बुधवार, 14 अप्रैल 2021

अंबेडकर के नाम पर बनेगीं यूनिवर्सिटी, घोषणा की

राणा ओबराय          
जालंधर। विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों में सभी राजनीतिक दल जुटे हुए हैं। इन्हीं तैयारियों के बीच बड़े बड़े ऐलान भी शुरू हो गए हैं। आज बुधवार को शिअद प्रधान सुखबीर बादल ने भी बड़ी घोषणा की। बाबा साहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर को श्रद्धासुमन अर्पित करने जालंधर पहुंचे सुखबीर बादल ने कहा कि अगर पंजाब में शिअद की सरकार बनी तो उपमुख्यमंत्री का पद दलित परिवार के सदस्य को दिया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने घोषणा की कि दोआबा में डा. भीम राव अंबेडकर के नाम पर यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी। सुखबीर बादल ने कहा कि पंजाब के विकास में अनुसूचित जाति का जो योगदान है। उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। सुखबीर बादल ने विधानसभा चुनाव से पहले अनुसूचित जाति के लोगों को पार्टी के साथ जोडऩे की कोशिश की है। सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए कई राजनीतिक दलों से बात चल रही है और अगर विचार मिले तो गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेंगे।

अंबेडकर जयंती के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन

गोपीचंद              
बागपत। बुधवार को सविधान निर्माता परमपूजनीय डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर कल्याण भारती सेवा संस्थान के कार्यालय आजाद नगर बड़ौत बागपत में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें संस्थान के प्रबंध निदेशक गोपीचन्द सैनी वह सभी उपस्थिय सदस्यों ने दीप प्रज्जलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए गोपी चंद सैनी ने भारतीय संविधान में आम जन के मोलोक अधिकारों पर प्रकाश डालते हुए जागरूक किया और कहा डॉ. भीमराव अम्बेड को विधि द्वारा भारत रत्न की उपाधि से सम्मानि किया गया है। अतः उनको किसी जाति विषेस से जोड़कर सम्भोधित करना अज्ञानता और हीनभावना से ग्रस्त होने ही समझा जा सकता है। भीमराव अंबेडकर भारत के एक शिक्षित बुद्धिजोवि वर्ग से हैं और भारतीय वर्ण व्यवस्था के अनुसार भी वह उच्च वर्ण के व्यक्ति है।
वर्ण व्यवस्था का अधुरा ज्ञान भारतीय समाज के लिये एक कोढ़ के समान है। जिससे भारतीय समाज गर्क के गहरे गड्ढ़े में गिरता चला जारहा है। आज समाज मे हरेक व्यक्ति नेता है। परंतु सामाजिक व जनता की समस्याओं का प्रतिनिधित्व करने के लिये कोई नेता नहीं है। कर्यक्रम में उपस्थित राजीव कुमार ने बाबा साहब अम्बेडर के कार्यों को लेकर अपने प्रभाव शैली विचार रखे और प्रशिक्षण संस्थान की प्रभारी सिमा गगनिया वह चन्दप्रभा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि व्यक्ति की समस्याओं का समाधन व्यक्तियों के आपसी सहयोग से ही हल होगा। किसी अन्य व्यवस्था से नहीं उसके लिए हमे संगठित होने आवश्यक है और नरेंद्र कुमार व सचिन सैनी ने अपने विचार रखते हुए वर्तमान सामाजिक समस्याओं वह बढ़ते आपराधिक ग्राफ पर चिंता व्यक्त की। कार्यक्रम में उपस्थित रहें: नरेंद्र कुमार, सचिन सैनी, राजपाल सैनी, प्रमोद कुमार, विनीत कुमार, नीतू जैन, राजीव कुमार वह अन्य उपस्थित रहें।

डीएम की लोगो को जागरूक करने के संबंध में बैठक

बृजेश केसरवानी             
प्रयागराज। जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी ने पुलिस लाइन के सभागार में विभिन्न धर्मों के गुरूओं के साथ कोरोना प्रसार को रोकने में सहयोग प्रदान करने तथा लोगो को जागरूक किये जाने के सम्बंध में बैठक की। उन्होंने धर्मगुरूओं से अपने संस्थानों, मंदिरों, मस्जिदों, गुरूद्वारों में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को कम से कम करने हेतु अपने लोगो से अपील करें। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने की हम सब की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों की संख्या सीमित है, क्योंकि सतर्कता से ही बचाव संभव है। उन्होंने कहा कि प्रशासन के साथ-साथ आप सबकी जिम्मेदारी है कि अपने स्तर से कोरोना के बढ़ते खतरे को रोकने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि आप सभी लोगो से अपील करें कि लोग कम से कम संख्या में धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लें एवं घर में ही पूजा-अर्चना इबादत करें। लोग मास्क का प्रयोग करें एवं उचित दूरी बनाये रखें। उन्होंने कहा कि आपका प्रबंधन इस बात का ध्यान रखे कि प्रतिष्ठानों के बाहर लंबी लाइनें न लगे। इसके लिए लोगो को श्रद्धालुओं से अपील करना चाहिए। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी संवेदनशील मौको पर आप लोगो का सहयोग प्रशासन को मिला है। इस बार भी आप सब का पूर्ण सहयोग मिलता रहे, यही अपेक्षा है। आप सभी के सहयोग से इस बार भी हम इस बीमारी से जिले के लोगो को सुरक्षित रखने में अवश्य सफलता प्राप्त करेंगे। पुलिस उपमहानिरीक्षक/ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रयागराज सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने कहा कि प्रशासन तो मास्क एवं दूरी का पालन सुनिश्चित करता ही रहा है। परंतु आप लोगों से भी सहयोग जरूरी है। 

हापुड़: धूमधाम से मनाईं गई अंबेडकर की जयंती

अतुल त्यागी            
हापुड़। जनपद में बाबा भीमराव अंबेडकर की 130वीं
जयंती बड़े धूमधाम से मनाई जा रही है। मगर, इस उत्साह में एक महत्वपूर्ण बात को भूले हुए हैं, वह है कोरोना। कोरोना इस वक्त पूरे देश में फैल रहा है। सैकड़ों लोगों की रोजाना कोरोना की वजह से मौत हो रही है।
और पूरे देश में इस कोरोना की वजह से ही फिर से लॉकडाउन के संकेत मिल रहे हैं। आज बुधवार को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती पर कोरोना की गाइडलाइन बिल्कुल भी देखने को नहीं मिली।
हजारों लोगों की भीड़ वह भी बिना सोशल डिस्टेंसिंग के चिपके हुए ना ही फेस पर मास्क ना ही शारीरिक दूरी यह हजारों लोगों की भीड़ में कौन-कौन आ पॉजिटिव है।
किसी को नहीं पता, अगर इस हजारों की भीड़ में एक भी कोरोना पॉजिटिव हुआ तो जनपद के लिए बहुत बड़ी परेशानी की बात हो सकती है। उत्साह के साथ-साथ कोरोना के नियमों का भी पालन करना चाहिए। केवल, इसी लापरवाही की वजह से एक बार फिर से देश भारत का जिला जनपद हापुड़ में कोरोना का प्रकोप फैल चुका है और इसी प्रकोप की वजह से नाइट कर्फ्यू भी लग चुका है। अगर इसी तरह भीड़ इकट्ठी होती रही चेहरे पर मास्क ना हुआ शारीरिक दूरी नहीं हुई तो कोरोना जनपद हापुड़ में किस कदर प्रचंड तांडव मच आएगा।
इस बात का अंदाजा आप इन तस्वीरों में देख कर लगा सकते हैं। जयंती मनाना अच्छी बात है, मगर कोरोना संक्रमण से बचाव करना बहुत ज्यादा जरूरी है।
क्योंकि भीड़ में कौन कोरोना पॉजिटिव है इस बात का किसी को भी नहीं पता। प्रशासन लोगों को लगातार जागरूक कर रहा है। प्रशासन हर वह संभव प्रयास कर रहा है। जिससे जनपद में कोरोना संक्रमण न फैल सके। मगर, कुछ लोगों की लापरवाही की वजह से कोरोना संक्रमण फैलाने के लिए एक तरह से दावत दी जा रही है।

टीकाकरण के अनुरोध पर जवाब नहीं दें रहीं सरकार

जलपाईगुड़ी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को आरोप लगाया कि भाजपा विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान में बड़ी संख्या में बाहरी लोगों को लेकर आयी। जिससे राज्य में हाल के दिनों में कोविड मामलों में वृद्धि हुयी। ममता ने यहां एक चुनावी रैली में केंद्र की भाजपा-नीत सरकार पर आरोप लगाया कि वह अधिकतर लोगों के टीकाकरण के लिए राज्य के अनुरोध पर जवाब नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि लोगों को टीका लगाने से बीमारी के प्रसार पर काबू पाने में मदद मिल सकती है। ममता ने रैली में कहा, “वे लोग (भाजपा नेता) चुनाव प्रचार के लिए बाहरी लोगों को लेकर आए हैं जिससे कोविड मामलों में वृद्धि हुयी। हमने कोविड स्थिति पर काबू पा लिया था लेकिन उन्होंने इसे जटिल बना दिया।निर्वाचन आयोग द्वारा 24 घंटे के लिए चुनाव प्रचार पर रोक लगाए जाने के फैसले के संबंध में उन्होंने कहा, “क्या हिंदुओं, मुस्लिमों और अन्य लोगों को एक साथ वोट देने के लिए कहना गलती है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में क्या कहना है जो हर चुनावी बैठक में मेरा मजाक उड़ा रहे हैं? उन्हें चुनाव प्रचार करने से क्यों नहीं रोका गया।

चिकित्सा संस्थानों में ओपीडी बंद करने का निर्णय

हरिओम उपाध्याय   
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण एक बार फिर तेजी से फैल रहा है। इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सा संस्थानों में ओपीडी की सेवाएं बंद करने का निर्णय किया है। हालांकि असाध्य रोगियों की समस्याओं को ध्यान में रखकर सरकार ने ऐसे रोगियों के इलाज की सुविधा पहले की तरह ही जारी रखने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इमरजेंसी व ट्रामा की सुविधाओं को भी सातों दिन 24 घंटे चालू रखने के निर्देश दिए है। 
 विशेष सचिव (चिकित्सा शिक्षा) की ओर से आदेश जारी करते हुए कहा गया है कि प्रदेश में लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर, गोरखपुर, आगरा, झांसी व मेरठ के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में ओपीडी सेवाएं बंद रहेंगे। यहां पर अत्यंत जरूरी सर्जरी के अलावा अन्य आपरेशन को जरूरत के अनुसार आगे टालने के निर्देश दिए गए हैं। 
 विशेष सचिव ने यह भी कहा कि कोरोना की फैली महामारी को देखते हुए जांच के लिए ओपीडी, नियोनेटल सेवाएं व एंटीनेटल क्लीनिक, कैंसर मरीजों को कीमोथैरेपी व रेडियोथैरेपी सेवाएं व किडनी के मरीजों की डायलिसिस की सुविधाएं पूर्व की तरह ही चलती रहेंगी इसे नहीं बंद किया जायेगा। कहा कि कोविड और नॉन कोविड मरीजों को उचित इलाज मुहैया कराने के लिए अस्पतालों की ओपीडी से सामान्य मरीजों की भीड़ को कम करना जरूरी था इसी कारण यह निर्णय किया गया है। 

पीएम मोदी ने राष्ट्रीय सेमिनार को किया संबोधित

अकांशु उपाध्याय    
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर मानते थे कि ज्ञान से स्वाभिमान और स्वाभिमान से शील विकसित होता है। वे मानते थे कि शिक्षा से ही समरस समाज विकसित होता है और देश प्रगति करता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को भारतीय विश्वविद्यालयों के संघ की 95वीं वार्षिक बैठक और राष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित किया। इसमें देशभर के विश्वविद्यालयों से कुलपतियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भाग लिया। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 130वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री ने किशोर मकवाणा द्वारा लिखित चार पुस्तकों का विमोचन किया। यह पुस्तकें डॉक्टर अंबेडकर के जीवन, व्यक्ति, राष्ट्र और आयाम दर्शन पर लिखी गई हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में शिक्षा के महत्व, नई शिक्षा नीति और सरकार द्वारा कौशल विकास व वंचितों के उत्थान के लिए किए जा रहे प्रयासों का जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने डॉक्टर बाबा साहब को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके जीवन का संघर्ष और उन्होंने जो ऊंचाई हासिल की है, वह हम सब के लिए लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने देश को संविधान देखकर समरस व समावेशी समाज के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया, जिस पर चलकर देश निरंतर सफलता हासिल कर रहा है।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने देश के विश्वविद्यालयों को आपस में तालमेल बिठाने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में विश्वविद्यालयों को बहु-आयामी बनाए जाने और छात्रों को पढ़ाई की लचीली व्यवस्था देने पर जोर दिया गया है। ऐसे में उन्हें तय समय में इस दिशा में काम पूरा करना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से कहा कि आज के समय में हम छात्रों के क्षमताओं को समझने की आवश्यकता है। इससे जुड़े हुए तीन प्रश्न हमारे सामने हैं। पहला कि वह क्या कर सकते हैं, दूसरा सिखाए जाने के बाद वह क्या कर सकते हैं और तीसरा वह क्या करना चाहते हैं। पहला प्रश्न छात्रों की आंतरिक क्षमता से और दूसरा उनके संस्थागत विकास से जुड़ा हुआ है। इन दोनों प्रश्नों के उत्तर से ही छात्र वह कर पाने में सक्षम हो पायेंगे जो वह करना चाहते हैं।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारतीय विश्वविद्यालयों से राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले गणमान्य व्यक्तियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षा के महत्व के साथ-साथ उनके भारतीय स्वरूप पर बल देते थे। नई शिक्षा नीति में उनकी इस सोच को आगे रखा गया है।
प्रधानमंत्री ने नई शिक्षा नीति को भविष्य आधारित और वैश्विक मानकों पर खरी उतरने वाली बताया। उन्होंने कहा कि यह न केवल व्यवहारिक है बल्कि इसका लागू करना भी पूरी तरह से व्यवहारिक है।
अपने उद्बोधन में प्रधानमंत्री ने कौशल विकास के महत्व को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विजन के साथ जोड़ा। उन्होंने कहा कि सरकार भविष्य की जरूरतों को देखते हुए कौशल विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए देश के तीन शहरों में भारतीय कौशल संस्थान की स्थापना की गई है।

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