शुक्रवार, 11 नवंबर 2022

आर्मी इंटे‌लिजेंस ने संदिग्ध युवक को हिरासत में लिया

आर्मी इंटे‌लिजेंस ने संदिग्ध युवक को हिरासत में लिया

सत्येंद्र पंवार 

मेरठ। मेरठ के कैंट में शुक्रवार को आर्मी इंटे‌लिजेंस ने एक संदिग्ध युवक को हिरासत में लिया है। युवक आर्मी का जवान बनकर लोगों से जानकारी जुटा रहा था। आर्मी इंटेलिजेंस युवक से पूछताछ कर रही है। शुक्रवार को एक संदिग्ध युवक आर्मी का जवान बनकर कैंट में आने जाने वाले लोगों से जानकारी हासिल कर रहा था। जानकारी मिलने पर आर्मी इंटेलिजेंस मौके पर पहुंची और युवक को पकड़ लिया। बताया गया है कि युवक के पास से इंटेलिजेंस ने कुछ संदिग्ध सामान भी बरामद किया है।

युवक कौन है और क्या-क्या जानकारियां जुटा रहा था ? इसको लेकर आर्मी इंटेलिजेंस युवक से पूछताछ कर उसके मकसद के बारे में जानकारी ले रही है। हालांकि, अभी आर्मी इंटेलिजेंस ने इस संबंध मेें कोई जानकारी नहीं दी है।

गांधी की हत्या के षड्यंत्रकारियों की रिहाई, गलत

गांधी की हत्या के षड्यंत्रकारियों की रिहाई, गलत

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री या पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या राष्ट्रीय मुद्दा है और यह देश की संप्रभुता, अखंडता, अस्तित्व और एकता जुड़ा है। इसलिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के षड्यंत्रकारियों की रिहाई का फैसला गलत है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने शुक्रवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में प्रदत विशेष संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल किया है। सामान्य स्थिति में न्यायालय यह निर्णय नहीं दे सकता था। इसका मतलब यह हुआ कि फैसले में तथ्यों को नजरअंदाज किया गया है इसलिए वह इस फैसले की आलोचना करते है।

उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पर हमला भारत की संप्रभुता, एकता और भारत के अस्तित्व पर हमला है और न्यायपालिका उन लोगों को फायदा नहीं दे सकती है जिन्होंने सोच समझकर और एक योजना के तहत पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या की है। पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या भारत पर आघात है और ऐसे अपराधी को रिहाई का आदेश नहीं दिया जा सकता था इसलिय न्यायालय ने अनुच्छेद 142 में संविधान प्रदत पावर का इस्तेमाल किया है।

कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने यहां जारी बयान में कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई का उच्चतम न्यायालय का फैसला पूरी तरह से गलत और अस्वीकार्य है। कांग्रेस पार्टी इसकी स्पष्ट रूप से आलोचना करती है और इसे पूरी तरह से गलत मानती है।उन्होंने कहा की न्यायालय ने यह फैसला देते हुए देश की भावनाओं का ख्याल नहीं रखा है। उन्होंने कहा, “सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि न्यायालय ने यह फैसला सुनाते समय इस मुद्दे पर देश की भावना के अनुरूप काम नहीं किया है।

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषियों-नलिनी श्रीहरन और पी. रविचंद्रन को जेल से रिहा करने का आदेश दिया है। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को 1991 के राजीव गांधी हत्याकांड मामले में सात दोषियों में शामिल एस. नलिनी और आर. पी. रविचंद्रन को उनकी सजा की निर्धारित अवधि में छूट देने की याचिका स्वीकार करते हुए जेल में बंद उनके सभी छह सह दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया।

शीर्ष अदालत का रिहाई करने का यह आदेश नलिनी और रविचंद्रन समेत जेल में बंद सभी छह दोषियों पर लागू होगा।
न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरथ्ना की पीठ ने दोषियों के 30 वर्षों की कैद में रहने और इस दौरान संतोषजनक आचरण के आधार पर दोषियों को निर्धारित सजा की अवधि पहले रिहा करने का आदेश दिया। 
शीर्ष अदालत ने इस तथ्य पर भी गौर किया कि रिहाई का आदेश देते हुए तमिलनाडु सरकार की ओर से राजीव गांधी हत्याकांड के सभी दोषियों को रिहा करने की सिफारिश की गई थी।

आजीवन कारावास की सजा के बाद 30 वर्षों से अधिक समय से जेल में बंद नलिनी ने मद्रास उच्च न्यायालय में अपनी रिहाई संबंधी याचिका खारिज होने के बाद
अगस्त में शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत प्राप्त विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया।

इससे पहले मद्रास उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी थी कि अनुच्छेद 142 के तहत विशेष शक्तियां सुप्रीम कोर्ट को दी गई हैं। तीस वर्षों से अधिक समय से आजीवन कारावास की सजा काट रहे दो दोषियों की सजा में छूट देकर उन्हें रिहा करने की मांग वाली याचिकाओं का तमिलनाडु की द्रमुक सरकार ने उच्चतम न्यायालय में समर्थन किया था।

सात दोषियों में शामिल नलिनी और रविचंद्रन ने राज्य मंत्रिमंडल के (सजा में छूट संबंधी) फैसले और सह-दोषी ए जी पेरारिवलन को 18 मई को शीर्ष अदालत द्वारा रिहा करने के आदेश का हवाला देते हुए मद्रास उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद दोनों दोषियों ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
याचिका पर शीर्ष अदालत ने सरकार को अपना पक्ष रखने को कहा था। राज्य सरकार ने लिखित जवाब में कहा था कि कानून के मुताबिक राज्यपाल संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत राज्य मंत्रिमंडल की सहायता और सलाह से बाध्य है। इस मामले में राज्य सरकार ने चार साल पहले सभी सात दोषियों को सजा में छूट को मंजूरी दे दी थी। मंत्रिमंडल का यह फैसला ‌ 11 सितंबर 2018 को राज्यपाल को भेजा गया था, जिस पर फैसला नहीं आया।

इस बीच 27 जनवरी 2021 को राज्यपाल ने राज्य मंत्रिमंडल की सिफारिशों को राष्ट्रपति को दी, लेकिन अभी भी कोई फैसला नहीं हुआ है। राज्य सरकार ने अपने जवाब में कहा था कि दोनों याचिकाकर्ताओं ने 30 साल से अधिक की जेल की सजा काट ली है। इस बीच सह-दोषी ए जी पेरारिवलन को 18 मई को शीर्ष अदालत द्वारा रिहा करने का आदेश दिया गया था। अदालत ने राज्यपाल द्वारा मंत्रिमंडल की सिफारिश पर फैसला लेने में अत्यधिक देरी होने और 31 साल से अधिक की जेल सजा काटने को ध्यान में रखते हुए विशेष शक्ति का प्रयोग करते हुए रिहा करने का आदेश किया था।

शीर्ष अदालत ने पेरारिवलन के मामले में संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत पूर्ण न्याय करने के लिए अपनी असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल किया था।
पेरारिवलन नौ मार्च 2022 से पहले से ही जमानत पर था।
पेरारिवलन की रिहाई के बाद नलिनी और रविचंद्रन ने शीर्ष अदालत के उस आदेश का हवाला देते हुए मद्रास उच्च न्यायालय में अपनी याचिका दायर की थी, लेकिन वहां उन्हें निराशा हाथ लगी थी। उच्च न्यायालय ने 17 जून को कहा था कि वह शीर्ष अदालत द्वारा पारित समान आदेश पारित करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत शक्तियों का प्रयोग नहीं कर सकता है।

प्रदेश के सभी जिलों में मनेगी मुलायम की जयंती

प्रदेश के सभी जिलों में मनेगी मुलायम की जयंती

संदीप मिश्र 

लखनऊ। समाजवादी पार्टी अपने संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की जयंती प्रदेश के सभी जिलों में सादगी से मनाएगी। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने शुक्रवार को बताया कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देशानुसार 22 नवम्बर को मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन पार्टी की ओर से प्रदेश के सभी जिलों में सादगी के साथ मनाया जाएगा। 

पार्टी के प्रत्येक कार्यालय में इस अवसर पर नेता जी (मुलायम) के चित्र पर कार्यकर्ता पुष्पांजलि अर्पित करेंगे तथा समाजवादी विचारधारा के लिए उनके संघर्ष को स्मरण करते हुए उनके रास्ते पर चलने का संकल्प लेंगे। इस अवसर पर अस्पतालों में फल वितरण, रक्तदान शिविर, हवन पूजन, गरीबों में वस्त्र तथा भोजन वितरण आदि कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं। गौरतलब है कि मुलायम सिंह यादव ने चार नवम्बर 1992 को लखनऊ में समाजवादी पार्टी का स्थापना सम्मेलन आयोजित किया था। उनका निधन पिछली 10 अक्टूबर को हुआ था।

पुलिसकर्मियों की संलिप्तता पर सख्त एक्शन: कुमार 

पुलिसकर्मियों की संलिप्तता पर सख्त एक्शन: कुमार 

पंकज कपूर 

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ड्रग्स फ्री देवभूमि की मुहिम को लेकर सूबे के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार हरकत में आ गए हैं। उन्होंने नशा तस्करों और माफियाओं पर एनडीपीएस (NDPS) के साथ गैंगस्टर की कार्रवाई के साथ ही पुलिसकर्मियों की संलिप्तता पर सख्त एक्शन की बात कही है।

शुक्रवार को डीजीपी अशोक कुमार ने पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की। बताया कि नशे की अवैध बिक्री पर लगाम नहीं लगी तो संबंधित कोतवाली, थाना और चौकी प्रभारियों के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही की जाएगी। बताया कि एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन राज्य, जनपद और थाना स्तर पर किया गया है।

उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों की रोकथाम करना थानाध्यक्ष की नैतिक जिम्मदारी है। यदि राज्य स्तर की टास्क फोर्स किसी थाना क्षेत्र में ड्रग्स पकडती है, तो संबंधित थाना प्रभारी की भी जवाबदेही तय की जाएगी। बताया कि फोर्स के कार्यों की पुलिस मुख्यालय समय-समय पर समीक्षा भी करेगा।

स्कूलों में दिए जाने वाले मिड-डे मील पर नजर: सैलजा

स्कूलों में दिए जाने वाले मिड-डे मील पर नजर: सैलजा

अकांशु उपाध्याय/राणा ओबरॉय 

नई दिल्ली/चंडीगढ़। कांग्रेस नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि सरकारी स्कूलों को बंद करने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी-जननायक जनता पार्टी (भाजपा-जजपा) गठबंधन सरकार की नजर स्कूलों में दिए जाने वाले मिड-डे मील पर लग गई है और सरकार मिड डे मील को बंद करना चाहती है।

कुमारी सैलजा ने यहां जारी बयान में कहा कि स्कूलों में राशन और कुकिंग कॉस्ट (भोजन पकाने का खर्च) पहुंचाने में देरी की जा रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मिड-डे मील में छात्रों को दिए जाने वाले हजारों टन फ्लेवर्ड मिल्क पावडर के घोटाले की जांच से भी भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार बच रही है।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि योजना के तहत प्रदेश के सरकारी स्कूलों में प्रत्येक बच्चे के हिसाब से जो पांच रुपये 45 पैसे दिए जाते हैं, वह राशि कई जिलों में अभी तक जारी नहीं की गई है और कुछ जिलों में तो चार महीने से उक्त राशि स्कूलों को नहीं मिली है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि सरकार यह योजना बंद करना चाहती है, इसलिए ही कभी इसे तैयार करने वाली कुक का वेतन कई-कई महीनों तक रोक लिया जाता है, जबकि कितनी ही बार महीनों तक कुकिंग कॉस्ट को रोक लिया जाता है।

कुमारी सैलजा ने आरोप लगाया कि जुलाई से सितंबर के बीच 16.91 लाख स्कूली बच्चों को दिया जाने वाले फ्लेवर्ड मिल्क पाउडर की सप्लाई ही स्कूलों में नहीं की गई, जो 1218 टन से अधिक बनता है, जबकि, दूसरी ओर महकमे को रिपोर्ट दे दी गई कि बच्चों को दूध पिलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लेकिन फ्लेवर्ड मिल्क घोटाला उजागर होने के बाद आज तक शिक्षा विभाग ने काेई जांच नहीं बैठाई है। 

अगले आदेश तक शिवलिंग का संरक्षण जारी, सुनवाई 

अगले आदेश तक शिवलिंग का संरक्षण जारी, सुनवाई 

अकांशु उपाध्याय/संदीप मिश्र 

नई दिल्ली/वाराणसी। वाराणसी के ज्ञानवापी मामलें को लेकर आज शुक्रवार को अलग-अलग मामलों में सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और जिला अदालत में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक कथित शिवलिंग का संरक्षण जारी रखने का आदेश दिया है। यानि शिवलिंग को सुरक्षित रखा जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी विवाद से जुड़े मुकदमे में अपना पक्ष मजबूत बनाने के लिए हिंदू पक्षों को वाराणसी के जिला न्यायाधीश के समक्ष आवेदन करने की अनुमति दी। साथ ही कोर्ट ने सर्वेक्षण आयुक्त की नियुक्ति के संबंध में हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली ज्ञानवापी मस्जिद समिति की याचिका पर हिंदू पक्षों से तीन सप्ताह में जवाब देने को कहा।

कोर्ट ने कहा कि शिवलिंग को कोई छुएगा नहीं। वहीं शृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद मामले में जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने सुनवाई की अगली तारीख 5 दिसंबर को तय की है। कारण, हाईकोर्ट की तरफ से सुनवाई को दिसंबर के पहले सप्ताह तक के लिए टाल दिया गया था।

झारखंड के लिए आज का दिन विशेष और ऐतिहासिक

झारखंड के लिए आज का दिन विशेष और ऐतिहासिक

इकबाल अंसारी 

रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पूरे झारखंड के लिए आज का दिन विशेष और ऐतिहासिक है। सोरेन ने कहा कि झारखंड विधान सभा से झारखंड वासियों की आत्मा और अस्मिता से जुड़े 1932 खतियान आधारित स्थानीयता और नियुक्ति तथा सेवाओं में आरक्षण वृद्धि का विधेयक पारित हो चुका है। आज पूरा झारखंड जश्न और खुशियां मना रहा है।

सोरेन ने इन दोनों विधेयकों के सदन से पारित होने के बाद विधानसभा परिसर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा एक बार फिर झारखंड के लिहाज से 11 नवंबर का दिन इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने जनता से जो वादा किया था, उसे निभाने का काम किया है।

अब केंद्र सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह झारखंड की भावनाओं के अनुरूप संवैधानिक प्रावधानों के तहत1932 खतियान आधारित स्थानीयता और नियुक्ति तथा सेवाओं में आरक्षण वृद्धि से संबंधित विधेयक को नौवीं अनुसूची में डालने की पहल करें , ताकि झारखंड वासियों उनका मान -सम्मान और अधिकार मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर जरूर हुई तो पूरी सरकार दिल्ली में भी इसके लिए अपनी पूरी ताकत लगाने से पीछे नहीं हटेगी।

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