शनिवार, 2 जनवरी 2021

बुलंदशहर: 2015 बैच की दरोगा फांसी पर झूली

2015 बैच की महिला दरोगा फांसी पर झूली, सुसाइड नोट में लिखी ये बात ,रह गए सब हैरान

बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में यूपी पुलिस की महिला उप निरीक्षक आरजू पवार ने पंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया। मामला अनूप शहर कोतवाली क्षेत्र का है। जहां एक निजी मकान में किराए पर रह रही महिला सब इन्स्पेक्टर ने पंखे पर फांसी का फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली।
बताया जा रहा है। मकान मालिक ने 7 बजे खाने के लिए पूछा तो कुछ देर में कहीं से आने की बात कही। कुछ घंटों बाद जब महिला सब इंस्पेक्टर आरजू पवार नहीं आई तो मकान मालिक ने कमरे में देखा। जब घटना की जानकारी हुई तो मकान मालिक ने तत्काल पुलिस को सूचना दी।
2015 बैच की एसआई
जानकारी के अनुसार आरजू पवार 2015 बैच की एसआई है।
वह शामली की रहने वाली थी। कमरे से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। जिसमें सब इंस्पेक्टर ने लिखा है। कि यह मेरी करनी का फल है। हालांकि पुलिस पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुटी है।गंभीरता से जांच की जा रही एसएसपी
पूरे मामले में एसएसपी संतोष कुमार सिंह का कहना है। कि आज महिला सब इंस्पेक्टर ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। दो लाइन का सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। जिसमें उन्होंने अपनी मौत का स्वयं को जिम्मेदार बताया है। लेकिन पूरे प्रकरण की फिर भी गंभीरता से जांच की जा रही है।

हापुड़: लगातार दूसरे दिन कंबल वितरण किए

अतुल त्यागी 
हापुड़। विधान सभा क्षेत्र हापुड में विधानसभा कार्यक्रम मीनाक्षी रोड पर मेरठ हापुड लोक सभा सांसद राजेंद्र अग्रवाल व क्षेत्रीय महामंत्री विकास अग्रवाल व सदर विधायक विजयपाल आढती, जिला उपाध्यक्ष राज सुंदर तेवतिया, नगर पालिका अध्यक्ष प्रफुल्ल सारस्वत द्वारा गरीब जरूरतमंदों को  नव वर्ष 2021 के दूसरे दिन कंबल का वितरण किया गया। जहां उपस्थित सांसद प्रतिनिधि सुधीर गोयल, राजीव अग्रवाल, पूर्व मंडल अध्यक्ष मूलचंद त्यागी ,वरिष्ठ भाजपा नेता ओम प्रकाश जी, चंद्रप्रकाश ठठेरे ,अनिल त्यागी, सतवीर गुजॅर, नामित सभासद अजय भास्कर, पिछड़ा वर्ग मोर्चा हेमंत सैनी, शिवम शर्मा ,उमेश अग्रवाल,अजय गुप्त गोपी, आदि भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

आंदोलन: सरकार ने संभावनाओं को खारिज किया

हरिओम उपाध्याय  
नई दिल्ली। किसानों ने जिस तरह देश की राजधानी दिल्ली की चारों और से घेरेबंदी की हुई है और रोजाना हजारों की संख्या में हरियाणा, उत्तरप्रदेश, राजस्थान से किसान बेरिकेड्स तोड़ कर दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं उस से साफ़ हो जाता है कि यह आंदोलन अब मात्र किसान आंदोलन नहीं बल्कि जन आंदोलन का रूप ले चूका है l केंद्र सरकार की तमाम कोशिशें इस आंदोलन को तोड़ पाने में नाकाम दिखाई दे रही हैं l लम्बे समय तक शांति पूर्वक आंदोलन और आंदोलनकारियों के सब्र ने इस आंदोलन को बिखरने से तो रोका ही साथ में सफलता की सीढियाँ भी चढ़ता गया lलगभग सवा महीने के लम्बे आंदोलन और छह दौर की उबाऊ बातचीत के बाद भी किसानों का होंसला और भरोसा जरा भी डगमगाया नहीं बल्कि इरादे पहले ज्यादा मजबूत हुए हैं l जबकि सरकार का भरोसा डगमगाता दिख रहा है l केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को एक न्यूज़ एजेंसी को दिए साक्षात्कार में कहा कि चार जनवरी को होने वाली अगली बैठक में पॉजिटिव परिणाम निकलने की उम्मीद है, लेकिन उन्होंने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया कि सातवें दौर की बातचीत अंतिम होगी या नहीं।

आप खुद सुने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर- पियूष गोयल और किसान नेता राकेश टिकैत की वार्तालापकिसानों के तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े रहने और विकल्प सुझाने के सरकार के प्रस्ताव को खारिज करने के बारे में पूछे जाने पर कृषि मंत्री ने कहा, ”हम इसे देखेंगे।” क्या चार जनवरी को होने वाली बैठक आखिरी बैठक होने की उम्मीद है, इस सवाल पर तोमर ने कहा, ”एकदम तो अभी कुछ नहीं कह सकता। भविष्यवक्ता तो मैं हूं नहीं। लेकिन मुझे आशा है कि जो भी फैसला होगा, देश के और किसान के हित में होगा।”केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का यह कहना कि “जो भी फैसला होगा वह देश और किसानों के हित में होगा” साफ़ दर्शाता है कि केंद्र सरकार अपना फैसला कर चुकी है l श्री तोमर के इस कथन का संदेश साफ़ साफ़ पढ़ा जा सकता है l किसानों के इस व्यापक और जन आंदोलन बन चुके सदी के महान आंदोलन को ताकत के बल पर न तो कुचला जा सकता है और ना ही कुचलना सरकार-समाज व देश हित में है l यदि ऐसा है तो 4 जनवरी का दिन या फिर उसके एक दो दिन बाद कोई भी तारीख इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज होगी l अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर आने वाले गणतंत्र दिवस पर किसानों का एलान ट्रैक्टरों ट्रालियों के साथ “लाल किला कूच” इतिहास के पन्नों पर दर्ज होना भी तय माना जा रहा है l जिसका परिणाम कुछ भी हो सकता है l सरकार और करीब 40 प्रदर्शनकारी किसान संघों के बीच अब तक हुई छह दौर की बातचीत पिछले एक महीने से दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसानों के प्रदर्शन को समाप्त करने में विफल रही है। बुधवार को हुई दोनों पक्षों की पिछली बैठक में पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने तथा बिजली सब्सिडी जारी रखने की दो मांगों पर सहमति बनती दिखी लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों की दो मुख्य मांगों पर अभी बात नहीं बन पाई है जिनमें तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना और एमएसपी खरीद प्रणाली की कानूनन गारंटी प्रदान करना शामिल हैं।

सितंबर में लागू हुए तीनों कृषि कानूनों को सरकार ने बड़े कृषि सुधारों के रूप में पेश किया है और कहा है कि इनका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना है, लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों ने चिंता जताते हुए कहा है कि इन कानूनों से एमएसपी और मंडी प्रणाली कमजोर होगी और वे बड़े कॉर्पोरेट की दया पर निर्भर हो जाएंगे। सरकार ने इन आशंकाओं को निराधार बताते हुए कानूनों को निरस्त करने की संभावना को खारिज किया है। प्रदर्शनकारी किसानों ने अपनी मुख्य मांगें नहीं माने जाने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है। ऑल इंडिया किसान संघर्ष कॉर्डिनेशन कमेटी ने एक बयान में कहा, ”किसानों की एक मांग है कि कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए।”सिंघु सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने एक अलग बयान में कहा कि उन्होंने जो विषय उठाये हैं, उनमें से केवल पांच फीसदी पर अब तक सरकार के साथ बैठकों में चर्चा हुई है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर चार जनवरी की बैठक में गतिरोध समाप्त नहीं होता तो वे हरियाणा में सभी मॉल और पेट्रोल पंपों को बंद करने की तारीख घोषित करेंगे। स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि हरियाणा-राजस्थान सीमा पर शाहजहांपुर में प्रदर्शन कर रहे किसान भी राष्ट्रीय राजधानी की ओर कूच करेंगे। एक अन्य किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि अगर अगले दौर की वार्ता में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो छह जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा।

15 मार्च से 30 मार्च के बीच होगें पंचायत चुनाव

यूपी पंचायत चुनाव 15 मार्च से 30 मार्च के बीच होंगे पंचायत चुनाव, 15 फरवरी तक जारी होगा नोटिफिकेशन
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। पंचायत चुनाव की तैयारी जोरों पर है। सरकार चुनावी तैयारी को अंजाम देने में लगी है। पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने न्यूज18 से बातचीत में कहा है। कि 15 फरवरी तक नोटिफिकेशन आ जाएगा. 15 मार्च से 30 मार्च के बीच त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होगा। उन्होंने कहा कि ग्राम सभाओं के पुनर्गठन का कार्य पूरा हो चुका है। वार्डों का परिसीमन जारी है। चार जिले मुरादाबाद, गोंडा, संभल और गौतमबुद्धनगर का पूर्ण परिसीमन हो रहा है। और बाकी जिलों का आंशिक परिसीमन का कार्य जारी है।
पंचायती राज मंत्री ने कहा कि 14 जनवरी तक परिसीमन का कार्य पूरा हो जाएगा।
इसके बाद आरक्षण का काम पूरा किया जाएगा। गौरतलब है। कि अब तक ग्राम पंचायत सीटों पर आरक्षण निर्धारण जनपद मुख्यालय स्तर पर होता था। मगर इस बार ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा बीडीसी, प्रधान और जिला पंचायत सदस्यों की सीटों पर आरक्षण की ऑनलाइन व्यवस्था लखनऊ से तय होगी. पंचायतों मेंद आरक्षण लागू करने के लिए राजस्व ग्रामों की जनसंख्या का आकलन किया जाएगा. पांच साल पहले चुनाव के समय ग्राम पंचायत की क्या स्थिति थी। वर्तमान में क्या स्थिति है।उसी आधार पर तय होगा कि उस ग्राम पंचायत की सीट किस प्रत्याशी के लिए आरक्षित होगी।
सरकार के काम का बीजेपी को मिलेगा फायदा
पंचायत चुनाव में बीजेपी को फायदा मिलेगा इसका क्या आधार है। के सवाल के जवाब में भूपेन्द्र चौधरी ने कहा कि पंचायती राज विभाग ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत ढाई करोड़ से अधिक शौचालय बनवाए गये हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालय भी बनवाए गए हैं। ऑपरेशन कायाकल्प के तहत 80,000 से अधिक प्राइमरी स्कूलों का कायाकल्प हुआ है। सरकार के काम का फायदा पंचायत चुनाव में जरूर मिलेगा निवर्तमान प्रधानों के नाम पुतवाने के निर्देश
विपक्ष के दावों पर मंत्री का जवाब था। कि लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार होता है। विपक्ष भी चुनाव लड़े लेकिन काम करने का फायदा बीजेपी को ही मिलेगा नोटिफिकेशन आने से पहले ग्राम प्रधानों के नाम लगे बोर्ड को पुतवाने का काम भी जिला पंचायत राज विभाग की तरफ से किया जाएगा। इसको लेकर डीपीआरओ ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है। कि वे जनपद में जहां पर भी प्रधानों के नाम के बोर्ड लगे हैं। उन पर से प्रधानों के नाम को पुतवाया जाए। गौरतलब है, कि ग्राम प्रधानों का बस्ता 25 दिसंबर को ही जमा हो चुका है।

वरिष्ठ नेता बूटा का निधन, मोदी ने जताया शोक

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बूटा सिंह का निधन, मोदी ने जताया शोक

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री बूटा सिंह का शनिवार सुबह निधन हो गया। वह 86 साल के थे। पिछले साल मष्तिकाघात के बाद उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था। और वह गत वर्ष अक्टूबर महीने से कोमा में थे। उनके परिवार ने बताया कि बूटा सिंह का शनिवार सुबह करीब 5.30 बजे एम्स में निधन हो गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बूटा सिंह के निधन पर दुख जताया और उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की। पीएम मोदी ने ट्वीट किया सरदार बूटा सिंह जी एक अनुभवी प्रशासक होने के साथ ही गरीबों और कमजोरों के कल्याण की एक प्रभावी आवाज थे। उनके निधन से बहुत दुख हुआ। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदना।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया सरदार बूटा सिंह जी के देहांत से देश ने एक सच्चा जनसेवक और निष्ठावान नेता खो दिया है। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा और जनता की भलाई के लिए समर्पित कर दिया, जिसके लिए उन्हें सदैव याद रखा जाएगा। इस मुश्किल समय में उनके परिवारजनों को मेरी संवेदनाएं।
बूटा सिंह ने अपने लंबे राजनीतिक जीवन में केंद्र गृह मंत्री समेत कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं। इसके साथ ही वह बिहार के राज्यपाल और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष भी रहे।

भारत में कोरोना के 20 हजार से कम नए मामले

भारत में कोरोना के 20 हजार से कम नए मामले, 99 लाख से ज्यादा लोग संक्रमणमुक्त
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के शनिवार को 20,000 से कम मामले सामने आए जिसके बाद संक्रमण के मामले बढ़कर 1,03,05,788 हो गए। वहीं देश में संक्रमण मुक्त होने वाले लोगों की संख्या 99 लाख को पार कर गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में एक दिन में संक्रमण के 19,079 नए मामले सामने आए, वहीं 224 और लोगों की संक्रमण से मौत होने से मृतक संख्या बढ़कर 1,49,218 हो गई। देश में संक्रमण मुक्त होने वाले व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 99,06,387 हो गई है। जिससे संक्रमण से ठीक होने की राष्ट्रीय दर 96.12 प्रतिशत हो गई है। वहीं संक्रमण से मृत्यु दर 1.45 प्रतिशत है।
आंकड़े के अनुसार देश में लगातार 12वें दिन उपचाराधीन लोगों की संख्या तीन लाख से कम रही। देश में उपचाराधीन मामलों की संख्या वर्तमान में 2,50,183 है। भारत में सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख के पार चली गई थी।
वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवम्बर को 90 लाख और 19 दिसम्बर को एक करोड़ के पार चले गए थे। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार एक जनवरी तक कुल 17,39,41,658 नमूनों की जांच की गई, जिनमें से 8,29,964 नमूनों की जांच शुक्रवार को की गई।

दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में बारिश, ठंड बढ़ीं

दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में बारिश, ठंड बढ़ने के आसार
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कई जगहों पर शनिवार सुबह हल्की बारिश हुई। जिससे ठंड के और बढ़ने के आसार हैं। राष्ट्रीय राजधानी में आज सुबह कोहरा छाया रहा, जिसके कारण दृश्यता काफी कम थी। दिल्ली में हालांकि बारिश होने के बावजूद न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के हिसाब से सामान्य है। बाद में मौसम में सुधार हुआ तथा करीब 11 बजे तामपमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
मौसम विभाग के मुताबिक अधिकमत तापमान 18 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। घना कोहरा छाये रहने के कारण दृश्यता काफी कम थी विशेषकर राजमार्ग में यातायात धीमी गति से चल रहा था। शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो मौसम के हिसाब से छह डिग्री सेल्सियस कम था। मौसम विभाग के मुताबिक हल्की बारिश तथा बूंदा-बांदी के आसार हैं। जबकि आसमान में आमतौर पर बादल छाये रहेंगे। राष्ट्रीय राजधानी में सुबह साढ़े आठ बजे आर्द्रता का स्तर 100 प्रतिशत दर्ज किया गया था। जबकि वायु की गुणवत्ता काफी खराब रही। केंद्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार यहां पर सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 453 दर्ज किया गया।
मौसम विभाग के अनुसार यहां रविवार को भी हल्की बारिश या बूंदा-बांदी के साथ ही आम तौर पर बादल छाये रहेंगे। न्यूनत तापमान आठ डिग्री तथा अधिकमत तापमान 20 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। दिल्ली में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 19.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। जो इस मौसम के हिसाब से सामान्य था।

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