शुक्रवार, 13 सितंबर 2019

मजाक: इमरान का 58 देशों को धन्यवाद

नई दिल्ली। कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से बौखलाए पाकिस्तान को हर दर पर निराशा ही हाथ लगी है। चीन को छोड़कर किसी भी देश ने उसको गंभीरता से नहीं लिया। खुद पाकिस्तान के गृहमंत्री ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि इस मुद्दे पर दुनिया भारत के साथ है, लेकिन इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने एक और झूठ के लिए हंसी का पात्र बन गए हैं। उन्होंने कश्मीर के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में कथित समर्थन के लिए 58 देशों को धन्यवाद दिया है, जबकि इसमें कुल 47 सदस्य देश ही हैं।


इमरान खान ने गुरुवार को ट्वीट किया, 'मैं उन 58 देशों की सराहना करता हूं जिन्होंने 10 सितंबर को मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान का साथ देकर विश्वसमुदाय की मांग को मजबूती दी कि भारत कश्मीर में बल प्रयोग रोके, प्रतिबंध हटाए, कश्मीरियों के अधिकारों की रक्षा हो और संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के मुताबिक कश्मीर मुद्दे का समाधान किया जाए।' इस ट्वीट के साथ ही इमरान खान का झूठ भी सामने आ गया। ट्वीटर यूजर्स ने जमकर उनका मजाक उड़ाया और इसमें पाकिस्तानी भी पीछे नहीं हैं। ट्वीट के जवाब में सैकड़ों लोगों ने उनसे पूछा कि जनाब इमरान खान, मानवाधिकार परिषद में कुल 47 ही सदस्य हैं तो 58 देशों ने कैसे आपका समर्थन कर दिया? पाकिस्तान की पत्रकार नायला इनायत ने इमरान की चुटकी लेते हुए ट्वीट किया , 'क्या संयुक्त राष्ट्र का मानवाधिकार आयोग 47 देशों से मिलकर नहीं बना है? हालांकि, पीएम 58 देशों को धन्यवाद देना चाहते हैं। मुझे लगता है वे जिन्न भी गिन रहे हैं।'


शिव नाम के एक यूजर ने लिखा, 'क्या इन 58 देशों में बलूचिस्तान, सिंधुदेश और पस्तुनिस्तान भी शामिल है? मौजूदा UNHRC में 47 सदस्य देश हैं।'


विदेश मंत्रालय ने भी ली चुटकी


भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार से जब पत्रकारों ने सवाल किया कि पाकिस्तान ने 60 देशों के सर्थन का दावा किया है तो उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान ही बता सकता है। जब कुल 47 ही देश मानवाधिकार परिषद में हैं तो उन्हें 60 देशों ने कैसे समर्थन दे दिया। रवीश कुमार ने कहा, 'अगर उन्हें कोई समर्थन मिला होता तो आपको पता चल चुका होता। क्योंकि वो यूएनएचआरसी की कोई गुप्त बैठक नहीं थी। जहां तक मैंने जॉइंट स्टेटमेंट के बारे में सुना है, जिसकी सूची वो जारी करने वाले हैं ये दावा करते हुए कि उन देशों ने पाकिस्तान का समर्थन किया। मुझे लगता है कि आपको इसके बारे में उन्हीं से पूछना होगा। हमारे पास ऐसी कोई सूची नहीं है। आपको यह समझना होगा कि UNHRC में भारत और पाकिस्तान सहित कुल 47 सदस्य देश हैं। वो 60 का दावा कर रहे हैं और ऐसा लगता है कि उन्होंने तय संख्या को भी पार कर लिया है। इस वक्त उनकी हालत ऐसी है जिसमें वो पूरी तरह हताश हो चुके हैं और इसी वजह से इस तरह के झूठे दावे कर रहे हैं।'


सरकारी खजाने से 86 लाख का टैक्स भरा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एक चार दशक पुराने कानून की वजह से मुख्यमंत्री और सभी मंत्रियों का इनकम टैक्स सरकारी खजाने से भरा जाता है, क्योंकि इसमें उन्हें गरीब बताते हुए कहा गया है कि वे अपनी कम आमदनी से इनकम टैक्स नहीं भर सकते हैं। हालांकि, चुनाव के दौरान जमा किए जाने वाले शपथपत्रों को देखें तो इनमें से कई मंत्रियों के पास करोड़ों की चल-अचल संपत्ति होती है और महंगी गाड़ियों में चलते हैं। अमीर नेताओं का भी टैक्स चुकाने वाला यह राज्य सबसे गरीब प्रदेशों की सूची में है।


19 सीएम बदले लेकिन कानून कायम रहा


उत्तर प्रदेश मिनिस्टर्स सैलरीज, अलाउंसेज ऐंड मिसलेनीअस ऐक्ट, 1981 में बनाया गया था, जब वीपी सिंह मुख्यमंत्री थे। उनके बाद से राज्य में 19 मुख्यमंत्री बदले, लेकिन यह कानून अपनी जगह कायम रहा। वीपी सिंह के बाद समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी की मायावती, कांग्रेस से नारायण दत्त तिवारी, वीर बहादुर सिंह और बीजेपी से कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह, राम प्रकाश गुप्त और अब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने। यही नहीं अलग-अलग दलों के करीब 1000 नेता भी इस कानून के अस्तित्व में आने के बाद मंत्री बन चुके हैं।


'टैक्स का भार राज्य सरकार उठाएगी'


विधानसभा से बिल पास किए जाने के दौरान तत्कालीन सीएम और पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने कहा था कि राज्य सरकार इनकम टैक्स का बोझ उठाए, क्योंकि अधिकतर मंत्री गरीब हैं और उनकी आमदनी बहुत कम है। ऐक्ट के एक सेक्शन में कहा गया है, 'सभी मंत्री और राज्य मंत्रियों को पूरे कार्यकाल के दौरान प्रति माह एक हजार रुपये सैलरी मिलेगी। सभी डेप्युटी मिनिस्टर्स को प्रतिमाह 650 रुपये मिलेंगे।' इसमें कहा गया है 'उपखंड 1 और 2 में उल्लेखित वेतन टैक्स देनदारी से अलग है और टैक्स का भार राज्य सरकार उठाएगी।'


इस वित्तीय वर्ष में भरा गया 86 लाख का टैक्स


पिछले दो वित्त वर्ष से योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्री भी सरकारी खजाने से ही टैक्स भर रहे हैं। इस वित्त वर्ष में योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रियों का कुल टैक्स 86 लाख रुपये था जो सरकार की ओर से दिया गया है। उत्तर प्रदेश के प्रिंसिपल सेक्रेटरी (फाइनैंस) संजीव मित्तल ने इस बात की पुष्टि की कि 1981 के कानून के तहत मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों का टैक्स राज्य सरकार की ओर से भरा गया है।


मित्रों का सहयोग मिलेगा: मीन

राशिफल


1-मेष-दिन अच्छा रहेगा। मन प्रसन्न होगा। कारोबार से लाभ होगा। दैनिक रोजगार नियमित रहेगा। मित्र से मिलाप होगा। सुखद समाचार मिलेंगे। धार्मिक कार्य सम्पन्न होगा। माता-पिता का सहयोग मिलेगा। राजकाज में संघर्ष होगा।योगा सेहत के लिए अच्छी है।सुबह की सैर अवश्य करें ।अहंकार व क्रोध से निजात पाने की कोशिश करें । 


2-वृष-दूर-समीप की यात्रा बनेगी। परिवार पर व्यय होगा। मान-प्रतिष्ठा बढ़ेगी। दायित्व का निर्वाह होगा। राजकाज में सफलता मिलेगी। पराक्रम में वृद्धि होगी। परिवार में सहयोग मिलेगा। संतान द्वारा सहयोग मिलेगा। प्रतियोगिता में विजय होगी। शत्रु परास्त होंगे।माता पिता की सेवा करना आपका कर्तव्य है।मन की शान्ति के लिए भगवान की प्रार्थना आवश्यक है।


3-मिथुन-परिवार में सामंजस्य बनेगा। संतान सुख मिलेगा। शत्रु परास्त होंगे। शिक्षा में प्रगति और निर्माण कार्य में बाधा आयेगी। अधिकारी से विवाद हो सकता है। धन में कठिनाई आयेगी। पारिवारिक समस्याएं आयेंगी। निर्माण में प्रगति होगी। भौतिक सुखों पर धन खर्च होगा।अहंकार से छुटकारा पाने की कोशिश करें।


4-कर्क-साझेदारी से लाभ होगा। शत्रु पर विजय प्राप्त होगी। राजकाज में सफलता मिलेगी। कार्य में उत्साह बनेगा। मित्रों का साथ मिलेगा। शारीरिक स्वास्थ्य में कमी आयेगी। मानसिक तनाव अधिक होगा। व्यय अधिक होगा। दूर-समीप की यात्रा होगी।आज आपकी बेटी के लिए अच्छा रिश्ता आएगा।वर सरकारी नौकरी में लगा हुआ है।


5-सिंह-कुटुम्बजनों में प्रसन्नता रहेगी। धन का लाभ होगा। समस्या का समाधान होगा। मानसिक शांति मिलेगी। कार्य में विजय प्राप्त होगी। पारिवारिक समस्याएं आयेंगी। पराक्रम में वृद्धि होगी। संतान का सहयोग मिलेगा। शत्रु परास्त होंगे।अहंकार व झूठ से निजात पाने की कोशिश करें।सुबह-सुबह की सैर अच्छे सेहत के लिए अवश्य करें ।


6-कन्या-धन का लाभ होगा। नौकरी में उन्नति होगी। समस्या का समाधान होगा। व्यापार में विस्तार होगा। दाम्पत्य सुख की प्राप्ति होगी। दैनिक दिनचर्या अच्छी रहेगी। कार्यों में प्रगति होगी। धन का लाभ मिलेगा। राजकाज में सफलता मिलेगी।आज कोई पुराना दोस्त आपके कारोबार में तरक्की के लिए आपकी मदद करेगा।माता पिता की सेवा करना आपका कर्तव्य है।


7-तुला-धन का लाभ होगा। कारोबार में विस्तार और लाभ होगा। संतान का सहयोग मिलेगा। धर्म कार्य सम्पन्न होंगे। पराक्रम में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। खर्च अधिक होगा। दूर-समीप की यात्रा होगी। पराक्रम में वृद्धि होगी। घरेलू समस्या आयेगी।मन की शांति के लिए प्रार्थना आवश्यक है।सच्चाई व धर्म का मार्ग अपनाये।


8-वृश्चिक-कारोबार में सहयोग मिलेगा। कठिनाईयां दूर होगी। योजना का विस्तार होगा। शिक्षा पर धन खर्च होगा। धन का लाभ होगा। समस्या का समाधान होगा। परिवार की समस्या रहेगी। प्रतिष्ठा का लाभ होगा।सुबह-सुबह की सैर सेहत के लिए अच्छी हैं अवश्य करें।अहंकार व क्रोध से छुटकारा पाने के लिए कोशिश करें।


9-धनु-व्यापार में लाभ होगा। शिक्षा में लाभ मिलेगा। उदर-विकार होगा। कठिन परिश्रम करना पडेगा। धन का लाभ मिलेगा। धन का लाभ मिलेगा। पारिवारिक समस्याएं रहेंगी। राजकाज में संघर्ष होगा। मान-सम्मान का ध्यान रखें।अहंकार से निजात पाने की कोशिश करें ।


10-मकर-पत्नी के स्वास्थ्य में कष्ट रहेगा। दैनिक कार्य में बाधाएं आयेंगी। मानसिक अशांति रहेगी। राजकाज में विलम्ब होगा। निर्माण में प्रगति होगी। गुप्त शत्रु से हानि हो सकती है। मानसिक परेशानी रहेगी। उदर-विकार होगा। दैनिक रोजगार सामान्य रहेंगे।आज आपके कारोबार में तरक्की के लिए भगवान की प्रार्थना व मेहनत आवश्यक है।


11-कुम्भ-व्यय अधिक होगा। कारोबार से आर्थिक लाभ पहले से बढेगा। राजकाज में वृद्धि होगी। शिक्षा में लाभ मिलेगा। धन का लाभ होगा। अपव्यय रहेगा। यात्रा में कष्ट रहेगा। शत्रु पर विजय प्राप्त होगी।ईमानदारी से मेहनत करेगें तो तरक्की के अवसर अवश्य मिलेगे।


12-मीन-धन का लाभ मिलेगा। व्यापार में विस्तार होगा। मित्रों का सहयोग मिलेगा। संतान सुख मिलेगा। नई योजनाएं बनेंगी। कार्य में उत्साह रहेगा। राजनीतिक लाभ मिलेगा।अहंकार,झूठ व क्रोध से छुटकारा पाने की कोशिश करें ।जीवन में तरक्की के नए रास्ते आवश्य मिलेंगे।माता पिता की सेवा करना आपका कर्तव्य है।


शराब, समाज और आनंद

मदिरा, सुरा या शराब अल्कोहलीय पेय पदार्थ है।


रम, विस्की, चूलईया, महुआ, ब्रांडी, जीन, बीयर, हंड़िया, आदि सभी एक है क्योंकि सबमें अल्कोहल होता है। हाँ, इनमें एलकोहल की मात्रा और नशा लाने कि अपेक्षित क्षमता अलग-अलग जरूर होती है परन्तु सभी को हम 'शराब' ही कहते है। कभी-कभी लोग हड़िया या बीयर को शराब से अलग समझते हैं जो कि बिलकुल गलत है। दोनों में एल्कोहल तो होता ही है।


शराब अक्सर हमारे समाज में आनन्द के लिए पी जाती है। ज्यादातर शुरूआत दोस्तों के प्रभाव या दबाव के कारण होता है और बाद में भी कई अन्य कारणों से लोग इसका सेवन जारी रखते है। जैसे- बोरियत मिटाने के लिए, खुशी मनाने के लिए, अवसाद में, चिन्ता में, तीव्र क्रोध या आवेग आने पर, आत्माविश्वास लाने के लिए या मूड बनाने के लिए आदि। इसके अतिरिक्त शराब के सेवन को कई समाज में धार्मिक व अन्य सामाजिक अनुष्ठानों से भी जोड़ा जाता है। परन्तु कोई भी समाज या धर्म इसके दुरूपयोग की स्वीकृति नहीं देता है।शराब के लगातार सेवन से कुछ विशेष लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जिसके आधार पर भी इसके आदी होने को पहचाना जा सकता है।


हमेशा शराब सेवन करने की प्रबल इच्छा या तलब।
असरदार (टॉलरेंस) नशा के लिए शराब की मात्रा में बढोतरी।
शराब छोड़ने पर शरीर में कम्पन होना, रक्तचाप अनियमित हो जाना, घबराहट, बेचैनी होना, कानों में आवाज सुनाई पड़ना, आँखो के सामने कीड़े-मकोडे़ चलते नजर आना, भयभीत होना, नींद न आना आदि। दुबारा सेवन करते ही इन लक्षणें में सुधार होना पाया जाता है।
लम्बे समय तक अधिक मात्रा में सेवन करना।
रूचिकर कार्यो से विमुख होने और अधिकतर समय शराब की तलाश में बिताना या नशे के प्रभाव में रहना।
शारीरिक व मानसिक दुष्प्रभावों के बावजूद सेवन बंद नही रखना या कोशिश करने के बावजूद सेवन बंद नही कर पाना।
शराब छोडने के उपाय 
सबसे पहले शराब पीने वाले खुद यह तय करे कि अब मैं शराब नही पीउँगा तो चिकित्सक इनकी मदद कर सकते है। देखा जाता है कि परिवार वाले तो उनके इलाज के लिए तैयार रहते है किन्तु व्यक्ति स्वयं इलाज नहीं कराना चाहता। ऐसी हालत में चिकित्सक का प्रयास सार्थक हो ही नहीं सकता।


मनश्चिकित्सा केन्द्रों में नशा विमुक्ति केन्द्र होते है जहाँ डी-टोक्सीफिकेशन द्वारा शराब छुड़ाने तथा उसके उपरांत मोटिवेशन थैरपी, फिजियोथैरपी तथा ग्रुप थैरपी द्वारा इससे निजात पाने की कोशिश की जाती है। स्वयं व्यक्ति के प्रबल इच्छाशक्ति तथा परिवार के सहयोग तथा चिकित्सकों के सतत् प्रयास से सफलता पूर्वक इसका इलाज संभव है


एक चौथाई भुखमरी वाला 'भारत'

खाद्य सुरक्षा का मतलब उन लोगों को उचित खाद्य आपूर्ति करना है जो मूल पोषण से वंचित हैं। भारत में खाद्य सुरक्षा एक प्रमुख चिंता रही है संयुक्त राष्ट्र-भारत के मुताबिक भारत में लगभग 19.5 करोड़ कुपोषित लोग हैं, जो कि वैश्विक भुखमरी का एक चौथाई हिस्सा है। भारत में लगभग 43% बच्चे लंबे समय तक कुपोषित हैं।


कानून 
देश के प्रत्येक नागरिक को भोजन का अधिकार प्रदान करने के लिए, भारत की संसद ने 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2012 नामक एक कानून पारित किया। इसे खाद्य अधिकार कानून भी कहा जाता है, इस अधिनियम के तहत भारत की 1.2 अरब कि आबादी के लगभग दो तिहाई लोगों को कम दाम पर अनाज प्रदान करने का प्रावधान है। यह कानून 12 सितंबर 2013 को पारित हुआ।


केंद्रीय योजनाएँ 
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम,2013 (एनएफएसए 2013) भारत सरकार के मौजूदा खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए कानूनी पात्रता में परिवर्तित हो जाता है। इसमें मध्यान्ह भोजन योजना, एकीकृत बाल विकास सेवा योजना और सार्वजनिक वितरण प्रणाली शामिल है। 2017-18 में, लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) के तहत खाद्य सब्सिडी प्रदान करने के लिए 1500 अरब (सरकार के कुल व्यय का 7.6%) आवंटित किया गया है।
एनएफएसए 2013 में मातृत्व अधिकार का भी प्रावधान है। गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और बच्चों की कुछ श्रेणियां दैनिक मुक्त अनाज के लिए पात्र हैं।
राज्य योजनाएँ 
तमिलनाडु सरकार ने अम्मा उनावगम (माता का भोजनालय) शुरू किया है, जिसे सामान्यतः अम्मा कैंटीन कहा जाता है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2012 पारित किया। राज्य विधानसभा द्वारा यह अधिनियम 21 दिसंबर, 2012 को निर्विरोध पारित किया गया ताकि यह सुनिश्चित हो सके "राज्य के लोगों को गरिमापूर्ण जीवन जीने के लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन और पर्याप्त पोषण की अन्य आवश्यकताऐ हर समय, कम कीमत पर, उपलब्ध हों।


यमाचार्य नचिकेता वार्ता (राष्ट्रवाद)

राष्ट्र निर्माण पर विचार
 देखो मुनिवरो, आज हम तुम्हारे समक्ष पूर्व की भांति कुछ मनोहर वेद मंत्रों का गुणगान गाते चले जा रहे हैं। यह भी तुम्हें प्रतीत हो गया होगा। आज हमने पूर्व से जिन वेद मंत्रों का पठन-पाठन किया हमारे यहां परंपरागत ही उस मनोहर वेदवाणी का प्रसार होता रहता है। जिस पवित्र वेद वाणी में उस मेरे देव परमपिता परमात्मा की महिमा का गुणगान गाया जाता है। वह परमपिता परमात्मा महिमा वादी है। जितना भी यह जड़त्व-चैतन्य जगत हमें दृष्टिपात आ रहा है। उस ब्रह्मांड के मूल में वह मेरा देव दृष्टिपात आ रहा है और ऋषि-मुनियों ने इसके ऊपर बहुत मनन और चिंतन किया है। वह परमपिता परमात्मा जो सर्वत्र है कोई स्थली ऐसी नहीं है। समुंद्र की कोई तरंग ऐसी नहीं है।  पर्वतों में ऐसी कोई गुफा नहीं है जहां वह परमपिता परमात्मा एक-एक कण में दृष्टिपात न आ रहा है। एक-एक अणु और परमाणु में वह गतिशील होने वाला परमाणु है। वह जो उसके मिलान में ब्रह्मांड की प्रतिभा में निहित रहने वाला है। मुझे बहुत से वाक्य स्मरण आते रहते हैं। वेद के जब विचार-विनिमय में विचार बिंदु में प्रवेश होते हैं। तब प्रभु का यशोगान हमारे समीप आता रहता है। क्योंकि जब तक मानव परमपिता परमात्मा को एक-एक कण में अथवा ब्रह्मांड के मूल में दृष्टिपात नहीं करेगा। तब तक वह मानव साधक नहीं बन सकता। क्योंकि साधक और योगेश्वर उस काल में बनता है। जहां वे अपने पन को समाप्त कर देता है जैसे अनु और परमाणु की विवेचना हमारे वैदिक साहित्य में आती रही है। अणु का विभाजन करने से प्रमुख परमाणु का विभाजन करने से ब्रह्मांड की चित्रावलीया उसके समीप आ जाती है। परंतु आज मैं इस संबंध में कोई विशेष विवेचना नहीं देने आया हूं। आज का हमारा वेद का मंत्र कुछ कह रहा है प्रेरणा दे रहा है प्रेरित हो रहा है। आज हमारा यज्ञं ब्रहम व्रत व्रहा। मेरे प्यारे महानंद जी मुझे नाना प्रकार की प्रेरणा देते रहते हैं। परंतु यज्ञं भविता: लोका:, मेरे प्यारे यह जो यज्ञ कर्म है यह परंपरागतो का एक मानवीय क्रियाकलाप है। सृष्टि के आरंभ में आदि ऋषियों ने वेद के मंत्रों को लेकर के उसके ऊपर अनुसंधान किया और वैज्ञानिकों को लेकर के मानव में उसके ऊपर नाना प्रकार की चित्रावलीयो का निर्माण भी किया। इसलिए जो भी क्रियाकलाप सृष्टि के आरंभ से हमारे मस्तिष्क में और क्रियाकलापों में परिणत हो रहा है। क्रियाकलाप उन्हें मानव के जीवन की वृदिया लाने के लिए हमारे ऋषि-मुनियों ने नाना प्रकार के यज्ञो का वर्णन किया है। क्योंकि उसमें ज्ञान है विज्ञान है एक सार्थकता निहित रहती है। मैं ऋषि भारद्वाज गोत्र में तो अपनी विज्ञान की धारा को जाना है। उद्दालक गोत्रीय ऋषि मुनियों ने नाना अध्ययन  किए है,अध्‍यन के नाते ही आज कुछ वेद मंत्र स्मरण आ रहे हैं। वेद मंत्र कहते हैं चित्रम वृथम्‌ यज्‍यो व्रती देवा: यह जो नाना प्रकार के चित्र हमारे पास आते रहते हैं। वायुमंडल में मिश्रित होते हैं। वायुमंडल में गति करते रहते हैं तो वह जो विज्ञान में जो मानव की भावनाएं और तरंगे वायुमंडल में प्रवेश कर जाती है। मैंने इस संबंध में पुरातन काल में भी निर्णय लिया था। एक समय  राजा के मन में यह वाक्य आया कि यह जो मेरा जेष्ठ पुत्र हैं वह योग्य बन गया है और मैं साधना करने के लिए गमन करूं ।तो उन्होंने अपने पुत्र को राष्ट्र  देकर के मनुवंश की चर्चा की है। वह अपने राष्ट्र को त्याग करके भयंकर वन मे चले गये।राजा अपने अनुसंधान करने लगे। साधना के लिए तो मैंने राष्ट्र त्‍याग दिया है। अब मुझे साधना करनी है तो वह मुन्‍जुक ॠषि के द्वार पर पहुंचे और मुन्‍जुक ॠषि से कहा कि प्रभु मेरा अंत करण कैसे पवित्र होगा। तो मुन्‍जुक ॠषि ने कहा कि तुम अपने वायुमंडल को पवित्र बनाओ। उसके पश्चात तुम साधना करो उन्होंने कहा प्रभु वायुमंडल कैसे पवित्र होगा। तो साधना के लिए वायुमंडल का पवित्र होना बहुत अनिवार्य है। तू श्वेतकेतु मंगल व्रहे, श्वेतकेतु भयंकर वनों में मुन्‍जुक ॠषि के क्रियाकलाप के संबंध में प्रश्न करने लगे। उन्होंने कहा तुम यज्ञ करो।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


september 14, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1.अंक-42 (साल-01)
2. शुक्रवार,14सितबंर 2019
3.शक-1941,भादप्रद शुक्‍लपक्ष पूर्णिमा आज,विक्रमी संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 5:59,सूर्यास्त 6:41
5.न्‍यूनतम तापमान -27 डी.सै.,अधिकतम-36+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी, उमस बनी रहेगी बरसात की संभावना रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.201102


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