सरकार ने यातायात के नियमों को किया सख्त, तोड़ा यातायात का नियम तो भरना पड़ेगा भारी जुर्माना
तस्लीम बेनकाब
मुजफ्फरनगर। सरकार ने कानून में बदलाव करते हुए नशे की हालत में गाड़ी चलाने बिना हेलमेट ड्राइविंग, सीट बेल्ट का उपयोग न करने, बिना वैध ड्राइविंग लाइसेंस के ड्राइविंग करने, अनियंत्रित रफ्तार, सिग्नल की अनदेखी समेत हर गलती के लिए जुर्माने और सजा को सख्त बना दिया है। न्यू ट्रैफिक रूल्स ई-चालान मोटर वाइकल २०१९ देश में लापरवाही से ड्राइविंग करने के चलते हादसों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। आए दिन देश के अलग-अलग हिस्सों से सड़क दुर्घटनाओं के खौफनाक वीडियो सामने आते हैं। इनमें हर साल हजारों लोग असमय मौत के शिकार हो जाते हैं। हादसों पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार ने यातायात के नियमों को और सख्त करने का फैसला लिया है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मोटर व्हीकल एक्ट (संशोधन), २०१९ पेश किया था, जिसे संसद की मंजूरी मिल चुकी है। इस संशोधन प्रस्ताव को २०१७ में भी पेश किया गया था,लेकिन तब पास नहीं हो पाया। नए नियम रविवार से लागू हो गए हैं। हर गलती पर पहले से कई गुना जुर्मानाः सरकार ने कानून में बदलाव करते हुए नशे की हालत में गाड़ी चलाने ड्रंकीन ड्राइविंग, बिना हेलमेट ड्राइविंग, सीट बेल्ट का उपयोग न करने, बिना वैध ड्राइविंग लाइसेंस के ड्राइविंग करने, अनियंत्रित रफ्तार, सिग्नल की अनदेखी समेत हर गलती के लिए जुर्माने और सजा को सख्त बना दिया है।जानिए किस गलती के लिए अब कितना जुर्मानाः मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक बदलाव के बाद पकड़े जाने पर कार्रवाई में इस प्रकार बदलाव हुआ। मोटर व्हीकल एक्ट की विभिन्न धाराओं के हिसाब से जुर्माने की राशि बढ़ाई गई है। ये हैं कुछ अहम बदलाव,बिना लाइसेंस ड्राइविंग एक हजार रुपए से बढ़ाकर पांच हजार रुपए,बिना टिकट यात्रा दो सौ रुपए से बढ़ाकर पांच सौ रुपए,शराब पीकर चलाना दो हजार से बढ़ाकर दस हजार रुपए,ओवर स्पीड या रेस लगाना पर पांच सौ से बढ़ाकर पांच हजार रुपए, बिना परमिट का वाहन पांच हजार से बढ़ाकर दस हजार रुपए,सीट बेल्ट सौ से बढ़ाकर एक हजार रुपए। बिना इंश्योरेंस ड्राइविंग एक हजार से बढ़ाकर दो हजार रुपए कर दी। वहीं केंद्र सरकार ने पुराने कानून को सख्त बनाने के साथ-साथ इसमें कुछ नए नियम भी जोड़े हैं। ओवर साइज व्हीकल पांच हजार रुपए, इमरजेंसी वाहनों को जगह न देना दस हजार रुपए,नाबालिगों के अपराध पच्चीस हजार रुपए के साथ तीन साल की सजा।