मंगलवार, 11 फ़रवरी 2020

संस्था की स्मारिका 2020 का विमोचन

इकबाल अंसारी


गाजियाबाद। दिल्ली में आरएसएस के अखिल भारतीय अधिकारी डॉ इन्द्रेश कुमार ,ओर फ़िल्म अभिनेता गजेन्द्र चौहान और लोनी के मन्डोला में अतंर्राष्ट्रीय कथावाचक पूजनीय अतुल कृष्ण भारद्वाज ने किया सहयोग द हेल्पिंग हैंड संस्था की स्मारिका 2020 का विमोचन देश के बॉर्डर ओर देश के अन्दर राष्ट्र की रक्षा करने वाले जवानों के मनोबल को बढ़ाने हेतु गत कई वर्षों से जगह-जगह आर्मी द्वारा रक्तदान शिविर ओर अगस्त माह में रक्षाबंधन के पावन अवसर पर राष्ट्रीय स्वाभिमान रक्षाबंधन तिरंगा यात्रा ले जाकर सरहद को प्रणाम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था से भिन्न भिन्न बॉर्डर पर जाकर वहाँ फौजी भाइयों और आस पास रहने वाले गाँव वासियों से मुलाकात कर ऐतिहासिक काम करने वाले संस्था की टीम की प्रतिवर्ष एक स्मारिका प्रकाशित की जाती है। जिसमे संस्था की टीम द्वारा किये गए अन्य कार्यक्रम ओर आगामी योजना की जानकारी दी जाती है। जिससे समाज मे अन्य लोग भी देश के सैनिकों के प्रति समर्पण ओर समभाव ओर गर्व महसूस कर सके ,इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष विजेन्द्र त्यागी ने बताया कि  देश की सीमाओं की सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा की रक्षा करने वाले सैनिक भाइयो ओर उनके परिवार के लिये हर वर्ष आर्मी ब्लड बैंक द्वारा रक्तदान शिविर आयोजित कर हमारी टीम ओर राष्ट्रवादी युवा अपना रक्त दान कर सौभाग्यशाली समझते है। सभी को इस अभियान ओर तिरंगा यात्रा में भाग लेकर अपना अमूल्य योगदान देना चाहिये इस अवसर पर ,जय ठाकुर , कृष्ण बंसल ,महेश प्रधान ,संगीता ठाकुर ,राहुल नागर, मंटू ठाकुर समेत अनेक सम्मानित बन्धु ओर हजारों क्षेत्रवासी उपस्थित रहे।


मोदी लहर का सच 'संपादकीय'

मोदी लहर का सच      'संपादकीय'


देश की जनता ने नरेंद्र मोदी पर आंख बंद कर विश्वास किया था। जनता के इसी सानिध्य से एनडीए समर्थित भाजपा 2 बार लगातार केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में सफल रही। सरकार के द्वारा लिए गए अधिकतर फैसलों का देश की जनता ने स्वागत भी किया। लेकिन जनता की मूलभूत सुविधाओं का अभाव, रोजगार का अभाव, रोजगार के अवसरों के अभाव में जनता ने सरकार के सभी अच्छे-बुरे कार्यों को दरकिनार कर दिया है। निकटवर्ती होने वाले चुनाव परिणाम भाजपा के अस्तित्व पर प्रश्न-चिन्ह अंकित करने के लिए काफी है। दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम ने मोदी युग के अंत का आगाज किया है। बनावटी बातें-विज्ञापन, झूठे वायदों की हकीकत ने 'मोदी लहर का कड़वा सच' जनता के सामने स्पष्ट जाहिर कर दिया है। धर्म और जातिवाद से नही, इस चुनाव को विकास के मुद्दों से जोड़कर देखा जा रहा है।
 दिल्ली की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री, अन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों, और सांसदों की भीड़ की 'कमर तोड़ मेहनत' को एक सिरे से खारिज कर दिया है। भाजपा की इस हार को देश की जनता एक 'बड़ी हार' के रूप में देख रही है। थके-हारे नेताओं की पेशानी पर पानी की चंद बूंदे भाजपा के मनोबल को क्षीण करने का कार्य कर रही है। गफलत और गलतफहमी के शिकार कई लोगों के राजनीतिक जीवन को प्रभावित करने वाले हैं यह परिणाम। राष्ट्रीय राजधानी में लगातार भाजपा को तीन बार शिकस्त देने वाले केजरीवाल के भाषणों में ईर्ष्या कम और आत्मविश्वास अधिक था। अपनी मेहनत और दिल्ली की जनता की सेवा को आधार बनाकर उन्होंने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। भाजपा शिखर के अंतिम छोर से वापसी की राह पर आगे बढ़ चुकी है। शायद यह सबक भी लिया होगा कि बड़-बोलापन नहीं, संघर्ष सहयोग करता है।


राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'


ग्रीस में बच्चा पैदा करने पर 'बेबी बोनस'

कविता गर्ग


ग्रीस। घटती आबादी वहां की सरकार के लिए बड़ी समस्या बन गई है। इस समस्या से निपटने के लिए वहां की सरकार ने ‘बेबी बोनस’ नाम की योजना का ऐलान किया है। यानी वहां के लोगों को बच्चे पैदा करने पर अब पैसे दिए जाएंगे। ग्रीस में जनसंख्या करीब 1 करोड़ 4 लाख है।


बेबी बोनसः ग्रीस में बेबी बोनस योजना के तहत एक बच्चा पैदा करने वाले लोगों को 2000 यूरो यानी भारतीय रुपयों में क़रीब डेढ लाख रुपये दिए जाएंगे। इतना ही नहीं इस योजना के लिए वहां क़रीब 1400 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है।


तेज़ी से घट रही है जनसंख्याः संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक ग्रीस की जनसंख्या क़रीब एक करोड़ है और ये तेज़ी से घट रही है। रिपोर्ट में बताया गया कि अगर वहां जन्म दर नहीं बढ़ी तो अगले 30 साल में वहां की आबादी 33 प्रतिशत तक घट जाएगी। जबकि साल 2050 तक 36 फीसदी लोगों की उम्र 65 साल हो जाएगी। लिहाजा वहां की सरकार ने जन्म दर बढ़ाने के मक़सद से बेबी बोनस योजना का ऐलान किया है।


इन देशों में भी प्रावधानः ग्रीस के अलावा कई और देशों में भी बेबी बोनस का प्रावधान है। जिसमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चेक रिपब्लिक, फ्रांस, इटली, पॉलैंड जासे कुछ देश हैं। ऑस्ट्रेलिया में बेसी बोनस के तौर पर 5 हज़ार डॉलर यानी करीब 2 लाख 38 हज़ार रुपये दिए जाते हैं। इसके अलावा अलग-अलग देशों में अलग प्रावधान है।


केजरीवाल के लिए 14 फरवरी लक्की

नई दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चुनाव हो चुके हैं और आज इसके नतीजे भी शाम तक आ जाएंगे। अगर आम आदमी पार्टी आज चुनाव परिणाम में विजयी होती है तो दिल्ली में आप की यह लगातार तीसरी सरकार होगी। ऐसा होने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर 14 फरवरी को शपथ ले सकते हैं। इसे संयोग भी कहा जा सकता है कि 2013 और 2015 दोनों ही बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में 14 फरवरी का दिन किसी न किसी तरह अरविंद केजरीवाल के साथ जुड़ा हुआ है। ऐसा कहा जा रहा है कि अगर केजरीवाल की जीत हुई तो वे 14 फरवरी को ही शपथ ले सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन से उनका बेहद खास नाता है। वो चाहते भी हैं कि इसी दिन वो शपथ लें। तो आइए आपको बताते हैं आखिर क्यों केजरीवाल को इस दिन से लगाव है और वो क्यों इस दिन ही शपथ लेना पसंद करते हैं। साल 2013 में पहली बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी। बीजेपी को 31, आम आदमी पार्टी ने 28 और कांग्रेस को 8 सीटों पर जीत मिली। आप ने कांग्रेस से हाथ मिलाकर सरकार बनाई। अरविंद केजरीवाल ने 28 दिसंबर को पहली बार दिल्ली के सीएम पद की शपथ ली। लेकिन कांग्रेस और AAP के बीच अनबन हो गई। सिर्फ 49 दिनों में ही सरकार गिर गई। इसके बाद केजरीवाल ने इस्तीफा देने का फैसला किया। खास बात ये है कि केजरीवाल ने 14 फरवरी 2014 के दिन ही इस्तीफा दिया। साल 2015 में चुनाव का ऐलान होते ही आप के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने ऐलान कर दिया था कि केजरीवाल रामलीला मैदान में 14 फरवरी को शपथ लेंगे और हुआ भी वही। आप को धमाकेदार 67 सीटों पर जीत मिली। बीजेपी को सिर्फ 3 सीटों पर जीत से संतोष करना पड़ा। वहीं कांग्रेस का सफाया हो गया। इसके बाद केजरीवाल ने 14 फरवरी 2015 को दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली। उन्होंने एक ट्वीट कर लिखा था, दिल्ली को आप के साथ प्यार हो गया है। यह जुड़ाव बहुत गहरा और कभी ना खत्म होने वाला है। सरकार बनने के 3 साल बाद यानी 2018 में केजरीवाल ने एक खास कार्यक्रम किया। खास बात ये है कि इस कार्यक्रम का आयोजन 14 फरवरी के ही दिन किया गया। यानी खुद सीएम अरविंद केजरीवाल इस दिन को बेहद खास मानते हैं।


भीलवाड़ा-कोटा हाईवे पर हादसा, 9 की मौत

जयपुर। राजस्थान के भीलवाड़ा-काेटा हाईवे पर साेमवार रात बस ने जीप को टक्कर मार दी। हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि 7 लोग घायल हाे गए। यह हादसा भीलवाड़ा जिले के बिगोड इलाके में हुआ। हादसा इतना भीषण था कि जीप का आधा हिस्सा पूरी तरह खत्म हाे गया। बस का भी ड्राइवर की ओर वाला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हाे गया। घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भीलवाड़ा डिपो की रोडवेज बस कोटा से आ रही थी। त्रिवेणी और बीगोद के बीच पावन धाम के पास ये बस सामने से आती जीप से टकरा गई। जीप में सवार लाेग मध्य प्रदेश के मंदसाैर जिले के संधारा गांव के हैं। सभी लोग भीलवाड़ा में शादी में शामिल होकर गांव वापस जा रहे थे। वहीं, इस भीषण सड़क दुर्घटना पर सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दुख जताया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”मुझे भीषण सड़क दुर्घटना के बारे में जानकारी मिली। इस घटना में कई लोगों की मौत हो गई है।


आरएसएस नेताओं पर आतंकी खतरा

नई दिल्ली। इंटेलिजेंस ब्यूरो की हाल ही में आई रिपोर्ट ने आएसएस को चौकन्ना कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता और उनके कार्यालय आतंकियों के निशाने पर हैं। वैश्विक आतंकवादी संगठन हमले को अंजाम देने के लिए IED या वाहन-जनित तात्कालिक IED (VBIED) का उपयोग कर सकते हैं।


रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि हमला महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, आदि में हो सकता है। इसी महीने इंटेलिजेंस ब्यूरो द्वारा जारी किए गए नवीनतम इनपुट में दावा किया गया है कि वैश्विक आतंकवादी संगठन से जुड़े आतंकी आने वाले दिनों में संभवतः IED या VBIED का उपयोग करके RSS कार्यालयों व नेताओं और पुलिस स्टेशनों को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं। सूत्रों ने दावा किया है कि सतर्कता ने सभी संबंधित राज्य सरकारों को सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने को कहा। एक शीर्ष अधिकारी ने दावा किया कि महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, यूपी और असम राज्यों में सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। पदाधिकारियों की सुरक्षा की भी समीक्षा की जा रही है।


पहले भी हो चुके हैं हमले-
बेंगलुरू पुलिस ने दिसंबर में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के समर्थन में एक रैली में भाग लेने गए आरएसएस कार्यकर्ता वरुण बोपला पर हमला किया था। इस मामले में पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने दावा किया था कि मोहम्मद इरफान, सैयद अकबर, सैयद सिद्दीक अकबर, अकबर बाशा, सनाउल्ला शरीफ और सादिक उल-अमीन ने एक बड़ी साजिश रची थी।


विधानसभा चुनाव 2022 अकेले लड़ेगी सपा

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाला विधानसभा चुनाव सपा अकेले दम पर लड़ेगी। वह किसी से गठबंधन नहीं करेगी। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को अपरान्ह पयागपुर के राजा सर्वेंद्र विक्रम सिंह के आवास पर आयोजित आशीर्वाद समारोह कार्यक्रम के दौरान आयोजित प्रेस वार्ता में हिंदुस्तान की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में यह बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा किसानों की आय दोगुनी करने की बात कर रही है, जबकि किसानों की आय दुगनी की जगह आधी हो गई है। छुट्टा जानवरों की समस्या बहुत बड़ी है। जिसके कारण किसानों की फसल नष्ट की जा रही है। आए दिन एक्सीडेंट हो रहे हैं, किंतु प्रदेश के मुख्यमंत्री पशुओं को बचाने में लगे हुए हैं। इसमें भी वह पूरी तरह सफल नहीं हो पाए हैं। केंद्र की सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वह स्वच्छता अभियान को चला रहे हैं, इसके बावजूद भी कहीं स्वच्छ भारत, नमामि गंगे जैसा कार्यक्रम नजर नहीं आ रहा है। सीएए, एनपीआर के मुद्दे पर उन्होंने कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया, और कहा कि यह सब समस्याएं कांग्रेस की ही देन है। कांग्रेस ने ही पहले एनपीआर को लाने की शुरुआत की। हालांकि इस दौरान उन्होंने बसपा के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की।


उन्होंने कानून व्यवस्था पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि प्रदेश में कोई मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि तमाम लोग मिलकर सरकार चला रहे हैं। दिल्ली प्रदेश के चुनाव में एक्जिट पोल के नतीजों को लेकर उन्होंने कहा कि जनता ने भाजपा के जातिवादी राजनीति को नकार दिया है और विकास की राजनीति को तरजीह दी है। देश एक नई विचारधारा की ओर चल पड़ा है। उन्होंने भाजपा को बहुत झूठी पार्टी करार दिया। इसके अलावा उन्होंने शाहीन बाग प्रकरण एवं सीएए के मुद्दे पर कहा कि वे सीएए, एनपीआर एवं एनआरसी के पूरी तरह खिलाफ हैं। उनकी पार्टी का स्टैंड कायम है। कहा कि जब भी कभी सपा को मौका मिलेगा, तो वह इन कानूनों को लागू नहीं करेगी। अखिलेश यादव ने कहा कि देश की जनता को मूलभूत समस्या बेरोजगारी एवं विकास से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा कोई न कोई षड्यंत्र करती रहती है। जिसके तहत कभी से सीएए लाया जाता है, तो कभी कुछ और बहाना बनाया जाता है, ताकि जनता का ध्यान मूल मुद्दों से हट सके। उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश में उनकी सरकार बनी तो 4 लाख लोहिया आवास गरीबों को मुफ्त दिया जाएगा। उसके साथ ही उनको फ्री बिजली की व्यवस्था भी की जाएगी। भाजपा ने समाज को जातिवाद एवं उप जातिवाद के नाम पर बांटने की कोशिश की, किंतु सपा ने अपने कार्यकाल के दौरान लोगों को विकास के रास्ते से जोड़ने के लिए लैपटॉप बांटे थे।


शिवाजी की मूर्ति से छेड़छाड, आक्रोश

अक्षय नीनवे


नगापुर। मध्यप्रदेश के सौंसर में एक बार फिर शिवाजी महाराज की मूर्ति से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। मूर्ति से छेड़छाड़ किए जाने को लेकर सैकड़ों समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं और उन्होंने छिंदवाड़ा नागपुर हाइवे पर चक्का जाम कर दिया है। चक्का जाम के बाद हाइवे पर वाहनों की लंबी कतार लग गई है। बता दें कि इससे पहले नागपुर में भी ऐसी घटना सामने आई थी, जिसको लेकर जमकर बवाल हुआ था।


दरसअल मध्य प्रदेश के सौंसर क्षेत्र के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि शिवाजी की मूर्ति से छड़छाड़ किया गया है, जबकि वे देश के महान योद्धाओं में से एक है। प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं की मांग है कि शिवाजी महाराज की मूर्ति से छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।


'नमामि गंगे योजना' के घोटाले मे ज्ञापन

कानपुर। कानपुर नमामि गंगे योजना का जो कार्य नगर में हो रहा में हुए करोड़ो रूपये के घोटाले पर हिंदुत्व समन्वय समिति (उत्तर प्रदेश) ने जिलाधिकारी ब्रह्मदेव तिवारी को उचित कार्यवाही करने का ज्ञापन दिया।


हिंदुत्व समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार मिश्रा ने बताया कि नमामि गंगे में योजना के तहत जो कार्य हुए थे। उनमें सत्यता बिल्कुल विपरीत है। जहां सरकार द्वारा भेजे गए पैसो का कैसे दुरप्रयोग हुआ है। नेता अधिकारी और कार्य करने वाली "श्रष्टि सायवोलॉन आश्वत किपो" कम्पनी किस प्रकार घोटाला किया गया है। जिंसका प्रार्थी  प्रत्यक्षदर्शि रहा है । पूर्व में सूचना भी की पर मिलीभगत के चलते उसकी सुनी नही गयी । 
 सरकार और जनता के बीच इस महाघोटाले उजागर किया जा सकता है। जिस सन्दर्भ में हम सभी आज जिलाधिकारी कानपुर नगर को निष्पक्ष जाँच करने के लिए ज्ञापन दिया जा रहा। कम्पनी ,अधिकारी व  किरण लोधी जो कि नमामि गंगे सदस्य ने पूर्व में जान से मरवाने की दी गई थी धमकिया। किरण लोधी के घर पर टाइल्स जो बिछे है।नमामि गंगे और जलनिगम के अधिकारियों ने क्यो लगवाए टाइल्स। जांच के दौरान कही जरूरत पड़ती है । सारे साक्ष्यों, सबूतों के साथ जिलाधिकारी पास उपलब्ध कराएंगे।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से नरेन्द्र कुमार मिश्रा (प्रदेश अध्यक्ष), डॉ बिपिन शुक्ला (प्रदेश महामंत्री), महेन्द्र सिंह (प्रदेश उपाध्यक्ष), सुमन गुप्ता (प्रदेश अध्यक्ष, वीरांगना वाहिनी), आशुतोष शुक्ला(महानगर अध्यक्ष), अंकित बाजपेई ( महानगर उपाध्यक्ष), विवेक त्रिपाठी(महानगर महामंत्री), ऋषि त्रिपाठी, सुरेश कुमार शर्मा, पवन कुमार तिवारी, प्रदीप कुमार, मनी मिश्रा, सूरज साहू, सिद्धार्थ मिश्रा, गोलू गुप्ता, राहुल सेन।


दल बदलू नेताओं का हाल भी जानेंं

रवि चौहान


नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए मतगणना जारी है। इस बार दिल्ली में कई नेताओं ने चुनाव से पहले पाला बदल लिया था और चुनाव के वक्त अपनी पार्टी छोड़कर टिकट की फिराक में दूसरी पार्टियों में चले गए। कई नेता पहले ही अपनी पार्टी छोड़ चुके थे। इस बार ऐसे नेताओं को जनता ने क्या संदेश दिया। कैसा जनादेश रहा। हम आपको विस्तार से बताएंगे।


अलका लांबाः ताजा जानकारी के मुताबिक चांदनी चौक से अलका लांबा इस वक्त पीछे चल रही हैं।


कभी आम आदमी पार्टी की बड़ी नेताओं में शामिल रहीं अलका लांबा चुनाव से पहले AAP छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गई। वो 2015 में AAP के टिकट पर चांदनी चौक से चुनाव जीतकर विधायक बनीं थी। इस बार वो कांग्रेस के टिकट पर चांदनी चौक से चुनाव लड़ रही हैं। 


प्रहलाद साहनीः अलका लांबा AAP से कांग्रेस में आ गईं तो यहां से कांग्रेस उम्मीदवार प्रहलाद साहनी AAP में आ गए। इस बार में AAP के टिकट पर चांदनी चौक से चुनाव लड़ रहे हैं।


कपिल मिश्राःः मॉडल टाउन से बीजेपी कैंडिडेट कपिल मिश्रा भी पीछे चल रहे हैं।


कपिल मिश्रा आम आदमी पार्टी से बीजेपी में आए हैं। कपिल मिश्रा ने पिछला विधानसभा चुनाव AAP के टिकट पर लड़ा था। लेकिन बाद में सीएम अरविंद केजरीवाल से अनबन के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी।


आदर्श शास्त्रीः-द्वारका सीट से कांग्रेस कैंडिडेट आदर्श शास्त्री पीछे चल रहे हैं।


2015 के विधानसभा चुनाव में आदर्श शास्त्री ने द्वारका सीट से 40 हजार वोटों के भारी अंतर से जीत हासिल की थी। इस बार आप ने उनका टिकट काट दिया। इसके साथ ही यहां तेजी से समीकरण बदले। आदर्श शास्त्री कांग्रेस में गए। उन्हें कांग्रेस ने टिकट दिया है।


विनय मिश्राः द्वारका सीट पर एक और रोमांचक फेरबदल हुआ, यहां पर कांग्रेस के नेता रहे विनय मिश्रा AAP में आ गए हैं। आप ने उन्हें द्वारका सीट से टिकट दिया है।


राजकुमारी दिल्लनः राजकुमारी दिल्लन कांग्रेस की नेता हुआ करती थीं। लेकिन इस बार चुनाव से पहले वे AAP में आ गईं। उन्हें AAP ने इस सीट से टिकट दिया गया है।


अनिल वाजपेयीः गांधी नगर से अनिल वाजपेयी आगे चल रहे हैं


अनिल वाजपेयी पिछली बार गांधी नगर सीट से AAP के टिकट पर चुनाव जीते थे। वे इस बार बीजेपी के टिकट से मैदान में हैं। राम सिंह नेता जी। बदरपुर सीट से कांग्रेस के नेता रहे राम सिंह नेता जी को इस बार AAP में हैं। उन्हें AAP ने टिकट दिया है। शोएब इकबाल: शोएब इकबाल 2015 में कांग्रेस से उम्मीदवार थे। इस बार वे आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं।


पटना जंक्शन की सौर ऊर्जा से आपूर्ति

पटना। पटना जंक्शन के सभी प्लेटफॉर्म सहित ऑफिस की बिजली आपूर्ति अब सौर ऊर्जा से होने जा रही है। जंक्शन की छतों पर लगाए गए सोलर पैनल से हर महीने 4 लाख से अधिक की बिजली उत्पन्न हो रही है। अकेले पटना जंक्शन के सामने के भवनों पर लगाए गए सौर ऊर्जा प्लांट ठंड के दौरान 35 हजार यूनिट बिजली बना रहे हैं। गर्मी के दौरान या 3 गुना तक बढ़ जाती है।


कितनी है खपत


पटना जंक्वशन पर हर महीने करीब ढाई लाख यूनिट बिजली की खपत है। जो सोलर पैनल के उत्सर्जन से 1.25 लाख यूनिट तक पहुंच जाता है। इस हिसाब से यह चार लाख तक पहुंच जाता है। अब प्लांट को धीरे-धीरे बढ़ाने की तैयारी है। अभी रेलवे हर माह बिहार से सिर्फ पटना जंक्शन के लिए औसतन 10 से 15 लाख रुपये की बिजली खरीदता है। वहीं सोलर पैनल से 1 से 4 लाख की बिजली उत्सर्जित हो रही है। यह लगातार बढ़ने की संभावना है।


16 कंपनियों से हुआ करार
16 कंपनियों से हुए करार की मानें तो 5 वर्ष बाद सभी रेलवे जंक्शन पर सरकारी बिजली की खपत न के बराबर हो जाएगी। रेलवे से प्राप्त जानकारी की माने तो पिछले 3 महीने में पटना दानापुर राजेंद्र नगर टर्मिनल के साथ डीआरएम ऑफिस में लगे पैनल ने 7.08 लाख रुपये बचाए हैं।


फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज

फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज  कविता गर्ग  मुंबई। निर्माता रत्नाकर कुमार, सुपरस्टार अक्षरा सिंह और विक्रांत सिंह राजपूत ...