बहादुरगढ़। नए कृषि कानून को लेकर देश भर के किसानों में रोष है,जिसको लेकर हरियाणा ,पंजाब के साथ -साथ अब उत्तर प्रदेश के भी किसानों का समर्थन मिलने लगा है। इतना ही नहीं हरियाणा में तो किसानों के साथ -साथ कर्मचारी ,मजदूर ,खाप पंचायत ,हरियाणा और पंजाब के कलाकारों का भी साथ किसानो को मिल रहा है। तो वहीं दूसरी तरफ कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों का साफ कहना है कि वे सरकार के किसी दबाव में नहीं आएंगे। कानूनों के रद होने तक हर हाल में सड़क पर ही रहेंगे। बताना लाजमी है कि अब किसानों को न केवल खाप और संगठन बल्कि हरियाणा और पंजाब के कलाकारों का भी लगातार समर्थन मिल रहा है। बतादें कि कलाकार वीर साहू ने कहा कि वह किसान के बेटे हैं और उनका तन-मन-धन, सब कुछ किसानों को समर्पित है।
जब किसान इन कानूनों को लागू कराना नहीं चाहता तो सरकार क्यों जबरदस्ती कर रही है। तो वहीं दूसरी तरफ पंजाबी गायकार सिद्धू मूसेवाला ने कहा कि सर्दी-गर्मी में खुद की सेहत की परवाह किए बगैर किसान अन्न पैदा करता है। इस अन्न को सभी वर्ग खाते हैं। सरकार हमारे किसानों के साथ बहुत गलत कर रही है।
सभी वर्गों और आमजन को अन्नदाता का सहयोग करना होगा। किसान रहेगा तो ही हम रहेंगे। इस लड़ाई में वह किसानों के साथ हैं और हमेशा रहेंगे। इसी तरह राजू पंजाबी ने भी यही कहा कि सभी को मिलकर किसान की आवाज बनना होगा। और देश बचाने के लिए किसानों के समर्थन में आना होगा।
गौरतलब है कि हरियाणवी कलाकार केडी ने कहा कि मैं यहां समर्थन करने नहीं बल्कि खुद की लड़ाई लड़ने आया हूं। मैं किसान का बेटा हूं और यह मेरी जिम्मेदारी है। आमजन की परेशानी के सवाल पर केडी ने कहा कि आमजन की परेशानी तो फिर भी सुलझ जाएगी लेकिन किसान की परेशानी नहीं सुलझी तो पूरा देश और आने वाली पीढ़ियों की परेशान बढ़ जाएगी। अगर किसान खेती छोड़ देगा तो लोग क्या खाएंगे और कैसे देश चलेगा।
सरकार किसानों को बुराड़ी आने के लिए निमंत्रण दे रही है, क्या सरकार इनके पास नहीं आ सकती। वैसे भी चुनाव के दौरान नेता लोग घर-घर जाते हैं तो अब क्या हो गया। सरकार के नुमाइंदे धरना स्थल पर आकर किसानों से बात करें। बतादें कि सोमवार को टीकरी बार्डर पर मौजूद किसानों के बीच सिद्धू मूसेवाला, राजू पंजाबी, रुपिंदर हांडा, वीर साहू और केडी आदि पंजाबी-हरियाणवी कलाकार पहुंचे। एक सुर में इन कलाकारों ने किसानों की आवाज उठाई।