गुरुवार, 24 सितंबर 2020

कोविड सेंटर में जाने वाले की बिगड़ी हालत

कोविड सेंटर को जाने वाला मार्ग जर्जर हालत में, एक्सीडेंट जोन बना।


मोटाहल्दू। एक और क्षेत्रीय विधायक द्वारा लालकुंआ विधानसभा क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। वही इसे विभागीय लापरवाही कहें या अनदेखी, यहां मोटाहल्दू के पास सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त होकर एक्सीडेंट जोन बन चुकी है।
मोटाहल्दू मुख्य मार्ग से रामपुर रोड को जोड़ने वाले बाईपास लिंक मार्ग के हालत खस्ताहाल हो चुकी है, बावजूद इसके कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति इस और देखने की जहमत नहीं उठा रहा है, क्षतिग्रस्त रोड़ में गिर कर आए दिन दर्जनों लोग चोटिल भी हो रहे हैं। देर रात क्षतिग्रस्त सड़क होने के कारण एक एंबुलेंस भी पलटते-पलटते बच गई, गनीमत रही कि उस वक्त सड़क पर कोई अन्य वाहन नहीं चल रहा था अन्यथा एक बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।
विदित हो कि मोटाहल्दू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व कोविड-19 केयर सेंटर को जाने वाले एकमात्र सड़क मार्ग की हालत इतनी खराब है इसमें किसी भी वक्त बड़ी दुर्घटना हो सकती है। प्रतिदिन दर्जनों एंबुलेंसओं का कोविड-19 केयर सेंटर व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बने प्रशव केंद्र में आना जाना लगा रहता है। लेकिन जिम्मेदार विभागीय अधिकारी इन गड्ढों को भरने की कोशिश भी नहीं कर रहे हैं।
विगत दिनों इस मार्ग में जगह-जगह पैच वर्क का कार्य किया गया था। लेकिन घटिया सामग्री का इस्तेमाल होने की वजह से सड़क में किया गया पैच वर्क एक महीना भी टिक नहीं पाया। अब देखना यह होगा कि क्या संबंधित विभाग इन गड्ढों को भरता है, या फिर किसी घटना के इंतजार में बैठा रहता है।                 


ब्राजील-बोलीविया वर्ल्ड कप नहीं देख पाएंगे

ब्राजील-बोलीविया फीफा वर्ल्ड कप क्वालीफायर देखने नहीं जा सकेंगे दर्शक।


साओ पाउलो। अगले महीने यहां के कोरिंथियंस एरेना में होने वाला 2022 फीफा वर्ल्ड कप क्वालीफायर दौर में ब्राजील का पहला मुकाबला होना है लेकिन इस मुकाबले को देखने के लिए दर्शकों को स्टेडियम में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक साओ पाउलो स्टेट गवर्मेट ने यह आदेश जारी किया है। 
ब्राजीली फुटबाल महासंघ ने ब्राजीली स्वास्थ्य मंत्रालय के सामने प्रस्ताव रखा था कि वह 30 फीसदी क्षमता के साथ स्टेडियम में मुकाबला कराने की अनुमति चाहत है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने उसके इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था और इसी के बाद फुटबाल महासंघ ने यह आदेश पारित किया है।
ब्राजील और बोलीविया का मुकाबला दक्षिण अमेरिका के सबसे बड़े मेट्रोपॉटिन शहर साओ पाउलो में 9 अक्टूबर को खेला जाना है और इसके चार दिन बार उसे लीमा में पेरू के खिलाफ एक और क्वालीफायर खेलना है।
दक्षिण अमेरिकी वर्ल्ड कप क्वालीफाइंग टूर्नामेंट की शुरुआत 23 मार्च से होनी था लेकिन पब्लिक हेथ क्राइसिस के कारण इस दो बार टालना पड़ा था। ब्राजील में कोरोना के कारण अमेरिका के बाद सबसे अधिक मौतें हुई हैं।                 


यूपीः तीसरे चरण के ट्रायल को दी मंजूरी

कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल को योगी ने दी मंजूरी, लखनऊ और गोरखपुर में होगा परीक्षण।


लखनऊ। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार कदम उठा रही है। इसी क्रम में कोवैक्सीन का मानव परीक्षण लखनऊ और गोरखपुर में किये जाने की इजाजत मुख्यमंत्री योगी ने दे दी है। भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल उत्तर प्रदेश के इन दो शहरों में करने को लेकर मंजूरी दी गई है।
इसके लिए संजय गांधी पीजीआई के निदेशक डॉ. आर.के. धीमन को लखनऊ का नोडल अधिकारी और बीआरडी मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ. गणेश कुमार को गोरखपुर का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह लोग भारत बॉयोटेक के वैज्ञानिक नोडल अधिकारियों के सहयोग से वैक्सीन का क्लीनकल ट्रायल करेंगे।
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने इसका आदेश जारी कर दिया है। कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए वैक्सीन बनायी जा रही है। कोवैक्सीन की क्षमता व सुरक्षा का पता लगाने के लिए यह ट्रायल होगा। मानव पर होने वाला यह तीसरे चरण का प्रयोग संवेदनशील होता है। कंपनी इस महीने के अंत या फिर अक्टूबर के पहले सप्ताह में तीसरे चरण का ट्रायल शुरू कर सकती है।
भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) व राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआइवी) के साथ मिलकर यह पहला स्वदेशी टीका कोवैक्सीन तैयार कर रहा है। फिलहाल दो चरण के ट्रायल किए जा चुके हैं। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि तीसरे चरण का ट्रायल यूपी में लखनऊ व गोरखपुर में करने को मंजूरी दी गई है। इसमें इन दो संस्थानों के साथ-साथ और लोगों पर भी इसका परीक्षा किया जाएगा।
विशेषज्ञों के अनुसार वैक्सीन के तीसरे चरण में देखा जाता है कि लोगों की बीमारी के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित हुई है या नहीं। इसका कोई दुष्परिणाम तो नहीं हो रहा है। टीका कोवैक्सीन के ट्रायल के तहत कोरोना के फ्रंट लाइन वर्कर व अन्य अलग-अलग उम्र के लोगों को टीका लगाया जाता है। टीका लगाने से पहले एंटीबाडी चेक की जाती है, अगर एंटीबाडी शून्य है तो टीका लगाया जाता है। फिर दोबारा खून के नमूने की जांच होती है, अगर एंटीबाडी बन रही है तो टीका काम कर रहा है।             


24 घंटे में वायरस के 576 मरीज स्वस्थ हुए

रायपुर। कोरोना संक्रमण कोविड 19 की स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी जानकारी के अनुसार बुलेटिन में नोडल अधिकारी डॉ. सुभाष पांडेय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 576 मरीज स्वस्थ हुए। वहीं 2434 नए संंक्रमित मरीजों की संख्या में वृद्धि की जानकारी मिली है। डॉ. पांडेय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अब तक प्रदेश में 40 हजार 469 कोरोना संक्रमित मरीज स्वस्थ होकर अपने घरों की ओर रवाना हो चुके हैं। वहीं 4196 मरीज होम आइसोलेशन में है अब तक 16 हजार 304 मरीज होम आइसोलेशन में क्वारंटाइन किये गए थे जिनमें बीते दिन के अनुसार 4 हजार 772 मरीजों की रिकव्हरी हुई है। प्रदेश में अब तक 56773 मरीज रिकवरर्ड होकर अपने घरों में है वहीं कुल एक्टिव मरीज अब तक प्रदेश में 35850 पाये गये हैं। 24 घंटे में 90 हजार 20 व्यक्ति कोरोना वायरस संक्रमित होने की जानकारी दी गई है। जिलेवार कोरोना पाजीटिव मरीजों की संख्या इस प्रकार है। रायपुर 748, दुर्ग 292, बस्तर 187, राजनांदगांव 162, दंतेवाड़ा 118, धमतरी 112, बालोद 83, सुकमा 70, सरगुजा 60, बलरामपुर 73, बिलासपुर 52, रायगढ़-बीजापुर 51-51, बेमेतरा 49, सूरजपुर 48, महासमुंद 47, कबीरधाम 44, गरियाबंद 42, जांजगीर चांपा 35, कांकेर 28, मुंगेली 26, नारायणपुर 22, जशपुर 17, कोंडागांव 16, कोरबा 13, बलौदाबाजार व गौरेला पेड्रा मरवाही से दो-दो एवं सबसे कम एक मरीज कोरिया से कोरोना पाजीटिव पाया गया । तीन अन्य राज्यों से आए लोगों के कोरोना पाजीटिव होने की जानकारी बुलेटिन में दी गई है साथ ही कोरोना संक्रमित 6 मरीजों की मृत्यु हुई है। इनमें रायपुर से दो व दुर्ग से एक कोरोना संक्रमित मरीज की उपचार के दौरान मृत्यु हुई है।             


3 जिलों में लगा संपूर्ण लॉकडाउन, कार्रवाई

दुर्ग/रायगढ़। जिले में लगातार बढते कोरोना के संक्रमण को देखते हुए आज से 30 सितंबर तक सख्त लाकडाउन रहेगा। कलेक्टर भीम सिंह के निर्देश पर आज से इसका परिपालन शुरु हो गया है। वहीं महासमुंद में भी आज रात 12 बजे से लाकडाउन लागू हो गया है, दुर्ग जिले में भी आज से लाकडाउन जारी हो गया है, बाहर निकलने वालों पर पुलिस द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
लाकडाउन के दौरान इस बार जिले में फल, सब्जी व राशन दुकानें भी पूरी तरह बंद रहेंगी। इतना ही नहीं पेट्रोल पंप भी दोपहर 12 बजे के बाद पूरी तरह बंद रहेंगे। हालांकि दूध विक्रेताओं को सुबह 8 बजे तक और शाम 5 से 6.30 बजे तक विक्रय की अनुमति दी गई है।


खास बात ये है कि इस लाकडाउन के दौरान जिले के सारे नगरीय निकाय क्षेत्रों में धारा 144 लागू करते हुए पूरी तरह सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए हैं। लाकडाउन के दौरान अनावश्यक घर से बाहर निकलने पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है।
दरअसल जिले में कोरोना के मरीजों की संख्या जहां पांच हजार चुकी है तो वहीं मौतों का आंकड़ा भी 45 तक जा पहुंचा है जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने ये आदेश जारी किया है। लाकडाउन का पालन सुनिश्चित करने के लिए पुलिस होम गार्ड के 5 सौ से अधकि जवानों की शहर में तैनाती कीगई है वहीं राजपत्रित अधिकारी भी मानीटरिंग के लिए नियुक्त किए गए हैं।                 


सेल्फी लेने से पहले जान लें 'साइड इफेक्ट'

अगर हम कही घूमने जाते है, तो दोस्तों के साथ अपनी सेल्फी क्लिक कर सोशल मीडिया पर पोस्ट करना नहीं भूलते। जरूर आपकी जिंदगी का भी अहम हिस्सा बन चुका होगा। सोशल मीडिया पर भी आप ऐसी कई तरह की सेल्फी देखते होंगे, जिन्हें सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। ऐसे में सेल्फी की लत भी आपके लिए बड़ी समस्या बन सकती है। यदि आप भी बहुत अधिक सेल्फी खींचने का शौक रखते हैं, तो अब जरूरत है आपको अलर्ट होने की।
जानकारी के अनुसार भारत में एक अध्य्यन से पता चला है कि आपको सैल्फी की दीवानगी आपको काफी नुकशान पंहुचा सकती है। हाल ही में ब्रिटेन की नाटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी और तमिलनाडु के थिगाराज स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (टीएसएम) ने रिसर्च कर बताया कि, हमारे देश में सबसे ज्यादा मोते सेल्फी के कारण ही हुयी है।


शोधकर्ताओं का मानना है की हमें पता भी नहीं चलता और सेल्फी धीरे-धीरे एक विकार बन जाती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक बताया गया कि, फेसबुक के सबसे ज्यादा यूजर्स हमारे देश में ही हैं।
रिसर्च से यह बात सामन आई है कि, सेल्फी का स्किन पर इतना ज़्यादा प्रभाव पड़ता है कि जिस साइड से आप अक्सर सेल्फी लेते हैं, उस साइड की स्किन ड्राई हो जाती है। ऐसे में जब आप उस जगह पर कोई भी क्रीम लगाते हैं तो वह बेअसर रहती है। मोबाइल फोन से पडऩे वाली लाइट और रेडिएशन स्किन को धूप की किरणों से 3 गुना ज्यादा नुकसान पहुंचाती है। ऐसे में सेल्फी की आदत आपकी स्किन को बूढ़ा बना सकती है।
दरअसल मोबाइल फोन की तरंगें सीधे डीएनए को नुकसान पहुंचाती है, जिसकी वजह से स्किन की नेचुरल रिपेयर क्षमता दिन-प्रतिदिन कम होती जाती है और आप समय से पहले ही बूढ़े दिखने लगते हैं।


सेल्फी नया ट्रेंड हैं और इससे होने वाले नुकसान के पीढि़तों की कहानी आपको सुनाई नहीं दी परंतु अब इसके नुकसानों पर चर्चा शुरू हो चुकी हैं और आपकी त्वचा इसका पहला शिकार हो सकती है। अगर आप उन लोगों में से हैं जिन्हें सेल्फी का शौक नहीं तो आप भी जान लें स्मार्टफोन अपने आप में आपकी त्वचा के रंग के लिए बुरी खबर है।
इसके अलावा टेक नेक जैसे शब्दों ने आपके शरीर को स्मार्टफोन से होने वाले नुकसानों के लिए शब्दावली देना शुरू कर दिया है। टेक नेक लगातार स्क्रीन की तरफ देखने से होने नुकसान को दिखाता है। आपके स्मार्टफोन का लगातार आपके गालों को दबाने से आपकी त्वचा पर बैक्टेरिया आ जाते हैं तो टॉयलेट सीट से भी अधिक नुकसानदायक हो सकते हैं।
सेल्फी लेने से न केवल त्वचा सम्बंधित बीमारियां होने का खतरा होता है बल्कि अन्य घातक बीमारियां आपको घेर सकती हैं। सेल्फी लेने के लिए जब आप हाथ ऊपर उठाते हैं, तो कोहनी मुड़ी हुई रहती है। लोग इसी स्थिति में लगातार 20-30 क्लिक कर जाते हैं। ऐसे में मांसपेशियों पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे उनमें सूक्ष्म विघटन होता है। इससे कोहनी में सूजन और दर्द की समस्या शुरू हो जाती है।               


घर में ही तैयार करें 'नैचरल ऑइल ब्लैंड'

गर्मी और पसीने के कारण खुजली की समस्या होना, रैशेज होना आम बात है। इसके साथ ही यदि नींद में कभी तेज खुजली करते समय नाखून लग जाए तो समस्या और अधिक बढ़ जाती है। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए हम आज आपको यहां नैचरल ऑइल ब्लेंड घर पर ही तैयार करने का तरीका बता रहे हैं। ताकि आपकी स्किन कैमिकल मुक्त रहे और आप स्किन इंफेक्शन जैसी समस्याओं से भी बचे रहें…
घर में ब्लैंड तैयार करने के लिए चाहिए
घर में नैचरल ऑइल ब्लैंड तैयार करने के लिए आपको तीन ऑइल्स की जरूरत है। कोकोनट वर्जिन ऑइल (नारियल वर्जिन तेल), ऑल्मंड ऑइल (बादाम का तेल) और क्लोव ऑइल (लौंग का तेल)। इन सभी तेल को एक निश्चित मात्रा में आपको मिलाना होगा। इस बारे में यहां बताया जा रहा है…
इन तेलों की खूबियां
नारियल तेल: त्वचा को प्राकृतिक रूप से नमी देने, ड्राइनेस से बचाने और त्वचा की कोशिकाओं को पोषण देने के लिए नारियल तेल एक बहुत ही अच्छा माध्यम है। यह एक ऐंटिबैक्टीरियल प्राकृतिक औषधि की तरह काम करता है।
बादाम का तेल: त्वचा को प्राकृतिक रूप से रंगत प्रदान करने, दाग-धब्बे मिटाने और त्वचा को स्मूदनेस देने के लिए बादाम का तेल बहुत ही उपयोगी होता है। यह आपकी त्वचा को डीप नरिशमेंट देने का काम करता है।
लौंग का तेल: यह तेल ऐंटिफंगल और ऐंटिएलर्जिक होता है। किसी भी तरह के पैथोजेन्स (बैक्टीरिया, फंगस और हानिकारक माइक्रोब्स) को आपकी स्किन पर ऐक्टिव नहीं होने देता है।
इस कारण यदि आप किसी त्वचा पर होनेवाले संक्रमण की चपेट में आ भी जाते हैं तो यह ऑइल उस संक्रमण को बढऩे से रोकता है। साथ ही आपका स्किन डिफेंस मैकेनिज़म को अधिक मजबूत बनाने का काम करता है।
ऐसे तैयार करें ब्लैंड
जैसा कि हमने आपको बताया कि घर पर नैचरल ऑइल ब्लैंड तैयार करने के लिए सबसे अधिक जरूरी है सही ऑइल्स का चुनाव और सही मात्रा में इनका उपयोग।
घर पर ब्लैंड तैयार करने कि लिए आपको 2 टेबल स्पून नारियल वर्जिन तेल चाहिए और इतनी ही मात्रा में बादाम का तेल लें। अब इन दोनों तेल को एक साथ मिला लें।
जब ये दोनों तेल एक साथ मिल जाए तो इनमें 1 से 2 बूंद तेल लौंग का तेल मिक्स करें। तीनों तेल को एक साथ अच्छी तरह मिला लें। ध्यान रखें कि लौंग का तेल 2 बूंद से ज्यादा नहीं होना चाहिए नहीं तो आपकी त्वचा की दिक्कत कम होने की जगह बढ़ सकती है।
अधिक मात्रा में बनाते हुए
यदि आप इस ब्लैंड को एक बार में ही अधिक मात्रा में तैयार करना चाहते हैं तो इस बात की गांठ बांध लें कि आप नारियल वर्जिन तेल और बादाम तेल को बराबर मात्रा में मिला सकते हैं। लेकिन इन दोनों तेलों की कुल मात्रा को मिलाकर, उसका 5 प्रतिशत ही लौंग का तेल रखना है।
रैशेज ना बढऩे दे
घर पर तैयार किया गया यह नैचरल ऑइल ब्लैंड आपको त्वचा पर रैशेज की समस्या से बचाएगा और यह समस्या अगर आपको हो चुकी है तो इसे जल्दी ठीक कर देगा।
एग्जिमा से बचाए
एग्जिमा जैसी स्किन डिजीज होने से बचाएगा। यदि आपको किसी कारण यह रोग हो भी गया है तब भी खुजली को शांत करने और रोग को जल्दी ठीक करने के लिए आप इस ब्लैंड का उपयोग कर सकते हैं।
बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाए
कई बार गर्मी और पसीने के कारण त्वचा पर देर तक नमी बनी रहती है। इस कारण त्वचा पर हानिकार बैक्टीरिया ऐक्टिव हो जाते हैं और दाने, फुंसी या फोड़े जैसी समस्या की वजह बन जाते हैं।
आप नहाने के बाद इस ब्लैंड से अपने पूरे शरीर को पोषण दें, आपको किसी तरह की समस्या नहीं होगी। साथ ही आपकी त्वचा प्राकृतिक रूप से स्वस्थ बनेगी।               


6 साल की मासूम के साथ किया दुष्कर्म

रायपुर/बिलासपुर। जिले के बेलगहना क्षेत्र में 6 साल की बच्ची को मध्यप्रदेश ले जाकर दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है। वारदात के बाद आरोपी बच्ची को गांव के बाहर छोड़कर भाग गया। शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश में जुट गई है। बेलगहना पुलिस चौकी के मुताबिक मध्यप्रदेश के जबलपुर निवासी दीपक मरावी की बेलगहना क्षेत्र में ससुराल है।


वह बीते दिनों ससुराल पहुंचा था। इस दौरान पड़ोस में रहने वाली 6 साल की बच्ची उससे घुल मिल गई थी। रविवार की दोपहर दीपक मासूम को बाइक में बिठाकर अपने साथ मध्यप्रदेश लेकर चला गया। उसने बच्ची को दो दिनों तक अपने साथ रखा। इस बीच दीपक ने उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद बच्ची को लेकर मंगलवार को ससुराल पहुंचा। उसे गांव के बाहर छोड़कर भाग गया। बच्ची किसी तरह अपने घर पहुंची। इसके बाद उसने अपने साथ हुई घटना की जानकारी परिजनों को दी। परिजन उसे लेकर बेलगहना चौकी पहुंचकर मामले की शिकायत किए। बेलगहना पुलिस चौकी मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश में जुट गई है।             


नशीली दवाओं के साथ 3 आरोपी गिरफ्तार

जगदलपुर। बस्तर जिला मुख्यालय के कुम्हारपारा माडिया चौक स्थित यात्री प्रतिक्षालय में नशीली दवाओं का विक्रय कर रहे तीन आरोपियों को रंगे हाथों आज सुबह गिरफ्ताार किया गया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्ताार आरोपियों में किशोर दास निवासी कुम्हारपारा, नवीन झा निवासी गीदम रोड, व दिवाकर दीवान निवासी हटकचोरा के पास से नशीली दवा पीवोन स्पोस प्लस, ड्यक्लोमिएन एचसीएल, ट्रामाडोल एचसीएल, व एसिटामिनोफेन कैप्सूल कुल 90 स्ट्रिप, जिसमे 720 कैप्सूल प्रत्येक में ट्रामाडोल 0.5 एमजी जुमला जिसकी अनुमानित बाजार मूल्य 4455 रुपये को बरामद कर अपराध क्रमांक 430/2020 धारा 21 एन.डी.पी. एएस. एक्ट के तहत गिरफ्ताार किया गया है।             


पंजाबः मकान ढहने से 3 की मौत, कई दबे

राणा ऑबराय


चंडीगढ़। पंजाब के डेरा बस्सी शहर में एक निर्माणाधीन मकान के ढहने से उसमें दबकर तीन लोगों की मौत हो गई जबकि छह लापता बताए जा रहे हैं। पुलिस ने बताया कि यह घटना गुरुवार की है। बचाव दल ने तीन शव बरामद किए हैं। पुलिस का कहना है कि इमारत की कंक्रीट की छत ढहने से यह हादसा हुआ। स्थानीय प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं।


आसमान में बादल, बारिश की संभावना नहीं

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। एनसीआर के आसमान में बृहस्पतिवार सुबह से ही बादल छाए हुए हैं, जिससे बारिश होने की संभावना बन रही है। वहीं, मौसम विभाग बारिश से साफ इनकार कर रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि अब 29 सितंबर तक मौसम शुष्क रहेगा। बृहस्पतिवार को भी बादल छाए रह सकते हैं, लेकिन बारिश नहीं होगी। इस दौरान अधिकतम तापमान 37 और न्यनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने के आसार हैं। इससे पहले मौसम विभाग ने बुधवार को बारिश का अनुमान जताया गया था, लेकिन बादल बिन बरसे ही उड़ गए। फिलहाल, अगले कई दिन तक बारिश के कोई आसार नहीं हैं। इस दौरान लोगों को उमस एवं गर्मी का सामना करना पड़ेगा। बुधवार को दिनभर धूप खिली रही। बीच-बीच में बादल भी छाए। कई बार लगा, बारिश होने वाली है, लेकिन हुई नहीं। अधिकतम तापमान 36.5 डिग्री सेल्सियस, जबकि न्यूनतम तापमान 27.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा में नमी का स्तर 56 से 85 फीसद रहा।               


दंगाः सोच समझकर उत्तर-पूर्वी दिल्ली चुनी

उमय सिंह साहू


नई दिल्ली। मौत के सौदागरों ने दंगों के लिए उत्तर-पूर्वी दिल्ली को सोच समझकर चुना था। फरवरी महीने में भड़के साम्प्रदायिक दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अपने आरोप पत्र में बड़ी साजिश का खुलासा किया है। कोर्ट में दाखिल आरोपपत्र में पुलिस ने दावा किया है कि एक बड़ी साजिश के तहत उत्तर-पूर्वी दिल्ली को दंगों के लिए चुना गया था। पुलिस ने आरोपपत्र में कहा है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के अलग तरह की आर्थिक, सामाजिक व जनसंख्या के समीकरणों के आधार पर दंगों के लिए इस स्थान को चुना गया था। यहां दंगों के लिए समुदाय विशेष के लिए भीड़ को जुटाना और उन्हें भड़काकर दंगा कराना आसान था। कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की अदालत में पेश आरोपपत्र में कहा गया है कि जहां से दंगों की शुरुआत हुई वह अतिसंवेदनशील इलाका है। जबकि दक्षिणी-पूर्वी दिल्ली में यह काम दंगों की साजिश रचने वालों के लिए आसान नहीं होता। यहां दंगे फैलाने का मुख्य उद्देश्य यह भी था कि समुदाय विशेष को भड़का कर दंगे शुरु करवा दिए जाएं और खुद इसकी साजिश का नेतृत्व कर रहे नेता घर पर टीवी पर दिल्ली को जलता हुआ देखें। जबकि इन दंगों का नुकसान उन लोगों को उठाना पड़ा जोकि रोज कमाते व रोज खाते हैं।             


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


यूनिवर्सल एक्सप्रेस   (हिंदी-दैनिक)











 सितंबर 25, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-42 (साल-02)
2. शुक्रवार, सितंबर 25, 2020
3. शक-1943, अश्विन, शुक्ल-पक्ष, तिथि- अष्टमी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 60:04, सूर्यास्त 06:25।


5. न्‍यूनतम तापमान 28+ डी.सै.,अधिकतम-36+ डी.सै.। आद्रता बनी रहेंगी।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


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बुधवार, 23 सितंबर 2020

धोनी को क्यों बताया हार का जिम्मेदार

नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग में बीती रात खेले गए चौथे मुकाबले में राजस्थान रॉयल्स ने चेन्नई सुपरकिंग्स पर शाही जीत दर्ज की। पहले बल्लेबाजी करते हुए राजस्थान के लड़ाकों ने स्कोरबोर्ड पर 216 रन टांग दिए, जवाब में चेन्नई 200 रन ही बना पाई।


अब मैच के बाद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की जमकर आलोचना हो रही है। सोशल मीडिया पर फैंस के निशाने पर आने के बाद भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने भी सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए माही के फैसले की आलोचना की है।


चीन के बयान देने पर भारत में जगी उम्मीदें

बीजिंग/ नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख के सीमांत इलाक़ों में बीते 5 मई से चल रही सैन्य तनातनी दूर करने के लिये सोमवार को दोनों पक्षों के सैन्य और राजनयिक प्रतिनिधियों की हुई छठी बैठक के बाद जारी साझा बयान उम्मीदें पैदा करता है। पहले भी चीन ने साझा बयान में इस तरह के वादे किये हैं। इसलिये ताज़ा साझा बयान में चीन द्वारा तनाव घटाने के उपायों पर दिखाई गई सहमति ज़मीन पर लागू होगी या नही, इस पर पूरे विश्वास के साथ कुछ नहीं कहा जा सकता। 
चीन की कथनी और करनी में अब तक हम भारी फर्क देखते आए हैं। इस बार के साझा बयान को इस नज़रिये से भी देखा जा सकता है कि पूर्वी लद्दाख के कई इलाक़ों में जिन चोटियों पर भारतीय सेना ने कब्जा कर लिया, उससे चीन की रणनीतिक स्थिति कमज़ोर हो गई। इसलिये यह सहमति बनी है कि अग्रिम मोर्चो पर अब और अधिक सैन्य तैनाती नहीं की जाएगी। 
साझा बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष एकपक्षीय तौर पर ज़मीन पर स्थिति नहीं बदलेंगे। पिछली 5 मई के बाद से चीन द्वारा जिस तरह एकपक्षीय तौर पर ज़मीनी स्थिति बदली गई है, उसे ख़त्म करने के लिये चीन कदम उठाएगा या नहीं, इस बारे में साझा बयान में कोई संकेत नहीं दिया गया है।             


तनाका बनी दुनिया की सबसे बुजुर्ग महिला

दुनिया की सबसे बुजुर्ग महिला। जापान की केन तनाका का नाम गुइनगुइन्निस वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज


नई दिल्ली/टोक्यो। जापान की केन तनाका को गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स  ने दुनिया के सबसे पुराने जीवित शख्स के रूप में मान्यता दी है। इस बीच केन तनाका ने एक और रिकॉर्ड तोड़ते हुए जापान की सबसे उम्रदराज शख्सियत होने की उपलब्धि भी हासिल कर ली है। केन तनाका से पहले ये रिकॉर्ड एक अन्य जापानी महिला के ही नाम था। जिनका नाम था। नबी ताजिमा। नबी की मौत अप्रैल 2018 में 117 वर्ष 260 दिन की उम्र में हुई। वहीं केन तनाका शनिवार को 117 साल और 261 दिन की हो गई हैं।
पति और बड़े बेटे की मौत द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई थी।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक उनका जन्म 2 जनवरी 1903 को हुआ था। पिछले साल 9 मार्च को 116 साल 66 दिन पूरे करने के बाद उनका नाम सबसे उम्रदराज महिला के तौर पर गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज किया गया था। और प्रमाणपत्र सौंपा था। वे आठ भाई-बहनों में सातवें नंबर की हैं। 19 साल की उम्र में तनाका की शादी हिदेओ तनाका से हुई थी। उनके चार बच्चे हैं। बाद में उन्होंने एक बच्चे को गोद भी लिया। तनाका के 8 पोते-पोतियां हैं।60 साल की उम्र में इस आदमी ने मांगी Job, हर किसी ने ठुकराया तो ऐसे दिखाई Fitness
तनाका के पति और सबसे बड़े बेटे की मौत द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई थी। उसके बाद से वे एक दुकान चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करती थीं। तनाका जापान के फुकुओका शहर में रहती हैं। वहीं नई उपलब्धि हासिल करने के बाद उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के कारण पारिवारिक यात्राओं पर प्रतिबंध के बावजूद हर दिन अपने जीवन का आनंद ले रही थीं। एक परिवार के रूप में हम नए रिकॉर्ड से खुश और गर्व महसूस कर रहे हैं।             


भारत में चीन ने 40 बार फाइटर जेट भेजेंं

ताइपे । ताइवान और चीन के बीच तनाव गहराता जा रहा है जिससे दोनों के बीच जंग के भड़कने की आशंका तेज हो गई है। चीन ने शुक्रवार और शनिवार को करीब 40 बार ताइवान की सीमा के पास अपने लड़ाकू विमान भेजे। इसके जवाब में ताइवान ने भी चीन के हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अपनी तैयारी तेज कर दी है। ताइवान की राष्‍ट्रपति ने सेना की तैयारियों का जायजा लिया है और ताइवानी एयर फोर्स ने ड्रैगन पर हमले का जोरदार अभ्‍यास किया है। 


ताइवान की राष्‍ट्रपति त्‍साई इंग वेन ने ट्वीट करके कहा, 'ताइवान की वायुसेना किसी को धमकी नहीं देती है और न ही सैन्‍य उकसावे की कार्रवाई करती है। हमारे जवानों के अंदर यह इच्‍छाशक्ति और क्षमता है कि वे ताइवान की रक्षा कर सकें और चीनी विमानों के हमारे हवाई क्षेत्र में घुसपैठ से भयभीत नहीं है। हम इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'                 


तुर्की के राष्ट्रपति ने फिर कश्मीर की बात की

तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन ने फिर की कश्मीर की बात, भारत ने जताई आपत्ति, पाकिस्तान ने की सराहना।


अंकारा। तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने एक बार फिर से कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में उठाया है।भारत ने इसपर आपत्ति की है, वहीं पाकिस्तान ने इसकी सराहना की है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने ट्विटर पर लिखा है- "हम संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीरी लोगों के अधिकारों के समर्थन में एक बार फिर अपनी आवाज़ उठाने के लिए राष्ट्रपति अर्दोआन की सराहना करते हैं।कश्मीरी लोगों के जायज़ संघर्ष को तुर्की के समर्थन से हौसला मिलता है।
एक दिन पहले ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ पर अपने भाषण में कश्मीर का मुद्दा उठाया था।
संयुक्त राष्ट्र की आम सभा को संबोधित करते हुए अर्दोआन ने कहा, ''कश्मीर संघर्ष दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिहाज से काफ़ी अहम है।यह अब भी एक ज्वलंत मुद्दा है।जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म किए जाने के बाद से स्थिति और जटिल हो गई है।
अर्दोआन के इस रुख़ पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने कहा है, ''भारत के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर पर हमने राष्ट्रपति अर्दोआन की टिप्पणी देखी है।यह भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप है, और यह भारत के लिए पूरी तरह से अस्वीकार्य है।तुर्की को दूसरे देश की संप्रभुता का सम्मान करना सीखना चाहिए।             


सांसद ने लोकसभा में उठाया महत्वपूर्ण मुद्दा

उत्तराखंड। सांसद अजय भट्ट ने लोकसभा सदन में उठाया राज्य का ये सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा।


देहरादून। उत्तराखंड के भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और नैनीताल उधम सिंह नगर लोक सभा क्षेत्र से सांसद अजय भट्ट ने एक बार फिर उत्तराखंड की आवाज बनकर लोकसभा सदन में राज्य के ज्वलंत समस्या को उठाकर केंद्र सरकार से मदद मांग की है। सांसद अजय भट्ट ने लोकसभा सदन में शून्यकाल के दौरान राज्य के पलायन के मुद्दे को बेहद गंभीरता से उठाते हुए केंद्र सरकार से मदद की मांग की है।
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नैनीताल लोकसभा से चुनकर लोकसभा सदन में जाने वाले सांसद अजय भट्ट उत्तराखंड के सबसे ज्यादा प्रश्न उठाने वाले सांसद में एक है। इस बार भी संसद के सत्र में सांसद अजय भट्ट ने उत्तराखंड की सीमावर्ती इलाकों से खाली हो रही गांव और लगातार पड़ रहा पलायन को रोकने के लिए केंद्र सरकार से विशेष पहल करने का अनुरोध किया है। सांसद अजय भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड सीमावर्ती राज्य होने के चलते नेपाल और तिब्बत की अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़ा हुआ है। और यहां बॉर्डर इलाके में लगातार पलायन हो रहा है घर बंजर हो गए हैं।खेत खलियान सूने पड़ गए हैं ।और युवा घर छोड़कर परदेस में भटक रहे हैं। लिहाजा केंद्र सरकार ईन गाँव में फिर से खुशहाली लाने के लिए बड़े आर्थिक पैकेज की मदद करें। जिससे कि पहाड़ के उजड़ चुके गांव को फिर से बसाया जा सके।  मुख्यमंत्री के ओएसडी का निधन, पिछले दिनों हुए थे। कोरोना संक्रमित सांसद अजय भट्ट इससे पूर्व राज्य के कई ज्वलंत मुद्दों को लोकसभा सदन के समक्ष उठा चुके हैं।और कई प्रस्ताव के लोकसभा सदन में लाकर चर्चा में रहे हैं। अक्सर अपने क्षेत्र से चुनकर जाने के बाद चुप रहने वाले राजनेताओं को देख क्षेत्र की जनता मायूस रहती थी।लेकिन राज्य में पहली बार लोकसभा में गंभीर समस्याओं को उठाने के लिए सांसद भट्ट जैसा जनप्रतिनिधि मिला है। जिसे लोग को काफी उम्मीद है।           


लड़ने के लिए गिलोय कितनी है फायदेमंद

डेंगू, स्वाइन फ्लू, मलेरिया जैसी बीमारियों से लड़ने के लिए फायदेमंद माना जाता है गिलोय


सदियों से हम प्रकृति द्वारा निर्धारित संसाधनों के साथ अपने जीवन को स्वस्थ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हम अनेकों प्रकार की जड़ी बूटियों का उपयोग करतें आ रहें है। इन जड़ी बूटियों में से ही एक को गिलोय भी माना जाता है। जिसका उपयोग न केवल आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों में किया जाता है।बल्कि गिलोय का उपयोग आज की दवाओं में भी किया जा रहा है। इसका उपयोग आमतौर पर बुखार के इलाज, पाचन क्षमता बढ़ाने आदि के लिए किया जाता था। हालांकि गिलोय का तना सबसे उपयोगी होता है।हम इसकी जड़ का भी उपयोग कर सकते हैं। तो आइए अब हम प्राचीन काल से इसके उपयोग के लाभों पर चर्चा करते हैं। यह हमारे जीवन को स्वस्थ बनाने के लिए किस तरह काम करता है।
गिलोय के अपने फायदे हैं।
सबसे पहले, अगर हम गिलोय के उपयोग के लाभों के बारे में बात करते हैं।तो इसका उपयोग प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद करता है। गिलोय हमारी कोशिकाओं को स्वस्थ रखने और हमें बीमारी से छुटकारा दिलाने के लिए महत्वपूर्ण कार्य करती है। इसके साथ ही, यह रक्त को शुद्ध करने, बैक्टीरिया से लड़ने।विषाक्त पदार्थों को दूर करने आदि के लिए भी उपयुक्त माना जाता है।जिसे एंटीपायरेटिक माना जाता है, गिलोय को डेंगू, स्वाइन फ्लू, मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारियों से लड़ने के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है और इसे बुखार में राहत देने के लिए उपयोग किया जाता है।
गिलोय लाभ में, यह पाचन में सुधार और आंत्र संबंधी समस्याओं को हल करने के लिए भी माना जाता है। कब्ज को खत्म करने के लिए, हम गिलोय पाउडर को आंवले के साथ मिलाकर उपयोग कर सकते हैं। जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या है, उनके लिए हम गिलोय का घरेलू नुस्खे से इस समस्या को खत्म कर सकते हैं। गिलोय का रस रक्त शर्करा के उच्च स्तर को कम करने के लिए अद्भुत काम करता है।
गिलोय को पुराने समय से ही एडाप्टोजेनिक जड़ी बूटी के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। यह मानसिक तनाव और चिंता को कम करने के लिए बहुत उपयोगी साबित होता है।क्योंकि यह विषाक्त पदार्थों से छुटकारा दिलाता है।और हमारी याददाश्त को बढ़ाता है।
गिलोय के फायदों में से एक यह है कि यह खांसी, सर्दी और टॉन्सिल जैसी समस्याओं को कम करने में भी मदद करता है। जिन बुजुर्गों को जोड़ों में दर्द की समस्या है।वे गिलोय के तने के चूर्ण को दूध में उबालकर इसका सेवन करके अपनी समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। अस्थमा के कारण सीने में जकड़न, सांस की तकलीफ, घरघराहट आदि जैसी स्थितियों का इलाज करना मुश्किल है। गिलोय की जड़ को चबाकर उसका रस पीने से ऐसे रोगियों की समस्या हल हो सकती है।
इन सभी फायदों के अलावा, गिलोय के पौधों को आँखों की दृष्टि क्षमता बढ़ाने के लिए आँखों पर लगाया जा सकता है। अगर आप डार्क स्पॉट्स, पिंपल्स और झुर्रियों को कम करना चाहते हैं।तो हम गिलोय का इस्तेमाल कर सकते हैं ।क्योंकि इसमें एंटी-एजिंग गुण होते हैं।जो त्वचा को चमकदार बनाने के लिए फायदेमंद माने जाते हैं।उपरोक्त तथ्यों में हमने गिलोय का उपयोग करने के लाभों पर चर्चा की, यह कैसे हमारी जीवन शैली को स्वस्थ रखने के लिए उपयोगी माना जाता है। अब हम यह जानने की कोशिश करते हैं।कि इसका उपयोग कैसे किया जाए ताकि हम आयुर्वेदिक तरीकों से खुद को स्वस्थ रख सकें। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि गिलोय का उपयोग हम रस बनाकर या इसका पाउडर बनाकर उपरोक्त बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए कर सकते हैं। और इसके साथ ही गिलोय की जड़ का उपयोग भी बहुत फायदेमंद साबित होता है। लेकिन जब भी हम गिलोय का सेवन करना शुरू करते हैं। तो हमें इसकी विधि जानने की आवश्यकता होती है।ताकि हम इसका आवश्यकतानुसार उपयोग कर सकें। गिलोय लाभ में इसके अन्य लाभ यह हैं ।कि यह गठिया और पीलिया, यकृत के लिए भी फायदेमंद माना जाता है।             


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