गुरुवार, 11 मार्च 2021

महाराष्ट्र: 15 से 21 मार्च तक लॉकडाउन का फैसला

मनोज सिंह ठाकुर  
मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए सरकार ने नागपुर में पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया है। नागपुर के पालक मंत्री नितिन राउत ने गुरुवार को ऐलान करते हुए कहा कि शहर में 15 से 21 मार्च तक पूर्ण लॉकडाउन रहेगा, यानि किसी को भी बाहर निकलने की इजाजत नहीं रहेगी, सिर्फ जरूरी सामानों की दुकानें खुली रहेंगी। आपको बता दें कि नागपुर में बुधवार को 1710 नए मामले सामने आए थे। 173 दिन बाद कोरोना के सबसे अधिक मामले एक दिन में आने का यह रिकॉर्ड है। नागपुर नगर निगम ने बुधवार को कहा था। कि कोरोना के नए मामले महिलाओं और 20 से 40 आयु वर्ग के लोगो में आ रहे हैं। नगर निगम प्रशासन ने कहा था। कि लोग कोरोना को हल्के में ले रहे हैं। नागपुर नगर निगम के कमिश्नर राधाकृष्णन बी ने बुधवार को कहा था। कि लोग महामारी को हल्के में ले रहे हैं। बिना उनकी मदद हम इस महामारी पर काबू नहीं पा सकते हैं। सरकार ने सभी आर्थिक गतिविधियां शुरू कर दी हैं। हम नहीं चाहते हैं, कि पूर्ण लॉकडाउन लगाया जाए, लेकिन अगर हालात खराब होते हैं। तो हम लॉकडाउन का ऐलान कर सकते है।

कश्मीर: मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के 2 आतंकी ढेर

श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में एक मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के दो आतंकवादी मारे गए। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना के बाद सुरक्षाबलों द्वारा सिर्हामा इलाके का घेराव कर तलासी अभियान शुरू करने के बाद दोनों पक्षों के बीच गुरुवार शाम को मुठभेड़ शुरू हो गई।
सुरक्षाबल जैसे ही छिपे हुए आतंकवादियों के ठिकाने के करीब पहुंचे, आतंकवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग करनी शुरू कर दी जिससे मुठभेड़ शुरू हुई।
पुलिस ने कहा सिर्हामा मुठभेड़ में लश्कर के दो आतंकवादी मारे गए। हथियार और गोला-बारूद के जखीरे सहित आपराधिक सामग्री बरामद हुई हैं।

भारत: एक दिन में कोरोना के 23 हजार नए मामले

भारत में एक दिन में कोरोना के लगभग 23 हजार नए मामले
 अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। भारत में गुरुवार को कोविड-19 के लगभग 23 हजार नए मामले सामने आए हैं। जो पिछले ढाई महीने में दर्ज हुए मामलों में सर्वाधिक है। और एक दिन पहले दर्ज हुए मामलों से करीब 5,000 ज्यादा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में गुरुवार को कोरोना के 22,854 नए मामले दर्ज हुए हैं और इस दौरान 126 जानें गई हैं। इसी के साथ संक्रमितों और मृतकों का आंकड़ा क्रमश: 1,12,85,961 और 1,58,189 हो गया है।
बुधवार को भारत में कोविड-19 के 17,921 नए मामले और 133 मौतें दर्ज हुई थीं।
पिछले दो दिन से मृतकों की संख्या में भी वृद्धि देखने को मिली है। जो पहले 100 से नीचे था।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में 1,89,226 सक्रिय मामले हैं। इसके अलावा, एक दिन में कोविड-19 के 18,100 रोगियों को अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है। और इसके साथ ही अब तक कुल 1,09,38,146 लोगों डिस्चार्ज किया जा चुका है।
हाल के दिनों में मामलों में जो बढ़ोत्तरी देखी गई उसमें ज्यादातर मामले महाराष्ट्र और पंजाब के थे। लेकिन अब कई अन्य राज्यों में भी कोविड के मामले बढ़ रहे हैं।
दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में भी हाल के हफ्तों में यही बढ़त देखने को मिली है।

पीएम मोदी की मां ने लीं वैक्सीन की पहली डोज

अकांशु उपाध्याय

 नई दिल्ली। देश में कोरोना वैक्सीनेशन का काम लगातार जारी है। इसी कड़ी में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज़ दे दी गई है। खुद पीएम मोदी ने दोपहर को ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि मुझे बताते हुए खुशी हो रही है। कि मेरी मां को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज़ आज दे दी गई है। मैं आप सभी से अभी अपील करना चाहता हूं कि जो भी वैक्सीन लगवाने के दायरे में आते हैं। वो सभी वैक्सीन लगवाएं और दूसरे लोगों को भी प्रेरित करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन गुजरात के अहमदाबाद में ही रहती हैं। हीराबेन की उम्र 100 साल के करीब है। हालांकि इस उम्र में भी वह एक्टिव रहती हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दे दी गई है। पीएम मोदी को एक मार्च को दिल्ली के एम्स में वैक्सीन की डोज दी गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी मां हीरा बेन की बेहद करीब हैं। अक्सर पीएम मोदी जब भी गुजरात के दौरे पर जाते हैं। तो अपनी मां से मुलाकात जरूर करते हैं। इसके अलावा जन्मदिन के अवसर पर भी पीएम मोदी अपनी मां से मिलने जाते रहे हैं। एक मार्च से ही देश में कोरोना वैक्सीनेशन के दूसरे फेज़ की शुरुआत हुई थी। इस फेज़ के तहत 60 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को वैक्सीन दी जा रही है। साथ ही 45 साल से अधिक उम्र वाले (जिन्हें गंभीर बीमारी है।) लोगों को भी वैक्सीन दी जा रही है।

कोई भी पर्व क्यों मनाया जाता है, जानिए महत्व

महाशिवरात्रि। कोई भी पर्व क्यों मनाया जाता है और उसका महत्व क्या है आपको ये ज़रूर जानना चाहिए

महाशिवरात्रि हो या कोई अन्य धार्मिक पर्व हो। आप मनाते हों या न मनाते हों। लेकिन कोई भी पर्व क्यों मनाया जाता है और उसका महत्व क्या है ? आपको ये ज़रूर जानना चाहिए। महाशिवरात्रि भगवान् शिव का दिन है और इसकी अपनी एक अलग महत्वता है। शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या फर्क है। और ये क्यों इतना शुभ है। आइये इसको समझते हैं।
पंचांग के अनुसार हर माह के चौदहवें दिन या फिर अमावस्या से एक दिन पहले वाली रात शिवरात्रि कहलाती है। पंचांग का आखिरी महीना फाल्गुन का होता है। और इस माह कि शिवरात्रि महाशिवरात्रि कहलाई जाती है। जोकि फरवरी या मार्च के महीने में पड़ा करती है। महाशिवरात्रि का अपना अलग महत्व है। और सनातन धर्म के तमाम बड़े पर्वों में से महाशिवरात्रि का पर्व एक है। यह पर्व अपने नाम के ज़रिए ही पहचाना जा सकता है। महाशिवरात्रि यानी कि शिव की महान रात। इसीलिए महाशिवरात्रि की रात में जागरण व अन्य तरह के धार्मिक कर्म किए जाते हैं। इस रात को बेहद खास रात माना जाता है। इस दिन के जितने धार्मिक महत्व बताए जाते हैं उतने ही महत्व इसके विज्ञान से जोड़े जाते हैं। इस रात को इंसान को भगवान से करीब करने की रात कहा जाता है। महाशिवरात्रि की रात से ही ग्रीष्म ऋतु की नींव पड़ जाती है। कहा जाता है। कि इंसान गर्मी के प्रभाव या फिर सूर्य के जलते प्रकाश से बचने के लिए अपने आपको इस रात भगवान शिव को समर्पित कर देतै है।
महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव का पर्व होता है। इस पर्व में भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है। इस रात मनुष्य अपने तमाम तरह की परेशानियों से निजात भी पा सकता है। क्योंकि भगवान शिव के पास हर समस्या का समाधान होता है। इसीलिए इस पर्व के दिन व्रत रखने की परंपरा है। व्रत शुद्धीकरण के लिए ही जाना जाता है. व्रत रखने से जहां हमारे पेट और आंत की सफाई हो जाती है। और रक्त शुद्ध हो जाता है वहीं कई तरह के रोगों से भी व्रत के सहारे मुक्ति मिल जाया करती है। और व्रत रख कर भगवान शिव की पूजा करने से भगवान से एक अलग तरह का जुड़ाव हो जाया करता है। 
महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है। और इस पर्व को किस तरह से खास पर्व कहा जाता है। यह भी हर किसी को ज़रूर जानना चाहिए। महाशिवरात्रि से पहले शिवरात्रि क्यों मनाई जाती है। इसको समझ लीजिए। ज्योतिषों का मानना है। कि हर माह की अमावस्या की रात को चंद्रमा सिकुड़ जाता है। या खिसक जाता है। ऐसे में इसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए हर माह भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है। क्योंकि भगवान शिव ही हैं। जो चंद्रमा के किसी भी नुकसान से मनुष्य प्रजाति को बचाने का कार्य कर सकते हैं। अब महाशिवरात्रि की बात करते हैं। हिंदू नव वर्ष शुरू होने से पहले ही साल के आखिरी महीने में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इसको इसलिए मनाया जाता है ताकि आने वाले पूरे नये साल को ही किसी भी तरह के दुष्प्रभाव से बचाया जा सके। हालांकि महाशिवरात्रि मनाए जाने और भी कई वजहें है। कुछ प्रसिद्ध मान्यताओं की बात की जाए तो उसमें ये मान्यताएं प्रसिद्ध हैं।
1. महाशिवरात्रि की रात ही भगवान् शिव ने देवी पार्वती से विवाह किया था। इसलिए हिंदू धर्म में रात को ही विवाह के लिए शुभ माना जाता है।
2. कहते हैं। कि जब देवता और राक्षस अमृत की खोज में समुद्र मंथन कर रहे थे। तब मंथन से विष निकला था। जिसे भगवान शिव ने पी लिया था। इस विष को पी लेने के कारण उनका पूरा शरीर नीला पड़ गया था। जिसकी वजह से ही भगवान शिव को नीलकंठ के नाम से भी जाना जाता है। इस विष को पीकर भगवान शिव ने देवताओं के साथ-साथ संसार को भी नुकसान होने से बचाया था। इसीलिए इस दिन को भगवान शिव का दिन कहा जाता है। और उनकी अराधना की जाती है। 
3. मान्यता ये भी है। कि पवित्र नदी देवी गंगा इस दिन पृथ्वी पर उतर रही थी। और पूरे पृथ्वी पर फैल रही थी। जिसे भगवान शिव ने अपनी जटाओं में धर लिया था। और पृथ्वी का विनाश होने से बचा लिया था। इसलिए भगवान् शिव को पूजा जाता है।
4. ऐसी भी मान्यता है। कि भगवान शिव ने इसी रात को सदाशिव से लिंग स्वरूप लिया था। इसलिए इसी रात भगवान् शिव को की अराधना की जाती है।
ये कुछ मान्यताएं महाशिवरात्रि के बारे में प्रसिद्ध हैं। जिनका वर्णन अलग अलग जगहों पर मिल जाता है। कहा जाता है। कि महाशिवरात्रि की रात बेहद पवित्र होती है। इस रात को कभी सोकर नहीं गवांना चाहिए। इस दिन मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती है।
महाशिवरात्रि के दिन पवित्र नदी में स्नान करने की भी अपनी एक अलग विशेषता है। महाशिवरात्रि के दिन ही प्रयाग कुंभ का समापन होता है। जबकि हरिद्धार कुंभ का आरंभ महाशिवरात्रि के दिन से होता है। इस वर्ष यानी की साल 2021 में हरिद्धार में कुंभ मेले का आज से आगाज़ हो रहा है। जोकि प्रत्येक 12 वर्षों के अंतराल पर आयोजित किया जाता है। इस बार ग्रहों के योग से 11 वर्ष बाद ही हरिद्धार में कुंभ मेला आज से शुरू हो चुका है।
महाशिवरात्रि के इस पर्व पर आप सभी की मनोकामनाएं पूरी हो इसके लिए आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएं।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण   

1. अंक-207 (साल-02)
2. बृहस्पतिवार, मार्च 12, 2021
3. शक-1983, फाल्गुन, कृष्ण-पक्ष, तिथि-शिव चतुर्दशी, विक्रमी सवंत

4. सूर्योदय प्रातः 06:35, सूर्यास्त 06:33।

5. न्‍यूनतम तापमान -13 डी.सै., अधिकतम-33+ डी.सै.। 

6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

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