मंगलवार, 19 जुलाई 2022

जाति प्रमाण-पत्र मांगे जाने पर सवाल खड़े किए

जाति प्रमाण-पत्र मांगे जाने पर सवाल खड़े किए  

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। अग्निवीर योजना की शुरुआत से ही विपक्ष लगातार हमलावर रहा है। अब एक बार विपक्ष ने जाति प्रमाण-पत्र मांगे जाने पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि सेना की ओर से इस संबंध में जवाब आ गया है। इसके बाद भाजपा ने विपक्षी दलों पर तंज कसा है।
सेना में भर्ती के आवेदकों से जाति पूछने पर आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने कहा कि "मोदी सरकार का घटिया चेहरा देश के सामने आ चुका है। क्या मोदी जी दलितों/पिछड़ों/आदिवासियों को सेना भर्ती के क़ाबिल नही मानते? भारत के इतिहास में पहली बार सेना भर्ती में जाति पूछी जा रही है। मोदी जी आपको अग्निवीर बनाना है या जातिवीर"।
राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि "आरएसएस जाति के आधार पर अग्निवीरों की छंटनी करेगा। सेना में आरक्षण नहीं है तो जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है? आजादी के बाद 75 वर्षों तक सेना में ठेके पर अग्निपथ व्यवस्था लागू नहीं थी। सेना में भर्ती होने के बाद 75% सैनिकों की छँटनी नहीं होती थी लेकिन संघ की कट्टर जातिवादी सरकार अब जाति/धर्म देखकर 75% सैनिकों की छँटनी करेगी।"
इससे पहले बिहार की सत्ताधारी पार्टी और भाजपा के सहयोगी जनता दल यूनाइटेड के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए थे। उन्होंने ट्वीट कर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से पूछा कि सेना की बहाली में जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है, जब इसमें आरक्षण का कोई प्रावधान ही नहीं है। संबंधित विभाग के अधिकारियों को स्पष्टीकरण देना चाहिए।

जाति मामले पर सेना की सफाई...

भारतीय सेना के अनुसार अग्निपथ योजना के तहत सेना भर्ती प्रक्रिया में कोई खास बदलाव नहीं किया गया है। सेना भर्ती के दौरान जाति प्रमाण पत्र लेने की व्यवस्था पहले से चली आ रही है। साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका पर सेना की ओर से बताया गया था कि सेना की भर्ती में धर्म और जाति का कोई रोल नहीं है लेकिन यह प्रशासनिक जरूरत है। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी जवाब दे चुके हैं कि भर्ती प्रक्रिया 1949 से चली आ रही व्यवस्था के अनुरूप है और इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है।

विपक्ष पर भाजपा का तंज...

इस मामले में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कुछ पार्टियां समय-समय पर भारतीय सेना पर सवाल उठाकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रही है। पात्रा ने कहा कि भारतीय सेना जाति-धर्म से ऊपर है। भारतीय सेना के मामले में राजनीति नहीं करनी चाहिए लेकिन कांग्रेस और आम आदमी पार्टी देश की सेना पर सवाल खड़े करते रहते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि भारतीय सेना में जाति अथवा धर्म के आधार पर कोई भर्ती प्रक्रिया नहीं होती। सेना ने स्वयं वर्ष 2013 में सुप्रिम कोर्ट में एफिडेविट के माध्यम से स्पष्ट किया था की सेना भर्ती में जाति-धर्म का कॉलम सिर्फ रिकॉर्ड के लिए है। विपक्ष के नेता इस पर भ्रम पैदाकर सेना का अपमान कर रहे हैं।

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