नई दिल्ली/ वाशिंगटन डीसी/ बीजिंग। भारत की अध्यक्षता में बीते सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक हुई थी। इस बैठक में भारत ने दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर चर्चा कराई थी। जिसे लेकर अब चीन आगबबूला हो गया है। बुधवार को चीन ने कहा कि विश्व निकाय की उच्चाधिकार प्राप्त इकाई यानी सुरक्षा परिषद विवादास्पद मुद्दे पर चर्चा करने का उपयुक्त स्थान नहीं है। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूनएनएससी) की खुली चर्चा के बाद भारत के अध्यक्षीय वक्तव्य में चीन को कड़ा संदेश देने वाला बयान भी एनयएससी के सदस्यों ने स्वीकार किया था।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में समुद्री सुरक्षा पर हुई उच्चस्तरीय खुली परिचर्चा में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, केन्या के राष्ट्रपति उहरु केन्यात्ता और वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चीन्ह तथा अन्य वर्चुअल रूप से शामिल हुए थे। बैठक में अमेरिका और चीन दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर आपस में भिड़ गए थे। इसमें समुद्री सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने को मान्यता देने वाले अध्यक्षीय बयान को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया था। सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक चीन ने प्रस्ताव का समर्थन किया था।