नयी दिल्ली। महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश में रविवार को भारी बारिश के कारण कई नदियां उफान पर आ गईं जबकि ओडिशा के तटीय इलाकों के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। राष्ट्रीय राजधानी में अगले छह दिन तक हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है। मौसम विभाग ने रविवार को अपने पूर्वानुमान में इसकी जानकारी दी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि व्यापक पैमाने पर बारिश का अनुमान नहीं है। साथ ही अगले छह दिन तक हल्की बारिश होने का अनुमान जताया गया है। दिल्ली में अगस्त में अब तक 236.5 मिमी बारिश दर्ज की गई है। राजधानी की तरह ही हरियाणा और पंजाब में भी रविवार को अधिकतम तापमान सामान्य सीमा के आसपास ही रहा। इस बीच, उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई जबकि 16 जिलों के कीब 600 गांव अब भी बाढ से प्रभावित हैं। प्रदेश में शारदा और सरयू नदी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। उधर, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि दो दिनों से हो रही भारी बारिश से प्रदेश में 10 लोगों की मौत हुई है औरप्रदेश के बाढ़ प्रभावित 12 जिलों के 454 गाँवों से लगभग 11,000 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। हालांकि, आज प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश कुछ थम गई है। इस बीच, राजस्थान में पिछले 24 घंटों के दौरान पूर्वी इलाकों के अनेक स्थानों तथा पश्चिमी इलाकों के कुछ स्थानों पर मेघगर्जन के साथ हल्की से मध्यम दर्ज की बारिश दर्ज की गई| वागड़ अंचल के दोनों जिलों (बांसवाड़ा-डूंगरपुर) में शनिवार से लगातार हो रही बारिश के बाद माही बांध के सभी 16 गेट खोल दिये गये। मौसम विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान उदयपुर, सिरोही, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, झालावाड़, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, अजमेर, जैसलमेर तथा बीकानेर जिलों में कहीं कहीं भारी से अति भारी बारिश दर्ज की गई। सर्वाधिक बारिश 360 मिलीमीटर डूंगरपुर के आसपुर में दर्ज की गई। गुजरात के विभिन्न हिस्सों में रविवार को भारी वर्षा होने से भरूच सहित कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। सरदार सरोवर बांध से पानी छोड़े जाने के चलते भरूच में नर्मदा नदी के किनारे के क्षेत्रों में पानी भर गया जिसके चलते वहां से 2,000 से अधिक लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य एजेंसियों की टीमें भरूच में बचाव अभियानों में शामिल रहीं।भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार तक कई जिलों में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक बारिश के साथ भारी से बहुत भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है। रविवार की सुबह से, पंचमहाल, राजकोट, बनासकांठा, वडोदरा, बोटाद, अहमदाबाद और कुछ अन्य जिलों में भारी बारिश हुई, जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और कई नदियों और झीलों में पानी बढ़ गया। तटीय ओडिशा में कई गांव रविवार को महानदी के बाढ़ के पानी से घिर गए। कटक के पास मुंदाली बैराज से 10 लाख क्यूसेक पानी का प्रवाह होने से यह स्थिति पैदा हुई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। नदी में आयी बाढ़ से कटक जिले के बांकी क्षेत्र में गांवों में पानी भर गया और सड़क सम्पर्क प्रभावित हुआ। मुख्य सचिव ए के त्रिपाठी ने बताया कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक सोमवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे और स्थिति को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक करेंगे। त्रिपाठी ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार राहत एवं बचाव के लिए सभी इंतजाम कर लिये गए हैं और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ और दमकल कर्मियों की टीमों को तैनात किया गया है। मुख्य सचिव ने कहा कि महानदी में उच्च स्तर का जलप्रवाह सोमवार तक जारी रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि जल संसाधन विभाग के इंजीनियर केंद्रपाड़ा, पुरी, जगतसिंहपुर और कटक जिलों में स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। इस बीच मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले तीन दिनों के दौरान क्योंझर, मयूरभंज, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, रायगढ़ा, गजपति, मल्कानगिरि और जाजपुर जिलों सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तीव्रता की वर्षा होने का अनुमान जताया है।