बुधवार, 8 अप्रैल 2020

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 09, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-241 (साल-01)
2. बृहस्पतिवार, अप्रैल 09, 2020
3. शक-1942, वैशाख, कृष्ण-पक्ष, तिथि- प्रतिपदा, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:10,सूर्यास्त 06:45।


5. न्‍यूनतम तापमान 18+ डी.सै.,अधिकतम-33+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


https://universalexpress.page/
email:universalexpress.editor@gmail.com
cont.:-935030275
 (सर्वाधिकार सुरक्षित)


मंगलवार, 7 अप्रैल 2020

भारतः वायरस ने ली 124 की जान

नई दिल्ली। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ रही है। न्यूज एजैंसी व स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक देखा जाए तो देश में पिदले 24 घंटे में 354 नए कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए है। और इन्ही 24 घंटों में भारत में पांच लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 4421 हो गई है। इनमें 3981 सक्रिय हैं, 325 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। साथ है मौत का आंकड़ा 124 पहुंच चुका है। महाराष्ट्र में 1018 संक्रमित।


सोनिया के बयान पर शाह की प्रतिक्रिया

अश्वनी उपाध्याय


नई दिल्ली। पूरे देश में लॉक डाउन का माहौल है, भारत सरकार ने 21 दिनों के लॉक डाउन की घोषणा की है। जिसे लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोना सोनिया गांधी ने भले ही लॉक डाउन का समर्थन किया है। लेकिन उन्होंने इसके तरीके को गलत माना है। उनका क्या कहना है आइए जानते हैं। दरअसल सोनिया गांधी जी का कहना है, कि लोकतंत्र उड़ी तो था लेकिन इसे लागू गलत तरीके से किया गया है इस अनियोजित लॉक डाउन  के कारण प्रवासी मजदूरों का उत्पीड़न हुआ है। जिनकी संख्या लाखों थी लॉक डाउन एक ऐसा प्रोटोकॉल है, जो कि आपातकालीन होता है। इस स्थिति में लोगों के कहीं पर भी आने-जाने पर रोक लगाई गई है। सरकार द्वारा यह प्रतिबंध 21 दिनों के लिए गया है।


आपको बता दें कि साल 2020 में कोरोना वायरस के बचाव के लिए भारत सरकार ने 25 मार्च से 14 अप्रैल तक पूरे देश में लोग कौन किया है। जहां पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की वजह से त्राहि मचा हुआ है। वहीं भारत में इसके कारण आए दिन हालात बिगड़ते नजर आते हैं। अभी तो भारत सरकार ने कोरोना वायरस को हराने के उद्देश्य से देशवासियों से यह अपील की है, कि सभी लोग अपने अपने घरों में रहे और कोई भी बाहर ना निकले।


सीएम नीतीश कुमार एवं एवं पीएम नरेंद्र मोदी ने भी 21 दिनों की लॉक डाउन  के बाद देशवासियों से बार-बार हाथ जोड़कर या अपील की है कि कोरोना वायरस का खतरा आपकी जान ले सकता है। इसीलिए अपने घरों में रहकर सुरक्षित रहें और बाहर निकलते वक्त सावधानी बरतें। अपने हाथों में सैनिटाइज करें। कुछ भी छूने या खाने से पहले अच्छी तरीके से हाथ जरूर धोये। यहा  स्थिति ऐसी है कि लॉक डाउन  होने के बावजूद भी शहर के लोग नहीं मान रहे हैं। जिसकी वजह से पुलिस को डंडे का सहारा लेना पड़ रहा है। जिस शहर को लॉक डाउन किया जाता है उस शहर में कोई भी व्यक्ति के  घर से निकलने पर मनाही होती है एवं उसे स्वयं कों घरों में कैद करना होता है मात्र आवश्यक कार्य के लिए ही लोगों को घर से बाहर निकलने की आज्ञा दी जाती है।


इधर अमित शाह ने सोनिया गांधी के बयान पर तीखा और करारा जवाब देते हुए कहा है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में कोरोना से लड़ने के लिए विश्व स्तर पर प्रशंसा हो रही है। उनके प्रयासों की लोग सराहना कर रहे हैं। अगर 130 करोड़ भारतीय जनता एकजुट है तो फिर कांग्रेस ऐसी राजनीति और विचार क्यों कर रही है उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे समय में पहले सोनिया गांधी जी को अपने देश और राष्ट्रीय हित के बारे में सोचना चाहिए और देश की जनता को गुमराह करना बंद कर देना चाहिए।


आपको बता दें कि लॉक डाउन की वजह से कई जगह ट्रेनों को रोकने की वजह से लोग एवं प्रवासी मजदूर एवं यात्रा करने निकले यात्री लोग भी जगह-जगह देश के कई हिस्सों में फंसे हुए हैं। वह अपने राज्य और अपने शहर लौटने के लिए बहुत ही प्रयास कर रहे हैं। जिन्हें कुछ को तो सरकार ने बसों के द्वारा किसी तरीके से वहां से निकाला। लेकिन अभी भी बिहारी और देश के अन्य हिस्सों से कई जगह के लोग कई जगहों पर फंसे हुए हैं। जिन्हें निकालने के लिए सरकार प्रयास तो कर रही है परंतु लॉक डाउन  के दौरान  किसी भी व्यक्ति को इस शहर से दूसरे शहर में भेजना खतरनाक साबित हो सकता है। लेकिन इन सबके बावजूद भी सरकार द्वारा उन लोगों को ठहरने का जगह और खाना भी दिया जा रहा है।


97 जमातीयों के खिलाफ मामला दर्ज

शिमला। हिमाचल प्रदेश पुलिस निजामुद्दीन की मरकज की तबलीगी जमात पर में शामिल हुए लोगों के खिलाफ सख्त हो गई है। पुलिस ने जानकारी छुपाने के आरोप में 97 जमातियों के खिलाफ मामले दर्ज कर दिया है। इनमें से अधिकांश ऐसे जमाती हैं जो दिल्ली में मरकज के जलसे में शामिल हुए थे। हिमाचल प्रदेश में वापस आने पर इन्होंने पुलिस और प्रशासन को अपनी यात्रा की जानकारी नहीं दी। मगर जैसे ही जमातियों का मुद्दा गरमाया तो हिमाचल पुलिस ने प्रदेश के विभिन्न भागों से मरकज से लौटे तब्लीगी जमात के 329 सदस्यों को ढूंढ निकाला। इन सभी को क्वारंटाइन कर दिया गया है।


पुलिस  के अनुसार ने 14 जमातियों के खिलाफ ऊना जिले में पांच एफआईआर दर्ज की गई हैं। मंडी जिले में  सात जमातियों के खिलाफ चार एफआईआर, शिमला में  15 जमातियों के खिलाफ तीन, 45 जमातियों के खिलाफ बद्दी में दो एफआईआर, पांच जमातियों के खिलाफ दो एफआईआर बिलासपुर में, दो जमातियों के खिलाफ दो एफआईआर सिरमौर जिले में, आठ जमातियों के खिलाफ एक एफआईआर चंबा जिले में और एक एफआईआर कांगड़ा जिले में दर्ज की गई है। सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 188, 269, 270 और आपदा प्रबंधन कानून की धारा 51 के तहत यह मामले दर्ज किए हैं।


पुलिस सूत्रों ने बताया कि 64 जमातियों ने पुलिस और प्रशासन को खुद जानकारी मुहैया करवाई है। इनके कोविड-19 सैंपल लिए गए हैं।


वीसी के माध्यम से अदालती कार्रवाई

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की रूपरेखा तय की है और कहा कि तकनीकी यही रहने वाली है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कोरोना लॉकडाउन के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालतों के कामकाज के लिए स्वत: संज्ञान लेकर शुरु किए मामले में विभिन्न दिशा-निर्देश पारित किए है। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एल नागेश्वर राव की पीठ ने निर्देश दिया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के तौर-तरीकों को स्थापित करने के लिए राज्य उच्च न्यायालयों के साथ संपर्क करने और सहयोग करने के लिए एऩआईसी और राज्य के अधिकारियों को नियुक्त किया जाए। हमें केवल तब तक नहीं रुकना चाहिए जब तक कोरोना है। लॉकडाउन के बाद भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जारी रखने की आवश्यकता है।


सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने टेकनोलॉजी फ्रेंडली और व्यवहार्य विकल्पों को लागू करने की आवश्यकता भी बताई, जो न केवल लॉकडाउन के दौरान, बल्कि बाद में भी जारी रहें। यह कहते हुए कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और इसके तौर-तरीके नियम कानून को सुनिश्चित करने और संविधान को संरक्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि कोरोना महामारी के प्रकाश में सोशल डिस्टेंसिंग को लागू करना महत्वपूर्ण है। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा कि सामाजिक दूरियां करने के दिशा-निर्देशों और सर्वश्रेष्ठ सार्वजनिक स्वास्थ्य दिशानिर्देशों के लिए उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों द्वारा सभी उपाय किए जाएंगे। उच्च न्यायालयों को सामाजिक दूरी के लिए उपायों को नियुक्त करने के लिए अधिकृत किया जाता है।


24 घंटे में 600 से ज्यादा संक्रमित

नई दिल्ली। कोरोना का कहर लगातार जारी है। पूरी दुनिया में वह 70 हज़ार से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है और 13 लाख लोगों को अपनी चपेट में ले रखा है। इतनी भयंकर जानलेवा बीमारी जिसका तोड़ अभी तक नहीं मिल पाया है उसे हमारे देश में कुछ लोग पता नहीं क्यों जानबूझकर छुपा रहे या यूं कहिए उसे पाल पोस  रहे हैं। भारत में भी कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं। कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 42 सौ पार कर चुकी है जिसमें से 1445 तो अकेले एक जमात है। दिल्ली की मुसीबत भी उसी जमात के लोगों ने और बढ़ा दी है। वहां भी संख्या तेजी से बढ़ रही है। सबसे बुरा हाल महाराष्ट्र का है। कोरोना का कहर सिर्फ भारत में ही नहीं है। ब्रिटेन में भी इस का कहर अब तेजी से बढ़ रहा है। वहां के प्रधानमंत्री खुद इसका शिकार हो चुके हैं और उन्हें आईसीयू में उन्हें भर्ती कराया नया है। भारत में ही पिछले 24 घंटे में सवा 6 सौ से ज्यादा नए मरीज मिले हैं। ये बेहद चिंता की बात है।


अशोक कुमार देश के सर्वश्रेष्ठ आईपीएस

नई दिल्ली। उत्तराखंड पुलिस के पुलिस महानिदेशक (लॉ एंड ऑर्डर) अशोक कुमार को देश का सर्वश्रेष्ठ सक्रिय आईपीएस चुना गया। वर्तमान में देश भर में करीब 4000 आईपीएस अधिकारियों में से सिर्फ 25 को उत्कृष्ट के तौर पर चुना गया है।
फेम इंडिया द्वारा हर वर्ष देश के 25 सर्वश्रेष्ठ आईपीएस की सूची जारी की जाती है। सोमवार को फेम इंडिया ने वर्ष 2020 की सर्वश्रेष्ठ 25 आईपीएस की सूची जारी की। जिसमें 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी और उत्तराखंड के डीजी (कानून एवं व्यवस्था) अशोक कुमार को देश का सर्वश्रेष्ठ सक्रिय आईपीएस चुना गया। फेम इंडिया द्वारा विभिन्न वर्ग में 25 सर्वश्रेष्ठ आईपीएस अधिकारियों का चयन किया गया है। यह चयन देश के 4000 से अधिक आईपीएस अधिकारियों के बीच से किया गया है।असल में फेम इंडिया हर वर्ष देश के ऐसे आईपीएस अधिकारियों का सर्वे करता है जिन्होंने अपने कार्य से समाज में अभूतपूर्व योगदान दिया हो। इस लिस्ट में अधिकारियों का चयन उनकी कार्यशैली, जागरूकता ईमानदारी एवं जनता के बीच उनकी छवि सहित 11 बिंदु शामिल होते हैं। सर्वे के बाद फेम इंडिया द्वारा उत्कृष्ट आईपीएस अधिकारी का चयन किया जाता है।
वर्तमान में देश भर में करीब 4000 आईपीएस अधिकारियों में से सर्वश्रेष्ठ 25 में अपनी जगह बनाना बेहद उल्लेखनीय है। यह सभी आईपीएस अधिकारी अपने उत्कृष्ट सेवा के कारण देशभर में विशिष्ट स्थान रखते हैं। इन सभी अधिकारियों को 25 कैटेगरी में बांटा जाता है और हर कैटेगरी में से एक-एक प्रमुख का नाम उत्कृष्ट आईपीएस की सूची में शामिल किया जाता है। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (लॉ एंड ऑर्डर) अशोक कुमार को देश में सबसे सक्रिय आईपीएस अधिकारी घोषित करने के साथ ही फेम इंडिया की इस लिस्ट में उत्तराखंड का नाम भी शामिल हो गया।


समितियां बनाएगी जिले की व्यवस्था

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि हर जिले में 11 समितियां (Team 11) बनाई जाए। दरअसल राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव व प्रदेश के सभी प्रमुख अफसरों के साथ 11 समितियां बनाई हैं। सीएम की तरफ से निर्देश दिए गए हैं कि अलग-अलग लोगों की समिति जिले में सभी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करे। इन 11 जिला समितियों द्वरा रोज शासन को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। ये सभी समितियां राज्य मुख्यालय पर बनी समितियों की तर्ज पर ही काम करेंगीं। जिलाधिकारी सभी समितियों के अध्यक्ष तय करेंगे।
राज्य स्तर पर सीएम योगी बना चुके हैं टीम 11


बता दें योगी सरकार ने कोरोना वायरस (COVID-19) के खिलाफ जंग और लॉक डाउन को लेकर प्रदेश के आलाधिकारियों की कुल 11 समितियां (टीम 11) बनाई हैं। ये समितियां लॉकडाउन के दौरान लोगों को जरूरी सामान की आपूर्ति (विशेष रूप से होम डिलिवरी), गरीब, कमजोर और मजदूरों तक सहायता पहुंचाने, लोगों की आवाजाही नियंत्रित करने, मीडिया को सही जानकारी देने के साथ ही कई काम कर रही है। ये समितियां रोजाना रिपोर्ट सीएम कार्यालय को भेजती हैं। इसमें सभी जिलों में कंट्रोल रूम की व्यवस्था, चिकित्सा एवं चिकित्सा शिक्षा विभागों की इकाइयों द्वारा लोगों की सहायता, लोगों से लगातार संवाद और अर्थव्यवस्था पर इस लॉकडाउन से पड़ने वाले प्रभाव के लिए कार्ययोजना तैयार करना शमिल है।
मुख्य सचिव से लेकर सभी प्रमुख अधिकारियों की तय है जिम्मेदारी


एक समिति के अध्यक्ष मुख्य सचिव बनाए गए हैं. उनके साथ अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और उच्च शिक्षा व श्रम एवं सेवायोजन के अफसर सदस्य हैं। इस समिति का मुख्य काम होगा भारत सरकार और अन्य राज्य सरकारों से महत्वपूर्ण मुद्दों पर समन्वय स्थापित करना। शिक्षा से जुड़े सभी विभागों और सेवायोजन विभाग के माध्यम से सभी छात्रों व काम करने वाले लोगों को अपनी जगह पर रहने के लिए जागरूक करना।
वहीं दूसरी समिति में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अध्यक्ष होंगे। उनका साथ प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास और श्रम व सेवायोजन देंगे। इस समिति का काम श्रमिकों और अन्य गरीबों को समय से भरण पोषण भत्ते का वितरण सुनिश्चित कराना। प्रदेश की औद्योगिक और व्यावसायिक इकाइयों में काम करने वाले कर्मियों को बंदी के दौरान पूरा वेतन/मानदेय सुनिश्चित कराना। इनसे जुड़ी समस्याओं का शासन व जिला स्तर पर निराकरण कराना होगा। इसी तरह कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में बनी समिति का काम आवश्यक सामग्री और वस्तुएं उपलब्ध करने के लिए जिलों से समन्वय करना। अंतर जिला व जनपदीय परिवहन में आ रही दिक्कतों का निराकरण करना। प्रदेश के जनता को होम डिलिवरी से आवश्यक वस्तुएं पहुंचाने की व्यवस्था देखना। समिति ये भी सुनिश्चित करेगी कि ये वस्तुएं उचित मूल्य पर ही मिलें, इनमें कोई भी कालाबाजारी न हो।
इसी तरह से सरकार ने कुल 11 समितियां बनाई हैं।


जॉनसन की गर्भवती मंगेतर भी संक्रमित

ब्रिटेन। कोरोना वायरस के चपेट में अब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की गर्भवती मंगेतर कैरी सायमंड्स भी आ गई है। खुद कैरी सायमंड्स ने इसकी जानकारी देते हुए एक ट्वीट में लिखा, ‘मैं कोरोना वायरस के लक्षण नजर आने के बाद से पिछले एक हफ्ते से आराम कर रही हूं। मुझे अभी टेस्ट कराने की जरूरत महसूस नहीं हुई है। सात दिनों के आराम के बाद मैं मजबूत महसूस कर रही हूं और मुझमें सुधार हो रहा है।’


कोरोना वायरस गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे अधिक जोखिम भरा माना जा रहा है, ऐसे में कैरी सायमंड्स ने गर्भवती महिलाओं के लिए एक सलाह भी साझा की है। उन्होंने स्त्री रोग विशेषज्ञों का एक लिंक साझा करते हुए लिखा है, ‘कोविड-19 के साथ गर्भवती होना स्पष्ट रूप से चिंताजनक है। अन्य गर्भवती महिलाएं इसे पढ़ें और जरूरी सलाह का पालन करें, मुझे ये ज्यादा ठीक लग रहा है।’ इससे पहले ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। उनकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. क्लेरेंस हाउस ने घोषणा की थी कि प्रिंस चार्ल्स का कोरोना वायरस टेस्ट पॉजिटिव आया है। मगर उनका स्वास्थ्य ठीक है। 71 वर्षीय प्रिंस चार्ल्स का कोरोना वायरस का टेस्ट स्कॉटलैंड में किया गया था।


 


 


पुलिस-यातायात पुलिस ने बढाई सख्ती

अतुल त्यागी जिला प्रभारी, मुकेश सैनी रिपोर्टर देहात, प्रवीण कुमार रिपोर्टर पिलखुआ, रिंकू सैनी रिपोर्टर


हापुड़। प्रदेश सरकार द्वारा लॉक डाउन के चलते हुए गरीब मजदूर के जनधन खाते में धनराशि आने के बाद लोग सड़कों पर आते जाते दिखाई पड़े जिन्हें देखकर सिविल पुलिस व यातायात पुलिस सख्ती से पेश आई।


इन वाहन चालक लोगों को पक्का बाग अतर पुरा चौपुला तथा तहसील चौपला पर लोगों को चेक करना शुरू कर दिया इन लोगों को दो ही बहाने मिले कि हम बैंक जा रहे हैं या फिर हम डॉक्टर के जा रहे हैं। मेरठ गेट चौकी प्रभारी शुभम चौधरी ने पुलिस बल के साथ करीब 20 वाहनों के चालान किए वही अतर पुरा चौपला स्थित चौकी पर यातायात पुलिस ने एक बाइक सीज की तथा दर्जनों चालान किए साथ ही तहसील चौक पर एचसीपी धर्मेंद्र कुमार तोमर ने  सात वाहन चालकों के चालान किए।


लॉक डाउन खुलने की संभावना कम

यूपी में 15 अप्रैल को लॉकडाउन खुलने की संभावना कम, प्रमुख सचिव ने दिये संकेत, बोले, इंसान की जिंदगी ज्यादा महत्वपूर्ण!



बृजेश केसरवानी


लखनऊ। यूपी में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यूपी में अबतक 305 कोरोना पॉजीटिव केस आ चुके है, जिसमें तीन लोगों की मौत भी हो चुकी है। ऐसे में सरकार 15 अप्रैल के बाद भी लॉकडाउन खोलने की स्थिति में नहीं है। तब्लीगी जमात से लौटने वाले लोगों के कारण वायरस से संक्रमितों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। जिसने सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। जिसके मद्देनजर योगी आदित्यनाथ सरकार लॉकडाउन पीरियड को 14 अप्रैल से आगे बढ़ा सकती है। 
सोमवार को अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने प्रेस कांफ्रेंस में इसके संकेत दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिस तरह से तबलीगी जमात में शामिल लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हो रही है उससे प्रदेश में मरीजों की संख्या में अचानक इजाफा हुआ है। अगर ऐसा ही रहा तो 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन खोलना संभव नहीं होगा। 
अवनीश अवस्थी ने बताया कि शाम चार बजे तक यूपी में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 305 हैं। इनमें से 159 लोग वे हैं, जिन्होंने दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में हुए आयोजन में हिस्सा लिया था। बताया कि सरकार अब जमात से जुड़े जिन लोगों में संक्रमण पाया गया है उनके संपर्क में आया है उनको ट्रेस किया जा रहा है।
बताया कि मुख्यमंत्री ने रविवार को सभी जिलों के धर्मगुरुओं से भी बात की। इस बातचीत में सभी ने की सहमती थी कि इंसान की जिंदगी ज्यादा महत्वपूर्ण है। सभी ने अपना इसमें सहयोग देने की बात कही है। अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि यूपी में 305 में से 159 केश तब्लीगी जमात के लोग हैं। आगे इनकी संख्या बढऩे की भी संभावना है। अब जो भी पकड़ में आएगा, उसका कोरोना वायरस टेस्ट जरूर कराया जाएगा। हालात संवेदनशील हैं। अगर एक भी कोरोना संक्रमित बच जाता है तो पूरे प्रयासों पर पानी फिर जाएगा। इसी कारण प्रदेश में अब भी लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई जा सकती है।


सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं

अतुल त्यागी जिला प्रभारी, प्रवीण कुमार रिपोर्टर पिलखुआ


हापुड़। नंबर 1 लॉक डाउन के चलते हुए गत सोमवार को ततारपुर स्थित बैंक ऑफ इंडिया पर कुछ महिलाएं में लोग बैंक से पैसे निकालने आए थे। इन लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नही किया। जिसकी कवरेज हापुड़ न्यूज़ की टीम ने की थी।


आज मंगलवार को जनधन बैंक अकाउंट में सरकार द्वारा पैसे आने की सूचना पर लोग भारी मात्रा में ततारपुर स्थित बैंक में लाइन लगाए हुए सोशल स्टैंड सिंह का पालन करते हुए दिखाई दिए सी न नंबर 2 यहां पक्का बाग स्थित एसबीआई बैंक के बाहर भारी मात्रा में महिला व पुरुष बैंक  के बाहर खड़े दिखाई दिए और यह लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भी भूल गए, मौके पर पहुंची देहात पुलिस ने उन्हें 1 मीटर दूरी बनाने को कहा और कुछ लोगों को डांटा फटकारा भी तब जाकर यह लोग सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर खड़े हुए सी नंबर 3 गढ़ रोड स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक मैं भी महिलाओं का यही हाल था। यह महिलाएं पैसा निकालने के लिए बैंक में बगैर दूरी बनाए हुए लाइन में खड़े थे एक सज्जन ने मेरठ गेट पुलिस को सूचित किया कि यहां बैंक में महिलाओं की भीड़ लगी है मौके पर पहुंचे चौकी प्रभारी शुभम चौधरी ने पुलिस के साथ इन महिलाओं को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लाइन में लगाया जब बैंकों में भीड़ लगी होने की की सूचना पुलिस उपाधीक्षक राजेश कुमार सिंह को मिली तो उन्होंने सिटी कोतवाल अवनीश गौतम को तथा महिला थाना प्रभारी को वायरलेस सेट पर सूचित करते हुए आदेशित किया कि  बैंकों के बाहर भीड़ एकत्रित ना होने दें और यदि यह लोग नहीं मानते हैं तो इनसे सख्ती से निपटा जाए यह हाल इन तीन बैंकों का ही नहीं नगर में अधिकतर बैंकों में ऐसी ही भीड़ देखी जा सकती है।


जरूरत और सरकार के नियम

गंगोह थाना क्षेत्र अंतर्गत गांव दुधला में सोशल डिस्टेंसिंग ताक पर-बिना किसी सावधानी के बैंक के बाहर लोगो का जमावड़ा
सहारनपुर। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समस्त देशवासियों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का आह्वान कर चुके हैं।प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रदेश में सोशल डिस्टेंसिंग के दिशा निर्देश पूरे प्रदेश में जारी कर दिए हैं। जनपद सहारनपुर के जिलाधिकारी अखिलेश सिंह व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी. ने पूरे जनपद में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने का आदेश जारी किया हुआ है। सरकार की घोषणा के अनुसार गंगोह थाना क्षेत्र के गाँव दुधला मे सरकार के उलंघन साफ तोर पर देखा जा सकता है ! जहाँ बैंक के बाहर बिना किसी डिस्टेंस के लोगो का जमावड़ा लगा हुआ है ! तो वहा यह भी देखा जा सकता ना तो लोगो के मास्क है और ना ही कोई सावधानी बर्ती जा रही है ! बैंक कर्मी भी  डिस्टेंसिंग बनवाने में नाकामयाब है ! यहां जागरूकता की कमी साफ नजर आ रही है।किसी प्रकार की कोई भी सावधानी न तो बैंक के द्वारा और ना ही ग्राहकों के द्वारा बरती जा रही है।यहां सवाल यह है...प्रशासन जनता को जागरूक करने में नाकाम या जनता की लापरवाही...?
रिपोर्ट : आश मोहम्मद/इंतज़ार शाह


जमात के लोगों पर लगे प्रतिबंध

नई दिल्ली। आज दिनांक 7अप्रेल 2020सांय 5बजे भारत रक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक गुरू जी श्री सूर्य कांत केलकर जी के नेतृत्व में देश भर के पदाधिकारियो एवम कार्यकर्ताओं से कोराना महामारी को लेकर वीडियो कांफ्रेंस द्वारा चर्चा हुई और भारत सरकार से मांग की गई जमात और तरबीज जमात के लोगो पर प्रतिबंध लगे और उन पर सख्त कानूनी कार्यवाही हो, और देश मे अपने आस पास सभी नागरिको को सरकार द्वारा जारी आदेशों का पालन करने के लिए जागरूक करना, जिसमे शंशाक जी, ड्राक्टर पी के सिंघल जी दिल्ली से , श्री गोविन्द मालवीय, श्री सतीश कुमार जी,श्री  महेश चन्द्रा जी, श्री सतपाल  हिंदू जम्मू कशमीरसे, सुप्रीम कोर्ट से वरिष्ठ अधिवक्ता श्री  ज्ञान प्रकाश जी, अनुरागनी मलिक दिल्ली से , सनातनी संदीप गुप्ता लोनी  गाजियाबाद से,श्री अपूर्व पांडे जी, श्री जगदीश जी हरियाणा से,श्री हनी सोबित जी, श्री विकास कुमार जी एवम सभी कार्यकर्ता।


सोच-विचार कर ही निकले बाहर

 घर से कोई भी ना निकले बाहर और नही निकाले वाहन वरना होगी उसपर सख्त कानूनी कार्यवाही..


जिलाधिकारी के सख्त आदेशों के बाद पुलिस प्रशासन हुआ सख्त सड़क से आजा रहे लोगो को लाकडाउन का पालन करने कि बात कहकर दी आखरी चेतावनी अगर अबभी ना माने तो लिख जायेगा मुकदमा


कानपुर। जिलाधिकारी ब्र्हम देव राम तिवारी ने बीते दिन प्रेसकांफ्रेस कर अपने जिले के लोगो से अपील कि है कि आज दिनाँक 07/04/20 से कोई भी व्यक्ति वाहन से नही चलेगा जिसे भी बाहर कोई काम हो वो पैदल ही बाहर जाये जादा जरूरी काम से या समान लाने ले जाने वाले वाहन ही चलेंगे सड़को पर साथ ही अब अगर कोई भी फालतू घूमता या घर से बाहर पाया गया तो सख्त कार्यवाही करते हुऐ उसपर मुकदमा लिखकर कि जायेगी कानूनी कार्यवाही। सोशल डिस्टेंसिंग का जादा से जादा दे ध्यान ड्रोन कैमरे से रक्खी जा रही नजर। जिसे देखते हुऐ कानपुर के सभी थानो कि पुलिस बीते दिन से ही एक्शन पर उतर आयी है और लोगो पर सख्ती दिखाते हुऐ उन्हे सख्त हीदायद देकर उनसे घर के अंदर रहकर लाकडाउन का पालन करने कि कह रही बात। जिस दौरान सड़क से आ जा रही महिलाओ को भी महिला पुलिस ने सख्त हिदायत देकर किया सचेत।


बागपत अस्पताल से संक्रमित फरार

बागपत। अस्पताल में कोरोना का इलाज करा रहे मरीज के फरार होने की हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। फरार होने वाला मरीज जमात का बताया जा रहा है। मरीज के फरार होने से हड़कंप मच गया है। क्योंकि उसके संपर्क में आने वाले लोगों को कोरोना अपना शिकार बना सकता है। अब सवाल यह उठता है की इलाज के लिए धर पकड़ कर अगर अस्पताल में एक जमात के लोगों को भर्ती कराया जा रहा है तो वे इलाज में सहयोग क्यों नहीं कर रहे हैं? और फिर अस्पताल से फरार हो जाना? उसके पीछे की मंशा क्या है? आखिर क्यों वे लोग अपनी बीमारी को अभी तक छुपाते आये  है? और बीमार होने के बावजूद क्यों हुए एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश भटक रहे हैं? आखिर उद्देश्य क्या है उनका? क्या वे खुद को जिंदा बम बना कर दूसरे प्रदेश के लोगों की जिंदगी हराम कर रहे हैं? और अगर उन्हें पकड़कर इलाज के लिए भर्ती भी कराया जा रहा है वहां से भाग क्यों रहे है? क्या उन्हें इस बीमारी से मुक्ति नहीं चाहिए? या फिर वे इस बीमारी से जकड़े रहना चाहते हैं और इस बीमारी को अपने साथ लेकर सारे देश में फैलाना चाहते हैं? अगर उनका यह मकसद है तो यह बेहद खतरनाक है। इस पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए और ऐसे लोगों के साथ सहानुभूति का रवैया न अपनाकर उनके साथ सख्ती से निपटा जाना चाहिए।


नहीं जलेंगे अकि़दत के चराग़

पुरखों की क़ब्रों पर नहीं जलेंगे अक़िदत के चरॉग़,घरों में होगी फातिहाख्वानी


प्रयागराज। कोरोना वॉयरस की महामारी और लॉक डाउन की पाबन्दी को देखते हुए शबे बारात पर इस वर्ष पुरखों की क़ब्रें वीरान रहेंगी। शासन के आदेश के अनूपालन में जहाँ मस्जिदों में बा जमात नमाज़ पढ़ने पर पुरी तरहा रोक है। वहीं शबे बारात पर क़बरिस्तान पर जा कर अपने पुरखों की क़ब्रों पर चरागाँ कर फातेहा पढ़ने पर भी ओलमाओं ने सखती से मनाही की है। शहर क़ाज़ी क़ारी मक़बूल हबीबी साहब,शिया जामा मस्जिद के पेश इमाम हसन रज़ा ज़ैदी साहब,चकिया करबला क़बरिस्तान के मुतावल्ली असग़र अब्बास,शेरु भाई समेत शहर के सभी मस्जिदों के इन्तेज़ामकार कमेटियों ने पहले से लोगों को ताकीद कर दी है की कोई भी क़बरिस्तान न जाए अपने अपने घरों में रहकर नज़्रो नियाज़ दिलाए और इबादत करे।सभी ज़िम्मेदार लोगों ने शासन प्रशासन को पूरा सहयोग देने का वायदा भी किया है।समाजिक व धार्मिक संस्था उम्मुल बनीन सोसाईटी के महासचिव सै०मो०अस्करी के मुताबिक़ बुधवार ८अप्रैल को पुरखों को याद करने का वार्षिक पर्व शबे बरात पर बड़ी संख्या मे मुस्लिम समुदाय क़बरिस्तान,दरगाहों,मज़ारों पर रात भर मोमबत्ती जला कर क़ब्रों को चरागाँ करता है और फातेहा पढ़ कर अपने पुरखों की मग़फिरत को दूआ करता है।घरों में हलवे और खाने पर नज्रो नियाज़ दिलाने के बाद लोग क़बरिस्तान का रुख करते हैं जो रात भर जारी रहता है।अस्करी ने लोगों से अपील की है की इस वक़्त देश बड़ी विपदा से घिरा है लगातार कोरोना वॉयरस के मरिज़ो मे बढ़ोतरी हो रही है इस वक़्त लोगों को घरों में रह कर लॉक डाऊन को शत प्रतिशत अमल मे लाना होगा।घरों में ही फातेहा पढ़ें।रात भर जग कर अल्लाह की बारगाह में इबादत करें की इस वक़्त दूनिया में कोरोना वॉयरस जैसी वबा से हम सब को महफूज़ रखे ।


बृजेश केसरवानी


30 अप्रैल तक रेलवे की बुकिंग रद्द

नई दिल्ली। कोरोना वायरस को लेकर IRCTC ने अपनी 3 ट्रेनों की बुकिंग्स 30 अप्रैल तक रद्द करने का फैसला किया है. आईआरसीटीसी की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है फिलहाल तीन ट्रेन चल रही हैं, जिनमें दो तेजस और एक काशी महाकाल एक्सप्रेस हैं, उनकी रिजर्वेशन रद्द कर दी गयी है।


बुकिंग को पहले 21 दिनों के लॉकडाउन के अंत तक सस्पेंड किया गया था। इसके अलावा इन तीनों ट्रेनों में टिकट बुक करने वाले सभी यात्रियों को पूरा रिफंड मिलेगा। इस समय IRCTC तेजस एक्सप्रेस के नाम से देश के दो अति व्यस्त रूटों पर प्राइवेट ट्रेनों का परिचालन करती है। इनमें दिल्ली से लखनऊ और अहमदाबाद से मुंबई का रूट शामिल है। रेलवे अधिकारी का कहना है कि जिन लोगों ने 15 से 30 अप्रैल 2020 के बीच यात्रा के लिए तेजस एक्सप्रेस में बुकिंग कराई थी, उन्हें पूरा रिफंड मिलेगा।


एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक 15 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच प्राइवेट ट्रेन तेजस (Tejas Express) का परिचालन रद्द किया गया है। इसलिए ट्रेनों की बुकिंग फिर से बंद कर दी गई है। इस बारे में रेलवे को सूचना भेज दी गई है। उन्होंने बताया कि अभी महज 100 से डेढ़ सौ लोगों ने ही रिजर्वेशन कराया था। इतने कम यात्रियों के साथ पूरी ट्रेन को चलाने से काफी नुकसान होता इसलिए रिजर्वेशन की प्रक्रिया बंद कर दी गई है। इस बीच जिन यात्रियों ने टिकट की बुकिंग कराई थी उन्हें रिफंड मिल जाएगा।


'स्टेचू ऑफ यूनिटी' ओएलएक्स पर सेल

नई दिल्ली। संकट और लॉकडाउन के बीच एक अजीबोगरी घटना में दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति 'द स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' को ओएलएक्स पर 'सेल' लिए डालने का हैरान करने देने वाला मामला सामने आया है। हालांकि बाद में कंपनी (OLX) ने इस आपत्तिजनक पोस्ट को अपनी साइट से हटा दिया। गुजरात के केवड़िया में बनी विशालकाय इस मूर्ति को ओएलक्स पर बिक्री के लिए डालने को लेकर स्थानीय पुलिस हरकत में आ गई है और मामले की जांच में जुट गई है।
दुनिया की सबसे विशालतम मूर्ति द स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई को समर्पित है जिसे 30,000 करोड़ की कीमत के साथ ऑनलाइन 'सेल' के लिए पोस्ट डाली गई थी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार 'द स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' को सेल के लिए दिए विज्ञापन में लिखा गया था, 'इमरजेंसी! Statue of Unity बेच रहे हैं क्योंकि कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए अस्पताल और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए पैसों की जरूरत है।


मामले की खबर स्थानीय समाचार पत्रों पर छपने के बाद लोगों को इस बारे में जानकारी हुई तो होश उड़ गए। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के अधिकारियों ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए रविवार को पुलिस में मामले को लेकर अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।
Statue of Unity परिसर के असिस्टेंट कमिश्ननर नीलेश दुबे द्वारा साइन की गई प्रेस रिलीज में कहा गया कि एक अज्ञात व्यक्ति ने बदइरादे से सरकार को बदनाम करने के लिए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को ओएलएक्स पर सेल के लिए डाला था। इसके बावजूद कि उस व्यक्ति को इस प्रकार का कोई अधिकार नहीं था। इस घटना से यह भी साबित होता है कि कंपनी ओएलएक्स अपने यहां आने वाले विज्ञापनों की जांच नहीं की और साइट पर पब्लिश होने की अनुमति दे दी।
अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 505 (अफवाह फैलाने), धारा 417 (धोखाधड़ी), धारा 469 (जालसाजी) और अन्य संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज करा दी गई है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है और आरोपी का पता लगाया जा रहा है।


उल्लेखनीय है कि 31 अक्टूबर 2018 को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने किया था। इसकी ऊंचाई 182 मीटर(597 फीट) है। यहां बड़ी मात्रा में टूरिस्ट पहुंचते हैं। कोरोना वायरस के चलते इस साइट को गुजरात सरकार ने 17 मार्च से बंद कर दिया है।


तहसीलदार पर हमला, भाजपा पर आरोप

तहसीलदार पर हुआ हमला, भाजपाइयों पर लगाया आरोप

कन्नौज। सदर तहसील परिसर स्थित अपने आवास में मौजूद तहसीलदार अरविंद कुमार पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया और बुरी तरह से उनको मारा पीटा। ऐसे में हंगामा सुनकर तहसील कर्मी और सुरक्षा कर्मी पहुंचे तो मौका देख कर हमलावर भाग निकले। मामले की जानकारी होते ही डीएम राकेश कुमार मिश्रा, एसपी अमरेंद्र प्रसाद, एसडीएम सदर शैलेश कुमार फोर्स के साथ तहसीलदार के आवास पर पहुंच गए। यहां बातचीत के दौरान तहसीलदार ने बताया कि दोपहर के वक्त 20 से 25 लोगों की भीड़ उनके घर पर आकर हंगामा करने लगी। जब बाहर निकलकर देखा तो भाजपा सांसद बरामदे की कुर्सी पर बैठे थे। जैसे ही वह बाहर निकले तो सांसद ने थप्पड़ चला दिया और फिर उनके साथ मौजूद लोगो ने बुरी तरह से मारपीट कर दी। मामले को लेकर कर्मचारी संघ ने आरोपियों पर मुकदमा लिखकर तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है।


राजस्थान में 24 मामलों की बढ़ोतरी

जयपुर। जैसे जैसे लॉकडाउन के दिन बीतते जा रहे है वैसे ही राजस्थान में लगातार मामले बढ़ते जा रहे है बढ़ रहे मामलों से सरकार चिंता में है। मंगलवार की सुबह आए सरकारी आंकड़े परेशानी बढ़ाने वाले है सुबह ही 24 मामले की पुष्टि हुई है।


जैसलमेर के पोकरण मे भी 7 पॉजिटिव
इतने दिनों तक जैसलमेर जिला कोरोना से दूर था लेकिन 2 दिन पूर्व 1 मामला सामने आते ही प्रशासन अलर्ट हो गया था और अब आज पोकरण से एक साथ 7 मामले सामने आते ही प्रशासन पूरा मुस्तैद हो गया है। जैसलमेर के पोकरण मे आये पॉजिटिव सभी उस व्यक्ति के सम्पर्क के बताये जा रहे है जो बीकानेर में पॉजिटिव पाया गया था उसी के सम्पर्क में आने से ये सातों पॉजिटिव हुए है


जोधपुर में भी एक साथ 9 मामले
जोधपुर के मामलों मे 6 व्यक्ति कल पॉजिटिव पाए गए व्यक्ति के परिवार के ही है वही सातवा पॉजिटिव कल पॉजिटिव आये मरीज की पत्नी है और आठवा मरीज एक निजी अस्पताल से संबंधित बताया जा रहा है वही एक महिला वह भी संक्रमित है जो घर-घर सर्वे कर रही थी उसका भी सोर्स पता लगाया जा रहा है।
वही बांसवाड़ा से 4 मामले सामने आए है चुरू से 1 मामला आया है जो निजामुद्दीन मरकज से  जुड़ा हो सकता है।  जयपुर से भी 3 मामले सामने आए है
सुबह-सुबह आये इन आंकड़ों ने सरकार और ज्यादा अलर्ट हो गयी है और तेजी से काम करने में लगी है।


फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज

फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज  कविता गर्ग  मुंबई। निर्माता रत्नाकर कुमार, सुपरस्टार अक्षरा सिंह और विक्रांत सिंह राजपूत ...