बुधवार, 20 जुलाई 2022

जलशक्ति राज्यमंत्री खटीक ने पद से इस्तीफा दिया

जलशक्ति राज्यमंत्री खटीक ने पद से इस्तीफा दिया 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लोकनिर्माण के बाद जलशक्ति विभाग में अंदरखाने मची खींचतान के बीच जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजा है। जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हालांकि, सरकार की तरफ से अब तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
मंत्री खटीक ने चिट़्ठी में लिखा, ''पीएम मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह के अथक परिश्रम व कुशल नेतृत्व में दलितों और पिछड़ों के साथ लेकर चलने से भाजपा सरकार का गठन हुआ है। ईमानदार छवि वाले मुख्यमंत्री के साथ मुझे जलशक्ति मंत्री बनाया गया। जिसमें पूरा दलित समाज खुश है। परन्तु जलशक्ति विभाग में दलित समाज का राज्यमंत्री होने के कारण मेरे किसी भी आदेश पर कोई भी कार्यवाही नहीं होती है और न ही किसी बैठक में बुलाया जाता है। न ही सूचना दी जाती है कि विभाग में कौन-कौन सी योजनाएं चल रही हैं। उन पर क्या कार्यवाही हो रही है? जिसके कारण विभाग के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं हो पाती।
उन्होंने कहा, संबंधित विभाग के अधिकारी सिर्फ गाड़ी उपलब्ध करा देना मंत्री का अधिकार समझते हैं। 
इस विभाग में स्थांतरण सत्र में बहुत भ्रष्टाचार हुआ है। कई दिनों तक सूचना नहीं मिली। प्रमुख सचिव सिंचाई ने मेरी पूरी बात सुने बिना ही फोन काट दिया। वह मेरी बात को अनसुना कर रहे थे। मेरे दलित होने के कारण विभाग में भेदभाव हो रहा है। मुझे कोई अधिकार नहीं मिला। इस कारण पत्र का जवाब भी नहीं मिलता है। नमामि गंगे में बहुत भ्रष्टाचार फैला है। जो कि जमीन पर जाने पर पता चलता है। जब भी इसकी शिकायत की जाती है तो उस पर कोई कार्यवाही नहीं होती। यूपी के अंदर अधिकारी दलितों का अपमान कर रहे हैं। राज्यमंत्री होते हुए विभाग में मेरा कोई अस्तित्व नहीं है। ऐसी स्थिति में मेरा काम कर पाना दलित समाज के लिए बेकार है। इससे आहत होकर अपना त्यागपत्र दे रहा हूं। चर्चा है, खटीक मंगलवार को मंत्रियों की बैठक में शामिल नहीं हुए थे। बताया जा रहा है कि खटीक विभागीय अधिकारियों द्वारा उपेक्षा किए जाने से नाराज हैं।
उधर, मंत्री जितिन प्रसाद को लेकर भी चर्चा है कि वह भी नाराज हो गए हैं। बताया जा रहा है कि जितिन प्रसाद पीडब्ल्यूडी विभाग में हुई कार्रवाई से नाराज हैं। वो मंगलवार को हुई बैठक में शामिल हुए थे। बैठक के बाद जितिन प्रसाद निकल लिए। वह मीडिया से मुखातिब नहीं हुए। सियासी गलियारे में चर्चा है कि जितिन प्रसाद पीडब्ल्यूडी विभाग में हुई कार्रवाई से नाराज हैं। इसको लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी थी। कहा जा रहा है कि नाराज जितिन आज बुधवार को दिल्ली जा सकते हैं।

कभी-कभी बुलडोजर उल्टा भी चलता है: यादव

कभी-कभी बुलडोजर उल्टा भी चलता है: यादव 

संदीप मिश्र 

लखनऊ। योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार में जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक के इस्‍तीफा देने के बाद उत्‍तर प्रदेश के राजनीत‍िक गलि‍यारों में हलचल मच गई है। वहीं समाजवादी पार्टी के प्रमुख अख‍िलेश यादव ने द‍िनेश खटीक के इस्‍तीफा देने पर योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा, क‍ि कभी-कभी बुलडोजर उल्टा भी चलता है। सपा प्रमुख अख‍िलेश यादव भाजपा सरकार पर अक्‍सर हमलावर रहते हैं। आज जब जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक के इस्‍तीफा देने का पत्र इंटरनेट मीड‍िया पर वायरल हुआ, तो योगी सरकार की चुटकी लेते हुए उन्‍होंने ट्वीट क‍िया। अखि‍लेश यादव ने कहा क‍ि, ‘जहां मंत्री होने का सम्मान तो नहीं परंतु दलित होने का अपमान मिले… ऐसी भेदभावपूर्ण भाजपा सरकार से त्यागपत्र देना ही अपने समाज का मान रखने के लिए यथोचित उपाय है। कभी-कभी बुलडोजर उल्टा भी चलता है।’

बता दें क‍ि जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने गृहमंत्री अम‍ित शाह को पत्र ल‍िखकर मंत्री पद से इस्तीफा द‍िया है। उन्‍होंने कहा क‍ि मैं द‍ल‍ित और प‍िछड़ा वर्ग को आगे बढ़ाने के ल‍िए सरकार से जुड़ा था। पर इस सरकार में उन्‍हीं की उपेक्षा हो रही है। दल‍ितों और प‍िछड़ों का अपमान हो रहा है। दल‍ित समाज का राज्‍य मंत्री होने के कारण मेरे क‍िसी भी आदेश पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। इसल‍िए मैं अपने पद से इस्‍तीफा दे रहा हूं। बता दें क‍ि उत्तर प्रदेश में तबादलों में जमकर हुई गड़बड़ियों को लेकर कुछ विभागों में खलबली मची है और इस बीच जलशक्ति विभाग में अंदरखाने मची खींचतान की बात भी सामने आ रही थी। योगी सरकार के जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक द्वारा इस्तीफा दिए जाने की चर्चा थी। बताया गया है कि वह विभागीय अफसरों द्वारा उपेक्षा किए जाने से नाराज थे। वरिष्ठ मंत्री के साथ अधिकारों के टकराव की बात भी कही जा रही है।

मेरठ की हस्तिनापुर सीट से लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए दिनेश खटीक को योगी सरकार 1.0 की तरह ही इस सरकार में भी राज्यमंत्री बनाया गया था। उन्हें कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के साथ जलशक्ति विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। मंगलवार शाम को इंटरनेट मीडिया और चैनलों पर दिनेश खटीक द्वारा त्याग-पत्र सौंपे जाने की खबर सुर्खियों में थी। सूत्रों के अनुसार, वह अधिकारियों द्वारा बात न सुने जाने से नाराज चल रहे थे। साथियों पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। इस संबंध में मंत्री को फोन किया गया, लेकिन मोबाइल स्विच आफ था। हालांकि, दोपहर में जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी मंत्रियों के साथ बैठक की तो उसमें भी खटीक नहीं दिखे थे। पता चला था कि सोमवार को राजधानी के किसान भवन में ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अधिकारियों के साथ जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने बैठक की थी। उसमें राज्यमंत्री खटीक पहुंचे तो थे, लेकिन बैठक बीच में ही छोड़कर चले गए थे।

पंजाब: पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया, गैंगस्टर

पंजाब: पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया, गैंगस्टर 

अमित शर्मा

अमृतसर। पंजाबी गायक शुभदीप सिंह सिद्धू उर्फ ​​सिद्धू मूसेवाला की हत्या में शामिल गैंगस्टर जगरूप रूपा बुधवार को अमृतसर जिले के एक गांव में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया। पंजाब पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स दो गैंगस्टर जगरूप सिंह रूपा और मनप्रीत सिंह उर्फ ​​मन्नू कुसा का पीछा कर रही थी, तभी अमृतसर से करीब 20 किलोमीटर दूर भकना गांव में मुठभेड़ शुरू हुई थी। दोनों बदमाश जग्गू भगनपुरिया गिरोह से संबंधित थे।

मूसेवाला हत्याकांड के लिए भगनपुरिया ने इन निशानेबाजों को लॉरेंस बिश्नोई को मुहैया कराया था। ये दोनों 52 दिन से पुलिस को चकमा देते रहे थे। अमृतसर के पास के गांव में तीन एंबुलेंस पहुंच गई हैं। पुलिस और सिद्धू मूसेवाला के दो संदिग्ध हत्यारों के बीच मुठभेड़ जारी है। सूत्रों ने कहा कि इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और लोगों को घर के अंदर रहने को कहा गया है। मुठभेड़ में एक प्रेस फोटाेग्राफर और दो पुलिस कर्मी घायल हुए हैं।

महंगाई व ईंधन की कीमतों को लेकर विरोध-प्रदर्शन

महंगाई व ईंधन की कीमतों को लेकर विरोध-प्रदर्शन

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। विपक्ष लगातार महंगाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेर रहा है। बुधवार को कांग्रेस ने संसद भवन में महंगाई और ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान एक महिला सांसद तो गैस सिलेंडर लेकर विरोध प्रदर्शन करती नजर आईं। इतना ही नहीं महिला सांसद ने बाहुबली मोड में सिलेंडर को दोनों हाथों से उठाकर महंगाई के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की।
इससे पहले कांग्रेस के लोकसभा में व्हिप एम टैगोर ने सदन में महंगाई और एलपीजी की बढ़ती कीमतों पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव दिया। इतना ही नहीं, कांग्रेस ने आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी लगाने के मुद्दे पर भी स्थगन प्रस्ताव दिया।

शुरुआती कारोबार में 55,523.52 अंक पर सेंसेक्स

शुरुआती कारोबार में 55,523.52 अंक पर सेंसेक्स

कविता गर्ग

मुंबई। सकारात्मक वैश्विक संकेतों और विदेशी निवेशकों की भागीदारी बढ़ने से उत्साहित घरेलू शेयर बाजार के दोनों प्रमुख सूचकांकों ने बुधवार को शुरुआती कारोबार में तगड़ी बढ़त दर्ज की। तीस कंपनियों की भागीदारी वाला सूचकांक बीएसई सेंसेक्स 755.9 अंकों की जोरदार छलांग लगाते हुए शुरुआती कारोबार में 55,523.52 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह एनएसई का मानक सूचकांक निफ्टी भी 224.9 अंकों की मजबूत बढ़त के साथ 16,565.45 अंक पर कारोबार कर रहा था।

सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से रिलायंस इंडस्ट्रीज, टेक महिंद्रा, इंफोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इंडसइंड बैंक और टाइटन में जमकर खरीदारी होने से इनके शेयर चढ़ गए। एशिया के अन्य बाजारों में टोक्यो, सोल, शंघाई और हांगकांग के सूचकांक भी खासी बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। एक दिन पहले मंगलवार को अमेरिकी बाजार भी बढ़त के साथ बंद हुए थे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, “जून के निचले स्तर की तुलना में निफ्टी में आठ प्रतिशत का उछाल आ चुका है और कई अच्छी खबरें आने से यह सिलसिला जारी रहने की उम्मीद है।

सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  

1. अंक-285, (वर्ष-05)
2. बृहस्पतिवार, जुलाई 21, 2022
3. शक-1944, श्रावण, कृष्ण-पक्ष, तिथि-अष्टमी, विक्रमी सवंत-2079। 
4. सूर्योदय प्रातः 05:22, सूर्यास्त: 07:15।
5. न्‍यूनतम तापमान- 23 डी.सै., अधिकतम-32+ डी.सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102
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मंगलवार, 19 जुलाई 2022

गाजियाबाद: समस्याओं को लेकर प्रदर्शन, आश्वासन दिया

गाजियाबाद: समस्याओं को लेकर प्रदर्शन, आश्वासन दिया 

स्थानीय समस्याओं को लेकर लोनी तहसील का पर किया गया बड़ा प्रदर्शन, उप जिला अधिकारी को सौंपा ज्ञापन 

अश्वनी उपाध्याय 
गाजियाबाद। मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन अंबावता ने तहसील लोनी, गाजियाबाद में स्थानीय अनेक समस्याओं को लेकर बड़ा प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में सैकड़ों किसान और स्थानीय निवासियों ने भागीदारी की। इस अवसर पर संगठन के प्रवक्ता ठाकुर मुकेश सोलंकी ने सभी को समस्याओं के विषय में अवगत कराया। उन्होंने प्रदर्शन में आए, सभी किसान और स्थानीय निवासियों का धन्यवाद दिया और कहा, कि यदि हम जागृत हैं, तो सही अर्थों में हम जीवित हैं, कि मनुष्य को जागृत रहना बहुत आवश्यक है। ऐसे लोग ही समाज की अगुवाई करते हैं। हम सब उन्हीं में से हैं। प्रवक्ता ने उप जिला अधिकारी संतोष राय को समस्याओं की जानकारी देते हुए कहा, कि यदि हमारी जायज मांगों को 15 दिन के अंदर निस्तारित नहीं किया गया, तो भारतीय किसान यूनियन बड़ा प्रदर्शन करेगी।
इस अवसर पर जिला प्रभारी नरेंद्र नेता ने उप जिला अधिकारी को समझाया, कि यह समस्याएं हमारी जायज समस्याएं हैं और इनको अति शीघ्र आप सुलझाने का काम करें। उसके बाद जिला अध्यक्ष अमित कसाना ने आए हुए सभी किसानों और स्थानीय निवासियों को एकजुट रहकर अपनी मांगों को मजबूत तरीके से उठाने पर बल दिया। उसके बाद उप जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र गौतम ने हमारी एकता हमारी शक्ति है, बहुत मजबूती के साथ यह नारा दिया। जिला सचिव रितु गुर्जर ने आए हुए लोगों का उत्साह वर्धन किया।
इस अवसर पर जिला अध्यक्ष युवा सचिन बंसल ने भी आए हुए किसान भाईयों को संबोधित करते हुए कहा, यही एकता हमारी शक्ति है और हम स्थानीय निवासियों की हर समस्या को निस्तारित कराने का पूरा प्रयास करेंगे। उप जिलाधिकारी संतोष राय ने समस्याओं को निस्तारित कराने का आश्वासन दिया और पूरा सहयोग करने का वादा किया।
इस अवसर पर आए हुए सभी किसान और स्थानीय निवासियों ने शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और स्थानीय नेताओं की उदासीनता पर भी प्रश्नचिन्ह लगाए। जिन्हें वोट लेकर फिर जनता की समस्याएं दिखाई नहीं देती।
इस अवसर पर उत्तर पूर्वी जिला अध्यक्ष रविंद्र सिंह, चौधरी जगत सिंह, राजेंद्र सिंह, रमेश चंद्र, चंद्रपाल, मनोज, मधुर जायसवाल, नरेश, वकील सुबह सिंह, अजय, प्रधान भोपाल सिंह, नवीन बंसल का सिर्फ राजीव उर्फ लल्ला, संदीप कुमार, रामकुमार, गजेंद्र, संदीप कसाना, सूबेदार, मोइन खान, मनीष, अरुण वैश्य, अखिलेश, अरविंद मिश्रा, रवीश, पंडित राकेश जायसवाल और अपनी किसान और स्थानीय निवासियों की उपस्थिति बेहद उत्साह पूर्वक सराहनीय रहीं।

देवरिया: डीएम की अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन

देवरिया: डीएम की अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन

हरिशंकर त्रिपाठी

देवरिया। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत बैंक शाखा प्रबंधकों का सूक्ष्म वित्त एवं वित्तीय समावेशन विषयक एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में विकास भवन स्थित गांधी सभागार में हुआ। इस अवसर पर बैंकर्स को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में नए आयाम जुड़ रहे हैं। इनसे ग्रामीण भारत की कई समस्याओं का समाधान हो रहा है। रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों द्वारा किए जा रहे कार्यों की मॉनिटरिंग करने एवं उनकी समस्याओं के समाधान के लिए एक प्रभावी मैकेनिज्म बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने जनपद के समस्त बैंकर्स से आरबीआई द्वारा निर्धारित नॉर्म्स के मुताबिक स्वयं सहायत समूहों के खाते खोलने तथा माइक्रोफाइनेंस उपलब्ध कराने के लिए प्राथमिकता देने को कहा।

मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार ने कहा कि जनपद में कुल 14300 एसएचजी पहले से गठित हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2521 नए समूहों का गठन होना है, जिनके लिए समूह बचत खाता खोलना होगा। समूहों के लिए 4000 कैश क्रेडिट लिंक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इन सभी कार्यों में बैंकर्स के सक्रिय सहयोग की आवश्यकता होगी। कार्यशाला में एआईआरडी हैदराबाद के एस सुंदरम तथा राजन बाबू ने जनपद के बैंकर्स को स्वयं सहायता समूहों की क्रेडिट लिंकेज, वित्तीय साक्षरता एवं माइक्रोफाइनेंस के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी दी। इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी रवि शंकर राय, डीसी मनरेगा बीएस राय, नाबार्ड के डीडीएम संचित सिंह, एलडीएम समेत बड़ी संख्या में बैंकर्स उपस्थित थे।

उपराष्ट्रपति पद, अल्वा ने नामांकन-पत्र दाखिल किया

उपराष्ट्रपति पद, अल्वा ने नामांकन-पत्र दाखिल किया 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। देश में उपराष्ट्रपति का चुनाव होना है और इसके लिए सत्तारूढ़ एनडीए सहित विपक्षी दलों की ओर से प्रत्याशी के नाम घोषित किए जा चुके हैं। लंबे समय तक राजस्थान की सियासत का चर्चित चेहरा और वर्तमान में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को भारतीय जनता पार्टी और एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। वहीं, पांच बार सांसद, केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल रह चुकी मार्गरेट अल्वा को विपक्षी दलों ने अपना प्रत्याशी बनाया है। चुनाव प्रक्रिया के बीच नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। विपक्ष की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने मंगलवार को अपना नामांकन-पत्र दाखिल कर दिया। 
इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, शिवसेना नेता संजय राउत एवं अन्य विपक्षी दल के नेता मौजूद थे। बता दें कि मार्गरेट अल्वा उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की ओर से साझा उम्मीदवार घोषित की गई हैं। एनसीपी चीफ शरद पवार ने इनके नाम का एलान किया था।

गांधी परिवार की वफादार रही हैं अल्वा...
उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की साझा उम्मीदवार घोषित की गईं मार्ग्रेट अल्वा कांग्रेस नेताओं की उस पीढ़ी से आती हैं जो लगातार गांधी परिवार की वफादार बनी रहीं। 1969 में उन्होंने इंदिरा गांधी के प्रति वफादारी के साथ कांग्रेस की राजनीति में कदम रखा था। गांधी परिवार से उनकी वफादारी चार दशक तक लगातार जारी रही और इस दौरान उन्हें इसका पूरा लाभ भी मिला। 1974 से 1998 तक पार्टी ने उन्हें लगातार राज्यसभा में भेजा। इसके बाद 1999 से 2004 तक वह लोकसभा की सदस्य रहीं। एक बार कैबिनेट मंत्री का पद भी संभाला। हालांकि 2004 में वह लोकसभा चुनाव हार गईं। बाद में वह राज्यपाल बनाई गईं।

साल 2008 में सोनिया गांधी से मतभेद...
हालांकि, 2008 में पहली बार तात्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनका मतभेद हुआ। तब अल्वा ने कर्नाटक में पार्टी नेतृत्व पर टिकट बेचने का सार्वजनिक आरोप लगाया था। दरअसल उनके बेटे निवेदित अल्वा को टिकट देने से प्रदेश नेतृत्व ने इंकार कर दिया था।

मतभेद के बाद दिया था इस्तीफा...
इसके बाद उनकी सोनिया गांधी से मुलाकात हुई जिसके बाद उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। हालांकि कुछ समय बाद ही उन्होंने वापसी की और उन्हें उत्तराखंड का राज्यपाल बना दिया गया। वह उत्तराखंड की पहली महिला राज्यपाल थीं। उनके एक अन्य पुत्र निखिल अल्वा को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। कांग्रेस प्रचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने उनकी उम्मीदवारी को देश की विविधता का प्रतिनिधित्व करार दिया है।

पालतू कुत्ते का हर साल रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी

पालतू कुत्ते का हर साल रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी 

संदीप मिश्र         

कानपुर। अगर आप कानपुर में रहते हैं और आपने डॉगी पाल रखा है या पालने का सोच रहे हैं, तो ये खबर आपको जरूर जान लेनी चाहिए। कानपुर नगर निगम ने पालतू कुत्तों को लेकर नया नियम बनाया है। जिसके मुताबिक कानपुर में हर पालतू कुत्ते का हर साल रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है। निगम ने रजिस्ट्रेशन फीस भी बढ़ा दी है। विदेशी नस्ल के कुत्ते के लिए आपको 500 रुपये और देसी नस्ल के कुत्ते के लिए आपको 300 रुपये देने होंगे। कानपुर नगर निगम अभी तक पालतू कुत्तों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करता था।

कानपुर नगर निगम के मुताबिक, अगर कोई कुत्ता पाल रहा है और उसने उसका रजिस्ट्रेशन नहीं करावाया है तो कुत्ता मालिक से जुर्माना वसूला जाएगा। इसके अलावा नगर निगम कुत्ता जब्त भी कर सकता है। गौरतलब है कि लखनऊ में पालतू पिटबुल कुत्ते द्वारा अपनी मालकिन की नोच नोचकर हत्या का मामला सामने आने के बाद कई जिला प्रशासन सतर्क हो गए हैं। कानपुर में अगर कोई पालतू कुत्ता रखता है और उसका रजिस्ट्रेशन नहीं कराता है और उसपर जुर्माना लगाया जाएगा। 

यही नहीं, डॉग ऑनर के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। कानपुर से पहले गोरखपुर और मिर्जापुर जिला प्रशासन भी पालतू कुत्तों को लेकर नया नियम लागू कर चुका है। दोनों ही जगह पर पालतू कुत्तों को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की गई है। वहीं दूसरी तरफ लखनऊ नगर निगम ने पिटबुल डॉग के लाइसेंस पर अस्थाई तौर पर रोक लगा दी है। लखनऊ नगर निगम के मुताबिक विदेशी नस्ल के कुत्ते का ट्रेनिंग, टीके और उसके बर्ताव का निरीक्षण करने के बाद ही लाइसेंस बनाया जाएगा।

जाति प्रमाण-पत्र मांगे जाने पर सवाल खड़े किए

जाति प्रमाण-पत्र मांगे जाने पर सवाल खड़े किए  

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। अग्निवीर योजना की शुरुआत से ही विपक्ष लगातार हमलावर रहा है। अब एक बार विपक्ष ने जाति प्रमाण-पत्र मांगे जाने पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि सेना की ओर से इस संबंध में जवाब आ गया है। इसके बाद भाजपा ने विपक्षी दलों पर तंज कसा है।
सेना में भर्ती के आवेदकों से जाति पूछने पर आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि "मोदी सरकार का घटिया चेहरा देश के सामने आ चुका है। क्या मोदी जी दलितों/पिछड़ों/आदिवासियों को सेना भर्ती के क़ाबिल नही मानते? भारत के इतिहास में पहली बार सेना भर्ती में जाति पूछी जा रही है। मोदी जी आपको अग्निवीर बनाना है या जातिवीर"।
राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि "आरएसएस जाति के आधार पर अग्निवीरों की छंटनी करेगा। सेना में आरक्षण नहीं है तो जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है? आजादी के बाद 75 वर्षों तक सेना में ठेके पर अग्निपथ व्यवस्था लागू नहीं थी। सेना में भर्ती होने के बाद 75% सैनिकों की छँटनी नहीं होती थी लेकिन संघ की कट्टर जातिवादी सरकार अब जाति/धर्म देखकर 75% सैनिकों की छँटनी करेगी।"
इससे पहले बिहार की सत्ताधारी पार्टी और भाजपा के सहयोगी जनता दल यूनाइटेड के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए थे। उन्होंने ट्वीट कर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से पूछा कि सेना की बहाली में जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है, जब इसमें आरक्षण का कोई प्रावधान ही नहीं है। संबंधित विभाग के अधिकारियों को स्पष्टीकरण देना चाहिए।

जाति मामले पर सेना की सफाई...

भारतीय सेना के अनुसार अग्निपथ योजना के तहत सेना भर्ती प्रक्रिया में कोई खास बदलाव नहीं किया गया है। सेना भर्ती के दौरान जाति प्रमाण पत्र लेने की व्यवस्था पहले से चली आ रही है। साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका पर सेना की ओर से बताया गया था कि सेना की भर्ती में धर्म और जाति का कोई रोल नहीं है लेकिन यह प्रशासनिक जरूरत है। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी जवाब दे चुके हैं कि भर्ती प्रक्रिया 1949 से चली आ रही व्यवस्था के अनुरूप है और इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है।

विपक्ष पर भाजपा का तंज...

इस मामले में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कुछ पार्टियां समय-समय पर भारतीय सेना पर सवाल उठाकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रही है। पात्रा ने कहा कि भारतीय सेना जाति-धर्म से ऊपर है। भारतीय सेना के मामले में राजनीति नहीं करनी चाहिए लेकिन कांग्रेस और आम आदमी पार्टी देश की सेना पर सवाल खड़े करते रहते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि भारतीय सेना में जाति अथवा धर्म के आधार पर कोई भर्ती प्रक्रिया नहीं होती। सेना ने स्वयं वर्ष 2013 में सुप्रिम कोर्ट में एफिडेविट के माध्यम से स्पष्ट किया था की सेना भर्ती में जाति-धर्म का कॉलम सिर्फ रिकॉर्ड के लिए है। विपक्ष के नेता इस पर भ्रम पैदाकर सेना का अपमान कर रहे हैं।

फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज

फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज  कविता गर्ग  मुंबई। निर्माता रत्नाकर कुमार, सुपरस्टार अक्षरा सिंह और विक्रांत सिंह राजपूत ...