अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों पर ऑल इंडिया माइनॉरिटी फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सैयद मोहम्मद आसिफ ने कहा है कि तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से खुदरा और थोक महंगाई दर में बेतहाशा बढ़ोतरी हो गई है। कोरोना के कारण लगाये गये लॉकडाउन में बढ़ी कंगाली में पेट्रोल डीजल के दाम में बढ़ोतरी से देश त्राहिमाम त्राहिमामकर उठा है। शनिवार को डॉ आसिफ ने राजधानी में जारी बयान में कहा कि एक तरफ कोरोना महामारी की वजह से लगाये गये लॉकडाउन के कारण लोगों का रोजगार छिन गया है। ऊपर से खाद्य तेल व डीजल पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के कारण लोग महंगाई की मार झेल रहे हैं। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पिछले 4 वर्षों से जब जब डीजल पेट्रोल के दाम में बढ़ोतरी हुई है।
उन्होंने पेट्रोलियम पदार्थो से होने वाली सरकार की कमाई का खर्च जनकल्याण के ऊपर करने को बताया है। कभी बताया है कि पेट्रोल डीजल से होने वाली आमदनी का खर्च देश की सड़कों के लिए किया जा रहा है। कभी कहा जाता है कि इसकी आमदनी रोजगार सृजन के लिए किए जा रहे उपायों पर खर्च की जा रही हैं। कभी बयान दिया कि इससे होने वाली आमदनी का खर्च केंद्र सरकार रेल हवाई जहाज में सफर करने वालों हवाई अड्डे और रेलवे प्लेटफार्म को आधुनिक बनाने के लिए खर्च किए जा रहे हैं। कभी उनका जवाब होता है कि ठंड के कारण पेट्रोल की कीमत में उछाल आया है। ठंड कम होते ही पेट्रोल के दाम कम हो जाएंगे। कभी कहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत में बढ़ोतरी हुई है। इसलिए तेल की कीमत में बढ़ोतरी हो रही है।
कभी कहते हैं कि पेट्रोल और डीजल पर बढ़ रही कीमतें कंट्रोल करने का अधिकार केंद्र सरकार को नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार अब बहाने बनाने से बाज आये। बहाने सुन सुनकर लोग उब चुके हैं। जब विपक्षी पार्टियां पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों पर आवाज उठाते हैं तो धर्मेंद्र प्रधान का जवाब होता है कि कांग्रेस पार्टी महाराष्ट,ª पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान में अपने सरकार से वेट कम करने के लिए क्यों नहीं कहती। पेट्रोल के दाम अपने आप कम हो जाएंगे। अगर केंद्र सरकार अपनी एक्साइज ड्यूटी और टैक्स को कुछ कम कर दे तो बढ़ते तेल की कीमतों से लोगों को महंगाई में राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में जितनी एक्साइज ड्यूटी पेट्रोल और डीजल पर लगी हुई थी। उस हिसाब से वसूल करे तो लोगों को महंगाई से राहत मिल जाएगी।
पेट्रोल और डीजल पर टैक्स लगाकर 2013-14 में 52,537 करोड़ रुपया मुनाफा हुआ। वही 2019-20 में बढ़कर 2,13 लाख करोड़ रुपया हो गया। 2020-21 में 2,94 लाख करोड़ों रुपया हो गया है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ताजा बयान दिया है कि कोरोना वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपया का बजट रखा गया है। उस पर खर्च किया जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वैक्सीन पर खर्च किए जाने वाले बजट की भरपाई करने में पेट्रोल डीजल से प्राप्त पैसे को खर्च किया जाएगा। सदन में ऐसा नहीं कहा, एक्सरसाइज टैक्स में 83ः की बढ़ोतरी हो गई।
पेट्रोलियम धर्मेंद्र प्रधान ने सितंबर 2017 में कहा था कि जीएसटी लागू हो जाने के बाद केवल एक टैक्स लगेगा। जिससे पेट्रोल की कीमत में भारी कमी आ जाएगी। जबकि उन्हीं की पार्टी के नेता कहते हैं कि अभी 10 सालों तक पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाएगा। डॉ आसिफ ने कहा राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि देश की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है। पिछले 7 सालों में धीरे धीरे आमदनी के स्रोत बंद होते चले गए। उस आर्थिक स्थिति को संभालने के लिए ही लोगों पर महंगाई का मार डाल कर पेट्रोल और डीजल से कमाई की जा रही है। आज देश की आर्थिक स्थिति नाजुक दौर से गुजर रही है। देश को अभी कृषि और पेट्रोल ही का सहारा है। सरकार पेट्रोलियम पदार्थ पर से एक्साइज ड्यूटी 50 प्रतिशत कम कर दें तो लोगों को महंगाई से राहत मिल जाएगी।