शुक्रवार, 11 नवंबर 2022

स्कूलों में दिए जाने वाले मिड-डे मील पर नजर: सैलजा

स्कूलों में दिए जाने वाले मिड-डे मील पर नजर: सैलजा

अकांशु उपाध्याय/राणा ओबरॉय 

नई दिल्ली/चंडीगढ़। कांग्रेस नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि सरकारी स्कूलों को बंद करने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी-जननायक जनता पार्टी (भाजपा-जजपा) गठबंधन सरकार की नजर स्कूलों में दिए जाने वाले मिड-डे मील पर लग गई है और सरकार मिड डे मील को बंद करना चाहती है।

कुमारी सैलजा ने यहां जारी बयान में कहा कि स्कूलों में राशन और कुकिंग कॉस्ट (भोजन पकाने का खर्च) पहुंचाने में देरी की जा रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मिड-डे मील में छात्रों को दिए जाने वाले हजारों टन फ्लेवर्ड मिल्क पावडर के घोटाले की जांच से भी भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार बच रही है।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि योजना के तहत प्रदेश के सरकारी स्कूलों में प्रत्येक बच्चे के हिसाब से जो पांच रुपये 45 पैसे दिए जाते हैं, वह राशि कई जिलों में अभी तक जारी नहीं की गई है और कुछ जिलों में तो चार महीने से उक्त राशि स्कूलों को नहीं मिली है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि सरकार यह योजना बंद करना चाहती है, इसलिए ही कभी इसे तैयार करने वाली कुक का वेतन कई-कई महीनों तक रोक लिया जाता है, जबकि कितनी ही बार महीनों तक कुकिंग कॉस्ट को रोक लिया जाता है।

कुमारी सैलजा ने आरोप लगाया कि जुलाई से सितंबर के बीच 16.91 लाख स्कूली बच्चों को दिया जाने वाले फ्लेवर्ड मिल्क पाउडर की सप्लाई ही स्कूलों में नहीं की गई, जो 1218 टन से अधिक बनता है, जबकि, दूसरी ओर महकमे को रिपोर्ट दे दी गई कि बच्चों को दूध पिलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लेकिन फ्लेवर्ड मिल्क घोटाला उजागर होने के बाद आज तक शिक्षा विभाग ने काेई जांच नहीं बैठाई है। 

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