हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संकम्रण पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार की नीतियां कारगर साबित हो रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट वाले मंत्र को लेकर योगी सरकार प्रदेश में कोविड नियंत्रण के नए रिकॉर्ड बना रही है। सर्विलांस टीम द्वारा घर-घर जाकर सर्वेक्षण करना, वैक्सीनेशन को तेजी से बढ़ाना और प्रदेश में टेस्टिंग की क्षमता को दोगुना करना, यह मुख्यमंत्री योगी की रणनीति है।
राज्य सरकार का दावा है कि योगी की रणनीति के चलते प्रदेश की 24 करोड़ आबादी में से 21 करोड़ लोगों तक सरकार अपनी पहुंच बना चुकी है। यही कारण है कि देश में आबादी के लिहाज से सबसे बड़ा प्रदेश होने के बाद भी उत्तर प्रदेश में कई राज्यों की तुलना में पॉजिटिव केसों की संख्या कम है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में बढ़ते मामलों को लेकर टेस्टिंग पर विशेष ध्यान दिया गया है। देश में चार करोड़ से ज्यादा टेस्टिंग करने वाला पहला राज्य उत्तर प्रदेश बन चुका है। पिछले 24 घंटों में प्रदेश में एक लाख 84 हजार टेस्ट किए गए हैं। जिनमें 94 हजार से अधिक टेस्ट आरटीपीसीआर के माध्यम से किए गए हैं। यही नहीं, सरकार ने अग्रेसिव टेस्टिंग को बढ़ाने के लिए 40 नई आरटीपीसीआर मशीनों का ऑर्डर प्लेस कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि प्रदेश में आरटीपीसीआर के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग की जाए।
प्रवक्ता ने बताया कि पिछली बार जब प्रदेश में कोरोना ने दस्तक दी थी, तभी से प्रदेश में सर्विलांस टीम का गठन कर दिया गया था। यह टीम घर-घर जाकर लोगों का सर्वेक्षण कर रही है। सोमवार तक प्रदेश में 16 करोड़ 19 लाख से ज्यादा लोगों तक स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची चुकी है। इस दौरान जो लोग भी संक्रमण युक्त पाए गए हैं, उनका टेस्ट कराकर इलाज शुरु कराया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने अब तक प्रदेश के दो लाख 35 हजार 227 इलाकों में 5 लाख 73 हजार 620 टीम दिवसों के माध्यम से तीन करोड़ 35 लाख 50 हजार 687 घरों का सर्विलांस किया है।