सोमवार, 2 सितंबर 2019

आज मिलेगी स्विस खाताधारको की सूची

नई दिल्ली। पिछले पाँच सालों में मोदी सरकार ने ब्‍लैकमनी पर नकेल कसने के लिये नोटबंदी और बेनामी प्रॉपर्टी से जुड़े कई अहम फैसले लिये हैं। अब सरकार के दूसरे कार्यकाल में ब्‍लैकमनी को लेकर जो खबर आई है वो थोड़ी राहत देने वाली है। स्विस बैंकों में किन भारतीयों के बैंक खाते हैं इस बात से आज पर्दा उठने वाला है। स्विट्जरलैंड में बैंक खाते रखने वाले भारतीय नागरिकों की जानकारी आज से टैक्स अधिकारियों के पास उपलब्ध हो जायेगी। इस कदम को लेकर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा, 'काले धन के खिलाफ सरकार की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है और स्विस बैंकों के गोपनीयता का युग आखिरकार अब खत्म हो जायेगा। ' सीबीडीटी आयकर विभाग के लिये नीति बनाता है वहीं सीबीडीटी ने बताया कि भारत को स्विट्जरलैंड में भारतीय नागरिकों के साल 2018 में बंद किये खातों की जानकारी भी मिलेगी।
सीबीडीटी का कहना है कि सूचना आदान-प्रदान की यह व्यवस्था शुरू होने के ठीक पहले भारत आये स्विट्जरलैंड के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजस्व सचिव एबी पांडेय, बोर्ड के चेयरमैन पीसी मोदी और बोर्ड के सदस्य (विधायी) अखिलेश रंजन के साथ बैठक की। 29-30 अगस्त के बीच आये इस प्रतिनिधिमंडल की अगुआई स्विट्जरलैंड के अंतरराष्ट्रीय वित्त मामलों के राज्य सचिवालय में कर विभाग में उप प्रमुख निकोलस मारियो ने की।


कितना है काला धन?


इस साल लोकसभा में जून महीने में वित्त पर स्टैंडिंग कमिटी की एक रिपोर्ट पेश की गयी थी। इसके मुताबिक साल 1980 से साल 2010 के बीच 30 साल के दौरान भारतीयों के जरिये लगभग 246.48 अरब डॉलर यानी 17,25,300 करोड़ रुपये से लेकर 490 अरब डॉलर यानी 34,30,000 करोड़ रुपये के बीच काला धन देश के बाहर भेजा गया।


छोटी उम्र से मिट्टी गढ़कर देता है 'आकार'

5 वर्ष की उम्र से अभिषेक अपने हाथों से मिट्टी को गढ़कर देवताओं की प्रतिमा को दे रहा स्वरूप


कोरबा-पाली। कला एक ऐसा ज्ञान है जो किसी उम्र की मोहताज नही होती।ना ही इसमें कोई बंधन सीमा होता है।बस उसे सीखने का लगन मन में होना चाहिए।जिस 5 वर्ष की आयु में बच्चे उछलकूद में व्यक्त रहते है।उसी बालपन में अभिषेक अपने हाथों से मिटटी को गढ़ना प्रारंभ किया।और तब से आज तक उसी मिट्टी से विभिन्न देवताओं की प्रतिमा गढ़ उसे रूप प्रदान करते आ रहा है। 


पाली नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक-03 का निवासी अभिषेक प्रजापति महज 5 वर्ष की उम्र से ही विभिन्न देवी-देवताओं की प्रतिमा को गढ़कर उन्हें आकार देता आ रहा है।10 वी तक की पढ़ाई कर स्कूल छोड़ चुके 22 वर्षीय अभिषेक के साथ उसकी माँ व एक छोटा भाई है।भाई के पढ़ाई लिखाई के साथ सभी के पेट पालने की जिम्मेदारी भी अभिषेक के कंधों पर ही है।आज गणेश चतुर्थी है।और आज से 10 दिन तक हर गली मोहल्लों में गणपति बप्पा की धूम रहेगी।हर भक्तों के पास विघ्नहर्ता की प्रतिमा पहुँच सके इसके लिए अभिषेक ने छोटे बड़े सहित विभिन्न मुद्राओं में गणेश जी की प्रतिमा तैयार किया है।अपने घर पर एक गणेश प्रतिमा को आकृति दे रहे अभिषेक को देखकर सहसा मेरा वाहन पर ब्रेक लग गया और जिज्ञासावश उसके पास जाकर उसके हुनर के बारे पर जब जानने का प्रयास किया तब अभिषेक ने बताया कि उसके नाना स्वर्गीय पुनाराम प्रजापति मूर्ति बनाने का काम किया करते थे।जिसे देखकर मुझमे भी मूर्ति बनाने की ललक बढ़ी और 5 वर्ष की उम्र से नाना के साथ मिलकर मूर्ति बनाने का काम प्रारंभ किया।साथ ही पढ़ाई भी जारी रखा।लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण 10 वी के बाद स्कूल जाना बंद हो गया और पढ़ाई छूट गई।इस प्रकार आज लगभग 15 वर्ष से गणेश,दुर्गा,विश्वकर्मा सहित अन्य देवी-देवताओं की छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी प्रतिमा तैयार कर बेचने का काम करता हूँ।साथ ही अन्य भी काम करके घर का खर्च चला रहा हूँ।कहने को तो आज के परिवेश में 20 से 22 वर्ष की उम्र में अधिकतर युवावर्ग काम करने की शुरुआत करते है।लेकिन अभिषेक द्वारा इसी उम्र में घर चलाने का पहिया अपने हाथों थामकर रखना प्रेरणादायी है।अभिषेक द्वारा बनाए गए मूर्तियों को लोग काफी पसंद करते है।जिसके कारण इसके हाथों की बनाई गई मूर्तियों की मांग भी ज्यादा रहती है।गणेशोत्सव समाप्त होने पश्चात विश्वकर्मा जयंती जिसके बाद नवरात्रि का पर्व प्रारंभ होने को है।ऐसे में अभिषेक गणेश के बाद अब विश्वकर्मा और दुर्गा प्रतिमा बनाने में जुट जाएगा।


रिपोर्टर- कमल महंत


राहुल के रवैए की कड़ी आलोचना:भाजपा

दिल्ली। गृहमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता अमित शाह ने कश्मीर के मामले पर राहुल के रवैय्ये की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए। राहुल गांधी के बयानों का इस्तेमाल देश के खिलाफ पाकिस्तान कर रहा है।अमित शाह ने राहुल पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी जितने देश विरोधी बयान देते हैं उनकी पाकिस्तान में तारीफ होती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बयानों के मायने निकालकर देश के खिलाफ प्रयोग किया जाता है। यह देश की संप्रभुता के लिए उचित नहीं है। कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए कि उनका नेता ऐसी हरकत कर रहा है। शाह ने कहा कि धारा 370 हटने से कश्मीर घाटी में तरक्की के रास्ते खुलेंगे और घाटी का विकास होगा लेकिन कांग्रेस नेताओं को ये नहीं पसंद आ रहा है।


वेस्टइंडीज के लिए'कमबैक'आसान नहीं

भारत और वेस्टइंडीज के टेस्ट सीरीज का दूसरा और आखिरी मुकाबला जारी है, जहां तीन दिन का खेल खत्म हो चुका है और आज चौथे दिन का खेल होगा, जहां टीम इंडिया आज ही मैच को जीतना चाहेगी, तो वहीं कैरेबियाई टीम किसी भी कीमत पर मैच में कमबैक करना चाहेंगे जो इतना आसान होगा नहीं।टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज के सामने जीत के लिए 468 रन का बड़ा टारगेट सेट किया है। टीम इंडिया ने अपनी पहली पारी में 416 रन बनाए थे जिसके जवाब में वेस्टइंडीज की पहली पारी 117 रन पर सिमट गई, यहां टीम इंडिया  ने फिर से दूसरी पारी में बल्लेबाजी की और 168 रन 4 विकेट पर पारी घोषित कर दिया। और इस तरह से दूसरी पारी में 168 रन और पहली पारी में मिली 299 रन की बड़ी बढ़त के साथ टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज के सामने जीत के लिए 468 रन का बड़ा टारगेट सेट किया है, जिसके जवाब में दूसरी पारी में वेस्टइंडीज की टीम ने दो विकेट खोकर 45 रन बना लिए हैं।


दूसरी पारी में इंडियन बल्लेबाज


दूसरी पारी में टीम इंडिया के बल्लेबाजों में लोकेश राहुल और मयंक अग्रवाल पारी की शुरुआत करने उतरे जहां मयंक अग्रवाल 4 रन और लोकेश राहुल 6 रन बनाकर आउट हो गए, इसके बाद चेतेश्वर पुजारा ने  27 रन बनाए, विराट कोहली का खाता भी नहीं खुला, लेकिन फिर अजिंक्या रहाणे और हनुमा विहारी ने पारी को संभाला और अर्धशतक लगाकर नाबाद रहे, हनुमा विहारी ने जहां नाबाद 53 रन बनाए तो वहीं अजिंक्या रहाणे 64 रन बनाकर नाबाद रहे।


पहली पारी में टीम इंडिया


इससे पहले पहली पारी में भारतीय गेंदबाजों में जसप्रीत बुमराह ने सबसे ज्यादा 6 विकेट निकाले,  एक विकेट ईशांत शर्मा, 2 विकेट मोहम्मद शमी और 1 विकेट रविंन्द्र जडेजा ने हासिल किया।वहीं बल्लेबाजों की बात करें तो पहली पारी में टीम इंडिया के बल्लेबाजों में हनुमा विहारी ने शानदार 111 रन की शतकीय पारी खेली, विराट कोहली ने 76 रन बनाए, ईशांत शर्मा ने 57 रन बनाए और मयंक अग्रवाल ने भी 55 रन बनाए थे।


1990 में सचिन ने किया था ऐसा कारनामा

भारत और वेस्टइंडीज के बीच दो मैच की टेस्ट सीरीज जारी है। जहां तीन दिन का खेल खत्म हो चुका है और आज चौथे दिन का खेल खेला जाएगा।


मौजूदा वेस्टइंडीज दौरा और दो मैच की टेस्ट सीरीज टीम इंडिया के इस युवा खिलाड़ी के लिए शानदार रहा, क्योंकि 25 साल के युवा खिलाड़ी हनुमान विहारी इस सीरीज में शानदार फॉर्म में रहे और अभी टॉप स्कोरर भी बन चुके हैं।अपने इसी शानदार फॉर्म की बदौलत हनुमा विहारी ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है जो कभी सचिन तेंदुलकर ने किया था। दरअसल हनुमान विहारी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ चल रहे सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में 111 रन बनाकर शानदार शतकीय पारी खेली, और फिर दूसरी पारी में नाबाद 53 रन बनाए। और ये सब किया नंबर-6 पर बल्लेबाजी करते हुए।कुछ ऐसा ही कारनामा साल 1990 में मैनचेस्टर में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में सचिन तेंदुलकर ने किया था, जब उन्होंने नंबर-6 पर ही बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में शतक लगाया था और फिर दूसरी पारी में अर्धशतक लगाया।


जाधव को आज मिलेगी राजनयिक पहुँच

इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने रविवार को कहा कि ''अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) के फैसले के अनुरूप'' आज कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच मुहैया कराई जायेगी। भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी को राजनयिक पहुंच दिये जाने की शर्तों पर भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेदों के कारण लगभग छह महीने पहले भारतीय अधिकारियों की जाधव के साथ मुलाकात पर सहमति नहीं बन पाई थी। जाधव (49) को ''जासूसी और आतंकवाद'' के आरोप में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल, 2017 में मौत की सजा सुनाई थी। उसके बाद भारत ने आईसीजे पहुंचकर उनकी मौत की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी। विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने ट्वीट किया, ''भारतीय जासूस कमांडर कुलभूषण जाधव को राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन, आईसीजे के फैसले और पाकिस्तान के कानूनों के अनुरूप राजनयिक पहुंच सोमवार (दो सितम्बर, 2019) को उपलब्ध कराई जायेगी।'' उन्होंने कहा, ''कमांडर जाधव जासूसी, आतंकवाद और विध्वंस के लिए पाकिस्तान की हिरासत में रहेगा।'
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को भारत द्वारा हटाये जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच ताजा विवाद के बीच पाकिस्तान की यह पेशकश सामने आई है। पाकिस्तान विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने का प्रयास कर रहा है लेकिन भारत का कहना है कि यह उसका आतंरिक मामला है। इससे पूर्व फैसल ने बृहस्पतिवार को एक साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा था कि पाकिस्तान और भारत जाधव को ''राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने के मुद्दे'' पर संपर्क में है। उसी दिन भारत ने कहा था कि पाकिस्तान से जाधव को ''तत्काल, प्रभावी और निर्बाध'' राजनयिक पहुंच मिलनी चाहिए और वह राजनयिक माध्यमों से पड़ोसी देश के संपर्क में है।पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने एक अगस्त को कहा था कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी को अगले दिन राजनयिक पहुंच दी जायेगी।


हालांकि, जाधव को राजनयिक पहुंच की शर्तो को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेदों के बीच दो अगस्त की अपराह्र तीन बजे प्रस्तावित यह बैठक नहीं हो सकी थी।आईसीजे ने 17 जुलाई को पाकिस्तान को जाधव को सुनाई गयी फांसी की सजा पर प्रभावी तरीके से फिर से विचार करने और राजनयिक पहुंच प्रदान करने का आदेश दिया था।पाकिस्तान द्वारा कथित तौर पर रखी गई शर्तों में से एक शर्त यह थी कि राजनयिक पहुंच के तहत जब जाधव को भारतीय अधिकारियों से मिलने की अनुमति दी जायेगी तो उस समय एक पाकिस्तानी अधिकारी वहां उपस्थित रहेगा।भारत ने इस शर्त पर असहमति जताते हुए अपनी स्थिति स्पष्ट की थी कि राजनयिक पहुंच ''निर्बाध'' होनी चाहिए और यह आईसीजे के फैसले के अनुरूप होनी चाहिए।पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा बलों ने जाधव को तीन मार्च, 2016 को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था। उन पर ईरान से यहां आने के आरोप लगे थे। हालांकि, भारत का मानना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कारोबार के सिलसिले में थे।


मंदी को स्वीकार करें वित्त मंत्री:प्रियंका

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने ''मंदी'' की बात नहीं स्वीकारने को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर रविवार को निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में ''राजनीति'' से ऊपर उठने और भारत की जनता से सच बोलने की जरूरत हैं। प्रियंका की यह टिप्पणी वित्तमंत्री द्वारा यह कहे जाने के बाद कि सरकार जरूरत के मुताबिक क्षेत्रवार समस्याओं को सुलझाने के कदम उठा रही है, के बाद आई है। दरअसल सीतारमण से पत्रकारों ने पूछा था कि क्या अर्थव्यवस्था में नरमी आ रही है।


सीतारमण ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का कोई भी क्षेत्र अपनी समस्याओं के साथ हमारे पास आता है तो हम उन्हें सुनते हैं और उसके हिसाब से कदम उठाते हैं। वित्त मंत्री पर निशाना साधते हुए प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट किया कि क्या सरकार स्वीकार करती है कि मंदी है या नहीं? वित्त मंत्री को हमारी अर्थव्यवस्था के बारे में राजनीति से ऊपर उठने और भारत के लोगों से सच बोलने की जरूरत है। कांग्रेस महासचिव ने पूछा कि वे इस बात को स्वीकार करने के लिए भी तैयार नहीं है तो कैसे वे इस बड़ी समस्या को हल करेंगे जो उन्होंने खुद पैदा की है।


'जिंदा है कसाब' उत्तर प्रदेश प्रशासन

कानपुर। मुंबई हमले 26/11 के दोषी अजमल कसाब को 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई। लेकिन उत्तर प्रदेश के ओरैया जिले के प्रशासन के रिकॉर्ड पर यदि यकीन करें तो दुर्दांत आतंकवादी कसाब अभी जिंदा है और उसके नाम से निवास प्रमाण-पत्र जारी होने का मामला सामने आया है। मामला सामने आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया और कसाब को निवास प्रमाण-पत्र जारी करने वाले लेखपाल को निलंबित कर दिया गया है। बता दें कि कसाब को महाराष्ट्र के यरवदा जेल में छह साल पहले फांसी दी जा चुकी है।


मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक मामले की गंभीरता को देखते हुए जिले के अधिकारियों ने प्रारंभिक स्तर की जांच करने के बाद कसाब को जारी निवास प्रमाण-पत्र रद्द करने के साथ ही संबंधित लेखपाल को निलंबित कर दिया है। अधिकारियों ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। मामले की जांच कर रहे एसडीएम बिधूना प्रवेंद्र कुमार ने टीओआई को बताया कि अजमल कसाब के नाम से एक निवास प्रमाण-पत्र जारी किया गया था। उन्होंने बताया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ऑनलाइन आवेदन किया था।रिपोर्ट के मुताबिक निवास प्रमाण पत्र में कसाब का जन्म स्थान बिधूना बताया गया है और माता-पिता के नाम के तौर पर मुमताज बेगम एवं मोहम्मद आमिर के नाम दर्ज हैं। निवास प्रमाण-पत्र पर पंजीयन संख्या 181620020060722 दर्ज है।


एसडीएम ने बताया कि इस अनियमितता के लिए जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा, 'जांच में अनियमितता मिलने पर हमने तहसील कार्यालय में तथ्यों की जांच की। हमने पाया कि उसमें दिया गया पता फर्जी है। हमारे अनुरोध पर राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) ने उसका निवास प्रमाण-पत्र रद्द कर दिया है।' अधिकारी ने बताया कि जिस लेखपाल के सत्यापन रिपोर्ट पर निवास प्रमाण-पत्र जारी किया गया था, हमने उस संबंधित लेखपाल को निलंबित कर दिया है।गौरतलब है कि पाकिस्तान से समुद्र मार्ग से मुंबई में दाखिल हुए 10 आतंकवादियों ने आर्थिक राजधानी पर कहर बरपाया था। आतंकवादियों के इस हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए। सुरक्षाबलों की कार्रवाई में सभी आतंकवादी मारे गए जबकि अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया। कसाब पर मुकदमा चलाए जाने के बाद उसे 21 नवंबर 2012 को फांसी की सजा दी गई।


अड़चनें खत्म,स्थिति अनुकूल रहेगी:कर्क

राशिफल


मेष-एकाएक स्वास्थ्‍य खराब हो सकता है, लापरवाही न करें। दूर से दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। व्यर्थ दौड़धूप होगी। विवाद से स्वाभिमान को चोट पहूंच सकती है। काम में मन नहीं लगेगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। आय में निश्चितता रहेगी। जोखिम न लें।


वृष-प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। लाभ देगा। कोई बड़ा काम करने का मन बनेगा। प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि में जल्दबाजी न करें। लाभ होगा।


मिथुन-फिजूलखर्ची ज्यादा होगी। शत्रु भय रहेगा। शारीरिक कष्ट से बाधा उत्पन्न होगी। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। नए काम करने का मन बनेगा। दूर यात्रा की योजना बनेगी। व्यापार से लाभ होगा। नौकरी में चैन रहेगा। जोखिम न लें।


कर्क-कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल बनेगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोई ऐसा कार्य न करें जिससे कि अपमान हो। व्यापार-व्यवसाय अनुकूल रहेगा। निवेश सोच-समझकर करें। नौकरी में चैन रहेगा। मित्रों का सहयोग मिलेगा।


सिंह-नौकरी में अधिकार मिल सकते हैं। सुख के साधन जुटेंगे। भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। स्वास्थ्‍य संबंधी चिंता बनी रहेगी। आशंका व कुशंका रहेगी। कार्य में बाधा संभव है। उत्साह बना रहेगा।


कन्या-विवेक का प्रयोग करें। समस्याएं कम होंगी। शारीरिक कष्ट संभव है। अज्ञात भय रहेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे।


तुला-नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। सुख के साधन जुटेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। धनहानि हो सकती है। सावधानी आवश्यक है। थकान महसूस होगी।


वृश्चिक-स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में सावधानी रखें। विवाद से क्लेश हो सकता है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। पार्टनरों से कहासुनी हो सकती है। भागदौड़ होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। लाभ के लिए प्रयास करें।


धनु-घर के छोटे सदस्यों संबंधी चिंता रहेगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। कोई बड़ा काम करने का मन बनेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। व्यापार मनोनुकूल रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। जल्दबाजी न करें।


मकर-वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। शारीरिक कष्ट संभव है। अज्ञात भय सताएगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। तंत्र-मंत्र में रुचि जागृत होगी। किसी जानकार व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त हो सकता है। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे।


कुंभ-अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अधिकार बढ़ने के योग हैं। कोई बड़ी समस्या का अंत हो सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। लेन-देन में सावधानी रखें।


मीन-कोई बड़ा खर्च एकाएक सामने आएगा। कर्ज लेना पड़ सकता है। कुसंगति से बचें। किसी व्यक्ति के काम की जवाबदारी न लें। स्वयं के काम पर ध्यान दें। बनते काम बिगड़ सकते हैं। विवाद को बढ़ावा न दें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यापार ठीक चलेगा। कार्यकुशलता कम होगी।


मनोदशा की आकृति-चिंता

चिन्ता "एक भविष्य उन्मुख मनोदशा है, जिसमें एक व्यक्ति आगामी नकारात्मक घटनाओं का सामना करने का प्रयास करने के लिये इच्छुक या तैयार होता है”जो कि यह सुझाव देता है कि भविष्य बनाम उपस्थित खतरों के बीच एक अंतर है जो भय और चिन्ता को विभाजित करता है। चिंता को तनाव की एक सामान्य प्रतिक्रिया माना जाता है। यह किसी व्यक्ति कि किसी मुश्किल स्थिति, काम पर या स्कूल में किसी को इससे निपटने के लिए उत्साहित करने पर, से निपटने में मदद कर सकती है। अधिक चिंता करने पर, व्यक्ति दुष्चिन्ता विकार का शिकार हो सकता है।


चिंता के शारीरिक प्रभाव में दिल का पल्पिटेशन, मांसपेशियों में कमजोरी, तनाव, थकान, मिचली, सीने में दर्द, सांस की कमी, पेट में दर्द या सिर दर्द शामिल हो सकते हैं जब शरीर खतरों से निपटने के लिए होता है: तब रक्तचाप और दिल की गति की दर बढ़ जाती है, पसीना बढ़ जाता है, प्रमुख मांसपेशी समूहों के लिए रक्त का बहाव बढ़ जाता है और प्रतिरक्षा और पाचन तंत्र प्रणालीयां में रुकावट आ जाती है (लड़ो या भागो का प्रतिक्रिया)। पीली त्वचा, पसीना, कांप और पपीलअरी फैलाव चिंता के बाहरी लक्षणाँ में शामिल हो सकते हैं। कोई, जिसे चिंता है इसे भय या आतंक का भाव के रूप में अनुभव कर सकता है। हालांकि हर व्यक्ति जिसे चिंता आतंक के दौरे अनुभव नहीं करता, ये एक आम लक्षण है। आतंक के दौरे आम तौर पर बिना चेतावनी के आते हैं और यद्यपि आम तौर पर डर तर्कहीन है, परंतु खतरे की धारणा बहुत वास्तविक है। एक व्यक्ति जो आतंक के दौरे का अनुभव कर रहा हो, अक्सर ऐसा मह्सूस करता है जैसे वह मरने या गुज़रनेवाला,गुज़रनेवाली है।


चिंता केवल भौतिक प्रभाव ही नहीं रखती बल्कि इसमें कई भावनात्मक प्रभाव भी शामिल हैं करती है। इसमें “आशंका या भय की भावनाओं, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, तनाव या उछाल की भावना, निकृष्ट्तम का अनुमान, चिड़चिड़ापन, बेचैनी, खतरे या घटना के संकेतों (और घटित होने) को देखना (और इंतजार करना) शामिल हैं और महसूस करना जैसे कि तुम्हारा मस्तिष्क शून्य हो गया हो”और साथ ही साथ ”दुस्वप्न, बुरे सपने, उत्तेजना के बारे में दुराग्रह, मस्तिष्क की भावनाओं इन एक फन्दा, देजा-वू और भावना की सब कुछ डरावना लग रहा है।


चिंता के संज्ञानात्मक प्रभाव में, आशंकित खतरों के विचार, जैसे मृत्यु का डर भी शामिल हो सकता है। "तुम डर सकते हो कि सीने में दर्द 'चिंता के शारीरिक लक्षण हैं' घातक दिल का दौरा है या सिर में शूटिंग दर्द 'चिंता का एक और शारीरिक लक्षण' ट्यूमर या धमनीविस्फार का परिणाम हैं। आप गहन भय का भाव अनुभव करते हैं जब आप मरने की सोंचते हैं या आप इस के विषय में सामान्य से अक्सर अधिक सोंचते हैं या इसे अपने मस्तिष्क से बाहर नहीं कर सकते हैं।


कर्तव्यवाद:यम नचिकेता वार्ता

कर्तव्यवाद
 मुनिवरो, पूर्व की भांति आपके समक्ष कुछ मनोहर वेद मंत्रों का गुणगान गाते चले जा रहे हैं। तुम्हें यह भी प्रतीत हो गया होगा कि आज हमने पूर्व से जिन वेद मंत्रों का पठन-पाठन किया है । हमारे यहां परंपरागत ही उस मनोहर वेदवाणी का प्रसार होता रहता है। जिस पवित्र वेद वाणी में मेरे देव परमपिता परमात्मा की महिमा का गुणगान गाया जाता है। क्योंकि वह परमपिता परमात्मा महान विज्ञान में रत रहने वाला है। जितना भी यह जगत मानवीय दृष्टिपात आ रहा है। उस सर्वत्र ब्राह्मण की आभा में वह परमपिता परमात्मा निहित हो रहे हैं। उसी में जिसके ऊपर मानव परंपरागत उसमे ही अनुसंधानकर्ता आ रहा है। विचार-विनिमय करता रहा है कि हम परमपिता परमात्मा के समीप जाना चाहते हैं। प्रत्येक मानव इसी विडंबना में नाना प्रकार की आभा में भ्रमण करता रहता है और कहीं न कहीं अपनी आभा में नियुक्त होता रहता है कि मैं उस परमपिता परमात्मा की आभा हूं। जिस प्रकार में घूमे विद्युत वास करती है  दृष्टिपात होने के बाद उसी में ओझल हो जाती है। उसी प्रकार उसमें अपने को ले जाओ उसमे ओझल हो जाओ। इसी प्रकार प्रत्येक मानव प्रकृति के आवेश में और प्रकृति के गर्भ में ओझल हो जाता है। परमपिता परमात्मा की आभा हम जानना चाहते है। परंतु जब संसार के नाना प्रकार के रूपों में रत होता है तो परमपिता परमात्मा के समीप में जाकर के वह प्रकृति के गर्भ में ही रमण करने लगता है। हमारा वेद मंत्र यह कहता है। हे मानव, यदि तू परमपिता परमात्मा को जानना चाहता है और उसके समीप जाना चाहता है। तुझे नाना प्रकार के इस प्रकृति के आवेशों को त्यागना होगा। प्रकृति को वह मानव त्‍याग आता है। जान लेता है यह इसकी जडवत प्रवृत्ति है। उस प्रवृत्ति को जो नहीं जान पाता है। वह प्रकृति को नहीं जान सकता। प्रकृति के आवावेशो को नहीं जान सकता। इसलिए हमारे ऋषि मुनि परंपरागत उसे ही इसके ऊपर विचार विनिमय करते रहें। विचारते रहे हैं कि हम प्रकृति के उन आवेशों को त्यागना चाहते हैं। जिन आवेशों में मानव अपने को जडवत बना लेता है। ज्ञान और चेतना के स्थान में वह जडवत बन जाता है। जडवत को त्यागना है और चेतना को अपनाना है। जो चेतना लाने का प्रयास करता है। और जडवत को त्याग देता है ।वहीं मानव संसार में महान बनता है। इसलिए हमारे आचार्यों ने अनुसंधानवेताओं ने राष्ट्रवेताओं ने अपने राष्ट्र को त्‍याग करके भयंकर वनों में अपनी चेतना में सदैव तत्पर रहें, रत रहे हैं। मुझे आज  कुछ वाक्य स्‍मरण आ रहे हैं जिन वाक्यों को मैंने पुरातन काल में तुम्हारे सम्मुख प्रकट किया है। एक समय बेटा महॠषि साक्लय मुनि परमपिता परमात्मा के हृदय मन हो रहे थे। अन्वेषण करते हुए महर्षि साक्‍लय मुनि के समीप एक वाक्य आया कि मैं तपस्वी कैसे बनूंगा। भयंकर वनों में यह विचार कर रहे थे और मन को कह रहे थे। हेमन तपस्वी कैसे बनेगा? नाना प्रकार की प्रवृत्ति वाला जो मन है। उसको अपने में धारण करने के लिए मैं ऋषि साक्‍लय मुनि महाराज के मन मे एक निष्ठा बनी और तपस्या करने लगे। हमारे यहां तप के नाना प्रकार के प्रयायवाची माने गए हैं। परंतु वेद कुछ और कहता है। वेद का मंत्र कहता है। तप:तपश्‍चयम्‌ ब्रह्मावाचोः तप किसे कहते हैं प्रत्येक मानव तप की विवेचना जानना चाहता है। 'तपस्या ब्रह्मा' कहलाता है। जिसके द्वारा मानव इंद्रियों का शुद्धिकरण होता है। प्रत्येक मानव परंपरागत नाना प्रकार के अनुष्ठान करता रहता है। अनुष्ठानों में केवल वायु का सेवन करने लगता है। नाना प्रकार की वनस्पतियों को पान करता है और अपान बना रहता है। नाना प्रकार के रूपों में एक ही मंत्र में मन को पवित्र बनाना है। क्योंकि मन को पवित्र बनाने के लिए मानव कहीं वायु का सेवन करता है। कहीं सत्यवादी बना रहता है और मुनिवर कहीं मन के शोधन के लिए अलग वारी बन जाता है। नौदा में भक्त बन जाता है कहीं पित्र भक्ति करने लगता है। कहीं आचार्य अनुष्ठान में लग जाता है। नाना प्रकार के भाव में रत हो जाता है। परंतु मंतव्य सब का एक ही है कि मेरा मन पवित्र हो जाए। मेरे पुत्रों, मन को पवित्र बनाने के लिए ऋषि-मुनियों ने एक मार्ग बड़ा सा एकत्रित किया हैं । उन्होंने अपने वाक्यों में वेद के कुछ मंत्रों को लाने का प्रयास किया। वाक्य इस प्रकार आए हैं।अन्‍न ब्रह्म वाचप्रहे वक्तव्य लोका: वेद का वाक्य कहता है कि अन्‍न ब्रह्म के समीप ले जाता है। वेद का मंत्र कहता है अन ब्रह्म के समीप ले जाता है तो बेटा याद कैसा वेद का शब्द है इसके ऊपर जब अन्वेषण करते हैं ऋषि मुनि तो बेटा विचार आया कि मना: वाचो व्रतम ब्रह्मा वाचा: वेद का वाक्य कहता है कि उनके पवित्र होने पर मन में पवित्रता आती है। इसलिए 'अन्न ब्रह्मा' कहा गया है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
september 03, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254
1.अंक-31 (साल-01)
2. मंगलवार,03सितबंर 2019
3.शक-1941,भादप्रद शुक्‍लपक्ष गणेश चतुर्थी,विक्रमी संवत 2076
4. सूर्योदय प्रातः 5:53,सूर्यास्त 6:54
5.न्‍यूनतम तापमान -27 डी.सै.,अधिकतम-35+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी, उमस बनी रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


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