शनिवार, 2 मई 2020

अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष पर 'देशद्रोह'

नई दिल्ली। दिल्ली राज्य अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष डॉ. जफरुल इस्लाम खान के खिलाफ देशद्रोह और आमजन की भावनाएं भड़काने का मुकदमा दर्ज हुआ है। मामला दिल्ली के वसंतकुंज इलाके में रहने वाले एक शख्स की शिकायत पर स्पेशल सेल थाने में दर्ज हुआ है। 


हालांकि, पोस्ट करने के कुछ समय बाद ही डॉ. जफरुल ने अपने विवादित और भड़काऊ बयान के सोशल मीडिया से हटा दिया था। साथ ही एक मई को उन्होंने इसके लिए माफी भी मांग ली थी। एफआईआर के मुताबिक, मामले में शिकायतकर्ता कौशल कांत मिश्रा, सेक्टर ए, वसंतकुंज नार्थ में रहते हैं। मिश्रा ने सफदरजंग थाना पुलिस को शिकायत दी थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि, 28 अप्रैल 2020 को दिल्ली राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष डॉ. जफरुल इस्लाम खान ने एक भड़काउ पोस्ट फेसबुक और ट्विटर हैंडल पर डाली थी। जिससे समाज में वैमनस्यता फैल सकती थी। मामला गंभीर देखकर एसीपी सफदरजंग ने शिकायत दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल थाने को भेज दी।


दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल थाने ने डॉ. जफरुल इस्लाम खान के खिलाफ इसी शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर दिया। यह केस आईपीसी की धारा 124ए, 153ए के तहत दर्ज किया गया है। इस मामले की जांच स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर प्रवीन कुमार को सौंपी गयी है। उल्लेखनीय है कि, डॉ. जफरुल इस्लाम खान ने 28 मार्च को सोशल मीडिया के जरिये तमाम आपत्तिजनक बयान दिये थे। उनके इन बयानों पर देश में एक बहस सी छिड़ गयी थी। तमाम लोगों ने इन बयानों को भड़काऊ और समाज में अशांति फैलाने वाला करार दिया था। अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष पर देशद्रोह का मामला


सरकारी तंत्र नीतियों पर कार्यरत

नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि कोरोना महामारी के वैश्विक संकट के दौरान सरकार देश की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए दीर्घकालिक रणनीतियां बना रही है तथा विदेशों के साथ सहयोग के लिये तैयार है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विदेशों में भारतीय दूतावासों के साथ बातचीत करते हुए श्री गोयल ने उन इच्छुक देशों का स्वागत किया जो भारत के साथ कारोबार करने की योजना बना रहे हैं। 


उन्होंने कहा कि भारत किसी भी बहुपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर करते समय निष्पक्षता और सहयोग को सबसे अधिक महत्व देता है। इस कारण से भारत ने क्षेत्रीय आर्थिक व्यापक भागीदारी (आरईसीपी) में भाग नहीं लिया। उन्होंने सलाह दी कि द्विपक्षीय या बहुपक्षीय समझौतों के लिए योजना बनाने के लिए डिजिटल रूप से जुड़ने का यह सबसे अच्छा समय है। गोयल ने अन्य देशों से कोरोना महामारी के फैलने के खिलाफ प्रयास में सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार वर्तमान में भारत में रह रहे विदेशी नागरिकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित कर रही है।


साधुओं का हत्यारा निकला कोरोना संक्रमित

पालघर। महाराष्ट्र स्थित पालघर लिंचिंग मामले का एक आरोपी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। वह बीते दिनों वाडा पुलिस स्टेशन में बंद था। आरोपी को पहले पालघर ग्रामीण अस्पताल के एक आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था और अब उसे जेजे अस्पताल के कैदी वार्ड में स्थानांतरित किया जा रहा है।


ऐसा माना जा रहा है कि आरोपी लॉकअप में ही संक्रमण का शिकार हुआ जहां लगभग 20 अन्य अभियुक्तों को उसके साथ एक ही सेल में रखा गया था। बताया गया कि उसके संपर्क में आए 20 आरोपियों और 23 पुलिस कर्मचारियों को क्वारंटीन किया गया है और सबकी सैंपलिंग की जा रही है।


घटना 16 अप्रैल को गढ़चिंचले गांव में हुई


बता दें कि पालघर में भीड़ द्वारा दो साधुओं समेत तीन लोगों की हत्या के संबंध में महाराष्ट्र पुलिस के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने पांच और व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन पांच व्यक्तियों को मिलाकर मामले के संबंध में अब तक 115 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा चुका है जिनमें से नौ नाबालिग हैं।


घटना 16 अप्रैल को गढ़चिंचले गांव में हुई थी जब दो साधु ड्राइवर के साथ किसी की अंत्येष्टि में शामिल होने मुंबई से सूरत एक कार में जा रहे थे। ग्रामीणों की एक भीड़ ने उन्हें रोक कर चोर होने के शक में पीट-पीट कर मार डाला।अधिकारी ने बताया कि कुछ आरोपी बाद में घने जंगल में भाग गए थे जिन्हें पुलिस ने ड्रोन की सहायता की खोज निकाला। गिरफ्तार किए गए पांच आरोपियों को शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया जहां उन्हें 13 मई तक सीआईडी हिरासत में भेज दिया गया। अधिकारी ने कहा कि आगे की जांच जारी है।


7 राज्यों नें केंद्र सरकार से की मांग

7 राज्यों के सीएम ने केंद्र से की मांग, लोगों के आवाजाही के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जाएं
 


कविता गर्ग


नई दिल्ली। लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुए प्रवासी श्रमिकों के अंतरराज्यीय आवागमन को केंद्र सरकार से मिली अनुमति के एक दिन बाद तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, महाराष्‍ट्र, राजस्‍थान, पंजाब और बिहार ने गुरुवार को कहा कि इन कर्मियों की आवाजाही के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जाएं। बसों से लोगों को ट्रांजिट किये जाने में संक्रमण का और खतरा है।


पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे लॉकडाउन के कारण राज्य में फंसे प्रवासी मजदूरों का डेटा तैयार करें। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मजदूरों के परिवहन के लिए विशेष ट्रेनों की व्यवस्था करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने प्रवासी मजदूरों की वापसी से जुड़ी प्रक्रिया के समन्वय के लिए प्रत्येक जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने की घोषणा भी की।


वहीं, तेलंगाना के पशुपालन मंत्री टी श्रीनिवास यादव ने को मांग की कि केंद्र प्रवासी श्रमिकों को उनके मूल राज्यों तक जाने के लिए विशेष ट्रेनों का इंतजाम करे और उन्हें मुफ्त में घर पहुंचाए। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के करीब 15 लाख प्रवासी मजदूर हैं और यदि वे बसों से यात्रा करते हैं तो उन्हें अपने राज्यों में पहुंचने में तीन से पांच दिन लग जायेंगे। कहा कि यह कहना केंद्र के लिए सही नहीं है कि संबंधित राज्य सरकारों को प्रवासी मजदूरों को बसों से पहुंचाना होगा।


राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र के सीएम ने कही यह बात


साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फिर दोहराया कि लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों और प्रवासियों के आवागमन के लिए विशेष ट्रेन चलाये जाने की जरूरत है और केन्द्र सरकार को इसके लिये भारतीय रेलवे को अनुमति देनी चाहिए. गहलोत ने कहा कि राजस्थान के लोग तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, असम में फंसे है और उन्हें अपने राज्य में वापस लाने के लिये ट्रेन की आवश्यकता है।


मुख्यमंत्री ने बताया कि केन्द्र सरकार को विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिये विशेष ट्रेन चलाने का प्रबंध करना चाहिए। रेलवे को ट्रेनों का कार्यक्रम जारी करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि केन्द्र सरकार इस पर शीघ्र निर्णय लेगी। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने को केंद्र से प्रवासियों की वापसी के लिए विशेष ट्रेनें चलाने का आग्रह किया। सुशील ने एक वीडियो जारी और ट्वीट कर केंद्र से प्रवासियों की वापसी के लिए विशेष ट्रेनें चलाने का आग्रह किया। वीडियो संदेश में सुशील ने अपील करते हुए कहा कि बिहार के लगातार आग्रह पर केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फँसे छात्रों, मजदूरों और पर्यटकों को एक दिशा-निर्देश का पालन करते हुए घर लौटने की अनुमति दी, जिससे प्रवासियों और परिजनों में खुशी है।


महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने भी बीते दिनों कहा था कि बस से लोगों को ट्रांजिट करने में दिक्कत होगी और ट्रेन चलाने की अनुमति दी जाए। केरल से सीएम पिनराई विजयन ने भी यही मांग की है कि बसों से प्रवासी मजदूरों को नहीं लाया जा सकता है। केरल सरकार ने कहा था कि दूसरे राज्‍यों में जाने वालों की संख्‍या कहीं अधिक है। बसों से यह यात्रा काफी लंबी होगी। ऐसे में कोविड 19 संक्रमण फैसने का खतरा रहेगा। तमिलनाडु सरकार ने बसों से लोगों के ट्रांजिट करने का विरोध किया।


जबरन वसूली पर उतरी हरियाणा सरकार

राणा ओबरॉय


चंडीगढ़। हरियाणा सरकार द्वारा बस किरायों में वृद्धि करने तथा पैट्रोल व डीजल के दाम बढ़ाए जाने के फैसले पर विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष कुमारी शैलजा व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आर्थिक संकट की घड़ी में हरियाणा की मनोहर सरकार प्रदेश के ढाई करोड़ लोगों से जबरन वसूली पर उतर आई है। एक तरफ अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें गिर रही हैं तो दूसरी तरफ हरियाणा के लोगों पर महंगे पैट्रोल व डीजल का बोझ डाला जा रहा है। मनोहर सरकार ने एक ही झटके में बस किरायों में भारी वृद्धि कर डाली, पैट्रोल व डीजल के दाम बढ़ा दिए और मार्केट फीस लगाकर आम लोगों की रसोई पर भी डाका डालने का काम किया है।


कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पिछले छह वर्षों के दौरान सरकार ने पैट्रोल व डीजल पर टैक्स के माध्यम से लोगों से 42 हजार करोड़ रुपये वसूले हैं। नई दरों के बाद सालाना रिकवरी बढकऱ 9255 करोड़ तक पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार जीएसटी के माध्यम से तेल रिफाइनरी से पिछले तीन सालों में 1668 करोड़ रुपए वसूल कर चुकी है। वर्ष 2014 में जब कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई तो पैट्रोल पर वैट 21 प्रतिशत जो इस समय बढ़कर 26.25 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। इसी तरह डीजल पर वैट 9.24 प्रतिशत से बढकऱ 17.22 प्रतिशत हो जाएगा। शैलजा व सुरजेवाला ने कहा कि सरकार खुद यह स्वीकार कर चुकी है कि गुरुवार को कैबिनेट में हुए फैसले के बाद लोगों से पैट्रोल व डीजल के माध्यम से 732 करोड़ रुपए वार्षिक की अतिरिक्त रिकवरी होगी। इसी प्रकार रिफाइनरी सैस के माध्यम से भी सरकार के खजाने में 650 करोड़ रुपए सालाना अतिरिक्त आएंगे। यह सारा भार आम जनता पर पड़ेगा।


मुख्यमंत्री राहत कोष में 511000 दिए

ऋषिकेश ।कोरोना महामारी से बचाव के लिए सरकार और प्रशासन अपने स्तर पर प्रयास कर रही है। वहीं विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संस्थाएं भी सराहनीय सेवाएं निभा रही है।कोरोना वैश्विक महामारी से आज पूरा देश प्रवाहित है वहीं राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में श्री गंगा सेवा समिति, ऋषिकेश द्वारा कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने के लिए 5 लाख 11 हज़ार रुपये की सहायता राशि का चेक विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद अग्रवाल को सौंपा गया।


इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि संकट के इस समय मानवीय संवेदनाओं का उत्कृष्ट व अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करते हुए अनेक औद्योगिक, व्यापारिक व सामाजिक संगठन मदद के लिए आगे आए हैं। उन्होने श्री गंगा सेवा समिति, ऋषिकेश द्वारा सरकार को दिए गए सहयोग व योगदान के लिए समिति के सभी पदाधिकारियों का आभार व्यक्त किया।


विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेशवासियों ने कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए पिछले एक माह से अधिक समय से जिस प्रकार अनुशासन, आत्म विश्वास एवं मनोबल दिखाया है, वह विलक्षण हैं।उन्होंने कहा कि हमारी यह एकजुटता ही हमें कोविड 19 से लड़ने में हमारे प्रयासों में पूर्ण रूप से सफल करेगी ।
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश सुनेजा, महासचिव संदीप खुराना, सतीश संघर, डॉ सी एल कोहली, विनोद कुमार अग्रवाल, एसपी कक्कड़, अनिल किंगर, आरके सूरी, अरविंद वशिष्ठ, भरत भूषण, राकेश सुनेजा, अशोक आर्य उपस्थित थे।


पुलिस ने की 95 मेहमानों की खातिरदारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश में कोरोनावायरस को लेकर हुए लॉकडाउन के बीच लोगों की दुशवारियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। लॉकडाउन की मार सीजन में होने वाली शादियों पर भी पड़ी है। उप्र में दो ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें शादियों के दौरान दुल्हन लेने गई बारात वहीं फंस गई। एक वाकया मिर्जापुर का है जहां बिहार से आई बारात लॉकडाउन में ही फंस गई। हालत यह हुई कि शादी में आए मेहमानों को खाना खिलाने के लिए धुनिया मास्टर को पुलिस की मदद लेनी पड़ी तो सुल्तानपुर से कोलकाता अपनी दुल्हन लाने गया दूल्हा वहीं फंस गया।
गरीब परिवार के लिए लॉकडाउन ने बढ़ाई मुसीबत
लॉकडाउन में एक गरीब परिवार की मुसीबत उस समय बढ़ गयी जब शादी के लिए आयी बारात वहीं फंस गई। मेहमानों को भोजन कराने में नाकाम होने के बाद उसने पुलिस की सहायता ली। जिसके बाद पुलिस ने बारातियों को वापस भिजवाने का इंतजाम करवाया।
लॉकडाउन में एक गरीब परिवार की मुसीबत उस समय बढ़ गई, जब शादी के लिए आई बारात वहीं फंस गई। मेहमानों को भोजन कराने में नाकाम होने के बाद उसने पुलिस की सहायता ली। इसके बाद पुलिस ने बारातियों को वापस भिजवाने का इंतजाम करवाया।
लॉकडाउन के बीच डेढ़ माह तक शादी में आए मेहमानों की खातिरदारी करने के लिए धुनिया मास्टर को गांव वालों के साथ ही पुलिस की मदद लेनी पड़ी। तब कहीं जाकर वह मेहमानों का पेट भर पाया। लॉकडाउन के दौरान गरीबों के सामने महामारी ने विकट समस्या खड़ी कर दी है। ऐसे दौर में भारी-भरकम लोगों की रोज व्यवस्था करना मुसीबत बन गया था। एसडीएम मडिहान विमल कुमार दुबे के अभिभावक की भूमिका में आने के बाद मेहमानों को करीब डेढ़ माह बाद उनके घरों के लिए विदा किया गया। मेहमानों से भरी दो बसों को बहरछठ गाँव से हरी झंडी दिखाकर बिहार के लिए एसडीएम ने रवाना किया।


दरअसल, मड़िहान थाना क्षेत्र के पटेहरा बहरछठ गांव निवासी मुस्तफा उर्फ धुनिया मास्टर के परिवार में एक युवक और दो युवतियों की शादी थी। लड़के का निकाह 18 मार्च तो दोनों लड़कियों का 22 एवं 23 मार्च को था। शादी में शरीक होने के लिए बिहार से 95 की संख्या में मेहमान जुटे थे। इस बीच 24 तारीख की आधीरात से लॉकडाउन हो गया। आवागमन के साधन बंद होने से उनके सामने जाने की और बुलाने वाले के सामने दो वक्त के भोजन कराने की समस्या खड़ी हो गई।
गरीब परिवार के लिए लॉकडाउन मुसीबत बन गया। जानकारी लगने पर एसडीएम ने सभी का जांच कराया। उन्हें एक ही जगह प्रवास करने की बात कहकर समुचित व्यवस्था किया। बिहार से शादी में आकर फंसे मुस्तफा के 95 रिश्तेदार 45 दिनों बाद अपने घर पहुंचेंगे। 24 मार्च की रात्रि में लागू लॉकडाउन की वजह से बिहार नहीं लौट सके थे। सभी बहरछठ गांव निवासी मुस्तफा के दो नातिनों की शादी में शामिल होने 17 मार्च को आए थे।
मुस्तफा के पहली नातिन की 17 व दूसरे की 23 मार्च को शादी थी। रिश्तेदारों ने सोचा था कि एक दिन और रुककर 25 मार्च को घर निकलेंगे, लेकिन 24 मार्च की रात्रि में लॉकडाउन लागू होने से सभी रिश्तेदार फंस गए। इधर रिश्तेदारों को खाना खिलाना भी मुस्तफा को भारी पड़ने लगा और बजट की हालत खस्ता हो गई। गांववालों ने उसकी तकलीफ को एसडीएम मड़िहान तक पहुंचाई। जिस पर उन्होंने सभी बारातियों के भोजन का प्रबंध किया। एसडीएम मड़िहान विमल कुमार दुबे ने शुक्रवार को दो बसों से सभी को बिहार भेजवाया।
कोलकाता से दुल्हनिया लेने गया जिले का एक दूल्हा लॉकडाउन के चलते वहीं फंस गया। हालांकि, जैसे-तैसे सादगी के साथ चंद लोगों के बीच निकाह हुआ और मुस्लिम रीति रिवाज के साथ शादी सम्पन्न हो गई है। जिले के कोतवाली इलाके के शास्त्री नगर निवासी सहबान हाशमी 23 मार्च को देशभर में शुरू हुए लॉकडाउन से ठीक एक सप्ताह पूर्व कोलकाता गए थे। वहां की राशदा हाशमी से 31 मार्च को उसकी शादी तय थी।
सहबान अपनी मां और छोटे भाई के साथ कोलकाता गया था। शादी में शामिल होने के लिए अन्य रिश्तेदारो को भी जिले से कोलकाता जाना था, लेकिन लॉकडाउन के चलते ट्रेने बंद हो गई, इसलिए यहां से कोई शादी में शामिल नहीं हो सका। उधर 31 मार्च को तय तारीख पर लड़की के घर पर ही सहबान, उसका भाई मां और बहन व जीजा बारात लेकर पहुंचे। सादगी के साथ मुफ्ती साहब ने निकाह पढ़ा और शादी की रस्में अदा कर दी गई।
सहबान ने बताया कि एक ही बहन है वो भी भाग्य अच्छा था कि वो कोलकाता में ब्याही थी और शादी में शामिल हो गई। सहबान बताते हैं, बिजनेस और रिश्तेदारियों के चलते उनका कोलकाता बराबर का आना-जाना है। इसलिए दोस्त यार भी उनके वहां पर बहुत हैं, जिसे देखते हुए उसने वलीमे की रस्म वहां ही रख दिया, एक मैरेज लॉन बुक किया था और 150-200 दोस्तों को आमंत्रित किया था। लेकिन लॉकडाउन के चलते इसे स्थगित करना पड़ा। अब दोस्त ताने दे रहे हैं कि जब खिलाना नहीं था तो बुलाया क्यूं था?


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