शनिवार, 30 जुलाई 2022

शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के गठन को 1 महीना पूरा 

शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के गठन को 1 महीना पूरा 

कविता गर्ग 

मुंबई। महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर राजनीतिक उठा पटक के बाद सत्ता में आई मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के गठन को शनिवार को एक महीना पूरा हो गया। लेकिन, इसके कैबिनेट विस्तार के अभी कोई संकेत नहीं हैं। शिंदे की अगुवाई में कई विधायकों के शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करने के 10 दिन बाद राज्य में नई सरकार का गठन हुआ था। शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सत्ता में आने के बाद शिंदे सरकार ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया, जिसे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।

दो सप्ताह पहले फडणवीस ने कहा था कि परियोजना में तेजी लाने के लिए सभी मंजूरी दे दी गई है। गौरतलब है कि वर्तमान में शिंदे और फडणवीस ही कैबिनेट के सदस्य हैं। कैबिनेट विस्तार में देरी के कारण विपक्षी दलों को सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया है। कांग्रेस की राज्य इकाई के उपाध्यक्ष रत्नाकर महाजन ने  बातचीत के दौरान कटाक्ष करते हुए कहा, ”यह राज्य के इतिहास में पहली बार है कि दो सदस्यों का एक विशाल मंत्रिमंडल बाढ़, कुछ स्थानों पर बारिश की कमी और अन्य मामलों को संभाल रहा है।’ ‘ उन्होंने कहा, ”किसी राजनीतिक दल के लिए कभी इतनी दयनीय स्थिति नहीं रही कि वह एक महीने में किसी राज्य में पूर्ण मंत्रिमंडल नहीं बना पाया हो। इसके लिए भाजपा की अति महत्वाकांक्षी योजना को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।” 40 विधायकों के अलावा पार्टी के 19 में से 12 लोकसभा सदस्यों ने भी शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी है। सांसदों के अलग हुए समूह को लोकसभा अध्यक्ष ने मान्यता दी है, लेकिन शिवसेना ने मांग की है कि अध्यक्ष उन्हें अयोग्य घोषित कर दें। शिंदे धड़ के मुख्य प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि शिवसेना के विधायक विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए कैबिनेट मंत्रियों की तुलना में जिला संरक्षक मंत्री बनने में अधिक रुचि रखते हैं।

हालांकि, उन्होंने दावा किया कि विभागों के आवंटन को लेकर कोई विवाद नहीं है। उन्होंने कहा, ”लंबे समय के बाद महाराष्ट्र को एक ऐसा मुख्यमंत्री मिला है,जो लोगों के लिए चौबीसों घंटे उपलब्ध है।” शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”पिछले एक महीने से कोई सरकार अस्तित्व में नहीं है। इससे पहले कभी भी महाराष्ट्र की प्रतिष्ठा को इस तरह से कम नहीं किया गया। राज्य के सम्मान से समझौता किया गया। शिंदे और फडणवीस द्वारा ली गई शपथ अवैध है।” उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार में देरी का कारण शिवसेना के 16 बागी विधायकों की अयोग्यता पर उच्चतम न्यायालय में चल रही सुनवाई सहित कुछ भी हो सकता है।राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने कहा कि एक महीने बाद भी कैबिनेट बनाने में असमर्थता से पता चलता है कि राज्य में राजनीतिक स्थिति अब भी ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, ”राज्य के कई हिस्सों में बारिश और बाढ़ के कारण लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और चूंकि कोई कैबिनेट मंत्री और संरक्षक मंत्री नहीं हैं, इसलिए लोगों की समस्याओं की उपेक्षा हो रही है। महाराष्ट्र ने पहले कभी ऐसी स्थिति नहीं देखी है।’

पदार्थों को लेकर ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ की नीति अपनाई 

पदार्थों को लेकर ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ की नीति अपनाई 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि केंद्र ने नशीले पदार्थों को लेकर ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ की नीति अपनाई है और इसके परिणाम दिख रहे हैं। शाह ने कहा कि स्वस्थ समाज और समृद्ध राष्ट्र के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है। नशीले पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद शाह ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से भी यह महत्वपूर्ण है। क्योंकि ‘‘नशीले पदार्थों के व्यापार से उत्पन्न होने वाली काली कमाई का उपयोग देश के खिलाफ गतिविधियों में किया जाता है।

’’ सम्मेलन का आयोजन स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा किया गया है। शाह ने कहा, ‘‘जब नरेंद्र मोदी जी 2014 में प्रधानमंत्री बने, तो भारत सरकार ने मादक पदार्थों को लेकर ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ की नीति अपनाई।’’ शाह ने कहा कि मादक पदार्थों के खिलाफ तेजी से और सही दिशा में बढ़ रही लड़ाई के परिणाम दिखने शुरू हो गए हैं। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थ युवा पीढ़ी पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं और इसे दीमक की तरह नुकसान पहुंचाते हैं। शाह ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार इस संकट को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।

गृह मंत्री ने कहा कि नशीले पदार्थों का न केवल सेवन करने वालों पर, बल्कि समाज, अर्थव्यवस्था और देश की सुरक्षा पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसे पूरी तरह से खत्म करना होगा।’’ सम्मेलन के आयोजन के साथ ही एनसीबी द्वारा दिल्ली, चेन्नई, गुवाहाटी और कोलकाता में लगभग 31,000 किलोग्राम मादक पदार्थ नष्ट किया गया।

मुंबई के संबंध में राज्यपाल की टिप्पणी से सहमत नहीं

मुंबई के संबंध में राज्यपाल की टिप्पणी से सहमत नहीं 

कविता गर्ग 

मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को कहा कि वह मुंबई के संबंध में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की टिप्पणी से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि शहर के विकास में मराठी लोगों द्वारा किए गए योगदान को कभी भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल एक संवैधानिक पद पर आसीन हैं और उन्हें अपने बयानों से किसी को भी ठेस न पहुंचाने के प्रति सतर्क रहना चाहिए। कोश्यारी ने शुक्रवार शाम यहां एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि मुंबई में गुजराती और राजस्थानी लोग नहीं रहेंगे, तो यहां पैसा नहीं बचेगा और यह देश की आर्थिक राजधानी नहीं रहेगी।

इस टिप्पणी को लेकर हुए विवाद के बाद राज्यपाल ने शनिवार को कहा कि उनकी टिप्पणियों को गलत समझा गया है। उन्होंने कहा कि उनका ‘‘मराठी भाषी लोगों की कड़ी मेहनत को कमतर करने का कोई इरादा नहीं था।’’ शिंदे ने नासिक जिले के मालेगांव में पत्रकारों से कहा, हम (मुंबई के संबंध में) कोश्यारी के विचार से सहमत नहीं हैं। यह उनका निजी विचार है। उन्होंने अब एक स्पष्टीकरण जारी किया है। वह एक संवैधानिक पद पर हैं और उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनकी टिप्पणियों से दूसरों को ठेस न पहुंचे।

उन्होंने कहा, मराठी समुदाय की कड़ी मेहनत ने मुंबई के विकास और प्रगति में योगदान दिया है। यह एक महत्वपूर्ण शहर है, जिसमें अपार संभावनाएं हैं। देशभर के लोगों के इसे अपना घर बनाने के बावजूद, मराठी लोगों ने अपनी पहचान और गौरव को बरकरार रखा है और इसका अपमान नहीं किया जाना चाहिए। शिंदे ने कहा कि मुंबई को महाराष्ट्र की राजधानी बनाने के आंदोलन में 105 लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी और शिवसेना के दिवंगत संस्थापक बाल ठाकरे ने शहर की मराठी पहचान को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री ने कहा, मुंबई और मराठी लोगों का अपमान कोई नहीं कर सकता। मुंबई शहर ने कई आपदाओं का सामना किया, लेकिन यह कभी नहीं रुकता, यह चौबीसों घंटे काम करता रहता है और हजारों लोगों को रोजगार, आजीविका देता है। इस बीच, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने धुले में पत्रकारों से कहा कि मराठी भाषी लोगों का महाराष्ट्र के विकास में अहम योगदान है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, यहां तक कि औद्योगिक क्षेत्र में भी मराठी भाषी लोगों ने वैश्विक प्रगति की है। हम राज्यपाल की टिप्पणी से सहमत नहीं हैं।

सरकारी नौकरी पाने की इच्छा छोड़ देनी चाहिए 

सरकारी नौकरी पाने की इच्छा छोड़ देनी चाहिए 

मनोज सिंह ठाकुर 

भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रोजगार के आंकड़ों को लेकर केंद्र सरकार को घेरते हुए शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार ने संसद के पटल पर जो आंकड़े रखे हैं, उसके बाद अब भाजपा सरकार में देश में सरकारी नौकरी पाने की इच्छा नौजवानों को छोड़ देनी चाहिए। कमलनाथ ने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इस हफ्ते संसद के पटल पर जो आंकड़े रखे हैं, उससे साफ पता चलता है कि भाजपा सरकार में देश में सरकारी नौकरी पाने की इच्छा अब नौजवानों को छोड़ देनी चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 8 साल में 22 करोड़ से ज्यादा अभ्यर्थियों ने सरकारी नौकरी के लिए आवेदन किए। लेकिन, इनमें से मुश्किल से 7.22 लाख लोगों का ही चयन नौकरी के लिए हो पाया। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने हर साल दो करोड़ रोजगार का वादा किया था। लेकिन, सरकारी आंकड़े बताते हैं कि वह हर साल एक लाख नौकरियां भी नहीं दे सके।

बिजली कंपनियों के बकाया का भुगतान, आग्रह किया 

बिजली कंपनियों के बकाया का भुगतान, आग्रह किया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकारों से बिजली कंपनियों के बकाया का भुगतान करने का शनिवार को आग्रह करते हुए कहा कि अभी तक सब्सिडी प्रतिबद्धता भी नहीं पूरी की गई है। प्रधानमंत्री ने एक कार्यक्रम में कहा कि बिजली उत्पादन एवं वितरण से जुड़ी कंपनियों का करीब 2.5 लाख करोड़ रुपया राज्यों के पास बकाया है। इसके साथ ही उन्होंने खेद जताया कि राज्य सरकारों ने अभी तक बिजली कंपनियों को 75,000 करोड़ रुपये की अपनी सब्सिडी प्रतिबद्धता भी पूरी नहीं की है।

उन्होंने ‘उज्ज्वल भारत उज्ज्वल भविष्य’ समारोह के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बिजली की किल्लत का दौर अब अतीत की बात हो गई है और बीते आठ वर्षों में करीब 1.70 लाख मेगावाट बिजली की अतिरिक्त क्षमता का सृजन हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘बिजली देश के विकास के लिए अनिवार्य है। देश को राष्ट्रनीति की जरूरत है न कि राजनीति की।’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता के मामले में दुनिया के चार-पांच अग्रणी देशों में से एक है। इसके अलावा भारत में दुनिया के कुछ बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र भी स्थापित किए गए हैं। इसके पहले उन्होंने तीन परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी।

राजस्थान में 735 मेगावाट की नोख सौर परियोजना लगाई जाएगी। जबकि लेह और गुजरात में हरित हाइड्रोजन परियोजनाएं स्थापित की जाएगी। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर नवीनीकृत वितरण क्षेत्र योजना और राष्ट्रीय सौर रूफटॉप पोर्टल की शुरुआत भी की।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 


1. अंक-295, (वर्ष-05)

2. रविवार, जुलाई 31, 2022

3.शक-1944, श्रावण, शुक्ल-पक्ष, तिथि-तीज, विक्रमी सवंत-2079।

4. सूर्योदय प्रातः05:20, सूर्यास्त: 07:15। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 26 डी.सै., अधिकतम-34+ डी.सै.। उत्तरभारत में बरसात की संभावना। 

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक कासहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु,(विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीरसिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी। 

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27,प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102http://www.universalexpress.page/ www.universalexpress.inemail:universalexpress.editor@gmail.com 

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 (सर्वाधिकार सुरक्षित)

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