नई दिल्ली/न्यूयॉर्क/लंदन। कोरोना से चीन ने मौतों का आंकड़ा अचानक बढ़ाया तो उसे संदेह की नजर से देख रही दुनिया को विश्वास हो गया कि उसने इसमें भी खेल किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही इस मामले में चीन पर दोहरी चाल चलने का आरोप लगाते रहे हैं। अब ब्रिटेन और फ्रांस ने भी आंखें तरेरी है।
ब्रिटेन के विदेश सचिव डॉमनिक रॉब ने कहा है कि कोरोना की त्रासदी का असर ब्रिटेन और चीन के संबंधों पर पड़ेगा। उन्होंने कहा, संकट से उबरने के बाद चीन के साथ व्यापार सामान्य नहीं होगा। इधर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी चीन की पैंतरेबाजी पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह मानना बेवकूफी होगी कि चीन ने बेहतर ढंग से इस माहामारी का सामना किया। सच यह है कि बहुत सी बातें ऐसी हैं जिनके बारे में किसी को कुछ नहीं पता है।
महामारी कैसे फैली ये पता कराएंगे : रॉब
ब्रिटेन के विदेश सचिव डॉमनिक रॉब ने तल्ख तेवर में कहा, विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर ये पता किया जाएगा कि महामारी फैली कैसे। वहीं, ब्रिटेन के कंजर्वेटिव पार्टी के पूर्व नेता विलियम हेग ने कहा, 5जी नेटवर्क में चीन की कंपनी हुवावे की मौजूदगी पर सख्ती भरा कदम उठाना होगा ताकि हमारी उसपर निर्भरता नहीं रहे।
फ्रांस में चीन के राजदूत तलब
फ्रांस में चीन के राजदूत को पेरिस तलब किया गया। दूतावास की वेबसाइट पर एक प्रकाशित लेख को लेकर नाराजगी जताई गई जिसमें लिखा गया था कि यूरोप में बुजुर्गों को केयर होम में मरने के लिए छोड़ दिया गया है। राजदूत ने गलती से लेख प्रकाशित होने की बात कहकर अपनी जान बचाई।
अमेरिका के सीनेटर बोले चीन के खिलाफ हो जांच
सीनेटरों के एक समूह ने ट्रंप से कहा कि वह कोविड-19 को लेकर चीन द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के कथित दुरुपयोग के संबंध में अंतरराष्ट्रीय जांच कराएं। साथ ही इस बीमारी के मूल स्रोत और संकट के संबंध में पारदर्शी एवं स्वतंत्र जांच करने के लिए अमेरिकी सहयोगियों के साथ मिलकर काम करें। पत्र में लिखा है हम आपसे कोविड-19 से निपटने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के नेतृत्व के लिए एक उच्चस्तरीय दूत को नियुक्त करने की भी अपील करते हैं।
चीन ने दी सफाई...जानकारी अधूरी थी कई जगह दोहराव
चीन सरकार ने आंकड़ों के गलत होने के चार कारण बताए हैं। पहला, कोरोना महामारी के शुरुआती दिनों में मरीजों की बढ़ती संख्या मेडिकल क्षमता को प्रभावित किया और अस्पतालों के बजाय कुछ मरीजों ने घर पर ही दम तोड़ दिया। दूसरी, अस्पताल क्षमता से अधिक काम कर रहे थे और रोगियों को बचाने के चक्कर में भ्रामक रिपोर्टिंग हुई।
तीसरे, कई अस्पताल महामारी सूचना नेटवर्क के साथ सही से नहीं जुड़ पाए और सही डाटा नहीं भर पाए। चौथे, मृतकों में से कुछ की पंजीकृत जानकारी अधूरी थी और रिपोर्टिंग में दोहराव और गलतियां थीं।
ड्रैगन पर आफत… अर्थव्यवस्था में 40 वर्षों की बड़ी गिरावट, पहली तिमाही में 6.8 फीसदी लुढ़की जीडीपी
कोरोना के कहर के बीच जिस देश से इस महामारी की शुरुआत हुई वहां 1970 के बाद आर्थिक स्तर पर बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। चीन की जीडीपी 1976 की विनाशकारी सांस्कृतिक क्रांति के बाद से अब तक की सबसे बड़ी गिरावट के साथ 2020 की पहली तिमाही में 6.8 फीसदी दर्ज हुई है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने कहा, 2020 में जनवरी से मार्च के बीच चीन का सकल घरेलू उत्पाद 20,650 अरब युआन (लगभग 2910 अरब डॉलर) रहा, जो पिछले साल इसी अवधि के मुकाबले 6.8 फीसदी गिरावट दर्शाता है। तिमाही के प्रारंभिक दो महीनों में 20.5 फीसदी की कमी आई।