गुरुवार, 21 नवंबर 2019

अमृत-योजना के दूध से, बच्चों की तबीयत बिगड़ी

जितेन्द्र सिन्हा


राजिम। फिंगेस्वर विकासखंड के ग्राम कोसमखुटा के आंगनबाड़ी केन्द्र क्रमांक-2 में मुख्यमंत्री अमृत योजना के तहत दूध पीने से 19 नौनिहालों की तबीयत बिगड़ गई। बच्चों की तबीयत खराब होने से गांव में अफरा-तफरी मच गई। इस खबर ने पूरे जिले में हड़कम्प मचा दिया है। अधिकारी मामले को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं।आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 02 में मुख्यमंत्री अमृत योजना के तहत 19 बच्चो को दूध पिलाया गया, दूध पीते ही बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी और उल्टी करने लगे। जिसके बाद 108 की मदद से सभी बच्चों को जिला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में इलाज के लिए भर्ती कराया गया।


परियोजना पर्यवेक्षक हितकारिणी देवांगन ने बताया कि आज 2 लीटर दूध का वितरण किया गया। जिसमें 100 एमएल के हिसाब से 19 बच्चों को दूध दिया गया। जिसमें बाकी के 100 एमएल सहायिका ने स्वयं स्वाद चखने की बात कही। जब उनके द्वारा स्वाद लिए जाने पर वह खुद उल्टी करने की बात बताई गई। तो बच्चों को दूध क्यों दिया गया ? वीरेन्द्र हिरौंदिए ने कहा कि दूध में कही कोई खराबी नही है। शासन स्तर पर बकायदा जांच कर शील पैक होती है। बच्चों के खान-पान में सफाई को ध्यान में नहीं रखने के कारण तबियत बिगड़ी होगी। इस मामले को लेकर ग्रामीण काफी भयभीत व दहशत में हैं। अस्पताल परिसर में मामले की जानकारी लेते हुए एसके वाहिले अनुविभगिय अधिकारी राजस्व, ओ पी वर्मा तहसीलदार,डॉ रूपल गुप्ता,विजय पांडे मुख्य नगर पंचायत अधिकारी मौके पर प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।



संसद:कांग्रेस का इलेक्टोरल बाॅंड पर बवाल

चुनावी चंदे वाले इलेक्टोरल बॉन्ड पर बवाल


नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र का गुरुवार को चौथा दिन है। लोकसभा में आज कांग्रेस ने सरकार को चुनावी चंदे वाले इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर घेरा। कांग्रेस का कहना है कि बॉन्ड के जरिए भाजपा को फायदा हुआ है। इसे लेकर कांग्रेस ने सरकार से जवाब मांगा है। इस मुद्दे को लेकर दोनों सदनों में विपक्ष काफी हंगामा कर रही है। इसी बीच कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर दिया है।


कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी सदन में कहा कि सरकार ने जो इलेक्टोरल बॉन्ड जारी किए हैं, उससे सरकारी भ्रष्टाचार को अमीलजामा पहना दिया गया है। उन्होंने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के ना डोनर का पता है, ना कितने पैसे दिए गए यह पता है, जिसको दिया गया है उसकी भी कोई जानकारी नहीं है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर कहा, 'जब इलेक्टोरल बॉन्ड पेश किए गए थे, तो हममें से कई लोगों ने इस पर गंभीर आपत्ति जताई थी कि कैसे यह आसानी से अमीर निगमों और व्यक्तियों के लिए अनुचित राजनीतिक दलों, विशेष रूप से सत्तारूढ़ पार्टी को प्रभावित करने का एक तरीका बन सकता है।'


सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के विनिवेश तथा चुनावी बॉण्ड के मुद्दे पर आरबीआई की आपत्ति पर चर्चा करने की मांग कर रहे वाम और कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल नहीं हो पाया। सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाए।


सुल्तानपुर का नाम रखा जाएगा 'कुशभवनपुर'

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सुल्तानपुर जिले का नाम बदलकर कुशभवनपुर करने के लिए एक पत्र लिखा है। राज्यपाल राम नाईक ने पत्र में कहा कि राजपूताना शौर्य फाउंडेशन के प्रतिनिधि मंडल ने मुझसे मुलाकात कर एक किताब 'सुल्तानपुर इतिहास की झलक' के साथ एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने सुल्तानपुर को हेरिटेज सिटी में शामिल किए जाने और उसका नाम बदलकर कुशभवनपुर किए जाने का अनुरोध किया है।


गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले सुल्तानपुर नगरपालिका में इसे लेकर एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था। इससे पहले सुल्तानपुर के लंभुआ से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक देवमणि ने विधानसभा में जिले का नाम बदले जाने का प्रस्ताव दिया था। इससे पहले प्रदेश की योगी सरकार ने फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या और इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किया था।


प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा में बरते सतर्कता

सिवनी (साई)। वन मंत्री उमंग सिंघार ने बुधवार को प्रमुख वन संरक्षक यू.प्रकाशम को प्रदेश में प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिये हर संभव सतर्कता बरतने के निर्देश दिये।


श्री सिंघार ने कहा कि हालांकि मध्य प्रदेश में राजस्थान की तरह पर्यावरणीय और भौगोलिक स्थितियां नहीं हैं, फिर भी राजस्थान में प्रवासी पक्षियों की हज़ारों की तादाद में हुई मृत्यु के मद्देनज़र सभी जरूरी ऐहतियाती कदम उठाये जायें।उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में हर साल अक्टूबर से दिसंबर के मध्य लाखों की तादाद में प्रवासी पक्षी आते हैं। अधिकतर साईबेरिया से आने वाले ये पक्षी ठण्ड के कारण हिमालय की ऊँचाईयों को भी पार कर भारत और मध्य प्रदेश पहुँचते हैं। मध्य प्रदेश के भोपाल सहित सभी जलीय क्षेत्रों, बांधों के बेक वाटर, शिवपुरी, इंदौर आदि स्थानों पर चार-पाँच माह के लिये डेरा डालते हैं।


प्रदेश में ठण्ड आरंभ होने के साथ ही अलग – अलग जत्थों में अक्टूबर से तरह – तरह के पक्षियों का आना आरंभ हो जाता है। इनमें सुर्खाब (रड्डी शेल डक), कॉमन पिगमेंट टील, व्हाईट टील, बारहेडेड टील, गूज, नकटा, पिंक टेल, पिंक हेडेड डक आदि पक्षी प्रमुख रूप से शामिल हैं।


राजपत्रित-अधिकारी करेंगे पत्रकारों की जांच

लखनऊ। प्रदेश में पत्रकारों पर पुलिस के बढ़ते कहर को देख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी गंभीर नजर आ रहे हैं। उनके निर्देशानुसार पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार ने पुलिस अधीक्षक को भेजे गये पत्र में कहा कि पत्रकार के मामले में जब तक कोई राजपत्रित अधिकारी जांच कर रिपोर्ट नहीं देगा तब तक कार्रवाई नहीं की जा सकेगी।
पुलिस अधीक्षक को भेजे गये पत्र में पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार ने कहा है कि जब भी कोई पत्रकार थाना, चौकी या कार्यालय में पहुंचे तो उसे उचित सम्मान दें साथ ही यह भी स्पष्ट आदेश दिया है कि पत्रकारों तथा उनके परिजनों के विरूद्ध कोई प्रकरण आने पर अकारण उन्हें झूठे केसों में किसी भी कीमत पर न फंसाया जाये। यह भी आदेश दिया कि पत्रकारों और उनके परिजनों के विरूद्ध कोई प्रकरण आये तो पहले किसी राजपत्रित अधिकारी से जांच करायी जायेगी उसके बाद ही कोई भी कार्रवाई अमल में लाई जायेगी।
उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर पत्रकारों की समस्या के निस्तारण के लिए अलग से एक सक्षम अधिकारी को नियुक्त किया जायेगा। यह निर्णय उन्होंने भारतीय पत्रकार वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिवाकर सिंह की पहल पर लिया गया है। उन्हांने पत्रकारों पर बढ़ रहे अत्याचार को लेकर प्रतिनिधि मंडल के साथ मुख्यमंत्री और डीजीपी से मुलाकात की थी। बताया था कि प्रदेश में कई वरिष्ठ पत्रकारों को झूठे केसों में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया इससे लोकतंत्र का चैथा स्तंभ कही जाने वाली मडिया के साथ अन्याय हुआ है। उनकी बात को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने सभी पुलिस अधीक्षकों को कड़े आदेश जारी करने के निर्देश दिए थे।


केंद्र ने की विधायक की नागरिकता रद्द

नई दिल्ली। केंद्र ने तेलंगाना के विधायक रमेश चेन्नामनेनी की नागरिकता रद्द कर दी है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने इस बात की जानकारी दी है। केंद्र ने कहा कि विधायक एक जर्मन नागरिक हैं और उन्होंने धोखे से भारतीय नागरिकता प्राप्त की है। केंद्र ने कहा कि राज्य की सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सदस्य चेन्नामनेनी ने अपने विदेश दौरे के बारे में तथ्य छुपाए हैं। गृह मंत्रालय के एक आदेश में कहा गया है “उनके गलतबयानी / तथ्य को छुपाने की वजह से भारत सरकार शुरू में अपना निर्णय लेने में गुमराह हुई। अगर उन्होंने आवेदन करने से पहले इस तथ्य का खुलासा किया होता कि वे एक साल से भारत में नहीं रह रहे थे तो मंत्रालय के सक्षम प्राधिकारी ने उन्हें नागरिकता की अनुमति नहीं देते।”


सक्षम प्राधिकारी ने माना है कि यह सार्वजनिक रूप से अच्छा नहीं है कि चेन्नामनेनी भारत के नागरिक बने रहें और इसलिए फैसला किया गया है कि उनकी नागरिकता समाप्त कर दी जाए। आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए चेन्नामनेनी ने कहा, ”तेलंगाना हाई कोर्ट ने पहले एक सकारात्मक निर्णय दिया था लेकिन गृह मंत्रालय ने इस पर विचार नहीं किया और फिर से नागरिकता रद्द कर दी। इसलिए, हम नागरिकता की सुरक्षा के लिए फिर से हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।” उन्होंने दावा किया कि मंत्रालय से अनुकूल निर्णय न हो पाने की स्थिति में उन्हें इस मामले पर कोर्ट ने फिर से विचार करने का विकल्प दिया है।


रमेश चेन्नामनेनी वेमुलावाड़ा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो राज्य की राजधानी हैदराबाद से लगभग 150 किलोमीटर दूर है। 2009 में चेन्नामनेनी एन. चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) से पहली बार विधायक चुने गए थे। बाद में वे के चंद्रशेखर राव की टीआरएस में शामिल हो गए और 2010 में उपचुनाव में फिर से चुने गए। इसके बाद 2014 और 2018 के विधानसभा में भी उन्होंने जीत दर्ज की थी।


106 साल की महिला की चौथी की परीक्षा

कोल्लम। बचपन से पढ़ने की अपनी ख्वाहिश केरल की भागीरथी अम्मा ने 105 साल की उम्र में पूरी कर मिसाल कायम कर दी है। भागीरथी अम्मा ने राज्य साक्षरता मिशन के तहत चौथे वर्ग के बराबर की परीक्षा में हिस्सा लिया है। वह हमेशा ही पढ़ना चाहती थीं, ज्ञान अर्जन करना चाहती थीं। उन्हें अपनी मां की मौत की वजह से अपना यह सपना छोड़ना पड़ा। क्योंकि इसके बाद भाई-बहनों की देखरेख की जिम्मेदारी उन पर आ गई थी।


इन सभी चीजों से जब वह उबरीं तब तक 30 साल की उम्र में उनके पति की मौत हो गई और फिर छह बच्चों की जिम्मेदारी उन पर ही आन पड़ी। जिंदगी की जद्दोजहद ने भले ही लगातार उन्हें पढ़ाई से दूर रखा हो लेकिन वह अपना सपना कहीं दबाए हुए बैठी थीं और जब मौका मिला तो उन्होंने इसे पूरा करने का सोच लिया। जब वह कोल्लम स्थित अपने घर में चौथी कक्षा के समतुल्य परीक्षा दे रही थीं तो वह महज परीक्षा ही नहीं दे रही थीं बल्कि पढ़ाई की चाह रखने वाले दुनिया के लोगों के लिए मिसाल कायम कर रही थीं।


साक्षरता मिशन के निदेशक पीएस श्रीकला ने बताया कि भागीरथी अम्मा केरल साक्षरता मिशन के अब तक के इतिहास में सबसे बुजुर्ग 'समकक्ष शिक्षा हासिल करने वाली' व्यक्ति बन गई हैं। मिशन के विशेषज्ञ वसंत कुमार ने पीटीआई-भाषा को बताया कि भागीरथी अम्मा को लिखने में दिक्कत होती है इसलिए उन्होंने पर्यावरण, गणित और मलयालम के तीन प्रश्नपत्रों का हल तीन दिन में लिखा है और इसमें उनकी छोटी बेटी ने मदद किया है। कुमार ने बताया कि इस उम्र में भी उनकी याद्दाश्त तेज है और न तो उन्हें देखने में कोई समस्या आती है और अब भी बहत अच्छे से गा लेती हैं। उन्होंने बताया कि अम्मा परीक्षा में हिस्सा लेकर बहुत खुश हैं। अम्मा जब नौ साल की थीं तो वह तीसरी कक्षा में पढ़ती थीं और इसके बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। इतनी मेहनत और लगन से पढ़ाई करने वाली अम्मा के पास आधार कार्ड नहीं है इसलिए उन्हें न तो विधवा पेंशन मिलती है और न ही वृद्धा पेंशन मिलती है। उन्हें उम्मीद है कि अधिकारी उनको पेँशन दिलाने के लिए कदम उठाएंगे। पिछले साल 96 साल की कार्तिय्यानी अम्मा ने राज्य में आयोजित साक्षरता परीक्षा में सबसे ज्यादा अंक हासिल किए थे। उन्होंने 100 अंक में से 98 अंक मिले थे। राज्य के इस साक्षरता मिशन का लक्ष्य अगले चार वर्षों में राज्य को पूरी तरह से साक्षर बनाना है। 2011 के आंकड़े के अनुसार राज्य में 18.5 लाख लोग निरक्षर हैं।


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