शनिवार, 19 जून 2021

सरकार ने न्याय की उम्मीद का गला घोट दिया: प्रियंका

अकांशु उपाध्याय              
नई दिल्ली। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने आगरा के अस्पताल में मरीजों की ऑक्सीजन बंद करके की गई माॅकड्रिल पर की गई जांच में सरकार की ओर से दी गई। क्लीनचिट पर गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि मरीजों के परिजनों की गुहार को अनसुना करते हुए सरकार ने न्याय की उम्मीद का गला घोट दिया है। शनिवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि आगरा में पिछले दिनों अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस मरीजों की ऑक्सीजन बंद करते हुए अस्पताल की ओर से माॅकड्रिल करते हुए कई लोगों की मौत का रास्ता साफ कर दिया था। 
इस मामले को लेकर देषभर में मचे हो-हल्ले के बाद भाजपा की योगी सरकार ने तमाम घटनाक्रम की जांच कराई। जिसमें जांच करने वाली टीम ने आरोपी अस्पताल के अधिकारियों के ही बयान लिए और अस्पताल प्रबंधन को क्लीन चिट देकर तमाम जांच पड़ताल की मॉकड्रिल कर दी है। उन्होंने कहा है कि सरकार की ओर से माॅकड्रिल पर दी गई क्लीनचिट से सरकार और अस्पताल दोनों का रास्ता साफ हो गया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि मॉकड्रिल में मौत का शिकार हुए मरीजों के परिजनों की न्याय की गुहार को अनसुना करते हुए सरकार ने न्याय की उम्मीद का गला घोट दिया है। उन्होंने सरकार से पूछा है कि क्या यही उसका न्याय है।

मिल्खा के निधन पर सीएम योगी ने जताया शोक

हरिओम उपाध्याय                    
लखनऊ। 'फ्लाइंग सिख' के नाम से विख्यात भारत के मशहूर एथलीट मिल्खा सिंह का शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात चंडीगढ़ के अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन पर शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई नेताओं ने शोक जताया है। ट्वीट करके मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि मिल्खा सिंह का निधन खेल जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। उनका जीवन राष्ट्र के लिए अप्रतिम प्रेरणा है। प्रभु श्रीराम दिवंगत पुण्यात्मा को अपने परम धाम में स्थान एवं शोकाकुल परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भारत के जाने-माने एथलीट एवं 'फ़्लाइंग सिख' के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह के कोरोना से निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। उन्होंने शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करत हुए कहा कि ईश्वर उन्हें सहने की शक्ति प्रदान करें। श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मिल्खा सिंह जिदंगी से अपनी जंग हार गये। परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं। ओलंपिक की यह ऐतिहासिक तस्वीर भारत को समूचे विश्व में गौरवान्वित करती है। 
उप्र विधानसभा अध्यक्ष हृदयनाराण दीक्षित ने कहा कि उनका निधन देश के लिए बेहद दुखद एवं अपूरणीय क्षति है। जिद और जुनून से भरा उनका जीवन सभी के लिए एक प्रेरणा है। उल्लेखनीय है कि कोरोना से संक्रमित होने के बाद चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर में 91 वर्षीय मिल्खा सिंह को भर्ती कराया गया था। बुधवार को रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उनको कोविड अस्पताल से आईसीयू में शिफ्ट किया गया था।
उन्होंने 400 मीटर की दौड़ में एशियाई खेलों के साथ-साथ कॉमनवेल्थ खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता था। 

राज्य के हालात पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक

अकांशु उपाध्याय                
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और उसके दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजन के करीब तीन साल बाद जल्द ही एक बड़ी राजनीतिक पहल शुरू होने वाली है। खबर है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगले सप्ताह राज्य के हालात पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बैठक में राजनीतिक गतिरोध के अलावा जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने सम्बंधी विषयों पर चर्चा हो सकती है। बैठक में जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी चर्चा की उम्मीद है।
इसके पहले गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को गृह मंत्रालय में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, गृह सचिव अजय भल्ला, इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक अरविंद कुमार, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) प्रमुख सामंत कुमार गोयल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक कुलदीप सिंह और जम्मू- कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह शामिल हुए। ज्ञातव्य है कि इसके पहले गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से भी बातचीत की थी। ये दोनों बैठकें जम्मू-कश्मीर के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं।
खबर है कि राज्य से जुड़े मसलों पर अंदरखाने इस तरह की उच्चस्तरीय बैठकें चल रही हैं। अब प्रधानमंत्री के साथ होने वाली बैठक के लिए सभी दल के नेताओं को सूचना भेज दी गई है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है।
राज्य के विशेष दर्जे की समाप्ति के बाद वहां 2018 से चुनाव भी लंबित हैं। उस समय तब महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी और भाजपा के बीच सत्तारुढ़ गठबंधन टूट गया था। बाद में विपक्ष ने गुपकार समूह बनाया था और हाल में इस समूह ने भी केंद्र सरकार से बातचीत पर नरम रुख अपनाने के संकेत दिए थे।
ज्ञातव्य है कि अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था। इसके साथ राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू - कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया गया था। तब महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला समेत कई बड़े नेताओं को उनके घरों में ही नजरबंद कर लिया गया था। वैसे अब ये नेता रिहा किए जा चुके हैं।

कोरोना की दूसरी लहर में बच्चे भी प्रभावित हुएं

अकांशु उपाध्याय                  
नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की सीरो प्रवलेंस स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी की दूसरी लहर में बच्चे भी प्रभावित हुए। लेकिन उनमें लक्षण काफी कम दिखाई दिये। शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि संभावित तीसरी लहर में भी बच्चों पर अधिक असर नहीं देखा जाएगा। सीरो सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार पहली और दूसरी लहर में सभी लोग समान रूप से प्रभावित हुए हैं। इसलिए संभावित तीसरी लहर में यह कहना गलत होगा कि यह सिर्फ बच्चों को प्रभावित करेगा।
लेकिन केन्द्र सरकार कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए सभी तैयारियां कर रही है। 
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बताया कि एम्स के सीरो सर्वे के अनुसार 18 साल से कम और अधिक उम्र में कोरोना संक्रमण की दर लगभग एक समान है। 18 साल से कम उम्र वाले लोगों में संक्रमण दर 59 प्रतिशत और 18 साल से ज्यादा उम्र वाले में 69 प्रतिशत है। शहरी क्षेत्र में दोनों उम्र की श्रेणी में संक्रमित लोगों का प्रतिशत 78 और 79 प्रतिशत है। 
वहीं, ग्रामीण क्षेत्र में 18 साल से कम उम्र में 56 प्रतिशत संक्रमित लोग थे, जबकि 18 साल से अधिक उम्र वाले वर्ग में यह 63 प्रतिशत है। इससे यह पता चलता है कि कोरोना लहर में बच्चे भी संक्रमित हुए, लेकिन उनमें लक्षण बेहद कम रहे। 
इसी तरह संभावित तीसरी लहर में भी संक्रमण का यही ट्रेंड रह सकता है। टीका लगवाने वाले संक्रमित लोगों में अस्पताल जाने की संभावना 75-80 प्रतिशत कम। नीति आयोग के सदस्य ने बताया कि टीका लगवाने वाले लोगों में कोरोना संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती होने की संभावना 75-80 प्रतिशत कम होती है। इसके साथ सिर्फ आठ प्रतिशत लोगों को ही ऑक्सीजन की आवश्यकता देखी गई है। छह प्रतिशत लोगों को आईसीयू में भर्ती कराने की जरूरत होती है। 

सोना-चांदी की कीमत में एक बार फिर तेजी का रुख

अकांशु उपाध्याय             
नई दिल्ली। लगातार दो कारोबारी सत्र से गिरावट का रुख दिखाने के बाद शुक्रवार को सोना और चांदी दोनों की कीमत में एक बार फिर तेजी का रुख बना। आज मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर अगस्त वायदा के लिए सोने का भाव 155 रुपये बढ़कर 47,113 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह वायदा बाजार में चांदी की कीमत में भी 981 रुपये की तेजी आई। जिसके बाद चांदी का जुलाई डिलीवरी वाला वायदा भाव 68,580 रुपये प्रति किलो हो गया।  
इसके पहले भारतीय सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोने और चांदी की कीमत में तेज गिरावट देखी गई थी। दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना प्रति 10 ग्राम 861 रुपये लुढ़क गया था, जबकि चांदी की कीमत में 1,709 रुपये प्रति किलो की कमी आ गई थी। आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोना और चांदी की कीमत में तेजी का रुख बना। अगस्त का फ्यूचर गोल्ड कॉन्ट्रैक्ट 1,774.80 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर पहुंच गया। वहीं चांदी का जुलाई कॉन्ट्रैक्ट 25.86 डॉलर के स्तर पर आ गया। 
 बताया जा रहा है कि यूएस फेड रिजर्व ब्याज दरों पर जल्दी ही फैसला लेने वाला है। ब्याज दरों को लेकर होने वाले फैसले का असर अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमत पर भी पड़ेगा। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमत पर पड़ने वाला कोई भी असर सोने के आयात पर निर्भर करने वाले भारत जैसे देश के घरेलू बाजार पर भी पड़ेगा। 
जानकारों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों के कारण सोने और चांदी के निवेश को लेकर सतर्क रहना जरूरी है। बाजारी में जारी उतार चढ़ाव के बीच निवेशिकों को काफी सोच समझ कर ही सोने या चांदी में निवेश करने का फैसला लेना चाहिए। छोटे निवेशकों को अभी बाजार से दूरी बनाकर रखना चाहिए। सर्राफा बाजार के जानकारों के मुताबिक अगर सोना या चांदी में निवेश करना जरूरी भी हो, तो बाजार की उतार-चढ़ाव वाली स्थिति को देखते हुए वायदा बाजार में पैसा लगाने की जगह निवेशकों को हाजिर सौदों पर ध्यान देना चाहिए। 

भारतीय सेना ने एटीएजीएस के परीक्षण शुरू किएं

अकांशु उपाध्याय              
नई दिल्ली। भारतीय सेना ने पूरी तरह स्वदेशी रूप से विकसित किए गए एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) के परीक्षण शुरू कर दिए हैं। विभिन्न इलाकों और मोड में फायरिंग से जुड़े आकलनों के बाद परियोजना की गहन समीक्षा की जाएगी। इसे पहली बार 26 जनवरी, 2017 को 68वें गणतंत्र दिवस परेड में सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया गया था। ​डीआरडीओ ने भारतीय सेना में पुरानी तोपों को बदलने के लिए यह परियोजना 2013 में आधुनिक 155 मिमी. आर्टिलरी गन के साथ शुरू की थी। ​एटीएजीएस​ ​ने 2017 में 47.2 किलोमीटर की दूरी तक राउंड फायर करके 155 मिमी​.​ तोप का विश्व रिकॉर्ड तोड़ा था​​। स्कूल ऑफ आर्टिलरी का ट्रायल विंग चल रहे परीक्षणों को अंजाम दे रहा है।
जिसके बाद इस पर एक व्यापक रिपोर्ट सेना प्रशिक्षण कमान को भेजी जाएगी ताकि भविष्य की कार्रवाई के बारे में निर्णय लिया जा सके।इन परीक्षणों के ​दौरान टैंक के आकार ​और लक्ष्यों पर दिन​-रात की फायरिंग, पांच राउंड बस्ट के लिए परीक्षण, लगभग तीन मिनट में 15 राउंड की रैपिड-फायर दर और हर घंटे 60 राउंड की निरंतर फायरिंग ​क्षमता आंकी जानी है। ​एटीएजीएस​ के ​गतिशीलता परीक्षण​​ ​रेगिस्तान​ में ​​रेत के टीलों पर नेविगेशन ​के साथ होंगे ​और 70 सड़कों पर ​हाई-स्पीड ट्रायल भी होंगे।​ एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (​​​​​​एटीएजीएस) 155 मिमी/52 कैलिबर हॉवित्जर है जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने भा​​रतीय सेना के लिए विकसित ​किया है​।​ ​एटीएजीएस​ को ​भारत फोर्ज लिमिटेड​ ​और टाटा पावर एसईडी कम्पनियों ने निर्मित किया है। उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) परियोजना 2013 में ​​डीआरडीओ ने भारतीय सेना में पुरानी तोपों को बदलने के लिए आधुनिक 155 मिमी. आर्टिलरी गन के साथ शुरू की थी। 
​​एटीएजीएस​ को विकसित करने में ​डीआरडीओ प्रयोगशाला आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) ने निजी कंपनियों ​​भारत फोर्ज लिमिटेड, महिंद्रा डिफेंस नेवल सिस्टम, टाटा पावर स्ट्रेटेजिक इंजीनियरिंग डिवीजन और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) के साथ भागीदारी की। 
डीआरडीओ ने 14 जुलाई​,​ 2016 को 155/52 कैलिबर एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम के लिए आयुध की प्रूफ फायरिंग की​ जो पूरी तरह सफल रहा। ​​आर्टिलरी गन ने ​14 दिसम्बर, 2016 को ओडिशा के बालासोर में प्रूफ एंड एक्सपेरिमेंटल एस्टाब्लिशमेंट (पीएक्सई) में अपने पहले राउंड गोला बारूद को दागा।​ ​2017 में परीक्षण के दौरान​ ​​​एटीएजीएस​ ​ने 47.2 किलोमीटर की दूरी तक राउंड फायर करके 155 मिमी​.​ तोप का विश्व रिकॉर्ड तोड़ा​​। एटीएजीएस ने उच्च विस्फोटक-बेस ब्लीड (​एचई-​बीबी) गोला-बारूद के साथ अधिकतम 48.074 किलोमीट​​र की दूरी दर्ज करके इस श्रेणी में किसी भी आर्टिलरी गन सिस्टम द्वारा दागी गई अधिकतम सीमाओं को पार किया। 
इस​के साथ ही आर्टिलरी गन सिस्टम ने सफलतापूर्वक ​विकास ​परीक्षण ​पूरे कर लिए जिसके बाद 40 तोपों की पहली खेप का निर्माण ​किया गया।​ सितम्बर, 2020 में उपयोगकर्ता ​​परीक्षण ​के दौरान राजस्थान के पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में ​​एक ​​बैरल फटने ​से तीन विशेषज्ञ घायल ​हो गए। ​​बैरल फटने​ का कारण पता लगाने ​के लिए एक समिति गठित की गई जो अभी भी जांच ​कर रही है। ​नवम्बर, 2020 में​ ​एक जांच के बाद आगे के परीक्षणों के लिए मंजूरी ​मिलने के बाद अब फिर से भारतीय सेना ने​ एटीएजीएस के परीक्षण शुरू ​किये हैं।

विश्वविद्यालय ने परीक्षाओं का कार्यक्रम जारी किया

संदीप मिश्र                  
बरेली। महात्मा जोतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने स्नताक और स्नातकोत्तर की मुख्य परीक्षाओं का कार्यक्रम शनिवार को जारी कर दिया है। स्नातक की द्वितीय और तृतीय वर्ष की परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी। जिसमें एक विषय का एक ही प्रश्नपत्र कराया जायेगा। स्नातकोत्तर में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं होंगी, जिसमे सभी प्रश्न पत्र शामिल होंगे। परीक्षाएं 15 जुलाई से शुरू होंगी। 
स्नातक की परीक्षाएं 7 अगस्त को समाप्त होंगी और स्नातकोत्तर की परीक्षाएं 2 अगस्त को समाप्त हो जाएंगी। परीक्षाओं का समय डेढ़ घंटा निर्धारित किया गया है। स्नातकोत्तर की परीक्षा सुबह की पाली में 9 बजे से 10 बजे तक होंगी। स्नातक द्वितीय वर्ष की परीक्षा द्वितीय पाली में 12 बजे से 1:30 बजे तक होंगी और तृतीय वर्ष की परीक्षा 3 बजे से 4:30 बजे तक होंगी।

राजनीति: पीएम मोदी ने अखिलेश पर निशाना साधा

राजनीति: पीएम मोदी ने अखिलेश पर निशाना साधा संदीप मिश्र  भदोही। भदोही के ऊंज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोधित किया। इस दौरा...