंबई की एक विशेष अदालत ने कहा है कि संदिग्ध सटोरिये अनिल जयसिंघानी ने अपने खिलाफ दर्ज विभिन्न प्राथमिकियों से खुद को बचाने के लिए अपनी बेटी अनिक्षा के साथ मिलकर साजिश रची, जिसके तहत महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की पत्नी अमृता को रिश्वत देने की कोशिश की गई और उनके इनकार करने पर उनसे जबरन धन उगाही करने के लिए उन्हें निजी संदेश भेजे गए।

भ्रष्टाचार-रोधी मामलों की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश दीपक अलमाले ने एक अप्रैल को अनिल जयसिंघानी को जमानत देने से इनकार कर दिया था। अनिल जयसिंघानी और उसकी बेटी अनिक्षा पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस को ‘ब्लैकमेल’ करने और रिश्वत देने की कोशिश करने का आरोप है।

अदालत के आदेश की मंगलवार को उपलब्ध हुई प्रति के अनुसार, पिता और पुत्री दोनों ने ही एक साजिश रची, जिसके तहत अनिक्षा ने अमृता फडणवीस से मित्रता की। इसमें आगे कहा गया है कि इसके बाद ‘अनिक्षा ने अमृता से अपने पिता को उसके खिलाफ लंबित विभिन्न आपराधिक मामलों में बचाने का अनुरोध किया, क्योंकि शिकायतकर्ता (अमृता फडणवीस) के पति एक लोक सेवक हैं।’’ अदालत के अनुसार, अनिक्षा ने अमृता फडणवीस को एक करोड़ रुपये की रिश्वत देने की पेशकश की।

अदालत ने आदेश में कहा है, ‘‘यह अभियोजन का मामला है कि जब शिकायतकर्ता ने अनिक्षा के कहने के अनुसार काम करने से मना कर दिया तो उसने (अनिक्षा ने) शिकायतकर्ता के मोबाइल फोन पर वीडियो, वॉयस नोट्स तथा स्क्रीन शॉट्स भेजे, जबरन धन वसूली का प्रयास किया और 10 करोड़ रुपये की मांग की।’’ अदालत ने कहा कि मामले में जांच जारी है और अनिल जयसिंघानी के खिलाफ 17 अन्य मामले भी लंबित हैं।

अदालत के अनुसार, ‘‘इसलिए इस बात की पूरी संभावना है कि जमानत पर रिहा होने के बाद आरोपी भाग सकता है।’’ दक्षिण मुंबई के मालाबार थाने ने कथित तौर पर कुछ ऑडियो और वीडियो क्लिप सार्वजनिक करने की धमकी देने के मामले में अनिल जयसिंघानी और उसकी बेटी अनिक्षा जयसिंघानी के खिलाफ 20 फरवरी को प्राथमिकी दर्ज की थी।

क्लिप में दिखाया गया था कि अमृता फडणवीस कथित रूप से अनिक्षा से फायदा उठा रही हैं। अनिल और अनिक्षा पर भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। अनिक्षा को इस मामले में 17 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और एक सत्र अदालत ने 27 मार्च को उसे जमानत दे दी। उसके पिता अनिल को बाद में मुंबई पुलिस ने गुजरात से गिरफ्तार किया और वह न्यायिक हिरासत में है। 

वाहनों की खुदरा बिक्री 3,35,266 इकाई पर पहुंची

वाहनों की खुदरा बिक्री 3,35,266 इकाई पर पहुंची

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों की आपूर्ति में सुधार से देश में यात्री वाहनों (पीवी) की खुदरा बिक्री मार्च महीने में सालाना आधार पर 14 प्रतिशत बढ़कर 3,35,266 इकाई पर पहुंच गई। वाहन डीलर संघों के महासंघ (फाडा) ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पिछले महीने घरेलू बाजार में यात्री वाहनों का पंजीकरण का आंकड़ा 3,35,266 इकाई पर पहुंच गया। मार्च, 2022 में यह संख्या 2,93,016 इकाई रही थी।

फाडा ने बयान में कहा कि दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री भी पिछले महीने 12 प्रतिशत बढ़कर 14,45,867 इकाई हो गई। एक साल पहले इसी महीने में 12,86,109 दोपहिया वाहन बिके थे। इसी तरह, वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री भी पिछले महीने बढ़कर 92,790 इकाई रही। यह आंकड़ा पिछले साल मार्च के 84,124 इकाई से 10 प्रतिशत अधिक है।

आलोच्य अवधि के दौरान तिपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री सालाना आधार पर 69 प्रतिशत बढ़कर 86,857 इकाई पर पहुंच गई। वहीं ट्रैक्टर बिक्री पिछले महीने चार प्रतिशत बढ़ी। यह 78,070 इकाई से बढ़कर 81,607 इकाई पर पहुंच गई। पिछले महीने कुल वाहन पंजीकरण बढ़कर 20,41,847 इकाई हो गया। यह मार्च, 2022 में पंजीकृत 17,92,802 इकाई के आंकड़े से 14 प्रतिशत अधिक रहा। आंकड़ों के अनुसार, बीते वित्त वर्ष 2022-23 मे यात्री वाहनों का पंजीकरण 23 प्रतिशत बढ़कर 36,20,039 इकाई रहा। इससे पिछले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में यह 29,42,273 इकाई था।

दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री वित्त वर्ष 2022-23 में 1,34,94,214 इकाई से 19 प्रतिशत बढ़कर 1,59,95,968 इकाई हो गई। इसी तरह वाणिज्यिक वाहनों की खुदरा बिक्री समाप्त वित्त वर्ष में 33 प्रतिशत बढ़ी। तिपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री में 84 प्रतिशत और ट्रैक्टरों क खुदरा बिक्री में सालाना आधार पर आठ प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। वहीं इस दौरान कुल वाहन बिक्री 21 प्रतिशत बढ़कर 2,21,50,222 इकाई हो गई। वित्त वर्ष 2021-22 कुल 1,83,27,326 वाहन बिके थे।

राहुल का पलटवार, हर बार बीजेपी की नकल क्यों ?

राहुल का पलटवार, हर बार बीजेपी की नकल क्यों ?

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, कि यह जो 20,000 करोड़ रुपए गौतम अडाणी के शेल कंपनी में हैं, ये किसके हैं ? यह बेनामी हैं, यह किसके हैं? उन्होंने कहा कि बीजेपी को इसका जवाब देना चाहिए। राहुल गांधी से जब पूछा गया कि बीजेपी कह रही है कि आप न्यायपालिका पर दबाव बना रहे हैं, तो इस पर पलटवार करते हुए राहुल ने कहा कि हर बार आप वही बात क्यों कह रहे हैं, जो बीजेपी कह रही है। कांग्रेस नेता ने बीजेपी को लेकर सवाल पूछते हुए कहा कि अडानी की शेल कंपनी में 20000 करोड़ रुपये किसके हैं। उनको इसका जवाब देना चाहिए कि ये किसके पैसे हैं। ये टिप्पणी राहुल गांधी ने भाजपा के कांग्रेस न्यायपालिका पर दबाव बना रही है, इस आरोप पर दी। 

राहुल गांधी अडानी के मामले में लगातार सवाल उठा रहे हैं।  उन्होंने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अडानी के मुद्दे को उठाया था।  राहुल गांधी ने कहा, मैं सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा। अडाणी का नरेंद्र मोदी से क्या रिश्ता है? इन लोगों से मुझे डर नहीं लगता। श अगर इनको लगता है कि मेरी सदस्यता रद्द करके, डराकर, धमकाकर, जेल भेजकर मुझे बंद कर सकते हैं। मैं हिन्दुस्तान के लोकतंत्र के लिए लड़ रहा हूं और लड़ता रहूंगा। 

कांग्रेस नेता ने कहा, मुझे फर्क नहीं पड़ता कि मैं संसद के अंदर हूं या बाहर हूं।  मुझे अपनी तपस्या करनी है, मैं उसे करके दिखाऊंगा। ये मुझे मारें, पीटें या जेल में डालें, लेकिन मैं अपनी तपस्या जारी रखूंगा।  यह पूरा ड्रामा है जो प्रधानमंत्री को एक साधारण सवाल से बचाने के लिए किया गया है। अडाणी की शेल कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपये किसके गए? मैं इन धमकियों, अयोग्यताओं या जेल की सजा से डरने वाला नहीं हूं।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


1. अंक-173, (वर्ष-06)

2. बुधवार, अप्रैल 5, 2023

3. शक-1944, चैत्र, शुक्ल-पक्ष, तिथि-चतुर्दशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:40, सूर्यास्त: 06:23। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 19 डी.सै., अधिकतम- 24+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

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