राणा ऑबराय
चंडीगढ़। राष्ट्रपति की ओर से मुलाकात के लिए समय देने से मना करने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बुधवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ यहां पर नवजोत सिंह सिद्धू के साथ ही सभी मंत्री और कांग्रेसी विधायक धरना दे रहे हैं। इस धरने के जरिए केंद्र सरकार द्वारा मालगाड़ियां रोकने के कारण राज्य में बिजली संकट और जरूरी वस्तुओं की स्थिति गंभीर होने की ओर ध्यान दिलाने की कोशिश है। जंतर-मंतर से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत अन्य नेता राजघाट गए और बापू की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद जंतर-मंतर पर पहुंचकर धरना देना शुरू कर दिया। मुख्यमंत्री अमरिंदर ने कहा कि सूबे में मालगाड़ियों की आवाजाही रोके जाने के कारण पैदा हुआ संकट गहराता जा रहा है और सभी पावर प्लांट पूरी तरह बंद हो गए हैं। इसके साथ ही कृषि और सब्जियों की सप्लाई में भी काफी हद तक बाधा आई है। उन्होंने धरना देने का फैसला इसलिए लिया है ताकि केंद्र सरकार का ध्यान राज्य की नाजुक स्थिति की ओर दिलाया जा सके। क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू को बुधवार को दिल्ली पुलिस ने उस समय रोक दिया जब वह पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में जंतर-मंतर पर होने वाले ‘रिले धरना’ में भाग लेने के लिए दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि सिंघू सीमा पर तीखी बहस के बाद, सिद्धू को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति दी गई। उनके साथ कांग्रेस विधायक अमरिंदर सिंह राजा वाड़िंग भी थे।