महाराजगंज। निचलौल के चंदन नदी घाट पर सातवें दिन जारी रहा कांग्रेसी कार्यकर्ता व किसानों का आंदोलन l
निचलौल गन्ना भुगतान दिलाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष किसान नेता राजू कुमार गुप्ता एवं ग्रामीणों के अगुवाई में आज सातवां दिन भी घंटों जल सत्याग्रह जारी रहा। इसके उपरांत दर्जनों ग्रामीणों के लोग अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया योगी सरकार जिला प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए। और जल्द से जल्द पुलिया स्वीकृत कराया जाए एवं (gadaura) चीनी मिल पर गरीब किसानों का ब्याज सहित तत्काल भुगतान हो और एक सुर में शुक्र हर. बकुल डीहा बोधना कट खोर मैरी झर वालिया बन्नी सिंगा भार डगरपुर समेत दर्जनों ग्रामीणों ने गंगा मैया की कसम खाकर प्रण लिया। अंतिम सांस तक 2 सूत्री मांग पूरा होने तक गांधीवादी सत्याग्रह जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सभी सत्याग्रही का स्वास्थ्य खराब हो रहा है। सरकार और जिला प्रशासन नींद की गोली खाकर सोया हुआ है। हम लोग भी अंतिम सांस तक चाहे हमारी जान क्यों ना चली जाए लड़ाई जारी रहेगी। जिसकी सारी जिम्मेदारी योगी सरकार एवं जिला प्रशासन का होगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के दुर्भाग्य है की क्षेत्र के गैर कांग्रेसी जनप्रतिनिधि सिर्फ इस क्षेत्र को धोखा दिया और क्षेत्र का विकास न करके सिर्फ अपना विकास किया। मांग पूरी होने तक जल सत्याग्रह जारी रहेगा इस दौरान रामकृपाल यादव, सुरेश मौर्य, शिवकुमार, बैजनाथ यादव, लोरिक यादव, जावेद उर्फ छोटू, वेद प्रकाश मौर्य, वेदनाथ यादव, दीनानाथ, इंद्रजीत मौर्य ,मुन्ना यादव ,कपिल देव गुप्ता ,चरण यादव ,मुकेश गौड़ संजय चौहान, अवधेश यादव, शिव प्रताप चौहान, आलम, इंद्रावती, चंद्रावती, शकुंतला आदि सैकड़ों लोग उपस्थित रहे l
रिपोर्ट-संजय कुमार
बुधवार, 2 अक्तूबर 2019
कांग्रेस-किसानों का सातवें दिन धरना
हरियाणा कांग्रेस में जबरदस्त घमासान
चडींगढ। हरियाणा में 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए लिस्ट जारी होने से पहले ही कांग्रेस में जबरदस्त घमासाना मच गया है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता किरण चौधरी और अशोक तंवर पार्टी से नाराज बताये जा रहे हैं। टिकट वितरण में अनदेखी से नाराज किरण चौधरी बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर पहुंच गईं है। वही अशोक तंवर कल से ही वही डटे है।
इतना ही नहीं, सूत्रों के मुताबिक ये दोनों नेता इस्तीफा भी दे सकते हैं। तंवर ओर किरण सोनिया गांधी से मुलाकात कर अपनी नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं। वही सोनिया गांधी के आवास के बाहर तंवर समर्थकों का जोरदार प्रदर्शन जारी है।
बुजुर्ग को 'डीसी' बनाया,मामला निपटाया
कैथल। नायक फिल्म में अनिल कपूर के एक दिन के सीएम बनने की तर्ज पर कसान गांव का 88 वर्षीय शिवचरण एक दिन का कैथल का डीसी बना। बुजुर्ग डीसी ने कार्यालय में कुर्सी पर बैठकर जहां अपने 9 साल पुराने जमीन बंटवारे का विवाद निपटाया, वहीं अन्य फरियादियों की शिकायतें सुन मौके पर तहसीलदार समेत कई अधिकारियों को आदेश दिए। जो अधिकारी बुजुर्ग को चक्कर कटवा रहे थे, वे डीसी बनते ही, जी हजूरी करते नजर आए।
कुर्सी पर बैठे बुजुर्ग डीसी ने कहा कि काम क्यूं लेट होवै सै, यह नीयत का फर्क है। अच्छी नीयत होगी तो अच्छे काम होवैं सै। सरकार पैसे देवै सै तो अफसरां नै काम भी करना चाहिए। इसी बीच वहां पहुंचे कुछ पत्रकार बोले- आप ऑर्डर दो, आप डीसी हो, ऑर्डर के दयूं मेरा झोला मेरा डोगा कड़ै सै भाई। म्हारी पूछ हो ज्या तो पेटा सा भर ज्या। ईब मैं संतुष्ट हूं।
टिकट ना मिलने पर, रोया भाजपा नेता
कैथल। मेरी तीस वर्ष की तपस्या का फल भाजपा ने धोखा देकर दिया, षडय़ंत्र के तहत मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मेरा टिकट कटवाया है। मेरे दोनों बच्चे भी भाजपा में पैदा हुए और आज खुद बच्चों वाले हो चुके हैं। ये शब्द भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य रणधीर गोलन ने पूंडरी जश्र पैलेस में आयोजित हलका कार्यकर्ताओं की बैठक में पार्टी टिकट कटने के बाद भावुक होते हुए कहे। इसके साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं की सहमति से भाजपा से बगावत करते हुए आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडऩे का भी ऐलान कर दिया।
वही हजारों कार्यकर्ताओं ने भाजपा पार्टी के बाहरी प्रत्याशी का विरोध करते हुए गोलन को अपना प्रत्याशी घोषित किया। गोलन ने रोते हुए कार्यकर्ताओं के बीच में अपना दर्द प्रकट करते हुए कहा कि उन्होंने 30 वर्षों से बगैर कोई परवाह किये दिन-रात पार्टी के विकास के लिए अपने खून-पसीने से सींचने का काम किया और अब जब मौका आया तो पार्टी ने पीठ में छूरा घोंपने का काम किया। उनका मात्र इतना कसूर था कि उन्होंने कार्य कार्यकारिणी की बैठक में बिजली निगम द्वारा आये दिन डाले जाने वाले बिजली चोरी के छापों को बंद करने के लिए आवाज उठाई थी, जिसकी मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गांठ बांध ली और उन्हें सरकार के खिलाफ बोलने जैसे आरोप लगा दिये।
गांधी-शास्त्री को नेताओ ने दी श्रद्धांजलि
गांधी और शास्त्री की जयंती पर पीएम मोदी, सोनिया और मनमोहन सिंह ने दी श्रद्धांजलि
नई दिल्ली। आज देशभर में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई जा रही है। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की भी 116वीं जयंती है। इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपिता की समाधि स्थल राजघाट पर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल एवं हरदीप सिंह पुरी और भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी राष्ट्रपिता को पुष्पांजलि अर्पित की। उपराष्ट्रपति ने ट्वीट किया, 'हम महात्मा गांधी को उनकी 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देते हैं। आइए, हम दैनिक जीवन में गांधीवादी सिद्धांतों को लागू कर और अपनाकर हमारे जीवन में बदलाव लाने का प्रयास करें।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश मानवता के प्रति गांधी के चिरस्थायी योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त करता है। उन्होंने ट्वीट किया, 'हम उनके सपनों को साकार करने और एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए लगातार कड़ा परिश्रम करने का संकल्प लेते हैं।' मोदी ने गांधी पर एक छोटा वीडियो भी ट्वीट किया जिसके जरिए बताया कि बापू का शांति का संदेश वैश्विक समुदाय के लिए अब भी प्रासंगिक है।
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती को लेकर पीएम मोदी ने एक और वीडियो ट्विट किया है जिसमें लिखा है कि 'जय जवान जय किसान' के उद्घोष से देश में नव-ऊर्जा का संचार करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी को उनकी जयंती पर शत-शत नमन।
गांधी जयंती पर चित्रकला प्रतियोगिता
कोरबा। छत्तीसगढ़ प्रदेश युवा कांग्रेस के दिशानिर्देश पर युवा कांग्रेस जिला कोरबा द्वारा शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय,रामपुर (PWD) में भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के जयंती कद अवसर पर चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया।गया जिसमें मुख्य अथिति के रूप में युवा कांग्रेस के पूर्व कोरबा लोकसभा अध्यक्ष श्यामनारायण सोनी जी विशिष्ट अथिति के रूप में युवा कांग्रेस झारखंड प्रभारी अभय तिवारी जी एव युवा कांग्रेस प्रदेश सचिव एव कोरबा जिला प्रभारी गौरव दुबे जी के द्वारा किया गया कार्यक्रम का आयोजन जिला युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष नितिन चौरसिया के नेतृत्व मे एव कार्यकारिणी अध्यक्ष आकाश शर्मा के विशेष उपस्थिति में हुआ, कार्यक्रम में करीब 168 बच्चों एव करीब 15 विद्यालयो के छात्र छात्राओं ने कार्यक्रम में सहभागिता प्रदान किया कार्यक्रम में प्रथम पुरस्कार कु रश्मि प्रजापति बल सदन विद्यालय, बालको को 7777 रुपये प्रदान किया गया,द्वितीय विकास केसरवानी शासकीय विद्यालय, रजगामार 5555 रुपये एव श्रेया साहू न्यू एरा प्रोग्रेसिव विद्यालय, कोरबा 3333 रुपये प्रदान किया इसके अलावा उभरते सितारे के रूप में अनुभूति सक्सेना डीएवी,कोरबा की छात्रा को दिया गया,मंच संचालन युवा कांग्रेस महासचिव एव कार्यालय प्रभारी मधूसूदन दास के द्वारा किया गया।
प्रमुख रूप से युवा कांग्रेस विधानसभा अध्यक्षगण बालेन्द्र सिंह,रवि कश्यप,बृजभूषण प्रसाद,धर्मराज अग्रवाल,युवा कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष भरत मिश्रा,कृष्णपाल सिंह,महासचिव सहजाद आलम,नरेंद्र यादव,पंकज सोनी,लखन पात्रे,सचिव विवेक श्रीवास,शब्बीर खान,मितेश यादव,कमल चंद्रा,विनय गुप्ता, बाबा महन्त,ब्लॉक अध्यक्ष हरिहर दास, राघव साहू,निरंजन श्रीवास,प्रिंस मित्तल,मोनू कुरैसी,अंकित श्रीवास्तव, एनएसयूआई जिला संयोजक ज्ञानेंद्र चंद्रा,साबिर अंसारी,आशु अली,अमरेश पंडित,अमित सिंह,और अनेक युवा कांग्रेसी उपस्थित थे।
गडकरी ने लॉन्च की 'बांस की बोतल'
नई दिल्ली। केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम और सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती की पूर्व संध्या पर मंगलवार को नई दिल्ली में केवीआईसी के नए उत्पादों को लॉन्च करने के साथ-साथ एक विशेष बिक्री अभियान भी शुरू किया। उन्होंने बांस से बनी 700 एमएल और 900 एमएल की क्षमता वाली बोतल को लॉन्च किया। यह बोतल त्रिपुरा स्थित एक संगठन द्वारा बनाई गई है। इसे प्लास्टिक की बोतलों का सटीक प्रतिस्थापन या विकल्प माना जा रहा है क्योंकि यह प्राकृतिक, किफायती, आकर्षक और सर्वाधिक पर्यावरण अनुकूल है। उन्होंने लाडली द्वारा तैयार किफायती सैनिटरी नैपकिन के साथ-साथ एक नए साबुन और कच्ची घानी सरसों तेल को भी लॉन्च किया।
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपिता को स्मरण करते हुए गडकरी ने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग गांधीजी के हृदय के बहुत करीब थे। उन्होंने कहा कि गांधीवादी अर्थशास्त्र में अधिकतम लोगों की भागीदारी के साथ अधिकतम उत्पादन पर जोर दिया जाता है और भारत सरकार उनके सपनों को साकार करने के लिए पूरी तन्मयता के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि 400 रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ में चाय सुलभ कराना और चमड़ा कारीगरों को टूल किट का वितरण इसी दिशा में अहम कदम हैं। गडकरी ने खादी उत्पादों के आधुनिकीकरण की आवश्यकता पर भी बल दिया, ताकि उन्हें युवाओं के लिए और ज्यादा आकर्षक बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि मंत्रालय और केवीआईसी इस संबंध में प्रख्यात डिजाइनरों के साथ सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में 200 एमएसएमई कंपनियां नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में सूचीबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि केवीआईसी को भी एनएसई में कुछ उद्यमियों को सूचीबद्ध कराने के प्रयास करने चाहिए जिससे कर्ज का प्रवाह आसान हो जाएगा।
गडकरी ने पर्यावरण अनुकूल, किफायती और स्वास्थ्य तथा पर्यावरण के लिए बेहतर माने जाने वाले नए उत्पादों को विकसित करने में केवीआईसी द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस वर्ष खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) 13 अक्टूबर, 2018 को एक ही दिन में 1.25 करोड़ रुपये की बिक्री करने के स्वयं के रिकॉर्ड को तोड़ देगा।
केवीआईसी के अध्यक्ष विनय सक्सेना ने कहा कि केवीआईसी ग्रामोद्योगों के पुनरुत्थान में जुटा हुआ है। आज लॉन्च किए गए कच्ची घानी सरसों तेल की आपूर्ति प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) से जुड़ी एक यूनिट कर रही है, जिसे हाल ही में जयपुर के निकट स्थापित किया गया है। किफायती सैनिटरी नैपकिन भी एक पीएमईजीपी यूनिट में तैयार किए जा रहे हैं जो चंडीगढ़ में अवस्थित है। उन्होंने बताया कि केवीआईसी का वार्षिक कारोबार लगभग 3,000 करोड़ रुपये है और इसे आने वाले वर्षों में बढ़ाकर 5,000 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने के मद्देनजर केवीआईसी पहली बार गांधी टोपी एवं गांधी धोती पर 40 प्रतिशत डिस्काउंट या छूट दे रही है। इसी तरह सभी ग्रामोद्योग उत्पादों पर 20 प्रतिशत छूट दी जाएगी जो 2 अक्टूबर से प्रभावी होगी और यह 40 दिनों के लिए मान्य होगी।
बिजनौर:हत्यारोपी के पीछे लगाया ड्रोन
बिजनौर। बिजनौर के बढ़ापुर थाना क्षेत्र में अपने पड़ोसी बीजेपी नेता के बेटे कृष्णा और भतीजे राहुल को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या करने वाले आरोपी मोहल्ला नौमी में रहने वाला अश्वनी उर्फ जॉनी दादा को पकड़ने के लिए बिजनौर में इन दिनों पुलिस प्रशासन के द्वारा ड्रोन का सहारा लिया जा रहा है।
पुलिस के आला अधिकारी हत्यारे को पकड़ने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही है और यही वजह है कि 50 बीघा ईख के खेत में जॉनी के छिपे होने की वजह से चारों तरफ भारी फोर्स ने घेर रखा है। साथ ही ड्रोन कैमरे के जरिए से आरोपी हत्यारे की तलाश जारी है।फरार हत्यारे ने 30 सितंबर की शाम को स्योहारा थाना क्षेत्र के गांव दौलताबाद में एक तरफा प्यार में गोलियां बरसाकर नितिका को मौत के घाट उतारकर फरार हो गया। नितिका को गोली मारने के बाद जोनी दादा ईख के खेत मे जा घुसा। घटना की जानकारी के बाद पुलिस ने पूरे जंगल की घेराबंदी कर रखी है।24 घंटे से ज़्यादा हो चुके है। जॉनी अभी भी खेत मे घुसा हुआ है। पुलिस के मुताबिक, अभी तक आरोपी पकड़ा नहीं गया है। ईख के खेत में ही उसे पकड़ने के लिए ड्रोन का सहारा लिया गया है। आरोपी जॉनी की सर्चिंग की जा रही है।
इसरो के वैज्ञानिक की संदिग्ध मौत
हैदराबाद। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर के वैज्ञानिक एस. सुरेश की हैदराबाद में उनके ही फ्लैट पर हत्या कर दी गई है। पुलिस के अनुसार, अज्ञात व्यक्ति ने उनके सिर पर किसी भारी चीज से वार किया है। वारदात के समय केरल के सुरेश फ्लैट में अकेले मौजूद थे। बतादें कि उनका फ्लैट शहर के बीचों-बीच अमीरपेट इलाके के अन्नपूर्णा अपार्टमेंट में है, जिसमें वह करीब 20 साल से रह रहे थे।
फ्लैट का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी पुलिस : दरअसल, एस. सुरेश मंगलवार को जब कार्यालय नहीं पहुंचने तो उनके साथियों ने मोबाइल पर फोन किया। फोन रसीव नहीं होने पर उन्होंने एस. सुरेश की पत्नी इंदिरा को सूचना दी। उनकी पत्नी चेन्नई में बैंक कर्मचारी हैं। उनकी पत्नी का 2005 में चेन्नई तबादला हो गया था। दोस्तों का फोन आने के बाद इंदिरा परिजनों के साथ हैदराबाद पहुंचीं और पुलिस को सूचना दी। पुलिस जब फ्लैट का दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंची तो वहां सुरेश का शव हॉल में पड़ा था।
नेताओं की नजरबंदी से हटी पाबंदी
गांधीजी की जयंती के अवसर पर जम्मू और कश्मीर
नई दिल्ली। प्रशासन ने जम्मू में कुछ नेताओं की नजरबंदी खत्म कर दी है। धारा 370 हटाने के बाद स्थानीय पुलिस ने एहतिहात के तौर पर जम्मू में कई नेताओं को नजरबंद किया था। पूर्व मंत्री और डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह को भी नजरबंद किया गया था। जम्मू में नजरबंद सभी विपक्षी दलों के नेताओं पर से नजरबंदी हटा दी गई है। जिन नेताओं पर से नजरबंदी हटाई गई है उसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, पैंथर्स पार्टी के नेता शामिल हैं।
डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह के अलावा जिन नेताओं से नजरबंदी हटाई गई है, उसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के देवेंद्र राणा और एसएस सालाथिया, कांग्रेस रमन भल्ला और पैंथर्स पार्टी के हर्षदेव सिंह के नाम शामिल हैं। इन नेताओं को 5 अगस्त से नजरबंद कर लिया गया था।
पीएम ने 'अहिंसादूत' को श्रद्धांजलि दी
नई दिल्ली। आज 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी का जन्मदिन है। उन्हें पूरी दुनिया में अहिंसा के प्रतीक के तौर पर जाना जाता है। उनके जन्मदिन को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है। उनकी 150वीं जयंती के लिए पूरे देश में जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं।
आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जंयती के साथ देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 116वीं जयंती मनाई जा रही है। पूरे देश में कई जगहों पर इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने राजघाट पहुंचकर बापू को श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी के साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और हरदीप पुरी ने भी राष्ट्रपिता को उनकी 150वीं जयंती पर नमन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और लोकसभा अध्यक्ष राजघाट पर आयोजित प्रार्थना सभा में भी शामिल हुए।
सोनिया गांधी और बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।इससे पहले कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी बापू की समाधि पर पहुंचकर राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इससे पहले आज सुबह ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, 'गांधी जी की जंयती पर शत शत नमन…बापू का सपना पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते रहेंगे। मानवता के लिए गांधी जी के योगदान के लिए हमेशा कृतज्ञ रहेंगे।' इसके साथ ही पीएम मोदी ने गांधी जी का एक वीडियो भी शेयर किया।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी 150वीं जन्म-जयंती पर शत-शत नमन। इसके बाद कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह ने लाल बहादुर शास्त्री की समाधि विजय घाट पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शास्त्री जी याद करते हुए ट्वीट किया, 'जय जवान जय किसान' के उद्घोष से देश में नव-ऊर्जा का संचार करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी को उनकी जयंती पर शत-शत नमन।'
कोई पुराना रोग उभर सकता है:सिंह
राशिफल
मेष-वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में सावधानी रखें। शारीरिक हानि की आशंका है। पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है। क्रोध तथा उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। राजमान व यश प्राप्ति की संभावना है। आय में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। निवेश शुभ रहेगा।
वृष-जीवनसाथी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। सहयोग प्राप्त होगा। कानूनी अड़चन दूर होगी। शत्रुभय रहेगा। सुख के साधन जुटेंगे। आय में सुगमता रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। शेयर मार्केट तथा म्युचुअल फंड मनोनुकूल रहेंगे। घर-बाहर प्रसन्नता तथा उत्साह बने रहेंगे।
मिथुन-प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी। विवाद बढ़ने की आशंका है। क्लेश होगा। भूमि व भवन संबंधी निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। कोई बड़ा कारोबारी सौदा बड़ा लाभ दे सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। आय में वृद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी।
कर्क-लाभ के अवसर हाथ आएंगे। विद्यार्थी वर्ग अपने कार्य में सफलता हासिल करेगा। प्रतिद्वंद्वी सक्रिय रहेंगे। किसी मनोरंजक यात्रा का आयोजन हो सकता है। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। आराम तथा मनोरंजन का समय प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
सिंह-कोई पुराना रोग उभर सकता है। किसी व्यक्ति विशेष से अकारण विवाद हो सकता है। संयम बरतें। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। भावनाओं को वश में रखें। मन की बात किसी को न बतलाएं। दूसरों के कार्य में दखल न लें।
कन्या-पहले की गई मेहनत का फल अब मिलेगा। सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा प्राप्त होगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। आय में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। निवेश शुभ रहेगा। थकान महसूस होगी।
तुला-बोलचाल में संतुलन रखें। परिवार के छोटे सदस्यों के स्वास्थ्य व अध्ययन संबंधी चिंता रहेगी। घर में अतिथियों का आगमन होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। कोई बड़ा कार्य प्रारंभ करने तथा लंबे प्रवास का मन बनेगा। लाभ होगा।
वृश्चिक-किसी अनहोनी की आशंका रहेगी। शारीरिक कष्ट संभव है। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ के योग हैं। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि मनोनुकूल लाभ देंगे। थकान महसूस होगी।
धनु-मानसिक उलझनें रहेंगी। शारीरिक कष्ट से बाधा होगी। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेने की आवश्यकता पड़ सकती है। धैर्य रखें। किसी व्यक्ति विशेष से कहासुनी हो सकती है। नए संबंध बनाने से पहले व्यक्ति को परख लें। धोखा खा सकते हैं। आय होगी।
मकर-कुंआरों को वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। घर-परिवार में खुशी का माहौल रहेगा। भागदौड़ रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। निवेश शुभ रहेगा। प्रमाद न करें।
कुंभ-किसी लंबी यात्रा का कार्यक्रम बन सकता है। नेत्र पीड़ा की आशंका है। नई योजना बनेगी। तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय इत्यादि मनोनुकूल रहेंगे। शेयर मार्केट तथा म्युचुअल फंड लाभदायक रहेंगे। जोखिम न लें।
मीन-वाणी पर नियंत्रण रखें। शारीरिक कष्ट संभव है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। पूजा-पाठ पर व्यय होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रमाद न करें।
बिच्छू का जहर मददगार
बिच्छू सन्धिपाद (Arthropoda) संघ का साँस लेनेवाला अष्टपाद (Arachnid) है। इसकी अनेक जातियाँ हैं, जिनमें आपसी अंतर बहुत मामूली हैं। यहाँ बूथस (Buthus) वंश का विवरण दिया जा रहा है, जो लगभग सभी जातियों पर घटता है।
यह साधारणतः उष्ण प्रदेशों में पत्थर आदि के नीचे छिपे पाये जाते हैं और रात्रि में बाहर निकलते हैं। बिच्छू की लगभग 2000 जातियाँ होती हैं जो न्यूजीलैंड तथा अंटार्कटिक को छोड़कर विश्व के सभी भागों में पाई जाती हैं। इसका शरीर लंबा चपटा और दो भागों- शिरोवक्ष और उदर में बटा होता है। शिरोवक्ष में चार जोड़े पैर और अन्य उपांग जुड़े रहते हैं। सबसे नीचे के खंड से डंक जुड़ा रहता है जो विष-ग्रंथि से संबद्ध रहता है। शरीर काइटिन के बाह्यकंकाल से ढका रहता है। इसके सिर के ऊपर दो आँखें होती हैं। इसके दो से पाँच जोड़ी आँखे सिर के सामने के किनारों में पायी जाती हैं।
बिच्छू साधारणतः उन क्षेत्रों में रहना पसन्द करते हैं जहां का तापमान 200 से 370 सेंटीग्रेड के बीच रहता हैं। परन्तु ये जमा देने वाले शीत तथा मरूभूमि की गरमी को भी सहन कर सकते हैं।
अधिकांश बिच्छू इंसान के लिए हानिकारक नहीं हैं। वैसे, बिच्छू का डंक बेहद पीड़ादायक होता है और इसके लिए इलाज की जरूरत पड़ती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक बिच्छू के जहर में पाए जाने वाले रसायन क्लोरोटोक्सिन को अगर ट्यूमर वाली जगह पर लगाया जाए तो इससे स्वस्थ और कैंसरग्रस्त कोशिकाओं की पहचान आसानी से की जा सकती है। वैज्ञानिकों का दावा है कि क्लोरोटोक्सिन कैंसरग्रस्त कोशिकाओं पर सकारात्मक असर डालता है। यह कई तरह के कैंसर के इलाज में कारगर साबित हो सकता है। उनका मानना है कि बिच्छू का जहर कैंसर का ऑपरेशन करने वाले सर्जनों के लिए मददगार साबित हो सकता है। उन्हें कैंसरग्रस्त और स्वस्थ कोशिकाओं की पहचान करने में आसानी होगी।
लाभदायक अदरक
अदरक (वानस्पतिक नाम: जिंजिबर ऑफ़िसिनेल / Zingiber officinale), एक भूमिगत रूपान्तरित तना है। यह मिट्टी के अन्दर क्षैतिज बढ़ता है। इसमें काफी मात्रा में भोज्य पदार्थ संचित रहता है जिसके कारण यह फूलकर मोटा हो जाता है। अदरक जिंजीबरेसी कुल का पौधा है। अधिकतर उष्णकटिबंधीय (ट्रापिकल्स) और शीतोष्ण कटिबंध (सबट्रापिकल) भागों में पाया जाता है। अदरक दक्षिण एशिया का देशज है किन्तु अब यह पूर्वी अफ्रीका और कैरेबियन में भी पैदा होता है। अदरक का पौधा चीन, जापान, मसकराइन और प्रशांत महासागर के द्वीपों में भी मिलता है। इसके पौधे में सिमपोडियल राइजोम पाया जाता है।
सूखे हुए अदरक को सौंठ (शुष्ठी) कहते हैं। भारत में यह बंगाल, बिहार, चेन्नई,मध्य प्रदेश कोचीन, पंजाब और उत्तर प्रदेश में अधिक उत्पन्न होती है। अदरक का कोई बीज नहीं होता, इसके कंद के ही छोटे-छोटे टुकड़े जमीन में गाड़ दिए जाते हैं। यह एक पौधे की जड़ है। यह भारत में एक मसाले के रूप में प्रमुख है।
अदरक का अन्य उपयोग:-अदरक का इस्तेमाल अधिकतर भोजन के बनाने के दौरान किया जाता है। अक्सर सर्दियों में लोगों को खांसी-जुकाम की परेशानी हो जाती है जिसमें अदरक प्रयोग बेहद ही कारगर माना जाता है। यह अरूची और हृदय रोगों में भी फायदेमंद है। इसके अलावा भी अदरक कई और बीमारियों के लिए भी फ़ायदेमंद मानी गई है।
यज्ञोपवित संकल्प,अन्वेषण
गतांक से...
मेरे पुत्रों, मैं तुम्हें एक ऋषि के आसन पर ले जाना चाहता हूं। जहां ॠषिवर अपने में विचार विनिमय और अन्वेषण करते रहे हैं। 'बाल्यम् ब्रह्म' आज का दिवस कहलाता है। 'नोनम्म् ब्रह्म' जहां महापुरुषों की उत्पत्ति का मूल बन जाता है। आज मैं तुम्हें ऐसे क्षेत्र में ले जाऊंगा जहां ऋषि-मुनि अपने में बड़ा अन्वेषण और अनुसंधान करते रहे हैं। माता कौशल्या का जीवन मुझे स्मरण आता रहता है। उनके जीवन में कितनी प्रतिभा रही है। कितनी विचित्रता रही है। जिसके ऊपर हम प्राय: अपने में विचार विनिमय करते रहते हैं। यहां मूल उत्पत्ति का पालना करने की कितनी उधरवा में सीमा होती है। वास्तव में कोई सीमा नहीं होती है। कि कितनी पालना कर सकता है प्राणी। आज मैं तुम्हें त्रेता के काल में ले जाना चाहता हूं, जिस काल में मानव अपने में बड़ा अन्वेषण और विचार विनिमय करता रहा है। माता कौशल्या के गर्भ में जब पुनीत आत्मा विद्यमान थी, तो माता कौशल्या ने एक नियम बनाया था। जब पुत्रेष्टि यज्ञ हुआ तो, यज्ञ होते समय नियम बनाया कि मैं राष्ट्र का अन्न ग्रहण नहीं करूंगी। क्योंकि जब यजमान यज्ञ करता है तो यह यजमान अपनी दक्षिणा प्रदान करता है। जब पुत्रेष्टि यज्ञ हुआ तो उस समय कौशल्या से दक्षिणा प्राप्त करने लगे। जब वे प्रदान करने लगी तो ऋषि ने कहा कि हे दिव्या, हमे द्रव्य की दक्षिणा नहीं चाहते, हमें तो दक्षिणा दीजिए कि अब जो राष्ट्र है वह रसातल को जा रहा है यहां आलस्य और प्रमाद बलवती होता जा रहा है। रघुवंश और राजा रघु का जो राज था। महाराजा दिलीप की जो उत्तम प्रणाली थी, उसमें सुक्ष्मवाद आ गया है। माता कौशल्या बोली ॠषिवर, पूज्यपाद, जो तुम चाहते हो वर्णन करो। उन्होंने कहा तुम्हारे गर्व से एक ऐसे बालक का जन्म होना चाहिए। जो त्याग और तपस्या में ही परिणत होने वाला हो। माता कौशल्या ने वह स्वीकार कर लिया और उन्होंने कहा कि भगवान, तपस्या में ही अपने जीवन को व्यतीत करूंगी। मैं राष्ट्र का अनुकरण नहीं करूंगी। यह उन्होंने संकल्प लिया। मुझे वह काल स्मरण आता रहता है कि कैसे उन्होंने संकल्प किया और अपना गृह निवास करने लगी। जब उस शरीर में आत्मा वृत्तियों में रत हो रहा था तो राजा को यह प्रतीत हुआ कि कौशल्या राष्ट्र का अन्न ग्रहण नहीं कर रही है और यह बड़ा एक पापाचार बन जाएगा। यदि राष्ट्र का अन्न ग्रहण नहीं किया, वह स्वयं कला कौशल करके उसके बदले जी द्रव्य जाता है उसी से लेकर के अपने उधर की पूर्ति करती रहती। स्मरण आता रहता है कि राजा ने कहा हे देवी,राष्ट्र का अन्न ग्रहण नहीं कर रही हो। उन्होंने कहा प्रभु राष्ट्र का जो अन्न होता है। वह रजोगुण और तमोगुण से सना होता है। इसलिए मैं उसको ग्रहण नहीं करना चाहती। क्योंकि रजोगुण तमोगुण हमारे विचारों और तरंगों के लिए पवित्र नहीं होता है। राजा ने बहुत नम्रता से भी कहा परंतु कौशल्या ने स्वीकार नहीं किया। अंतिम परिणाम यह हुआ। 'ब्राह्मणम् ब्रह्म कृतम' बेटा सायंकाल का समय था राजा ने कहा कि मैं वशिष्ठ और माता अरुंधति से आग्रह करूंगा। तो यह अन्न ग्रहण कर सकेगी। राजा दशरथ अपने वाहन में विद्यमान हो करके भयंकर वनो में जहां वशिष्ठ मुनि महाराजा और माता अरुंधति अपने विद्यालय में निवास करते थे। वह उनके द्वार पर पहुंचे पूर्णिमा का चंद्रमा अपनी संपन्न कलाओं से युक्त था। माता अरुधंती और वशिष्ठ मुनि महाराज एक स्थली पर विद्यमान हो पर कुछ चर्चा कर रहे थे। राजा दशरथ भी उन चर्चाओं को श्रवण करने लगे। माता अरुंधति ने कहा हे प्रभु, यह चंद्रमा कैसा प्रकाशमयी है। मानो अपने में प्रकाशमान है। वशिष्ठ मुनि बोले कि हे देवी, तुम्हें यह प्रतित है कि आज पूर्णिमा का चंद्रमा है और यह सोलह कलाओं से युक्त है। यह समुद्रों से अमृत को लेता है और उसकी वृष्टि कर देता है। चंद्रमा समुद्रों का अधिपति कहलाता है। यह चंद्रमा अमृत को बरसाने वाला है। हे देवी, तुम्हें यह प्रतीत है कि यही तो पृथ्वी के गर्भ में सोम बनकर के अमृत को प्रदान कराता रहता है। यही चंद्रमा की कांति है, जो माता के गर्भ स्थल में जब शिशु होता है तो उसे अमृत प्रदान करता है। यह वही सोम बनकर के अमृत को बहता रहता है। यह अपनी सोलह कलाओं से युक्त है। हे देवी, इसका समुद्रों से मिलान है समुद्र से अमृत लेता है। नाना वनस्पतियों को शोम्य बनाता है। माता अरुंधति बड़ी प्रसन्न हुई उन्होंने कहा प्रभु धन्य है। मैं यह जानना चाहती हूं कि एक वशिष्ठ मंडल है और एक अरुंधति मंडल है। इन दोनों का परस्पर क्या समन्वय रहता है। उन्होंने कहा हे देवी, यह जो अरुधंति और वशिष्ठ मंडल है यह अंतरिक्ष मे निवास करने वाले हैं। चंद्रमा से उधरवा गति में गमन करते हैं। अपनी परिधि में भ्रमण करते रहते हैं। जब भी कोई विज्ञान के वांग्मय में प्रवेश करता रहा है। विज्ञान में रत होता रहा है। उसी समय चंद्रमा देखो वशिष्ठ और अरुंधती दोनों की कातिंयां पृथ्वी मंडल पर बुध के माध्यम से होती रहती है और उसको वैज्ञानिक अपने में ग्रहण करते हैं और यंत्रों का निर्माण करते रहे हैं।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
यूनिवर्सल एक्सप्रेस
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
October 03, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254
1. अंक-60 (साल-01)
2. बृहस्पतिवार, 03अक्टूबर 2019
3. शक-1941,अश्विन,शुक्लपक्ष,तिथि - पचंमी, विक्रमी संवत 2076
4. सूर्योदय प्रातः 6:15,सूर्यास्त 6:10
5. न्यूनतम तापमान -24 डी.सै.,अधिकतम-32+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी, बरसात की संभावना रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्ंकरण) प्रकाशित।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102
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मंगलवार, 1 अक्तूबर 2019
मां कुष्मांडा रूपेण संस्थिता
चंद्रमौलेश्वर शिवांशु 'निर्भयपुत्र'
नवरात्रि के चौथे दिन कुष्माण्डा देवी के स्वरूप की उपासना की जाती है। इस दिन साधक का मन 'अनाहत' चक्र में अवस्थित होता है। अतः इस दिन उसे अत्यंत पवित्र और अचंचल मन से कूष्माण्डा देवी के स्वरूप को ध्यान में रखकर पूजा-उपासना के कार्य में लगना चाहिए।
कूष्मांडा-सिद्धियां
कूष्मांडा - नवदुर्गाओं में चतुर्थ
देवनागरी-कूष्मांडा
संबंध-हिन्दू देवी
अस्त्र-कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प,
अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा
जीवनसाथी-शिव
सवारी-सिंह
जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था, तब इन्हीं देवी ने ब्रह्मांड की रचना की थी। अतः ये ही सृष्टि की आदि-स्वरूपा, आदिशक्ति हैं। इनका निवास सूर्यमंडल के भीतर के लोक में है। वहाँ निवास कर सकने की क्षमता और शक्ति केवल इन्हीं में है। इनके शरीर की कांति और प्रभा भी सूर्य के समान ही दैदीप्यमान हैं।
इनके तेज और प्रकाश से दसों दिशाएँ प्रकाशित हो रही हैं। ब्रह्मांड की सभी वस्तुओं और प्राणियों में अवस्थित तेज इन्हीं की छाया है। माँ की आठ भुजाएँ हैं। अतः ये अष्टभुजा देवी के नाम से भी विख्यात हैं। इनके सात हाथों में क्रमशः कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा है। आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जपमाला है। इनका वाहन सिंह है।
श्लोक:-सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥
महिमा:-माँ कूष्माण्डा की उपासना से भक्तों के समस्त रोग-शोक मिट जाते हैं। इनकी भक्ति से आयु, यश, बल और आरोग्य की वृद्धि होती है। माँ कूष्माण्डा अत्यल्प सेवा और भक्ति से प्रसन्न होने वाली हैं। यदि मनुष्य सच्चे हृदय से इनका शरणागत बन जाए तो फिर उसे अत्यन्त सुगमता से परम पद की प्राप्ति हो सकती है।विधि-विधान से माँ के भक्ति-मार्ग पर कुछ ही कदम आगे बढ़ने पर भक्त साधक को उनकी कृपा का सूक्ष्म अनुभव होने लगता है। यह दुःख स्वरूप संसार उसके लिए अत्यंत सुखद और सुगम बन जाता है। माँ की उपासना मनुष्य को सहज भाव से भवसागर से पार उतारने के लिए सर्वाधिक सुगम और श्रेयस्कर मार्ग है।माँ कूष्माण्डा की उपासना मनुष्य को आधियों-व्याधियों से सर्वथा विमुक्त करके उसे सुख, समृद्धि और उन्नति की ओर ले जाने वाली है। अतः अपनी लौकिक, पारलौकिक उन्नति चाहने वालों को इनकी उपासना में सदैव तत्पर रहना चाहिए।
उपासना:-चतुर्थी के दिन माँ कूष्मांडा की आराधना की जाती है। इनकी उपासना से सिद्धियों में निधियों को प्राप्त कर समस्त रोग-शोक दूर होकर आयु-यश में वृद्धि होती है।[1] प्रत्येक सर्वसाधारण के लिए आराधना योग्य यह श्लोक सरल और स्पष्ट है। माँ जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में चतुर्थ दिन इसका जाप करना चाहिए।
या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।'
अर्थ : हे माँ! सर्वत्र विराजमान और कूष्माण्डा के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। हे माँ, मुझे सब पापों से मुक्ति प्रदान करें।अपनी मंद, हल्की हँसी द्वारा अंड अर्थात ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कूष्माण्डा देवी के रूप में पूजा जाता है। संस्कृत भाषा में कूष्माण्डा को कुम्हड़ कहते हैं। बलियों में कुम्हड़े की बलि इन्हें सर्वाधिक प्रिय है। इस कारण से भी माँ कूष्माण्डा कहलाती हैं।
'महात्मा गांधी' (विविध)
महात्मा गांधी किसके हैं? भाजपा और कांग्रेस दोनों ही स्वयं को गांधी जी के पद चिह्नों पर चलने वाली पार्टी बताती हैं।
यूं तो महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता का दर्जा दिया गया है। यानि महात्मा गांधी देश के प्रत्येक नागरिक के प्रेरणा स्रोत है। लेकिन बदले हुए हालातों में देश की दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियां भाजपा और कांग्रेस महात्मा गांधी को अपना-अपना प्रेरणा स्त्रोत बताती हैं। गंभीर बात ये है कि कांग्रेस जब महात्मा गांधी को अपना बताती है तो भाजपा की आलोचना की जाती है। जब भाजपा महात्मा गांधी के पद चिह्नों पर चलने का दावा करती है तब कांग्रेस को कोसने से बाज नहीं आती है। अब चूंकि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती, 2 अक्टूबर से मनाई जा रही है। तब दोनों ही पार्टियों ने अपने-अपने कार्यक्रम घोषित किए हैं। कांग्रेस पूरे देश में 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती को धूमधाम से मनाएगी और फिर 3 अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक देश भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। भाजपा ने भी कहा है कि उनके सांसद अपने अपने विधानसभा क्षेत्रों में पद यात्रा करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में जब संयुक्त राष्ट्र संघ में अपना संबोधन दिया तो संबोधन की शुरुआत महात्मा गांधी के नाम से ही की। मोदी का कहना रहा कि महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलते हुए ही देश भर में स्वच्छता अभियान चलाया गया है। मोदी ने बताया कि गांधी जी की पहल पर किस तरह देश में घर-घर में शौचालय बनाए गए और अब दो अक्टूबर से प्लास्टिक के उत्पादों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। कांग्रेस तो गांधी जी को अपने घर का मानती है। यह बात अलग है कि देश की आजादी के बाद महात्मा गांधी ने कांग्रेस शब्द को हटाने की बात कही थी। गांधी जी का मानना रहा कि कांग्रेस की भूमिका देश को आजाद कराने तक थी। लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने राजनीतिक फायदे के लिए कांग्रेस शब्द को बनाए रखा। कांग्रेस आजादी का पूरा श्रेय महात्मा गांधी को देती है। लेकिन वहीं देश की आजादी में सरदार भगत, सुखदेव, राजगुरु, चन्द्रशेखर आजाद, अशफाक उल्लखां, रामप्रसाद बिस्मिल जैसे क्रांतिकारियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। कांग्रेस को अब लगता है कि सोशल मीडिया के माध्यम से महात्मा गांधी की इमेज को खराब किया जा रहा है। कुछ लोग महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का महिमा मंडन करने लगे हैं। सोशल मीडिया पर नाथूराम गोडसे के उस ऑडियो को चलाया जा रहा है जो उन्होंने गिरफ्तारी के बाद दर्ज किया था। देखना है कि देश की दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियां महात्मा गांधी को कब तक भुनाती रहेंगी।
एस.पी.मित्तल
कांग्रेस के खिलाफ बेरोजगारों का धरना
राजस्थान के बेरोजगारों का 9 अक्टूबर को दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पर प्रदर्शन। अब कांग्रेस को हराने की शपथ ली।
जयपुर। शहीद स्मारक के परिसर में प्रदेश भर के बेरोजगारों की एक सभा हुई। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के बैनर तले हुई इस सभा में बेरोजगारों ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि आठ दिन में मांगे नहीं मानी गई तो 9 अक्टूबर को दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पर बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने बताया कि राज्य में कांग्रेस सरकार को बनवाने में बेरोजगारों की महत्वपूर्ण भूमिका थी। भाजपा की सरकार ने बेरोजगारों की विभिन्न मांगों को पूरा नहीं किया, इसलिए विधानसभा के चुनाव में घर घर जाकर युवाओं ने भाजपा के खिलाफ प्रचार किया, लेकिन अब कांग्रेस सरकार भी वही कर रही है जो भाजपा ने किया था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से लेकर राज्य के मुख्य सचिव तक को बेरोजगारों की समस्याओं से अवगत कराया दिया गया, लेकिन फिर भी समस्या वहीं है। जिन हजारों युवाओं ने परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है उन्हें नियुक्ति नहीं मिल रही है। बेरोजगारों में अब सरकार के प्रति भारी आक्रोश है। यादव ने बताया कि मंडावा और खींवसर में होने वाले विधानसभा के उपचुनाव में भी बेरोजगार घर घर जाकर कांग्रेस के खिलाफ प्रचार करेंगे। इसी प्रकार स्थानीय निकाय के चुनावों में भी कांग्रेस का विरोध किया जाएगा। इस मौके पर बेरोजगारों ने कांग्रेस पार्टी को सबक सिखाने का संकल्प भी लिया।
एस.पी.मित्तल
मर्यादाओं को लांग रहे अशोक गहलोत
तकदीर हो तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जैसी हो।
अब बेटे वैभव गहलोत को राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष बनवाया।
क्या रामेश्वर डूडी इस हार को पचा पाएंगे?
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन आरसीए अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है। वैभव का निर्विरोध अध्यक्ष बनना तय है। मतदान चार अक्टूबर को प्रस्तावित है। लेकिन रामेश्वर डूडी के पीछे हट जाने से जाहिर है कि वैभव ही आरसीए के अध्यक्ष बनेंगे। वैभव ने गत लोक सभा का चुनाव जोधपुर से लड़ा था, लेकिन सांसद नहीं बन सके। तब वैभव की उम्मीदवारी और हार को लेकर मुख्यमंत्री पर भी सवाल उठे। यहां तक प्रचारित किया गया कि कांग्रेस के तब के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी गहलोत की भूमिका से नाराज हैं। लेकिन इसे अशोक गहलोत की तकदीर ही कहा जाएगा कि लाख विरोध के बाद भी बेटे को आरसीए का अध्यक्ष बनवा रहे हैं। यदि कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व गहलोत से नाराज होता तो वे अपने पुत्र को क्रिकेट की राजनीति में नहीं फंसाते। वैभव को अध्यक्ष नहीं बनने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के समर्थक माने जाने वाले क्रिकेट के दिग्गज नेता रामेश्वर डूडी ने पूरी ताकत लगा दी। स्वयं को अध्यक्ष पद का दावेदार घोषित करते हुए यहां तक कहा कि वैभव गहलोत के लिए सत्ता का दुरुपयोग हो रहा है। डूडी ने जिस तरह क्रिकेट की राजनीति में विरोध का झंडा उठाया उससे साफ जाहिर था कि कांग्रेस की राजनीति की लड़ाई सड़कों पर आ गई है। लेकिन इसे अशोक गहलोत की तकदीर ही कहा जाएगा कि उनके विरोधी अपने आप पस्त हो गए। लोकसभा का चुनाव हारने के बाद भी वैभव गहलोत आरसीए के अध्यक्ष बनने जा रहे हैं। जबकि प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट बार बार कह रहे हैं कि कांग्रेस के जिन कार्यकर्ताओं ने पांच साल खून पसीना बहाकर प्रदेश में सरकार बनवाई है उन्हें पहले सम्मान मिलना चाहिए। सूत्रों की माने तो पायलट के विरोध के चलते ही मंत्रिमंडल का विस्तार भी टला है। इसमें कोई दो राय नहीं कि अशोक गहलोत राजनीति के मजे खिलाड़ी है और समय के साथ अपने विरोधियों को जवाब देते हैं। सब जानते हैं कि सचिन पायलट के समर्थक अभी तक भी गहलोत को सीएम के पद पर पचा नहीं पा रहे हैं। समर्थकों को लगता है कि मुख्यमंत्री की जिस कुर्सी पर पायलट का हक था, उस पर गहलोत बैठे हुए हैं। पायलट ने भी अपने इस दर्द को कई बार सार्वजनिक तौर पर कहा है। पायलट का कहना है कि जब राजस्थान में कांग्रेस के मात्र 21 विधायक थे, तब उन्हें प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व दिया गया। भाजपा के शासन में पांच साल संघर्ष किया इसलिए प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है। असल में मुख्यमंत्री बनने के बाद गहलोत ने जिस तरह से सरकार को मजबूती है उससे भी पायलट नाखुश हैं। मालूम हो कि हाल ही में बसपा के सभी छह विधायकों को कांग्रेस में शामिल किया गया है, लेकिन ऐसे विधायकों ने पन्द्रह दिन गुजर जाने के बाद भी कांग्रेस की सदस्यता नहीं ली है। यह अपने आप में अजीब बात है कि जिन विधायकों को विधानसभा के अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायक के तौर पर मान्यता दे दी उन विधायकों के पास कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता नहीं है।
जोशी की रणनीति सफल:
वैभव गहलोत के आरसीए का अध्यक्ष बनने में अशोक गहलोत की तकदीर का खेल तो है ही इसके साथ ही आरसीए के मौजूदा अध्यक्ष सीपी जोशी की भी रणनीति रही है। सीपी जोशी शुरू से ही प्रयासरत थे कि वैभव गहलोत को आरसीए का अध्यक्ष बनाया जाए। लेकिन कांग्रेस के ही नेता रामेश्वर डूडी के मैदान में कूद पडऩे से कई समस्याएं खड़ी हो गई। लेकिन जोशी ने जो रणनीति बनाई उसकी वजह से अब डूडी को पीछे हटना पड़ा है। सवाल यह भी है कि जिस तरह से डूडी को हार का सामना करना पड़ा, उसे डूडी किस तरह पचाएंगे? भाजपा के शासन में डूडी ने ही विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता की भूमिका निभाई थी, लेकिन गत विधानसभा के चुनाव में डूडी बीकानेर से हार गए। यदि डूडी जीतते तो आज कांग्रेस सरकार में केबिनेट मंत्री होते। भले ही डूडी विधायक का चुनाव हार गए, लेकिन उम्मीद थी कि कांग्रेस की सरकार बनने पर उन्हें किसी राज्यस्तरीय संस्था का अध्यक्ष बनाकर मंत्री पद की सुविधाएं दी जाएंगी, लेकिन नौ माह गुजर जाने के बाद भी डूडी को लाभ कोई पद नहीं मिला है।
एस.पी.मित्तल
घुसपैठियों की मुश्किल (संपादकीय)
यूपी में अब घुसपैठियों का रहना मुश्किल होगा।
डीजीपी ने एनआरसी की तर्ज पर प्रत्येक नागरिक की पहचान करने के आदेश दिए।
केन्द्र सरकार ने असम की तर्ज पर यूपी में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (एनआरसी) के कोई निर्देश नहीं दिए हैं, लेकिन यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की पहल पर अब देश के सबसे बड़े राज्य में प्रत्येक नागरिक की पहचान करने का काम शुरू कर दिया गया है। राज्य के डीजीपी ने सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने अपने जिलों में प्रत्येक नागरिक की पहचान करें। यानि अब संबंधित थाना क्षेत्र में रहने वाले प्रत्येक नागरिक की पहचान की जाएगी। भले ही यूपी में एनआरसी नहीं हो रही हो, लेकिन राज्य सरकार की यह पहल अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है। पश्चिम बंगाल, असम आदि राज्यों की तरह यूपी को लेकर भी यह आरोप लगते रहे हैं कि बड़ी संख्या में घुसपैठिए रह रहे हैं। ऐसे घुसपैठियों को बाहर निकालने के लिए ही यूपी सरकार ने अपने स्तर पर एनआरसी की कार्यवाही की है। यूपी के सीएम का कहना है कि राज्य सरकार की रिपोर्ट केन्द्र गृहमंत्रालय को भेजी जाएगी। सीएम की यह घोषणा अपने आप में महत्वपूर्ण है। क्योंकि यदि गृहमंत्रालय इस रिपोर्ट पर कार्यवाही करता है तो फिर घुसपैठियों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी। डीजीपी ने एक अक्टूबर को जो निर्देश दिए हैं उससे पूरे उत्तर प्रदेश में खलबली मच गई है। हालांकि कुछ घुसपैठियों ने राशन कार्ड, आधार कार्ड आदि बनवाकर अपनी नागरिकता के सबूत जुटा लिए हैं, लेकिन माना जा रहा है कि पुलिस ऐसे फर्जी दस्तावेज बनवाने वालों के खिलाफ भी कार्यवाही करेगी। यूपी में भाजपा की सरकार है माना जा रहा है कि भाजपा की सरकार ने जो पहल की है ऐसी पहल भाजपा की अन्य सरकारें भी कर सकती है। केन्द्रीय गृहमंत्री अमितशाह पहले ही कह चुके हैं कि एनआरसी पूरे देश में होनी चाहिए। शाह का कहना है कि कोई भी घुसपैठिया भारत में नहीं रह सकता है।
एस.पी.मित्तल
फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज
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55 साल की उम्र में भी बरकरार है खूबसूरती कविता गर्ग मुंबई। 55 की उम्र में भी यह हसीना बेहद खूबसूरत दिखती है, और मलाइका की हॉटनेस उसकी ...